कान का मैल निकालने का 14 उपाय kan ka mail nikalne ka upay

कान का मैल निकालने का उपाय , kan ka mail nikalne ka tarika ,कान के अंदर मेल का जमना बहुत ही आम बात होती है।लेकिन हममेसे अधिकतर लोग ऐसे होते हैं जोकि इस पर ध्यान नहीं देते हैं। क्योंकि यह समस्या पैदा नहीं करता है। जब हम नहाते हैं तो कान को मामूली सा साफ कर लेते हैं जिससे कि कान के अंदर जमा हुआ मेल बाहर नहीं दिखता है। और हमे लगता है कि कान साफ है। ‌‌‌लेकिन कान के अंदर ही ही अंदर कचरा जमता रहता है। काफी लंबे समय तक यदि आप इसकी सफाई नहीं करते हैं तो फिर यह कठोर हो जाता है और बाद मे इसको निकालना काफी कठिन हो जाता है। कान के अंदर जमे मैल की वजह से इसके अंदर हानिकारक बैक्टिरिया पनप सकते हैं।

‌‌‌कई बार कान के अंदर जमे मैल की वजह से सुनाई देना भी कम हो जाता है।जब हमे सुनाई देना कम हो जाता है तो फिर हम डॉक्टर के पास भाग कर जाते हैं कि कान मे समस्या हो गई है। और डॉक्टर कान से मैल निकालता है।

कान का मैल निकालने का उपाय

‌‌‌इसके अलावा कान के अंदर मैल धीरे धीरे जमता है। अंदर तक सफाई करना संभव नहीं होने की वजह से यह अधिक मात्रा मे एकत्रित हो जाता है। इसके अलावा कान को जब हमे साफ करना होता है तो हम अधिकतर केस मे गलत तरीके का ही प्रयोग करते हैं। कान के अंदर तिल्ली डालते हैं या फिर रूई से बना हुआ कान साफ करने का ‌‌‌डालते हैं लेकिन यह कान साफ करने का सही तरीका नहीं होता है।इससे आपके कान के अंदर और अधिक समस्याएं हो सकती हैं। ‌‌‌कान के अंदर एक नाजुक पर्दा होता है। यदि कोई नुकिली चीज इस पर्दे पर लग जाती है तो यह फट सकता है और आपको सुनाई देना बंद हो जाता है।

‌‌‌कान के अंदर मैल जमा होना एक तरह से नैचुरल प्रक्रिया होती है। पहले कान के अंदर मैल धीरे धीरे जमा होता है। उसके बाद यह कान के पर्दे के पास जमा होता है। और कान के पर्दे की भी रक्षा करता है। बाद मे कठोर हो जाने की वजह से कान के पर्दे को किसी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता है।

‌‌‌लेकिन अधिक मात्रा मे कान के अंदर मैल का जमना सही नहीं होता है। यह समस्या पैदा करने लग जाता है। इसलिए कान के अंदर मैल के अधिक होने पर आप इसको घरेलू उपचार की मदद से निकाल सकते हैं। ‌‌‌वैसे कान के अंदर जमे मैल को रोजाना साफ नहीं किया जा सकता है लेकिन समय समय पर साफ कर लेने से किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती है।

Table of Contents

‌‌‌ 1.कान का मैल निकालने का तरीका कान मे मैल जमा होने के लक्षण

दोस्तों कान के अंदर जमे मैल को इयर वैक्स के नाम से जाना जाता है।वैसे तो कान के अंदर जमा मैल किसी तरह की परेशानी पैदा नहीं करता है लेकिन इसके कुछ सामान्य लक्षण आपको नजर आ सकते हैं। जो इस प्रकार से हैं।

