विटामिन E के फायदे  vitamin e ke fayde aur nuksan

‌‌‌ विटामिन E के फायदे vitamin e ke fayde vitamin e ke fayde aur nuksan वैसे आपको बतादें कि विटामिन हमारे शरीर के लिए काफी उपयोगी होते हैं। और विटामिन हमें हम बाहर की चीजों से प्राप्त होते हैं। हमारी बॉडी खुद इनको नहीं बना सकती है। इसलिए शरीर के अंदर विटामिन की पूर्ति के लिए आपको अच्छा खाना खाना चाहिए । हालांकि आजकल यदि विटामिन की कमी हो जाती है तो ‌‌‌इसके लिए कई तरह की दवाएं भी उपलब्ध होती हैं जिसकी मदद से विटामिन की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।कई फलों, तेलों और ड्राय फ्रूट्स में विटामिन-ई पाया जाता है। यह आपके शरीर के लिए काफी उपयोगी होता है।

‌‌‌विटामिन ई काफी उपयोगी होता है। यदि आपके शरीर के अंदर विटामिन ई की कमी हो जाती है तो इससे आपको कई तरह के रोग हो सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसलिए अपने शरीर के अंदर विटामिन ई को अच्छी तरह से बनाए रखना बहुत ही जरूरी होता है आप इस बात को समझ सकते हैं।

हालांकि विटामिन ई को अक्सर एक एकल यौगिक के रूप में माना जाता है, यह वास्तव में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव वाले आठ वसा-घुलनशील यौगिकों का एक समूह है। और यह फलों और सब्जी के अंदर आसानी से मिल जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।एंटीऑक्सीडेंट प्रभावों की वजह से यह खास तौर पर जाना जाता है। ‌‌‌इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।यह आपके शरीर के अंदर मुक्त कणों को रोकने का काम करता है जोकि आपकी कोशिकाओं को क्षति पहुंचाते हैं तो आप समझ ही गए होंगे कि हम क्या कहना चाहते हैं। विटामिन E के फायदे के बारे मे अब हम बात करने वाले हैं तो आइए जानते हैं विटामिन E के फायदे के बारे मे विस्तार से ।

विटामिन E के फायदे

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विटामिन E के फायदे ‌‌‌रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है

विटामिन E के फायदे की यदि हम बात करते हैं तो यह काफी बड़ा फायदा दे सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यह शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आपके शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता काफी कम है तो आप बार बार बीमार पड़ेंगे ।

‌‌‌इस तरह से यदि आप विटामिन ई का सेवन करते हैं तो यह आपको रोगाणूओं से लड़ने की शक्ति प्रदान करने का काम करता है और यदि आप इसका सेवन कम करते हैं तो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है। और आप बार बार बीमार पड़ सकते हैं इसलिए  विटामिन ई का सेवन आपको करना चाहिए ।

‌‌‌वैसे आपने कोरोना काल के अंदर देखा ही होगा कि जिन लोगों की रोगप्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर थी उन लोगों को ही कोरोना ने काफी जल्दी ही अटैक करदिया और और वे काफी सीरियस कंडिशन के अंदर पहुंच गए थे । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌इसलिए अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए सिर्फ विटामिन ई पर ही निर्भर ना रहें । वरन आपको दूसरे तरीके भी आजमा कर देखने चाहिए । रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का सबसे अच्छा उपाय गिलोय है इसका सेवन किया जा सकता है।

vitamin e ke fayde झुर्रियों को कम करता है विटामिन ई

दोस्तों उम्र के 30 साल पूरे हो जाने के बाद शरीर पर झूर्रियां पड़ जाती हैं तो इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।वैसे हर कोई झूर्रियों को गायब करना चाहता है।  और मार्केट के अंदर इस तरह की कई सारी क्रीम वैगरह आ चुकी हैं जो झूर्रियों को दूर करने का काम करती हैं। ‌‌‌हालांकि यह झूर्रियों को रोकने मे कितनी अधिक प्रभावी हैं ? इसके बारे मे हमे जानकारी नहीं है। लेकिन आपको बतादें कि विटामिन ई झूर्रियों को कम करने का काम करती हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं यही आपके लिए सही होगा ।

