गुरु खराब होने के 19 लक्षण guru kharab hone ke 19 lakshan

‌‌‌ गुरु खराब होने के लक्षण guru kharab hone ke lakshan ,दोस्तों गुरू दो प्रकार के होते हैं। एक तो एक ग्रह का नाम जिसको ब्रहस्पति के नाम से जाना जाता है। यह सूर्य के बाद सबसे बड़ा ग्रह हमारे सौरमंडल के अंदर मौजूद है। इसी को गुरू के नाम से जाना जाता है। और दूसरा गुरू होता है ज्ञान देने वाला । एक ऐसा गुरू जोकि ज्ञान देता है।‌‌‌स्कूल के अंदर जो शिक्षक आपको बढ़ाते हैं उनको ज्ञान देने वाला गुरू ही बताया गया है। इंसान के पहले गुरू माता पिता होता हैं । क्योंकि वे ही उसे सब कुछ सीखाते हैं और उसके बाद इंसान के दूसरे गुरू शिक्षक होते हैं। वैसे तो हमारे जीवन के अंदर कई सारे गुरू होते हैं।

‌‌‌क्योंकि इंसान के सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। लेकिन हम यहां पर बात कर रहें हैं उस गुरू की जोकि हमारे सौरमंडल मे स्थिति है। उस गुरू का भी हमारे जीवन के अंदर किसी ना किसी तरीके से प्रभाव पड़ता ही है।

धनु और मीन राशि के स्वामी बृहस्पति की मित्रता सूर्य, मंगल, चंद्र से हैं, वहीं शुक्र और बुध इनके शत्रु ग्रह और शनि और राहु सम ग्रह हैं। ऐसा माना जाता है कि गुरु सभी देवी देवताओं के गुरू हैं और वे महर्षि अंगिरा के पुत्र हैं।

गुरु ग्रह आपकी कुंडली के अंदर कैसा है ? इसके बारे मे आपको कुंडली को सही से किसी अच्छे ज्योतिषी को दिखाना होगा । तभी आप सही तरीके से इसके बारे मे जान पाएंगे । यदि आपके पास जन्म कुंडली नहीं है तो आसानी से जन्म प्रमाण पत्र की मदद से बनवा सकते हैं। बस आपको सही समय का पता होना चाहिए ।

‌‌‌वर्तमान मे कुंडली को बनाने का काम ऑनलाइन भी किया जाता है तो वहां पर भी आप करवा सकते हैं। और यदि आप ऑनलाइन नहीं करवा सकते हैं तो ऑफलाइन भी यह काम करवा सकते हैं। कई दुकाने ऐसी होती हैं जोकि कुंडली को बनाने का काम करती हैं। आपने आस पास के ऐरिया के अंदर संपर्क करें ।

‌‌‌यदि आप कुंडली को देखना जानते हैं तो खुद भी देख सकते हैं। यदि आपको इसकी थोड़ी सी भी समझ है तो आप इसको आसानी से देख सकते हैं।गुरु खराब होने के लक्षण के बारे मे हम इस लेख के अंदर विस्तार से बात करने वाले हैं। तो आइए जानते हैं गुरू खराब होने के लक्षणों के बारे मे ।

‌‌‌ गुरु खराब होने के लक्षण guru kharab hone ke lakshan

‌‌‌वैसे तो आप यदि किसी के पास अपनी कुंडली को लेकर जाएंगे तो वह आपने आप ही आपके जीवन के बारे मे अच्छे से बता देगा । लेकिन नीचे कुछ लक्षण दिये गए हैं जिनके आधार पर आप यह अनुमान लगा सकते हैं कि आपका गुरू काफी खराब है और उसके बाद कुंडली भी चैक करवा सकते हैं।

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1.गुरु खराब होने के लक्षण शिक्षा मे प्रगति नहीं

‌‌‌यदि आपकी कुंडली के अंदर गुरू खराब होगा तो पहली बाधा आएगी आपकी शिक्षा कें अंदर जिन लोगों की कुंडली मे गुरू खराब होता है वे सही तरीके से शिक्षा नहीं ले पाते हैं। शिक्षा के प्रति उनकी रूचि होती है वह समाप्त हो जाती है। इस प्रकार के जातक की रूचि फालतू कामों के अंदर बढ़ जाती है।

‌‌‌इस प्रकार के जातक या तो शिक्षा के अंदर बार बार फैल होते हुए देखे जाते हैं या फिर यह बहुत ही कम नंबरों से पास होते हैं। इसके अलावा कई बार यह भी देखा गया है कि जातक बहुत अधिक पढ़ाई तो करते हैं लेकिन उसके बाद भी फैल हो जाते हैं। ‌‌‌लेकिन इनका जो खास लक्षण होता है कि इनकी पढ़ाई के अंदर बार बार बाधा आती है। पढ़ाई से जुड़े हुए किसी भी तरह के काम सही तरीके से पूरा नहीं हो पाता है।

