जिदंगी के सफर पर बेस्ट आपके लिए 400 शायरी लिस्ट

safar par shayari in hindi , सफर पर शायरी ,जिंदगी के सफर पर शायरी दोस्तों आपको पता ही है , कि  जिदंगी केे अंदर सफर तो करना ही पड़ता है। और बिना सफर के कुछ भी नहीं होता  है। यहां पर हम आपको जिदंगी के सफर पर कुछ बेस्ट शायरी दे रहे हैं। और उम्मीद करते हैं कि अपको हमारा प्रयास पसंद आएगा । यदि आपका कोई सवाल है। तो आप हमें बता सकते हैं। हम आपके सवाल का जवाब देने की ​कोशिश करेंगें।

जिदंगी का सफर है सुहाना ,

मुश्बितों से हमें है टकराना ,

तभी याद करेगा यह जमाना ।

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जिदंगी के सफर मे कई राहगिर मिलते हैं ,

कुछ फूल बन जाते हैं ,

तो कुछ कांटे बनकर चलते हैं।

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महक तो फूलों की होती है ,

जिदंगी के सफर  मे कद्र इंसान की नहीं ,

उसके उसूलों की होती है।

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उम्र भर हम जिदंगी मे अकेले सफर करते रहे ,

कुछ कर गए ऐसा ,

कि मरने के बाद लोग फक्र करते रहे ।

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जिदंगी का सफर भी क्या अजीब है ,

मेहनत कितनी भी करलो ,

मिलता वही है जो अपना नसीब है।

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मार रही है हमें रातों की तन्हाई ,

आ रही है तेरी यादों की अंगडाई ,

जिदंगी के सफर मे क्यों तू हमें छोड़ आई ।

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क्या बताउं मैं ,कैसे मेरी गुजर रही है ,

लगता है ऐसे जैसे जिदंगी ,

धीरे धीरे मौत की तरफ उतर रही है।

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अगर मौत हो जाए मेरी जिदंगी के सफर मे ,

फिर भी मत रूकना यार तू किसी डगर मे ।

safar par shayari in hindi

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माना की जिदंगी मे गम बहुत है ,

मगर जिदंगी के सफर को रंगीन

बनाने के लिए दुकानों पर रम बहुत है।

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जिदंगी के सफर मे एक अजनबी से मिल गया ,

पता ही नहीं चला कब हमारे दिल मे ,

उसके लिए प्यार का फूल खिल गया ।

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जिदंगी के सफर मे एक बार जिसको अपना बना लिया ,

समझो उसको हमने अपनी मौत तक चाह लिया ।

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आजाओ कभी हमारी गलियों मे तुझे प्यार सीखा देंगे ,

अपनों की बात ही क्या करती हो ,

सारा संसार सीखा देंगे ।

dua safar in english

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सफर करना उम्र भर के लिए ,

यही तो जिदंगी का नाम है ,

जिस दिन सफर रूक गया ,

उस दिन भला जिदंगी का क्या काम है।

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जिस आस को लेकर सफर कर रहा था मैं ,

अंत मे पता चला वो मैं था ही नहीं ।

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जिस दिन रूक जाएगा जिदंगी का सफर ,

उस दिन मिलेगी सकून की डगर ।

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कुछ मीठा एहसास है ,

कुछ कड़वा और खास है ,

 सच कहूं तो जिदंगी का ,

सफर बस इक बकवास है।

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बार बार मरने से ,

बार बार पैदा होने से ,

क्यों आपका दिल नहीं भरता ,

यह कोई सफर नहीं है ,

बस बकवास है।

safar par shayari in urdu

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अगर समंदर चाहोगे तो नदी मिलेगी ,

कितना भी कदम बढ़ाओ ,

एक दिन शाम जरूर ढलेगी ।

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लोग कहते हैं जिदंगी का सफर खूबसूरत बहुत ,

मगर इस सफर को खूबसूरत बनाने के लिए ,

गम की जरूरत बहुत है।

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हम तो ऊब  गए हैं जनाब जिदंगी के सफर से ,

अब तो खुश होने लगे हैं हमारी मौत की खबर से ।

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काश इस जीने और मरने के सफर का अंत हो जाए ,

यह जीना और मरना सदा के लिए बंद हो जाए ।

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तुम जिसको चाहते हो ,

वो तुम्हारे लिए नहीं है ,

जिसे तुम अपना सफर बनाते हो ,

वो किनारे लिए नहीं है।

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लोग कहते हैं हर सफर की मंजिल है ,

लेकिन हकीकत मे कुछ ऐसे सफर

होते हैं जिनकी कोई मंजिल ही नहीं होती ।

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सफर कर रहे हैं हम तो अंधेरी राहों मे ,

क्योंकि हम नहीं देख सकते ,

किसी और को तेरी बांहों मे ।

सफर शायरी दो लाइन

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जिदंगी के सफर मे ,

एक हमसफर मिल गया ,

और हमारी जिदंगी मे ,

फूलों की तरह खिल गया ।

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हम तो जनाब तुमसे मिलने के लिए ,

सफर करते हैं ​मीलों का ,

साफ सुथरा रस्ता नहीं होता है हमारा ,

रस्ता तो होता है बस पहाड़ों और झीलों का ।

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जब जिदंगी के सफर मे हमें

हम सफर की तलास थी ,

तब तू हमारे लिए बहुत खास थी।

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तेरी यादों के सफर मे ,

ना मंजिल मिली ,

ना किनारा मिला ,

जब खुली आंखे ,

तो दीवार का सहारा मिला ।

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अरमान मेरे अधूरे थे ,

जिदंगी के सफर मे हम पूरे थे ,

फिर भी मंजिल नहीं मिली ,

वो भूल गए जो जरूरी थे ।

सफर शायरी दो लाइन Attitude

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आग लगा दो ऐसे सपनों को ,

जो बार बार सफर करने को मजबूर करते हैं ,

जो तुझे तेरी हकीकत से दूर करते हैं।

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कब तक जीओगे सपनों मे ,

अकेले सफर करते आएहो अकेले जाओेगे,

इसलिए जी ना लगाओ अपनो मे ।

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हर जन्म के बाद तेरा किरदार बदल जाता है ,

हर जन्म के बाद तेरा व्यवहार बदल जाता है ,

असलियत क्या है तेरे ऐ सफर करने वाले ,

क्यों तू हर बार बदल जाता है ।

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गम से बनी है जिदंगी ,

तो गम तो मिलेंगे ही ,

सफर चाहे कैसा भी हो ,

दुश्मन और दोस्त तो मिलेंगे ही ।

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जिसको अकेला देखकर सफर मे ,

हम साथ निभाने आए थे ,

आज उसी ने हमपर निशाने लगाए थे ।

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तेरा कोई ख्वाब कभी पूरा नहीं होगा ,

क्योंकि आज तक तू कभी अधूरा नहीं होगा ।

अकेला सफर शायरी

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आत्मा वही है ,

बस सफर नया है ,

तू क्यों भटक रहा है ,

सब कुछ बस मोह माया है।

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जिदंगी का सफर और कुछ नहीं ,

बस संघर्ष की कहानी है ,

करले आज अपने मन की तू ,

क्योंकि मौत तो एक दिन आनी है।

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कोई कहता है जिदंगी का सफर शानदार था ,

कोई कहता है जिदंगी का सफर दागदार था ,

मगर जो भी था , वो मजेदार था ।

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जिदंगी के सफर मे कहीं दूर चलेंगे हम ,

अगर मौत भी सामने आ गई ,

तो आज फिर से ना टलेंगे हम ।

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मन था समंदर का सफर करने का ,

हमने ठान लिया था मौत से कभी ना डरने का ,

यह जिदंगी परिणाम है संघर्षों से लड़ने का ।

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जिदंगी के सफर मे मिलती हैं नई मंजिलें ,

और मिलते हैं ऐसे राहगिर जिनसे हम कभी नहीं मिलें ।

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कुछ वक्त का साथ था उसका और हमारा ,

फिर पूरी जिदंगी का सफर हमने अकेले गुजारा ।

कभी तो तू भी लेलिया कर पगली सफर का मजा ,

कहीं यह ठहराव ही ना बन जाए तेरी सजा ।

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मैं तैरी यादों के सहारे सफर मे चलता रहा ,

तू तो मिली नहीं मुझे कभी ,

और में तेरी याद मे उम्र भर जलता रहा ।

सुहाना सफर पर शायरी

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तेरी खुशियों से ज्यादा ,

गम प्यारा था तुझे ,

क्योंकि मेरे आ​खरी वक्त मे ,

तेरे गमों का सहारा था मुझे ।

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सफर जिदंगी का मौत से कम नहीं होता ,

