दूध मे मिलावट की पहचान कैसे करें और नकली दूध के लक्षण

‌‌‌नकली दूध की पहचान कैसे करें , असली नकली दूध की पहचान कैसे करें , nakli doodh kaise pahchane , दूध में यूरिया की पहचान,

मिलावट वाला दूध एक बहुत ही बड़ी समस्या बन चुका है।दोस्तों आप पैसा देकर दूध लेकर आते हैं और आप से दूध के पूरे पैसे वसूले जाते हैं ।लेकिन उसके बाद भी आपको घटिया और बेकार दूध दिया जाता है। यह भारत के हर शहर के अंदर हो रहा है। जिस कम्पनी का आप दूध खरीदते हैं वह आपको दूध के सारे पोषक तत्वों ‌‌‌को निकालने के बाद दूध देती हैं।और इस प्रकार के दूध को पीने का भी कोई फायदा नहीं होता है। वह दूध दूध नहीं वरन पानी से भी बेकार होता है। और शहरों की हालत तो बहुत अधिक खराब हो चुकी है। वहां पर आपको अच्छे पैसे चुकाने के बाद भी ऑरेजनल दूध नहीं मिलता है। वरन मिलावटी दूध मिलता है।

‌‌‌और आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जो किसान दूध बेचता है उसको इसका कोई भी फायदा नहीं मिल पाता है। यदि आज हम गांव के अंदर दूध की कीमत की बात करें तो दूध यहां पर 25 रूपये लिटर गाय का बिकता है। और यही दूध शहर मे जाने के बाद मिलावट होकर 40 रूपये लीटर हो जाता है।

‌‌‌यदि इस प्रकार के मिलावटी दूध को यदि आपके बच्चे भी खाते हैं तो कोई भी फायदा नहीं होगा क्योंकि यह आपके बच्चे के लिए कोई भी काम नहीं करेगा ।

‌‌‌नकली दूध की पहचान कैसे करें

‌‌‌इस लेख को लिखने का मकसद यही है कि यदि आप पैसा दे ही रहे हैं लेकिन उसके बाद भी यदि आपको अच्छा दूध नहीं मिल रहा है तो इसका मतलब आपको नुकसान हो रहा है। कुछ ऐसे तरीके हैं जिनकी मदद से आप दूध के अंदर मिलावट का पता लगा सकते हैं।

‌‌‌एक बार मैंने भी दूध बेचने का काम किया था।जिससे कि मूझे यह पता चला कि दूध के अंदर मिलावट करने वाले वाकाई मे काफी शातिर किस्म के होते हैं। मैं जिस महिला के यहां से दूध लेने के लिए जाता था वह काफी शातिर किस्म की थी वह दूध के अंदर हर रोज पानी मिला देती थी।

‌‌‌एक दिन मैंने उसको पानी मिलाते हुए पकड़ लिया और उसको पानी मिलाने के लिए पैसा काटने की धमकी दी । हालांकि उस दिन के बाद उसने पानी नहीं मिलाया । इसी प्रकार से एक अन्य दूध वाले की कहानी यह थी कि ‌‌‌ वह एक बरनी के अंदर पहले से ही पानी रखता था।और उस पानी के अंदर तय मात्रा मे दूध डालकर लोगों को बेच देता था। इसी प्रकार से एक अन्य महिला की घटना सामने आई कि वह अपने घाघरे के नाड़े से पानी का जरिंकन बांध कर रखती थी और उसी से पानी मिला देती थी। ‌‌‌बेचारे दूध लेने वाले को कई साल तक उस महिला को पकड़ नहीं पाया एक दिन उसने महिला को पानी मिलाते हुए अपनी आंखों से देख लिया ।

‌‌‌वैसे दोस्तों आपको बतादें कि भारत के अंदर जितना मिलावट का धंधा चलता है उतना किसी भी जगह पर नहीं है। कारण यही है कि यहां पर सब कुछ करेप्ट हो चुका है। एक बाबू के पास अरबों की संपति करेप्सन की और ईशारा करती है। और इस सबके लिए आपके द्धारा चुनी हुई सरकार जिम्मेदार होती है जो वोटबैंक के चलते ‌‌‌कार्यवाही करने से डरती है।

‌‌‌खैर सरकारी नाकामी तो सदा से थी ही यदि आप मिलावट से बचना चाहते हैं तो आपको भी सजग होना होगा । बिना सजग हुए कुछ हो नहीं सकता है। सजगता ही आपको बचा सकती है।

‌‌‌यदि आप पानी मिला हुआ दूध पीते हैं तो ठीक है आपके शरीर को किसी तरह का नुकसान नहीं हो रहा है। बस आपको आर्थिक नुकसान हो रहा है।लेकिन यदि आप कैमिकल मिला हुआ दूध पीते हैं तो फिर इससे आपको कई तरह की भयंकर बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

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मिलावटी दूध की पहचान दूध को जांचे nakli doodh kaise pahchane

दोस्तों यदि मिलावटी दूध है या नहीं इसका एक सरल तरीका यह है कि दूध की कूछ बूंद को लें और उसके बाद उन बूंद को किसी लकड़ी के उपर डालें । उसके बाद लकड़ी को उल्टा करेंगे तो यह नीचे की तरफ बहेगा । यदि उस समय दूध कुछ सफेद निशान छोड़ जाता है तो इसका मतलब यह है कि ‌‌‌दूध शुद्ध है उसके अंदर किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं है।हालांकि यह एक कॉमन तरीका है। जिसकी मदद से मामूली मिलावट का पता लगाना इतना आसान नहीं है। लेकिन कई लोग इस तरीके का प्रयोग करते हैं।

‌‌‌मिलावटी दूध की पहचान  ‌‌‌दूध के स्वाद को देखे

‌‌‌यदि पता नहीं चल रहा है कि दूध असली है या नकली तो इसका एक सरल तरीका यह है कि आप दूध की चाय वैगरह बनाएं या गर्म करके उसे चखकर देखें। यदि दूध ऑरेजनल होगा तो उसका स्वाद काफी शानदार होगा । और आपने वैसा स्वाद महसूस किया ही होगा। आप अपने आप ही पहचान जाएंगे।