झुर्रियाँ, जिन्हें मेडिकल भाषा में राइटिड्स कहा जाता है। वैसे झुर्रियों का आना कोई रोग नहीं होता है जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है त्वचा के अंदर दरारें और सिलवटें दिखने लग जाती हैं ।समय के साथ त्वचा मरने लग जाती है और अपनी कोमलता और लचीलापन खो देती है।

‌‌‌आपको बतादें कि सबसे पहले झूर्रियां गर्दन के आस पास दिखाई देती हैं क्योंकि यहां की जो त्वचा होती है वह काफी अधिक मुड़ती है जिससे यहां पर झूर्रियां जल्दी आ जाती हैं।हाथ, बांह, टांग और शरीर के कुछ अन्य हिस्से जोकि सूर्य के संपर्क मे आते हैं उनके उपर झुर्रियां काफी जल्दी से आ जाती हैं। ‌‌‌इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।धूम्रपान, तंबाकू का सेवन, शराब की लत आदि का यदि आप अधिक सेवन करते हैं तो यह चीजें आपको जल्दी बूढ़ा बनाने के अंदर मदद करते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।और आप यदि संतुलित आहार का सेवन नहीं करते हैं तो इससे भी झूर्रियां पड़ने का खतरा काफी अधिक बढ़ ‌‌‌ जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌दोस्तों आपको बतादें कि त्वचा की तीन परत होती हैं।एपिडर्मिस ,डर्मिस  व सबक्युटेनियस होती है। त्वचा के अंदर कोलेजन पाया जाता है जोकि त्वचा को लचीलापन प्रदान करने का काम करता है। इसके अलावा नमी त्वचा मे होती है जोकि झूर्रियों को ठीक करने का काम करती है। समय के साथ त्वचा नमी खोने लग जाती है ‌‌‌और उसका लचीलापन समाप्त हो जाता है। जिससे कि झूर्रियां पड़ती हैं।

विटामिन E के फायदे
  • बढ़ती उम्र भी झुर्रियों का कारण होता है इसके बारे मे आपको हम बता चुके हैं।त्वचा की डर्मिस परत इलास्टिन और कोलेजन से बनी होती है, जो त्वचा को संरचना और लचीलता प्रदान करती है ।और जैसे जैसे उम्र काफी अधिक बढ़ जाती है। वैसे वैसे त्वचा के अंदर झुर्रियां काफी अधिक बढ़ जाती हैं। इसके बारे मे आपको पता ‌‌‌ होना चाहिए ।
  • पराबैंगनी विकिरणों के संपर्क मे जब शरीर आता है तो उसके बाद त्वचा के अंदर झुर्रियों का विकास हो सकती हैं। क्योंकि सूर्य की किरणों के संपर्क मे आने की वजह से त्वचा डेमेज हो सकता है।

‌‌‌शरीर के अंदर ऑक्सीजन सही तरह से पहुंच पाती है

दोस्तों यदि शरीर के अंदर विटामिन ई की कमी हो जाती है तो इसकी वजह से शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन सही तरह से नहीं पहुंच पाती है। जिससे कि शरीर के अंग सही तरह से काम नहीं कर पाते हैं। इसलिए आपको चाहिए कि विटामिन ई का सेवन करना चाहिए । यह आपके ‌‌‌लिए अच्छा हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।यदि आपके शरीर के अंदर विटामिन ई की कमी है तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें और उसके बाद आपके डॉक्टर आपको जो निर्देश देते हैं आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा । आप समझ सकते हैं।

कोलेस्ट्रोल को रोकने का काम करता है विटामिन

कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल करने मे भी विटामिन ई काफी फायदेमंद होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । दोस्तों आपको बतादें कि कोलेस्ट्रोल ब्लड के अंदर पाया जाता है यह एक मोम जैसा होता है। जोकि लिवर के द्धारा पैदा किया जाता है। कोलेस्ट्रोल का उपयोग शरीर के अंदर कोशिकाओं के निर्माण के अंदर जरूरत होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।और कई बार कोलेस्ट्रोल  इतना अधिक बढ़ जाता है कि रक्त प्रवाह इससे बाधित होने लग जाता है।कोलेस्ट्रॉल के अधिक बढ़ाव से बचने के लिए आपको जीवन शैली के अंदर बदलाव करना बहुत ही जरूरी होता ‌‌‌ है।