  • ‌‌‌कान मे दर्द होना कान मे मैल होने का प्रमुख लक्षण हो सकता है।कान के अंदर दर्द होने का पहला कारण कान के अंदर कोई फुंसी होने की वजह से हो सकता है। आप अपने कान के अंदर देखें यदि कोई फुंसी नहीं है उसके बाद भी कान मे दर्द हो रहा है तो संभव है कि कान के मैल की वजह से ऐसा हो रहा है।
  • ‌‌‌कान का भरा महसूस होना भी कान मे मैल के जमा होने का लक्षण होता है।आप अपने कान को चैक करें । यदि आपको यह एहसास होता है कि आपका कान जैसे भर गया है तो यह कान मे जमा हुए मैल का लक्षण ही होता है। कान मे जमा मैल की वजह से कान भरा हुआ महसूस होता है।
  • ‌‌‌कान मे आवाज आना भी कान मे मैल होने का लक्षण होता है।जैसे कि कान मे जब मैल जमा हो जाता है तो कान के हिलने से आवाज सुनाई देती है। यदि आपको भी इस प्रकार की आवाज सुनाई दे रही है तो संभव है कि कान के अंदर मैल जमा हो गया है।
  • ‌‌‌कम सुनाई देना भी कान मे मैल होने का एक लक्षण होता है।कान के अंदर मैल जमा होने पर कम सुनाई देने लग जाता है। यदि आपके साथ ऐसा हो रहा है तो कान मे मैल जमा हो सकता है।

2.कान का मैल निकालने का तरीका ‌‌‌बेकिंग सोड़ा

‌‌‌बेकिंग सोड़ा आपके घर के अंदर आसानी से मिल जाएगा ।यदि घर के अंदर मौजूद नहीं है तो आप इसको बाजार से आसानी से खरीद सकते हैं। यह सफेद रंग का पदार्थ होता है।बेकिंग सोडा को सोडियम बाइकार्बोनेट के नाम से भी जाना जाता है।इसके अल्काइन सब्सटेंस में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण मौजूद होते हैं।

‌‌‌कान का मैल निकालने के लिए बैकिंग सोड़ा काफी फायदेमंद होता है।यह कान के अंदर जमे हुए मैल को साफ करता है। और फिर इसको आसानी से निकाला जा सकता है।

‌‌‌इसके लिए आधा चम्मच सोडा ले और इसके अंदर 60 एमएल पानी के अंदर इसको घोलें । उसके बाद इसकी 5 से 10 बूंद कान के अंदर डालकर कान को उपर की तरफ लेट कर सो जाएं । ‌‌‌आपको कम से कम एक घंटे या फिर आधा घंटे इसी स्थिति के अंदर सोना होगा। उसके बाद आप कान के अंदर से मैल को निकाल सकते हैं। इसके लिए किसी बड़े कपड़े का आप प्रयोग कर सकते हैं।

3.कान का मैल निकालने का उपाय बेबी ऑयल

बेबी ऑयल के बारे मे आप जानते ही होंगे और आपने इसका यूज भी किया होगा ।इस ऑयल का प्रयोग बच्चों की मालिस करने के लिए किया जाता है।हैवी मैकअप को हटाने के लिए बेबी ऑयल का प्रयोग किया जाता है।

‌‌‌बैबी ऑयल को आप मार्केट से खरीद सकते हैं।यदि आपके घर के अंदर कोई बेबी है तो आपको इस ऑयल का प्रयोग करना चाहिए ।

बेबी ऑयल की मदद से आप कान की भी सफाई कर सकते हैं। ‌‌‌इसके लिए एक ड्रापर की मदद से आप बेबी ऑयल की 5 बूंद को अपने कान के अंदर डाले और उसके बाद कान को एक ही स्थिति के अंदर 5 मिनट तक रखें। उसके बाद कान को साफ कर लें। यह दिन के अंदर 3 बार करें । ऐसा करने से कान के अंदर मौजूद मैल बाहर निकल आएगा । कान को साफ करने का यह अच्छा तरीका है।

‌‌‌4.कान का मैल निकालने का घरेलू उपाय बादाम का तेल

‌‌‌बादाम का तेल भी कई घरों के अंदर आसानी से मिल जाता है।बादाम का तेल खाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा त्वचा पर भी इसको लगाया जाता है। आपके घर मे यदि बादाम का तेल नहीं है तो आप बाजार से इसको खरीद सकते हैं।

‌‌‌कान के मैल को निकालने के लिए बादाम के तेल को गुनगुना गर्म करें ।उसके बाद इसकी 4 बूंद कान के अंदर डालें फिर कान का कठोर मैल नर्म हो जाएगा और उसके बाद आप इसको आसानी से बाहर निकाल सकते हैं ।

