100 मस्त घर पर शायरी आपको जरूर पसंद आएंगी।

ghar par shayari घर पर शायरी  घर टूटने पर शायरी के बारे मे हम आपको यहां पर बता रहे हैं। हम आपको घर पर काफी सुंदर शाायरी दे रहे हैं। और उम्मीद  करते हैं , कि यह शायरी आपको पसंद आएंगी । यदि आपके मन मे कोई सवाल है , तो आप हमें बता सकते हैं । हम आपके सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे।

अपना घर सबको प्यारा होता है ,

हर शाम को घर ही हमारा सहारा होता है।

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न जाने कितनों के घर उजाड़े ,

न जाने कितनों के सर उखाड़े ,

मरा तब कोई नहीं आया आड़े ।

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घर मे ही अपना पन का एहसास होता है ,

सबके लिए अपना घर सबसे खास होता है।

ghar par shayari

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आंखों मे अपने घर का सपना लियो ,

कर रह हैं , दिन रात मेहनत हम ।

एक दिन अपना भी घर होगा ,

मगर मुश्किल यह सफर होगा ।

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घर तो परिंदों के भी होते हैं ,

मगर इंसान तो उन

परिंदों से  भी गया गुजरा हो गया ।

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आसमान मे उड़ने की चाहत है ,

चाहे घूम आओ दुनिया जंहा मे ,

मगर मिलती है , अपने घर मे ही राहत है।

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जमीं पर रहते हम हैं ,

मगर आसमां पर अपना घर है ,

मुश्किल बड़ा जनाब यह सफर है।

ghar se dur jane par shayari

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हर कोई चाहता है बेघरों को घर मिले ,

हर इंसान को आसान जिदंगी का सफर मिले ।

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दिल के घर मे कोई दरवाजा नहीं होता ,

अगर वो नहीं आते दिल के घर मे ,

तो पुराना गम फिर से ताजा नहीं होता है।

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अपने घर मे हर कोई राजा होता है ,

अगर शेर बनने का शौक है ,

तो घर से बाहर निकल कर दिखा ।

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काश मेरा भी एक घर होता ,

तो फिर चमकती बिजलियों ,

और बरसते आसमां का ना कोई डर होता ।

ghar banane par shayari

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उसका घर मेरे घर के करीब था ,

फिर भी उसे उड़ा ले गया कोई और ,

ऐसा बुरा अपना नसीब था ।

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दिल से वह बड़ा गरीब था ,

मगर घर उसको फिर भी नसीब था ।

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दुश्मनों ने हमें बेघर कर दिया ,

नीलाम अपना घर कर दिया ।

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रहते हैं सितारों की छांव मे ,

अपना कोई घर नहीं है यार गांव मे ।

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अपना घर जिसने बेच दिया ,

चंद कागज के नोटों के लिए ,

आज वह भटक रहा है रोड़ पर ,

अपने कर्म खोटों के लिए ।

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ना नदी का किनारा मिला ,

ना अपने घर मे कोई सहारा मिला ।

ghar banane par shayari

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यूं तो कच्चा घर है अपना ,

मगर इमान से उंचा आज भी सर है अपना ।

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घर मिले ना मिले ,

मगर ईमानदारी की रोटी जरूर मिलेगी ।

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बिक जाता है जिनका ईमान ,

वो खुद के घर को बना लेते हैं श्मसान ।

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तेरी आंखों मे उतर जाने को जी चाहता है ,

तेरे घर के पास से गुजर जाने को जी चाहता है।

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कभी शाम ढले तो हम भी अपने घर जाएंगे ,

फिर खुद को खूब आराम फरमाएंगे ।

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सपनों की तरह अपने घर को भी सजाएंगे ,

आ गया है खुशी का मौका खूब गीत गाएंगे ।

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अपने घर का पता कभी बदलेगा नहीं ,

आ जाना कभी हमारे घर मे ,

साथ किसी के यह बंदा चलेगा नहीं ।

ghar walo par shayari

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वही पुराने वाला किस्सा है हमारा ,

खंडरों मे बदल चुका वही हिस्सा है हमारा ।

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हम उन्हें चाहते नहीं ,

फिर भी अपना बना लिया ,

मगर उन्होंने तो अपने दिल मे ,

हमारे नाम का संसार बसा लिया ।

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दर दर की ठोकरें खाई ,

फिर बहुत घर की याद आई ।

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मौसम बदलते देर नहीं लगती ,

बनालो अपना घर ,

वरना बुरे वक्त को अंधेर नहीं लगती ।

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मन से संवारेंगे तुझे ,

फिर अपने घर के आंगन

मे पहली बार उतारेंगे तुझे ।

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अपने घर से तो हर कोई प्यार करता है ,