कोलेस्ट्रॉल मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है । आइए इसके बारे मे भी हम एक बार जान लेते हैं। उसके बाद आगे बात करते हैं।

  • लो डेंसिटी लिपो प्रोटीन भी एक प्रकार का कॉलेस्ट्रॉल होता है जिससे बुरे कॉलेस्ट्रॉल के नाम से जाना जाता है।इसकी मात्रा शरीर के अंदर कम रखना बहुत ही जरूरी होता है। वरना दिल का दौरा पड़ सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन को एक अच्छा कॉलेस्ट्रॉल के तौर पर जाना जाता है। और यदि यह आपके शरीर के अंदर अधिक होता है तो यह आपके दिल के लिए काफी अच्छा होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • वेरी लो डेंसिटी लिपो प्रोटीन को एक बुरे कॉलेस्ट्रॉल के तौर पर जाना जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • महिलाओं में कुल कोलेस्ट्रॉल 125 से 200 mg/dL के बीच होना चाहिए तब यह अच्छा माना जाता है। इसी प्रकार से पुरुषों के कुल कोलेस्ट्रॉल की सामान्य सीमा 125 से 200 mg/dL तक होना चाहिए ।

कोलेस्ट्रॉल के कम होने पर आपको कुछ लक्षण दिख सकते हैं उन लक्षणों की मदद से आप यह पहचान सकते हैं कि आपके शरीर के अंदर कोलेस्ट्रॉल  का स्तर काफी कम हो चुका है। और उसके बाद आपको जितना जल्दी हो सके अपने डॉक्टर को दिखना चाहिए । जिससे समस्या हल हो सकती है।

  • सीने में दर्द
  • लोअर बॉडी का ठंडा होना
  • बार-बार सांस लेने में तकलीफ
  • मतली आना
  • थकान महसूस होना
  • ब्लड प्रेशर बढ़ना

रेड मीट, प्रोसेस्ड मीट, वेक्ड फूड, फ्राइड फूड  आदि का सेवन आपको नहीं करना चाहिए । यदि आपके शरीर के अंदर कॉलेस्ट्रॉल कम है तो यही आपके लिए सही होगा और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌ vitamin e ke fayde विटामिन के सेवन के फायदे फेफड़ों के लिए

दोस्तों आपको पता होना चाहिए विटामिन ई फेफड़ों के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह फेफड़ों की कार्यक्षमता को सुधार करता है। यदि आपको फेफड़ों की कोई समस्या है तो आपको चाहिए कि आप विटामिन ई का सेवन करें । यही आपके लिए सही होगा । ‌‌‌यदि आप पहले से ही फेफड़ों की समस्या की दवा ले रहे हैं तो इसको लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें । वैसे तो आपका डॉक्टर आपको इसके बारे मे बताएगा ही । और डॉक्टर से यदि आप खुद पूछते हैं तो यही आपके लिए सही रहेगा ।

‌‌‌सूजन को कम करता है विटामिन

दोस्तों यदि आपको सूजन की समस्या है तो उसके अंदर भी विटामिन ई काफी फायदेमंद होता है। यह सूजन की समस्या को दूर करने का काम करता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।खास कर बूढ़े लोगों के अंदर सूजन की समस्या काफी अधिक होती है जोकि विटामिन ई दूर कर सकता है। ‌‌‌यदि आप सूजन को दूर करने के लिए दवा ले रहे हैं तो आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।

अल्जाइमर के अंदर विटामिन काफी फायदेमंद होता है।

दोस्तों विटामिन ई का सेवन करना अल्जाइमर जैसे रोग के अंदर काफी फायदेमंद होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । ‌‌‌आपको बतादें कि अल्जाइमर एक प्रकार का भूलने का रोग होता है जिसके अंदर आप छोटी छोटी बातें भूलने लग जाते हैं।इस बीमारी के लक्षणों में याददाश्त की कमी होना, निर्णय न ले पाना, बोलने में दिक्कत आना तथा फिर इसकी वजह से सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं की गंभीर स्थिति आदि शामिल हैं। यह बीमारी कई बार सिर ‌‌‌ के अंदर चोट लग जाने की वजह से भी हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌और 60 साल की उम्र के आस पास यह रोग होता है। वैसे आपको बतादें कि इस बीमारी का फिलहाल कोई भी ईलाज नहीं है।जब यह बीमारी शूरू हो रही है तो इसके लक्षणों को देखकर यदि इलाज किया जाता है तो इसके उपर काबू किया जा सकता है।