5.सेब का सिरका कान का मैल निकालने के लिए

एप्पल साइडर विनेगर नाम से भी सेब के सिरके को जाना जाता है। यह लंबे समय तक खराब नहीं होता है। आपइसको बाजार से आसानी से खरीद सकते हैं।इसका प्रयोग बालों से रूसी हटाने , त्वचा के निखार के लिए ,मोटापा दूर करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।

‌‌‌सेब के सिरके से कान का मैल निकालने के लिए एक चम्मच सिरका लें और उसके अंदर आधा चम्मच पानी मिलाएं । उसके बाद इसको अपने कान के अंदर डालदें। अब कुछ समय तक कान को उपर की तरफ करके लैटे रहें । फिर कान को साफ करें । यदि एक बार मे कान का मैल नहीं निकलता है तो फिर दूसरी बार प्रयोग करें ।

‌‌‌6.लहसुन का तेल कान मे डालकर कान के मैल को निकालना

‌‌‌लहसुन ऑयल की मदद से भी आप कान के मैल को निकाल सकते हैं।इसके लिए लहसुन की कुछ कलियां ले । इनको पैन मे नारियल के तेल मे डालकर गर्म करें फिर लहसुन को कूट डालें ।और लहसून के भूरा होने के बाद छान कर इस तेल को ठंडा होने पर कान मे डालदें। कुछ समय ऐसे ही रहने दें। उसके बाद कान को अच्छे से साफ करदें।

कान का मैल निकालने का घरेलू उपाय

‌‌‌7. कान का मैल निकालने का घरेलू उपाय नारियल के तेल से कान का मैल निकालें

नारियल का तेल को लगभग हर घर के अंदर आसानी से मिल जाएगा ।इस तेल का प्रयोग हम अक्सर बालों पर लगाने के लिए करते हैं।नारियल के तेल को हल्का सा गर्म करें । उसके बाद ड्रोपर मे डालें और कान के अंदर 5 बूंद डालदें। 10 मिनट तक कान को उपर की तरफ रखें ।‌‌‌

कान के अंदर तेल डालने से कान मे मौजूद मैल नरम हो जाता है। नारियल का तेल कान को साफ करने के लिए काफी अधिक बार अपनाया गया तरीका है।‌‌‌यह नारियल का तेल कान मे संक्रमण को दूर करता है और जीवों की उत्पति को रोकने का कार्य करता है।

8.ग्लिसरीन से कान का मैल निकालें

ग्लिसरीन की मदद से भी आप कान का मैल निकाल सकते हैं।ग्लिसरीन अक्सर पीएच स्तर को संतुलित करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह त्वचा के लिए काफी उपयोगी होती है।ग्लिसरीन की कुछ बूंदे कान के अंदर डालें और कान को उपर की ओर कुछ समय तक रखें। उसके बाद कान के अंदर का मैल बाहर आ जाता है ।ग्लिसरीन का प्रयोग कई ऐसी दवाओं के अंदर किया जाता है जो कान के मैल को साफ करती हैं।ग्लिसरीन का प्रयोग एक लुब्रीकेंट के रूप मे भी प्रयोग किया जाता है।

‌‌‌9.कान का मैल निकालने का तरीका जैतून का तेल

दोस्तों जैतून के तेल से भी कान के मैल को बाहर निकाला जा सकता है।जैतून के तेल कई तरीकों से प्रयोग किया जा सकता है। खाने के अंदर भी इसका प्रयोग होता है। इसके अलावा ।त्वचा पर मालिस करने के लिए भी जैतून के तैल का प्रयोग किया जा सकता है।

‌‌‌इसके लिए जैतून के तैल को गर्म करें । जब यह गुनगुना हो जाए तो फिर ड्राप मे डालें और कान के अंदर इसकी कुछ बूंदडालदें ।जैतून के तैल की चिकनाई से कान के अंदर जमा हुआ मैल नर्म हो जाता है और उसके बाद कान से मैल बाहर आसानी से निकाला जा सकता है।

‌‌‌जैतून के तेल को 2 से 3 दिन के अंतराल पर आजमाते रहें ।ऐसा करने से सख्त से सख्त कान का मैल भी आसानी से बाहर निकल आएगा ।