 लेकिन यदि दूध नकली है और मिलावटी है ‌‌‌ तो दूध का टेस्ट बहुत ही घटिया किस्म का होगा ।नकली दूध का टेस्ट खराब होने के कारण यह उतना स्वादिष्ट नहीं लगता है। इस प्रकार का दूध बच्चों को पिलाने का कोई भी फायदा नहीं होता है। लंबे समय तक फ्रीज मे रखे जाने वाला दूध भी यूज लेस हो जाता है जिसको आजकल महेंगे दामों मे बेचा जाता है। ‌‌‌कई लोग नकली दूध को उसके स्वाद से ही पहचान जाते हैं।क्योंकि आप तो जानते ही हैं कि नकली दूध का स्वाद असली दूध जैसा कैसे हो सकता है। नकली असली जैसी महक नहीं दे सकता है।

‌‌‌यदि आप खुद को सही सही ऑरेजनल दूध के टेस्ट के बारे मे नहीं पता है तो आप किसी भी जानकार को पता लगाने के लिए कह सकते हैं। ‌‌‌खास कर गांव के लोग इस बारे मे काफी अधिक जानते हैं।क्योंकि वे गाय भैंसे रखते हैं।

‌‌‌नकली दूध की पहचान सूंघ कर करें

सिंथेटिक दूध जिसको हम नकली दूध भी कहते हैं।सिंथेटिक दूध मार्केट मे मिलता है लेकिन असल मे कुछ लोग काफी शातिर किस्म के होते हैं वे सिंथेटिक दूध को असली दूध के अंदर मिलाते हैं और उसके बाद बेच देते हैं यदि आप 100 फीसदी सिंथेटिक दूध देखेंगे तो आप उसकी रूप और गंध के आधार पर आसनी से पहचान कर सकते हैं।

‌‌‌लेकिन जब असली दूध के अंदर सिंथेटिक दूध को मिला दिया जाता है तो पहचान करना कठिन हो जाता है।यूरिया, कॉस्टिक सोड़ा, तेल, शक्कर आदि को मिलाकर एक रसायन बनाया जाता है। और इसको दूध के अंदर मिलाकर बेचा जाता है।

‌‌‌इस प्रकार के दूध का सेवन करना बहुत अधिक खतरनाक होता है। यदि कोई लंबे समय तक असली दूध मे मिले नकली दूध का सेवन करता है तो कैंसर और नपुसकता और भी कई सारे रोग हो जाते हैं।यदि बात करें असली दूध की तो इसके अंदर कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम एवं जिंक आदि होते हैं। ‌‌‌लेकिन सेंथेटिक दूध के अंदर बेकार की चीजें होती हैं जोकि हमारे स्वास्थ्य को बेकार बना सकती हैं। इसलिए इससे बचकर ही रहना काफी बेहतर होता है।

सिंथेटिक दूध और ऑरेजनल दूध का पता लगाने के लिए मिलावट वाले दूध के अंदर उंगली डूबों कर देखें कि कहीं कोई चिपचिपाहट तो नहीं है। इसी प्रकार से ऑरेजनल दूध के अंदर आप उंगली को डूबों कर पता लगा सकते हैं कि स्थितियां दोनों के अंदर समान है या नहीं ?

अम्लीयता क्षारीयता के आधार पर भी आप दूध के अंदर सेंथेटिक दूध की मिलावट का पता लगा सकते हैं। आमतौर पर जो असली दूध होता है वह क्षारीयता नहीं होता है मामूली सा अम्लीय होता है या फिर उदासीन यदि दूध के अंदर सेंथेटिक दूध मिला है तो यह क्षारिय होगा ।

लिटमस कागज़ को आप इसकी जांच के लिए ले सकते हैं। यदि इसके उपर आप नकली दूध को डालते हैं तो यह नीले रंग का हो जाएगा ।क्षारीयता का पता लगाने के लिए फिनॉफ्थेलीन घोल का प्रयोग भी होता है। नकली दूध को इसके अंदर मिलाएं । यदि दूध मे नकली दूध मिला है तो घोल का रंग गुलाबी हो जाता है।‌‌‌यदि आप जिस इंसान से दूध लेते हैं वह दूध के अंदर नकली दूध मिलाता है तो आप उपर दिये गए तरीकों की मदद से उसकी चोरी को पकड़ सकते हैं और मिलावट वाले दूध को खरीदने से और खुद की सेहत की रक्षा कर सकते हैं।

सिंथेटिक मिल्क को बनाने मे एक यूरिया नामक रसायन का प्रयोग किया जाता है। आप नकली दूध के अंदर यूरिया की मात्रा का पता लगा सकते हैं। यह बहुत ही आसान है। इसके लिए आपको आवश्यकता होगी ।पेरा-डाइमिथाईल-एमिनो बेंजाल्डिहाइड यह रसाय न आप बाजार से खरीद सकते हैं। बस आपको कुछ रसायन मिलावट वाले दूध के अंदर ‌‌‌ डालना होगा । उसके बाद दूध का रंग पीला हो जाएगा । यदि मिलावट के बाद आप दूध के रंग को पीला पाते हैं तो फिर इसका मतलब दूध नकली है।

‌‌‌वैसे आपको बतादें कि यदि आप इस कैमिकल का प्रयोग असली दूध पर करते हैं तो दूध का रंग पीला नहीं पड़ता है। इसके अलावा आप सेंथेटिक दूध के मिले होने के बारे मे पता इस तरीके से भी लगा सकते हैं कि ‌‌‌फिल्टर पेपर आपको मार्केट मे आसानी से मिल जाएगा । इसको पेरा डाइमिथाईल-एमिनो-बेंजाल्डिहाइड के घोल के अंदर डूबों कर सूखा लिजिए । उसके बाद नकली दूध की कुछ बूंद यदि आप पेपर के उपर डालेंगे तो दूध  की वजह से पेपर पीला हो जाएगा । यह नकली दूध की पहचान है।

