bullet proof jacket होती है bullet proof jacket का पूरा ​इतिहास

bullet proof jacket का नाम तो आपने सुना ही होगा । इस लेख के अंदर हम बात करेंगे कि bullet proof jacket kya hai और  bullet proof jacket kiska bana hota hai , किस तरीके से यह बनाया जाता है। दोस्तों अक्सर आपने देखा होगी की पुलिस ‌‌‌किसी अपराधी का एन्काउंटर करने जाती है तो bullet proof jacket पहनती है। जिसका फायदा यह होता है कि गोली शरीर के अंदर नहीं घुस पाती है। एक तरह से bullet proof jacket एक सुरक्षा का काम करती है। हमारी देश की सेना को भी bullet proof jacket दिया जाता है ताकि उनकी रक्षा हो सके । ‌‌‌कुछ सालों पहले bullet proof jacket मिलना बहुत ही मुश्किल हो चुका था। लेकिन अब यह आम हो चुका है और इसको कोई भी खरीद सकता है। आप खुद भी इसको खरीद सकते हैं।

bullet proof jacket kya hai

Table of Contents

bullet proof jacket kya hai

bullet proof jacket एक तरह से एक बनियान है जिसको  बुलेटप्रूफ वेस्ट कहा जाता है। एक तरह से यह एक सुरक्षा कवच होता है जोकि किसी भी तरह के बाहरी हमले से बचा सकता है। खास कर यह चाकु और गोली जैसी चीजों से सुरक्षा प्रदान करता हैं। ‌‌‌और यह हैंड ग्रेनेड जैसे विस्फोटकों के प्रभाव को भी कम कर सकता है। इसके अंदर एक बैलिस्टिक प्लेट होती है जिसे वेस्ट में डाला जाता है। धातु या सिरेमिक प्लेटों का उपयोग नरम जैकेट के साथ किया जा सकता है। bullet proof jacket से गोली टकराती है तो संभव है वह इसके अंदर भी फंस कर रह सकती है। और व्यक्ति को कुछ नुकसान भी हो सकता है। लेकिन यदि उसने bullet proof jacket पहन रखी है तो गोली उसके शरीर के अंदर नहीं जा पाती है।

bullet proof jacket काफी मजबूत तंतुओं से बनी होती है।यह गोली को विकृत कर देते हैं। और जैकेट गोली की उर्जा को फायबर पर फैला देता है।हालांकि गोली जैकेट के कुछ परतों के अंदर प्रेवेश करती है लेकिन उसकी अर्जा अवशोषित हो जाती है। जिससे वह वहीं पर रूक कर रह जाती है। ‌‌‌इसको टेक्सटाइल वेस्ट को धातु (स्टील या टाइटेनियम), सिरेमिक या पॉलीइथाइलीन प्लेटों के साथ बनाया जा सकता है  ये हार्ड कवच प्लेट सभी हैंडगन, गोलियों और राइफलों की एक श्रृंखला के खिलाफ प्रभावी साबित हुई हैं।

बुलेटप्रूफ वेस्ट या bullet proof jacket  का सीधा सा मतलब होता है। गोली का शरीर पर कुछ भी असर नहीं होना । लेकिन एक अंग्रेजी वेबसाइट के अनुसार bullet proof jacket  पूरी तरीके से गोली से सुरक्षा प्रदान करने मे सक्षम नहीं हैं।

bullet proof jacket

‌‌‌आपने देखा होगा कि सदियों से लोग युद्व के अंदर सुरक्षा कवच को पहन कर लड़ते थे । पाँचवीं शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास फारसी और यूनानी लोग 14 परतों से बने सुरक्षा कवच का प्रयोग करते थे । एलिस द्वीप के माइक्रोनियन निवासियों ने उन्नीसवीं शताब्दी तक नारियल पाम फाइबर का इस्तेमाल किया था। ‌‌‌चीनी लोग गैंडे की खाल से बनी जैकेट का इस्तेमाल करते थे ।अमेरिका के शोसोन भारतीयों ने भी कई परतों की जैकेट का प्रयोग किया था।क्विल्टेड कवच तो 16 शताब्दी से लेकर 19 वीं शताब्दी तक उपलब्ध था।

