दिमाग में कीड़े के लक्षण ,कारण और उपचार की जानकारी

दिमाग में कीड़े होने के लक्षण आजकल काफी केस आ रहे हैं।पीछले दिनों एक न्यूज के अंदर आया था कि एक 8 साल की बच्ची के दिमाग के अंदर 100 से ज्यादा टेपवर्म मिले थे ।डॉक्टरों के अनुसार पहले बच्ची को सिर दर्द होता था। उसके बाद धीरे धीरे चक्कर भी आने लगे ।उसके बाद ‌‌‌वह चलने मे भी असमर्थ हो गई। डॉक्टरों ने जब सीटी स्कैन किया तो पता चला कि उसके सिर के अंदर टेपवर्म है।

टेपवार्म कि सबसे बड़ी खास बात तो यह होती है कि फलों और सब्जी के अंदर पाया जाता है और यदि आप उनको ठीक से धो कर नहीं खाते हैं तो यह पेट के अंदर पहुंच जाते हैं। उसके बाद वहां पर अपनी संख्या के अंदर बढ़ोतरी करने लग जाते हैं।

दिमाग में कीड़े के लक्षण

‌‌‌उसके बाद रक्तवाहिनी की मदद से दिमाग के अंदर पहुंच जाते हैं। पहले पहले तो दिमाग मे कीड़े होने का पता नहीं चलता है लेकिन उसके बाद यह भयंकर सिरदर्द पैदा करते हैं ,जो दवाई लेने के बाद भी ठीक नहीं होता है। ‌‌‌और यदि लंबे समय तक यह कीड़े दिमाग के अंदर बने रहते हैं तो दिमाग मे गांठे बन जाती हैं और उसके बाद रोगी को दौरे पड़ने लग जाते हैं। संभव है फिर यदि समय पर रोगी का उचार नहीं करवाया जाता है तो उसकी मौत भी हो सकती है।

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‌‌‌ क्या दिमाग में कीड़े होते है Cysticercosis  ‌‌‌और दिमाग में कीड़े की गांठ

सिस्टीसरकोसिस एक प्रकार का संक्रमण होता है ,जो टेपवॉर्म की वजह से होता है। विकासशील देशों के अंदर इसके बहुत सारे मामले आ रहे हैं।इसका पता कई बार तो बहुत लंबे समय बाद चलता है। न्यूरोकाइस्टिरोसिस के नाम से भी इसको जाना जाता है। यह दिमाग मे गांठ भी पैदा कर सकता है।

‌‌‌आपको बतादें कि हम सभी के पेट मे कीड़े होते हैं। लेकिन बहुत से ऐसे होते हैं ,जो हमे कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं लेकिन पेटवर्म एक ऐसा कीड़ा है जो हमे नुकसान पहुंचा सकता है। और इसका आसानी से पता नहीं चलता है कि यह पेट के अंदर है या नहीं ? सो समय समय पर पीटे के कीड़े मारने की दवा का सेवन करनी  ‌‌‌चाहिए।

पोर्क टेपवॉर्म विशेष रूप से एशिया, उप-सहारा अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में आम है।कुछ क्षेत्रों के अंदर तो यह माना जाता है कि 25 प्रतिशत आबादी इस कीड़े से संक्रमित है। आपको बतादें कि अकेले 2015 मे इस कीड़े की वजह से पूरी दुनिया मे लगभग 400 लोग मर गए थे । ‌‌‌आपको बतादें कि यह बीमारी गाय और सुअरों को भी होती है लेकिन इनको अपने लक्षणों को प्रकट करने के लिए लंबा समय चाहिए होता है और इतने समय तक यह जानवर जीवित नहीं रह पाते हैं।

‌‌‌दिमाग मे कीड़े होने के लक्षण

दोस्तों दिमाग मे कीड़े पहुंचने से पहले यह आपके पेट के अंदर पहुंचते हैं। और यदि यह पेट के अंदर हैं तो आपको इनको मारने का प्रयास करना चाहिए नहीं तो स्थिति गम्भीर हो सकती है। इसके कुछ लक्षणों के बारे मे हम यहां पर बता रहे हैं। सिस्टिसिरोसिस के लक्षण शरीर के भीतर सिस्टेरिस की संख्या और स्थान के आधार पर केस से अलग-अलग होते हैं। सिस्टेरिसिस्क अक्सर मांसपेशियों के ऊतकों में पाए जाते हैं।