‌‌‌जैसे जैसे हम बूढ़े होते जाते हैं हमारी सोचने और समझने की क्षमता काफी अधिक प्रभावित होती जाती है। लेकिन इस बीमारी के होने से हमारे सोचने की और समझने की क्षमता बुरी तरह से प्रभावित होती है। ‌‌‌इससे पता चलता है कि हमारे दिमाग की जो कोशिकाएं है वह काफी तेजी से मर रही हैं आप इस बात को समझ सकते हैं।

दिमाग में एक सौ अरब कोशिकाएं (न्यूरॉन) होती हैं और यह आपस मे एक कनेक्सन करते हैं और इसकी वजह से हमे सोचने की और समझने की क्षमता मिलती है।यही कोशिकाएं हमें चीजों को याद करने मे काफी अधिक मदद करती हैं। और अल्जाइमर के अंदर यह कोशिकाएं मरने लग जाती हैं जिससे यह ठीक तरह से संवाद नहीं कर पाती हैं।

विटामिन-ई की कमी के संकेत

दोस्तों यदि शरीर के अंदर विटामिन ई की कमी हो चुकी है तो इसके बाद शरीर कुछ संकेत देता है जिससे कि विटामिन ई की कमी के बारे मे पता चलता है। तो इस तरह के संकेत के बारे मे भी हम आपको बताने वाले हैं तो आइए जानते हैं विटामिन ई के संकेत के बारे मे विस्तार से ।

  • ‌‌‌आपको बतादें कि विटामिन ई मांसपेशियों को ताकत प्रदान करता है। यदि शरीर के अंदर विटामिन ई की कमी है तो मांसपेशियां काफी कमजोर हो जाएंगी । और यदि आप थोड़ा भी काम करेंगी तो आपको जल्दी ही थकान महसूस होने लग जाएगी । तो आप समझ सकते हैं कि विटामिन ई की कमी है।
  • चलने-फिरने में समस्या पैदा होने लग जाएगी । यदि शरीर के अंदर भारी तरह से विटामिन ई की कमी हो जाएगी तो इससे आपको चलने फिरने मे काफी अधिक समस्या हो जाएगी । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा शरीर के अंदर विटामिन ई की कमी होने की वजह से आपके हाथ पैर के अंदर धीरे धीरे सुन्नता पैदा हो जाती है। यदि ऐसा है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका पालन करना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा विटामिन ई आंखों के लिए भी समस्या भी बन सकती है। आपको इसकी कमी की वजह से देखने मे भी काफी परेशानी आ सकती है। तो आपको समझ जाना चाहिए  कि विटामिन ई की कमी हो सकती है।
  • ‌‌‌जैसा कि हमने आपको बताया कि विटामिन ई शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को अच्छा करने का काम करती है ।यदि शरीर के अंदर विटामिन ई की कमी हो जाती है तो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है। जिससे कि आप बार बार पड़ने लग जाते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा विटामिन ई की कमी से त्वचा के अंदर काफी समस्या आने लग जाती है।
  • सिहरन महसूस होती है ।

‌‌‌यदि आपको इनमे से सभी लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको यह समझ जाना चाहिए । कि आपके शरीर के अंदर विटामिन ई की कमी हो चुकी है और आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । और वर्तमान मे विटामिन ई के कैप्सूल हैं उनका सेवन डॉक्टर की मदद से किया जा सकता है।

‌‌‌विटामिन निम्न बीमारियों के अंदर अप्रभावी होती है

दोस्तों कुछ बिमारियां ऐसी होती है जो विटामिन ई के अंदर काफी फायदेमंद नहीं होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। तो आइए जानते हैं उन समस्यों के बारे मे जिनके अंदर विटामिन ई प्रभावी नहीं होता है।

