5 प्रकार के होते हैं दांत इनके नाम और सम्पूर्ण कार्यप्रणाली

‌‌‌दांत कितने प्रकार के होते हैं उनके नाम और दांतों के प्रकार की कार्य प्रणाली के बारे मे हम बात करेंगे । दोस्तों इंसानों के मे दांत के प्रकार के बारे मे विस्तार से चर्चा करेंगे ।दांत के बारे मे आप सभी अच्छी तरह से जानते ही हैं। दांत का उपयोग हम लोग भोजन को चबाने और तोड़ने के अंदर करते हैं।दांत बहुत से कशेरुक प्राणियों के अंदर पाये जाते हैं। हालांकि अलग अलग जानवरों के अंदर दांत की संख्या अलग अलग होती है।‌‌‌जो मांसहारी जानवर होते हैं वे दांतों का प्रयोग शिकार करने के लिए करते हैं। दांतों की जड़े मसूड़ों के अंदर गढ़ी होती हैं और यह हडियों से नहीं बने होते हैं। यह खास प्रकार के उत्तकों से बने हुए कठोर होते हैं।

‌‌‌वैसे हमारे जीवन के अंदर दांतों की बहुत बड़ी भूमिका है।क्योंकि दांत इंसानों को सुंदर बनाते हैं। यदि वे चमकदार होते हैं तो यह और ही अच्छा होता है। आमतौर पर दांतों को 4 प्रकार का माना जाता है लेकिन कुछ वैज्ञानिक इनको 5 प्रकार का बताते हैं।

दांत कितने प्रकार के होते हैं उनके नाम

दांत कितने प्रकार के होते हैं उनके नाम कृन्तक Incisors

Incisors दांत आगे वाले दांत होते हैं।यह आपके मुंह के आगे की तरफ होते हैं और निचले और उपरी जबड़े के उपर इनकी संख्या 4 ,4 होती है। इसके अलावा इनका जो काम होता है वह भोजन को काटना होता है। जब आप रोटी को तोड़ते हो तो इन दांतों का प्रयोग करते हो ।‌‌‌यह दांत थोड़े तीखे और पतले होते हैं।ताकि इनकी मदद से भोजन को आसानी से काटा जा सके।

दांत कितने प्रकार के होते हैं और कौन-कौन से – Cuspids / कैनाइन

‌‌‌यह दांत नुकीले होते हैं।और Incisors दांत के साथ जुड़े होते हैं। आमतौर पर इनकी संख्या 4 होती है और एक जबड़े के अंदर 2 इनकी संख्या होती है। आपको बतादें कि इनके नुकिले होने की सबसे बड़ी वजह यह है कि यह मांस वैगरह को खाने मे काफी मददगार होते थे । ‌‌‌यदि आप कुत्ते और बिल्ली के कैनाइन दांतों को देखेंगे तो पाएंगे कि वे काफी ज्यादा नुकिले होते हैं।

इसकी यही वजह है कि वे अपने इन दांतों की मदद से कठोर से कठोर मांस को आसानी से फाड़ कर भोजन कर सकते हैं। हालांकि इंसान के साथ इनकी उपयोगिता कम हो चुकी है।

‌‌‌क्योंकि इंसानों ने कठोर भोजन को कोकाटने के लिए दूसरे उपकरणों को ईजाद कर लिया है।

Molars

‌‌‌यह दांत मुंह के पिछले भाग के अंदर स्थिति होते हैं और अधिकांश स्तनधारियों मे यह दांत पाये जाते हैं ,जो भोजन को चबाने के लिए काफी उपयोगी होते हैं।जब आप अपना भोजन मुंह के अंदर लेते हैं तो उनको छोटे टुकड़ों के अंदर बदलने के लिए इन्हीं दांतों का प्रयोग करते हो । ‌‌‌यह दांत काफी मजबूत होते हैं और इसी वजह से भोजन को अच्छी तरह से चबा पाते हैं। आपके एक जबड़े के अंदर 6 दांत होते हैं। इस प्रकार से इनकी संख्या 12 होती है। हालांकि इनकी सफाई करना बहुत ही कठिन होता है। क्योंकि इनके अंदर कचरा फंस जाता है।