मगर इंसान वह है ,

जो दूसरों के घरों से भी एतबार करता है।

ghar par shayari in urdu

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तेरे घर मे आने से ,

घर का माहौल बदल गया ,

गिरने ही वाला था मैं ,

मगर तुझे देखकर संभल गया ।

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अपना घर तो अपना होता है ,

यह हर किसी का सपना होता है।

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सुंदर घर मे सुंदर बीबी ,

चाहत हर किसी की होती है।

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पानी चाहिए पीने के लिए ,

घर भी जरूरी है जनाब जीने के लिए ।

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गलतियां जिदंगी मे हर कोई करता है ,

मगर जो गलती करके संभल जाए ,

वही इंसान सफल होता है।

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थक गए हैं हम ,

घर की जिम्मेदारियां उठाते उठाते ,

अब तो हमें मौत ही आ जाए ,

खुद को बचाते बचाते ।

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घर से निकलते ही ,

कुछ दूर चलते ही ,

घर है उस का ,

निकलती है छत पर शाम ढलते ही ।

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उम्र भर ईमानदारी का सफर करके

बनाया था यह घर ,

जब रहने का समय आया ,

तो मौत को लग गई खबर ।

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दिल का अरमान है घर ,

अपनी जान है यह घर ,

खो ना जाए यह हमसे ,

लगता है हर वक्त डर ।

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मंजिल दूर है ,

फिर भी चलते रहेंगे ,

चिंता मत करो जनाब ,

मुर्दे तो घर से निकल कर ,

श्मसान मे यूं ही जलते रहेंगे।

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अपने घर मे भी एक आईना होगा ,

जिसमे हम खुद को देखेंगे ।

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मेहतन करोगे तो घर भी बनेगा ,

अगर हार जाओगे ,

तो कुछ ना बनेगा ।

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कुछ लोग झोंपड़ी मे रहते हैं ,

तो कुछ पक्के घर मे ,

अगर कुछ भी ना मिले ,

तो निराश ना होना सफर मे ।

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हम उनके दिल मे अपना ठिकाना ढूंढते हैं ,

और वो हर शाम नया आसियाना ढूंढते हैं।

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मारे मारे फिर रहे हैं इस जमाने मे ,

चैन भी नहीं मिल रहा है अपने आसियाने मे ।

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नफरतों की बस्ती मे ,

हम फंस चुके हैं जीवन की कस्ती मे ।

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दिल मे न सकून है ,

ना दिल मे चैन है ,

बिना घर के ,

परेशान करती बहुत यह रेन है।

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सबसे प्यारा है ,

मेरा रेन बसेरा ,

हर शाम को आकर ,

जमाते हैं , यहां पर डेरा ।

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मौसम का हाल ना पूछो ,

हम से कोई सवाल ना पूछो ,

जिसका घर गिर जाए ,

उसका मलाल ना पूछो ।

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घर बनाया था उम्र भर की कमाई से ,

उसको ही छोड़कर जाना पड़ा ,

अपनों की तन्हाई से ।

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कुछ यादें घर की होती हैं ,

कुछ यादें बाहर की होती हैं ,

मगर सारी परेशानियां इस संसार की होती हैं।

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दिल की तन्हाई को आवाज बना लेते हैं ,

अगर घर ना हो , तो रोड़ पर भी गा लेते हैं।

ghar par shayari

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भले ही टूटा फूटा है ,

मगर अपना घर तो अपना होता है।

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आज नए शहर मे आए हम हैं ,

मगर पूरे घर की यादें साथ लाए हम हैं।

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अपना घर जान से प्यारा होता है ,

वही अपना आखरी सहारा होता है।

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अपने अरमानों से घर को सजाया था ,

खुद रोकर अपनों को हंसाया था ,

मगर आज अपनों ने ही हमें तड़पाया था ।

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सब्र कर एक दिन अपना भी घर होगा ,

फिर देखना शान से उंचा अपना सर होगा ।

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अपना घर से दूर रहा नहीं जाता ,

घर की जुदाई का दर्द ,

अब हमसे सहा नहीं जाता ।

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एक ख्वाब था दिल मे ,

तेरे संग घर बसाने का ,

मगर बेवफाई अंजाम हुआ ,

तुझे चाहने का ।

	
ghar par shayari hindi

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जब से उन्होंने दिल मे घर बनाया है ,

हमारी तो दुनिया ही बदल गई ।

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कुछ औलादें भी घर मे मनहूस होती हैं ,

वक्त बितने के बाद यह सब महसूस होती हैं।

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इंतजार कर रहे थे जिस पल का ,

पहली बार दर्शन हुए अपने घर की शक्ल का ।

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पैसों ने अभिमान दिया ,

घर ने सम्मान दिया ,

मगर अपने जिगरी यारों ने

बहुत एहसान दिया ।

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नदी का भी एक किनारा होता है ,