अगर देदेती तू एक बार भी साथ हमारा ,

तो हमें तुझ से प्यार करने का कोई गम नहीं होता ।

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पूरी जिदंगी सफर मे गुजारदी हमने ,

सिर से बालों की टोपी भी उतार दी हमने ,

फिर भी कुछ हाशिल ना कर सके ,

समय की बरबादी हमनें ।

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सफर करते करते सफर का हो गया हूं मैं ,

अब उस पर कोई नहीं जाता है ,

ऐसी विरान डगर का हो गया हूं मैं ।

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सफर ने घर से बेघर कर दिया हमें ,

जब गए कई सालों से घर हम ,

तो सिने से लिपटकर आंसुओं से ,

तर कर दिया हमें ।

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अगर सफर करना है ,

तो बेघर होना पड़ेगा ,

कुछ पाना है जिदंगी मे ,

तो कुछ खोना पड़ेगा ।

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बिना सफर के नहीं मिलती है कामयाबी ,

क्योंकि आजकल जमाना हो चुका है शराबी ।

जिंदगी का सफर शायरी

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जब चढ़ जाता है सफर का नशा ,

फिर मौत से खेलने मे भी आता है मजा ।

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सफर के रस्तों का आसानी से किनारा नहीं मिलता ,

और जो जरूरत मंद होते हैं ,

उनको कभी असली सहारा नहीं मिलता ।

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लुटैरे और घूसखोर तो बहुत हैं इस जमाने मे ,

कुछ पल लगता है जिदंगी के सफर की

इज्जत गवाने मे ।

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ऐसे सफर के मुशाफिर हैं हम ,

जिसकी मंजिल का कोई पता नहीं ,

सिवाय सफर के हमें जिदंगी मे ,

कभी कुछ आता नहीं ।

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लोग कहते हैं जिदंगी मे ,

यदि सफर करना है तो सबको साथ लेकर चलो ,

हम पूछते हैं मौत भी एक सफर है ,

क्या इसमे भी साथ लेकर चलें ।

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कभी रूकता नहीं उम्र का सफर ,

पता नहीं कब आ जाती है ,

एक दिन मौत की खबर ।

जिंदगी का सफर शायरी

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जीवन तो दुखों का दूसरा नाम है ,

सफर दुखों को दूर करने का काम है।

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अगर मिल जाती है मंजिल मौत से पहले ,

तो कुछ समय मार देंगे हम भी नहले पे दहले ।

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दबे हुए हैं हम तो जनाब रिश्तों के बोझ मे ,

वरना हम भी तुम्हारी तरह निकल पड़ते ,

भगवान की खोज मे ।

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हर कोई अकेला है ,

जिदंगी के सफर मे ,

हकीकत यही है जनाब ,

कोई साथ नहीं देता मौत के डगर मे ।

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अगर अनुभव बढ़ाना है जिदंगी का

तो सफर करते रहो ,

अगर मजा लेना है जिदंगी का ,

तो थोड़े मे सब्र करते रहो ।

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सुबह वही है ,

शाम वही है ,

जिदंगी वही है ,

बस सेवरा नया है।

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हम खेल रहे हैं जिन रंगों मे ,

खुशी महसूस कर हरे हैं जिन उमंगों मे ,

असली जिदंगी का दुख छिपा है इन दंगों मे ।

मंजिल सफर शायरी

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वह कहती है ,

हद से ज्यादा तू पिया मतकर ,

अगर तुझे कुछ हो गया तो मेरा क्या होगा ,

अकेले सफर किया मतकर ।

खुल कर सफर करलो यारो ,

सफर तो जिदंगी से मौत तक का है ।

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खुशी से किये गए सफर को जिदंगी कहते हैं ,

और जो दर्द मे किया जाता है उसे गदंगी कहते हैं।

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सफर मे हम हमेशा तन्हा रहे ,

साथ किसी का नहीं था ,

बस भौरे की तरह अकेले भन्भना रहे ।

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कभी खत्म नहीं होते हैं सफर के रस्ते ,

जिनको मिल गई मंजिल ,

उनको सफर करने वालों का नमस्ते ।

मंजिल सफर शायरी

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जिस दिन ख्वाहिशें  थम जाएंगी ,

सफर करना छोड़ देंगे ,

और यह तब होगा ,

जब हम इस दुनिया से नाता तोड़ देंगे।

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सफर मे उम्र भर चलते रहे ,

हर दिन यूं ही ढलते रहे ,

मौत आकर ले गयी एक दिन ,

हम सब यूं ही हाथ मलते रहे ।

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यूं तो जमीं से भी आसमां नजर आता है ,

मगर उसतक का सफर करना मुश्किल है।

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मेरे हाथों की लकीरों मे सफर तो लिखा है ,

मगर मंजिल का कोई ​ठिकाना ही नहीं है।

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अपने सफर से लौट आना चाहते हैं ,

बहुत दूर रह चुके हैं अब तुम से ,

तुम्हें दिल से अपना बनाना चाहते हैं।

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जिदंगी के सफर मे यह परिंदा

आशियाना तलासता  है ,

जग घूमलिया सारा मगर

क्या करें मिलता नहीं जो रास्ता है।

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यह दिल मुस्कुराना चाहता है ,

क्योंकि सफर मे खुद को लुटाना चाहता है।

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हम तो जिदंगी के सफर मे बहुत आगे ,

लोग बस सफलता को देखते हैं ,

उनको क्या पता मंजिल को पाने के लिए कितने जागे हैं।

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जिदंगी का सफर शूरू होता है जीने से ,

मगर सफर का दर्द हल्का होता है खूब पीने से ।

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हम जिस रस्ते पर निकले ,

वह रस्ता ही खत्म हो गया ,

यही सोच कर वहीं पर बैठ गए ,

कि चलों दुख दर्द थोड़ा कम हो गया ।

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जिदंगी का सफर हमारा अधूरा रहा ,

मगर सफर करने का जनून ,

मौत तक हमारे साथ जुड़ा रहा ।

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कुछ दोस्ती गुमनाम होती है ,

कुछ दोस्ती बेईमान होती है ,

कुछ दोस्ती सफर का इंतकाम होती है।

मंजिल शायरी 1 लाइन

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सफर की मंजिले गुमनाम थी ,

इसलिए गमगीन हमारी हर शाम थी ।

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अगर सफर करोगे तो मशहूर हो जाओगे ,

अगर खाली बैठे रहोगे तो अपनो से भी दूर हो जााओगे ।

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दिल से मांगी जाए दुआ तो ,

कबूल जरूर होती है ,

मेहनत से किया जाएग अगर सफर ,

तो हर मुश्किल दूर होती है ।

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मंजिलें मिल जाएगी अगर सफर  करोगे ,

सब कुछ मिल जाएगा अगर सब्र करोगे ।

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हर कोई सफर तो सफलता के लिए करता है ,

मगर मंजिल उसे नहीं मिलती है ,

जो मेहनत से डरता है।

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अगर भागजाओगे असफलता के डर से ,

तो फिर कामयाब नहीं हो पाओगे कभी सफर से । 

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अगर इन अजनबी राहों मे ,

तू मेरा हमसफर बन जाए ,

तो यह कल के अखबारों की ,

पहली खबर बन जाए ।

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नहीं है इस दुनिया मे तेरा कोई हमसफर ,

अकेले ही पार करनी होगी बंदे तुझे यह डगर ।

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अजनबी सफर मे अनजाने लोग मिलते हैं ,

कुछ फूल बनकर मिलते हैं ,

तो कुछ कांटों की तरह मिलते हैं।

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अगर तू हमारी जिदंगी मे आ जाए ,

तो कसम से कांटों भरा सफर भी हमें भा जाए ।

यादों का सफर शायरी

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अगर तेरे पैर मे इक कांटा भी चुभेगा ,

तो हम खुद को बिछा देंगे ,

सफर मे हो अगर तुम ,

तो बोल देना तेरे लिए असंभव

को भी संभव बना देंगे ।

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बहुत कुछ सिखाया था जिदंगी के सफर ने ,