‌‌‌यदि आपका गुरू खराब है तो आप यदि पढ़नें बैठेंगे तो आपका मन ही नहीं लगेगा और यदि आप जबरदस्ती करेंगे तो क्या होगा कि आपको कुछ भी याद नहीं हो पाएगा । यदि आपके साथ लंबे समय से ऐसा चल रहा है तो संभव है कि आपका गुरू खराब हो आपको एक बार अपनी कुंडली को चैक करवा लेना चाहिए ।

‌‌‌कुछ समय ऐसा हो सकता है कि इंसान का पढ़ने का मन ना करें। लेकिन हर बार यदि आपके साथ ऐसा होता है तो फिर समस्या है। आपको यह बतादें कि आपको गुरू को शांत करने के लिए कुछ उपाय करने की जरूरत है।

‌‌‌2.गुरू खराब होने के लक्षण ज्ञान का नाश

दोस्तों शिक्षा ही एक तरह से ज्ञान ही होता है। लेकिन असल मे ज्ञान काफी उपयोगी चीज होती है। शिक्षा के अंदर बहुत सी बकवास बातें आती हैं। लेकिन जिन लोगों का गुरू खराब हो जाता है वे किसी भी तरह से ज्ञान को प्राप्त करने मे असफल हो जाते हैं।

‌‌‌आपको यह तो पता ही होगा कि जीवन के अंदर ज्ञान एक बहुत ही जरूरी चीज होती है। यदि ज्ञान ही नहीं रह पाएगा तो इंसान मूर्खतापूर्ण कार्य करेगा । यदि आपने ध्यान से देखा होगा तो पता चला होगा कि कुछ लोग आपके आस पास ऐसे भी होते हैं जिनको कुछ भी ज्ञान नहीं है वे मूर्खतापूर्ण कार्य करते रहते हैं। जबकि ‌‌‌कुछ तो ऐसे भी होते हैं जिनके पास ज्ञान होने के बाद भी ज्ञान का सही तरीके से उपयोग नहीं हो पाता है।

‌‌‌इसके अलावा कहना तो यह है कि गुरू खराब होने की वजह से इंसान के ज्ञान का नाश हो जाता है। उसे सबकुछ पता होने के बाद भी इंसान ऐसे कार्य करने लग जाता है कि उसके उपर यकीन करना मुश्किल हो सकता है। यदि आपको कुछ ऐसा लग रहा है तो इसका मतलब यह है कि गुरू खराब हो सकता है।

‌‌‌यदि आप अपने आस पास कुछ लोगों को देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि कुछ लोग ऐसे हैं जिनके पास बहुत सारा ज्ञान है लेकिन उसके बाद भी वे अपने ज्ञान का इस्तेमाल नहीं करते हैं। यदि आपके साथ कुछ समय से ऐसा हो रहा है तो इसका मतलब यह हो सकता है कि आपका गुरू खराब हो ।

‌‌‌एक बार आप अपनी कुंडली को किसी योग्य ज्योतिषी के पास लेकर जाएं । और उसके बाद उससे इस बारे मे बात करें। जिससे कि आपको पता चल जाएगा कुंडली खराब है या नहीं है।

‌‌‌3.गलत कार्य करने के बाद भी पछतावा नहीं होना

दोस्तों बहुत सारे आपके आस पास ऐसे लोग होते हैं जिनको कि किसी भी तरह का गलत कार्य करने पर कोई पछतावा नहीं होता है। वे चोरी लूट पाट और मार पीट करते हैं लेकिन उनको अपनी गलती पर पछतावा नहीं होता है।

‌‌‌यदि आप किसी ऐसे इंसान के बारे मे जानते हैं जोकि गलत काम करता है लेकिन उसके बाद भी उसे किसी भी तरह का पछतावा नहीं हो रहा है तो निश्चित रूप से ही उसका गुरू खराब है। क्योंकि गुरू खराब होने पर उस इंसान का ज्ञान नष्ट हो जाता है और ज्ञान नष्ट हो जाने पर ऐसा इंसान गलत को ही सही मान बैठता है।

‌‌‌मैं ऐसे अनेक इंसानों को जानता हूं जोकि गलत को ही सही ठहराते हैं और गलत करने के बाद भी उनको किसी भी तरह का अफसोस नहीं होता है । इस तरह के लोगों का गुरू खराब होता है।

‌‌‌और इस प्रकार के लोग जिनका गुरू खराब होता है वे इस धरती पर होते कम संख्या मे हैं लेकिन यह दूसरे लोगों को काफी अधिक परेशान करते हैं। यह खुद तो बेवकूफ बनते ही हैं दूसरे लोगों को भी अपने जैसा बनाने की कोशिश करते हैं लेकिन ऐसा हो पाना संभव नहीं हो पाता है।

‌‌‌असल मे जो लोग थोड़े भी समझदार होते हैं।वे ऐसा नहीं करते हैं लेकिन जिनका ज्ञान ही नष्ट हो जाता है वे सही तो कर ही नहीं सकते हैं वे तो गलत ही गलत करते जाते हैं।