‌‌‌मेल कवच के अंदर लौहे तांबे और पीतल के  टुकड़ों का प्रयोग किया जाता था।यह 400 ईसा पूर्व  विकसित किये गए थे ।14 वी शताब्दी के अंदर यह सबसे ज्यादा प्रयोग किया गया था।जापान, भारत, फारस, सूडान और नाइजीरिया ने भी मेल कवच विकसित किया गया था।स्केल कवच, धातु, सींग, हड्डी, चमड़े की मदद से बनाया जाता था।1600 ईसा पूर्व इस प्रकार के स्केल कवच का प्रयोग किया जाता था।

Brigandine कवच आयताकार होता था और यह लोहे या स्टील प्लेटों की मदद से बनाया जाता था जोकि काफी लोचदार भी होता था।इसी की मदद से 1500 और 1600 के दशक के अंदर बूलेट प्रुफ जैकेट का जन्म हुआ था। कई लोग यह मानते हैं किब्रिगांडाइन कवच को आज की बुलेटप्रूफ वेस्ट के अग्रदूत है।चौदहवीं शताब्दी के आस पास इसका प्रयोग सामान्य रूप से किया जाने लगा था।

‌‌‌गोलियों के खिलाफ प्रभावी प्रतिरक्षा की जांच सबसे पहले अमेरिकी नागरिक युद्ध, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई थी। लेकिन यह 1940 ई तक कोई प्रभावी नहीं बन सकी थी।नायलॉनसे बना और फाइबर-ग्लास, स्टील, सिरेमिक, टाइटेनियम, डोरन, और सिरेमिक से बना बूलेट प्रूफ जैकेट जांच के अंदर सबसे ज्यादा प्रभावी रहा।

  • 1538 में, फ्रांसेस्को मारिया डेला रोवर ने बुलेटप्रूफ बनियान बनाने के लिए फिलिपो नेग्रोली को कमीशन  के रूप मे पैसा दिया था।
  • मैक्सिमिलियन द्वितीय, पवित्र रोमन सम्राट ने बंदुक की गोली से अपने कवच का परीक्षण किया था।
  • बूलेट शब्द की उत्पति 16 वीं शताब्दी के अंदर हुई थी।
  • मध्ययुगीन जापान में कवच को नरम बनाने के लिए रेशम का प्रयोग भी किया गया था।
  • ‌‌‌सबसे पहले बेचे जाने वाले बुलेटप्रूफ जैकेट को 1840 ई के अंदर एक दर्जी के द्वारा बनाया गया था।
  • 1860 के दशक में कोरिया के खिलाफ अभियान के तुरंत बाद किया गया था। पश्चिमी सेनाओं से बढ़ते खतरों के कारण बुलैट प्रुफ जैकेट बनाया गया ।किम गि-डू और गैंग यून ने पाया कि यदि सूती कपड़े की 10 परतों का उपयोग किया जाता है तो कपास गोलियों से बचा सकती है।
  • ‌‌‌इतना ही नही बुलेट प्रुफ जैकेट का निर्माण अपराधियों के द्वारा भी किया गया था।1880 के दशक के दौरान, नेड केली के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलियाई बुशर्सन के एक गिरोह ने खुद एक बुलेट प्रुफ जैकेट बना लिया था।
  • अमेरिकी डाकू और गनफाइटर जिम मिलर बॉडी आर्मर के रूप में एक बुलेट प्रुफ जैकेट का प्रयोग करते थे । इसी वजह से वे एक बार 6 शूटरों के द्वारा गोली मारे जाने के बाद भी सही सलामत बच गए थे ।

‌‌‌प्रथम विश्व युद्व और bullet proof jacket

‌‌‌प्रथम विश्व युद्व के समय विभिन्न कम्पनियों ने bullet proof jacket का विज्ञापन अवश्य ही किया था। लेकिन उस समय यह काफी महंगा था और आम सैनिक इसको खरीद नहीं सकता था । इस वजह से युद्व बिना जैकेट के ही शूरू हो गया था। 1915 में ब्रिटिश आर्मी ने बम वर्ष विमान के छर्रों से सैनिकों को बचाने के लिए बॉम्बर शील्ड जारी किया गया था। इसको सबसे पहले छोटे पैमाने पर सफलता पूर्वक जारी किया गया था।यह केवल 600 फुट प्रति सेकंड की दर से आने वाली गोली से बचाने मे सक्षम था।

फ्रांसीसी सेना ने एब्डोमिनल कवच का उपयोग किया था। लेकिन यह ज्यादा कार गर साबित नहीं हुए क्योंकि इनकी वजह से सेना की गतशिीलता काफी प्रभावित हुई थी। ‌‌‌जर्मन सेना ने लॉबस्टर कवच’ जारी किया था। लेकिन यह बहुत अधिक भारी था। जिससे सेनिकों को असुविधा का सामना करना पड़ा ।

संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी कई प्रकार के जैकेट जारी किये थे । जिसके अंदर स्टील ब्रूस्टर बॉडी शील्ड शामिल था।यह 820 मीटर / सेकंड तक की गोली को सहन कर सकता था।लेकिन इसका वजन 18 किलो था। जो काफी भारी था।

द्वितीय विश्वयुद्ध और bullet proof jacket

1940 में, ब्रिटेन में मेडिकल रिसर्च काउंसिल ने पैदल सेना के लिए हल्के सूट का प्रस्ताव रखा और अधिक जोखिम की स्थिति मे सैनिकों के लिए भारी सूट का विकास किया गया । फरवरी 1941 के अंदर स्टील प्लेटों से बने  जैकेट के परीक्षण शूरू हो चुके थे ।‌‌‌युद्व से पहले संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी पैदल सेना ने भी पैदल सैना के लिए कवच बनाए थे । लेकिन अधिकांश वजन मे भारी होने की वजह से सहज नहीं थे।1944 के मध्य में अमेरिका ने कई प्रकार के जैकेट बनाए थे।जिसमें T34, T39, T62E1 और M12 आदि थे । इसके अलावा अमेरिका ने शीसे रेशा-आधारित टुकड़े का प्रयोग करके जैकेट बनाए थे । जिनका प्रयोग  1945 में ओकिनावा की लड़ाई में किया गया था

bullet proof jacket kiska bana hota hai

बुलेटप्रूफ जैकेट के अंदर कई शीटों का प्रयोग किया जाता है।उन्नत प्लास्टिक पॉलिमर की एक वेस्ट-आकार की शीट होती है, जो केवलर, स्पेक्ट्रा शील्ड की कई परतों से बनती है। ‌‌‌बुलेटप्रूफ जैकेट मे सबसे अधिक यूज किया जाने वाला  मटेरियल का नाम केवलर है जो कि एक पैरा-अरैमिड सिंथेटिक फाइबर होता है। वैसे इन प्लेटस को इस प्रकार से लगाया जाता है कि यह पहनने मे काफी आरामदायक हो । ‌‌‌आमतौर पर इन प्लेटों को  रेजिन के साथ लेपित करके पॉलीइथाइलीन फिल्म की दोपरतों के बीच सिल दिया जाता है।

‌‌‌आमतौर पर पलैट पैनल उतना आरामदायक नहीं होता है। यह एक कपड़े के खौल के अंदर रखा जाता है।कपास के मिश्रण या नायलॉन से यह खोल बना होता है। सामने वाले हिस्से को कुमैक्स जैसी शोषक सामग्री का प्रयोग बनाने मे किया जाता है। ‌‌‌खतरनाख स्थितियों के अंदर पहने जाने वाले बुलेटप्रूफ जैकेट को सिरेमिक की प्लेटों से या धातु की प्लेटों से बनाया जाता है।

bullet proof jacket और सुरक्षा मानक

bullet proof jacket और सुरक्षा मानक

bullet proof jacket ‌‌‌बनने के बाद ही उसे तुरन्त ही बेचा नहीं जाता है। वरन उसे कई परीक्षण प्रक्रियाओं से गुजरना होता है।ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके की जैकेट बनाने मे कोई कमी वैगरह तो नहीं रह गई है। ‌‌‌बुलेटप्रुफ जैकेट को  नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जस्टिस (NIJ) द्वारा बताए गए सुरक्षा मानको से गुजरना पड़ता है।जैसे सभी बुलेटप्रूफ जैकेट एक जैसे नहीं होते हैं। वरन कुछ कम वेग की गोली से बचाने का काम करते हैं तो कुछ अधिक वेग की गोली से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

‌‌‌इस आधार पर बुलेटप्रुफ जैकेट को कई भागों के अंदर बांटा गया है। जैसे  I, II-A, II, III-A, III, IV आदि । प्रत्येक प्रकार यह इंगित करता है कि गोली का कौनसा वैग जैकेट सहन कर सकती है। हालांकि उच्चतम क्ष्रेणी सबसे अच्छी होती है।

‌‌‌वैसे देखा जाए तो एक व्यक्ति के लिए हल्का जैकेट अच्छा हो सकता है। लेकिन आमतौर पर उच्च दक्षता वाले जैकेट काफी भारी होते हैं। सेना और पुलिस के मामले मे अधिकारी यह तय करते हैं कि कौनसा जैकेट उनको पहनना चाहिए।