मगर अब यह कुछ काम नहीं आने वाला ,

हमे तो जीते जी मिटा दिया तेरी मौत की खबर ने ।

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मेरी जिदंगी का सफर एक दिन ,

किताबों मे दर्ज होगा ,

उतार कर जाएंगे इस दुनिया से

जो अपना का कर्ज होगा ।

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इस जिदंगी का आखरी सफर था ,

और हम रस्ते मे ही मर गए ,

और कहने वाले कहते रहे ,

कि हम तो सफर से डर गए ।

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जो कुछ भी हमने पढ़ा था ,

जो कुछ भी हमने किताबों से सीखा था ,

वह सब कुछ सफर मे हमने देखा था ।

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अगर प्यार करते हो ,

तो इजहार करना मत भूलना ,

अगर सफर करते हो ,

तो इंतजार करना मत भूलना ।

यादों का सफर शायरी

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अब नहीं कट रहा है ,

अकेले जिदंगी का सफर ,

तू जंहा कहीं भी है आजा ,

फिर काट लेंगे पूरी जिदंगी ,

बस एक बार हमे गले से लगा जा ।

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जिदंगी का सफर ,

यादों से ज्यादा कुछ नहीं ,

हम तो बस जीवन की यादें बना रहे हैं ,

हकीकत मे सफर जैसा कुछ नहीं ।

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अच्छे और बुरे सफर ,

कई कहानियां लिख जाते हैं ,

कुछ लोग अपने फायदे के लिए मरते हैं ,

और कुर्बानियां लिख जाते हैं।

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जिदंगी बहुत छोटी सी है ,

मगर सफर बहुत बड़ा है ,

आंखे खोलकर देखते हैं ,

तो रस्ता बहुत दूर पड़ा है।

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मां की दुवाओं का असर है ,

इसलिए सुख शांति से गुजर

रहा जो हमारा सफर है।

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तैयार हैं दुश्मन मारने के लिए ,

मगर हम मजबूर हैं ,

अपनी जिदंगी सफर मे गुजारने के लिए ।

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अगर बड़ी होंगी ख्वाहिशें तो सफर लंबा होगा ,

अगर छोटी होगी फरमाइशें ,

जो जिदंगी पर पंगा होगा ।

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उम्र भर के सफर मे हम तेरे साथ रहेंगे ,

और हाथों मे हमारे तेरे हाथ रहेंगे।

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जिस दिन रूक जाएगी घड़ी की सुई ,

हम भी सफर करना छोड़ देंगे ,

फिर इस दुनिया के बंधनों को तोड़ देंगे ।

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सफर ने बहुत कुछ सीखाया है हमें ,

सफर करके बहुत कुछ पाया है हमें ,

मगर यह कौन जानता है ,

इस सफर ने कितना रूलाया है हमें ।

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आंखों से आंसू गिरते रहे ,

और हम सफर पर चलते रहे ,

कोई नहीं संभालने वाला था ,

यूं ही दिन और रात ढलते रहे ।

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मर जाएंगे यूं ही एक दिन ,

जिदंगी मे सफर करते करते ,

रूक जाएगी दिल की धड़कन ,

एक दिन राहों से गुजरते गुजरते ।

यादों का सफर शायरी

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अगर दिल से मांगोगे दुआ तो

असर जरूर होगा ,

अगर सफर करोगे तो दुनिया

मे नाम मशहूर होगा ।

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मंजिल उनको मिलती है ,

जो सफर करते हैं ,

मगर कुछ लोग तो बस

मुश्किल जीवन की डगर करते हैं।

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अगर सफर मे कट गई है उम्र सारी ,

तो खुशनसीब हो जाएगी जनाब दुनिया हमारी ।

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जिदंगी तो यूं ही बदनाम है ,

बस सफर ही मौत का नाम है।

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जिनका सफर बदनाम होता है ,

उनकी मंजिलें भी गुमनाम होती हैं।

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आसमां खत्म हो गया ,

मगर जिदंगी का सफर खत्म नहीं हुआ ।

अफसोस नहीं है हमें खुद की जिदंगी खत्म होने का ,सबकुछ मिल जाएगा ,बस सफर मे दम होने का ।

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सफर मे पता चलता है खिलाड़ियों का ,

इसमे सुखड़ा साफ हो जाता है अनाड़ियों का ।

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अगर सच पर अमल करोगे ,

तो सफर मे कभी मौत से ना डरोगे ।

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पता नहीं कब रूकेगा ,

आने और जाने का सफर ,

दिल टूटसा गया है हमारा ,

जब सुनी उनके मौत की खबर ।

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अगर चल दिये सफर मे एक बार आगे ,

तो पीछे मुड़कर कभी देखेंगे नहीं ।

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जन्म से सफर की शूरूआत होती है ,

और खत्म यह मौत के साथ होती है।

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अगर दिल मे जनून है सफर करने का

तो सफर करो ,

अगर दम है कुछ करने का ,

तो किसी से मत डरो ।

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कहदो मौत से सफर मे हमारे सामने आया नकर ,

क्योंकि हम उस वक्त कर चीज को दुश्मन समझते हैं।

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सफर करके हम तनाव को कम करते हैं ,

और फिर तेजी से दूसरा जंफ करते हैं।

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तेरे संग यह सफर सकून देता है ,

देखकर कर तेरा साथ ,

यह दिल को जनून देता है।

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आसमा नीली ,

और जमीं रंगीन है ,

तेरे संग सफर क्या बताएं ,

सबसे हसीन है।

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निकले थे सफर पर ,

उस आसमां को पाने के लिए ,

लोग बोल रहे हैं ,

क्या यही मिला था चाहने के लिए ।

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सफर मे झूंठी आस हम करते नहीं ,

हम तो मंजिलों के दिवाने हैं ,

तेरी जैसी हसीना पर हम मरते नहीं ।

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पगली हमे सफर मे तू याद ना कर ,

आ जाएंगे एक दिन तुझ से मिलने के लिए ,

तू इतनी भी आंसुओं से बरसात ना कर ।

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कोई कहता है मैं कातिल हूं ,

कोई कहता मैं काफिर हूं,

मगर मैं और कुछ नहीं जनाब ,

बस एक मुसाफिर हूं ।

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जिस दिन खुदा के काबिल हो जाओगे ,

उस दिन जिदंगी के सफर मे शामिल हो जाओगे ।

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जिदंगी के सफर मे खुशी भी है ,

जिदंगी के सफर मे गम भी है ,

जिदंगी के सफर मे रम भी है।

दिल से सफर करके देख ,

इसमे जितने का दम भी है।

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हर मंजिल की पहचान होती है ,

अगर खुद मे दम हो ,

तो सफर मे जान होती है।

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अनोखी होती है होती है हर सफर की कहानी ,

क्योंकि सफर बहुत लेता है कुर्बानी ।

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सफर मे बदनाम हुए है ,

उसके लिए इंतकाम हुए हम ,

पर गरीबों के लिए खुशी के पैगाम  हुए हम ।

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सफर करते हैं खुद की पहचान के लिए ,

तू एक बार मांग करतो देख ,

जान भी देदेंगे अपनी जान के लिए ।

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निकल पड़ा हूं सफर मे उम्र भर के लिए ,

अब संघर्ष नहीं करना पड़ेगा तुझे गुजर बसर के लिए ।

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जिदंगी के सफर का भी मजा लिजिए ,

सफर तो बस एक खेल है ,

इसको खेल की तरह खेल लिजिए ।

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कुछ कहते हैं सफर मे मजा है ,

कुछ कहते हैं सफर एक सजा है ,

मगर हम कहते हैं सफर तो जिदंगी ।

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सफर मे दौड़ लगाने वाले बहुत हैं ,

मगर कम ही मिलते हैं होड़ लगाने वाले ।

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सफर करना है ही जिदंगी का नाम है ,

बिना सफर यह जिदंगी भी बदनाम है।

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सबको अच्छे लगते हैं सफर करने  वाले ,

मगर कम ही मिलते हैं बिच रस्तों मे ,

खैर खबर करने वाले ।

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सफर के लिए बुला रही हैं हमें समुद्र की लहरें,

हमें एहसास है सागर होते हैं बहुत गहरे ।

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उनके लिए कभी कभी सफर भी करना मुश्किल होता है ,

मगर हम तो रोज सफर करते हैं ।

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अगर सफर करने का जनून है ,

तो चांद तक पहुंच जाओगे ।

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हर सफर की एक कहानी जरूर होती है ,

हजारों जिदंगियों मे एक जिदंगी मशहूर जरूर होती है।

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जब मेरा तेरी राहों से सफर होगा ,

तब तुझ पर मेरे प्यार का असर होगा ।

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सफर मे मुझे आज तक कोई रोक नहीं पाया ,