‌‌‌10.नमक का प्रयोग

क्या आप जानते हैं कि नमक की मदद से भी कान के मैल को बाहर निकाला जा सकता है।इसके लिए आधा कप गर्म पानी मे एक चम्मच नमक डालें ।उसके बाद एक रूई की मदद से कान के अंदर इस पानी की कुछ बूंद डालें। उसके बाद कुछ समय तक एक ही स्थिति के अंदर बैठे रहें । ‌‌‌उसके बाद जब मैल पानी को सोख लेता है तो यह नर्म हो जाता है।और उसके बाद आप कान को नीचे की तरफ करेंगे तो धीरे धीरे कान का मैल बाहर आ जाएगा ।

‌‌‌नमक का पानी कान का मैल निकालने वाली दवाओं के अंदर काफी कारगर सिद्ध होता है।इसका उपयोग आप आसानी से कर सकते हैं। और इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है।

11.Rubbing Alcohol से कान को साफ करें

एममेरी व्यक्तिगत देखभाल और घरेलू सफाई के लिए रबिंग अल्कोहल के कई संभावित उपयोग हैं। इन उपयोगों में काटने और छेदने की सफाई, गंध को खत्म करना और घर के भीतर की सतहों और वस्तुओं की सफाई और कीटाणुरहित करने के लिए रबिंग अल्कोहल का प्रयोग किया जाता है।

Rubbing Alcohol और सफेद सिरके को आपस मे मिलाएं और उसके बाद इसको कान के अंदर डालें ।उसके बाद कान का मैल आसानी से निकल जाएगा । कान का मैल बाहर निकालने का यह अच्छा तरीका है। ‌‌‌अल्कोहल के अंदर मैल छूटाने वाले तत्व होते हैं।यह मैल को बाहर निकालने के लिए यह काफी अच्छा तरीका है।

‌‌‌12. कान का मैल निकालने का उपाय प्याज और गर्म पानी का प्रयोग करें

दोस्तों प्याज और गर्म पानी की मदद से भी आप कान के मैल को बाहर निकाल सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले प्याज को उबाल लें फिर इसका पानी कान के अंदर डालें। ध्यानदें पानी अधिक गर्म नहीं होना चाहिए । ‌‌‌पानी को कान के अंदर डालने के बाद कान को कुछ समय ऐसे ही रहने दें फिर कान की अंदर से सफाई करलें ।

‌‌‌13.कान का मैल निकालने का उपाय सरसों का तेल

दोस्तों घर के अंदर शुद्ध सरसों का तेल आपको मिल जाएगा ।सरसों के तेल को कान मे डालने के लिए अक्सर प्रयोग किया जाता है। सरसों के तेल को गर्म करके गान के अंदर डालें जब यह मामूली गर्म हो । इससे कान मे जमा मैल नर्म हो जाएगा । उसके बाद आप  ‌‌‌उसे बाहर निकाल सकते हैं।

‌‌‌14.कान का मैल निकालने की दवा हाइड्रोजन पेरोक्साइड (Hydrogen Peroxide)

हाइड्रोजन पेरोक्साइड (Hydrogen Peroxide) एक कान का मैल निकालने की दवा है।जो कान के मैल को नर्म करने का कार्य करती है। जिससे की कान के मैल को आसानी से बाहर निकाला जा सके ।‌‌‌यह दवा कान मे डालने पर कान का मैल काफी नरम हो जाता है।और उसके बाद कान के मैल को कपड़े की मदद से साफ करके हटाया जा सकता है। कान के अंदर बिना जानकारी के तीखी वस्तु नहीं डालनी चाहिए वरना कान मे चोट पहुंचा सकती हैं।

‌‌‌इस दवा के अलावा भी बहुत सारी कान का मैल निकालने की दवाएं आपको मेडिकल स्टोर पर मिल जाएंगी । आप उनको खरीद कर भी कान का मैल निकाल सकते हैं। लेकिन बिना जानकारी के प्रयोग नहीं करना चाहिए । यह नुकसान पहुंचा सकता है।