‌‌‌अपने हाथों के बीच रंगड़कर देखें

दोस्तों हाथों के बीच रंगड़ने से भी असली और नकली दूध के बारे मे पता लगाया जा सकता है। सबसे पहले आपको 100 फीसदी असली दूध की कुछ बूंद अपने हाथों पर गिरानी होगी उसके बाद दोनों हाथों को सही तरीके से मसलें । यदि दूध असली है तो चिकनाहट महसूस नहीं होगी । और यदि यही ‌‌‌प्रयोग आप नकली दूध के साथ करके देखते हैं तो आपको अपने हाथों मे चिकनाहट महसूस होगी ।

दूध में डिटर्जेंट की मिलावट कैसे पहचाने

दोस्तों कुछ महान लोग दूध के अंदर डिटर्जेंट ही मिला डालते हैं। असल मे इस प्रकार के दूध बेचने वाले लोग महान होते हैं। यदि आपको पता करना है कि दूध के अंदर डिटर्जेंट मिला है या नहीं तो दूध को एक बोतल के अंदर भरें ।‌‌‌उसके बाद दूध को जोर जोर से हिलाएं । यदि हिलाने के बाद उसके अदंर झाग बनते हैं तो इसका मतलब यह है कि दूध के अंदर डिटर्जेंट मिला दिया गया है।

यूपी के फूड डिपार्टमेंट ने वाराणसी में एक बड़े डेयरी प्लांट से 10 हजार लीटर से ज्यादा नकली दूध बरामद किया था, जिसमें डिटर्जेट मिलाया गया था।

काशी संयोग ब्रांड के नाम से यहां पर दूध बनाकर बेचा जा रहा था। अधिकारियों को कुछ दिनों से दूध की गुणवकता को लेकर शिकायतें मिल रही थी। जिसके बाद यह छापेमारी की गई । AUGUST 08, 2021 को प्रकाशित एक खबर के अनुसार यूपी के मथुरा के अंदर 10 हजार टन नकली दूध को पुलिस ने जप्त किया था। इस दूध के अंदर डिटरर्जेंट और यूरिया जैसी चीजें मिलाई जाती थी और उसके बाद इसकी सप्लाई दिल्ली तक करदी जाती थी।

‌‌‌पीछले दिनों मेरठ के अंदर दूध के 212 सैंपल लिया गया और उनमे से 68 सैंपल की रिपोर्ट आई और उनमे से 23 सैंपल फैल हो गए । उनमे से 14 सैंपल के अंदर डिटरर्जेंट और यूरिया जैसे भयंकर कैमिकल देखने को मिले ।

‌‌‌इन रिर्पोटों से यह स्पष्ट होता है कि दूध के धंधे के अंदर कई सारे मिलावट खोर मौजूद हैं।अधिक दूध की मांग की पूर्ति के लिए तेजी से मिलावट का कारोबार चल रहा है।

‌‌‌इसलिए यदि आप अवैध डेरियों से दूध खरीद रहे हैं। खास कर ऐसे लोगों से जिन पर आप भरोशा नहीं करते हैं तो संभव है कि वे आपके दूध के अंदर यूरिया और डिटर्जेंट पाउडर मिलाकर बेच रहे हों। आपको सावधान होने की जरूरत है।

‌‌‌आप उपर दिये गए तरीकों की मदद से चैक कर सकते हैं। यदि कुछ भी मिलावट को आप पाते हैं तो इसकी शिकायत आपको करनी चाहिए और आप दूध वाले को पैसा देने से इंकार कर सकते हैं।

‌‌‌डिटर्जेंट आपकी हेल्थ के लिए बहुत ही नुकसान दायी होता है। यह आपके शरीर केा अंदर से नष्ट कर देता है। और इस प्रकार का मिलावटी दूध पीने से बच्चों का विकास रूक जाता है। ‌‌‌इसलिए घर मे दूध लाने से पहले आपको उसका अच्छी तरीके से परीक्षण करना चाहिए । यदि वह मानकों पर खरा उतरता है तो उसके बाद ही आप उसको घर के अंदर प्रवेश करनें दें। नहीं तो आप किसी दूसरे दूध वाले को चुन सकते हैं।

‌‌‌दूध को लंबे समय तक रखने पर उसका रंग देखें

दोस्तों जो दूध आप ले रहे हैं।यदि उसको आप लंबे समय तक रखते हैं तो दूध का रंग पीला होने लग जाता है । यदि दूध मे मिलावट है तो यह रंग बदलने लग जाएगा । लेकिन यदि आप असली दूध को लंबे समय तक रखते भी हैं तो वह किसी भी प्रकार से रंग नहीं बदलता है। और वह ‌‌‌हमेशा सफेद रंग का ही दिखाई देता है।यदि दूध अपना रंग छोड़ रहा है तो इसका मतलब यह है कि दूध के अंदर मिलावट की गई है और आपको इस प्रकार का दूध प्रयोग करना बंद कर देना चाहिए ।

‌‌‌दूध को उबाल कर देखें

दोस्तों यदि आप नहीं पहचान पा रहे हैं कि दूध असली है या नकली तो आप दूध को उबाल कर भी देख सकते हैं।आमतौर पर जब आप कभी भी असली दूध को उबालते हैं तो उसका रंग नहीं बदलता है और यह उबालने के बाद भी वैसा ही रहता है। वहीं यदि आप नकली दूध को उबालते हैं तो यह रंग छोड़ने लग जाता है।‌‌‌यदि दूध उबालने के बाद रंग बदल रहा है तो इसका मतलब यह है कि आपको नकली दूध दिया जा रहा है। आप जिस दूध को खरीद रहे हैं उसके अंदर मिलावट की गई है।

‌‌‌दूध के स्वाद की मदद से पहचाने

दोस्तों आप दूध के नकली होने की पहचान उसके स्वाद से भी कर सकते हैं।इसके लिए दूध को गर्म करें और उसके बाद उसका स्वाद चखकर देखें। यदि आपको स्वाद बहुत ही बेकार लगता है जैसे नकली दूध का स्वाद अक्सर कड़वा होता है तो इसका मतलब यह है कि दूध के अंदर मिलावट की गई है।‌‌‌ आपको नकली दूध को लेना बंद करना होगा तभी कुछ फायदेमंद घटित हो सकता है।