4.नास्तिक हो जाते हैं

दोस्तों यह बात सच है कि ईश्वर होते हैं। यदि आप ज्ञानी हैं तो आप इस चीज को जान ही नहीं मान भी सकते हैं। हो सकता है सब लोगों के अंदर ईश्वर को जानने की समझ नहीं होती है। ‌‌‌लेकिन उनके अंदर मानने की समझ होती है।असल मे जिन लोगों का गुरू खराब हो जाता है ना तो वे ईश्वर को मानने की क्षमता रखते हैं और ना ही जानने की औकात । इस तरह के लोगों को आप क्या कहेंगे । ऐसा ही हमारे यहां पर एक व्यक्ति है।

‌‌‌जोकि ना तो भूत प्रेत को ही मानता है और ना ही ईश्वर को वह बस नास्तिक है।मैंने उससे कहा कि तुमने कैसे कह दिया कि ईश्वर नहीं है जबकि तुम्हारी आंखें तो सारी चीजें तो तुमको दिखाने मे सक्षम नहीं है। क्योंकि यह बात वैज्ञानिक सिद्ध कर चुके हैं कि इंसान की आंखे सब कुछ नहीं देख सकती हैं।

‌‌‌लेकिन उस इंसान ने इस बात को मान लिया । लेकिन उसके बाद भी जब मैंने पूछा कि ईश्वर होता नहीं है क्यों तो उसने कहा कि ईश्वर को उसने देखा नहीं है इसलिए नहीं होता है।

‌‌‌उसके बाद मैंने उसे कहा कि माइक्रो बैक्टीरिया नहीं होता है। उसने कहा होता है तो मैंने कहा क्या उसको तुमने देखा है ? उसने कहा नहीं तो फिर ईश्वर को भी तूने नहीं देखा लेकिन वह नहीं होता है। एक तरह से दोगली जो बाते होती हैं वे नास्तीक करते हैं।

‌‌‌ईश्वर का मतलब यह है कि आपको जो सहायता दे रहा है वह आपका ईश्वर है जो भले ही इस शरीर मे नहीं है लेकिन आपकी मदद तो कर ही रहा है। ‌‌‌आपको यह पता होना चाहिए कि जिन को हम और आप भगवान समझते हैं वे कभी हम जैसे हुआ करते थे । अपने कड़ी मेहनती साधनाओं के बलबूत्ते पर उन्होंने उस पद को प्राप्त किया है और वे अब अपनी इच्छा मात्र से ही सब कुछ कर सकते हैं। ‌‌‌और जो अपनी इच्छा मात्र से ही सब कुछ कर सकता है उसी को तो ईश्वर के नाम से जाना जाता है।

‌‌‌यदि आप लंबे समय से नास्तिक होते जा रहे हैं तो फिर आपको अपनी कुंडली को लेकर जाना चाहिए और किसी योग्य ज्योतिषी से संपर्क करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌5.पाचन ठीक से नहीं होता है

‌‌‌दोस्तों यदि आपका पाचन ठीक से नहीं होता है तोभी यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपका गुरू खराब हो । वैसे इसका खास लक्षण यह होता है कि आपका पाचन बार बार बिगड़ता रहता है तो इसका मतलब यह होता है कि आपका गुरू खराब है। यदि एक दो बार ऐसे ही बिगड़ जाता है तो यह खाने पीने की वजह से भी हो सकता है।

‌‌‌पाचन का बार बार बिगड़ा अच्छा नहीं होता है। यह कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी कर सकता है। इसलिए जल्दी से जल्दी ईलाज करवाना होता है। और यदि पाचन गुरू के खराब होने से बिगड़ रहा है तो दवाओं से एक बार आराम आएगा और कुछ समय बाद वैसी ही दशा वापस हो जाएगी ।

‌‌‌यदि आपको यह लग रहा है कि आपका गुरू सही नहीं चल रहा है तो आप अपनी कुंडली को किसी ज्योतिषी को दिखा सकते हैं।इसके अलावा पेट खराब होने की वजह से शरीर कमजोर हो जाता है क्योंकि इससे शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं जिससे कि समस्या होने लग जाती है।‌‌‌यदि गुरू की वजह से पाचन सही नहीं चल रहा है तो जल्दी से जल्दी इसका ईलाज किया जाना बहुत ही जरूरी होता है।

‌‌‌6.अपने ज्ञान का अहंकार हो जाना

दोस्तों गुरू के खराब होने का यह भी एक लक्षण होता है। असल मे गुरू जो होता है वह इंसान के ज्ञान को नष्ट कर देता है। अक्ल पर पत्थर डाल देता है। जिससे कि उसे पास जो कुछ भी ज्ञान होता है वह काम नहीं करता है। इस तरह का इंसान बड़ी बड़ी ज्ञान की बातें करता है लेकिन ‌‌‌वह खुद कभी भी ज्ञान की बातों का पालन नहीं करता है। ऐसी स्थिति के अंदर वह एक तरह से ढोंगी बन जाता है। उसे अपने ज्ञान का अहंकार हो जाता है कि देखो उसे कितनी जानकारी है ?