  • ‌‌‌सबसे पहले जिस कान की सफाई करनी है उसको उपर की तरफ करके लैट जाएं ।उसके बाद कान के अंदर हाइड्रोजन पेरोक्साइड को डालें । आप चाहें तो अपने सिर के नीचे कोई ऐसा कपड़ा ले सकते हैं जिससे कि बिस्तर खराब ना हो ।
  • ‌‌‌अब जैसे ही हाइड्रोजन पेरोक्साइड कान के अंदर जाएगा झाग बनाना शूरू कर देगा और इस दौरान कान के अंदर आपको झाग दिखाई दे सकते हैं।
  • ‌‌‌मिनट तक अपने कान को इसी स्थिति के अंदर रहने दें । उसके बाद कान को नीचे की ओर घूमा देना है। जिससे कान मे मौजूद तरल पदार्थ और मैल बाहर आ जाएगा । आप बस कान के बाहर से ही कपड़े की मदद से मैल को साफ करेंगे ।
  • ‌‌‌उसके बाद आप इसी प्रक्रिया को भी दूसरे कान के साथ दौहरा सकते हैं।

‌‌‌कान के मैल के फायदे

‌‌‌कान के मैल के फायदे

दोस्तों आपको यह अजीब लग सकता है लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि कई मामलों मे कान मे जमा मैल काफी फायदेमंद होता है। जिनके बारे मे हम यहां नीचे चर्चा करने वाले हैं।

‌‌‌कान के पर्दे को सुरक्षा प्रदान करता है

दोस्तों कान का मैल कान के पर्दे को सुरक्षा प्रदान करता है। यह मैल कान के पर्दे की तरफ जम जाता है जिसकी वजह से कोई भी चीज यदि गलती से कान मे चली जाती है तो वह कान के पर्दे तक नहीं पहुंच पाएगा । इस प्रकार से कान का मैल कान के पर्दे की सुरक्षा करता है।

‌‌‌कान का मैल कीटो से सुरक्षा देता है

दोस्तों कान का मैल कान के आगे नली मे जमा होता है। इस वजह से यदि कोई कीट या बैक्टिरिया कान के अंदर पहुंच भी जाता है तो यह कान के पर्दे तक नहीं पहुंच पाएगा । इस प्रकार से कान का मैल कीटों से सुरक्षा प्रदान करता है।

‌‌‌धूल और कचरा कान मे जाने से रोकता है

कान का मैल कान की नली मे जमा हो जाता है जिसकी वजह से कचरा कान मे नहीं प्रवेश कर पाता है। यह कान की नली मे ही अटक जाता है जिसको आसानी से बाहर निकाला जा सकता है। ‌‌‌इस प्रकार से कान का मैल कचरे को कान से बाहर निकालने मे काफी मदद करता है।

‌‌‌कान मे चिकनाई को बनाए रखता है कान का मैल

दोस्तों कान का मैल एक स्नेहक की तरह कार्य करता है। यह कान के अंदर चिकनाई को बनाए रखता है। जिसकी वजह से कान मे किसी भी तरह का बैक्टिरिया और संक्रमण नहीं हो पाता है। इस प्रकार से यह आपके कान के अंदर होने वाली समस्या को रोक देता है।

‌‌‌कान के सूखेपन को दूर करता है

जब कान के अंदर सूखापन आ जाता है तो खान मे खुजली आ जाती है। ऐसी स्थिति को दूर करने के लिए भी कान का मैल काफी फायदेमंद होता है।

कान का मैल या कर्णमल को ग्रामीण क्षेत्रों में ‘ठेक’, ‘खोंठ’ या खूँट भी कहते हैं, मानव व दूसरे स्तनधारियों की बाह्य कर्ण नाल के भीतर स्रावित होने वाला एक एक पीले रंग का मोमी पदार्थ है।

‌‌‌कान के मैल का संघटन

कर्णमल के प्राथमिक घटक कर्ण नाल की मृत त्वचा होती है। कर्णमल का लगभग 60% हिस्सा किरेटिन, 12-20% संतृप्त और असंतृप्त लंबी श्रृंखला वाले वसीय अम्ल, अल्कोहल, स्क्वालीन और 6-9% कोलेस्ट्रॉल होता है

