साइबर अपराध से बचाव के उपाय type of cyber crime in hindi

साइबर अपराध से बचाव cyber crime in hindi , cyber crime kya hai  दोस्तों एक जमाना ऐसा था कि साइबर अपराध जैसी कोई चीज नहीं होती थी लेकिन समय के साथ सब कुछ बदल गया । आजकल हर किसी के हाथ मे मोबाइल आ चुका है। और हर कोई लैपटॉप और कम्पयूटर यूज करने लगा । इसकी वजह से पैसों का लेन देने और दूसरी अनेक उपयोगी चीजें ऑनलाइन हो रही हैं।‌‌‌यदि आप पीछले कुछ सालों के आंकडें देखेंगे तो आपको यह पता चलेगा कि भारत के अंदर जीयो टेलिकॉम के आने की वजह से इंटरनेट सस्ता हुआ और उसके बाद इंटरनेट का यूज बहुत अधिक बढ़ चुका है। और आज तो हर घर के अंदर इंटरनेट चलता ही है। इसमे कोई भी शक नहीं है।

2020 में, भारत में पूरे देश में 749 मिलियन से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता थे। यह आंकड़ा 2040 तक 1.5 बिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं तक बढ़ने का अनुमान था, जो दक्षिण एशियाई देश के लिए इंटरनेट सेवाओं में एक बड़ी बाजार क्षमता का संकेत देता है। वास्तव में, भारत 2019 में दुनिया भर में दूसरे सबसे बड़े ऑनलाइन बाजार के रूप में चीन के बाद दूसरे स्थान पर था। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में वृद्धि का अनुमान लगाया गया था – by statista.com

‌‌‌इससे आप समझ सकते हैं कि भारत के अंदर इंटरनेट फ्राड करने वालों के लिए बड़ा बाजार बनता जा रहा है। यदि बात करें पूरी दुनिया की तो जनवरी 2021 तक दुनिया भर में 4.66 बिलियन सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ता थे – वैश्विक जनसंख्या का 59.5 प्रतिशत है। तो आप समझ सकते हैं कि इंटरनेट कितना बड़ा बाजार है।

‌‌‌और वैसे भी कई ऐसे कारण है जिसकी वजह से इंटरनेट क्राइम करने वालों की पहली पसंद बनता जा रहा है। अब वे दिन बीत चुके हैं कि चोरों को घर मे जाने के लिए ताले तोड़ने की जरूरत है। यदि वे किसी का मोबाइल भी चुरा लेते हैं तो उससे भी वे लाखों का नुकसान कर सकते हैं।‌‌‌एक तरह से देखा जाए तो इंटरनेट ने चोरी को सबसे अधिक सरल बना दिया  है। और इससे भी बड़ी बात यह है कि इंटरनेट चोर को पकड़ना किसी के बस की बात नहीं होती है।

‌‌‌कुछ दिन पहले हुई एक रियल घटना आपको बता रहा हूं । मेरा एक दोस्ता है। उसका नाम तो यहां पर नहीं बताना चाहेंगे लेकिन क्या हुआ कि किसी साइबर चोर ने उसको कॉल किया कि वह उसका एक दूसरा दोस्त अमित बोल रहा है तो वह उसके पेटिएम मे कुछ पैसा गिराना चाहता है तो उनको एक्सेप्ट करले ।

 अब मेरा दोस्त ‌‌‌ किसी काम मे फंसा हुआ था तो उसके बाद मेरे दोस्त ने अपने भाई का मोबाइल देदिया और अपने भाई को भी बता दिया । जबकि बाद मे उसी चोर ने उसके भाई को पैसों की रिक्वेस्ट भेजी उसने एक्सेप्ट कर लिया और उसका 6000 कट गया ।

‌‌‌उसके बाद मेरे दोस्त के भाई को कुछ शक हुआ तो उसने देखा उधर चोर भी शातिर था । उसको पता चल गया और उसने फोन बंद कर लिया । अब चोरी हो चुकी थी और जब पुलिस के पास गए तो पुलिस ने नंबर ट्रेस कर बताया कि यह दूसरे राज्य का चोर है। यदि हम वहां पर जाएंगे तो भी कोई फायदा नहीं होगा ।  ‌‌‌क्योंकि वहां की पुलिस हमारा सहयोग नहीं करेगी । और इससे कुछ नहीं होगा । उल्टे आपके इससे अधिक पैसे लग जाएंगे । और दोस्तों होता यही है। भारत के कानून के बारे मे तो आप अच्छी तरह से जानते ही हैं कि ‌‌‌यहां पर चोर दूसरे दिन ही छूट जाता है।   

‌‌‌और अक्सर जो लोग साइबर क्राइम करते हैं वे किसी दूसरे राज्य के होते हैं। ऐसी स्थिति मे उनकी गर्दन तक पुलिस के हाथ पहुंचना बहुत ही कठिन होता है।

‌‌‌और अनेक मामले ऐसे होते हैं जिनमे पुलिस मे शिकायत ही नहीं की जाती है। क्योंकि हर कोई पुलिस के लफड़े से बचना चाहता है। ऐसी स्थिति मे चोरो के होसले काफी बुलंद होते हैं।उनको पता होता है कि उनकी गर्दन तक हाथ नहीं पहुंच पाएंगे।

‌‌‌और मजे की बात तो यह है कि इस तरह के क्राइम करने वाले इंटरनेट पर बैंक के अधिकारी के नाम से मोबाइल नंबर सेव रखते हैं ताकि कोई मुर्गा आसानी से जाल मे फंस जाए ।‌‌‌एक बार मैंने भी गलती से एक फ्राड नंबर पर कॉल कर दिया । मुझे यह फोन तो किसी बैंक को करना था लेकिन बाद मे यही फ्राड मुझसे बैंक डिटेल मांगने लगा तो उसके बाद मेरा माथा ठनका और मैंने फोन कट कर दिया ।

‌‌‌इसी प्रकार से एक दिन मेरे पास एक कॉल आया और उसके अंदर एक इंसान बोला कि आपका एटिएम कार्ड बंद हो जाएगा आपको अपने एटिएम नंबर को बताना होगा । उसके बाद क्या था मुझे इसका पता चल गया और मैने उसके कॉल को काट दिया ।

‌‌‌इसी तरह के न जाने कितने कॉल लोगों के पास आते रहते हैं।वे किसी भी तरीके से आपको जाल मे फंसाने की कोशिश करते हैं। यदि आप जाल मे फंस जाते हैं तो ठीक है यदि नहीं फंस पाते हैं तो किसी दूसरे पर ट्राई करते हैं।‌‌‌हालांकि लोग धीरे धीरे समझ रहे हैं लेकिन अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं जिनको इन सब के बारे मे कुछ भी पता नहीं है।

‌‌‌इसी तरह का कॉल हमारी एक चाची है उसके पास आया और उसने बोला की मैं बैंक अधिकारी बोल रहा हूं तो आपको अपना एटिएम नंबर बताना होगा । उसके बाद क्या था उसने एटिएम नंबर बता दिया और उसके बाद उनके पैसे चोरी हो गए । चाचा के पास पैसे कटने का एसएमएस आया तो उसने घर पर फोन किया तब सारी  ‌‌‌ घटना के बारे मे पता चला ।