  • ‌‌‌आपको बतादें कि उम्र से संबंधित नेत्र रोग को विटामिन ई फायदेमंद नहीं होता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । उम्र की वजह से होने वाले नेत्र रोग को रोकने मे यह पूरी तरह से असफल होती है। इसलिए दूसरे तरह के उपचार पर निर्भर रहें ।
  • एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस होने की दशा मे मरीज को विटामिन ई देने से किसी तरह का कोई भी फायदा नहीं होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और यह जीवित रहने के दर मे बढ़ोतरी नहीं करती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा कई बार किसी समस्या की वजह से सीने मे दर्द हो सकता है। यदि आपको भी सीने के अंदर दर्द है तो विटामिन ई का सेवन करने से कोई भी फायदा नहीं होता है। इसलिए यदि सीने मे दर्द है तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें यही आपके लिए सही होगा ।
  • धमनियों का सख्त होना भी एक प्रकार की समस्या होती है। यदि आप इस स्थिति के अंदर विटामिन ई का सेवन करवाते हैं तो इससे भी कोई फायदा नहीं होता है। इसलिए आपको चाहिए कि विटामिन ई का सेवन नहीं करना चाहिए ।
  • एक्जिमा यदि आपको है तो विटामिन ई का सेवन करने से किसी तरह से कोई भी फायदा नहीं होता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।
  • ‌‌‌दोस्तों स्तन कैंसर होना आजकल काफी आम हो चुका है। यदि किसी को स्तन कैंसर हो चुका है तो उसे विटामिन ई के लेने से किसी तरह का कोई भी फायदा नहीं होगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । स्तन कैंसर को रोकने के लिए अपने डॉक्टर से उपचार करवाया जाना चाहिए । और आप समझ सकते हैं।
  • ब्रोंकोपुलमोनरी डिसप्लेसिया एक प्रकार की फेफड़ों की बीमारी होती है। यदि आपको किसी तरह की फेफड़ों की बीमारी हो चुकी है तो फिर विटामिन ई का सेवन करना किसी तरह से कोई फायदेमंद नहीं होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि किसी को मोतियाबिंद की समस्या है तो आपको चाहिए कि आप इस दवा का सेवन ना करें । क्योंकि मोतियाबिंद के अंदर यह किसी तरह से कोई भी फायदेमंद नहीं होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • कैंसर की दवा के इलाज के कारण हाथ और पैरों में तंत्रिका क्षति। कुछ कैंसर दवाओं के उपचार से पहले और बाद में विटामिन ई लेने से तंत्रिका क्षति का जोखिम कम नहीं होता है
  • यदि किसी को कोलन कैंसर हो चुका है तो उसको इस दवा को लेने से किसी तरह से का कोई फायदा नहीं होता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता ‌‌‌ होना चाहिए आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि किसी को दिल की बीमारी है या फिर दिल का दौरा पड़ा है तो फिर आपको चाहिए कि इस दवा का सेवन ना करें । क्योंकि यह दवा दिल की बीमारी के अंदर किसी तरह की कोई मदद नहीं करती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • सिर और गर्दन का कैंसर यदि किसी को है तो उसे इस दवा का सेवन नहीं करना चाहिए । यह दवा कैंसर के जोखिम को कम करने की बजाय जोखिम को बढ़ा देती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि किसा का ब्लड प्रेसर अधिक है तो वह यदि इस का सेवन करता है तो इससे कोई भी फायदा नहीं होता है। इसलिए ब्लड प्रेसर को आपको कम करना है तो फिर आपको चाहिए कि आप इसको कम करने के लिए कोई अन्य दवा लें ।
विटामिन E के फायदे
  • गर्भावस्था के अंदर यदि कोई महिला उचित तरह से पोषण नहीं लेती है तो उसे कम वजन का बच्चा पैदा होता है तो यह उसके जोखिम को कम नहीं करती है। मतलब कम वजन के बच्चे का वजन अधिक नहीं बढ़ा सकती है। यह पूरी तरह से पोषण का पूरक नहीं है।
  • ‌‌‌यदि किसी को लिवर की बीमारी है तो यह दवा लिवर की बीमारी को कम करने का काम नहीं करती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • मुंह के अंदर सफेद धब्बे जो आमतौर पर धूम्रपान (मौखिक ल्यूकोप्लाकिया) के कारण होते हैं। यदि आप इस स्थिति के अंदर विटामिन ई का सेवन करते हैं तो इसका भी कोई फायदा नहीं होता है। क्योंकि यह धब्बे की समस्या को कम नहीं करता है।
  • ऑस्टियोआर्थराइटिस वाले लोगों में दर्द या जकड़न कम नहीं होती है।यदि आपको ऑस्टियोआर्थराइटिस  की समस्या हो गई है तो आपको चाहिए कि आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें और डॉक्टर जो निर्देश देते हैं उसका पालन करना चाहिए ।
  • अग्नाशय के कैंसर भी एक प्रकार का भयंकर रोग होता है। यदि किसी को यह रोग हो चुका है तो फिर उसे चाहिए कि वह विटामिन ई का सेवन ना करें । क्योंकि विटामिन ई का सेवन करने से किसी तरह से कोई फायदा नहीं होता है। वरन कैंसर के लिए दूसरे उपचार करें ।
  • पार्किंसंस रोग यदि किसी को हो चुका है तो उसे चाहिए कि वह विटामिन ई का सेवन ना करें । क्योंकि  विटामिन ई का सेवन करने से कोई भी फायदा नहीं होगा । वरन आपको पार्किंसंस रोग का उपचार करने के बारे मे आपको अधिक फोक्स करना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा किसी को गले का कैंसर हो जाता है तो विटामिन ई को लेने का कोई फायदा नहीं होता है वरन यह गले के कैंसर को कम करने का काम नहीं करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • अपरिपक्व जन्म यदि किसी बच्चे का हो जाता है तो गर्भावस्था के दौरान मुंह से विटामिन ई लेने से समय से पहले जन्म का खतरा कम नहीं होता है।
  • प्रोस्टेट कैंसर का खतरा यदि किसी को है तो उसे चाहिए कि वह विटामिन ई का सेवन ना करें । यदि विटामिन ई का सेवन करते हैं तो इससे कोई भी फायदा नहीं होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌यदि श्वसन पथ के अंदर संक्रमण हो गया है तो फिर विटामिन ई आपकी कोई भी मदद नहीं कर सकती है। वरन आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए । और इस संबंधित जो दवाएं आती हैं उनको देना चाहिए ।