न्यूरोसाइटिस्टेरोसिस होने की स्थिति के अंदर कई लोगों मे लक्षण विकसित नहीं होते हैं और यह निर्भर करता है अलग अलग व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली के उपर ।

इनके चार मूल प्रकार होते हैं जिनके अंदर न्यूरोकाइस्टिसरकोसिस पैरेन्काइमल, सबरैचनोइड, इंट्रावेंट्रिकुलर और स्पाइनल आते हैं।इन सभी के मुख्य लक्षण निम्न लिखित हो सकते हैं।

सिर दर्द होना

आमतौर पर जिस इंसान के सिर के अंदर कीड़े हो जाते हैं उनके सिर मे रोजाना दर्द ही होता रहता है। और दवा लेने के बाद भी सिर दर्द ठीक नहीं होता है। यह कीड़े भयंकर सिरदर्द के कारण बनते हैं। यदि सिर दर्द ठीक नहीं हो रहा है तो आपको चैक करवाना चाहिए ।

मतली आना

दिमाग मे कीड़े होने की वजह से मितली भी आ सकती है। यदि आप रोजाना या कई बार बिना किसी कारण से मितली की समस्या झेल रहे हैं तो आपको अंदर कीड़े हो सकते हैं। एक बार अवश्य ही चैक करना चाहिए ।

‌‌‌चक्कर आना

इसके अलावा कीड़े होने की वजह से चक्कर भी आते हैं। जब कीड़ा दिमाग के अंदर चला जाता है तो चक्कर आने की समस्या पैदा हो जाती है।यदि बार बार चक्कर आ रहे हैं तो संभव है कि दिमाग के अंदर कीड़े हो सकते हैं।

ऑप्टिक डिस्क सूजन

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कुछ लोगों के अंदर ऑप्टिक डिस्क की सूजन का विकास होता है। और यह धुंधली द्रष्टी का कारण बनते हैं। यदि ऐसा है तो डॉक्टर को तुरन्त ही उपचार के लिए जाना चाहिए ।

  • पैरेन्काइमल रोग सिरदर्द, दौरे, बौद्धिक हानि, व्यवहार परिवर्तन और जलशीर्ष से जुड़ा हो सकता है।इससे मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं और चलने फिरने मे भी समस्या हो सकती है।
  • रेसमोस सिस्टिसरकोसिस को मस्तिष्क के आधार पर अल्सर के संचय की विशेषता है, जिसके परिणामस्वरूप मानसिक रूप से गिरावट, कोमा रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करने वाले अल्सर दुर्लभ हैं, लेकिन इसके परिणामस्वरूप मेनिन्जाइटिस या रीढ़ की हड्डी का संपीड़न हो सकता है।
  • व्यक्तियों को भारी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र संक्रमण का अनुभव हो सकता है, जो संभावित रूप से स्ट्रोक या कोमा भारी सीएनएस संक्रमण वाले व्यक्तियों में अक्सर मांसपेशियों में दर्द (मायलागिया), कमजोरी और बुखार होता है।
  • एसोसिएटेड की वजह से आंखों मे भी समस्या हो सकती है।हालांकि कुछ मामलों मे सिस्टिककोर्सोसिस  आंखों को प्रभावित करता है।

‌‌‌ दिमाग के कीड़े का इलाज दिमाग मे कीड़े पड़ने के कारण

‌‌‌दिमाग के अंदर कीड़े पड़ने का प्रमुख कारण होता है। अशुद्व भोजन को खाना आमतौर पर हम अशुद्व फल और सब्जी को खाते हैं। और इनके साथ टेपवर्म चिपके होते हैं। यह हमारे पेट के अंदर सबसे पहले इंटर करते हैं और उसके बाद रक्तवाहिनी के सहारे दिमाग मे चले जाते हैं।

‌‌‌दूषित पानी का सेवन ना करें

दोस्तों आमतौर पर आज भी लोग दूषित जल का सेवन करते हैं। दूषित जल का सेवन करने से यदि यह टेपवर्म उस जल मे मौजूद हैं तो यह पेट के अंदर चले जाएंगे और उसके बाद वहां पर प्रजनन शूरू करदेंगे । केवल शुद्व पानी का ही सेवन करना चाहिए । ‌‌‌आप फिल्टर पानी का सेवन कर सकते हैं।आप पानी को शुद्व करने के लिए उसे उबाल सकते हैं।

