खरगोश के काटने से क्या होता है ‌‌‌और उपचार व सावधानियां के बारे मे जानकारी

खरगोश के काटने से क्या होता है , khargosh katne se kya hota hai खरगोश कई प्रकार के होते हैं, लेकिन सबसे लोकप्रिय शायद घर का खरगोश है। ये जानवर आम तौर पर लंबे कान वाले छोटे और सफेद होते हैं, और वे महान पालतू जानवर बनाते हैं क्योंकि उनकी देखभाल करना आसान होता है और उन्हें बहुत अधिक जगह की आवश्यकता नहीं होती है।

घर के खरगोशों को अपने कब्जे में रखने के लिए ताजा घास, पानी, छर्रों (एक प्रकार का भोजन) और खिलौनों की पर्याप्त आपूर्ति होनी चाहिए। उन्हें सर्दियों के समय में एक सुरक्षित क्षेत्र में घर के अंदर भी रखा जाना चाहिए। यदि आप कर सकते हैं, तो कम से कम छह महीने की उम्र के खरगोश को प्राप्त करना सबसे अच्छा है ताकि यह मनुष्यों के साथ अधिक संप्रेषणीय और सहज हो।

‌‌‌दोस्तों आपको बतादें कि आजकल खरगोश को पालने का चलन काफी अधिक बढ़ चुका है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । कई लोग इनको मांस के लिए पालते हैं तो कुछ लोग बस ऐसे ही घर के अंदर खरगोश पाल लेते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌वैसे तो खरगोश किसी को काटते नहीं हैं लेकिन कई बार क्या होता है कि वे काट लेते हैं ।वे आमतौर पर तनाव या फिर भय की वजह से भी काट सकत  हैं। हालांकि खरगोश के काटने से कोई अधिक दर्द नहीं होता है और घाव काफी आसानी से ठीक हो जाता है आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌यदि आपका घर का खरागोश काट लेता है तो खून तो बह सकता है लेकिन इसकी वजह से घाव काफी गहरे नहीं होते हैं और यह आसानी से ठीक हो सकते हैं। लेकिन इसके अंदर संक्रमण फैलने का डर बना रहता है तो एंटिबायोटिक क्रीम का उपयोग किया जा सकता है। ‌‌‌जिससे कि किसी तरह के संक्रमण ना फैले आप इस बात को समझ सकते हैं । और यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌यदि आपने टिटनेस का टिका नहीं लगाया है तो आपको इसका टीका लगाना चाहिए । जोकि खरगोश काटने पर समस्या पैदा नहीं करेगा । इस लेख के अंदर हम आपको बताएंगे कि खरगोश के काटने पर आपको क्या करना चाहिए । और किस वजह से वे काट सकते हैं।

खरगोश इंसानों को क्यों काटते हैं? khargosh katne se kya hota hai

आपको पता ही है कि खरगोशों ने इंसानों के साथ काफी घनिष्ट संबंध बनाएं हैं। और एक खरगोश इंसानों के साथ काफी आसानी से रह सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा । दोस्तों खरगोश इंसानों के साथ रहते ‌‌‌हुए भी कई बार काट सकते हैं। आप इस बात को समझ सकते हैं। तो फिर वे आपको क्यों काटते हैं। इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए । हम आपको इसके बारे मे बताने वाले हैं।

