पिता का पर्यायवाची शब्द क्या होता है ? pita ka paryayvachi

पिता का पर्यायवाची शब्द कई सारे होते हैं।एक बच्चे को जन्म देने के लिए स्त्री और पुरूष के सहयोग की आवश्यकता होती है। और सही अर्थ मे बच्चे के जन्म देने मे जिस पुरूष का वीर्य प्रयोग होता है वह बच्चे का जैविक पिता कहलाता है। वैसे पिता उस इंसान को भी कहा जाता है जो बच्चे का पालन पोषण करते हैं। आमतौर पर जो ‌‌‌इंसान बच्चे को गोद लेते हैं और उसे पालते हैं , उनको भी माता पिता कहा जाता है।

pita ka paryayvachi shabd kya hoga

पिता का पर्यायवाची शब्द  pita ka paryayvachi shabd kya hoga

पिता का पर्यायवाची शब्द कई सारे होते हैं। जिनके बारे मे आप नीचे देख सकते हैं।

  • पिताजी
  • परम
  • परम पिता
  • वालिद
  • बाप
  • तात
  • पापा
  • जनक
  • डेड
  • डैडी.
  • ‌‌‌बापू

स्टैट्स कनाडा के अनुसार, 8.6 मिलियन – कनाडा में (जैविक, दत्तक और कदम पिता सहित) पिता की कुल संख्या अभी तक है।

फादर्स डे

फादर्स डे, पितृत्व, पैतृक बंधन और साथ ही साथ समाज में पिता को सम्मान देने का दिन होता है। इस दिन पिता का बच्चे विशेष सम्मान करते हैं। यह उत्सव स्पेनिश और पुर्तगाली द्वारा लैटिन अमेरिका में लाया गया था। यह दुनिया के कई हिस्सों में विभिन्न दिनों में मनाया जाता है, जो आमतौर पर मार्च, अप्रैल और जून के महीनों में देश के रीति-रिवाजों के अनुसार मनाया जाता है।

‌‌‌आपको बतादें कि फादर्स डे सर्वप्रथम 19 जून 1910 को वाशिंगटन में मनाया गया था और आज इसको मानते हुए 110 साल से भी अधिक हो गए हैं। फादर्स डे के उपर एक कहानी छुपी हुई है। जिसके बारे मे हम यहां पर चर्चा करना उचित समझते हैं।

सोनेरा डोड जब छोटी थी तो उसकी मां की मौत हो गई थी और उनको उनके पिता विलियम स्मार्ट ने ही पालना था। उनको कभी भी मां की कमी महसूस नहीं होने दी थी। वह जब बड़ी हुई तो उन्होंने अपने पिता के लिए फादर्स डे माने का फैसला किया और उसके बाद 19 जून 1910 को पहली बार यह मनाया गया था।1924 में अमेरिकी राष्ट्रपति कैल्विन कोली ने इसको मनाने की अनुमति थी दी । इसके बाद 1972 में अमेरिका में फादर्स डे पर स्थायी अवकाश घोषित किया गया था।

‌‌‌पिता शब्द का प्रयोग ऋग्वेद के अंदर हुआ है। जिसका मतलब यह बताया गया है कि जो शिशु की रक्षा करने वाला और दयालू होता है। वह पिता होता है। आमतौर पर कई जगह पर यह उल्लेख मिलता है कि किसी की रक्षा करने वाला उसके पिता के समान हो जाता है।

‌‌‌जैसे यदि आप किसी जानवर की रक्षा करते हैं तो आप उसके पिता के जैसे हो जाते हैं। आपको पता होगा कि पिता का सही मतलब ही रक्षा करने वाला होता है। वैसे देखा जाए तो पिता के दो मुख्य प्रकार होते हैं।

जैविक पिता

जैविक पिता

जैविक पिता वह होता है ,जिसके वीर्य या संयोग से संतान पैदा होती है। जैविक पिता ‌‌‌हमेशा एक ही होता है और यह बदलता नहीं है।

‌‌‌रक्षक और पालन पोषण करने वाला इंसान

दोस्तों जैविक पिता के अलावा पालन पोषण करने वाले इंसान को भी पिता का दर्जा दिया जाता है। जैसे यदि किसी के पैदा होने के बाद उसके पिता की मौत हो गई और उस इंसान का पालन पोषण किसी और ने किया तो वह अपने आप ही उसके पिता के समान हो जाता है।लेकिन ऐसी ‌‌‌स्थिति के अंदर उसका जैविक पिता नहीं बदलता है।

‌‌‌अनुशासन सीखना है तो अपने पिता से बेहतर कौन शिक्षक हो सकता है।

आपकी हर जिद ,आपकी हर इच्छा को आपके पिता पूरा करने की कोशिश करते हैं इसका कर्ज आप कभी नहीं चुका सकते हैं।

‌‌‌जो अपने माता पिता की कद्र करना नहीं जानता है ।उससे किसी के कद्र की उम्मीद करना बेकार होगा ।

आपके पिता आपको सिर्फ पालते ही नहीं हैं वरन हाथ पकड़ कर चलना भी सीखाते हैं।

‌‌‌वो आपके लिए सब कुछ दे सकते हैं और आप उनकी उम्मीदों को तोड़ देते हो ।

‌‌‌अच्छे बच्चों कि यह पहचान होती है कि वे अपने पिता के कद को उंचा उठा देते हैं और बुरे लोग उसे और ज्यादा डूबो देते हैं।

‌‌‌आप सारे जंहा से सब छुपा सकते हो लेकिन अपने पिता से कुछ नहीं छुपा सकते क्योंकि वे आपके मन को भी आसानी से पढ़ लेते हैं क्योंकि उन्होंने आपको पाला है।

‌‌‌एक पिता खुद कितना भी बुरा हो लेकिन वह कभी नहीं चाहेगा कि उसके बच्चे उसके जैसे बनें । वह सदैव चाहेगा कि वे एक अच्छा जीवन जीएं ।

‌‌‌समुद्र की उफनती लहरों मे आपका जो हाथ थामे रखे , बारिश मे जो आपको भिगने ना दे , धूप मे जो आपको छांव दें।  यह सब एक पिता ही कर सकता है।

‌‌‌समुद्र के बीच खड़ा पत्थर कभी आपने देखा है चारो तरफ से उसको चोट की जाती है और एक बच्चा उसके उपर आराम से बैठा रहता है। उसे किसी बात की चिंता नहीं है। वह बच्चा कौन हैं क्या आप जानते हैं ?

‌‌‌जो पत्थर लेकर चटानों को तोड़ना सीखाए । नदी मे गिराकर तैरना सीखाए ,हर मुश्किल मे राह आसान बनाए । वही पिता है।

‌‌‌जब पिता दीप की तरह जलता है तो हमें उजाला मिलता है। जलती हुई रोशनी का नाम ही तो पिता है जो खुद अंधेरे मे रहकर  हमको प्रकाश प्रदान करता है।

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arif khan

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