‌‌‌फल और सब्जी का सेवन बिना धोए करना

आमतौर पर हम लोग जब बाजार से सामान लेकर आते हैं तो हमारी आदत यह होती है कि किसी भी सामान को बिना धोए ही खाते हैं। जिसका परिणाम यह होता है कि यह कीड़े सब्जी के अंदर मौजूद होते हैं और हमारे पेट मे प्रवेश कर जाते हैं और हमे पता ही नहीं चल पाता है।

‌‌‌संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने से

टेपवर्म के अंडे वयस्क कीड़े से संक्रमित व्यक्ति के मल में मौजूद होते हैं , जिसे टेनियासिस के रूप में जाना जाता है । यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ रहते हैं तो यह कीड़े आपके अंदर भी प्रवेश कर सकते हैं और बाद मे आपके दिमाग के उपर हमला कर सकते हैं।

‌‌‌बिना हाथ धोए भोजन करने से

दोस्तों आप जब भी भोजन करते हैं ।सबसे पहले साबुन से अच्छी तरह से हाथ धोना चाहिए । यदि आप अपने हाथों से जमीन पर यहा कहीं काम करके आएं हैं ,तो संभव है कि यह कीड़े आपके हाथों मे चिपक गए हों या इनके अंडे हो । यह आपके शरीर के अंदर खाने के साथ प्रवेश कर सकते हैं।

व्यक्तिगत स्वच्छता और स्वच्छता से संक्रमण को प्रभावी ढंग से रोका जा सकता है  इसमें खाना पकाने का कुआं, उचित शौचालय और स्वच्छता संबंधी प्रथाएं, और स्वच्छ जल तक बेहतर पहुंच शामिल है।सिस्टिकसर्कस लार्वा लगभग 2 महीने में विकास पूरा करता है। यह अर्धवृत्ताकार, अफीम के रंग का सफेद और लम्बी अंडाकार होता है और यह 0.6 से 1.8 सेमी की लंबाई तक पहुंच सकता है।

‌‌‌खुले मे मल त्याग

दोस्तों खुले के अंदर मल का त्याग करने की वजह से यह फीताकृमि शरीर से निकलता है और वहीं पर जो हम फल और सब्जी को उगाते हैं। उसके साथ चिपक जाता है। और यदि हम बिनाए धोए इन सब्जी को खाते हैं तो उसके बाद यह हमारे पेट के अंदर चला जाता है।

‌‌सूअर और अन्य जानवरों का मांस

दोस्तों यदि आप सूअर और अन्य जानवरों का मांस खाते हैं तो आपके पेट के अंदर कीड़े पहुंच सकते हैं। यदि वे जानवर इससे संक्रमित होते हैं तो बाद मे आप भी इससे संक्रमित हो जाएंगे । पश्चिमी यूरोपीय देशों में विश्व युद्ध 2 के बाद सुअर उद्योग तेजी से विकसित हुआ और मनुष्यो के अंदर सिस्टेरोसिस के विकास होने का प्रमुख कारण सुअर का मांस ही था।

जो लोग सुअर का मांस या दूसरे जानवरों का मांस खाते हैं उनको सावधान रहने की आवश्यकता होती है। ‌‌‌जानवरों के मांस को कभी भी कच्चा नहीं चबाना चाहिए ,जो कुछ लोगों की आदत होती है।वरना वे व्यर्थ की बीमारी मोल ले सकते हैं। मांस को सबसे पहले अच्छी तरह से पकाना चाहिए और उसके बाद ही इसका सेवन करना चाहिए ।‌‌‌इसके अलावा जो लोग सुअर पालते हैं , उनको सुअर का उपचार करवाना चाहिए । इसके लिए सुअर के लिए एक इंजेक्सन होता है उसको लगाने से कम से कम 5  महिने तक संक्रमण नहीं होता है।

‌‌‌दिमाग मे कीड़े होने का निदान Treatment of Neurocysticercosis

दोस्तों दिमाग के अंदर यदि एक बार कीड़ा चला जाता है तो उसके बाद उसका निदान करना आसान नहीं होता है। आमतौर पर यदि आप सचेत रहते हैं तो आपके पेट के अंदर कीड़ा आते ही आप दवाओं का सेवन करके उसे मार सकते हैं।

लेकिन हम यह तय नहीं कर पाते हैं कि हमारे पेट के अंदर कीड़े ‌‌‌हैं या नहीं तो सबसे अच्छी बात यह है कि आप पेट के कीड़े मारने के लिए घरेलू नुस्के यूज कर सकते हैं। हालांकि इससे हो सकता है सम्पूर्ण प्रकार के कीड़े ना मरें पर कुछ राहत मिल सकती है।‌‌‌इन घरेलू नुस्कों के अंदर लहसुन आप खा सकते हैं।और नीम का बनाया काढ़ा पी सकते हैं। इसके अलावा बहुत सारे तरीके आपको नेट के उपर मिल जाएंगे आप देख सकते हैं।

