Kya aap ko pata hain saans rokne ka world record

दोस्तों यदि आपसे कोई पूछे कि आप कितनी देर तक सांस रोक सकते हैं तो आप कम से कम 3 मिनट तक ऐसा कर पाएंगे । लेकिन दुनिया के अंदर कई ऐसे लोग भी हैं जो काफी लंबे समय तक सांस को रोक सकते हैं। यह काफी अजीब है और आपको इस को घर पर ट्राई नहीं करना चाहिए । क्योंकि ऐसा करने ‌‌‌दिमाग और दिल पर बहुत अधिक बुरा असर पड़ सकता है। यदि आप अधिक लंबे समय तक सांस को रोक लेते हैं तो ऑक्सिजन नहीं मिलने से आपका दिल काम करना बंद कर सकता है। इसके अलावा आपका दिमाग भी मर सकता है। लेकिन दुनिया के अंदर ऐसे सख्स भी हैं जो 24 मिनट तक सांस रोक सकते हैं। और इसके बाद भी उनको कुछ ‌‌‌नहीं होता है।

saans rokne ka world record ‌‌‌सांस रोकने का वर्ल्ड रिकॉर्ड

‌‌‌डेली मेल के अनुसार जब इंसान का शरीर पानी के अंदर डूबता है तो चयापचय क्रिया और हर्ट रेट कम हो जाती है।अप्रशिक्षित लोगों की पल्स दर 30 प्रतिशत तक कम हो जाती है। इसके अलावा जो प्रशिक्षित होते हैं उनकी पल्स दर 50 प्रतिशत तक कम हो जाती है। ‌‌‌वैसे दो प्रकार के रिकोर्ड आपको देखने को मिलेंगे । एक सांस रोकने से पहले शुद्व ऑक्सीजन के अंदर सांस लेना ‌‌‌शुद्व ऑक्सिजन लेकर सांस रोकने से आप अधिक समय तक सांस आसानी से रोक पाते हैं।

और दूसरा सांस रोकने के लिए किसी भी शुद्व ऑक्सिजन का प्रयोग नहीं करना । गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अंदर अब तक शुद्व ऑक्सिजन के अंदर लेने के बाद 22 मिनट तक सांस रोकने का रिकोर्ड दर्ज है।मरीका के डेविड ब्लेन ने लगातार 17 मिनट और चार सेकेंड तक सांस रोकी थी। डेविड ब्लेन पेशे से जादूगर हैं। उन्होंने सबसे पहले शरीर की पूरी ऑक्सीजन को बाहर निकाल दिया उसके बाद शरीर के अंदर शुद्व ऑक्सिजन को भरा और फिर एक गूब्बारे के अंदर खुद को बंद कर लिया जोकि कांच का बना हुआ था। 2012 में, जर्मन फ्रीडाइवर टॉम सीतास ने 22 मिनट और 22 सेकंड के लिए अपनी सांस पानी के भीतर रखी, डेन स्टिग सेवरिन्सन के पिछले गिनीज रिकॉर्ड को 22 सेकंड से सर्वश्रेष्ठ किया।

दूसरा सांस रोकने के लिए किसी भी शुद्व ऑक्सिजन का प्रयोग नहीं करना

महिलाओं का सांस रोकने का  रिकॉर्ड 18 मिनट, 32.59 सेकंड है, जो 2009 में ब्राज़ीलियन कैरोलीन मेयर द्वारा निर्धारित किया गया था। ‌‌‌यह तो वो रिकोर्ड हैं। जिसके अंदर सांस रोकने वाला सांस रोकने से पहले शरीर की कार्बनडाई ऑक्साइड को बाहर निकालता है और शुद्व ऑक्सीजन को अंदर लेता है। लेकिन बिना शुद्व ऑक्सीजन के अंदर लिये अधिक समय तक सांस नहीं रोका जा सकता है।

‌‌‌बिना ऑक्सीजन लिए सांस रोकने का रिकार्ड 11 मिनट, पुरुषों के लिए 35 सेकंड (स्टीफन मिफ्सड, 2009) और 8 मिनट, महिलाओं के लिए 23 सेकंड (नतालिया मोलचनोवा, 2011) ‌‌‌डिस्कवरी न्यूज ने यह दिखाया कि सांस रोकने से दिमाग के उत्तकों को क्षति होती है। सांस रोकने के बाद जब दिमाग का परीक्षण किया गया तो दिमाग के अंदर कई असामान्यताओं को पाया गया । हालांकि इनके दीर्घकालिन परिणाम क्या होंगे ? इस बारे मे कुछ कहा नहीं जा सकता है।