‌‌‌विटामिन  का सेवन करने से नुकसान

दोस्तों विटामिन ई के जितने फायदे होते हैं उनमे से कुछ नुकसान भी होते हैं अब तक हमने विटामिन ई के फायदों के बारे मे विस्तार से जाना । अब हम विटामिन ई के नुकसान के बारे मे भी आपको बता देते हैं।विटामिन ई अधिकतर लोगों के लिए सुरक्षित होता है जब प्रतिदिन 1000 मिलीग्राम से कम खुराक में लिया जाता है।

‌‌‌यदि इससे अधिक खुराक आप लेते हैं तो इससे साइड इफेक्ट का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । इसलिए विटामिन ई की अधिक खुराक लेने से बचें । वरना उल्टी मतली  सिरदर्द की समस्या हो सकती है।

‌‌‌इसके अलावा विटामिन ई का सेवन करने से कई बार फेफड़ों की समस्या भी हो सकती है। यदि किसी को पहले से ही फेफड़ों की समस्या है तो विटामिन ई का सेवन नहीं करना चाहिए ।

‌‌‌क्या गर्भावस्था के अंदर विटामिन सुरक्षित होता है

हां वैसे तो गर्भावस्था के दौरान विटामिन ई सुरक्षित होता है लेकिन शिशु के जन्म लेने के 8 महिने पहले ही आपकेा इसकी खुराक को बंद कर देना चाहिए नहीं तो यह शीशु को नुकसान पहुंचा सकता है।बाद में गर्भावस्था में, विटामिन ई की अधिकतम अनुशंसित मात्रा 14-18 वर्ष की आयु में 800 मिलीग्राम और 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में 1000 मिलीग्राम  तक ले सकते हैं बाकि एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए ।

‌‌‌क्या स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए यह सुरक्षित है ?