प्रीमोलर्स / बाइसेप्सिड्स

प्रीमोलर दांत कैनाइन सामने वाले दांत और दाढ़ के बीच होते हैं। ये संक्रमणकालीन दांत हैं; दांत जो कि कैनाइन के फाड़ने के कार्य और दाढ़ के पीसने के कार्य के बीच मदद करते हैं। आमतौर पर इनकी संख्या जो होती है। वह 8 होती है।

‌‌‌दांतो के प्रकार बुद्धि दांत / तीसरी दाढ़ Wisdom Teeth

‌‌‌दांतो के प्रकार बुद्धि दांत / तीसरी दाढ़ Wisdom Teeth

‌‌‌17 से 21 साल के बीच यह ज्ञान के दांत कुछ लोगो के अंदर विकसित हो जाते हैं। यह आमतौर पर भोजन को छोटे टुकड़ों के अंदर फाड़ सकते हैं और भोजन को पीस भी सकते हैं। ‌‌‌इन दांतों को ज्ञान के दांत इस वजह से कहा जाता है कि यह अंतिम दांत होते हैं जो इस बात को बताते हैं कि अब आप समझदार हो रहे हो ।

‌‌‌आमतौर पर इंसान के जीवन के अंदर दो बार दांत आते हैं।सबसे पहले जब बच्चा 6 महिने का होता है तो उसको दांत आना शूरू हो जाते हैं। उसके बाद 6 साल बाद गिर जाते हैं। उसके बाद नए दांत आते हैं ‌‌‌वैसे देखा जाए तो एक समय ऐसा भी था जब मनुष्य को ज्ञान के दांत की बहुत अधिक आवश्यकता थी लेकिन अब समय बदल चुका है और ज्ञान के दांत की आवश्यकता नहीं है। इसका कारण यह है कि अब हमारे पास कोमल भोजन आता है। हम उस भोजन को दांतों की मदद से फाड़ना नहीं पड़ता है।

‌‌‌कुछ मानव वैज्ञानियों का मानना है।आने वाले समय के अंदर ज्ञान का दांत विलुप्त हो सकता है क्योंकि इस दांत की अब कोई उपयोगिता नहीं रह गई है। अध्ययन में दिए गए स्रोत में पाया गया कि कम से कम 53 प्रतिशत लोगों में कम से कम एक ज्ञान दांत मौजूद था। और पुरूषों के अंदर महिलाओं की तुलना मे अधिक ज्ञान दांत होने की संभावना होती है।

‌‌‌दोस्तों आज बहुत से लोग ज्ञान दांत के साथ समस्या महसूस कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण तो यह है कि यह दांत अब उपयोगी नहीं रहे हैं। कुछ लोग ज्ञान दांत को निकलवा भी रहे हैं। ‌‌‌वैज्ञानिकों के अनुसार समय के साथ इंसान का दिमाग का आकार बड़ा होता गया । वैसे वैसे उसके जबड़े छोटे होते चले गए और इतने छोटे जबड़े के अंदर ज्ञान दांत सही से फिट नहीं बैठ पाते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर उनको निकालना आवश्यक हो जाता है।

‌‌‌एक छोटे जबड़े के होने का मतलब यह है कि हमारे पास कुल ज्ञान दांत 4 हैं और उनके लिए अब जगह नहीं है।ज्यादातर जबड़े किसी व्यक्ति के 18 साल के होने पर बढ़ते हैं, लेकिन ज्यादातर ज्ञान दांत तब निकलते हैं जब कोई व्यक्ति 19.5 साल का होता है। लेकिन इन दांतों की वजह से कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं ।

  • टेढ़े दांत
  • बग़ल में ज्ञान दांत बढ़ना
  • दांतों की सड़न बढ़ जाती है
  • जबड़े का दर्द
  • मसूड़ों के नीचे अल्सर

‌‌‌जब आप कम उम्र के अंदर ज्ञान दांत को विकसित कर लेते हैं ,तो आप इसको आसानी से निकलवा सकते हैं क्योंकि उस समय यह जबड़े के अंदर गहरा नहीं बैठता है। लेकिन यदि आप एक गहरे जबड़े के अंदर बैठने के बाद ज्ञान दांत को निकलवाते हैं तो यह कई प्रकार के जोखिम पैदा कर सकता है। ‌‌‌इसके अलावा यदि आप एक ज्ञान दांत को नहीं हटाने का फैसला करते हैं तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए क्योंकि हो सकता है वह ज्ञान दांत आपके लिए भविष्य के अंदर समस्या पैदा कर देते । अपने डॉक्टर से सही पूछताछ के बाद ही कोई निर्णय लिया जाना चाहिए ।