इसके अलावा भी आप इन सब फ्राड के बारे मे जानना चाहते हैं तो आपको कई तरह के यूटुब चैनल मिल जाएंगे । जिनके अंदर इन सभी के बारे मे जानकारी दी गई है।

‌‌‌उनको देखकर भी आप यह पता लगा सकते हैं कि किस तरह से ऑनलाइन फ्राड किये जाते हैं।और ऑनलाइन जो साइबरक्राइम होते हैं वे सिर्फ फोन कॉल वाले ही नहीं होते हैं कई तरह के साइबर क्राइम होते हैं जिनके बारे मे आप यहां पर जानेंगे ।‌‌‌लेकिन अन्य तरह के साइबर क्राइम कम होते हैं और यह लूट वाले साइबर क्राइम सबसे अधिक होते हैं।

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‌‌‌साइबर क्राइम क्या होता है ? cyber crime kya hai vistar se samjhaie

दोस्तों साइबर क्राइम का मतलब होता है इंटरनेट की मदद से किया गया कोई भी ईलिगल कार्य जो कानून की नजर मे गुनाह होता है वही साइबर क्राइम होता है। इसके अंदर कई तरह के कार्य आते हैं जैसे कि किसी को धमकी देना । ‌‌‌किसी को लूट लेना या फिर किसी की नीजी जानकारी को  शैयर करना यह सभी साइबर क्राइम के अंदर ही आते हैं।

Password, Personal Information, Internet Banking Details, Credit Card Details, Debit Card Details जैसी सूचनाएं साइबर अपराधी हैक कर लेते हैं और उसके बाद इनका गलत उपयोग करते हैं।

‌‌‌तो आप समझ चुके होंगे कि साइबर क्राइम क्या होता है।नीचे हम साइबर क्राइम के प्रकार के बारे मे भी विस्तार से जानने का प्रयास करेंगे ।

‌‌‌साइबर क्राइम के प्रकार type of cyber crime in hindi

दोस्तों साइबर क्राइम कई प्रकार के होते हैं।जैसे कुछ साइबर क्राइम आपके कम्यूटर को हैक करते है। और आप से फिरौती मांगते हैं तो कुछ साइबर क्राइम आपको गलत कार्य करने को मजबूर करते हैं। ‌‌‌इसी तरीके से कुछ साइबर क्राइम आपके लिए बहुत अधिक परेशानी का सबब बन सकते हैं।

cyber crime kya hai कॉपीराइट सामग्री को चुराना

दोस्तों किसी की कॉपीराइट सामग्री को चुराना भी अपराध माना जाता है। और इस अपराध के अंदर बड़ी बड़ी कंपनियां शामिल होती हैं। मैं जिस वेब पर लिखता हूं । मेरे कई लेख बड़ी न्यूज वेब ने चोरी कर लिये थे और उनको अपने वेब पर इस्तेमाल कर लिया था। कॉपीराइट सामग्री के अंदर खास तौर पर लेख आते हैं।

 अब बहुत सारे छोटे ब्लॉगर हैं जो मेहनत से लेख लिखते हैं और कुछ लोग उनको चोरी कर लेते हैं। लेकिन आप इससे कुछ तरीकों से बच सकते हैं। लेकिन आज भी यह चोरी चल रही है। किसी ईमेज को चुराना या फिर गानों को चोरी छुपे अपने वेब से बेचना आदि इसी के अंदर आता ‌‌‌ है। और भारत के अंदर लचीले कानून होने की वजह से चोरी करने वालों का कुछ होता नहीं है। बस वे आपके कंटेंट हो हटा देते हैं। यदि आप गूगल से कम्पलेंट करते हैं तो ? ‌‌‌वे आपके कंटेंट को हटा देते हैं।

DDoS Attacks

DDoS Attacks भी एक साइबर क्राइम के अंदर आता है। इसके अंदर होता यह है कि जिस वेब पर यह अटैक करना होता है। उसके उपर किसी कम्प्यूटर सिस्टम की मदद बहुत अधिक ट्रेफिक जनरेट किया जाता है।और जब किसी वेब पर आवश्यकता से अधिक ट्रेफिक जनरेट होता है तो वेब साइट क्रेस हो जाता है। DDoS Attacks के अंदर जो ट्रेफिक भेजा जाता है वह रियल नहीं होता है।एक तरह का बूट ट्रेफिक होता है जोकि सर्वर को भारी नुकसान पहुंचाता है। हालांकि इस प्रकार के अटैक किसी को प्रभावित करने के लिए किये जाते हैं। और अधिकतर केसों मे खास कर भारत मे इस तरह के हमले पर कोई भी कार्यवाही होना संभव नहीं है।

DDoS Attacks वैगरह हर किसी ब्लॉग या वेब पर नहीं होते हैं।बड़ी कंपनी और सरकारी ब्लॉग पर सबसे अधिक इस तरह के अटैक होते हैं। हालांकि भारत के अंदर DDoS Attacks  की स्थिति के बारे मे सही सही जानकारी नहीं है।

‌‌‌और वैसे आपको बतादें कि इस तरह के अटैक का मतलब यह होता है कि यह आपके सारे डेटा को ही नष्ट कर देते हैं। और यदि आपके पास बैकअप नहीं है तो फिर आपके सामने एक समस्या खड़ी हो सकती है।

बॉटनेट

दोस्तों बॉटनेट एक प्रकार का मालवेयर होता है । जिसकी मदद से अपराधी आपके कम्प्यूटर पर कंट्रोल स्थापित कर लेता है।

 जब बॉट-हेर्डर अपने कमांड और कंट्रोल सर्वर से फाइल शेयरिंग, ईमेल, या सोशल मीडिया एप्लिकेशन प्रोटोकॉल या अन्य बॉट्स को मध्यस्थ के रूप में उपयोग करके किसी अनजान प्राप्तकर्ता को बॉट भेजता है। एक बार जब प्राप्तकर्ता अपने कंप्यूटर पर दुर्भावनापूर्ण फ़ाइल खोलता है, तो बॉट कमांड को वापस रिपोर्ट करता है और नियंत्रित करता है।

कटवेल बॉटनेट प्रति दिन 74 बिलियन संदेश भेज सकता है।इनका प्रयोग अन्य कम्प्यूटरों को संक्रमित करने के लिए किया जाता है। दोस्तों एक बार आपका कम्प्यूटर यदि हैकर के नियंत्रण मे आ जाता है तो उसके बाद हैकर आपके कम्प्यूटर से कुछ भी चुरा सकता है जैसे कि ‌‌‌ आपकी बेक अकाउंट डिटेल हो सकती हैं या फिर आपकी पर्सनल फाइले हो सकती हैं।इस तरह से यह आपकी नीजी जानकारी को चुरा सकता है। इस तरह के हमले के बारे मे भी भारत मे कार्यवाही होना लगभग पूरी तरह से असंभव है। क्योंकि यह हमले अक्सर विदेश से किये जाते हैं।