हां वैसे यदि आप एक महिला हैं और स्तनपान करवाती हैं तो यह आपके लिए सुरक्षित हो सकता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । लेकिन आपको तय मात्रा के अंदर ही सेवन करना चाहिए । यदि आप अधिक सेवन करती हैं तो इससे नुकसान हो सकता है।

‌‌‌क्या बच्चे के लिए विटामिन ई की खुराक सही होती है

1-3 वर्ष की आयु के बच्चों में ये सीमा 300 IU, 4-8 वर्ष की आयु के बच्चों में 450 IU, 9-13 वर्ष की आयु के बच्चों में 900 IU और 14-18 वर्ष की आयु के बच्चों में 1200 IU हैं।लेकिन बच्चों को अधिक  विटामिन ई की खुराक लेने से बचना होगा ।

रक्तस्राव विकार के अंदर क्या विटामिन ई की खुराक ले सकते हैं ?

दोस्तो यदि आपको किसी तरह का रक्तविकार है तो फिर विटामिन ई की खुराक लेने से आपको बचना होगा क्योंकि यह आपके रक्त विकार की समस्या को और अधिक बढ़ा सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

हृदय रोग के अंदर क्या विटामिन ई की खुराक ले सकते हैं ?

हां वैसे तो आप हर्ट रोग  के अंदर विटामिन ई की खुराक ले सकते हैं लेकिन आपको अधिक मात्रा मे इसकी खुराक को लेने से बचना होगा । क्योंकि यह आपकी हर्ट की समस्या को और अधिक बढ़ा सकता है इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप ‌‌‌समझ सकते हैं बाकि एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए।  और हर्ट की समस्या के लिए जो दवाएं बनी हैं उनका भी सेवन करना चाहिए तभी आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌मधुमेह के अंदर क्या इसको लिया जा सकता है ?

हां मधुमेह के अंदर इसको लिया जा सकता है। लेकिन इस स्थिति के अंदर आपको अधिक खुराक को लेने से बचना होगा । वरना यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है। और यह दिल की विफलता को बढ़ाने का काम कर सकता है। तो सबसे पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें और उसके ‌‌‌ बाद ही विटामिन ई का सेवन करना चाहिए  नहीं तो यह आपके नुकसान कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌सिर और गर्दन के कैंसर मे क्या विटामिन का सेवन किया जा सकता है ?

दोस्तों यदि किसी को सिर और गर्दन के कैंसर की समस्या है तो फिर इसका सेवन नहीं करना चाहिए । यह नुकसान कर सकती है। और इसके बारे मे यह कहा जाता है कि यह सिर और गर्दन के कैंसर को वापस आने की संभावना को बढ़ाने का काम करता है।‌‌‌यदि आप इसका सेवन करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना होगा और डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही आपको इसका सेवन करना चाहिए नहीं तो यह आपके लिए नुकसान का सौदा हो सकता है।

कमजोर और भंगुर हड्डियां (ऑस्टियोपोरोसिस) के अंदर क्या विटामिन का सेवन किया जा सकता है ?

दोस्तों यदि आपको ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या है तो आपको चाहिए कि आप विटामिन ई की कम खुराक लें यदि आप इसकी अधिक खुराक लेते हैं तो आपको समस्या काफी बदतर हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।‌‌‌और यदि आपको विटामिन ई लेना ही है तो सबसे पहले आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना होगा और उसके बाद ही आपको इसका सेवन करना चाहिए । कितनी मात्रा मे आपके लिए सेफ रहेगा।  यह आपके डॉक्टर की आपको बता सकते हैं।

प्रोस्टेट कैंसर के अंदर क्या विटामिन  ई का सेवन किया जा सकता है ?

‌‌‌दोस्तों प्रोटेस्ट कैंसर की यदि हम बात करें तो यदि किसी को प्रोटेस्ट कैंसर है तो आपको चाहिए कि आप इसका सेवन ना करें ।क्योंकि यह स्थिति को और अधिक बदतर बना सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसलिए यदि आप विटामिन ई का सेवन करते भी हैं तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श ‌‌‌ करें । और उसके बाद ही आपको इसका सेवन करें ।

‌‌‌क्या आंखों के लिए विटामिन का सेवन करना सही होगा ?

