पॉलिटेक्निक के बाद क्या करें ? polytechnic ka fayde nuksan

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जब मैंने 10 वीं पास किया तो मुझे किसी तरह की कॉलेज के अंदर जाने की इच्छा नहीं थी तो उसके बाद मैंने कोई कोर्स करने के बारे मे सोचा । अक्सर कई स्टूडेंट 10 वीं पास करने के बाद कोर्स के बारे मे सोचते हैं। हालांकि आप पॉलिटेक्निक मे 12 वीं के बाद भी प्रवेश ले सकते हैं।

‌‌‌यदि आप साइंस के स्टूडेंट हैं तो आपको एक साल की छूट भी फ्री के अंदर मिलेगी ।क्या आप भी पॉलिटेक्निक कोर्स करना चाहते हैं। यदि ऐसा है तो हम आज आपको पॉलिटेक्निक कोर्स की हकीकत बताने जा रहे हैं। जिसके बारे मे कोई आपको जिक्र नहीं करेगा । असल मे पॉलिटेक्निक के बाद यह जॉब है वो जॉब है । यह तो सब

‌‌‌ चिल्लाते हैं लेकिन हकीकत बहुत ही उल्टी हैं। मैंने पॉलिटेक्निक किस तरह से किया और उसके बाद क्या हुआ ? इस बारे मे मैं आपको सही तरीके से बताने वाला हूं ।

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पॉलिटेक्निक डिप्लोमा क्या होता है? polytechnic course ke fayde

दोस्तों पॉलिटेक्निक एक तरह का तकनीकी क्षेत्र आता है जो छात्र 10 वीं या 12 वीं पास होने के बाद तकनीकी क्षेत्र के अंदर अपना कैरियर बनाना चाहते हैं उसके लिए यह क्षेत्र सबसे बेस्ट होता है। यह एक तीन साल का डिप्लोमा होता है। और इसके कई सारे फिल्ड होते हैं। ‌‌‌जैसे मैकेनिकल इंजिनियरिंग , कैमिकल इंजिनियरिंग , और इलेक्ट्रीकल इंजिनियरिंग आदि । आप इन सभी ब्रांच के अंदर से अपनी फिल्ड को चुन सकते हैं।और उसके बाद इस कोर्स के अंदर प्रवेश ले सकते हैं।

पॉलिटेक्निक के बाद क्या करें

पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कितनी साल का होता है

दोस्तों पॉलिटेक्निक डिप्लोमा 3 साल का होता है यदि आप 10 वीं पास करने के बाद इस कोर्स के अंदर प्रवेश करते हैं तो । लेकिन यदि आपके पास साइंस है तो आप 12 वीं पास करके भी इस कोर्स मे प्रवेश कर सकते हैं तब आपको 2 साल तक ही मेहनत करनी होगी ।

पॉलिटेक्निक डिप्लोमा के साथ यह समस्या है कि बहुत बार स्टूडेंट कुछ किताबों के अंदर फैल हो जाते हैं तो यह पता लगाना काफी कठिन होता है कि कितनी साल लगेंगे उनको पास करने मे ।

 जब हम पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कर रहे थे तो कुछ स्टूडेंट लास्ट इयर के अंदर कुछ सब्जेक्ट के अंदर बैक रह गए तो उसके बाद  ‌‌‌उनको हर साल पेपर देना पड़ा । और भी बहुत सारे स्टूडेंट थे जोकि पेपर पास कर ही नहीं पाए और अंत मे पेपर को छोड़ दिया । उनकी फीस वैगरह सब बेकार हो गई । हालांकि पॉलिटेक्निक इतनी अधिक टफ नहीं है यदि आप थोड़ी भी मेहनत करते हैं तो आसानी से पेपर को तोड़ सकते हैं।

पॉलिटेक्निक मे सेकिंड इयर मे हम भी दो सब्जेक्ट बैक रह गए लेकिन तीसरी साल हमने सभी पेपर को पास कर लिया । लेकिन हमारा डिप्लोमा किसी भी काम नहीं आया । बस ऐसी रह गया ।

पॉलिटेक्निक/डिप्लोमा कोर्स प्रवेश प्रक्रिया

पॉलिटेक्निक/डिप्लोमा कोर्स प्रवेश प्रक्रिया अलग अलग होती है। यह कॉलेज पर निर्भर करता है कि उसके पास कितने आवेदन आ रहे हैं। दोस्तों यदि नामी कॉलेज है तो उसके अंदर एडमिशन पाने के लिए आपको अलग प्रक्रिया करनी होगी और आपको एक पेपर देना होगा उसके अंदर ‌‌‌यदि आप अच्छे मार्क्स लेकर आते हैं तो ही आपको उन कॉलेज के अंदर एडमिशन मिलता है। इसके विपरति प्राइवेट कॉलेज भी हैं जहां पर हर साल पॉलिटेनिक्ल की सीट खाली रहती हैं। ऐसी स्थिति मे वहां पर आप जाकर कभी भी प्रवेश ले सकते हैं। कुछ कॉलेज पहले आओ पहले पाओ के सिद्धांत पर काम करती हैं।

‌‌‌यदि आप पॉलिटेनिक्ल कोर्स कर रहे हैं तो आपके सामने यह समस्या भी होगी कि आप कौनसी कॉलेज के अंदर प्रवेश करें ? तो हम आपको यही सजेशन देना चाहेंगे कि जिन कॉलेजों मे आपको आसानी से एडमीशन मिल जाता है वहां पर पॉलिटेनिक करने का कोई फायदा भी नहीं होगा क्योंकि ‌‌‌ वहां पर आपको कुछ भी नहीं सिखाया जाएगा । बस आप के हाथ मे ऐसी ही एक डिग्री थमा दी जाएगी जिसका कोई भी फायदा नहीं होगा । यदि आपको ज्ञान नहीं होगा तो फिर कुछ भी नहीं होगा ।

‌‌‌आप उस कागज को लेकर घूमते रहना आपको कहीं पर 7000 की नौकरी भी नहीं मिलेगी । ‌‌‌इसलिए हमेशा बेहतर कॉलेज को चुने जहां पर आपको कुछ सीखने को मिलता है। वरना डिग्री का कोई भी मतलब नहीं है।

पॉलिटेक्निक कोर्स की फीस कितनी है ?