‌‌‌पार्न और ब्लैकमैलिंग

दोस्तों आजकल यह सिस्टम भी बहुत हो रहा है। इसके अंदर होता यह है कि एक महिला दूसरे किसी पुरूष को विडियो कॉल करती है। और उसके बाद वह उससे काफी खराब बाते करने लग जाती है। और पुरूष भी इसके अंदर बहक जाता है। ‌‌‌पुरूष को यह पता नहीं होता है कि उसका विडियो बना रहा है। उसके बाद वह महिला पुरूष को कपड़े हटाने को कहती है। उसके बाद यदि पुरूष कपड़े हटा देता है तो फिर उसका विडियो रिकॉर्ड हो जाता है।

और बाद मे उसी पुरूष को इस बात की धमकी दी जाने लगती है कि ‌‌‌यह विडियो उसके परिवार और दोस्तों और रिश्तेदारों सभी को भेज दिया जाएगा यदि पैसा नहीं दिया तो । अब बेचारा पुरूष क्या करे । वह शादी सुदा होता है घर मे यदि पत्नी को पता चल गया तो पत्नी पेलेगी सो अलग उपर से बदनामी होगी तो ले देकर काम बना देता है।

‌‌‌इस तरह के केस मे कुछ ऐसे लोग फंसाये जाते हैं जिनकी काफी इज्जत होती है और पैसे वाले भी होते हैं। ताकि एक बार फंसने के बाद मोटा पैसा ऐंठा जा सके । हालांकि कई मामलों मे पुलिस को रिपोर्ट भी किया जाता है और पुलिस कार्यवाही भी करती है तो कई मामलों मे रिपोर्ट नहीं हो पाती है।

‌‌‌इसके अलावा एक दूसरे तरह का सिस्टम भी और चल रहा है। हालांकि उसके अंदर कुछ अलग होता है। इसमे साइबर अपराधी क्या करते हैं किसी लड़की का विडियो बना लेते हैं और उसके बाद उस विडियो को इंटरनेट पर अपलोड कर देते हैं या फिर ऐसा करते हैं

‌‌‌ऐसे अनेक मामले प्रकाश मे आ चुके हैं जिनके अंदर अपराधी  महिलाओं के विडियो को इंटरनेट पर अपलोड कर देते हैं। हालांकि इस तरह के केस के अंदर कई अपराधी पकड़े भी जाते हैं तो कुछ पकड़े जाने से दूर ही रहते हैं।

‌‌‌नीजी जानकारी को लीक करना

दोस्तों यदि आप किसी की नीजी जानकारी को लीक करते हैं तो यह भी साइबर क्राइम के अंदर आता है। नीजी जानकारी का मतलब होता है कि कुछ लोगों के फोन मे अपने पर्सनल विडियो होते हैं और कोई उनके फोन को हैक करके पर्सनल विडियो को चुरा लेते हैं और इससे उनको शर्मिंदा होना पड़ता है।‌‌‌ऐसा अनेक बार हो चुका है जब किसी महिला का पर्सनल विडियो को वायरल कर दिया जाता है। जिसके बाद महिला को पुलिस के अंदर केस दर्ज करवाना पड़ता है। जरूरी नहीं है कि पर्सनल सूचना को चुराने वाले दूसरे हैकर ही हों कई बार ऐसा वे लोग भी कर देते हैं जिनके उपर आप भरोशा करते हैं।

‌‌‌और यदि किसी महिला के नीजी विडियो लीक हो जाते हैं तो उसके बाद आप कितने भी केस दर्ज करवा दें। आप उन विडियो को इंटरनेट से नहीं हटा सकते हैं। क्योंकि इस तरह के विडियो विदेशी वेब पर अपलोड कर दिये जाते हैं जिससे कि बाद मे यदि पुलिस भी उनको हटाना चाहे तो नहीं हटा सकती है।

‌‌‌इसी तरीके से पर्सनल सूचना के अंदर आपके फोन नंबर और एटिएम कार्ड नंबर भी आते हैं। हैकर क्या करते हैं कि यह आपके फोन नंबर को भी हैक कर लेते हैं और उससे बैंक डिटेल को चुरा लेते हैं।

‌‌‌अक्सर आपने न्यूज के अंदर पढ़ा होगा कि कई ऐसे हैकर पकड़े जाते हैं जिनके पास बड़ी संख्या मे लोगों की बैंक डिटेल मिलती है। इस तरह से उनके पास बैंक डिटेल कहां से आती है ? क्या आपने इस बारे मे पता किया है।‌‌‌असल मे यह लोग बैंक डिटेल को हमारे और आपके फोन से आसानी से चुरा लेते हैं और हमको इस बारे मे कुछ पता ही नहीं चल पाता है।

‌‌‌और यदि आप एक प्रभावशाली व्यक्ति नहीं हैं और पुलिस के पास भी इस तरह की समस्या को लेकर जाओगे तो पुलिस उल्टा आपको ही सबक सिखा देगी ।

साइबरस्टॉकिंग

साइबरस्टॉकिंग भी एक प्रकार का अपराध होता है जिसके अंदर अपराधी यूजर के अंदर डर पैदा करने के लिए इस तरह के संदेशों का सहारा लिया जाता है।जिसके वजह से कई बार यूजर के मन मे डर पैदा हो जाता है। आपने नेंडर ब्लू व्हैल गेम का नाम तो सुना ही होगा जिसके अंदर यूजर को टॉस्क पुरा करना होता ‌‌‌ है।

ब्लू व्हेल (Blue Whale) के बारे मे यह कहा जाता है कि इसके अंदर आपको हर दिन एक टॉस्क दिया जाता है और 50 टॉस्क होते हैं। सारे टॉस्क को पूरे करने वाले को अंत मे खुद खुशी करनी होती है।

‌‌‌इस गेम के बारे मे यह कहा जाता है कि यह रूस के अंदर शूरू हुआ और वहां पर केवल 130 जानें गई । पुरी दुनिया मे इसने कोहराम मचाया । इस गेम के चंगुल से बचने वाले कई लोगों ने यह बताया कि यदि आप टॉस्क पुरा नहीं किया जाता है तो आपको डराया और धमकाया जाता है। इस गेम मे हैकर आपका मोबाइल ही हैक करके सब ‌‌‌कुछ जान लेता है जैसे कि आप कहां के रहने वाले हैं और क्या करते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर यूजर बहुत अधिक डर जाते हैं। उनको लगता है कि यदि उन्होंने टास्क को पूरा नहीं किया तो उनको मार दिया जाएगा । उनके परिवार के साथ बुरा किया जाएगा ।

‌‌‌इसके अलावा जो छोटे बच्चे होते हैं उनके अंदर सोचने और समझने की इतनी अच्छी क्षमता नहीं होने की वजह से वे जल्दी ही बहकावे मे आ जाते हैं। यही वजह है कि छोटे बच्चे इस तरह के गेम के अधिक शिकार हुए हैं।