‌‌‌कान के मैल के बारे मे कुछ क्रेजी तथ्य

‌‌‌आइए जानते हैं कि कान के मैल के बारे मे कुछ रोचक तथ्य

ईयरवैक्स वास्तव मे वेक्स नहीं है

ईयरवैक्स को अक्सर मोम कहा जाता है लेकिन यह मोम नहीं है। और ना ही इसकी बनावट मोम के जैसी है।ईयरवैक्स  त्वचा कोशिकाओं का बना होता है। यह त्वचा होती है जो खुद को बार बार बदलती रहती है। जैसे ही मृत कोशिकाएं गिरती हैं, उन्हें ईयरवैक्स बनाने के लिए अंदर खींच लिया जाता है।

सेरुमिनस और वसामय ग्रंथियां यहां पर स्त्रावित होती है।।सेरुमिनस ग्रंथि एक पसीने की ग्रंथि है जो श्रवण नहर के ठीक बाहर स्थित होती है। वसामय ग्रंथियां तेल का उत्सर्जन करती हैं जो त्वचा को चिकनाई देने का कार्य करती हैं।

  • वसायुक्त अम्ल
  • स्क्वैलिन
  • अल्कोहल
  • कोलेस्ट्रॉल

यह सभी चीजों से इयर वैक्स मिलकर बना होता है।

ईयरवैक्स कई तरह के होते हैं

ईयर वैक्स को दो भागों के अंदर बांटा जाता है। एक गिला ईयरवक्स होता है तो दूसरा सूखा ईयरवेक्स होता है।गीले ईयरवैक्स मुख्य रूप से जीन होते हैं। चीन या कोरिया के पूर्वी एशियाई मूल के व्यक्तियों में आमतौर पर अप्रवासी शुष्क जीन होता है।

‌‌‌ईयरवैक्स कान को साफ करता है

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ईयरवैक्स कान को साफ करता है।कन्वेयर बेल्ट का नाम आपने सुना ही होगा । कुछ इसी तरह से यह कार्य करता है। जब हम जबड़ा हिलाते हैं तो कान के अंदर मौजूद धूल कण और कचरा ईयरवैक्स मे अटक जाते हैं। और यह कान के पर्दे तक नहीं पहुंच पाते हैं।

‌‌‌कान मे खुजली का होना ईयरवैक्स मे कमी

‌‌‌कभी ना कभी तो आपके कान के अंदर खुजली हुई ही होगी कान के अंदर खुजली का होना ईयरवैक्स के अंदर कमी होने के संकेत होते हैं।इसके अलावा अधिक खुजली तब होती है जब आप कान के अंदर से ईयरवैक्स को हटा देते हैं। इससे खुजली बढ़ जाती है क्योंकि कान की नली सूख जाती है। ‌‌‌खुजली को कम करने के लिए आप कान के अंदर तैल वैगरह डाल सकते हैं।

ज्यादा ईयरवैक्स भी खराब होता है

कान के अंदर अधिक मात्रा मे मौजूद ईयर वैक्स काफी नुकसानदायी होता है।जिसकी वजह से अस्थाई श्रवण हानि का कारण बन सकती है। ‌‌‌ईयरवेक्स जब कान की पूरी नली को ही ब्लॉक कर देता है तो फिर सुनना कम हो जाता है। ऐसी स्थिति मे ईयर वैक्स को तमाम उपर दिये गए तरीको से निकाला जाता है।

ईयरवैक्स की वजह से सभी तरह का बहरापन नहीं होता है

यदि आप कान का मैल निकाल चुके हैं फिर भी आपको कम सुनाई देता है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।

आपका ईयरवैक्स रंग बदल सकता है

आप किस वातावरण मे रहते हैं उस हिसाब से ईयरवैक्स का रंग बदलता जाता है। यदि आप गदें वातावरण मे रहते हैं तो आपका ईयरवैक्स काले रंग का हो सकता है। ‌‌‌आपका ईयरवैक्स आपके बारे मे बहुत कुछ कहता है।

‌‌‌कान का पर्दा क्या होता है ?