khargosh katne se kya hota hai
  • ‌‌‌यदि आप खरगोश का पीछा करते हैं उसे रोकने की कोशिश करते हैं जिसकी वजह से वह काफी डर जाता है और उसके बाद आपको काट सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं। ‌‌‌खास कर यदि कोई खरगोश आपके अंदर घुला मिला नहीं है तो फिर आपको खरगोश काट सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌कई बार क्या होता है कि यदि किसी खरगोश को शोरगुल वातावरण के अंदर रखा जाता है तो वह तनाव मे आ जाता है और तनाव मे आने की वजह से वह काट सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा जिन खरागोशों का बंधियाकरण नहीं किया है उनको यह लगेगा कि आप उनके क्षेत्र के अंदर आक्रमण कर रहे हैं। जिसकी वजह से वह काट सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌यदि आपके खरगोश को किसी तरह की बीमारी और दर्द की समस्या है तो उसकी वजह से भी खरगोश काट सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा कई बार क्या होता है कि हम खरगोश को भोजन दे रहे हैं। ऐसी स्थिति के अंदर खरगोश आपकी उंगली को ही भोजन समझ लेता है और उसके बाद यह आपको काट लेता है। ‌‌‌इसलिए यदि आप इसको सही तरह से भोजन देना चाहिए । और भोजन देते समय अपनी उंगली को सही रखना चाहिए आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं और यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌यदि आपको किसी तरह से खरगोश काट लेता है तो उसको बाद आपको सावधानी रखना काफी जरूरी होता है। और धाव का सही तरह से उपचार करना जरूरी होता है नहीं तो काफी अधिक परेशानी हो सकती है। आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌वैसे आपको बतादें कि खरगोश काटते नहीं है। यह कम ही चांस होता है कि वे आपकी उंगली पर काट लेते हैं । वैसे कई बार यह एक दूसरे को भी काटते हैं। यह आमतौर पर खुद के वर्चस्व को स्थापित करने के लिए काटते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसके अलावा  वे कई बार ‌‌‌खरगोश प्यार जताने पर भी काट लेता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

क्या खरगोश के काटने से दर्द होता है?

खरगोश के निप्स आमतौर पर दर्द रहित होते हैं। उन्हें चोट पहुँचाने या चोट पहुँचाने के लिए नहीं बनाया गया है, केवल मनुष्यों के साथ संवाद करने के लिए । जब कोई खरगोश काटता है तो वह अपने मुंह को काफी तेजी से खोलता है तो उसके बाद ‌‌‌काट लेता है। तो इसका मतलब यह है कि वह काफी खतरा महसूस कर रहा है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और कई बार क्या होता है कि यदि खरगोश आपकी उंगली को चिपक जाता है तो वह उसे आसानी से नहीं छोड़ता है।

‌‌‌इसके अलावा आपको बतादें कि खरगोश यदि काटता है तो होने वाला दर्द इस बात पर निर्भर करता है कि आपके अंदर दर्द को सहन करने की क्षमता कितनी है ?। इसके अलावा यदि खरगोश आपको काफी तेज काटता है तो इसकी वजह से आपको दर्द भी काफी अधिक होगा ।

‌‌‌आपको बतादें कि खरगोश के आगे के जो दांत होते हैं व नुकीले होते हैं जिसकी वजह से आमतौर पर काफी तेजी से वे काट सकते हैं। और काफी अधिक खून बह सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और जो घाव होता है वह आसानी से ठीक नहीं होगा ।

‌‌‌इसके अलावा यदि कोई खरगोश का बच्चा है तो वह आपको काट लेता है तो उसकी वजह से आपको उतना अधिक दर्द नहीं होगा । कारण यह है कि उसके दांत अधिक विकसित नहीं होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।

क्या खरगोश के काटने से फैलती हैं बीमारियां?

दोस्तों वैसे तो आपको बतादें कि खरगोश को काटने से कोई नुकसान नहीं होता है आपको खून बह सकता है और घाव को ठीक होने मे काफी अधिक समय लग सकता है। और खरगोश की कुछ बीमारियां होती हैं जोकि इंसानों को प्रभावित नहीं करती हैं जैसे कि Myxomatosis खरगोश के लिए ‌‌‌ मौत का कारण बनता है लेकिन यह इंसानों को प्रभावित नहीं करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं और यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌लेकिन उसके बाद भी कुछ इस प्रकार की बीमारियां होती हैं जोकि इंसानों को प्रभावित कर सकती हैं । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । तो आपको यदि खरगोश काट लेता है तो इसके कुछ बीमारियां आपके अंदर फैल सकती हैं।

‌‌‌खरगोश काटने के नुकसान पाश्चुरेलोसिस  बीमारी का होना

पेस्टुरेलोसिस एक जीवाणु संक्रमण है जो पेस्ट्यूरेला मल्टीसिडा के कारण होता है। अगर जल्दी और सही तरीके से इलाज न किया जाए तो यह घातक हो सकता है। पेस्टुरेलोसिस के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं। संक्रमण आमतौर पर उन लोगों में होता है जो बुजुर्ग हैं या जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है। उपचार में आमतौर पर जलयोजन बहाल करने और शरीर को ठंडा करने में मदद करने के लिए एंटीबायोटिक्स और तरल पदार्थ शामिल होते हैं। पाश्चुरेलोसिस जानवरों में सबसे आम है, लेकिन यह मनुष्यों में भी हो सकता है। अगर आपको लगता है कि आपको पेस्टुरेलोसिस हो गया है, तो इलाज के लिए जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलें।