साइबरस्टॉकिंग का सीधा मतलब यही है कि आपके अंदर डर पैदा किया जाता है ताकि आप काफी परेशान हो जाएं और आपके डर से ही अपराधी अपना काम निकलवा लेते हैं। ब्लू व्हेल (Blue Whale) गेम के चक्करों मे आपको कभी भी नहीं फंसना चाहिए क्योंकि यह आपके लिए सही नहीं हैं।

फ़िशिंग हमला

दोस्तों फ़िशिंग का शिकार कई लोग हो चुके हैं। खुद मे इसका शिकार होते होते बच चुका हूं । यदि थोड़ा भी लेट हो जाता तो मेरा अकाउंट भी हैक हो सकता था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया । तो आइए जानते हैं फ़िशिंग हमला के बारे में ।

फ़िशिंग हमले के अंदर आपके पास एक खास तरह का मेल भेजा जाता है। इसमे होता यह है कि उस मेल को भी खास तरीके से डिजाइन किया गया होता है।अक्सर यह मेल आपके गूगल अकाउंट को हैक करने के लिए आता है तो इसको गूगल के मैल की तरह से डिजाइन किया जाता है। और उसी तरीके के एक मैल एड्रस से आपको भेजा जाता है।  ‌‌‌देखने वालो को देखने पर यही लगता है कि यह मेल गूगल के द्धारा ही आया है तो उसके बाद कुछ यूजर उस मेल पर क्लिक कर किसी ओर पेज पर चले जाते हैं। और वहां पर अपना गूगल का रियल पासवर्ड इंटर कर देते हैं जिससे कि उनका अकाउंट हैक हो जाता है।

‌‌‌कुछ दिन पहले मे एक युटुबर को रोते हुए देख रहा था । उसके साथ ऐसा ही हुआ । उसके पास एक मेल आया जिसके अंदर अपने जीमेल का पासवर्ड चैंज करने के लिए लिखा था । उसने ऐसा ही किया तो उसका अकाउंट हैक कर लिया गया और ब्लैक मार्केट मे उसको सैल पर लगा दिया गया ।

फ़िशिंग हमले के बारे मे मैंने कुछ समय पहले एक विडियो देखा था जिसके अंदर इसके बारे मे सही सूचना को दिया गया था। उसके बाद मेरे पास भी यह पासवर्ड चैंज वाला विडियो आया तो मैंने उसे अच्छे से चैक किया तो पता चला कि यह गूगल का नहीं है। ‌‌‌और यह आपके अकाउंट को हैक करना चाहता है।

निषिद्ध/अवैध सामग्री

दोस्तों ऑनलाइन कई तरह की अवैध सामग्री को रखा जाता है। और सबसे बड़ी बात तो यह है कि पुलिस इन लोगों तक कभी भी नहीं पहुंच पाती है।अक्सर आपने देखा होगा कि ऑनलाइन आपको अनेक ऐसे विडियो मिल जाएंगे जिनके अंदर देशी कट्टे को शैल किया जाता है जोकि किसी भी तरह से लिगल नहीं है।

‌‌‌और भारत के अंदर तो आप अच्छी तरह से जानते ही है कि अवैध हथियार बहुत ही आसानी से और सस्ते मिल जाते हैं। और यदि आप एक लाइसेंसी हथियार लेना चाहें तो यह बहुत ही कठिन होता है।

‌‌‌इसके अलावा कुछ ब्लॉग ऐसे हैं जिनके उपर आपको बम बनाने के तरीके आदि सीखाये जाते हैं जोकि लिगल नहीं है। हालांकि इंडिया मे इस तरह की वेब नहीं हैं लेकिन पाकिस्तान मे इस तरह के वेब मौजूद हैं । और अक्सर आपको यह सुनने मे आता है कि ऑनलाइन देखकर बम को बनाया और उसके बाद प्रयोग किया ।

‌‌‌एक युवक को जब पुलिस ने बम के साथ पकड़ा तो पूछताछ मे उसने बताया कि उसने इंटरनेट से बम बनाने का तरीका सीखा था। इसी तरह की अनेक वेब हैं जो गलत कार्यों के अंदर आपको लिप्त मिलेंगी । इसके अलावा डार्क वेब भी आपको इंटरनेट पर मिलेगी । जिसके अंदर सारे इलिगल कार्य होते हैं।‌‌‌हालांकि इस तरह की वेब साइट इंडिया के अंदर नहीं  चलती है वरन विदेशों के अंदर चलती हैं। इन डार्क वेब पर आपको सब कुछ मिलता है जोकि लिगल नहीं है। खैर इंटरनेट की दुनिया जितनी सफेद दिखती है रियल मे उतनी सफेद है नहीं ।

अवैध सामग्री की बात करें तो सारे मादक पदार्थ यहां पर शैल किये जाते हैं हालांकि यह खुले मे नहीं होता है। लेकिन यह सब चलता ही रहता है।

‌‌‌देह व्यापार

दोस्तों भारत के अंदर देह व्यापार लिगल नहीं है। लेकिन बढ़ती जनसंख्या के बीच लोगों के पास रोजगार के साधन नहीं हैं तो ऐसी स्थिति मे कुछ काम तो करना ही होगा ।भारत के अंदर देह व्यापार मे करोड़ों महिलाएं शामिल हैं और उनकी इसी से रोजी रोटी चलती है। आपने भी यह देखा होगा और कई ‌‌‌ अखबार इसका इंटरव्यू भी प्रकाशित करते हैं तो आप  ने इस तरह के इंटरव्यू पढ़े भी होंगे ।

खैर आपको यह बतादें कि आजकल इंटरनेट का जमाना है तो इंटरनेट पर भी यह देह व्यापार होने लगा है। यदि आप इंटरनेट पर सर्च करेंगे तो आपको पता चलेगा कि  ‌‌‌बहुत सारी वेब ऐसी हैं जोकि इसी तरह के काम मे लगी हुई हैं। और वहां पर फोन नंबर वैगरह सब कुछ दिया होता है। और लड़कियों के फोटो तक दिये होते हैं। हालांकि इन पर पुलिस भी कार्य वही नहीं करते हैं । क्योंकि इस तरह के बिजनेस वाले लोगों की पहुंच अधिक होती है और  ‌‌‌ पुलिस से कुछ छुपा हुआ नहीं रहता है कि देश की हालत क्या है ?खैर दोस्तों इंटरनेट के माध्यम से आप कहीं पर भी गर्ल को बुक कर सकते है।इसमे कोई शक नहीं है कि वह आपके घर तक भी आ जाएगी । और इनका नेटवर्क तो गांव गांव के अंदर फैला हुआ है।

‌‌‌इस सिस्टम के अंदर सर्विस तो आसानी से मिल जाती है लेकिन इसके अंदर जो चार्ज वसूला जाता है वह काफी महंगा होता है। और यह खास कर अमीर लोगों को सूट करता है। और महिलाएं भी इस धंधे के अंदर उतरना चाहती हैं क्योंकि वे कम मेहनत मे बहुत सारा पैसा कमा सकती हैं।