‌‌‌यदि आप रियल लाइफ के अंदर देखेंगे तो आपको यह पता चलेगा कि ऐसे बहुत से लोग है। जिनको कि अपने ज्ञान का अहंकार हो जाता है। और उसके बाद वे बड़ी बड़ी  बातें करते हैं लेकिन रियल लाइफ मे वे बड़ा कुछ नहीं करते हैं बस बड़ी बड़ी बातें करते ही रह जाते हैं।

‌‌‌रावण के बारे मे तो आपने सुना ही होगा रावण के बारे मे यह कहा जाता है कि वह महा ज्ञानी था लेकिन उसके बाद भी उन्हें अपनी शक्तियों का घमंड हो गया । और यही घमंड उसके विनाश का कारण बना ।

‌‌‌झूठा अहंकार किसी काम का नहीं होता है। और जिन लोगों की कुंडली के अंदर गुरू खराब हो जाता है। उनको अहंकार हुए भी रहता नहीं है। तो अपने आप का विश्लेषण करें  और देखें कि कहीं पर गुरू खराब तो नहीं है।‌‌‌यदि गुरू को खराब बताया जाता है तो आपको चाहिए कि आप उसको सही करने के लिए उचित कदम उठाएं । और उसके बाद ही आपके साथ सब कुछ सही होने लग जाएगा ।

7.नैतिकता मे कमी आज जाती है

दोस्तो नैतिकता का मतलब होता है।नीति शास्त्र का ज्ञान एवं उसके अनुरूप किया जानेवाला आचरण। आप आप पूछ सकते हैं कि नीति क्या होती है ? तो दोस्तों नीति शास्त्र के अंदर समाज मे बनाए कई सारे नियम आते हैं। नीति नियमों को भी कानून मे लिया गया है।

‌‌‌जिन व्यक्तियों का गुरू खराब होता है उनके अंदर नैतिकता के अंदर भी कमी आती है। मतलब यह है कि इस ‌‌‌तरह का व्यक्ति हो सकता है कि किसी को गलत सतल बोल दें या फिर ‌‌‌वह समाज के अंदर चलने वाले नियमों को सही तरीके से नहीं मानता हो । ऐसा कुछ भी हो सकता है जोकि नैतिकता के खिलाफ होता हो । इस तरह से इस प्रकार का व्यक्ति सामाजिक रूप से बुरा साबित हो सकता है।

‌‌‌वैसे तो आपको भी पता है कि जो इंसान समाज के अंदर नैतिक नियमों का पालन नहीं करता है उसका क्या होता है ? लोग उसकी बात की कोई भी वैल्यू नहीं करते हैं। और इस तरह के व्यक्ति को समाज के अंदर किसी तरह के निर्णय लेने का अधिक कार समाप्त हो जाता है।

‌‌‌आप खुद अपने अंदर के तौर पर निरिक्षण करें और उसके बाद यह देखें कि कहीं आपकी नैतिकता तो समाप्त नहीं हो रही है। यदि आपकी नैतिकता समाप्त हो रही है तो फिर आपको उचित कदम उठाने की जरूरत होगी ।

‌‌‌8.सिर पर चोटी के स्थान से बाल का उड़ना

दोस्तों हमे नहीं पता लेकिन कुछ जानकार यह बताते हैं इस तरह के व्यक्ति जिनका गुरू अशुभ होता है उनका  चोटी के स्थान से बाल उड़ने लग जाते हैं। आप भी अपने चोटी को ध्यान से देखें। यदि चोटी के स्थान से बाल उड़ रहे हैं तो इसका मतलब यह है कि आपका गुरू ‌‌‌ अच्छा नहीं चल रहा है।इसका पता लगाने के लिए आप अपनी कुंडली को किसी ज्योतिषी के पास लेकर जाएंगे तो ज्योतिषी आपको इस बारे मे काफी बेहतर ढंग से बता देगा । ‌‌‌इसके अलावा आप उससे उपाय भी पूछ सकते हैं वह भी आपको आसानी से बता देगा ।

‌‌‌9.अचानक से दुश्मनों का बढ़ जाना

दोस्तों यदि किसी के गुरू खराब हो जाते हैं तो अचानक से दुश्मनों की बाढ़ आ जाती है।आप अपने दिमाग को दौड़ाते हुए देखें तो आपको पता चल जाएगा कि आपके दुश्मनों की संख्या बढ़ रही है या कम हो रही है। यदि आपके दुश्मनों की संख्या बढ़ रही है तो आपको समझ जाना चाहिए ‌‌‌ कि आपके गुरू खराब हो चुके हैं और आपको अपने गुरू को ठीक करने के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता होती है।