दूध में स्टार्च की मिलावट

दूध के अंदर यदि स्टार्च मिला हुआ है तो इसका पता करने के लिए दूध के अंदर आयोडीन सॉल्युशन डालें । जब दूध का रंग नीला पड़ने लग जाए तो इसका मतलब दूध मे स्टार्च मिला हुआ है। और आप जो दूध खरीद रहे हैं उसके अंदर मिलावट की गई है।‌‌‌यदि दूध के अंदर स्टार्च मिलाया जाता है तो यह हमारे आंतें, किडनी और लिवर के उपर बहुत अधिक बुरा असर करता है। इसलिए स्टार्च मिले दूध का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए ।

‌‌‌दूध मे तेल की मिलावट की पहचान

कुछ लोग दूध के अंदर तेल मिलाकर भी बेचते हैं।वैसे देखने मे यह तेल दूध मे नजर नहीं आता है लेकिन आप दूध की कुछ बूंदे हाथ पर डालें और उसके बाद दोनों हाथों को अच्छी तरह से रगड़ें । यदि दूध के अंदर तेल मिला  हुआ होगा तो चिकनाहट आ जाएगी ।‌‌‌और यदि बात करें असली दूध की तो असली दूध के अंदर आप ऐसा करते हैं तो आपके हाथों मे चिकनाहट नहीं होगी ।

‌‌‌दूध मे दूध में वनस्पती (डालडा) की मिलावट

दोस्तों दूध के अंदर वनस्पती तेलों की मिलावट की जाती है।जोकि सेहत के लिए बहुत अधिक हानिकारक होता है। यदि  दूध मे वनस्पती की मिलावट है तो इसको चैक करने का एक तरीका है। जिसके अंदर आपको दूध मे हाइड्रोक्लोरिक एसिड और एक चम्मच चीनी मिलाकर हलाएं । यदि दूध के अंदर मिलावट होगी तो दूध का रंग लाल हो जाएगा । और यदि दूध के अंदर मिलावट नहीं होगी तो दूध किसी भी प्रकार का रंग नहीं बदलेगा ।

दूध में फार्मालिन की मिलावट

दोस्तों दूध को लंबे समय तक स्टोर करने के लिए फार्मालिन को दूध के अंदर मिला दिया जाता है। इस रसायन का प्रयोग पैकिंग किये जाने वाले दूध के डिब्बे के अंदर किया जाता है। इसकी जांच करने के लिए आपको एक टेस्ट टयूब लेना होगा और उसके बाद 10 मिलीलीटर दूध डालें और सल्फयूरिक एसिड की 2 से 3 बूंदें डालें और उसके बाद आपको एक निले रंग का छल्ला दिखाई देगा । और यदि आपको यह छल्ला नहीं दिखाई दे तो इसका मतलब यह है कि दूध के अंदर मिलावट नहीं की गई है।

‌‌‌दूध से मावा निकाल कर देखें

‌‌‌दोस्तों आप दूध के अंदर मिलावट की पहचान मावा बनाकर कर सकते हैं। नकली दूध के अंदर बहुत ही कम मावा बनेगा । यदि बात करें एक किलो दूध की तो उससे 200 से 240 ग्राम ही मावा निकलता है। यदि इससे कम मावा निकल रहा है तो इसका मतलब यह है कि दूध के अंदर मिलावट की जा रही है।

‌‌‌हालांकि मार्केट के अंदर जो मावा मिलता है वह मिलावटी होता है।मावे की रेट 240 रूपये प्रति किलो होती है।यदि आप घर मे मावे को बनाना चाहते हो तो फिर इसका सरल तरीका यह है कि आप दूध को गर्म करते जाएं और उसके अंदर पल्टा हिलाते जाएं । कुछ समय जब आप ऐसे करेंगे तो दूध गाढ़ा हो जाएगा । बस यही मावा ‌‌‌ होता है।‌‌‌जिस भी दूध वाले से आप दूध खरीदते हैं उससे लिए एक किलो दूध के अंदर मावा निकाल कर देख सकते हैं। इससे पता चल जाएगा कि दूध मे मिलावट है या नहीं है।

‌‌‌दूध का दही बनाकर चैक करना

दोस्तों यदि आपके पास ऑरेजनल दूध है तो उसका बना दही का अपना ही स्वाद होता है लेकिन यदि आपके पास नकली दूध है तो उस दही का कोई स्वाद नहीं होगा।  और इस प्रकार का नकली दूध सही से दही नहीं जमा सकता है।‌‌‌आप दूध से दही जमाकर देखें ।यदि दूध से दही गाढ़ा होता है और खाने मे अच्छा होता है तो इसका मतलब यह है कि आप जो दूध का प्रयोग कर रहे हैं वह दूध नकली नहीं असली है।

‌‌‌दूध मे पानी की मिलावट

दोस्तों दूध मे पानी मिलाने का इतिहास हमेशा से ही रहा है।हालांकि दूध मे मिला हुआ पानी किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाता है लेकिन यह आपको आर्थिक हानि जरूर देता है। लगभग सभी दूध बेचने वाले दूध के अंदर पानी मिलाते हैं। हालांकि यह बात अलग है कि कुछ लोग कम पानी ‌‌‌ पानी मिलाते हैं तो कुछ लोग अधिक पानी मिलाते हैं।क्या आपके पास जो दूध आता है उसके अंदर भी पानी तो नहीं तो इसको चैक करने का एक सरल तरीका है कि आप एक थाली के उपर दूध की कुछ बुंदे डालें उसके बाद थाली को तीरछा करदें।

‌‌‌ऐसा करने से दूध बहकर नीचे की तरफ आएगा ।और एक लकीर बन जाएगी । यह लकीर जितनी गहरी होगी दूध मे पानी की मिलावट उतनी ही कम होगी । यदि दूध मे अधिक पानी मिला है तो लकीर हल्की होगी ।

लैक्टोमिटर एक ऐसा यंत्र होता है जिसकी मदद से आप दूध के अंदर पानी की मिलावट को चैक कर सकते हैं। यह आपको अमेजन पर आसानी से मिल जाता है। इसके अंदर निर्धारित माप 30 से 32 तक दूध को सही माना जाता है।