‌‌‌danto ke prakar aur unke karya दूध के दांत

‌‌‌दूध के दांत बच्चों के अंदर 6 महिने से ही आना शूरू हो जाते हैं। आमतौर पर यह दांत अस्थाई दांत होते हैं और अधिक समय तक नहीं रह पाते हैं। उसके बाद धीरे धीरे टूटने लग जाते हैं।उसके बाद उसके स्थान पर दूसरे नए दांत आ जाते हैं।‌‌‌जब छोटे बच्चे के दांत टूटते हैं तो इसके अंदर कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं जैसे खून आना आदि । यदि समस्या अधिक गम्भीर है तो एक बार डॉक्टर की सलाह अवश्य ही लेलेनी चाहिए ।

‌‌‌एक बच्चे मे कितने दूध के दांत होते हैं ?

जैसा कि हमने आपको उपर बताया 6 से 7 महिने के अंदर ही बच्चे के दूध के दांत आना शूरू हो जाते हैं। उसके बाद यह दांत मुख्य तौर पर 6 से 7 साल तक ही रह पाते हैं। उसके बाद नए दांत आते हैं।

और 12 से 13 साल तक नए दांत पूरी तरह से आ जाते हैं। ‌‌‌दूध का दांत जब टूटता है तो सबसे पहले उस दांत की जड़ें काफी कमजोर हो जाती हैं और उसके बाद वह दांत हिलने लग जाता है। एक दांत को टूटने मे महिनों का समय लग सकता है। ‌‌‌बच्चों के आगे वाले दांत पहले टूटतें हैं और पीछे वाले दांत बादमे टूटते हैं।

‌‌‌दूध के दांत को तोड़ने का तरीका

‌‌‌दूध के दांत को तोड़ने का तरीका

दोस्तों दूध के दांत जब टूटते हैं तो यह बहुत बड़ी समस्या पैदा करते हैं।क्योंकि कई बार दांत अटक जाते हैं और खून निकलने लग जाता है। ‌‌‌यदि आपके बच्चे का दूध का दांत नहीं टूट रहा है तो आप नीचे दिये गए टिप्स को डॉक्टर की मदद से फोलो कर कर सकते हैं।

  • ‌‌‌आप अपने बच्चे को फलॉस करने के लिए बोल सकते हैं।यदि आपके बच्चे फलॉस करते हैं तो दूध के दांतों की जड़े कमजोर हो जाएंगी और उसके बाद वह आसानी से टूट जाएंगे ।
  • ‌‌‌दूध के दांत को तोड़ने के लिए अपने बच्चे को कठोर चीजों का सेवन करने के लिए बोल सकते हैं जैसे गाजर । इनकी मदद से दांतों के उपर दबाव बढ़ेगा और वे आसानी से टूट जाएंगे । ‌‌‌लेकिन यदि दांतों के अंदर सूजन है तो यह तरीका प्रयोग नहीं करना चाहिए । वरना यह अधिक दर्द पैदा कर सकते हैं।
  • ‌‌‌यदि आप अपने हाथ से दांत को तोड़ना चाहते हो तो सबसे पहले अपने हाथ को अच्छे से साफ करें और उसके बाद किसी गिले कपड़े की मदद से दांत को तोड़ सकते हैं। यदि दांत टूटने वाला है तो ही तोड़ें वरना जबरदस्ती ना करें ।
  • ‌‌‌यदि दांत थोड़ा सा जबड़े से जुड़ा हुआ हो तो आप उसको अपने हाथ से निकाल सकते हैं। यह आसानी से आपके हाथ के अंदर आ जाएगा ।
  • ‌‌‌यदि आपका दांत हिल रहा है तो आप उसे निरंतर जीभ की मदद से उसे हिलाते रह सकते हैं। ऐसा करने का फायदा यह है कि दांत की जड़ें कमजोर हो जाएंगी और उसके बाद वह आसानी से टूट जाएगा ।
  • ‌‌‌यदि आपके मसूड़ों के अंदर सूजन है तो आप किसी डॉक्टर के पास जाएं और वह आपके जबड़े के भाग को सुन्न करके दांत को निकाल सकता है। इसका कभी भी घर के उपर प्रयास नहीं करना चाहिए ।