यदि आप धीरे धीरे गुरू को ठीक करने के लिए जैसे ही उपाय करना शूरू करते हैं वैसे वैसे आपके दुश्मनों का मन बदल जाता है और वे आपसे दुश्मनी को भूल जाते हैं। तो आपको समझ जाना चाहिए अब आपके ‌‌‌उपर से गुरू का प्रभाव दूर हो रहा है। यदि कोई मामूली ही जानकार इंसान होता है तो इसको पहचान लेता है। अचानक से दुश्मनों का बढ़ान शुभ संकेत नहीं होता है। जितने अधिक दुश्मन आपके होंगे वे आपके लिए उतना ही अधिक खतरा होंगे जोकि काफी घातक है।

‌‌‌10.धन मे कमी आ जाती है

दोस्तों ऐसा माना जाता है कि यदि किसी इंसान का गुरू कमजोर हो जाता है तो इस तरह का व्यक्ति धन नहीं कमा पाता है और यदि पहले ही अच्छा धन कमा रहा था तो उसके बाद समस्या यह होने लग जाती है कि उसके यहां पर धन की कमी  जाती है और घर मे धन की कमी आने से कई तरह की समस्याएं ‌‌‌आनी शूरू हो जाती है। गुरू ज्ञान देने वाला होता है और यह खराब होने की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इंसान का ज्ञान यदि सही से काम नहीं करता है तो उसके बाद कुछ भी फायदा नहीं होता है।वह कितना भी बड़ा बिजनेस क्यों ना करता हो । सब कुछ घाटे के अंदर चला जाएगा । यदि अचानक से आपके यहां ‌‌‌पर बिजनेस लोस के अंदर जा रहा है तो यह संभव हो सकता है कि आपका गुरू खराब हो । आपने सारे प्रयत्न कर लिए उसके बाद भी आपके पास धन की कमी आ रही है तो यह गुरू के खराब होने के लक्षण हो सकते हैं।

‌‌‌एक बार आप किसी अच्छे ज्योतिषी के पास जाएं और उसके बाद उससे संपर्क करें वह आपको सभी चीजों के बारे मे अच्छे से जानकारी प्रदान करेगा ।और जैसे वो उपाय बताता है आपको उन उपायों को करना होगा उसके बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा ।

‌‌‌11.मन व्यर्थ की चीजों मे फंसने लगेगा

दोस्तों जिस इंसान का गुरू काफी कमजोर हो जाता है उसका मन काफी बिगड़ जाता है वह फालतू चीजों के अंदर लगने लग जाता है। और इंसान को इस बात के बारे मे कोई भी जानकारी नहीं होती है। ‌‌‌और जब एक बार मन व्यर्थ की चीजों के अंदर फंसने लग जाता है तो इसका मतलब यह है कि आपकी पूरी दिनचर्या ही बदल जाती है और उसके बाद आप खुद भी अपने मन के वशीभूत होते हैं तो गलत काम करने लग जाते हैं।

‌‌‌असल मे बहुत से इंसानों की यही समस्याएं होती हैं वे मन का होना खुद का होना ही समझते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर होता क्या है ? अधिक से अधिक समस्याएं ही होंगी और कुछ नहीं होगा ।

‌‌‌वे यह समझ ही नहीं पाते हैं कि उनका मन और वे खुद किस तरीके से अलग हैं ? यही वजह होती है कि जीवन के अंदर वे काफी परेशान हो जाते हैं। यदि आपके मन की दिशा अचानक से बदल रही है तो फिर आपको सावधान हो जाना चाहिए ।

‌‌‌क्योंकि यह हो सकता है कि गुरू के प्रभाव की वजह से आपका मन व्यर्थ के आडंबर की तरफ जा राह हो । लेकिन चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। बस आपको सावधानी बरतने की जरूरत है।

‌‌‌यदि आपके अंदर इस तरह का कोई भी लक्षण नजर आ रहा है तो आपको चाहिए कि आप एक बार अपनी कुंडली को लेकर जाएं और किसी ज्योतिषी से परामर्श करके उचित कदम उठाने का प्रयास करें । वह जो चीजें बताएंगे उनको ही आपको फोलो करना होगा ।

‌‌‌गुरू आपके मन को प्रभावित करता है और मन जो है वो ज्ञान से नियंत्रित होता है गुरू की कमजोरी की वजह से ज्ञान काम नहीं करता है तो मन नियंत्रण से बाहर हो जाता है।

‌‌‌12.व्यक्ति के मान सम्मान मे कमी आती है

इस जीवन के अंदर हर कोई मान सम्मान चाहता है। और कोई भी इंसान बिना मान सम्मान के रहना पसंद नहीं करता है। लेकिन यदि कुंडली के अंदर गुरू खराब स्थिति के अंदर हो तो व्यक्ति के मान सम्मान मे कमी आने लग जाती है।