‌‌‌यदि आप अपने मिलने वाले दूध मे अधिक पानी मिलाते हुए पाते हैं तो आपको इस प्रकार के दूध को लेना बंद कर देना चाहिए और उसके स्थान पर किसी अन्य जगह से दूध लेना चाहिए ।‌‌‌क्योंकि पानी मिला हुआ दूध आपकी हेल्थ के लिए किसी भी तरह से फायदेमंद नहीं होता है।

नकली दूध के नुकसान क्या है

‌‌‌दोस्तों अब तक हमने यह जाना कि आप नकली दूध को किस प्रकार से पहचान सकते हैं। यदि आप नकली दूध का सेवन करते हैं तो यह आपको किसी भी प्रकार का फायदा नहीं देता है। वरन आपके पैसे भी पालतू मे बरबाद होते रहते हैं।‌‌‌यदि कोई आपको दूध बेच रहा है। तो यह ट्राई करें कि कहीं दूध के अंदर मिलावट तो नहीं हो रही है ? यदि आप मिलावटी दूध पर पैसे खर्च करते हैं तो आपको नुकसान है।

‌‌‌अब आपको हम यह बताने का प्रयास करते हैं कि मिलावटी दूध खाने से क्या क्या नुकसान हो सकते हैं ?

‌‌‌दूध मे होने वाली मिलावट ने अनेक प्रकार की स्वास्थ्य चिंताओं को जन्म दिया है।दूध मे मिलावट से कुपोषण की समस्या बढ़ी है। इसलिए सभी माता पिता को जागरूक होने की जरूरत है और सही दूध का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है।

‌‌‌दूध मे मिलावट से कुपोषण का खतरा

दोस्तों दूध मे मिलावट से कुपोषण का खतरा बढ़ रहा है । कारण यह है कि हम दूध को सबसे अधिक पौष्टिक मानते हैं और उसके अंदर मिलावट होने से आवश्यक पौषक तत्वों की पूर्ति नहीं हो पाती है । जिससे कि बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर प्रभाव पड़ रहा है।

‌‌‌और पोषण की कमी से मृत्यु दर अधिक हो जाती है और वजन कम हो जाता है।2004 में चीन के “बिग हेड डिजीज” घोटाले में, शिशुओं को एक नकली फार्मूला खिलाए जाने के बाद उन्होंने तेजी से वजन कम किया। कहा जाता है कि शिशुओं ने “बिग हेड डिजीज” विकसित किया है, जो तीव्र कुपोषण का एक लक्षण है।

‌‌‌इस प्रकार से यदि आप मिलावटी दूध का सेवन करते हैं तो यह शारीरिक और मानसिक विकास पर बहुत अधिक प्रभाव डालता है।‌‌‌इसलिए मिलावटी दूध का सेवन नहीं करना चाहिए ।

‌‌‌दस्त की समस्या

अक्सर दूध के अंदर पानी मिलाते हुए दूध वाले पकड़े जाते हैं।दूध के अंदर यदि शुद्ध पानी को मिलाया जाता है तो कोई समस्या नहीं है यह पोषण को कम करता है अन्य कोई हानि नहीं करता है लेकिन यदि दूध के अंदर अशुद्ध पानी को मिलाया जाता है जो यह कई मामलों मे गम्भीर संकट पैदा कर सकता ‌‌‌है। अशुद्ध पानी से मिला हुआ दूध कई मामलों मे दस्त को जन्म दे सकता है।

यदि मिलावटी दूध में इस्तेमाल किया गया पानी रोगजनकों द्वारा दूषित होता है, तो इससे बच्चों में संक्रामक दस्त हो सकते हैं। और यह बच्चों के विकास मे बाधा पैदा कर सकता है।

ब्लूबेबी सिंड्रोम का विकास

यदि दूध मे मिलाए जाने वाले पानी मे नाइट्रेट मुख्य संदूषक है तो यह ब्लू-बेबी सिंड्रोम का विकास कर देता है।यह एक महिने से कम उम्र के बच्चों मे विकसित हो सकता है।

दूध में सोडियम क्लोराइड की मिलावट के नुकसान

दोस्तों यदि दूध के अंदर सोडियम क्लोराइड की मिलावट है तो यह उन लोगों के लिए समस्या पैदा कर सकता है जोकि उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और किडनी या लीवर की पुरानी बीमारी के शिकार है। इस प्रकार का दूध इन लोगों की समस्या को बढ़ा सकता है।

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‌‌‌दूध मे चीनी की मिलावट के नुकसान

दोस्तों यदि दूध के अंदर शर्करा की अधिक मिलावट है तो यह भी नुकसान दायी होती है।मधुमेह से पिड़ित रोगियों के लिए यह भयंकर नुकसान दायी होती है। इसके अलावा हर्ट रोग मे भी यह नुकसान दायी होती है।

‌‌‌दूध मे फॉर्मेलिन  की मिलावट के नुकसान

जैसा कि हमने आपको उपर बताया कि फॉर्मेलिन  का उपयोग दूध की स्टोरेज कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए किया जाता है। फॉर्मेलिन  भी इंसानों के लिए भयंकर स्वास्थ्य संकट पैदा कर सकता है।फॉर्मेलिन कम मात्रा में मनुष्यों के लिए अत्यधिक विषैला होता है। और इसकी वजह से कई प्रकार की समस्याएं पैदा हो सकती है। जैसे कि शुष्क त्वचा, जिल्द की सूजन, सिरदर्द, चक्कर आना, आंखों का फटना, छींकना और खांसी और अस्थमा भी विकसित हो सकता है।

‌‌‌दूध मे  हाइड्रोजन पेरोक्साइड की मिलावट

दोस्तों दूध मे  हाइड्रोजन पेरोक्साइड गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।आंत की सूजन और खूनी दस्त जैसी समस्या हो सकती है। जठरांत्र संबंधी जटिलताओं का कारण यह बन सकता है।

‌‌‌दूध मे डिटर्जेंट  की मिलावट

दोस्तों कुछ महान लोग दूध के अंदर डिटर्जेंट की मिलावट भी करते हैं।असल मे यह भी स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है।डिटर्जेंट के अंदर डाइऑक्साइन होता है जोकि काफी विषैला होता है।‌‌‌इसकी वजह से क्लोरीन निम्न रक्तचाप, मतली, उल्टी और पेट में दर्द हो सकता है।