पाश्चुरेलोसिस  एक प्रकार का रोग होता है जोकि आमतौर पर खरगोश के अंदर हो सकता है। और यह आम होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आपको खरगोश काट लेता है तो फिर आपके अंदर भी इस रोग के होने के चांस हो जाते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

तुलारेमिया बीमारी का होना

दोस्तों यदि आपको खरगोश काट लेते हैं तो इसकी वजह से आपको यह रोग भी हो सकता है। और खरगोश की मदद से आपके अंदर इसका संचरण हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । टुलारेमिया का कारण बनने वाला जीवाणु एक ग्राम-नकारात्मक छड़ी है, और यह संक्रमित जानवरों की मिट्टी, पानी और मांस में पाया जा सकता है। यह दूषित पौधों या धूल के संपर्क में आने से भी हो सकता है। टुलारेमिया के लक्षण आम तौर पर जोखिम के एक सप्ताह के भीतर विकसित होते हैं, और इसमें बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मायलगिया (मांसपेशियों में दर्द), और बढ़े हुए लिम्फ नोड शामिल हो सकते हैं। गंभीर मामलों में, टुलारेमिया से निमोनिया, एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) और मृत्यु हो सकती है। उपचार में आमतौर पर एंटीबायोटिक्स और सहायक देखभाल शामिल होती है।

टुलारेमिया के बैक्टीरिया के संपर्क में  आने के 5 दिन के अंदर ही आपको इसके लक्षण प्रकट होने लग जाते हैं आपको बतादें कि यह बैक्टीरिया भी अलग अलग होता है। आपके लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप किस प्रकार के बैक्टिरिया के संपर्क मे आएं हैं।

‌‌‌उसके हिसाब से इसके लक्षण अलग अलग हो सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।टुलारेमिया  आमतौर पर किसी जानवर की वजह से फैलता है।वैसे तो यह किसी भी क्षेत्र के अंदर फैल सकता है लेकिन अधिकतर केस के अंदर यह ग्रामीण क्षेत्रों के अंदर फैलने का चांस रहता है ।

  • ‌‌‌क्योंकि वहां पर काफी अधिक मात्रा के अंदर पशुधन पाया जाता है।खरगोश व हिरण
  • भूरा भालू
  • खरगोश
  • चूहे ।

टुलारेमिया  का पता लगाना कोई आसान काम नहीं होता है। क्योंकि इसके जो लक्षण होते हैं वे अलग अलग प्रकार के होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । ऐसी स्थिति के अंदर डॉक्टर आपको छाती का एक्सरे करवाने के लिए कह सकता है। ‌‌‌और यदि छाती का एक्सरे हो जाता है तो उसके बाद लक्षणों से यह पता लगाने की कोशिश करता है कि आपको यह रोग है या फिर नहीं है ?

टुलारेमिया का इलाज कई तरह से किया जाता है इसके अंदर आमतौर पर एंटिबायोटिक्स दवाओं का उपयोग किया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और इसके अलावा इंजेक्सन को सीधे नशों के अंदर लगाया जाता है।

‌‌‌और यदि रोग काफी गम्भीर हो जाता है तो उसके बाद ऑपरेशन करवाना पड़ सकता है और संक्रमित अंग को शरीर से बाहर निकालने की जरूरत पड़ सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌इस तरह से यदि आपको इस रोग के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसके बाद आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌ khargosh katne se kya hota hai  खरगोश के काटने से रेबीज हो सकता है

दोस्तों यदि आपको कोई खरगोश काट लेता है तो उसकी वजह से आपको रेबीज हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।

‌‌‌वैसे तो रेबीज फैलने का डर खरागोश से नहीं होता है। लेकिन यदि आपका खरगोश संक्रमित है तो उसकी मदद से रेबीज फैल सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।