‌‌‌आप खुद यह देखें कि पहले कि तुलना मे आपके मान सम्मान पर क्या फर्क पड़ा है ? यदि आपको यह लगता है कि आपका मान सम्मान पहले की तुलना मे कम हुआ है तो उसके बाद आप यह कर सकते हैं कि अपनी कुंडली को लेकर किसी ज्योतिषी को दिखाएं । और उसके बाद वे आपको आसानी से बतादेंगे कि ‌‌‌ आपको क्या करना है और क्या नहीं करना है ? मान सम्मान मे कमी का एहसास आसानी से कोई भी कर सकता है। व्यक्ति के मान सम्मान मे कमी तब आती है जब उसकी बुद्धि नष्ट हो जाती है क्योंकि बिना बुद्धि के वह ऐसे काम करता है जिनकी वजह से उसके मान सम्मान को बट्टा लग जाता है।

‌‌‌13.पेट से संबंधित रोग

दोस्तों गुरू पेट से जुड़े रोगों का कारण भी होता है जैसे कि पेट से जुड़े रोग हो सकते हैं। पाचन मे समस्याएं होना और पेट दर्द । यदि आपको काफी समय से पाचन की समस्याएं हो रही हैं तो हो सकता है कि आपका गुरू खराब हो आपको अपने गुरू को मानने के उपाय करने चाहिए । ‌‌‌लेकिन आपको इस बात को ध्यान रखना होगा कि पेट की समस्या के लिए डॉक्टर की सलाह भी लेनी होगी । आप सिर्फ गुरू को शांत करके पेट की समस्या का हल नहीं कर सकते हैं।

‌‌‌14.उच्च पद पाने मे समस्या होना

दोस्तों यदि आपकी कुंडली मे गुरू अच्छी स्थिति मे नहीं है तो आपको उच्च पद पाने मे समस्या होगी । आप बस छोटी मोटी नौकरी करते ही रह जाएंगे । उच्च पद को प्राप्त नहीं कर पाएंगे। यदि आप उच्च पद को बार बार प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उसके बाद भी प्राप्त ‌‌‌ नहीं कर पा रहे हैं तो हो सकता है कि आपका गुरू अच्छी स्थिति के अंदर नहीं हो । बेहतर यही होगा कि उच्च पद के लिए आप पहले ही प्रयास करें और उसके बाद उसे प्राप्त करने के लिए उचित कदम उठाएं ।

‌‌‌यदि आपकी समस्या का सामधान नहीं होता है तो उसके बाद अपनी कुंडली को लेकर किसी ज्योतिषी के पास जाएंगे तो वह आपको उचित समाधान बतादेंगे ।लेकिन आपको यह भी पता होना चाहिए कि जरूरी नहीं है कि समस्या गुरू की वजह से हो समस्या अन्य कारणों से भी हो सकती है।

‌‌‌क्योंकि कई बार है उच्च पद तो प्राप्त करना चाहते हैं लेकिन हमारे अंदर पहले से ही उसको पाने की योग्यता नहीं होती है तो फिर कैसे होगा । लेकिन कुछ लोग ऐसे होते है। जिनके अंदर उच्च पद को प्राप्त करने की योग्यता होती है लेकिन उसके बाद भी वे प्राप्त नहीं कर पाते हैं।

‌‌‌15.चल सकता है पिता से विवाद

दोस्तों यदि पिता से विवाद चल रहा है तो समझो आपको गुरू खराब हो चुका है। आपने बहुत सारे ऐसे लोग देखेंगे होंगे जिनका अपने पिता से किसी बात को लेकर विवाद होता है। ऐसी स्थिति के अंदर उनके गुरू के खराब होने के बारे मे भी यह संकेत देता है। यदि आपका भी आपके पिता से ‌‌‌विवाद चल रहा है तो यह अच्छा संकेत नहीं है। इसका मतलब यह है कि आपका गुरू खराब हो चुका है और आपको अपने गुरू को सही करने के लिए उचित कदम उठाने की जरूरत होगी ।ताकि सब कुछ सही हो जाए।

‌‌‌आप अपनी कुंडली को लेकर किसी ज्योतिषी के पास जा  सकते हैं और उसके बाद उससे इस बारे मे पूछ सकते हैं वे आपकी समस्याओं का समाधान भी बताएगा । और उसके बताए उपायों पर आपको अमल करना होगा ।

‌‌‌16.व्यक्ति बहुत अधिक झूंठ बोलने लग जाता है

दोस्तों यदि किसी का गुरू खराब हो जाता है तो उसके बाद व्यक्ति बिना कारण ही झूंठ बोलने लग जाता है क्योंकि उसे झूंठ बोलने मे रस आने लग जाता है। यदि आपको इस तरह का कोई व्यक्ति दिखाई देता है जोकि बात बात पर झूंठ बोलता है तो इसका मतलब आपको यह ‌‌‌समझ लेना चाहिए कि उसका गुरू खराब हो चुका है और उसको उचित कदम की आवश्यकता है। लेकिन असल मे आपको यह समझना होगा कि रियल लाइफ के अंदर कई इस तरह के व्यक्ति होते हैं जोकि बहुत अधिक झूंठ बोलते हैं और बोलते ही जाते हैं।उनको किसी तरह के गुरू की चिंता नहीं होती है। क्योंकि उनकी जीवन बस उसी ‌‌‌चीज के अंदर सैट हो जाता है। लेकिन बाद मे वे बस उससे भी बदतर हालत के अंदर चले जाते हैं।