घर ही हमारा आखरी सहारा होता है।

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तुमसे मिलने की जो होड़ है ,

कुछ भी कहो यार ,

तुम्हारा घर बड़ा बेजोड़ है।

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अपने रक्त से सजाया घर की दीवार को ,

मगर कुछ भी रास नहीं आया इस संसार को ,

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अपनों के लिए तो हर कोई घर बनाता है ,

अगर घर बनाना ही है , तो दूसरों के लिए बनाओ ।

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निकल पड़ें हैं हम ,

घर से मंजिलों की तलास मे ,

कुछ ना कुछ जरूर मिलेगा ,

इस एहसास मे ।

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बड़ी ताकत होती है विश्वास मे ,

वह होकर ही रहता है ,

जो दिन रात चलता है हमारी सांस मे ।

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बांध नदियों पर बनाये जाते हैं ,

और घर सदियों पर बनाये जाते हैं ।

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अपने घर मे जो सकून है ,

अपने घर मे जो चैन है ,

वह कहीं और नहीं मिलता ।

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घर मे दिल को सकून मिलता है ,

आपके आने से बड़ा जनून मिलता है।

ghar walo par shayari

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एक दिन हम भी अपना घर बनाएंगे ,

फिर तुझे लेने जरूर आएंगे ।

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दिल की उदासी   गम नहीं होती ,

जिसका कोई घर ही नहीं हो ,

उसकी जिदंगी मौत से कम नहीं होती ।

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जिदंगी को जीना भी एक सजा है ,

सिर पर एक छत ही नहीं हो ,

तो फिर जीने मे कैसा मजा है।

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पैसे का प्यार है ,

पैसे का संसार है ,

जिसका कोई घर ही नहीं ,

उसके लिए ना पैसा है ना प्यार है।

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दिल तेरी यादों मे जलता रहा ,

मगर दूर अपने घर तक

मैं उम्र भर चलता रहा ।

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पीने का शौक नहीं ,

पीते हैं गम भुलाने के लिए ,

खूब अब पी रहे हैं ,

अपने दिल की बस्ती को मिटाने के लिए ।

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घर अपना टूट गया ,

जब उसका साथ हमसे छूट गया ।

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साथ एक घर मे

हम जी नहीं सकते ,

तो साथ मर तो सकते हैं।

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अगर जमाना रोकता है तो रोक के दिखाए ,

हम तो प्यार करके घर बसाएंगे ,

कोई हमे टोक के तो दिखाए ।

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जमाने के सताएं हैं ,

प्यार के तड़पाएं हैं ,

अब अपने घर मे

बैठे एक साये हैं।

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बेघर जिदंगी से मौत भली ,

नहीं रहना अपने घर के बिना ,

यह जिदंगी तो चली ।

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सोचा था हसीन जिदंगी जिएंगे ,

मगर कमीनों ने घर ही छीन लिया ।

ghar ki halat shayari

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कुदरत का कहर था ,

जिस जमीं पर अपना घर था ,

उस जमीं के नीचे एक पुराना शहर था ।

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दिल दुश्मनों का जीतने का प्रयास  ना करो ,

जो खुद भूखें हैं ,

वो आपको क्या दे सकते हैं ,

ऐसे लोगों से कुछ आस ना करो ।

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अपना घर तो अपना होता है ,

घर बनाना हर किसी का सपना होता है ,

जिसके पास घर हो अपना ,

वो चैन की नींद सोता है।

ghar ki halat shayari

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ना आंधियों का डर है ,

ना बरसात का खौफ ,

अपना घर जो है ,

सह लेगा हर कोप ।

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अब नहीं लगी है , घर के आंगन मे महफिल ,

जमाना बदल चुका है। सब कुछ सूना सूना हो गया ।

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रहो अपने घर मे सकून से ,

शांति मिलेगी कुछ पल ,

जिदंगी के जनून से ।

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गांव मे अपना घर है ,

शांति और सकून घर मे है ,

चिंता मत करो वक्त बदलेगा एक दिन तुम्हारा भी ,

हर खुशी समय के दर मे है।

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अपना घर हर पल खुशी देता है ,

जिसका कोई घर नहीं ,

वह हर पल दुखी रहता है।

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आंखों मे एक ख्वाब सा ,

दिल एक बेताब सा ,

अपना घर है ,

खुशी के सैलाब सा ।

ghar ki halat shayari

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अपने घर को बड़ी मेहनत से बनाया है ,

खून पसीने से इसको सजाया है।

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नहीं जरूरत दौलत और सोहरत की ,