मनुष्य कितनी देर तक सांस रोक सकता है

‌‌‌दोस्तों वैसे इस प्रश्न का सही उत्तर किसी के पास नहीं है। लेकिन एक मनुष्य 6 मिनट तक सांस रोक सकता है। ‌‌‌लेकिन एक आम इंसान 2 मिनट तक ही सांस को रोक पाता है। ऐसा माना जाता है।फ्री डाइवर्स आमतौर पर जो पानी के अंदर गोता लगाते हैं। वे अधिक समय तक अपनी सांस को रोक सकते हैं। इन लोगों ने दुनिया के अंदर ऐसे ऐसे रिकोर्ड बनाए हैं जिनको जानकर ‌‌‌आश्चर्य होता है। ‌‌‌यदि आप पानी की सतह के नीचे अधिक समय बिताना चाहते हैं तो आप मछली मी तरह सांस नहीं ले सकते हैं। वरन आपको सांस रोकके रखना होगा । अक्सर जब बच्चे प्रतियोगिता करते हैं तो बाथ टब के अंदर या स्वींम पुल के अंदर कुछ मिनटो तक सांस को रोके रखते हैं।

मनुष्य कितनी देर तक सांस रोक सकता है

‌‌‌पानी के अंदर सांस को रोकना कोई बच्चों का खेल नहीं है। वरन यह एथलीटों  का काम है।वे इसके लिए काफी अभियास करते हैं । इसको स्थैतिक एपनिया के नाम से भी जाना जाता है।एपनिया का अर्थ है सांस की एक अस्थायी रोक और फ्रीडाइवर्स अभ्यास करते हैं ताकि हवा में के बिना वे पानी के नीचे रह सकें।

सर्बिया के ब्रांको पेत्रोविच वर्तमान में 11 मिनट 54 सेकंड के समय के साथ स्थैतिक एपनिया रिकॉर्ड  बनाया था।जब आप पानी के अंदर सांस रोकते हैं तो आप ऑक्सीजन लेना तो बंद कर देते हैं। लेकिन आपके शरीर के अंदर कार्बनडाई ऑक्साइड पैदा होना बंद नहीं होता है। जिसकी वजह से आपको घुटन महसूस होती है और आप इसको ‌‌‌बाहर निकालने के लिए विवश होते हैं।

‌‌‌सांस रोकना अभियास से संभव

दोस्तों अक्सर हम लोग 2 मिनट तक भी सांस को नहीं रोक पाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है फ्रीडाइवर्स  जो अधिक लंबे समय तक सांस को रोक सकते हैं। वे ऐसा लंबे प्रशिक्षण के बाद ही करते हैं। अक्सर वैज्ञानिक सांस रोकने के संबंध मे जब रिसर्च करते हैं तो वे इन्हीं लोगों ‌‌‌को चुनते हैं , जोकि लंबे समय तक अपनी सांस को रोके रखते हैं।सालों तक पानी के अंदर काम करने के अभियास की वजह से गौताखोर अधिक समय तक सांस रोक सकते हैं। लेकिन आप और हम ऐसा नहीं कर सकते और करने की कोशिश भी ना करें ।

अम्लीकृत समय अधिक होना

दोस्तों आमतौर पर रिसर्च के अंदर यह सामने आया है कि एक प्रशिक्षित गौताखोर का रक्त धीरे धीरे अम्लीकृत होना है। इसका मतलब यह है कि उन गौताखोर को सांस लेने की इतनी जल्दी नहीं होती है। जितनी की हम आम इंसानों को होती है। रक्त का धीरे अम्लीकृत होने का मतलब यह है कि वे उतने ‌‌‌ही अधिक समय तक सांस को रोके रख सकते हैं।‌‌‌एक आम इंसान के शरीर के अंदर परिधीय रक्त वाहिकाओं मे अधिक कार्बनडाई ऑक्साईड जल्दी एकत्रित हो जाती है। इस वजह से भी वह जल्दी सांस लेना चाहता है।

