जिसकी लाठी उसकी भैंस लोकोक्ति अर्थ और निंबध वाक्य मे प्रयोग

जिसकी लाठी उसकी भैंस लोकोक्ति का अर्थ होता है कि शक्तिशाली की जीत होती है। यह कहावत है और आज के समय मे पूरी तरह से लागू होती है। यदि आप आज ताकतवर हैं तो आपकी जीत होगी । आप कितने भी गुनाह करलें आपका कुछ नहीं होगा । लेकिन यदि आपके पास ताकत ही नहीं है तो आपको कोई बिना कारण भी धमका सकता है और आप ‌‌‌कुछ नहीं बोल पाएंगे । इसका कारण यह है कि आपके पास ताकत नहीं है। ताकत की विजय होती है यही कहावत का अर्थ है। ताकत की विजय आज से ही नहीं चली आ रही है। वह सदैव से ही चली आ रही है। और आगे भी चलती ही रहेगी ।

jiski lathi uski bhains ka vakya mein prayog

जिसकी लाठी उसकी भैंस का वाक्य में प्रयोग jiski lathi uski bhains ka vakya mein prayog

  • ‌‌‌एक अनाथ लड़के को कुछ गांव वाले पीट रहे थे तो इतने मे वहां पर पुलिस आ गई और पुलिस उसी लड़के को उल्टे पकड़कर ले गई । गांव वालों को कुछ नहीं कहा । सही है जिसकी लाठी उसकी भैंस ।
  • ‌‌‌रमेश ने खूब तैयारी की लेकिन उसका नौकरी मे नंबर नहीं आया लेकिन उसके पड़ोसी का आगया  जबकि उसके नंबर कम थे लेकिन उसका पिता मंत्री था तो रमेश को समझ आ गया कि जिसकी लाठी उसी की भैंस होती है।
  • ‌‌‌एक दिन जब कुछ लोग ट्रेन के अंदर सफर कर रहे थे तो उनका सारा सामना दो बदमाश आए और गन दिखाकर लूट लिया इसे कहते हैं जिसकी लाठी उसकी भैंस

जिसकी लाठी उसकी भैंस कहानी jiski lathi uski bhains story

‌‌‌प्राचीन काल की बात है । दो साधु एक लंबे डेरे पर गए हुए थे और इस दौराना उन्होंने कई राज्यों के अंदर मांग मांग कर बहुत सारा धन एकत्रित कर लिया था। जब धन अधिक एकत्रित हो गया तो उन्होंने निश्चय किया कि अब उनको अपने घर चलना चाहिए और वहीं पर बैठ कर भगवान की भक्ति करनी चाहिए । ‌‌‌

उनके पास एक गधा था उसके उपर उन्होंने सोने और चांदी के सिक्के रख दिये । और फिर अपने राज्य की तरफ जंगल से होकर गुजरने लगे । उन दोनों को राज्य के अंदर पहुंचने मे काफी समय लगने वाला था। ऐसी स्थिति  के अंदर वे खाने पीने का काफी सामान अपने साथ लेकर चले थे ।

‌‌‌जब शाम को रात होने को आई तो दोनो ने एक सुनसान जंगल के अंदर ही रहने का निश्चिय किया और गधे को एक पेड़ के पास बांध दिया और खाना वाना अपना बनाकर वहीं पर लेट गए । लेटे लेटे पता नहीं उनकी कब आंख लग गई ।

जिसकी लाठी उसकी भैंस कहानी

‌‌‌………. अरे चलो उठो वरना गर्दन काट दूंगा . । एक आवाज दोनों की कानों के अंदर पड़ी । जब आंख खोल कर देखा तो सामने एक चोर खड़ा था। और उसके हाथ मे तलवार थी।

……. जल्दी से आपके सारे सामान को हमारे हवाले करदो ।

……. हम साधु हैं हमारे पास है ही क्या । संत शांत भाव से बोले थे ।

‌‌‌इतने मे चोर की नजर पास ही बंधे गधे के उपर पड़ी और वह गधे को खोलकर ले गया । संत यही कहते रहे कि इसके अंदर कुछ नहीं है। अब वह रात के अंधेरे मे गुम हो गया । ‌‌‌संत को समझ आ चुका था कि जिसकी लाठी उसकी भैंस । खैर उसके बाद दोनों ने सुबह होने तक का इंतजार किया औरउन्होंने यह तय किया कि वे अपने भंडार को वापस लेकर ही मानेंगे ।