‌‌‌फ्राड सैलर

दोस्तों यह भी एक तरह की चिटिंग है जो ऑनलाइन की जाती है। इसमे होता यह है कि फ्राड सैलर एक सुंदर सी वेबसाइट बनाता है। अक्सर यह वेब विदेशी सर्वर पर होती हैं। वहां पर सुंदर सुंदर प्रोडेक्ट को बहुत ही सस्ते के अंदर लिस्ट किया जाता है। ‌‌‌और विजिटर को लुभाने के लिए कम कीमत के अंदर बहुत ही अच्छे अच्छे समान बेचे जाते हैं। और यदि कोई कम कीमत देखता है तो उसके बाद वह ऑर्डर कर देता है। और उसका पैसा भी काट लिया जाता है। उसके बाद यह लोग या तो सड़ा गला प्रोडेक्ट भेज देते हैं या फिर यह प्रोडेक्ट भेजते ही नहीं हैं।

‌‌‌और सबसे बड़ी बात यह होती है कि यह अधिकतर कम कीमत का सामान ही बेचते हैं। इनको इससे काफी फायदा मिलता है। जैसे आपने इनसे 1000 रूपये का सामान खरीदा और सामान आपके पास नहीं आया तो आप 1000 रूपये के लिए पुलिस स्टेशन नहीं जाएंगे । क्योंकि ‌‌‌यदि आप इनके उपर केस करेंगे तो भी आपके इससे अधिक पैसा खर्च हो जाएगा तो इसका कोई फायदा आपको नहीं मिलेगा । लेकिन एक फ्राड सैलर इसी कमजोरी का फायदा उठाकर करोड़ों कमाते हैं।

‌‌‌यह लोग अपनी वेब पर नकली रिव्यू बनाते हैं जिससे कि विजिटर आसानी से इनकी तरफ खींचा चला जाए और यह उससे कुछ पैसा ऐंठ सकें।फ्राड सैलर के चक्कर मे आप कभी ना पड़ें। क्योंकि कई बार हम खुद भी ठगे जा चुके हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अमेजन और फलिपकार्ट पर भी इस तरह के सैलर मौजूद हैं जो आपको दिखाते कुछ और हैं और बेचते कुछ और हैं  ।

‌‌‌ऐसा मेरे साथ हो चुका है। एक सैलर से मैंने किताब मंगवाया वह किताब मात्र 30 रूपये की थी लेकिन सैलर ने उस किताब को 200 रूपये मे बेचा । हालांकि मैंने रिव्यू मे इसके बारे मे बता दिया कि कोई ना फंसे ।

‌‌‌फेक जॉब ऑफर

दोस्तों नेट पर फेक जॉब का क्रेज बहुत अधिक चल चुका है। आपको इंटरनेट पर अनेक ऐसी वेब मिल जाएंगी जोकि आपको जॉब देने का वादा करती हैं लेकिन उसके बदले मे कुछ पैसे भी वसूल करती हैं। हालांकि इनमे से अधिकतर जॉब वेब फर्जी होती हैं।‌‌‌आपने एसएमएस जॉब का नाम तो सुना ही होगा । इस जॉब के अंदर जॉब देने वाला आपसे पैसे वसूलता है और उसके बाद यदि आप पैसे दे देते हैं तो फिर वह आपको कोई जॉब नहीं देता है। इसी तरीके के दूसरे जॉब ऑफर होते है। जैसे कि ‌‌‌ आपको इंटरनेट के माध्यम से किसी दूसरे स्थान पर बुलाया जाता है और वहां पर ऑफिस होती है। उसके अंदर आपको कुछ रूपये जमा करने के लिए कहा जाता है। यदि आप रूपये जमा कर देते हैं तो आपको या तो जॉब ही नहीं दी जाती है या फिर किसी ऐसी जगह लगाया जाता है कि वहां पर आपको परेशान किया जाता है आपको जॉब ‌‌‌छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है उसके बाद आप जॉब छोड़कर भाग जाते हैं तो आपकी जगह पर उसी तरीके से दूसरे बंदे को लाया जाता है। इस तरह से यह एक कमाई का सौदा बन जाता है।

‌‌‌और इस सिस्टम के अंदर सबसे बड़ी बात तो यह होती है कि किसी को कुछ पता ही नहीं चल सकता है। और बहुत से लोग इन सब चीजों के बारे मे समझ ही नहीं पाते हैं और इन जॉब देने वाली ऐजेंसी के चक्कर मे फंस जाते हैं। हालांकि कुछ ऐजेंसी रियल मे काम करती हैं।‌‌‌लेकिन सही गलत की पहचान करना काफी कठिन होता है।

सोशल नेटवर्किग साइटों पर अफवाह फैलाना

‌‌‌अफवाह फेलाना भी साइबर क्राइम के अंदर आता है जिसके बारे मे हम आगे बात करने वाले हैं । अक्सर क्या होता है कि अफवाह ऐसे ही हर कोई नहीं फैलाता है। कई पत्रकार भी इसी तरह का कार्य करते हैं। वे किसी खास चीज को प्रमोट करने के लिए अफवाह फैलाने का काम करते हैं।

 ‌‌‌उनकी इस न्यूज को देखने के बाद लोग भड़क जाते हैं और दंगा हो जाता है। और आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दंगा को भड़काने मे पत्रकारों की जितनी भूमिका होती है उतनी किसी की नहीं होती है। हर पत्रकार खबर को अपने ऐजेंडे के हिसाब से दिखाते हैं। इसलिए किसी भी अखबार के अंदर भरोशा ना करें ।

‌‌‌हाल ही के अंदर हुए एक दंगे मे एक पत्रकार ने एक खबर चलाई की मस्जीद को तोड़ा जा रहा है और किसी दूसरी जगह का विडियो पोस्ट कर दिया । उसके बाद मुस्लिम लोग भड़क गए । हालांकि बाद मे पता चला कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं । और सरकार भी पगु होने की वजह से इन पर कोई कानून नहीं बना पती है। और सबसे बड़ी बात ‌‌‌ यह है कि यदि पुलिस इन फर्जी खबर चलाने वाले पत्रकारों को पकड़ कर जेल मे डाल देती है तो यह  अभिव्यक्ति की आजादी की बात करने लग जाते हैं। 

साइबर बुलिंग

‌‌‌आप सभी सोसल नेटवर्किंग का इस्तेमाल तो करते ही होंगे तो आपको यह पता ही होगा कि सोसल मिडिया पर किसी को गाली देना या किसी को धमकाना अपराध होता है। इसके अलावा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना भी अपराध के अंदर ही आता है। ‌‌‌यदि आप सोसल मिडिया पर किसी को परेशान करते हैं तो आपके उपर केस हो सकता है और आपको जेल जाना पड़ सकता है। इसलिए सावधानी से सोसल मिडया का उपयोग करें ।