कान के पर्दे को टैम्पेनिक झिल्ली के नाम से जाना जाता है।यह बाहरी और मध्य कान के बीच एक दीवार की तरह होता है जो दोनों कानों को अलग करता है। ‌‌‌यह हमारे कान का मुख्य हिस्सा होता है। जिसकी मदद से हमको ध्वनी सुनाई देती है।जब ध्वनी कान के पर्दे तक पहुंचती है तो कान का पर्द कम्पन्न करने लग जाता है जिसकी वजह से मिडल इयर की तीन हडियां भी गति करती हैं और ‌‌‌उसके बाद एक नर्व इम्पलस पैदा होता है ।और सिग्नल हमारे दिमाग तक पहुंचता है जिसकी वजह से हम सुन पाते हैं। ‌‌‌यदि किसी कारण वश कान के पर्दे मे छेद हो जाता है तो फिर हमे सुनने मे परेशानी होने लग जाती है।

‌‌‌कान साफ करने मे सावधानियां

यदि आप कान का मैल निकाल रहे हैं तो आपको कुछ सावधानियों को बरतना चाहिए जिससे कि आपके कान की सुरक्षा होगी ।यहां पर लोगों के द्धारा की जाने वाली गलतियों के बारे मे हम बताएंगे जोकि अक्सर कान साफ करने मे करते हैं।

‌‌‌माचिस की तिल्ली से कान को साफ ना करें

आप और हम सभी लोग यह गलती करते हैं। जब कान के अंदर मामूली खुजली होती है तो तुरंत ही माचिस की तिल्ली कान मे डाल लेते हैं। इससे राहत तो मिलती है लेकिन कई बार क्या होता है कि माचिस की तिल्ली कान के अंदर टूट सकती है। ‌‌‌और कान के अंदर माचिस की तिल्ली टूटने पर काफी बड़ी समस्या पैदा कर सकती है।इसलिए अगली बार जब कान के अंदर खुजली हो तो कान मे माचिस की तिल्ली नहीं डालें ।

‌‌‌नुकीली चीज को कान मे भूलकर भी ना डालें

यदि आप कोई भी नुकीली चीज जैसे पिन आदि को कान के अंदर डालते हैं तो यह बहुत अधिक डेंजर हो सकता है। कारण यह है कि यह आपके कान के अंदर के हिस्से को डेमेज कर सकता है। ‌‌‌जिसकी वजह से कान मे चोट लग सकती है।और खून भी आ सकता है। इसलिए कोई भी नुकिली चीज को कान के अंदर डालना सही नहीं होता है।

‌‌‌कान साफ करने के लिए उपयोग किया जाने वाला तेल ठंडा होना चाहिए

आमतौर पर उपर कुछ ऐसी विधि बताई गई हैं।जिसके अंदर कान मे डालने के लिए तेल को गर्म करके प्रयोग करने के लिए कहा गया है लेकिन एकदम से गर्म तेल का प्रयोग कान मे नहीं करें। वरना कान जल सकता है। मामूली सा गर्म तेल ही प्रयोग करें ।पहले  ‌‌‌खुद चैक करें । उसके बाद ही प्रयोग करें ।

‌‌‌कान मे दर्द मैल की वजह से भी हो सकता है

दोस्तों यदि आपके कान मे दर्द हो रहा है इसका कारण कान का मैल भी हो सकता है। कई बार कान मे अधिक मैल एकत्रित होने की वजह से कान मे दर्द होने लग जाता है। आप कान के अंदर तेल डालकर साफ करें। यदि उसके बाद दर्द होना बंद हो जाता है तो यह दर्द मैल की वजह से ही ‌‌‌था।

‌‌‌फेरीवाले से कान का मैल नहीं साफ करवाएं

दोस्तों अक्सर आपने देखा होगा कि रेल्वेस्टेशन और दूसरी जगहों पर कान की सफाई करने वाले घूमते हुए मिल जाएंगे । असल मे इनसे आपको कान की सफाई नहीं करवानी चाहिए ।हालांकि यह कान की सफाई के लिए 10 से 20 रूपये लेते हैं लेकिन इनमे से कई व्यक्ति अनट्रेंड ‌‌‌ तो होते ही हैं। इसके साथ ही अनजान लोगों को लूट भी सकते हैं। क्योंकि यह कान की सफाई के नाम से कई बार दूसरे लोगों को धोखा देते पकड़े गए हैं। हालांकि सभी ऐसे नहीं होते हैं।

‌‌‌कान की सफाई के लिए डॉक्टर की मदद लें

दोस्तों यदि आपके कान मे मैल जम गया है और आप उसे खुद नहीं निकाल पाते हैं तो आप किसी डॉक्टर की मदद ले सकते हैं। कान के डॉक्टर आसानी से सभी तरह की कान की समस्याओं को हल कर देते हैं। और इसके अंदर किसी भी प्रकार की रिसक नहीं होती है।

बच्चों के कान का मैल कैसे निकाले?