गंभीर मानव स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि बिगड़ा हुआ दृष्टि, दस्त और गुर्दे की खराबी का कारण बन सकती है।और चेहरे और अन्य जगहों पर अनावश्यक बाल दिखाई दे सकते हैं। इससे अंगों में सूजन, अनियमित दिल की धड़कन, मांसपेशियों में ऐंठन, ठंड लगना और कंपकंपी वाला बुखार और कैंसर भी हो सकता है।

मेलामाइन की दूध मे मिलावट के नुकसान

मेलामाइन एक प्रकार का रसायन है जिसका प्रयोग स्टिक, गोंद, काउंटरटॉप्स (Countertops) और व्हाइटबोर्ड बनाने मे किया जाता है।इस मेलामाइन को दूध के अंदर मिला दिया जाता है जो दूध की मात्रा को बढ़ाता है। वैसे भी यह दूध की तरह सफेद रंग का होता है। लेकिन यह हानिकारक  ‌‌‌ होती है।

मेलामाइन मनुष्यों के अंदर जोखिम मूत्र पथरी, क्रिस्टलुरिया और तीव्र गुर्दे की विफलता का कारण बनता है।और यदि बच्चे इस दूध का सेवन करते हैं तो उनके अंगों की परिपक्वता पर इसका बुरा असर पड़ता है।

2008 में चीन के मेलामाइन-दागी दूध घोटाले के मामले में, अधिकांश बच्चों में चिड़चिड़ापन, डिसुरिया, पेशाब करने में कठिनाई, गुर्दे का दर्द, रक्तमेह, या गुर्दे की पथरी के लक्षण थे।

  • कार्बोनेट और बाइकार्बोनेट हार्मोन सिग्नलिंग में व्यवधान पैदा कर सकते हैं ।
  • सोडियम कार्बोनेट पाचन तंत्र में जलन के साथ-साथ उल्टी और दस्त का कारण बन सकता है
  • बोरिक एसिड आंखों में जलन, मतली, उल्टी, दस्त, गुर्दे की क्षति, त्वचा की समस्याओं और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में जलन का कारण बनता है।
  • बेंजोइक एसिड की वजह से त्वचा मे जलन सांस नली मे जलन और अस्थमा, चयापचय एसिडोसिस जैसी समस्याएं हो सकती है।

‌‌‌दूध के अंदर मिलावट के आंकड़ों पर नजर डालने पर पता चलता है कि यह समस्या विकासशील दशों के अंदर सबसे अधिक होती है क्योंकि यहां पर चुनने के लिए कोई खास आप्सन नहीं होते हैं।

दुनिया के 90% अविकसित बच्चे अफ्रीका और दक्षिण एशिया में रहते हैं। सही पोषण के अभाव मे बच्चों के दिमाग के विकास मे कमी आती है और न्म के समय कम वजन के साथ-साथ बौनापन  आ सकता है।

‌‌‌भारत जैसे गरीब देश के अंदर वैसे भी माता पिता अपने बच्चों को बहुत सारा दूध खरीद कर नहीं दे सकते हैं। लेकिन कुछ मात्रा मे खरीदा गया दूध ही मिलावटी हो तो फिर क्या कहा जा सकता है।

उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक, ऑस्टियोपोरोसिस, मधुमेह, और कैंसर जैसे रोग उन देशों मे अधिक होते हैं जहां पर दूध मे मिलावट होती है। यह एक सन 2012 का एक रिसर्च कहता है।

‌‌‌इस प्रकार के क्षेत्रों मे रहने वाले बच्चे काफी कमजोर होते हैं और इनकी प्रतिरक्षा प्रणाली काफी कमजोर हो जाती है यह बार बार बीमार होते हैं।

5 साल से कम उम्र के बच्चों में होने वाली सभी मौतों में से लगभग 35% में बचपन के कुपोषण को एक अंतर्निहित कारण दिखाया गया है।

‌‌‌सन 2013 मे हुए एक रिसर्च मे यह बात सामने आई कि भारत के अंदर पोषक तत्वों की भारी कमी बनी हुई है।और दूध पशु प्रोटीन का महत्वपूर्ण स्त्रोत है खासकर शाकहारी लोगों के लिए ।

दुनिया की लगभग आधी सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी भारत में पाई जाती है यह 2011 का रिसर्च कहता है।

‌‌‌वैसे भारत के अंदर बढ़ती दूध की खपत को कुपोषण को दूर करने के संदर्भ मे देखा जा रहा है।एक रिपोर्ट के अंदर दूध की खपत के साथ ही बच्चों के पोषण के अंदर सुधार दिखाया गया था।‌‌‌लेकिन भारत के अंदर दूध के अंदर होने वाली मिलावट ने 70 फीसदी कुपोषण समस्याओं को जन्म दिया है।

दुग्ध उत्पाद कई आबादी के आहार के महत्वपूर्ण घटक हैं। दूध के उच्च पोषण मूल्य ने दुनिया भर में इसकी उच्च खपत को जन्म दिया है।और दूध की उच्च मांग के चलते धोखाधड़ी भी काफी तेजी से बढ़ रही है।दूध धोखाधड़ी डेयरी उद्योग के सामने सबसे गंभीर मुद्दों में से एक है; यह न केवल बड़े वित्तीय नुकसान का कारण बनता है बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम भी पैदा करता है।

‌‌‌भारत मे दूध का मिलावटी कारोबार

दोस्तों भारत के अंदर दूध का मिलावटी कारोबार काफी अधिक हो चुका है। और इसके उपर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं होने की वजह से यह बहुत ही तेजी से फल फूल रहा है।सिंथेटिक दूध  की मिलावट भारत मे काफी तेजी से पैर पसार रही है।सन 2008 मे उत्तर प्रदेश, भारत में कुल 365 घरों का सर्वेक्षण किया । जिसके अंदर यूरिया, वनस्पति तेल और डिटर्जेंट की उपस्थिति के परीक्षण  किया जा सके । 365 बच्चों का सर्वेक्षण किया गया; 70 बच्चे 1 से 5 वर्ष की आयु के थे, 150 6 से 18 वर्ष की आयु के थे, और 145 19 से 22 वर्ष के थे।स्टालों से दूध के 160 और नमूने एकत्र किए गए।