‌‌‌दूध के दांत ना टूटने के कारण

दोस्तों कुछ बच्चों के अंदर दूध के दांत टूटने मे समय लगता है। और जब तक दूध के दांत नहीं टूटेंगे तब तक उसके स्थान पर दूसरे दांत आ नहीं सकते हैं। यदि दूध के दांत नहीं टूट रहे हैं तो इसके कई कारण हो सकते हैं।

  • ‌‌‌यदि बच्चों के अंदर विटामिन और कुपोषण की समस्या है तो दूध के दांत समय पर नहीं टूट पाएंगे ।
  • ‌‌‌बच्चे के विकास संबंधित विसंगतियां होने की वजह से भी बच्चों के दांत नहीं टूट पाते हैं।
  • ‌‌‌ग्रोथ हार्मोन की समस्या भी हो सकती है। यदि ग्रोथ हार्मोन की वजह से बच्चों के दांत जल्दी नहीं टूटेंगे ।

‌‌‌बच्चों के दूध के दांत टूटने का समय

जब कोई दूध का दांत टूटता है तो सबसे पहले वह दांत थोड़ा थोड़ा हिलने लग जाता है और उसके बाद धीरे धीरे उसकी जड़ें कमजोर होने लग जाती हैं। और यदि बच्चा उस दांत को बार बार हिलाता है तो वह दांत बहुत ही जल्दी टूट जाता है। 

  • ‌‌‌उपरी जबड़े के दांत   दांत निकलने का समय महिने    दांत टूटने का समय साल मे
  • ‌‌‌सेंट्रल ईन्साइजर्स    8 – 12           6 – 7
  • लेर्र्टल ईन्साइजर्स  9- 13              7-8
  • कैनाइन        16- 22              10- 12
  • मोलर         13 – 19              9- 11      
  • सेंकिंड मोलर    25  – 23              10- 12

‌‌‌निचले जबड़े के दांतों के नाम    ‌‌‌दूध के दांत निकलने का समय इन वर्ष

  • सेंट्रल ईन्साइजर्स    = 10 – 12
  • लेर्र्टल ईन्साइजर्स  =  9- 11
  • कैनाइन        =            9-  12
  • मोलर           =            7-  8
  • सेंकिंड मोलर    =    6- 7

‌‌‌दूध के दांत के साथ आमतौर पर कई प्रकार की भ्रांतियां होती हैं। बहुत से लोग यह मानते हैं कि यह दांत अस्थाई होते हैं और यदि इनके अंदर कोई समस्या आती है तो उसका ईलाज करवाने की कोई आवश्यकता नहीं है।‌‌‌क्योंकि कुछ समय बाद यह अपने आप ही गिर जाएंगे । लेकिन आपको बतादें कि दूध के दांत के अंदर कोई समस्या होती है तो यह आपके आने वाले स्थाई दांत को भी प्रभावित कर सकती है।