एंटीपैरासिटिक दवाएं

Praziquantel और albendazole T. solium cusicerci के खिलाफ प्रभावी एंटीपैरासिटिक दवाएं हैं ।praziquantel की खुराक डॉक्टर 5 से 10 मिलीग्राम / किग्रा / दिन की खुराक के बारे मे बताते हैं।एंटीपैरैसिटिक दवाओं को लार्वा को मरने वाली दवाओं के रूप मे जाना जाता है। संभव है इनके सेवन से लार्वा नष्ट हो जाता है। यह डॉक्टर ही तय करते हैं।‌‌‌इन दवाओं के साथ कुछ समस्याएं भी हैं। जैसे

  • कोई सबूत नहीं है कि अल्सर के तेजी से गायब होने के परिणामस्वरूप बेहतर मिर्गी नियंत्रण होगा।
  • ‌‌‌गंभीर मामलों के अंदर इस प्रकार की दवाओं का असर नहीं होता है।
  • एंटीपैरासिटिक थेरेपी के परिणामस्वरूप कम कैल्सीफिकेशन के बारे मे कोई जानकारी नहीं है।
  • इसके अलावा इन दवाओं की वजह से लक्षण कई बार बने रहते हैं और रोगी काफी समय तक जिंदा रहते हैं।
  • एंटीपैरासिटिक उपचार से मस्तिष्क की तीव्र सूजन होती है जो एक बड़ी समस्या का कारण हो सकता है।
  • इसके अलावा उपचार की प्रतिक्रियाओं से रोगी की मृत्यु हो सकती है।

सर्जरी

एंटीपैरासिटिक दवाओं के आगमन से पहले, सर्जरी न्यूरोकाइस्टिसरकोसिस के लिए प्राथमिक चिकित्सा थी लेकिन समय के साथ सर्जरी की भूमिका उतनी नहीं रही है। न्यूरोसाइस्टेरोसिस के लिए हाइड्रोसिफ़लस माध्यमिक के लिए वेंट्रिकुलर शंट की नियुक्ति तक सीमित है। ‌‌‌इसमे समस्या शंट डिसफंक्शन का उच्च प्रसार है।कई लेखकों ने शंट की विफलता  की घटनाओं को कम करने के लिए एंटीपैरासिटिक दवाओं का प्रयोग करने की सलाह भी दी है।

Symptomatic and anti-inflammatory medication

कॉर्टिकोस्टेरॉइड का उपयोग अक्सर न्यूरोसाइटिस्टेरोसिस वाले रोगियों में किया जाता है।इस दवा का प्रयोग डॉक्टर के निर्देशन मे की किया जाता है। आमतौर पर 12 मिलग्राम दिन के अंदर सेवन किया जाता है।कॉर्टिकोस्टेरॉइड का उपयोग अक्सर परजीवी की मृत्यु के कारण न्यूरोलॉजिकल लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है।‌‌‌इसके अलावा मस्तिष्क को सही करने के लिए डेक्सामेथासिटिस 32 मिलग्राम की आवश्यकता होती है।न्यूरोकाइस्टिसरोसिस का इलाज करने के लिए एंटीपीलेप्टिक दवाएं और एनाल्जेसिक दवाएं दी जाती हैं।

दिमाग के अंदर कीड़े हैं या नहीं कैसे तय होता है।

दिमाग के अंदर कीड़ों का पता लगाने के लिए कई सारी तकनीक मौजूद हैं। नीचे कुछ विधियां दी गई हैं। जिनकी मदद से यह पता चल जाता है कि दिमाग के अंदर कीड़े हैं या नहीं ?

  • रक्त परीक्षण।
  • सिर की एक्स-रे और लंबी हड्डियां।
  • इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम – मस्तिष्क की विद्युत गतिविधि की रिकॉर्डिंग
  • काठ का पंचर (स्पाइनल टैप) – मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को स्नान करने वाले मस्तिष्कमेरु द्रव की जांच
  • आँख परीक्षा।
  • ‌‌‌दिमाग की जांच करने के लिए एमआरआई का प्रयोग किया जाता है। एमआरआई मस्तिष्क में संरचनात्मक और रासायनिक परिवर्तनों का पता लगाती है।इस दौरान रोगी एक ड्रम पर होता है और बाद भी कर सकता है।
  • कंप्यूटेड टोमोग्राफी की मदद से दिमाग के तीन आयामों की गतिविधि को देखा जा सकता है। इससे भी पता लगता है।

‌‌‌दिमाग मे कीड़े होने के लक्षण कितने दिनों के अंदर प्रकट होते हैं ?