‌‌‌इस रिपोर्ट से यह पता चलता है कि गांवों के अंदर मिलने वाले दूध मे यूरिया और डिटर्जेंट के साथ दूध के नमूनों में धोखाधड़ी का पता ग्रामीण क्षेत्रों में 8% से लेकर शहरी क्षेत्रों में 40% तक था।

सर्वेक्षण किए गए बच्चों में सबसे आम समस्याएं आंखों की रोशनी, दस्त और सिरदर्द से संबंधित थीं। 1 से 5 वर्ष की आयु के अधिकांश बच्चे अपनी माँ के दूध पर निर्भर थे और इसलिए उन्होंने अपने स्वास्थ्य पर सबसे कम प्रभाव दिखाया।‌‌‌6 से 18 वर्ष के 28 प्रतिशत शहरी  बच्चे सिरदर्द से प्रभावित थे । लेकिन ग्रामीण केवल 8 प्रतिशत ही सिर दर्द से ही प्रभावित थे ।आंखों की समस्या और डायरिया अधिक प्रचलित थे, जिससे आधे से अधिक (57%) शहरी और 16% ग्रामीण बच्चे प्रभावित हुए।

‌‌‌मिलावटी दूध से बचने के उपाय

दोस्तों अब तक हमने यह जाना कि दूध के अंदर मिलावट की पहचान किस प्रकार से आप कर सकते हैं। लेकिन अब हम आपको यह बताने वाले हैं कि आप मिलावटी दूध से किस प्रकार से बच सकते हैं ? हम आपको कुछ टिप्स बताने वाले हैं जिनकी मदद से आप मिलावटी दूध से बच सकते हैं और इस ‌‌‌ जहर से होने वाले कैंसर जैसे घातक रोगों से खुद को बचा सकते हैं।

‌‌‌दूध हमेशा एक ईमानदार इंसान से खरीदें

दोस्तों अक्सर हमने देखा है कि हम हर किसी से दूध ले लेते हैं। और ऐसा करने पर हमे नुकसान भी भुगतना पड़ता है। इसलिए मिलावट से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि दूध आप किसी भी ईमानदार इंसान से खरीदें ।‌‌‌ऐसा नहीं है कि सारे दूध बेचने वाले ही बेईमान होते हैं।

असल मे बहुत से दूध बेचने वाले ऐसे भी होते हैं जोकि बेईमान नहीं होते हैं। तो आपको चाहिए कि आप एक बेहतर इंसान को चुने जोकि बेईमान नहीं है।वैसे इसप्रकार का दूध बेचने वाला मिलना कठिन है लेकिन मिल जाएगा ।

‌‌‌यदि दूध के अंदर कोई पानी मिलाता है वहां तक तो ठीक है।थोड़ा बहुत पानी चल जाता है लेकिन यदि कोई दूध के अंदर कैमिकल मिला रहा है तो वहां से दूध नहीं लेना चाहिए।

‌‌‌बेहतर होगा जिस घर मे गाय है वहां से दूध खरीदें

दोस्तों यदि आप किसी ऐसे ईलाके के अंदर रहते हैं जहां पर आपको गाय का दूध ताजा मिल सकता है। और किसी घर मे गाय है तो सीधे गाय के मालिक से दूध खरीदें ।‌‌‌अक्सर जिन लोगों के पास गाय होती हैं।उनके पास बहुत सारा दूध होता है और अधिकतर केस मे वे दूध के अंदर किसी भी तरह की मिलावट नहीं करते हैं। मिलावट तो बिचौलिया करते हैं तो उनसे बचने का प्रयास करना होगा ।

‌‌‌लेकिन यदि आपको ताजा दूध चाहिए तो आपको मेहनत करनी होगी ।जिस घर मे गाय है उस घर के अंदर आपको चलकर जाना होगा । क्योंकि यह लोग आपके घर तक दूध देने के लिए कभी नहीं आएंगे ।

‌‌‌और यदि आप किसी ग्रामीण इलाके के अंदर रहते हैं तो फिर आपको घर घर मे गाय मिल जाएगी आप किसी भी घर से दूध को खरीद सकते हैं और पी सकते हैं। यह पूरी तरह से गाय का ताजा दूध होता है जो बाजार मे मिलने वाले महंगे दूध से लाख गुना बेहतर है।

‌‌‌फ्रीज मे पड़े दूध को ना खरीदें

दोस्तों अक्सर आपने देखा होगा कि कम्पनियां दूध से क्रीम निकालने के बाद उसको थैली मे पैक करके भेज देती हैं और दुकानदार उसे फ्रीज मे रख देते हैं। और वह लंबे समय तक फ्रीज मे पड़ा रहता है। इस प्रकार का दूध किसी काम का नहीं होता है। एक तो उसके अंदर से सारे पोषक  ‌‌‌ तत्व निकाल लिये जाते हैं इसके अलावा वह दूध बेहद ही घटिया होता है। यदि आप उसको पियेंगे तो कोई भी फयदा नहीं होगा । उल्टे नुकसान होगा । उसके अंदर कई तरह के कैमिकल मिलाये जाते हैं जो उसको लंबे समय तक स्टोर करने मे मदद करते हैं।

 ‌‌‌लेकिन कई बार परिस्थितियां ऐसी हो जाती हैं कि हमें अचानक से बहुत सारा दूध चाहिए होता है। ऐसी स्थिति मे ही आपको थैली वाला दूध प्रयोग मे लेना चाहिए ।

‌‌‌समय समय पर दूध की गुणवकता की जांच करते रहें

दोस्तों समय समय पर आपको दूध की गुणवकता की जांच करते रहना चाहिए । आप जिस किसी से दूध ले रहे हैं वह आपको सही दूध दे रहा है या नहीं दे रहा है ? यह चैक करते रहना चाहिए । यदि आपको यह जरा सा भी लगे कि दूध वाला अच्छा दूध नहीं दे रहा है तो उसे पहले बोले ‌‌‌और उसके बाद भी वह दूध की गुणवकता को नहीं सुधारता है तो उसके बाद आप अपने दूध वाले को ही बदल सकते हैं जिससे कि आपको भी अच्छा दूध मिलेगा ।