‌‌‌17.व्यक्ति अधिक शराब और मांस खाता है

दोस्तों खराब गुरू की एक निशानी यह है कि व्यक्ति अधिक शराब और मांस खाने लग जाता है। यदि आपने देखा हो तो कई ऐसे व्यक्ति होते हैं जोकि बुरी तरह से शराब का सेवन करते हैं। वे हद से अधिक शराब पीते हैं। और मांस का सेवन करते हैं। और कई तो इतनी अधिक ‌‌‌शराब का सेवन करते हैं कि कई बार रोड़ के उपर पड़े हुए देखे जा सकते हैं। और उनके घरवाले उनको घर मे पकड़कर छोड़कर आते हैं। कई बार ऐसा हमारे साथ भी हो चुका है । तो इस तरह के लोगों का गुरू काफी खराब हो चुका होता है।

‌‌‌18.विवाह मे देरी

दोस्तों गुरू यदि कमजोर है या गुरू खराब है तो यह एक लक्षण भी देखने को मिलता है। यदि आप विवाह के लिए काफी घूम रहे हैं लेकिन उसके बाद भी विवाह नहीं हो रहा है तो इसका मतलब यह हो सकता है कि आपका गुरू खराब हो । कई ऐसे लड़के हैं जिनका गुरू खराब हो जाता है जिसकी वजह से उनके ‌‌‌विवाह मे काफी समस्याएं आने लग जाती हैं।

विवाह मे देरी होने की वजह से कई सारी परेशानियां भी पैदा हो जाती हैं। यदि विवाह मे देरी हो रही है तो इसका पता लगाने के लिए आपको एक बार चाहिए कि आप किसी अच्छे ज्योतिषी के पास जाएं और उनको अपनी कुंडली दिखाएं । यदि उसके अंदर कुछ समस्या होगी तो ‌‌‌ वह आपको बतादेंगा । और उसके बाद आप कुछ उपाय कर सकते हैं जिससे कि गुरू काफी मजबूत हो सकता है।

19.काम में असफलता

यदि गुरू खराब होता है तो काम मे असफलता मिलती है। आप जो भी काम कर रहे हैं उसके अंदर आपको सफलता नहीं मिलेगी । बार बार असफलता मिलेगी । जिससे कि आपको नुकसान होगा और आपके मन मे नकारात्मकता फैल जाएगी । यही गुरू खराब होने का लक्षण होता है।‌‌‌लेकिन आपको किसी अच्छे ज्योतिषी से संपर्क करना चाहिए । वह आपको उचित कदम उठाने के तरीके बतादेंगे । जिससे कि आपकी कुंडली के अंदर सब कुछ सही हो जाएगा ।

गुरु ग्रह को मजबूत करने के उपाय

दोस्तों अब तक हमने यह जाना कि गुरू खराब होने के लक्षण के बारे मे उम्मीद करते हैं कि आपको यह सब जानकारी अच्छी तरह से समझ मे आ गई होगी । अब हम आपको बताएंगे कि गुरू को मजबूत करने के लिए कौन कौनसे उपाय आप कर सकते हैं ? उसके बारे मे हम आपको विस्तार से बताएंगे ।

 ‌‌‌गुरूवार का व्रत करना

दोस्तों जिन लोगों का गुरू कमजोर होता है उन लोगों को चाहिए कि गुरूवार का व्रत करना चाहिए । आप यह व्रत हर सप्ताह कर सकते हैं। इस दिन पीले वस्त्रों को धारण करना चाहिए और व्रत करने की विधि और तरीके को आप इंटरनेट पर सर्च कर सकते हैं। यदि आप यह व्रत लगातार 1 साल तक करते ‌‌‌ हैं तो उसके बाद आपको इसका फायदा देखने को मिलेगा । कुल मिलाकर यह आपके लिए काफी फायदेमंद होगा आप इसका प्रयोग कर सकते हैं।

‌‌‌गुरू के मंत्र का जाप करें

यदि आप अपने गुरू को मजबूत करना चाहते हैं तो गुरू मंत्र का जाप कर सकते हैं। इसके लिए आपको ओम ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:  मंत्र का रोजाना 16 ‌‌‌माला जाप करना होगा । आप नहाधोकर एक आसान पर बैठें और उसके बाद इस मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से भी गुरू काफी मजबूत होता है।