नहीं हुआ है आज तक ऐसा वीर कोई ,

जो सफर के लिए खुद को आग मे झोंक नहीं पाया ।

एक नए सफर की शुरुआत

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हम तो सफर करने वाले हीरो हैं ,

हमारे सामने बड़े बड़े लोग भी जीरों हैं ।

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अगर सफर करोगे तो कामयाब बनोगे ,

अगर मुश्बितों से लड़ोंगे ,तो लाजवाब बनोगे ।

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दिल को सकून देने वाली हवा है ,

लोग कहते हैं हम बीमार हैं ,

मगर क्या बताएं सफर ही हमारी दवा है।

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अगर चले हो कभी सफर की किताब पर ,

तो फिर डोरियां नहीं डालनी पड़ेगी ख्वाब पर ।

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सफर की किताब का पन्ना हम पल्ट रहे हैं ,

और देखो हमारी ताकत का मजा ,

हजारों दुश्मनों को अकेले ही सलट रहे हैं।

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इन अजनबी राहों मे तू मेरा हमसफर हो जाएगा ,

यह होगा उस दिन जिस दिन आसमां और जमीं एक ​हो जाएगा ।

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ख्वाहिश दिल की है तो दिल मे रखो ,

हम तो सफर हैं यार ,

हमे तो सफर की महफिल मे रखो ।

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जिदंगी के सफर मे तैर कर जाना होगा ,

जो कुछ भी कमाया है , हमने इस जिदंगी मे

सब कुछ छोड़कर जाना होगा ।

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जिदंगी के सफर ने हौसलों को तोड़ डाला ,

और फिर अपनो ने हमें अकेले ही छोड़ डाला ।

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उदास मत हो यार तू बस सफर करता जा ,

मंजिल मिलेगी एक दिन तुझे भी ,

बस अपनी आसान डगर करता जा ।

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हर सफर की एक कहानी होती है ,

जो पहाड़ों पर सफर करते हैं ,

उनकी दुनिया दीवानी होती है।

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एक जहाज का काम होता है लहरो से टकराना ,

अगर सफर कर रहे हो ,

तो कभी मत घबराना ।

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अगर मंजिल बड़ी है ,

तो मेहनत भी बड़ी होगी ,

करके देख मेहनत दिल से ,

कामयाबी तेरे द्धार खड़ी होगी ।

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जिदंगी के सफर एक सहारा मिला था ,

तेरे साथ होने से ही सफर मे अनोखा नजारा मिला था ।

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जिदंगी के सफर के खूबसूरत नजारे ,

आंखों मे कैद करलो ,

क्या पता ऐसा सफर दुबारा ना मिले ।

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सफर ने बदलदी हमारी जिदंगी ,

अब नहीं रही है कोई पुरानी बंदगी ।

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तुझे सफर करने को तेरा सपना कहेगा ,

तू भले ही बाहर से शांत दिखे ,

मगर तेरा मन बहुत कुछ सहेगा ।

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सफर मे गिरना और उठना तो आम है ,

सफर ही है जो , ​देता जिदंगी को ,

अनोखी शाम है।

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सदा आगे बढ़ते रहना सफर मे ,

कामयाब माने जाओगे तुम ,

दुनिया वालों की नजर मे ।

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अगर सफर करोगे तो रूताब बढ़ेगा ,

फिर तेरी एक आवाज पर तू नहीं ,

यह सारा जमाना लड़ेगा ।

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अगर सफर को बनाओगे अपना साथी ,

तो फिर  छोड़ा पड़ जाएगा एक दिन हाथी ।

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अगर दर्द है जिदंगी मे ,

तो खुशी का इंतजार मतकरो ,

अगर हो सफर मे तुम ,

तो किसी से प्यार मत करो ।

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निकल पड़े हम सफर मे ,

खुद को बदलने के लिए ,

सफर करने वाले बहाने नहीं मारते ,

उनको बस रस्ता चाहिए चलने के लिए ।

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परवाह नहीं करते सफर करने वाले कभी अंजाम की ,

क्योंकि उनको कीमत चुकानी पड़ती है हर शाम की ।

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जिदंगी भी एक सफर से कम नहीं ,

अब सफर करने वाले हम बन चुके हैं ,

अब अगर मर भी गए तो कोई गम नहीं ।

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घूमना और फिरना सबका शौक है ,

मगर सफर करना जिदंगी का रोग है।

सफर शायरी 2 लाइन

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कि तू लौटा सके फिर से ,

ऐसी उधारी रख ,

तमाम मुश्किलें आएंगी लेकिन,

अपना सफर तू जारी रख ,

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जब हम प्रयास कर रहे थे ,

जिदंगी खत्म करने के लिए ,

सफर करना ​सीखाया था ,

किसने हमे गम कम करने के लिए ।

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अगर करोगे पर्वतों का सफर ,

फिर मुश्किल नहीं लगेगी कोई डगर ।

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अगर बंदे सफर करना तू जारी रखेगा ,

तो हाथ मे खुशियां सारी रखेगा ।

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घूमना है मुझे ये सारा जहां तुम्हे अपने साथ लेके ,

दिल खुश हो गया जब पहली बार सफर पर निकले हम जज्बात लेके ।

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जिसे सफर मे सकून मिलता है ,

ऐसे लोगों को हर नए सफर मे जननू मिलता है।

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सफर मे मिले गम का हमे कोई मलाल नहीं ,

सफर करना शौक है हमारा ,

भले ही हमारे पास आपकी तरह दिल विशाल नहीं ।

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बिना सफर के जिदंगी जी नहीं सकते ,

सफर पर निकले बिना पानी भी पी नहीं सकते ।

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सफर हम विरान वादियो मे करते हैं ,

उठाते हैं मजा वैसा ,

जैसा सादियो मे करते हैं।

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चलो आज अपनी ज़िन्दगी जी लेते हैं ,

बहुत रह चुके हैं सफर मे शराब के बिना ,

चलो आज खुल कर पी लेते हैं।

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सफर मे मौत का खतरा रहता है ,

क्योंकि सफर का रस्ता संकरा रहता है।

सफर शायरी 2 लाइन

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जिदंगी के सफर मे हर वक्त तेरा इंतजार करेंगे ,

तुझे पाने के लिए दिन रात सफर करेंगे ।

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सफर करते हैं ,

हम जिदंगी को यादगार बनाने के लिए ,

अब तू ही बता क्या नहीं किया हमने ,

तुझे अपना बनाने के लिए ।

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कुछ सफर यादगार होते हैं ,

कुछ ​सीने पर तलवार होतें हैं ,

तो कुछ सफर अपनों के बीच दीवार होते हैं।

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अगर हमारे साथ सफर पर चलोगी ,

तो सांझ की तरह एक दिन चुपके से न ढलोगी ।

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सफर पर चलते रहो ,

अगर सपनों को पूरा करना है ,

याद रखना सफर पर जाने से पहले ,

अनुभवी लोगों से सलाह मशवरा करना है।

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जीवन की गाड़ी सफर मे यूं ही चलती रहेगी ,

तुझे आना है तो आ ,

वरना यह सांझ तो यूं ही ढलती रहेगी ।

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सफर मे कुछ दुश्मन भी मिलेंगे ,

तो कुछ दोस्त ​भी मिलेंगे ,

कोशिश जारी रखना अपनी ,

कुछ फूल भी जनाब खिलेंगे ।

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सफर के नाम से हस्ती बदनाम है हमारी ,

शराब के संग हर शाम है हमारी ,

तू नहीं है , इसलिए जिदंगी विरान है हमारी ।

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अगर दिल से करोगे सफर की दुआ ,

तो गहरा असर होगा ,

अगर करोगे भले का काम दुनिया मे ,

तो आसान तेरा सफर होगा ।

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ना यह दर्द भरा सफर होता ,

ना हमे मौत का डर होता ,

अगर हमारा भी एक घर होता ।

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सफर करने वाले धूप और छांव नहीं देखते ,

सफर करने वाले खेत खलियान और गांव नहीं देखते ।

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अगर सफर करने का तजुर्बा है ,

तो हर चीज तेरी महबूबा है।

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आओ सफर के संग मिलकर लिखते हैं एक कहानी ,

तेरे और मेरे लिए राहे हैं ,अभी अनजानी ।

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हमेशा सफर करते रहे ,इस जिदंगी की खातिर,

क्योंकि हम तो आज भी हैं , एक मुसाफिर ।

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जिदंगी एक खूबसूरत सफर है ,

जिस हर पल जीलिया करो ,

अगर करता है दिल पीने का ,

तो पी लिया करो  ।

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तेरे आने से सफर मे रौनक छा गई ,