‌‌‌हर कंपनी का दूध टेस्ट करके देखें

दोस्तों मार्केट के अंदर अनेक कंपनी होती हैं जोकि दूध बेचने का काम करती हैं।और आप एक अच्छे दूध की तलास कर सकते हैं। उनमे से कुछ कंपनी ऐसी होती हैं जोकि दूध को बेहतर क्वालीटी के साथ बेचती हैं। आप लगभग सभी कंपनियों का दूध टेस्ट करके देख सकते हैं। यदि आपको ‌‌‌ किसी कंपनी का दूध क्वालिटी मे अच्छा लगता है तो आप उसके दूध को खरीद सकते हैं। ऐसा करने का फायदा यह है कि आपको बेहतर क्वालिटी का दूध मिल सकता है।

‌‌‌ऑरेजनल दूध के लिए घर मे बकरी पालें

दोस्तों यदि आप शहर मे रहते हैं तो आप गाय भले ही पाल नहीं सकते हैं लेकिन बकरी पाल सकते हैं। बकरी को कम चराई की आवश्यकता होती है। आप एक बकरी को पालकर उससे ताजा दूध प्राप्त कर सकते हैं।‌‌‌इस ताजा दूध को आप अपने बच्चों को पिला सकते हैं।और यदि आप किसी ग्रामिण इलाके के अंदर रहते हैं तो फिर आप एक गाय पाल सकते हैं । क्योंकि गांव के अंदर खेत खलियान होते हैं जिससे की गाय के लिए आसानी से चारे की व्यवस्था हो ही जाती है।

‌‌‌अपने सगे संबंधियों से दूध खरीदना

आप यह पता करें आपके सगे संबंधियों के पास गाय या भैंस है कि नहीं ? यदि आपके सगे संबंधियों के पास गाय भैंस है तो आप उनके यहां से ही दूध खरीदे । ऐसा करने का फायदा यह होगा कि आपको मिलावटी दूध नहीं मिलेगा । और अगला भी आपको मिलावटी दूध देने से बचेगा । क्योंकि ‌‌‌अगले को भी विश्वास टूट जाने का डर बना रहेगा ।

‌‌‌मिलावटी दूध की शिकायत कैसे करें

‌‌‌दोस्तों यदि आप दूध के अंदर मिलावट पाते हैं तो उसकी शिकायत भी कर सकते हैं।आप जिस किसी से दूध खरीदते हैं यदि वह एक लाइसेंसधारी विक्रेता है तो उसके बाद आप अपने क्षेत्र की खाध्य सुरक्षा विभाग के अंदर सूचना दे सकते हैं। अपने साथ कुछ अन्य लोगों को मिलाएं और उसके बाद शिकायत करें। ऐसा करने से ‌‌‌उसके बाद टीम दूध की गुणवकता की जांच करेगी । यदि दूध के अंदर मिलावट पाई जाती है तो उसके बाद टीम व्यापारी का लाइसेंस कैंसिल कर सकती है।

‌‌‌लाइसेंसधारी विक्रेताओं से दूध खरीदें

दोस्तों हम दूध के मामले मे एक गलती यह भी करते हैं कि हम हर किसी से दूध खरीद लेते हैं जोकि लाइसेंसधारी नहीं है। इस प्रकार के दूध के अंदर मिलावट आती है तो उसकी शिकायत करने का कोई फायदा नहीं होता है।

‌‌‌इसलिए ही तो यह कहा जाता है कि दूध के लाइसेंसधारी विक्रेताओं से दूध खरीदना चाहिए । ताकि यदि मिलावटी दूध आपको मिलता है तो आप इसकी शिकायत उपर कर सकें हैं। और इससे लाइसेंस कैंसल हो सकता है।

‌‌‌और यदि आपको मिलावटी दूध की शिकायत करनी है तो आप अपने क्षेत्र के नंबर के बारे मे गूगल पर सर्च करें। वहां पर आपको लगभग सभी प्रकार फूड सेफटी के कॉन्टेक्ट नंबर मिल जाएंगे ।

‌‌‌दूध का परीक्षण करके देखें

दोस्तों दूध असली है या नहीं इसका पता तो आप परीक्षण करके पता लगा सकते हैं। दूध के अंदर मिलावट का पता लगाने के लिए उपर दिये गए तरीकों का आप प्रयोग कर सकते हैं। यदि आप खुद जागरूक हैं तो फिर मार नहीं खाएंगे ।‌‌‌उपर हमने आपको कई तरीके बताएं हैं जिनकी मदद से आप किसी भी दूध के बारे मे यह पता लगा सकते हैं कि दूध असली है या नकली ? या फिर दूध के अंदर मिलावट तो नहीं है ?

‌‌‌दूध से बनी मिठाइयों को खाने से बचे

दोस्तों जिस दुकान से आप पेड़ा और दूसरी दूध से बनी मिठाइयां खरीदते हैं तो उसे सोच समझ कर ही खरीदें क्योंकि उनके अंदर मिलावट हो सकती है। अधिकतर लोग मिठाइयों को सस्ती करने के चक्कर उनमे मिलावट करते हैं। यदि आप मिठाई खाने के शौकिन हैं तो ‌‌‌हर किसी सौप से मिठाई ना खाएं ।वरन ऐसी दुकान को चुने जोकि एकतरह से बेहतरीन मिठाई बनाता हो और वह ऑरेजनल मिठाई भी बनाता हो । हमारे यहां पर एक ऐसा ही मिठाई वाला है जोकि बाजार भाव से चाय के 5 रूपये अधिक लेता है लेकिन उसकी चाय का स्वाद किसी भी दुकान की चाय मे नहीं होता है। क्योंकि वह बिना ‌‌‌मिलावट के इतनी मजेदार चाय बनाता है कि आप पीते ही रह जाओगे ।

दूध मे मिलावट की पहचान कैसे करें ? लेख के अंदर हमने दूध की मिलावट के बारे मे विस्तार से जाना उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा यदि आपका इस संबंध मे कोई विचार हो तो हमें बताएं । यदि आपकी कोई समस्या हो तो कमेंट करें । हम आपकी समस्या का समाधान करेंगे ।

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।