सॉफ्टवेयर पाइरेसी

सॉफ्टवेयर पाइरेसी भारत के अंदर सबसे अधिक चलता है। हालांकि कई बार इसके उपर कार्यवाही होती है। लेकिन इसके अंदर काफी मोटी कमाई होती है। आपको यह बतादें कि इसके अंदर सॉफ्टवेयर  का एक नकली कॉपी बनाया जाता है और उसके बाद उसको मार्केट मे बेच दिया जाता है। हालांकि ‌‌‌ऐसा करने से सॉफ्टवेयर कंपनी को भारी नुकसान होता है। लेकिन ऑरेजनल चीजें महंगी होने की वजह से यह सस्ता सौदा होता है तो इसका प्रयोग लाखों लोग करते हैं।

साइबर अपराध से बचाव

‌‌‌दोस्तों साइबर क्राइम के प्रकार के बारे मे हम नीचे जानेंगे । इससे पहले हम साइबर क्राइम से बचने के उपाय के बारे मे जान लेते हैं। हालांकि आपको साइबर क्राइम के प्रकार के बारे मे जरूर पढ़ना चाहिए क्योंकि इसके बिना आप उपाय को सही तरीके से नहीं जान पाएंगे ।

‌‌‌क्योंकि हर तरह के क्राइम से बचने का अलग अलग उपाय होता है तो उसके बारे मे हम आपको विस्तार से बताने वाले हैं।

1.कॉपीराइट सामग्री ‌‌‌ चोरी होने से कैसे बचाएं

‌‌‌दोस्तों यदि आप ऑनलाइन लिखने का काम करते हैं तो आपको अधिक सावधान हो जाने की आवश्यकता है । क्योंकि कोई आपकी जानकारी को चुरा सकता है। यदि आप खास कर एक छोटा सा ब्लॉग चलाते हैं तो आपको बहुत अधिक सावधान रहना चाहिए । खासकर यदि आपका कंटेंट यूनिक होता है तो कोई भी उसकी चोरी कर लेता है और उसके ‌‌‌बाद इसी कंटेंट को अपने ब्लॉग पर पेस्ट कर देता है।यदि आप इस स्थिति से बचना चाहते हैं तो अपने ब्लॉग पर wp content copy protection & no right click का प्रयोग करें ।ऐसा करने का फायदा यह होगा कि आपके ब्लॉग पर कोई भी कंटेंट कॉपी नहीं होगा । यह सबसे बड़ा फायदा है।

‌‌‌हालांकि चोरी करने वाले उसके बाद भी चोरी कर लेते हैं लेकिन उसके बाद चोरी की संभावना काफी कम हो जाती है। आप समझ सकते हैं। दूसरा अपने ब्लॉग पर DMCA बजट लगाकर रख सकते हैं। इसके अंदर आपको DMCA वेब के अंदर आपके ब्लॉग को संबिट करना होता है। कैसे संबिट करते हैं इसकी सारी प्रोसेस आपको आसानी से मिल ‌‌‌ही जाएगी उसको फोलो कर सकते हैं।ऐसा करने का फायदा यह होता है कि आप कन्टेंट को गूगल सर्च से आसानी से हटा सकते हैं। आपके लिए यह काफी फायदेमंद चीज होगी । और बिना खर्चा किये फ्री मे हो जाएगा । वरना यदि आप भारत के पुलिस स्टेशन मे जाएंगे तो आप चक्कर लगाते ही रह जाएंगे ।

2.DDoS Attacks से बचने का उपाय

दोस्तों DDoS Attacks से यदि आप अपने वेब को खास कर बचाना चाहते हैं तो इसका एक ही सोल्युशन होता है। वह है cloudflare । यह आपकी साइट को DDoS Attacks से आसानी से बचा लेता है। क्योंकि इसके अंदर इस तरह के खास सिस्टम लगे होते हैं कि यह बूट और इंसान को आसानी से डिटेक्ट ‌‌‌ कर लेता है।और उसके बाद बूट को अपने सर्वर पर ही रोक देता है। इस तरह से यह DDoS Attacks  से बचाने मे काफी कारगर साबित होता है।दोस्तों DDoS Attacks से बचने का यह सीधा और सरल तरीका है। बड़ी बड़ी वेब क्लाउड फेयर का यूज करती हैं जोकि आपकी बेंडविडथ को भी बचाने का काम करता है।

cloudflare एक तरह से इंटरमिडियट होता है। यदि आप cloudflare के यूज करने की प्रोसेस के बारे मे जानना चाहते हैं तो आपको कई ऐसी वेब मिल जाएंगी जो इसके यूज करने की प्रोसेस के बारे मे बता रही हैं तो आप वहां पर देख सकते हैं। इसको यूज करना बहुत ही आसान होता है।

3.बॉटनेट से बचने का उपाय साइबर क्राइम से कैसे बचें

दोस्तों बॉटनेट एक प्रकार का मालवेयर होता है जोकि आपके कम्प्यूटर को संक्रमित कर देता है। और उसके बाद आपका सारा कम्प्यूटर हैकर के नियंत्रण मे आ जाता है। खैर इससे बचने के लिए आपको करना यह होगा कि किसी भी अनजाने व्यक्ति से आए मेल को   ‌‌‌ आपको नहीं खोलना है। क्योंकि इस तरह के मेल के अंदर यह वायरस हो सकता है।जब इस फाइल को आप अपने कम्प्यूटर के अंदर ऑपन करते हैं तो इससे आपका कम्प्यूटर संक्रमित हो जाता है और आपकी पर्सनल जानकारी हैकर चुरा सकता है और उसके बाद वह रकम की मांग भी कर सकता है।

बॉटनेट की मेल भेजने की क्षमता बहुत ही अधिक होती है।और यह कुछ ही समय के अंदर बहुत सारे कम्प्यूटरों को हैक कर सकता है। ‌‌‌इस मालवेयर से बचने का बस एक ही तरीका है कि आप किसी भी अनजाने लिंक पर क्लिक ना करें । खास कर आपके मेल मे आए लिंक के उपर वरना जब फाइल आपके कम्प्यूटर के अंदर ऑपन होगी तो यह मालवेयर साथ लेकर आएगी । ‌‌‌बेहतर यही होगा कि आप अनजानी फाइलों को सिपंली डिलिट कर सकते हैं।

4.पार्न और ब्लैकमैलिंग साइबर क्राइम से बचने के उपाय

पार्न और ब्लैकमैलिंग से यदि आप बचना चाहते हैं तो आपको सावधानी बरतनी होगी । आजकल कई नामी पुरूषों के साथ यह खेला हो रहा है। पुरूषों को इस बात पर हमेशा ध्यान देना होगा कि यदि किसी लड़की का विडियो कॉल आपके पास आता है तो कपड़े उतारने की गलती ना करे। ‌‌‌यदि आप ऐसा करते हैं तो उसके बाद आपका विडियो रिकोर्ड किया जा सकता है और उसके बाद आपसे मोटा पेसा ऐंठा जा सकता है। खैर आप समझ सकते हैं कि कई लोग इस तरह के ब्लैकमैलिंग मे फंस चुके हैं तो सावधान रहें।