इस विरान दिल मे भी हरियाली आ गई।

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कठिन होता है सफर अंधेरे का ,

इसलिए हम भी जनाब ,

अब इंतजार कर रहे हैं सवेरे का ।

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सफर मे  कुर्बान हम हो जाएंगे ,

फिर नहीं उठेंगे कभी ,

सदा के लिए सो जाएंगे ।

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अगर सफर मे ना मिले मंजिल ,

तो कभी घबराना नहीं ,

चाहे कितने भी संकट आएं ,

सफर को बीच मे छोड़कर कभी आना नहीं ।

सफर शायरी 2 लाइन

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सफर ने बनाया है इस जीवन को ,

कभी नहीं उतार पाएंगे हम सफर के इस श्रृण को ।

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सफर के बिना जिदंगी अधूरी है ,

सफर जिदंगी के लिए सबसे जरूरी है।

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सफर के अंदर आएंगी मुश्किलें जरूर ,

अगर जीत गए उनसे लड़के ,

तो हो जाएंगे मशूहर ।

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सफर मे कभी मत बैठे रहना तकदीर पर ,

कुछ तो भरोशा कर लिया करो यारो इस फकीर पर ।

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सफर तो हौसले वाले करते हैं ,

निकम्मे तो टाइमपास करते हैं।

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बदलती रही राहें ,

बदलता रहा जमाना ,

मगर हमें है एक दिन सफर पर जाना ।

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सफर ने बदल दिया मौसम ,

सफर ने बदलदी जिदंगी हमारी ,

और आ गई हमपर बड़ी जिम्मेदारी ।

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आज से लंबे सफर पर जा रहे हैं हम ,

इसलिए तुम सबको खूब हंसा रहे हैं हम।

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तू सोच ले जिस दिन होगा मौत से सामना ,

फिर कभी नहीं करोगे तुम सफर की कामना ।

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मैं रहूं या ना रहूं ,

मगर सफर जरूर रहेगा ,

मैं कहूं ना कहूं ,

मगर मेरी कहानी सफर जरूर कहेगा ।

सफर करूंगा जब तक सांस चलेगी ,

आसान तुम सबकी डगर करूंगा ,

जब तक मन मे आश चलेगी ।

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ऐ दोस्तों दुआ करो ,

मेरा सफर कामयाब हो ,

और कुछ नहीं चाहता मैं ,

बस पूरा मेरी जिदंगी का हिसाब हो ।

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अगर तू खुदा के नाम को ,

दुनिया मे मशहूर करेगा ,

तो खुदा तेरे हर काम को ,

पूरा जरूर करेगा ।

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हम तो ​जी लेंगे सफर मे तेरे बिना ,

मगर तू कैसे रह पाएगी सोच ले पगली ,

मेरे बिना ।

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सफर वक्त को बदल देता है ,

राहगिर का क्या भरोशा ,

वह तो कब का कब चल देता है।

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सफर करना है तो शान से करो ,

अगर सफल होना है तो ,

किसी से भी ना डरो ।

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सफर करने से ,

जिदंगी को इनाम मिलता है ,

तुम संभाल नहीं पाओगे ,

खुशियों का इतना जाम मिलता है।

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दुनिया सफर करने वालों की दिवानी है ,

अपनी भी इसमे एक कहानी है।

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सफर करोगे तो जिदंगी को किनारा मिलेगा ,

अगर सफर नहीं करोगे ,

तो हर कामयाब भी आवारा मिलेगा ।

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सफर ने मरे हुए को जिंदा करदिया ,

और पंखों ने हमें फिर से परिंदा कर दिया ।

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सफर का दर्द है बदन मे ,

आज भी चमक रहा है नाम हमारा उस गगन मे ।

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सफर मे हम तो गाते हुए चलते हैं ,

मगर हमारी खुशी को देखकर ,

दुश्मनों के न जाने क्यों दिल जलते हैं।

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सफर करना भी एक खेल है ,

अगर नहीं करते हो सफर ,

तो जिदंगी बस एक जेल है।

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कभी तू हमारे संग भी सफर कर लिया कर ,

हमारे दिल की बात भी कभी सुन लिया कर ।

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जिदंगी का सफर यूं तो बहुत लंबा होता है ,

अगर चलना है , तो सीना तान कर चलना ,

क्योंकि इसमे बहुत दंगा होता है।

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तेरी तरह सफर है उम्र का भी ,

यह भी एक बार चल पड़ी ,

तो फिर रूकती है , मंजिल पर ही ।

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जिदंगी सफर है कांटों का ,

सफर और कुछ नहीं बंदे ,

यह परीक्षा है , हमारे मजबूत इरादों का ।

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सफर से ही जिदंगी को पहचान मिलती है ,

वरना जीने के लिए तो हर किसी को जान मिलती है।

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सफर करते करते ,

जानवरों सें इंसान बन गए हम ,

और इंसान बनते बनते ,

पता नहीं कब फिर से हैवान बन गए हम ।

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दूर तेरी मंजिल है ,

दूर तेरा ठिकाना ,

बस सफर करके तुझे है ,

वहां तक जाना ।

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अगर जिदंगी मे रंग और उमंग चाहिए ,

तो फिर सफर करने का जंग चाहिए ।

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बड़ों का आशीर्वाद हमारे साथ है ,

फिर सफर मे क्या ही बिगाड़ पाएगी ,

आसमां से होती यह ओलों की बरसात है।

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हर किसी को समझ नहीं आएगा ,

यह सफर का रस्ता ,

बड़ों बड़ों की हालत हो जाती है ,

इस सफर मे खस्ता ।

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मैं सफर का रही हूं ,

मेरा कोई ठिकाना नहीं ,

जब सफर से लौट कर आया ,

वर्षों बाद ,

तो उस पगली ने भी मुझे जाना नहीं ।

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जब हम गए खुदा के पास ,

तो उन्होंन कहा हमसे ,

अगर सफर करोगे तो ,

तुम्हारे नाम यह हिंदुस्तान लिखदेंगे ,

अगर नहीं सफर करोगे ,

तो तुम्हारे नाम ​कब्रिस्तान लिखदेंगे ।

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अपनी मंजिल से ,

सफर करने वाले ही भटकते हैं ,

जो प्रयास करते हैं ,

वही राहों पर अटकते हैं ।

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सफर करने का ख्याल है दिल मे ,

जोखिम लेने का जनून ,

विशाल है दिल मे ।

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कभी दिन मे  नजर आते नहीं तारे ,

कामयाब वही होते हैं जिदगी मे ,

जो हर मौसम मे सफर करते हैं बेचारे ।

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सफर मे थोड़ी मुश्किल जरूर होगी ,

बस चलता जा तू आगे ,

एक दिन तेरी हस्ती मशहूर जरूर होगी ।

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हस्ती कोई मिटा नहीं पाया सफर करने वालों की ,

मगर जिदंगी लग जाती है ,

तुम्हारी आसान डगर करने वालों की ।

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ना थके हैं हम ,

ना हारे हैं हम ,

बस सफर के सहारे हैं हम ।

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सफर करने वाले बस मौज करते हैं ,

मगर बैठे रहने वाले ,

 सुख की खोज करते हैं।

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सफर करो अगर सितारा बनना है ,

हाथ मे कटोरा लेलो ,

अगर बेचारा बनना है।

———————–

नदी बनी किनारा नहीं ,

सफर करो ,

इसके बिना कोई गुजारा नहीं ।

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सफर मे दुख दर्द तो यूं ही आते रहेंगे ,

हम तो गाने के लिए पैदा हुए हैं ,

हर समय यूं ही गाते रहेंगे ।

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जज्बा है अगर कुछ करने का ,

तो सफर से ना कभी डरने का ।

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गवारा नहीं है हमे चलना सर झुकाकर ,

सफर करना चाहते हैं हम तो बस सर उठाकर ।

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ना किसी के साथ आए हो ,

ना किसी के साथ जाओगे ,

मगर सफर करोगे ,

तो इस छोटी सी जिदंगी मे ,

सब कुछ पाओगे ।

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अपने भी साथ छोड़ देंगे ,

दोस्त भी हाथ जोड़ देंगे ,

अगर करोगे सफर ,

तो लक तुम्हें आसमां की तरफ मोड़ देंगे ।

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देखकर चट्टानों को ,

लहरें अपना रस्ता नहीं बदला करती ,

देखकर सफर की मुश्बितो को डरने से

जिदंगी नहीं चला करती ।

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जिदंगी का सफर सुहाना है ,

आज बीत गया ,

कल के बारे मे किसने जाना है।

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सफर करने वालों का कोई ठिकाना नहीं होता ,