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  • ‌‌‌दांतों कि किसी भी प्रकार की बीमारी से बचने के लि बच्चों को 12 महिने के अंदर कम से कम एक बार दंत रोग विशेषज्ञ के पास अवश्य ही लेकर जाएं ।
  • बच्चों को अधिक मीठे फूड का सेवन नहीं कराना चाहिए । इसके अलावा जंक फूड का सेवन करने से भी बचना चाहिए ।
  • ‌‌‌माता पिता को चाहिए कि बच्चे को रात को सोने से पहले कुल्ला करवाने की आदत डाले और भोजन करने के बाद भी बच्चे को कुल्ला अवश्य ही करवाए ।
  • ‌‌‌यदि बच्चे के दांतों के अंदर कीड़े लग गए हैं तो कीड़े नीचे पहुंचने की उम्मीद   की जा सकती है ऐसी स्थिति के अंदर कीड़े आने वाले दांत को भी खराब कर सकते हैं।
  • ‌‌‌आपको अपने बच्चे का मुंह हमेशा साफ करना चाहिए ।जब आप अपने बच्चे को एक बार दूध पीला देते हैं तो उसके बाद एक सिल्क का कपड़ा लें और उसकी मदद से अपने बच्चे के मुंह और जीभ को अच्छी तरह  से साफ करना चाहिए ।
  • ‌‌‌जब बच्चों के अंदर दूध के दांत  टूटकर स्थाई दांत निकलते हैं तो कई प्रकार की समस्या हो सकती है जैसे कि मसूड़ों के अंदर खुजली हो सकती है। बच्चे को भूख लगने और सोने मे समस्या हो सकती है।‌‌‌खुजली की वजह से बच्चा बार बार अपने मुंह के अंदर दूसरी खराब चीजें डालता है और उसके बाद बच्चे को डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • कैविटी को भी बच्चों के दांतों मे देखना चाहिए । यह केवल बड़ों की ही समस्या नहीं है। वरन छोटों की भी यह समस्या है। कैविटी बच्चों के अंदर प्लास्टिक की बोतल से दूध पीने से और चॉकलेट का सेवन करने से हो सकती है। इसके लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें ।

‌‌‌दांत से जुड़े कुछ मजेदार तथ्य के बारे मे हम जान लेते हैं तो आइए

  • ‌‌‌यदि आप टायलेट जाते समय अपने दांतों को दबाए रखते हैं तो आपको कभी भी लकवा नहीं होगा ।।
  • यदि आपको दांत के अंदर दर्द रहता है तो अदरक का छोटा सा टुकड़ा दांतों मे दबालें ।दर्द कुछ ही समय के अंदर चला जाएगा ।
  • ‌‌‌गांधीजी नकली दांत का प्रयोग करते थे । वे इसका प्रयोग सिर्फ खाना खाने के लिए ही करते थे । बाकी समय के अंदर इसको अपनी धोती के साथ बांधकर रखा करते थे ।
  • आपको यह जानकर हैरानी होगी की दांतों के उपर चिपे कचरे के अंदर 400 से अधिक प्रकार के बैक्टिरिया मौजूद रहते हैं।
  • ‌‌‌जो लोग कोल्ड ड्रिंक का अधिक सेवन करते हैं उनके दांतों के अंदर सड़न की संभावना 60 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।
  • ‌‌‌यदि हमारे शरीर के सबसे मजबूत हिस्से की बात करें तो हमारे दांतों का उपर भाग है।
  • ‌‌‌ब्रश करने से दांतों के 60 प्रतिशत भागों की ही सफाई होती है। सम्पूर्ण सफाई करने के लिए दांतों के अंदर धागा करना होगा ।
  • व्हेल मछली काफी विशाल प्राणी होती है लेकिन उसके एक भी दांत नहीं होता है।
  • भारत के अंदर और विदेशों मे आज भी लोग दांत को साफ करने के लिए नीम की टहनियों का प्रयोग करते हैं।
  • ‌‌‌एक इंसान के पूरे जीवन काल के अंदर दांत सिर्फ दो ही बार आते हैं।

                    ‌‌‌दांत कितने प्रकार के होते हैं ? लेख के अंदर हमने दांतों के प्रमुख 5 प्रकारों के बारे मे जाना । इसके अलावा दूध के दांतों के बारे मे भी विस्तार से जाना । दोस्तों हर दांत का अपना कार्य होता है।‌‌‌यदि आप 1000 साल पुराने मनुष्यों की अवशेषों की तुलना करेंगे तो आप पाएंगे कि उनकी दांतों की संरचना मे और हमारी दांतों की संरचना मे बहुत बड़ा अंतर है। पहले के इंसानों के दांत बहुत बड़े होते थे । ‌‌‌लेकिन समय के साथ उनका आकार छोटा होता चला गया ।

This Post Has 2 Comments

  1. Sohani

    ये बहुत शानदार जानकारी है, मुझे ये सब पढ़ कर बहुत सारी चीज़े सिखने को मिली है। धन्यवाद

  2. Nitika Bhardwaj

    इस आर्टिकल में बहुत आसान तरीके से समझाया गया है। बहुत ही helpfull आर्टिकल है और बहुत अच्छी जानकारी मिली है।
    Good keep it up Thanks

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।