अब यदि बात करें महिलाओं की तो कई बार उनकी भी फोटो और विडियो इंटरनेट पर वायरल कर दिया जाता ‌‌‌ है।

‌‌‌आपको चाहिए कि अपनी नीजी तस्वीरें को अपने मोबाइल मे ना रखें । खास कर इस तरह के मामलों मे लड़कियों के फ्रेंड ही उनको धोखा दे जाते हैं। कारण यह है कि अधिकतर लड़कियां उनपर विश्वास करने लग जाती हैं और उनको अपनी नीजी तस्वीरें शैयर कर देती हैं।

‌‌‌यदि आप एक लड़की हैं तो आपको हमेशा सावधान रहना होगा ।किसी भी इंसान को अपनी नीजी तस्वीरें या विडियो शेयर ना करें। वरना आपको समस्या का सामना करना पड़ सकता है। बेहतर होगा इस तरह की तस्वीरें खींचे ही नहीं ।

‌‌‌कई बार यह होता है कि महिलाओं को नीजी विडियों को वे वाली वेब पर डाल दिया जाता है। और उसके बाद अपराधी को पकड़ना एक तरह से चुनौती बन जाता है।‌‌‌इसलिए बेहतर यही होगा कि आप अपनी नीजी चीजों को सुरक्षित रखें और किसी पर भी भरोशा नहीं करें । यही आपके लिए सही होगा ।

5.साइबरस्टॉकिंग ‌‌‌से बचाव के उपाय

साइबरस्टॉकिंग से बचाव का सबसे अच्छा तरीका यह है कि उन गेम को नहीं खेलना चाहिए जोकि काफी डेंजर होते हैं। खासकर ब्लू व्हेल जैसे गेम । इस तरह के गेम से आपको बचना चाहिए । इसके अलावा फेसबुक और दूसरे किसी भी सोसल मिडिया पर किसी को भी मारने की या फिर नुकसान पहुंचाने की धमकी नहीं दी जानी चाहिए । ‌‌‌यदि आपको कोई सोसल मिडिया पर धमकी देता है या किसी तरह का नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है तो जल्दी से जल्दी इसकी सूचना पुलिस को दी जानी चाहिए।

‌‌‌और यदि आपका बच्चा मोबाइल चलाता है तो बच्चे को मोबाइल नहीं चलाने देना चाहिए क्योंकि यह उसके लिए नुकसान दायी होता है। और बच्चे बहुत ही जल्दी से धमकी वैगरह से आसानी से डर जाते हैं।

‌‌‌6.साइबर क्राइम से बचने के उपाय फ़िशिंग हमला

फ़िशिंग हमला के बारे मे हमने आपको उपर बताया है कि इसके अंदर आपको एक ऐसा मेल मिलता है जिसके अंदर आपको गूगल के ही पासवर्ड बदलने के लिए कहा जाता है। और ध्यान से देखने पर यह पता चलता है कि मेल गूगल की तरफ से ही आया है। ‌‌‌और यदि आप उस लिंक पर क्लीक करके जाते हैं तो गूगल जैसा ही फर्जी पेज खुलता है और वहां पर यदि आप अपने पासवर्ड इंटर कर देते हैं तो उसके बाद आपका अकाउंट हैक हो जाता है।

फ़िशिंग हमला से बचने का अच्छा उपाय यही है कि यदि आपको पासवर्ड को बदलने के लिए बोला जाता है तो सबसे पहले आपको यह देखना होगा कि मेल किसने भेजा है ? और मेल किस एड्रस से आया है। सही से देखने पर आपको यह पता चल जाएगा कि यह मेल हैकर ने भेजा है। उदाहरण के लिए स्पैम मेल के अंदर आपको ऑरिजनल मेल एड्रस ‌‌‌ नहीं मिलेगा और उपर एड्रसबॉर के अंदर यदि आप युआरएलए देखोगे तो वह भी अलग होगा । और इससे बचने का यही तरीका है कि आप ऑरेजनल ईमेल एड्रस को अलग ही रखें तो बेहतर होता है। यदि आप इसके अंदर एक बार फंस जाते हैं तो उसके बाद आपका पूरा अकाउंट ही हैक हो जाता है। ‌‌‌उसके बाद कोई कुछ भी नहीं कर पाता है।

‌‌‌इस तरीके से कई युटुबर के चैनल हेक हो चुके हैं और बेचारे अंत मे रोते ही रह जाते हैं कोई भी कुछ भी नहीं कर पाता है। ‌‌‌हालांकि उनमे से कुछ ऐसे भी हैं जिनके चैनल किसी तरह से वापस भी मिलें हैं तो कुछ के विडियो को डिलिट कर दिया गया है।

7.निषिद्ध/अवैध सामग्री ‌‌‌ सें बचें

दोस्तों ‌‌‌यदि आप इंटरनेट पर बम बनाने के तरीके खोजते हैं और फिर बम बना लेते हैं तो यह लिगल नहीं है। अनेक लोग यह करते हैं। खास कर माता पिता को यह ध्यान देना चाहिए कि उनके बच्चे नेट से कुछ ईलिगल चीजें तो नहीं कर रहे हैं। यदि बच्चों को नहीं रोका गया तो उनको खुद को ही नुकसान हो सकता है।

अवैध सामग्री भी नेट पर मिलती है।जैसे कि कुछ ऐसी दवाएं हैं जोकि और कहीं पर उपलब्ध नहीं हैं लेकिन नेट पर हैं। वे प्रतिबंधित दवाएं हैं। आप यदि उन दवाओं को खरीते हैं तो यह कोई लिगल कार्य नहीं है।‌‌‌और यदि किसी तरह से यह सूचना पुलिस को मिल जाती है कि आप इलिगल दवाओं को खरीद रहे हैं तो पुलिस आपको पकड़ सकती है। हालांकि बाद मे आपकी जमानत हो आसानी से हो जाएगी कानून लचिला है।

‌‌‌8. साइबर अपराध से बचाव फेक जॉब ऑफर ‌‌‌से बचें

‌‌‌दोस्तों इंटरनेट पर आपको कई तरह के फेक जॉब ऑफर मिलते हैं। एक तरह से यह भी एक क्राइम है। इसके अंदर जॉब देने वाले आपसे चार्ज वसूल लेते हैं और उसके बाद कोई जॉब नहीं देते हैं। इससे बचने का सरल तरीका यह है कि जॉब लगने के लिए किसी को भी आपको ऑनलाइन पैसा नहीं देना चाहिए ।‌‌‌और उसके बाद भी वे लोग पैसा लेते हैं तो आपको यह बोलना चाहिए कि उनको पैसा उनकी इनकम से पैसा काट लेना चाहिए । वे एडवांस मे पैसा नहीं दे सकते हैं। बहुत से कमेंट हमारे पास आते हैं जिनके अंदर यह जॉब देने वाले यूजर का पैसा खा जाते हैं।