ऑल-रैक-अल्फा-टोकोफेरोल (सिंथेटिक विटामिन ई) 400 आईयू इस स्थिति वाले लोगों में दृष्टि हानि को गति देता है।यदि आपको इस तरह की आखों की समस्या है तो फिर आपको चाहिए कि आप इसका सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें ।‌‌‌ और यदि आपको डॉक्टर से परामर्श करना है तो सबसे पहले डॉक्टर की बात माननी होगी ।

‌‌‌जिन लोगों को स्ट्रोक की समस्या है क्या वे विटामिन ई का सेवन कर सकते हैं ?

दोस्तों जिन लोगों को स्ट्रोक की समस्या है उनको विटामिन ई का सेवन नहीं करना चाहिए । क्योंकि यह स्ट्रोक की समस्या को और अधिक खराब कर सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

‌‌‌खास कर इस तरह के लोगों को विटामिन ई की उच्च खुराक से बचना होगा नहीं तो समस्या और अधिक बढ़ सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌यदि सर्जरी हुई है तो क्या विटामिन ई का सेवन किया जा सकता है ?

दोस्तों यदि आपकी सर्जरी हुई है तो आपको विटामिन ई का सेवन नहीं करना चाहिए नहीं तो यह आपके लिए काफी अधिक समस्या पैदा कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

निर्धारित सर्जरी से कम से कम 2 सप्ताह पहले विटामिन ई की खुराक का उपयोग करना बंद कर दें।क्योंकि यदि आप विटामिन ई का सेवन करते हैं तो सर्जरी के अंदर आपकी हालत को और अधिक खराब कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

साइक्लोस्पोरिन (Neoral, Sandimmune) विटामिन ई क्या परस्पर क्रिया कर सकते हैं ?

दोस्तों यदि आप साइक्लोस्पोरिन (Neoral, Sandimmune) विटामिन ई को एक साथ लेते हैं तो इससे आपको समस्या हो सकती है। क्योंकि यह आपस मे क्रिया कर सकते हैं और इसकी वजह से आपको दुष्प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं इसके ‌‌‌ बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

कैंसर के लिए दवाएं (कीमोथेरेपी) विटामिन ई के साथ परस्पर क्रिया करती हैं

यदि आप कैंसर रोधी दवाएं ले रहे हैं तो उसके साथ विटामिन ई का सेवन ना ही करें तो और अधिक बेहतर होगा क्योंकि हो सकता है कि यह दवाएं परस्पर क्रिया करलें । तो इसके बारे मे आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और ‌‌‌ आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं यही आपके लिए सही होगा ।

दवाएं जो रक्त के थक्के को धीमा करती हैं (एंटीकोआगुलेंट / एंटीप्लेटलेट दवाएं) विटामिन क्या परस्पर क्रिया कर सकती हैं ?

यदि आप विटामिन ई और थक्के को बनाने वाली दवा लेते हैं तो यह सही नहीं होगा । विटामिन ई का सेवन करने से रक्त स्त्राव का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। इसके बारे मे आपको ‌‌‌ अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

कैंसर के लिए एंटीबायोटिक्स और विटामिन ई एक साथ ले सकते हैं ?

नहीं यदि आप कैंसर के लिए दवा ले रहे हैं तो आपको विटामिन ई का सेवन नहीं करना चाहिए  । क्योंकि विटामिन ई का सेवन करने से कैंसर रोधी दवा का प्रभाव काफी कम हो जाता है इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

‌‌‌विटामिन ई किन किन चीजों के अंदर पाया जाता है ?

‌‌‌वैसे यदि आपके शरीर के अंदर विटामिन ई की कमी हो चुकी है तो डॉक्टर आपको विटामिन ई की गोलियां देंगे ।इसके अलावा आप यदि चाहते हैं तो विटामिन ई के लिए खाने पीने की चीजें भी खा सकते हैं जैसे बादाम हरी सब्जी के अंदर विटामिन ई होता है। सूरज मुखी के बीजों के अंदर भी विटामिन ई होता है।

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arif khan

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