यदि बच्चे के कान मे मेल जम गया है तो इसके लिए आप पानी से गिली एक रूई लें और उसकी मदद से कान को साफ कर सकते हैं। हालांकि बच्चों के कान मे मैल काफी कम होता है यदि आप समय समय पर उसे साफ करते रहते हैं तो ।

‌‌‌लिक्वीड को तेजी से कान मे ना डालें

यदि आप कान मे कोई तेल डाल रहे हैं ।तो इस तेल की एक बार मे सिर्फ एक ही बूंद कान मे डालें यदि अधिक मात्रा मे इसे कान मे डालते हैं तो यह कान के अंदर तक जा सकता है जिससे कि टिम्पेनिक मेम्ब्रेन‌‌‌तक यह पहुंच सकता है जिसकी वजह से कान मे इन्फेक्स वैगरह हो सकता है।

‌‌‌कान के पर्दे मे छेद और सर्जरी

यदि कान के पर्दे मे छेद हो या फिर कान की सर्जरी की गई है तो कान के अंदर तेल नहीं डालना है। कुछ भी करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।

‌‌‌कान को गंदे हाथों से नहीं छूना चाहिए

आमतौर पर हमारे हाथ जब गंदे होते हैं।तो कान को नहीं छूना चाहिए क्योंकि हाथों से बैक्टिरिया कान के अंदर जा सकते हैं और उसके बाद यह कान को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

इयर कैंडल से दूर रहें

इयर कैंडल एक ऐसा तरीका होता है जिसके अंदर कान के उपर एक मोमबत्ती को जलाया जाता है और फिर इसे कान के उपर इस प्रकार से पकड़ा जाता है कि कान मे वैक्यूम बन जाता है। यह माना जाता है कि ऐसा करने से कान की गंदगी बाहर निकल आती है लेकिन असल मे यह तरीका प्रभावी नहीं है। यह कान ‌‌‌ की कई समस्याओं को जन्म दे सकता है।जैसे कि कान मे खून आना और कान के परदे मे छेद होना ।

कॉटन स्वाब का इस्तेमाल केवल उपरी तौर पर ही करें

दोस्तों कॉटन स्वाब का इस्तेमाल आपको उपर कान की गंदगी को साफ करने के लिए ही करना चाहिए । यदि आप कान के अंदर इसको डालते हैं तो इससे कान के अंदर मौजूद नाजुक हिस्सों को काफी नुकसान पहुंच सकता है। लेकिन आप कान के आस पास के हिस्सों टिम्पेनिक मेम्ब्रेन को आसानी से ‌‌‌इसे साफ कर सकते हैं।

‌‌‌कान का मैल नहीं निकल रहा है तो जबरदस्ती ना करें

यदि आप कान का मैल निकालने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उसके बाद भी कान का मैल नहीं निकल रहा है तो आपको जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए । वरन आप किसी डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। क्योंकि डॉक्टरों के पास कान के लिए विशेष उपकरण होते हैं।‌‌‌इसके अलावा उनको अनुभव भी होता है।जिसकी मदद से वे आसानी से कान के मैल को निकाल सकते हैं।

  • मध्ययुगीन काल में, इयरवैक्स और मूत्र जैसे अन्य पदार्थों का उपयोग प्रकाशकों द्वारा प्रबुद्ध पांडुलिपियों को चित्रित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले वर्णक तैयार करने के लिए किया जाता था 
  • प्लिनी द एल्डर ने अपने नेचुरल हिस्ट्री में लिखा है कि सांप और बिंच्छू के काटने पर इयरवैक्स लगाने से ठीक हो जाता है।
  • लच्छेदार धागा आमतौर पर उपलब्ध होने से पहले , एक सीमस्ट्रेस धागे के कटे हुए सिरों को भुरभुरा होने से रोकने के लिए  ईयरवैक्स का उपयोग करती थी

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arif khan

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