दिल से सफर करते हो ,

तो कभी आपके पास कोई बहाना नहीं होता ।

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अगर सफर मे बहाओगे पसीना ,

तो एक दिन जरूरी सीख जाओगे

हसीन जिदंगी जीना ।

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कुछ लोग दर्द मे जी कर सफर करते हैं ,

हम तो पीकर सफर करते हैं ,

मगर कुछ भी हो आसान अपनी डगर करते हैं।

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कुछ लोग खूबसूरती पर नाज करते हैं ,

कुछ लोग बड़ों की मसाज करते हैं ,

हम तो सफर के खिलाड़ी हैं ,जनाब

बस दिलों पर राज करते हैं।

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सफर से हम कभी डरे नहीं थे ,

मगर मौत से कभी हम लड़े नहीं थे ।

———————–

मौत के सफर से वापस कोई आया नहीं ,

हम यह दुनिया इसलिए छोड़कर चले गए ,

क्योंकि हमें यहां पर कोई भाया नहीं ।

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न जाने कौनसा सफर था वो ,

न तो मंजिल मिली ,

और ना मौत मिली ।

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हम सफर कर रहे हैं विराने मे ,

दूर दूर तक कुछ भी नजर नहीं आता है

जनाब इस ठिकाने मे ।

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मन ने मुझे चलने को बेबस कर दिया ,

और एक दिन के सफर ने मुझे ,

दुनिया मे फेमस कर दिया ।

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ना कभी अपनों का प्यार मिला ,

ना कभी सुखी संसार मिला ,

जो कुछ मिला सफर के दर मिला ।

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जब खामोश हो गई जिदंगी ,

तो रोने वाले कई आए ,

मगर दुनिया क्या जाने ,

हम तो मरे थे उन्हीं के सताए ।

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अगर करना है ,

तो मंजिल से नहीं सफर से प्यार करो ,

अगर कुछ पाना है जीवन मे ,

तो वक्त का ना इंतजार करो ।

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सफर करते रहे दिन के उजाले मे ,

सफर करते रहे रात के अंधेरे मे ,

आज इसलिए ही खेल रहे हैं ,

इस सवेरे मे ।

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हमें नहीं चाहिए झूठा सलाम ,

हमें नहीं चाहिए कोई इंतकाम ,

हम तो करेंगे सफर ,

बस देदो खुदा के नाम का जाम ।

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सफर ही मेरी दीवानगी है ,

सफर ही मेरी रवानगी है ,

जिस दिन जीत लेंगे सफर को ,

यही मेरी मर्दांनगी है।

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Vमंजिल नहीं मिलती घर से निकलते ही ,

मगर हर कोई कामयाबी चाहता है ,

सफर पर चलते ही ।

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सोने को भी शुद्ध होनें के लिए ,

आग मे तपना पड़ता है।

कामयाब होने के लिए ,

सफर मे खुद को खपना पड़ता है।

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कौन कहता है ,

सफर करने वाले हारते नहीं ,

मगर वो कभी अपनी हार

मानते नहीं ।

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निकले थे सफर पर खुशी की तलास मे ,

मगर कुछ भी हाशिल नहीं हुआ ,

पर यह जान गए खुशी तो थी अपने एहसास मे ।

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जब तक दम है सफर करते रहेंगे ,

तू चिंता क्यों करती है पगली ,

तेरे नाम हम हर जीवन करते रहेंगे ।

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सफर मे दर्द भी है ,

सफर मे मर्ज भी है ,

मगर उसी सफर मे ,

खुशियों का वृक्ष भी है।

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आज तक मिटा नहीं पाए हम तन्हाइयों को ,

लाखों बार उनके लिए सफर किया हमने ,

फिर भी आज तक हम भा नहीं पाए भाइयों को ।

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सफर मे मौत का खतरा भी है ,

सफर मे खुशी का कतरा भी है ,

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हम तो बुरे सफर से बदनाम हैं,

मगर क्या करें हम ,

बुराई से पैदा हुए हैं ,

तो बुराई हमारे नाम हैं।

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दूर मेरी मंजिल है ,

दूर मेरा ठिकाना ,

सफर करते हुए है मुझे जाना ।

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सफर का अंत कभी होता नहीं ,

राहगिर कभी सोता नहीं ,

और जो सफर करता है वह कुछ भी खोता नहीं ।

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सफर मे जो लम्हे को गुनगुनाएं थे ,

वो दिल मे आज भी खुशी की तरह छाये थे ,

हमने सोचा नहीं था कुछ ऐसा होगा ,

आज वो हमें सक्सेस देखकर मिलने आये थे ।

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अगर सैर करनी है आसमान की ,

तो सफर पर चलो ,

परवाह मत करो यारो जान की ।

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अगर मिल जाए औकात से ज्यादा ,

तो वह हज्म नहीं होता ।

जिदंगी का सफर कभी खत्म नहीं होता ,

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सफर करने वालों की कोई हद नहीं होती ,

मगर जो दिल से चाहते हैं सफर करना ,

उनकी गाड़ी कभी रस्तें मे बंद नहीं होती ।

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हर कदम पर नई कहानी लिखेंगे ,

कैसा होता है सफर जिदंगी का ,

मुख जबानी लिखेंगे ।

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अगर दिल मे सफर करने की लगन है ,

तो हाथों मे भी गगन है ।

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वैसे तो उजड़े चमन का माली हूं मैं ,

सफर करने के लिए बोल देना कभी भी ,

हर वक्त सफर के लिए खाली हूं मैं।

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सबको पसंद होता है सफर करना ,

मगर हर किसी को नहीं आता मौत से लड़ना ।

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आसमान मे अंधेरा छाता रहा ,

मगर सफर मे दिल गाता रहा ।

आज वो हमे सकून दे रहा है ,

जो सफर कभी हमें सताता रहा ।

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फूलों मे बहार है ,

सफर से हमें प्यार है ,

पैरों मे जान नहीं है ,

आज भी यह यार सफर के लिए तैयार है।

———————–

आओ मिलकर सफर मे खो जाएं ,

चैन मिलेगा सबको ,

बस एक बार सफर की दुनिया मे सो जाएं ।

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जो दम रखता है कुछ करने का ,

उसे डर नहीं होता सफर मे मरने का ।

———————–

सफर करने वालों की आसमान तक उड़ान है ,

मगर निकमों से तो यह दुनिया परेशान है।

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जिस दिन छोड़ दोनोंगे सफर करना ,

तो असंभव हो जाएगा ,जनाब चैन से मरना ।

———————–

हम सफर करते रहे ,

और बि​जलियां गिरती नहीं ,

हमें नहीं जाना दूर कहीं ,

बस हमारा मुकाम यह धरती रही ।

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तुम क्या जानो सफर जिदंगी का मजा है ,

जो सफर नहीं करते ,

उनको मिलती बहुत बड़ी सजा है।

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भले ही सफर ने मिटादी हैं ,दुनियां ,

मगर अब हम उनको नहीं चाहते ,

हमारी भी हैं कुछ मजबुरियां ।

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सफर मे आसमान छूने का है इरादा ,

या तो लाश आएगी हमारी ,

या असमान छूने का है वादा ।

———————–

तेज हवाएं भी हमारा रूख नहीं मोड़ सकती ,

आंधियां हमें सफर से नहीं जोड़ सकती ,

अगर हम दिल से करेंगे सफर ,

तो दुश्मनी भी हमें  नहीं तोड़ सकती ।

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दूर निकलें सफर के नए आसमान की ओर ,

 जमीं भी नहीं मिली ,

और आसमान भी खो गया ।,

पता नहीं हमारे साथ ,

ऐसा क्यों हो गया ।

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हमें तो मरते दम तक सफर करना है ,

आ जाएं मौत भी सामने फिर भी नहीं डरना है।

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———————–

चलो सफर पर निकलते हैं ,

नहीं डूबेंगे कभी ,

आओ हाथ से हाथ मिलाकर चलते हैं।

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सूरज भी डूबकर निकलता है ,

कामयाब वही होता है ,

जो बेखोफ होकर चलता है।

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सफर की दुनिया मे नाम है ह​मारा ,