यदि आपको पागल जानवर ने काट लिया है, तो रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) अनुशंसा करता है कि आप तुरंत अस्पताल जाएं। रेबीज एक वायरस के कारण होने वाला एक गंभीर संक्रमण है, और अगर जल्दी इलाज न किया जाए तो यह घातक हो सकता है। यहाँ रेबीज के बारे में अधिक विस्तृत जानकारी दी गई है:

– रेबीज संक्रमित जानवर की लार या बलगम के संपर्क में आने से फैलता है।

– यह किसी भी जानवर में हो सकता है, लेकिन ज्यादातर मामले जंगली जानवरों जैसे चमगादड़, रैकून और स्कंक्स में होते हैं।

– वायरस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी) पर हमला करता है, जिससे मतिभ्रम, मनोभ्रंश, पक्षाघात और मृत्यु हो जाती है।

– रेबीज को रोकने के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है, इसलिए रोकथाम पागल जानवरों के संपर्क से बचने पर निर्भर करती है।

खरगोश के काटने से क्या होता है

‌‌‌लेकिन खरगोश से रेबीज फैलने के चांस काफी कम होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि रेबीज फैल चुका है तो फिर इसका इलाज करना कठिन हो जाता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌और आपको बतादें कि रेबीज अक्सर छोटे बच्चों के लिए काफी अधिक घातक होता है। क्योंकि उनके अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

हफ्तों  तक आपको रेबीज का कोई भी लक्षण नहीं दिखाई देता है। लेकिन यदि यह आपके शरीर के अंदर काफी लंबे समय तक रहता है तो उसके बाद इस रोग के लक्षण भी प्रकट होने लग जाते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। ‌‌‌और यदि आप समय पर डॉक्टर को नहीं दिखाते हैं तो उसके बाद यह एक तरह से बड़ी समस्या को क्रिएट कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

  • बुखार।
  • थकान।
  • काटने के घाव में जलन
  • खाँसी।
  • गला खराब होना।
  • मांसपेशियों में दर्द।
  • मतली और उल्टी।
  • दस्त।
  • बेचैनी।
  • दौरे।
  • मतिभ्रम।
  • मांसपेशियों में मरोड़।
  • बुखार।
  • रेसिंग हार्ट
  • तेजी से सांस लेना
  • अत्यधिक लार आना।
  • दो अलग-अलग आकार के पुपिल्स
  • चेहरे का लकवा
  • पानी/पीने का डर

‌‌‌खरगोश के काटने से टिटनेस हो सकता है।

टिटनेस भी खरगोश के काटने से हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।

टेटनस एक जीवाणु क्लोस्ट्रीडियम टेटानी के कारण होने वाला संक्रमण है। रोग मुख्य रूप से तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे पक्षाघात और मृत्यु भी हो जाती है। टेटनस का कोई ज्ञात इलाज नहीं है, लेकिन एंटीबायोटिक दवाओं के साथ शुरुआती उपचार से गंभीर जटिलताओं को रोकने में मदद मिल सकती है।

टिटनेस तीन प्रकार का होता है: प्राथमिक, जो किसी संक्रमित जानवर के काटने या खरोंचने से होता है; माध्यमिक, जो संक्रमण के दौरान बैक्टीरिया द्वारा उत्पादित विष से उत्पन्न होता है; और तृतीयक, जो दूषित मिट्टी या पानी के संपर्क में आने के कारण होता है। टेटनस आमतौर पर गंदी त्वचा के घावों के संपर्क में आने से होता है, जैसे कि कार दुर्घटना में या बच्चे के जन्म के दौरान। यह लार और शरीर के अन्य तरल पदार्थों के माध्यम से भी फैल सकता है।

यदि आपको किसी संक्रमित जानवर द्वारा काटा या खरोंचा गया है, तो जितनी जल्दी हो सके चिकित्सा सहायता लें। घाव को साबुन और पानी से साफ करें और यदि उपलब्ध हो तो एंटीबायोटिक मरहम लगाएं।

‌‌‌वैसे आपको बतादें कि टिटनेस की वैक्सीन आ चुकी है। और वैक्सीन आने की वजह से इसके मामले काफी कम हो चुके हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।और आपको बतादें कि हर साल इस बीमारी से 10 लाख लोग ग्रस्ति हो जाते हैं। और इस बीमारी का कोई सीधा इलाज भी नहीं है।