बस तेरे प्यार का सहारा चाहिए ,

अगर घर हो अपना ,

तो ना हसीन मौसम का नजारा चाहिए ।

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घर को छोड़कर भटक रहे हैं ,

अकेले इन जंगलों मे ,

नहीं मिली शांति कभी ,

बहुत रहकर देख लिया बंगलों मे ।

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कुछ लोग घर पर नाज करते हैं ,

कुछ लोग खुद पर नाज करते हैं ,

मगर महान होते हैं वो ,

जो लोगों के दिलों पर राज करते हैं।

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घर कितना भी हसीन बनालो ,

एक दिन छोड़कर इसे जाना होगा ,

इतने साल जी लिये तुम ,

तो खुद को तो पहचाना होगा ।

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कहता फिरता है इंसान ,

वो सुंदर घर मेरा है ,

मगर उसे नहीं पता ,

श्मसान मे तेरा बसेरा है।

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बच्चों की किलकारी गुंज रही घर के आंगन मे ,

फिर भी पता नहीं क्या चाहती है ,

वह अपने दामन मे ।

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एक दिन अपना भी हसीन घर होगा ,

जमीं से आसमां तक अपना सर होगा ।

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कुछ लोग घर जमीन और धन तक जाते हैं ,

मगर कुछ लोग वतन तक जाते हैं ,

मगर कुछ तो खुदा के दर तक जाते हैं।

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यह जमीं भी नहीं होगी ,

यह आसमां भी नहीं होगा ,

एक दिन सब कुछ खत्म हो जाएगा ।

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एक पेड़ की छांव मे ,

अपना घर है गांव मे ,

मगर बह गए हम तो यारो

झूठे प्यार के बहाव मे ।

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घर मे बिन आंगन मकान बने हैं ,

वर्षों से कोई नहीं जाता है उस घर मे ,

आजकल घर भी अपने विरान बने हैं।

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जिदंगी खुशी से जी लेंगे ,

जिस दिन घर होगा अपना ,

तो खूब शराब पी लेंगे ।

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अपना घर हर किसी को अच्छा लगता है ,

तारिफ जो करते अपने घर की एक बार ,

वह कसम से बहुत सच्चा लगता है।

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बहुत पैसा नहीं हमारे पास ,

मगर घर तो हमने भी बनाया है ,

दो दिन की जिदंगी के लिए ,

एक ठिकाना हमने भी बनाया है।

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अपने घर को कोई बुरा कह नहीं सकता ,

बिना अपने घर के कोई रह नहीं सकता ।

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आजकल घर बनाना भी आसान नहीं ,

जब तक जिदंगी की कमाई कुर्बान नहीं ।

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घर को घर ही रहने दो ,

एक कहता है , तो दूसरे को सहने दो ,

छोटी मोटी बातों पर यूं ना ,

अपने घर को ढहने दो ।

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जानवर भी अपना घर बनाते हैं ,

हम तो इंसान हैं ।

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यूं ही कोई बेईमान नहीं होता ,

अगर घर ही नहीं हो किसी का ,

तो वो ईमानदरी क्या खाक करेगा ।

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सर पर साया हो छत का ,

फिर खतरा नहीं रहता गत का ।

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अपना कोई घर बार नहीं है ,

अपना कोई संसार नहीं है ,

हम तो अकेले आए थे ,

अकेले जाएंगे ,

हमें किसी से कोई प्यार नहीं है।

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रिश्ता मत तोड़ना किसी से

उसकी गरीबी देखकर ,

वरना वक्त किसी के बाप का नहीं होता ,

कौन फिर तुम पर दया करेगा ,

तुम्हारी बदनसीबी देखकर ।

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दुनिया घूम आए सकून की तलास मे ,

मगर सकून तो पहले से ही था अपने पास मे ।

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अपना घर सबसे प्यारा होगा ,

अपना घर हर किसी से न्यारा होगा ,

अपना घर सबका दुलारा होगा ।

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जिसने अपना घर गिराया है ,

कसम से उसने अपनी मौत को बुलाया है ।

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पहले दिल लूटा ,

फिर घर लुटा ,

वो आशिक था ,

कमीना झूठा ।

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दोस्त ही घर मे सेंध लगाते हैं ,

दोस्त ही अपनों मे भेद लगाते हैं।

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हर वक्त खुला रहता है ,

अपने घर का दरवाजा ,

जिस वक्त मन करे ,

अंदर आ जाना ।

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कुछ वक्त घर मे बिताया ,

कुछ वक्त राहों मे बिताया ,

अपने घर की खुशी ने ,

हमें जिदंगी जीना सीखाया ।

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जब घर मे होती हैं खुशियां ,

तो दुख दर्द कितना भी हो सब सह लेते हैं।

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हम तो कतरे हैं ,

हवाओं के संग बह लेंगे ,

तुम अपने घर मे रहना पगली ,

हम बाहर रहकर तुम्हारे लिए  सब सह लेंगे ।

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।