क्योंकि सफर जान है हमारा ।

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मौत का पीछा कोई कर न सका ,

जो सफर मे डर न सका ,

वो बिना कामयाबी के लौट न सका ।

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सफर मे आएंगे मंजर अनेक ,

चुभे हुए हैं , हमारे सीने पर वो

खंजर अनेक ।

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जो खेल से डरकर भाग जाए ,

वो कभी खिलाड़ी नहीं होता ,

जो आंख बंद करके सफर करे ,

वो अनाड़ी नहीं होता ।

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कामयाबी तो सबको भाती है ,

मगर साथ साथ सफर करने वाली ,

भला कहां आती है।

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कभी धरती है ,

तो कभी आसमान है ,

सफर के बारे मे ना बोलो कुछ ,

सफर तो हमारी जान है।

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इशारा किया निगाहों ने ,

बुलाया हमको सफर करने के लिए ,

तेरी राहों ने ,

हम फकीर कैसे नहीं होते ,

सब कुछ लुट लिया तेरी अदाओं ने ।

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कुछ सफर गमगीन था ,

कुछ सफर रंगीन था ,

जो भी था सचमुच हसीन था ।

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अगर हमसे दिल लगाओगे ,

तो सफर मे भटकते रह जाओगे ।

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जरूरत होती है नदी को किनारे ,

इस विरान सफर मे ,

हमें भी जरूरत है , तेरे सहारे की ।

———————–

हम सफर किया करते हैं ,

रंगीन रस्तों पर ,

कुछ तो फायदा उठा लें इस जीवन

का क्योंकि यह मिला है हमें किस्तों पर ।

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अनजान राहों मे जिस दिन खो जाओगे ,

जिस दिन दिल से सफर के हो जाओगे ,

उस दिन सब कुछ पा जाओगे ।

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जो पैदा हुआ है , उसे एक दिन मरना पड़ेगा ,

सफर तो हर कदम पर करना पड़ेगा ।

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अनजानी रहों मे अनजाने ठिकाने मिलते हैं ,

जो दिल लुटकर उस पर ही आघात करदें ,

ऐसे ऐसे फसाने मिलते हैं।

———————–

अनुभव किया है कभी ,

रस्तों पर बैठकर पीने का मजा ,

सफर करों और लो जीने का मजा ।

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आदमी को आदमी ने बनाया है ,

जिदंगी तो बस धूप और छाया है,

मगर सफर करना तो खुदा से सिखाया है ।

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सफर नाम है ,

खुशियों के खजाने का ,

अगर सफर नहीं करते हो ,

तो कैसे बंद कर पाओगे ,

मुंह इस जमाने का ।

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हम तो सफर कर रहे हैं ,

ठंडी ठंडी हवाओं के साथ ,

खेल रहे हैं एक खेल ,

सफर की राहों के साथ ।

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जवानी बीती सफर मे ,

बूढ़ापा ​बीता कब्र मे ,

खुदा भेजता ही क्यों है ,

ऐसी डगर मे ।

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हम तो सफर के नाम से जीते हैं ,

जिस दिन सफर नहीं होता ,

उस दिन यारों के साथ बैठकर पीते हैं।

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कभी तो जी लिया कर सफर की मस्ती मे ,

कभी तो हमारी तरफ घूमने आ जाया कर ,

रोशनी हो जाए इस दिल की बस्ती मे ।

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उतरते रहे जैसे जैसे ,

सफर की गहराई मे ,

अक्स दिखना बंद हो ,

गया यार अपनी परछाई मे ।

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सफर का नाम रूकना नहीं ,

सफर का नाम थकना नहीं ,

सफर का नाम झुकना नहीं ,

सफर का नाम बस करना है।

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जब तक दिल की धड़कन है ,

ऐ सफर तेरे नाम की ,

मन मे तड़पन है।

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आज बदन साथ नहीं देता ,

वरना हम भी सफर पर चलते ,

अकेले डरोगी तुम ,

वरना हम भी तेरा हाथ पकड़ कर चलते ।

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सफर मे धूल भी उड़ेगी ,

सफर मे जिदंगी जुड़ेगी ,

हाथ पकड़ कर करना सफर ,

जिदंगी खुशियां ले उड़ेगी ।

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आसमां तक सफर करने का इरादा है ,

आंसू ना बहा पगली ,

अगर मर भी गए तो लौट कर आएंगे ,

यह हमारा वादा है।

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सफर के संग खूब जी लिया हमने,

तेरे इश्क के रस को पी लिया हमने ,

हमे क्या पता था , यह जहर है ,

मगर जाते जाते तुझे भी ,

इस दुनिया से छीन लिया हमनें ।

———————–

देखने वाले देखते रहे ,

फेंकने वाले फेंकते रहे ,

हम तो सफर के खिलाड़ी थी ,

यूं ही सफर मे चहकते रहे ।

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अंगारों का काम है दहकना ,

प्रेमियों का काम है बहकना ,

सफर करने वालों का काम है ,

सब कुछ सहन करना ।

———————–

सफर कर रहे हैं हम ,

बंदिशों के शहर मे ,

एक रा​हगिर को तो चलना पड़ता है ,

आंधी तूफान के कहर मे ।

———————–

पहाड़ों की चोटियों पर बसने को जी चाहता है ,

ऐ सफर तेरे संग हंसने को जी चाहता है ,

जो सफर करते हैं ,

उनको ही यह जमाना चाहता है।

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जीवन तो अनमोल है ,

मगर सफर मे बहुत झोल है ,

कामयाब वही होता है यहां ,

जो निभापाता है सफर का रोल है।

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बादल छाए और चले गए ,

ख्वाब आए और चले गए ,

यही जिदंगी है जनाब ,

बस सफर मे कुछ पल बिताए और चले गए ।

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अगर दिल से करोगे सफर ,

तो यह तुम को खुशी देगा ,

अगर बेमन से करोगे सफर ,

तो यह तुम्हे दुख ही देगा ।

———————–

जीने के ख्वाब  जरूरी है ,

सफर के बिना जिदंगी अधूरी है ,

सफर करना इंसान की मजबूरी है।

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सफर मे आशाओं का ढेर लगा है ,

रस्तों मे जनून बढ़ाने का शेर लगा है ,

मुश्किल था सफर ,

इसलिए पगली तुझ तक आने मे हमें देर लगा है।

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जो डरते हैं , जिदंगी के सफर से ,

वो बस दोस्ती करके रखते हैं कब्र से ।

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मौत ने छीन ली जिदंगी ,

फिर भी सफर के संग ,

कभी ना छूट सकी हमारी बदंगी ।

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अगर सफर के रस्तों पर तेरा आगाज होगा ,

तो इस दुनिया मे भी तेरा राज होगा ।

———————–

कोई जीने के लिए खाता है ,

तो कोई खाने के लिए जीता है ,

हमे तो और कुछ नहीं चाहिए ,

बस अपने सफर की चिंता है।

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जीवन खुदा का उपहार है ,

जिसे सफर से प्यार है ,

उसे मिलता है , खुशियों का संसार है।

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मुसाफिर तो रातों मे जागता है ,

सफर करने वाला हर वक्त भागता है।

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सफर कभी थकता नहीं ,

यह तुम्हे थका देगा ,

मगर जिस दिन तुम छोड़ दोगे थकना ,

यह तुम्हें हंसा देगा ।

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सफर से नई उड़ान मिली है हमें ,

लबों मे नई जान मिली है हमें ,

अब करेंगे दिल से सफर ,

इसी से यह पहचान मिली है हमें ।

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जीने का मजा तो सफर मे ,

एक बार चख लिया तो नहीं छोड़ पाओगे ,

शराब जैसा नशा इस डगर मे है।

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जिस सफर ने कभी रूकने नहीं दिया ,

जिस हिम्मत ने कभी झुकने नहीं दिया ,

ऐसी चीजों को हम सलाम करते हैं।

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जीत का तो हर कोई जश्न मानाता है ,

अगर जश्न मनाना है , तो हार का मनाओ ,

खूबसूरत सफर को तो हर कोई चाहता है ,

अगर ठिकाना बनाना है तो बदसूरत सफर का बनाओ ।

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मन मे सफर की उड़ान थी ,

सफर से ही उसकी पहचान थी ,

सफर पर उसकी जिदंगी कुर्बान थी ।

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मन मे ख्वाबों की उड़ान हो ,

दिल मे अगर जान हो ,

तो हर सफर मे भी मुस्कान हो ।

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सफर मे बादलों के संग घूमो ,

और खुले आसमां को खुलकर चुमों ।

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मौत का कोई ठिकाना नहीं होता ,