‌‌‌फेंफड़ों की भंडारण क्षमता

‌‌‌फेंफड़ों की भंडारण क्षमता swim

दोस्तों क्या आपको पता है कि हर इंसान की फेंफड़ों की ‌‌‌ऑक्सीजन की भंडारण क्षमता अलग अलग होती है।‌‌‌कुछ गोताखोर ऑक्सीजन को अधिक से अधिक अपने शरीर के अंदर भंडारण कर लेते हैं और उसके बाद लंबे समय तक पानी के नीचे रहते हैं। इसके अलावा कुछ शिकारी भी होते हैं जो ऑक्सीजन को फेफड़ों के अंदर भंड़ारण करके के बाद समुद्र मे पानी के नीचे मछली की तलास करते हैं।1960 के दशक में अमेरिकी नौसेना के गोताखोर रॉबर्ट क्रॉफ्ट द्वारा पानी के नीचे सांस लेने का एक तरीका पेश किया गया था।

‌‌‌आमतौर पर इस तरीके को फेफड़े की पैकिंग के नाम से भी जाना जाता है। यह एक विशेष प्रक्रिया होती है। जिसके अंदर एक गौताखोर अपने शरीर के अंदर आ सकने वाली ऑक्सीजन की तुलना मे 3 गुना अधिक ऑक्सीजन को भर सकता है। और लंबे समय तक पानी के अंदर बिना सांस लिए रह सकता है।

2003 का एक अध्ययन जिसमें एक  गोताखोर की फेफड़ों की क्षमता को मापा गया, एक अधिक रूढ़िवादी आंकड़ा देता है, जो कि 9.28 लीटर से 11.02 तक बुक्कल पंपिंग के बाद वृद्धि को दर्शाता है। फेफड़े की क्षमता अलग अलग व्यक्ति के अंदर अलग अलग हो सकती है।औसत फेफड़े की क्षमता महिलाओं के लिए 4 लीटर और पुरुषों के लिए छह है, हालांकि प्रशंसित मुक्त गोताखोर हर्बर्ट निट्स की रिपोर्ट की गई फेफड़े की क्षमता 14 लीटर है।।

‌‌‌शुद्व ऑक्सीजन के अंदर सांस लेना

दोस्तों आपको पता होगा कि जो लोग लंबे समय तक अपनी सांस को राकते हैं वे अपने शरीर के अंदर सांस रोकने से पहले शुद्व ऑक्सीजन का सेवन करते हैं। दोस्तों जब हम ऐसे ही हवा के अंदर सांस लेते हैं तो हमारे सांस के साथ शुद्व आक्सीजन शरीर के अंदर नहीं जा पाती है।‌‌‌क्योंकि वायुमंडल के अंदर केवल 21 प्रतिशत ऑक्सीजन होती है। सांस के साथ हम नाइट्रोजन और दूसरी गैंसे भी अंदर लेते हैं। जिसकी वजह से हमे जल्दी सांस लेने के लिए विवश होना पड़ता है।

ऑक्सीजन का उर्जा मे परिवर्तन

दोस्तों आप जो ऑक्सीजन अंदर लेते हैं , वह आपके शरीर के अंदर जाने के बाद उर्जा के अंदर बदल जाती है।इस प्रक्रिया के अंदर CO2 बनती है। जिसको वापस फेफड़ों के अंदर लाया जाता है।और जब आप सांस रोकते हैं तो CO2 का स्तर आपके शरीर के अंदर बढ़ जाता है।यह आपकी नसों में घूमता है, आपके रक्त को अम्लीकृत करता है और आपके शरीर को सांस लेने के लिए संकेत देता है, पहले आपके फेफड़ों में जलन होने लगती है। और आपका दम भी घूटने लगता है।

‌‌‌सांस रोकना एक खेल नहीं है

दोस्तों दुनिया के अंदर ऐसे कई लोग हुए हैं जोकि सांस रोकने के अंदर मौत के शिकार हो गए । कुछ लोग सांस रोकने के अभियास करते वक्त मारे गए । तो कुछ सांस रोकने की प्रतिस्पर्धा के अंदर मौत के शिकार हो गए । सांस रोकना घातक है और इसमे आपका दिमाग पूरी तरह से डेमेज हो सकता ‌‌‌ है।

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।