‌‌‌उसके बाद उन्होंने मजबूत पेड़ की टहनियों को तोड़ा और और उनका एक मजबूत भाला तैयार करलिया ।फिर गधे के पैरों के निशान की तरफ गए । वे इस बात को जानते थे कि चोर अधिकर दूर तक नहीं जा सकता है क्योंकि अधिकतर चोर शराब का सेवन करते हैं।  ‌‌‌उनका अनुमान सही निकला कुछ दूरी पर उनको एक गधा खड़ा हुआ दिखाई दे गया लेकिन उसके पास उनको चोर नहीं दिखाई दे रहा था तो वे उसके और अधिक नजदीग गए तो देखा कि चोर अपनी तलवार तेज कर रहा था।

‌‌‌उसके बाद संतों ने कुछ देर सोचा और उसके बाद चोर को चारो ओर से घेर लिया । चोर कुछ समझ पाता उससे पहले बाजी पल्ट चुकी थी। उसके बाद संतों ने चोर की तलवार को छीन लिया और उसके दोनो हाथों को अच्छी तरह से बांध कर  ‌‌‌वहीं पर पटक दिया गया ।ऐसी स्थिति के अंदर वह चल सकता था लेकिन उनके उपर वापस हमला नहीं कर सकता था। संतों ने गधे के उपर रखी गठरी को देखा कि उसके अंदर माल है या नहीं तो उन्हें माल नजर आ गया । ‌‌‌उन्होंने अपनी गठरी को उठाया और उसके बाद अपने रस्ते पर चले गए ।

‌‌‌वैसे यह कहावत प्रचलन की कहानी नहीं है।

इस कहावत प्रचलन की कहानी यह है कि एक बार कोई व्यक्ति पास के गांव मे से दो भैंस लेकर आ रहा था। दूसरे गांव आने के लिए एक जंगल पड़ता था। जंगल के अंदर उसे एक चोर मिल गया और चोर बहुत ही अधिक ताकतवर था। उसके पास एक लाठी भी थी। ‌‌‌उसने भैंस के मालिक को ललकारा और कहा कि यदि उसने भैंस नहीं दी तो मरा जायेगा । मरता क्या ना करता  चोर को उसने सारी भैंस देदी ।

‌‌‌वह चोरी भी एक मूर्ख चोर था।जैसे ही भैंस उसके पास आई उसने वहीं पर अपनी लाठी को छोड़ दिया और भैंसों को लेकर जाने लगा । मालिक को यह मौका मिला और उसने लाठी को उठाया और चोर को मारने के लिए दौड़ा चोर मार के डर से वहां से भाग खड़ा हुआ । सही है कि जिसकी लाठी होती है उसकी भैंस होती है।

जिसकी लाठी उसकी भैंस पर निबंध

जिसकी लाठी उसकी भैंस पर निबंध

जिसकी लाठी उसकी भैंस यह मात्र एक कहावत ही नहीं है।वरन यह सदैव ही सत्य साबित हुई है। इसका मतलब होता है कि ताकतवर की विजय होती है। और आज के समय के अंदर यही हो रहा है। यदि किसी के पास पैसे की ताकत है तो वह गरीबों को दबा सकता है और यदि गरीब कुछ करेंगे तो उल्टे गरीबों ‌‌‌को ही फंसा दिया जाता है।आज पूरी दुनिया के अंदर शक्ति सिक्का ही चलता है। आप चीन को ही देख सकते हैं। उसके पास ताकत है और अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हुए वह पूरी दुनिया को अपने नीचे लेने की कोशिश करता है।

‌‌‌लेकिन अमेरिका खुद को प्रभावी मानता है और चाहता है कि पूरी दुनिया उसके नीचे आए । अब इस चक्कर के अंदर लड़ाई भी होती है। आप अपने घर को भी ले सकता हैं। आपके घर मे कमाने वाले की सबसे अधिक चलती है। जैसे यदि आपके पिताजी कमाते हैं तो सबको उनकी बात माननी होती है।‌‌‌लेकिन जैसे ही पिताजी बूढे होने लग जाते हैं और आपका सिक्का चलने लग जाता है।वैसे ही आपकी चलने लग जाती है कहने का मतलब है जिसकी लाठी उसकी भैंस।

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‌‌‌यदि आपके पास पॉवर है तो आपकी हर आदमी बात मानेगा ।लेकिन यदि आपके पास पॉवर नहीं है तो आपकी कोई भी बात नहीं मानेगा । उपर दिये गए उदाहरणों से यह स्पष्ट हो चुका है कि आज के समय मे केवल उन्हीं की चलती है जो कि सबसे अधिक पॉवर फुल होता है।‌‌‌इसी को तो कहते हैं जिसकी लाठी उसकी भैंस

‌‌‌इसी तरह से पति पत्नी के अंदर होता है।शादी के पहले तो पत्नी पति की हर बात मानती है लेकिन जैसे ही थोड़ा हाथ के अंदर पॉवर आ जाता है । पत्नी पति की बात मानने की बजाय पति को अपनी बात मनवाने लग जाती है।‌‌‌इसी को तो कहते हैं जिसकी लाठी उसकी भैंस

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arif khan

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