और सफर मे कोई बहाना नहीं होता ।

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पंखों की जरूरत है उड़ने के लिए ,

दिलदार होना चाहिए दिल ,

हमारे सफर से जुड़ने के लिए ।

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जिस दिन सफर से घबराना छोड़ दोगे ,

उस दिन कामयाबी के सारे रिर्कोड़ तोड़ दोगे ।

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अगर सफर करोगे तो आजादी मिलेगी ,

मगर यदि बैठे रहोगे , तो कुछ नहीं बस

बरबादी मिलेगी ।

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मुसाफिर हों तुम इस दुनिया में,

ना रुको, ना हिम्मत छोड़ो,

बढ़ते हुए यूं ही आगे ,

अपने रिकॉर्ड खुद ही तोड़ो ।

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हर सफर का रंग नया होता है ,

हर रिश्ते का ढंग नया होता है ,

सफर मे मिलते हैं जब नये दोस्त

तो उनका रंग नया होता है।

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दुनिया हमे चैन से जीने नहीं देती ,

मगर वह पगली हमें जहर पीने नहीं देती ,

ढांढस तो सब बंधाते हैं ,

मगर कोई अपने नगीने नहीं देती ।

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जिस दिन सफर मे टूटेगा हौसला तुम्हारा ,

उस दिन बाद कभी नजर नहीं आएगा ,

बंदे घोसला तुम्हारा ।

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दिल करता है ,

सफर के रस्तों का चूमता जाउं ,

अगर तू आ जाएगी मेरी गलियों मे ,

तो मैं तेरे संग घूमता जाउं ।

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सफर की जोड़ियां तो बस रब ही बनाता है ,

इंसान तो बस दिल से लगाता है।

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थक जाओगे जिदंगी के दौड़ मे ,

इसलिए कभी सफर मत करना किसी की होड़ मे ,

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दिल रूठे जमाना हो गया ,

सफर का यह दिवाना हो गया ,

सफर से लगा लिया दिल इसने ,

पता नहीं कब यह इतना सियाना हो गया ।

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जिनको हमनें कभी सफर करना सीखाया ,

आज उन्होंने हमें अपना असली रंग दिखाया ,

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सफर मे कोई कद्र नहीं होती ज्जबात की ,

तो बस जरूरत होती है करामात की ।

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अगर सफर करोगे ,

तो दुनिया वाले जानेंगे ,

जो तुझे जीरों मानते थे ,

वो तुझे हीरों मानेंगे ।

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खेल है जिदंगी चूहे बिल्ली का ,

जो एक बार जल जाए ,

फिर काम नहीं आती है ,

जिदंगी नाम है , ऐसी तित्ली का ।

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जब धोखा दिया सफर की राहों नें ,

तब थाम लिया था , तेरी बांहों ने ,

फिर खूब प्यार लुटाया तेरी अदाओं ने ।

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हम तो बेखबर सफर हैं ,

हमारे पीछे वक्त जाया ना करो ,

हम तुमसे प्यार नहीं कर सकते ,

रोज रोज हमसे मिलने आया ना करो ।

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मर मर कर हम जीते रहे ,

सफर तो तय कर लिया मगर

हर मुकाम पर खूब पीते रहे ।

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रात कटती रही , दिन गुजरते रहे ,

सफर मे तेरी यादों संग हम इश्क करते रहे ।

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सफर तो शराब की बोतल की तरह होता है ,

एकबार नशा पी ली ,

तो जिदंगी भर पीनी पड़ती है।

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सफर करते रहे , शराब की मिठास की खातिर ,

मरकर फिर पैदा होते रहे ,

तेरे प्यार के एहसास की खातिर ।

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जिदंगी की हर रात हो जाएगी यादगार ,

जिस दिन कर बैठोगे तुम सफर से दिदार ।

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आज फिर दिल मे दर्द छलका है ,

सफर करने से मल हल्का है।

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शराब का संग हमेशा रहेगा ,

सफर करने वालो ​की जिदंगी मे

रंग हमेशा रहेगा ।

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कम करती है शराब दिल के दर्द को ,

क्यों नहीं करते हो तुम सफर ,

क्या डर लगता है , तेरे जैसे मर्द को ।

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अपने सफर के राजा हैं हम ,

दूसरों की कह नहीं सकते ,

मगर अपने आप मे जनाजा हैं हम ।

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बेखुदी का नशा जब ज़हर बन जाए,

तो सफर करलेना तुम ,

जिदंगी फिर खुशियों की शहर बन जाए ।

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कभी हम खूब इश्कबाज थे ,

फिर भी दिल से नाराज थे ,

जब सफर करने निकले ,

तो देखा हर जगह खुशी के आगाज थे ।

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सफर नहीं हो सकता ,

शराब के बिना ,

कैसे कोई सफल हो सकता है ,

यार ख्वाब के बिना ।

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शराब की बोतलों को हमेशा संग लाएं,

करें हमेशा ऐसा सफर ,

कि जिदंगी मे नया रंग लाए ।

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है शराब के इश्क़ में दिल का राज़ छुपा,

कैसे नहीं करते हम भी सफर ,

इसी मे हमारा ख्वाब छुपा ।

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आंखों ने सपने संजोए थे ,

जब पहली बार सफर किया ,

तो हम खूब रोए थे ।

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अगर चैन चाहिए तो कब्र मे सो जाओ ,

अगर सकून चाहिए , तो सफर मे खो जाओ ।

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करते रहोगे अगर मौत का सफर ,

तो एक दिन जरूर मिलेगी ,

तुम्हारे अमर होने की खबर ।

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जी लो तुम कुछ सफर के पलों को ,

याद रखो खुदा की दुनिया मे ,

कोई जगह नहीं​ मिलती दिल जलो को ।

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ऐ दिल तूने मुझे बेगाना कर दिया ,

तेरे सफर ने हमें दिवाना कर दिया ,

मगर पता नहीं कब आ गई मौत ,

और फिर मौत ने हमें पुराना कर दिया ।

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सफर की धूप में तपते ये रास्ते,

शराब की चांदनी से हों सजे,

चलो मिटाएं दिल के गम सब,

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न सफर मे थकोगे तुम,

न हद से ज्यादा झकोगे तुम ,

बस एक बार उस पगली का

दीदार कर सकोगे तुम ।

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अपना समझकर शराब को चूम लिया हमने ,

सफर करते हुए दुनिया घूम लिया हमने ,

कुछ नहीं पाया करते हुए ,

अंत मे खुद के अंदर सकून लिया हमने ।

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जिदंगी का रिश्ता को सफर के साथ ,

तेरे साथ होने से ही ,

खुशियों की बरसात है।

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पगली हम जा रहे हैं सफर पर ,

अब तो ख्वाबों मे मुलाकात होगी ,

जब बिन बादल आसमां से बरसात होगी ,

उस वक्त समझ लेना तेरी यादें हमारे साथ होगी ।

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शराबी से हम जुआरी हो गए ,

सफर मे हम भिखारी हो गए ,

मगर झुकाया सर खुदा के दर पर रोज ,

पता नहीं कब खुदा के प्यारे हो गए ।

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ख़ूबसूरत यह सफर है ,

खूबसूरत यह डगर है ,

देखकर तुझे आज पता चला ,

यह तो हमारे प्यार का नगर है।

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बारिश करना बादलों का काम है ,

और हम जैसों का तो सफर ही इनाम है।

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हर शाम लुटाई उस पर ,

हर जाम लुटाई उस पर ,

मगर मिली हमे सिर्फ तन्हाई उस पर ।

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हम शराब पीकर रातभर बहते रहे ,

वो ​शीतल जल पीकर भी दहकते रहे ,

यह कैसा सफर है जिदंगी का ,

खूब समझाया उनको ,

मगर वो बड़ी बड़ी यूं ही फेंकते रहे ।

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नींद खुली तो ख्वाब टूटगया ,

रस्तों मे देर हुई तो बंधन छूट गया ,

बात कुछ भी नहीं थी ,

फिर भी अपना यार पता नहीं क्यों रूठ गया ।

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सफर तेरी जिदंगी मे रंगभर देगा ,

दिल से करके देख एक बार सफर ,

सारी खुशियां तेरे नाम करदेगा ।

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दिल की तन्हाइयों का आवाज बना लेते हैं ,

अगर सफर का दर्द हद से गुजर जाए ,

तो गा लेते हैं ,

कोई हमें चाहे या ना चाहे ,

मगर हम तो जरूर चाह लेते हैं।

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।