  बुलेटप्रुफ जैकेट पर  लेबल होता है। न केवल इसमें आकार, मॉडल, शैली, निर्माता का लोगो और देखभाल के निर्देश शामिल होते हैं। हैं इसमे सुरक्षा रेटिंग , जारी करने की तिथि आदि भी होते हैं। ‌‌‌इसके अलावा सिरियल नंबर भी होता है। और जैकेट किस टाइप की है यह भी दिया हुआ होता है।बुलेटप्रूफ  प्रूफ जैकेट का परीक्षण सूखे और गीली दोनो स्थितियों के अंदर किया जाता है। गीली स्थिति के अंदर परीक्षण इस वजह से किया जाता है क्योंकि इसके तंतु गीली अवस्था मे अलग प्रकार का व्यवहार कर सकते हैं

  • बुलेटप्रूफ जैकेट वास्तव मे पूरी तरीके से आपको कवर नहीं करते हैं। अधिकतर बुलेटप्रूफ जैकेट आपको केवल हल्की वेग वाली गोलियों से बचाने की क्षमता रखते हैं। यदि आप यह सोच रहे हैं कि बुलेटप्रूफ जैकेट पहनने के बाद आदमी सैफ होता है तो आप गलत है
  • संयुक्त राज्य के अंदर एक बुलेटप्रूफ जैकेट 5 साल की अवधि के लिए आती है।उसके बाद यह अपनी सुरक्षात्मक क्षमता को खो देते हैं। और 5 साल भी तब चलता है। जबकि इसको अच्छे से रखा जाता है।
  • बुलेटप्रूफ जैकेट को आप धो सकते हैं। यदि आप सही से इसको धोते हैं तो यह खराब नहीं होता है।जब इनको धोया जाता है तो नम स्पंज और हल्के साबुन का प्रयोग किया जाता है। कभी भी वॉशर और / या ड्रायर का उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • ‌‌‌बुलेटप्रूफ जैकेट के अंदर बुलेट प्रतिरोधी फाइबर की कई परतें शामिल हैं। यदि आप इनको मोड़ते हैं तो यह खराब हो जाता है। इस वजह से इसको कभी भी मोड़ना नहीं चाहिए।
  • ‌‌‌वैसे कई बुलेटप्रूफ जैकेट पानी के अंदर खराब हो सकते हैं। लेकिन कुछ पानी के प्रतिरोधी होते हैं। उनका उपयोग आप पानी के अंदर कर सकते हैं।
  • ‌‌‌यदि बुलेटप्रूफ जैकेट पर गोली लग जाती है तो भी आप लड़ सकते हैं। क्योंकि इससे आपको कोई नुकसान नहीं होता है। मात्र जैकेट पर एक खरोंच जरूर होती है।
  • आज तक एक भी ऐसा मामला सामने नहीं आया है। जिसके अंदर बुलेटप्रूफ जैकेट पहनने के बाद गोली लगने से मौत हो गई हो ।
  • ‌‌‌यदि बुलेटप्रूफ जैकेट को सही तरीके से नहीं पहना गया है तो इससे गोली रूकने की बजाय लग भी सकती है। मतलब यह कोई सुरक्षा प्रदान नहीं करपाएगी यदि इसको गलत तरीके से पहना गया है तो ।
  • ‌‌‌ऐसा नहीं है कि बुलेटप्रूफ केवल गोली से ही बचाने का काम करते हैं। वरन यह वाहन दूर्घटनाओं से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं। इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ चीफ्स ऑफ़ पुलिस के अनुसार ऐसे कई अधिकारी हैं जिनकी सुरक्षा वाहन दुर्घटना मे जैकेट ने की है।
  • ‌‌‌एक बार बुलेटप्रूफ जैकेट पर गोली लगने के बाद उसका यूज नहीं किया जा सकता है। यदि एक बार गोली आपकी बुलेटप्रूफ जैकेट से टक्करा गई है तो आप इसका यूज दुबारा नहीं कर सकते हैं क्योंकि गोली पुरा फायबर बरबाद कर देती है।