‌‌‌फिर भी आपको वैक्सीन समय पर लगानी चाहिए । यदि आप वैक्सीन समय पर लगा लेते हैं तो उसके बाद आपको टिटनैस नहीं होगा । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं । और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌दोस्तों यदि हम टिटनेस के लक्षणों की बात करें तो आपको बतादें कि  बैक्टिरिया के शरीर के अंदर प्रवेश करने के हफ्तों  बाद तक इसके लक्षण दिखाई दे सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। ‌‌‌और लक्षणों की मदद से आप समझ सकते हैं कि आपको टिटनेश हुआ है या फिर नहीं हुआ है तो आइए जानते हैं इस तरह के लक्षणों के बारे मे विस्तार से ।

  • निगलने में कठिनाई
  • जबड़ों में ऐंठन और अकड़न
  • पेट की मांसपेशियों में अकड़न
  • गर्दन की मांसपेशियों में अकड़न
  • ह्रदय की धड़कन बढ़ना
  • बुखार
  • पसीना आना

‌‌‌इस तरह के लक्षण यदि आपको दिखाई देते  हैं तो संभव हो सकता है कि आपको टिटनेश हो चुका है। यदि आपका घाव काफी समय से ठीक नहीं हो रहा है तो फिर आपको बूस्टर डोज को लगाया जाना चाहिए । यदि आपने पीछले काफी समय से बूस्टर डोज नहीं लिया है तो उसके बाद आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ‌‌‌ और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। आपको उसका पालन करना चाहिए  आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

‌‌‌क्या खरगोश के काटने से संक्रमण हो सकता है ?

दोस्तों यदि आपको खरगोश काट लेता है । और यदि आपने घाव का सही तरह से ध्यान नहीं रखा है तो संभव है कि घाव के अंदर संक्रमण हो सकता है।बैक्टीरिया  घाव के अंदर संक्रमण पैदा कर सकते हैं। यदि आपको खरगोश ने काट लिया है तो फिर आपको अपने घाव को सही तरह से ‌‌‌साफ सुथरा रखना चाहिए और समय समय पर आपको दवा का उपयोग भी करना चाहिए । जिससे कि संक्रमण की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है।इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।

संक्रमण की जानकारी सभी के लिए जरूरी है। संक्रमण गंभीर और जानलेवा भी हो सकते हैं, इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि कौन से संक्रमण संभव हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है। यहाँ कुछ सामान्य संक्रमण और उनके लक्षण हैं:

फ्लू एक अत्यधिक संक्रामक संक्रमण है जिससे बुखार, गले में खराश, शरीर में दर्द और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। फ्लू से बचने का सबसे अच्छा तरीका इसके खिलाफ टीका लगवाना है।

 यदि आपको फ्लू हो जाता है, तो बहुत सारे तरल पदार्थ पिएं, आराम करें और आवश्यकतानुसार इबुप्रोफेन या पेरासिटामोल लें। यदि आपका बुखार 38°C (100°F) से ऊपर हो जाता है, तो अस्पताल जाएँ।

 यदि आप निमोनिया जैसे गंभीर श्वसन संक्रमण विकसित करते हैं, तो आपका डॉक्टर एंटीबायोटिक्स लिख सकता है। एंटीबायोटिक्स लक्षणों को दूर करने और बीमारी की अवधि को कम करने में मदद कर सकते हैं।

खरगोश के काटने का इलाज कैसे करें

खरगोश के काटने का इलाज कैसे करें

दोस्तों आपको पता ही है कि कई बार खरगोश मालिक को किसी वजह से काट सकता है।यदि आपको भी खरगोश ने काट लिया हैऔर कोई खास बड़ा घाव नहीं हुआ है तो यह आसानी से ठीक हो सकता है।लेकिन यदि खरगोश के काटने के बाद किसी तरह का घाव हो चुका है। ‌‌‌ तो उसके बाद आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यदि आपका घाव काफी बड़ा है तो उसकी सही तरह से देखभाल करना काफी अधिक जरूरी हो जाता है आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌सबसे पहले यदि खरगोश के काटने के बाद घाव काफी गहरा हो चुका है तो उसके बाद आपको चाहिए कि आप एक बार आप इस घाव के उपर कपड़ा बांध दें ताकि खून का बहाव रूक जाए । यदि खून का बहाव रूक जाता है तो उसके बाद आपको चाहिए कि ‌‌‌आप यदि घाव काफी गहरा हो चुका है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें । ताकि किसी तरह की समस्या आगे ना बढ़ सके ।