आमतौर पर संक्रमण हो जाने के बाद दो से 3 महिने के बाद लक्षण प्रकट हो सकते हैं। या इसके अंदर भी समय लग सकता है। इस रोग के लक्षण धीरे धीरे प्रकट होते हैं।

‌‌‌यदि मुझे लगता है कि मेरे दिमाग के अंदर कीड़े हैं तो क्या करना चाहिए

यदि आपको बार बार बेवजह सिर दर्द की समस्या है तो आप एक बार अपने डॉक्टर के पास जाएं और उनके सामने अपनी शंका व्यक्त कर सकते हैं। इसके अंदर देर नहीं करनी चाहिए  । वरना स्थिति और अधिक गम्भीर हो सकती है ।‌‌‌वे आपके दिमाग की सीटी स्कैन करके यह तय कर सकते हैं कि दिमाग मे कीड़े हैं या नहीं ।

सिस्टीसरकोसिस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के अंदर कैसे फैल सकता है।

वैसे तो इसके एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने का चासं नहीं है लेकिन मल के बाद हाथ को सही तरीके से नहीं धोने की वजह से यह हो सकता है। इस बात का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है।

फूल गोभी को कभी भी कच्चा ना खाएं

यदि आपको दिमाग के कीड़े से बचना है , तो कभी भी फूल गोभी को कच्चा नहीं खाना चाहिए । क्योंकि यदि आप फूल गोभी को कच्चा खाते हैं , तो इसकी वजह से उसके अंदर मौजूद कीड़े आपके पेट के अंदर चले जाते हैं। और बाद मे वे आपके दिमाग के अंदर पहुंच जाते हैं। फूल गोभी को उबाल कर ही खाना चाहिए ।

कच्चा मीट खाने से जा सकते हैं दिमाग के अंदर कीड़े

दोस्तों जो लोग मीट खाते हैं। उनको इस बात की सावधानी बरतनी होगी । यदि वे कच्चा मीट खाते हैं , तो उसकी वजह से दिमाग के अंदर कीड़े जा सकते हैं। और काफी परेशानी हो सकती है। इसलिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए मीट को सबसे पहले अच्छी तरह पकाना चाहिए । और उसके बाद ही खाना चाहिए ।

पत्ता गोभी से दिमाग के अंदर कीड़ा जाना

दोस्तों पत्ता गोभी के अंदर भी कीड़ा हो सकते हैं। इसलिए पत्ता गोभी को भी बिना धोए आपको नहीं खाना चाहिए । बेहतर होगा कि आपको इसको पका कर खाना चाहिए ।

दिमाग के अंदर कीड़ा कैसे पहुंचता है

दोस्तों कुछ कीड़े इस तरह के होते हैं , जोकि हमारे शरीर के अंदर भी जिंदा रह सकते हैं। जैसे कि आप किसी कीड़े के अंडे को खा जाते हैं। तो पेट मे जाने के बाद उन अंड़ों से बच्चा निकलता है। और बच्चा निकलने के बाद वह आपके पेट के अंदर बड़ा होता है। और बाद मे खून की मदद से दिमाग तक पहुंच जाते हैं।

कुल मिलाकर किसी भी सब्जी के अंदर यह कीड़े हो सकते हैं। जैसे आप कोई भी सब्जी खाते हैं , तो आपको सबसे पहले उस सब्जी को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए । और उसके बाद ही उसका सेवन करना चाहिए ।

आंतों के टैपवार्म संक्रमण का परीक्षण कैसे होता है ?

आंतों के टैपवार्म संक्रमण यदि आपकी आंतों तक रूका हुआ है तो आपके मल के कुछ नमूने डॉक्टर लेता है और उसके बाद वह उसका परीक्षण करके सही पता लगा सकता है।

सिस्टिसिरोसिस सबसे अधिक कैसे फैलता है ?

दोस्तों सिस्टिसिरोसिस का संक्रमण सुअरों से अधिक फैलता है। जहां पर सुअरों को खुले आम घूमने के लिए दिया जाता है और वे मानव मल खाते हैं । कुछ जगह पर बाद मे उन्हीं सुअरों के मांस को काट कर बेचा जाता है।‌‌‌जिसकी वजह से संक्रमण फैल सकता है।

‌‌‌दिमाग मे कीड़े होने का उपचार उपलब्ध है ?