    बुलेट प्रूफ जैकेट की कीमत

‌‌‌बुलेटप्रूफ जैकेट की कीमत अलग अलग होती है। ऐसा नहीं है कि आपको इसके लिए कहीं से लाइसेंस लेना पड़ता है।‌‌‌बुलेटप्रूफ जैकेट आपको ऑनलाइन आसानी से मिल जाएगी । और इसकी कीमत की बात करें तो इसकी कोई फिक्स कीमत नहीं है। क्वालिटी के हिसाब से कीमत भी अलग अलग होती है। ‌‌‌यह आपको 22 हजार के अंदर भी मिलती है तो यह आपको 55 हजार के अंदर भी मिलती है। निर्भर करता है आपको कैसी बुलेटप्रूफ जैकेट चाहिए।

bullet proof jacket  कैसे काम करती है

                     ‌‌‌बुलेटप्रूफ जैकेट सिंपल सिद्वांत पर कार्य करती है। इसके अंदर दो लेयर होती हैं। एक लेयर को सैरेमिक लेयर कहा जाता है। जोकि उपर की तरफ होती है। और उसके बाद बैलिस्टिक परत होती है। इन दोनों परतों को मिलाकर ही बुलेटप्रूफ जैकेट का निर्माण किया जाता है।‌‌‌जब जैकेट से गोली टकराती है तो सबसे पहले यह सेरैमिक लेयर से टक्कराती है।चूंकि यह काफी मजबूत होती है। इस वजह से गोली इससे टकराते ही टूट जाती है। और भिखर जाती है । जिससे उसका फोर्स कम  हो जाता है। उसके बाद बैलिस्टक पर्त उस उर्जा को शोख लेती है। इस प्रकार से बुलैट प्रूफ जैकेट काम करती है।

‌‌‌हालांकि यह एक आम तरीका है। बुलैटप्रूफ जैकेट की कार्य प्रणाली का । यदि गोली की स्पीड अधिक होती है और जैकेट उस मानक क्षमता के नजदीग नहीं होती है तो फिर गोली को पूरी तरीके से जैकेट रोकने मे कामयाब नहीं हो पाती है।

‌‌‌लगे हाथ हम आपको बतादें की भारत के अंदर फरीदाबाद के अंदर बुलेटप्रूफ जैकेट बनाई जाती है। और यहां पर बनाई जाने वाली बुलेटप्रूफ जैकेट काफी खास होती है। इसी वजह से वह काफी फेमस भी है और विदेशों के अंदर भी इसका निर्यात किया जाता है।‌‌‌पीछले दिनों भारत के ही डिफेंस मैटेरियल्स एंड स्टोर्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने एक ऐसी बुलटप्रूफ जैकेट बनाने का दावा किया । जोकि एके 47 जैसी गन की गोली को भी बे असर कर सकती है।

बुलेटप्रूफ़ जैकेट वास्तव में बुलेटप्रूफ़ क्यों नहीं हैं?

बुलेटप्रूफ़ के बारे मे बहुत से लोग यह सोचते हैं , कि यह वास्तव मे पूरी तरह से काम करती है। लेकिन आपको बतादें कि बुलेटप्रूफ़  वास्तव मे 100 फीसदी तक सुरक्षा नहीं करती है। यह कुछ हद तक गोली को रोकने मे सक्षम होती है। तो यदि कोई इंसान बुलेटप्रूफ़  जैक को पहन लिया है , तो उसको गोली नहीं लगेगी । इसकी कोई गारंटी नहीं है। मतलब यही है कि बुलेटप्रूफ़  पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान करने मे सक्षम  नहीं है।

बुलेटप्रूफ कपड़ा गोलियों को कैसे रोकता है?

बहुत से लोगों का यह सवाल होता है , कि बुलेटप्रूफ  गोली को कैसे रोकती है। तो आपको बतादें कि इस जैकेट के अंदर बैलिस्टिक फाइबर  होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जब कोई तेज गति वाली गोली इससे टकराती है , तो यह गोली की उर्जा को फैला देता है। और गोली रूक जाती है। लेकिन यदि गोली काफी तेज होगी , तो यह इसके अंदर से भी निकल सकती है।

जिस प्रकार से आपने बॉल के लिए नेट देखा होगा । जब आप बॉल को नेट पर मारते हैं , तो यह बॉल के वार को  अपने उपर पूरी तरह से लेलेता है। और बॉल वापस गिर पड़ती है। इसी तरह से इसके अंदर होता है।

बुलेटप्रूफ का जीवन काल कितना होता है

दोस्तों बुलेटप्रूफ  जैकेट के जीवन काल के बारे मे बात करें , तो आपको बतादें कि इसका जीवन काल 5 साल तक होता है। 5 साल के बाद इसकी रेटिंग घट जाती है। इतना ही नहीं आपको इसको सावधानी से रखना होता है। तभी यह 5 साल तक चलती है । नहीं तो यह कम समय के अंदर ही खराब हो जाएगी । सिलवटें, आँसू, गंध और जलन आदि से भी यह प्रभावित हो सकती है। बुलेटप्रूफ   के लंबे जीवन के लिए यह आवश्यक है कि आप इसको ठीक तरह से रखें ।

बुलेटप्रूफ जैकेट को क्या धोया जा सकता है ?