‌‌‌और पैसा काफी कम होने की वजह से इनके उपर कोई भी पुलिस केस भी नहीं हो पाता है।

9.फ्राड सैलर से बचने का उपाय

दोस्तों आजकल इंटरनेट का जमाना है तो सीधे ही इंटरनेट से ही शॉपिंग की जाती है। ऐसी स्थिति के अंदर इस मार्केट मे जहां पर अनेक रियल कम्पनियां हैं तो इनके बीच मे कुछ फेक कम्पनियां भी भौजूद होती हैं। फेंक कंपनियां क्या करती हैं कि अपने प्रोडेक्ट को बहुत ही कम कीमत ‌‌‌के अंदर दिखाती हैं। जिसकी वजह से इनके प्रोडेक्ट के प्रति हर कोई आसानी से आकर्षित हो जाता है। और उसके बाद इसके लिए कुछ पैसा भी चुका देता है। लेकिन फ्राड सैलर जो होते हैं वे या तो उस प्रोडेक्ट को भेजते ही नहीं है या फिर उसके स्थान पर नकली प्रोडेक्ट को भेज देते हैं। इस तरह के सैलर से बचने ‌‌‌ का सबसे अच्छा उपाय यह है कि आप सामान हर किसी कंपनी से नहीं खरीदें ।

आपको सामान सिर्फ उसी कंपनी से खरीदना चाहिए जोकि जानी मानी है। जिसके बारे मे कुछ भी आप नहीं जानते हैं या फेमस नहीं है। उससे सामान ना खरीदे तो अच्छा होगा । और हर सामान का रिव्यू देखकर ही खरीदें ।

‌‌‌10.फ्राड फोन कॉल से कैसे बचें

दोस्तों दूसरा चोरी का सबसे अहम तरीका है फ्राड फोन कॉल । इसके अंदर फ्राड करने वाला आपको कॉल करता है और कहता है कि आपका एटिएम बंद हो जाएगा तो आप उसके नंबर और सारी डिटेल बताएं । इस तरह के किसी भी फोन कॉल से सावधान रहें । और किसी को भी अपनी बैंक डिटेल नहीं बताएं ।‌‌‌वरना यह आपके बैंक के पूरे खाते को ही साफ कर सकते हैं। बेहतर यही होगा कि आप इनसे बात ही ना करें। इसके अलावा कई बार यह आपके दोस्त बनकर कॉल कर सकते हैं। और आपसे कुछ जानकारी मांग सकते हैं। जैसे पैसा उधार मांग सकते हैं तो इससे भी आपको सावधान रहना होगा ।

साइबर अपराध से बचाव लेख के अंदर हमने कई तरह के साइबर अपराध के बारे मे जाना । इसके अलावा इससे बचाव के तरीके और इसके प्रकार पर भी विस्तार से प्रकाश डाला उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा ।

भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) में साइबर अपराधों से संबंधित प्रावधान

‌‌‌दोस्तों भारत के अंदर साइबर क्राइम काफी तेजी से बढ़ रहा है।ऐसी स्थिति के अंदर इसका उपाय करने के लिए पुलिस भी उचित कदम उठा रही है। कोरोना काल के अंदर साइबर क्राइम के अंदर 63 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई ।

  • आईपीसी की धारा 503 के अनुसार  ई मेल से किसी को धमकी देना अपराध के अंदर आता है।
  • ईमेल के माध्यम से ऐसे संदेश भेजना, जिससे मानहानि होती हो-आईपीसी की धारा 499
  • यदि कोई फर्जी इलेक्ट्रॉनिक रिकोर्ड को इस्तेमाल करता है तो आईपीसी की धारा 463
  • ‌‌‌इसी तरह से यदि कोई फर्जी वेबसाइट बनाता है तो यह आईपिएसी की धारा 420 के अंदर आता है।
  • आईपीसी की धारा 463 के अनुसार आप किसी के ईमेल पर नजर नहीं रख सकते हैं।
  • मेल का गलत इस्तेमाल-आईपीसी की धारा 500 है।
  • और आप दवाओं को ऑनलाइन नहीं बेच सकते हैं। यह एडीपीसी एक्ट के अंदर आता है।
  • -आर्म्स एक्ट के अनुसार आप हथियारों को ऑनलाइन नहीं बेच सकते हैं या फिर खरीद सकते हैं ।
  • ‌‌‌यदि आप कम्प्यूटर के संसाधनों से छेडछाड़ करते हैं तो यह धारा 65 के अंदर आता  है।
  • इसके अलाव कम्प्यूटर के अंदर मौजूद डैटा के साथ छेड़छाड़ करना और हैक करना धारा धारा 66 के अंदर आता है।
  • सूचना को चोरी करना या गलत तरीके से हाशिल करना धारा 66 बी के अंदर आता है।
  • ‌‌‌यदि कोई किसी की पहचान को चोरी करता है तो यह धारा धारा 66 सी के अंदर आता है।
  • अपनी पहचान को छुपाकर किसी के डेटा को चोरी करना धारा धारा 66 डी के अंदर आता है।
  • ‌‌‌यदि किसी की निजता को भंग किया जाता है तो यह धारा धारा 66 इ के अंदर आता है।
  • ‌‌‌यदि साइबर के माध्यम से आतंकवाद को बढ़ा दिया जाता है या फिर इस तरह की किसी भी गतिविधि को अंजाम दिया जाता है तो यह धारा 66एफ के अंदर आता है।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि इंटरनेट पर किसी भी तरह की आपतिजनक सूचना को प्रकाशित किया जाता है तो यह धारा 67 के अंदर आता है।
  • इसके अलावा इंटरनेट के माध्यम से अश्लील सूचनाओं को प्रकाशित करने या प्रसारित करने पर धारा 67 एफ के अंदर आता है।
  • ‌‌‌इसके अलावा किसी भी कम्प्यूटर पर अनाधिकार पहुंच बनाना धारा 70 के अंदर आता है।
  • इसके अलावा डेटा और आंकड़ों को गलत तरीके से पेश करना धारा 71 के अंदर आता है।
  • यदि कोई व्यक्ति साइबर आतंकवाद फैलाता है या ऐसा करने की किसी साजिश में शामिल होता है तो उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा सकती है।

साइबर अपराध से बचाव लेख के अंदर हमने इस बारे मे विस्तार से जाना कि हम साइबर अपराध से किस तरीके से बच सकते हैं।दोस्तों यदि आप इस लेख को सही तरीके से पढ़ लेते हैं तो मुझे नहीं लगता है कि आप आसानी से साइबर अपराध का शिकार हो पाएंगे। हालांकि कुछ ऐसी चीजें होती हैं जिनसे नहीं बचा जा सकता है। ‌‌‌जैसे कि फर्जी फोन कॉल आना । इस प्रकार के फोन कॉल आपको बार बार परेशान करने के लिए आते हैं। यदि आपको फर्जी फोन कॉल बार बार आ रहे हैं तो आपको इस बारे मे अधिक सावधान रहना चाहिए । ‌‌‌क्योंकि इन कॉल के अंदर जो नंबर दिया गया है वह भी विदेशी नंबर होता है जिसकी वजह से इसपर कार्यवाही करना संभव नहीं होती है।

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This post was last modified on November 29, 2021

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