हां दिमाग के अंदर कीड़े होने का उपचार आसानी से उपलब्ध है।इसके लिए कई प्रकार की दवाएं भी उपलब्ध हैं । जिनके बारे मे हम आपको उपर बता चुके हैं। इसके अलावा यदि स्थिति गम्भीर है तो सर्जरी की भी आवश्यकता होती है। लेकिन गम्भीर मामलों के अंदर मौत  ‌‌‌भी हो सकती है।

‌‌‌पेट के कीड़ों का सफाया करने के कुछ उपचार

दोस्तों आपको समय समय पर पेट के कीड़ों का सफाया भी करना चाहिए । यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो संभव है यह कीड़े आपके दिमाग तक पहुंच सकते हैं और बाद मे बड़ी समस्या पैदा कर सकते हैं। भले ही आपके पेट मे कीड़े ना हो लेकिन आप देसी उपचार समय समय पर कर सकते हैं।

  • ‌‌‌अजवाइन पेट के कीड़ो को मारने का सबसे अच्छा रामबाण है। इसके लिए आप एक सरल तरीका प्रयोग मे कर सकते हैं। अजवाइन के साथ थोड़ा सा नमक मिलाएं और उसके बाद इसको पानी के साथ कुछ दिनों तक सेवन करें ऐसा करने से पेट के सारे कीड़े मर जाएंगे ।
  • ‌‌‌नीम के पत्ते भी बहुत उपयोगी होते हैं। इसके लिए आपको करना यह है कि नीम के पत्तों को पीस लेना है और इनको शहद के साथ लेना होता है। ऐसा करने से पेट के कीड़े बहुत ही आसानी से मर जाते हैं।
  • ‌‌‌काले नमक का पानी काफी उपयोगी साबित हो सकता है। रात को सोने से पहले काले नमक के पानी का सेवन करें और उसके बाद सो जाएं ।आप रात को सोने से पहले सलाद के साथ काले नमक का सेवन कर सकते हैं। ऐसा करने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
  • ‌‌‌जब भी आप अनार घर के अंदर खाने के लिए लाएं । उनके छिलकों को अच्छी तरह से छाया के अंदर सूखालें । जब वे सूख जाते हैं तो उनको पीस कर चूर्ण बना लेना चाहिए ।उसके बाद इस चूर्ण को कुछ दिन तक सेवन करने सें ‌‌‌पेट के कीड़ों से राहत मिलती है।
  • 43 वर्षीय झू झोंगफा नामक एक व्यक्ति की कहानी दिमाग के अंदर कीड़े से ही जुड़ी हुई है। NOVEMBER 27, 2019 को छपी एक खबर के अनुसार इस आदमी के दिमाग के अंदर 700 से अधिक कीड़े थे ।फिर भी इस इंसान की स्थिति इतनी गम्भीर नहीं थी। उसके बाद डॉक्टरों ने इसकी जान को बचा लिया था। ‌‌‌डॉक्टरों के अनुसार पहले यह कीड़ा इस व्यक्ति के शरीर के अंदर गया और पूरे शरीर मे फैल गया ।
  • टेक्सास में रहने वाले 40 वर्षीय गेरार्डो मॉक्टेजुमा को सिरदर्द की शिकायत भी और बताया जा रहा था कि वह पिछले 14 साल से सिरदर्द झेल रहा था। उसे नहीं पता था कि उसके दिमाग के अंदर कीड़ों ने घर बना लिया है। ‌‌‌उसके बाद रोगी ने इसकी जांच करवाई तो पता चला कि उसके दिमाग के अंदर कीड़े थे ।डॉक्टरों के अनुसार गेरार्डो का इलाज न किया जाता तो जल्दी ही उसकी मौत भी हो सकती थी।आपको बतादें कि अकेले अमेरिका के अंदर  न्यूरोसिस्टीसरकोसिस के हर साल 1000 मामले देखने को मिलते हैं।

दिमाग में कीड़े होने के लक्षण लेख के अंदर हमने यह जाना कि किस तरह से हमारे दिमाग मे कीड़े पहुंच सकते हैं और वे कौनसे संकेत हैं जिनकी मदद से यह देखा जा सकता है कि हमारे दिमाग के अंदर कीड़ें हैं

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arif khan

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