हां बुलेटप्रूफ जैकेट को आप धो सकते हैं। यह पूरी तरह से कपड़े का बना होता है। हालांकि इसके अंदर खास प्रकार का फाइबर लगा होता है , जोकि गोली को रोकने का काम करता है। हालांकि आपके पास दो बुलेटप्रूफ जैकेट हैं , तो आप एक को धो सकते हैं। और दूसरे का प्रयोग करना जारी रख सकते हैं।

बुलेटप्रूफ जैकेट को किस तरह से धोया जाता है

बुलेटप्रूफ जैकेट  को सही तरह से धोना चाहिए । एक तो इसके उपर आपको हल्की साबुन का प्रयोग करना चाहिए । और घिंस घिंस कर आपको इसको धोने से बचना चाहिए ।इसके अलावा इसको इस्त्री करने से बचना चाहिए । क्योंकि ऐसा करने से आपकी बुलेटप्रूफ जैकेट  खराब हो सकती है। और इसके रेशे पिघल सकते हैं।

बुलेटप्रूफ जैकेट को सही ढंग से रखना जरूरी

दोस्तों यदि हम बात करें बुलेटप्रूफ जैकेट  की तो इसको सही जगह पर रखना काफी अधिक जरूरी होता है। यदि आप इसको सही जगह पर नहीं रखते हैं , तो फिर यह खराब हो सकती है।इसको लंबे समय तक खींचा और मोड़ा नहीं जा सकता है। यदि आप लंबे समय तक इसको खींचते हैं या फिर मोड़ते हैं , तो फिर यह खराब हो सकती है। और बाद मे समस्याएं होगी ।यह फिर गोली को भी रोकने मे सक्षम नहीं होगी ।

बुलेट प्रूफ़ जैकेट पानी की मदद से खराब हो सकती है

दोस्तों आपको बतादें कि  बुलेट प्रूफ़ जैकेट को कभी भी आपको पानी के अंदर परीक्षण नहीं करना चाहिए । यदि आप इसका परीक्षण पानी के अंदर करते हैं , तो यह खराब हो सकती है। हालांकि इसको बनाने के बाद निर्माता पानी के अंदर 30 ​मीनट तक परीक्षण करते भी हैं।

आपको यदि गोली मारी जाएगी तो इसका असर जरूर होगा

दोस्तों यदि आपने बुलेटप्रूफ जैकट पहन ली है , और यदि आपको गोली लगती है तो इसका मतलब यह कभी नहीं है , कि आपका बाल भी बांका होगा । असल मे जब गोली आपकी जैकेट से टकराएगी , तो उसके बाद आपके शरीर पर निशान बन जाएगा और आपको बहुत अधिक दर्द को सहन करना पड़ेगा । क्योंकि एक गोली का वेग काफी अधिक होता है।

इसलिए यह आपको कभी भी नहीं सोचना चाहिए कि बुलेट फ्रूफ जैकेट होने से गोली  आपका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती है।

यदि आपका वजन घटता या बढ़ता है, तो आपको एक नई बुलेट प्रूफ़ जैकेट की जरूरत होगी

दोस्तों इसके अंदर वजन का भी एक नियम होता है। आप तय मानक से 10 प्रतिशत अधिक और 10 फीसदी कम वजन को बनाए रखते हैं , तब तक तो ठीक है। लेकिन यदि आप इससे अधिक वजन को लेते हैं , तो उसके बाद समस्या होगी । और आपको एक नई बुलेटफ्रूफ जैकेट की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए सही वजन को बनाए रखना काफी अधिक जरूरी होता है।

यदि आप किसी यातायात दुर्घटना में हैं तो आपका बुलेट प्रूफ़ जैकेट आपको बचा सकता है।

यदि आप किसी यातायात दुर्घटना ग्रस्त हो चुके हैं , तो आपको बतादें कि आपका बुलैट प्रूफ जैकेट आपको बचाने का काम कर सकता है। इस तरह के कई सारे मामले भी सामने आएं हैं।जिसके अंदर इस जैकेट ने कइयों को बचाया था ।

Leave a Reply

arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।