‌‌‌एक बार यदि घाव का खून रूक जाता है तो उसके बाद काम होता है घाव धोने का आपको पता है कि खरगोश के दांत के अंदर कई प्रकार के बैक्टिरिया मौजूद होते हैं। जिसकी वजह से यदि उसके दांत आपके घाव पर पड़ते हैं तो काफी बड़ी समस्या हो सकती है।

‌‌‌सबसे पहले आपको अपने घाव को ठंडे पानी से साफ करना चाहिए ।यह आपके लिए सबसे अधिक सही होगा । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा । यदि आप घाव को धो रहे हैं तो आपको जीवाणूरोधी साबुन काप्रयोग करना चाहिए । यह आपके लिए काफी अच्छा होगा । इस साबुन की मदद से आपको चाहिए ‌‌‌ कि आप घाव को साफ करें और यह आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। ‌‌‌यदि गदंगी के अंदर कट लग जाता है तो इसकी वजह से एंटिबायोटिक दवा का प्रयोग करना चाहिए । यह आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं।

एंटीबायोटिक मरहम लगाएं

एंटीबायोटिक मरहम एक सामयिक क्रीम या लोशन है जो आमतौर पर त्वचा के संक्रमण के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग मामूली कटौती और घर्षण को शांत करने के लिए भी किया जाता है। एंटीबायोटिक मरहम ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) और कुछ फार्मेसियों में उपलब्ध है।

एंटीबायोटिक मरहम एक सामयिक क्रीम या लोशन है जो आमतौर पर त्वचा के संक्रमण के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग मामूली कटौती और घर्षण को शांत करने के लिए भी किया जा सकता है। एंटीबायोटिक मरहम ओटीसी और कुछ फार्मेसियों में उपलब्ध है।

एंटीबायोटिक मरहम को आप अपने घाव पर लगा सकते हैं। यह आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होगी । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और एक बार यदि आप खरगोश के काटे गए स्थान पर लगा देते हैं तो उसके बाद यह संक्रमण को फैलने से रोकने का काम करती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते ‌‌‌ हैं।

एंटीबायोटिक मरहम आपको मार्केट के अंदर अनेक प्रकार की मिल जाती हैं। आपको उनका प्रयोग करना चाहिए । यह आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद हो सकती हैं।

‌‌‌यह सिर्फ संक्रमण से बचाने मे ही मदद नहीं करती हैं। वरन घाव को भरने मेभी मदद करती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते है। यह दर्द को भी कम करने का काम करती हैं।

क्या मुझे रैबिट बाइट वैक्सीन चाहिए?

दोस्तों आपको बतादें कि यदि आपको खरगोश को काटा गया है तो उसके बाद आपको टिटनेस का टीका लगा लेना चाहिए । यह सबसे अधिक जरूरी हो जाता है। आपको इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आपके पीछे 10 साल के अंदर टिटनेस का टीका लगाया है तो आपको अलग से किसी तरह का ‌‌‌टीका लगाने की जरूरत नहीं है। आप इस बात को समझ सकते हैं। लेकिन यदि आपने पीछले 10 साल के अंदर किसी तरह का टिटनेस का टीका नहीं लगाया है तो उसके बाद आपको खरगोश के काटने के 48 घंटा के बाद टिटनेस का टीका लगाना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं और यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌क्योंकि यदि आप समय पर टिटनेस का टीका लगा लेते हैं तो उसके बाद आपको किसी तरह की कोई समस्या नहीं होगी । आप इस बात को समझ सकते हैं। नहीं तो आपको काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

‌‌‌इस तरह से लेख के अंदर हमने जाना कि किस तरह से हम टिटनेस का टिका लगा सकते हैं। और खरगोश काटने से क्या क्या नुकसान हो सकते हैं। इसके बारे मे भी हमने जाना उम्मीद करते हैं कि आपको यह सब पसंद आएगा । यदि आपको पसंद आता है तो आपको कमेंट करके बताना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।

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arif khan

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