‌‌‌बेसन से बनी चीजों का सेवन करें

दोस्तों जिन लोगों का गुरू कमजोर होती है उनको पीली चीजों का सेवन करना चाहिए । पीली चीजों के अंदर जैसे कि बेसन से बनी चक्की और बेसन से बने लड्डू आदि का आप सेवन कर सकते हैं। यह सब करने से काफी फायदेमंद चीजें हो सकती हैं। जैसे कि आपके उपर जो गुरू का असर होता है ‌‌‌वह धीरे धीरे काफी कमजोर हो जाता है और उसके बाद गुरू का बुरा असर आपके उपर से हट जाता है। इसके अलावा यदि आप किसी जानकार को जानते हैं तो उससे भी परामर्श कर सकते हैं ताकि काफी फायदेमंद होगा ।

‌‌‌पीली चीजों का दान करें

दोस्तों ‌‌‌यदि आप अपने गूरू को काफी मजबूत करना चाहते हैं तो इसके लिए आप कई चीजों का दान कर सकते हैं। इसके अंदर खास कर पीली चीजें आती हैं जैसे कि पीला हल्दी ,शहद ,पीले वस्त्र और पुखराज और कोई भी पीली वस्तु आप दे सकते हैं। आप इनको किसी भी मंगते भिखारी को दे सकते हैं। अक्सर हमारे यहां पर भिखारी आते ‌‌‌रहते हैं तो आप उनको दे सकते हैं। ताकि सब कुछ सही हो जाएगा । यदि आप यह चीजें किसी भी गुरूवार के दिन दान करते हैं तो अधिक फायदेमंद होता है।

‌‌‌पुखराज को पहने

जिन लोगों का गुरू कमजोर होता है उनको ‌‌‌पुखराज  को पहनना चाहिए ।पुखराज गुरू ग्रह का रत्न होता है और इसका रंग पीला होता है।यदि आपकी कुंडली मे गुरू की समस्या है तो फिर आपको पुखराज को धारण करना चाहिए । इसको पहनने से सुख और समृद्धि आती है।

‌‌‌यदि आप पुखराज पहन रहे हैं तो पहले आपको किसी अच्छे ज्योतिषी से संपर्क करना होगा । क्योंकि इसको धारण करने का तरीका आप उनसे ही पूछ सकते हैं कई ज्योतिष केंद्र होते हैं जोकि इस तरह के रत्न को बेचने का काम करते हैं तो आप उनसे ही इसको खरीद सकते हैं और उसके बाद उनसे ही इसको पहनने की विधि के ‌‌‌ बारे मे पूछ सकते हैं वे आपको इसको पहनने की विधि के बारे मे ठीक तरह से बतादेंगे ।

‌‌‌रही बता पुखराज को खरीदने की तो आप इसको आसानी से ऑनलाइन या ऑफलाइन खरीद सकते हैं। वहां पर यह आसानी से मिल ही जाता है।

‌‌‌सुनेला धारण करें

दोस्तों सुनेला को पुखराज का उपरत्न माना जाता है। यदि आपका गुरू कमजोर है तो आप सुनेला भी धारण कर सकते हैं।इसको धारण करने से गुरू से जुड़े दोष दूर होते हैं मान सम्मान बढ़ता है और शिक्षा की कमी दूर होती है।इसके अलावा सामाजिक कार्यों के अंदर रूचि भी बढ़ती है।

‌‌‌इस रत्न को धारण करने का तरीका यह है कि आप सबसे पहले इसको कच्चे दूध से स्नान करवाएं या फिर गंगाजल से स्नान करवाएं । उसके बाद इसको जिस रंग का रत्न हो उसी रंग के कपड़े का टुकड़ा बिछाएं और फिर शुद्ध घी का दीपक जलाकर सुनेला रत्न के अधिष्ठाता ग्रह गुरु के मन्त्र का यथा इच्छा संख्या में जाप करें। गुरु का मंत्र है – ॐ बृहस्पतये नम:। ‌‌‌उसके बाद उगते हुए सूर्य को इस रत्न को दिखाएं और फिर आप इसको धारण कर सकते हैं। दोस्तों यदि आप यह विधि खुद नहीं कर सकते हैं तो किसी दूसरे की मदद ले सकते हैं।

‌‌‌बड़े लोगों का सम्मान करें

दोस्तों अपने माता पिता और गुरू का समान करने से भी गुरू काफी मजबूत होता है। यदि आपका गुरू पहले से काफी कमजोर है तो अपने माता पिता का समान करें और बुजुर्गों का सम्मान करें। ऐसा करने से भी गुरू काफी मजबूत होता है।

‌‌‌कुछ लोग ऐसे होते हैं जोकि अपने से बड़ों का सम्मान नहीं करते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर उनका गुरू काफी कमजोर हो जाता है और उसके बाद अशुभ फल देने लग जाता है।‌‌‌इसलिए अपने बच्चों को भी बड़ो का समान करना सिखाया जाना चाहिए । गुरु खराब होने के लक्षण के बारे मे इस लेख मे हमने विस्तार से जाना उम्मीद करते हैं कि आपको यह पसंद आया होगा यदि इस संबंध मे आपका कोई विचार हो तो नीचे कमेंट करके हमें बताएं उम्मीद करते हैं कि आपको सब कुछ पसंद आ गया होगा ।

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।