दोस्तों पॉलिटेक्निक कोर्स मे यदि आपको सरकारी स्कूल मे प्रवेश मिल जाता है तो काफी कम फीस मिलेगी ।सरकारी कॉलेज के अंदर आपको हर साल 10 से 15 हजार फीस देनी होगी । वहीं यदि आपको सरकारी कॉलेज नहीं मिल पाती है तो आपको प्राइवेट के अंदर कोर्स करना होगा जिसके लिए ‌‌‌ आपको 35,000-50,000 प्रतिवर्ष फीस देनी होगी । फीस की राशी अलग अलग हो सकती है। आप जिस भी कॉलेज मे प्रवेश ले रहे हैं एक बार उस कॉलेज के अंदर जाकर पता करलें कि वह कितनी फीस ले रहा है। नीचे फीस की एक तालिका दे रहे हैं।

क्र. .मदगवर्नमेंट कॉलेज के राजकीय वित्त पोषित पाठ्यक्रमगवर्नमेंट कॉलेज के स्व वित्त पोषित पाठ्यक्रम
(GAS गवर्नमेंट एडेड सीट)(SFS सेल्फ फ़ाइनेंस सीट)
 छात्र के लिएछात्रा के लिए 
पहली किश्तदूसरी किश्तपहली किश्तदूसरी किश्तपहली किश्तदूसरी किश्त
(प्रवेश के समय)(जनवरी मे)(प्रवेश के समय)(जनवरी मे)(प्रवेश के समय)(जनवरी मे)
1प्रवेश शुल्क200200
2शिक्षण शुल्क20751100011000 
3अवधान द्रव्य (केवल प्रवेश के समय)10005007500
4विविध मद50050050050044004400
5पुस्तकालय खुली पुस्तकों (Open Access) का शुल्क500500500500
6स्टूडेंट क्लब / विद्यार्थी सभा शुल्क250250250250
7खेलकूद शुल्क250250250250
8विकास शुल्क2075207520752075
किस्तवार फीस68505650427535752290015400 
कुल फीस12500785038300 

पॉलिटेक्निक करने के बाद  जॉब कहां पर मिलती है ?

दोस्तो  यह सबसे बड़ा सवाल है कि पॉलिटेक्निक करने के बाद जॉब कहां पर मिलती है। मैं यह नहीं कहूंगा कि आपके पास जॉब के बहुत सारे ऑप्सन हैं। हकीकत यह है कि आपके पास बहुत ही कम ऑप्सन हैं ।

‌‌‌कुछ अखबार वाले लिखते हैं कि पॉलिटेक्निक करने के बाद जॉब के स्टूडेंट के लिए इतने अधिक आकर्षक ऑफर हैं कि हैरान रह जाएंगे। आप किसी भी सरकारी नौकरी को चुन सकते हैं या फिर नीजि कंपनी मे काम कर सकते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि आपको नीजी कंपनी मे 10 हजार से अधिक पैसा नहीं देगा । हां यदि आपके ‌‌‌पास टैलेंट है तो आपको पैसे कमाने के लिए किसी कागज की जरूरत नहीं है।

जूनियर लेवल पोजिशन के नाम से पॉलिटेक्निक के स्टूडेंट को जाना जाता है। तो एक बार हम इस बात पर नजर डाल लेते हैं कि कौनसे सरकारी और नीजि क्षेत्रों मे पॉलिटेक्निक करने के बाद नौकरी मिल सकती है।

‌‌‌हालांकि पॉलिटेक्निक करने के बाद नौकरी की संभावना उतनी नहीं है जितनी की आईटीआई की है। हर कंपनी मे इसका पद नहीं होता है। ऐसी स्थिति मे पॉलिटेक्निक कोई खास फायदेमंद नहीं होती है।

पॉलिटेक्निक करने के बाद रेलवे मे जॉब

पॉलिटेक्निक करने के बाद रेलवे मे जॉब  भी आप कर सकते हैं लेकिन यह इतना आसान कार्य नहीं है।यदि आप खुद को लंबे समय तक स्थिर रख पाते हैं तो ही आपको जॉब मिलने के चांस रहेंगे । हालांकि रेलवे के अंदर पॉलिटेक्निक के कुछ सीमित पद होते हैं। और करोड़ो लोग पेपर देते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर एक कमजोर ‌‌‌स्टूडेंट का नंबर आना काफी कठिन हो जाता है।

पॉलिटेक्निक करने के बाद जॉब

भारतीय सेना मे पॉलिटेक्निक जॉब polytechnic job in army

इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद आप भारतिय सेना के अंदर प्रवेश कर सकते हैं लेकिन इसके लिए भी आपको एक अलग परीक्षा देनी होगी ।एनडीए परीक्षा के माध्यम से आर्मी मे शामिल हो सकते हैं।

विमानन और गोला बारूद परीक्षक जैसे पदों के अंदर आप आवेदन कर सकते हैं।आपने किसी मान्यता प्राप्त पॉलिटेक्निक संस्थान से इंजीनियरिंग (मैकेनिकल / इलेक्ट्रिकल / ऑटोमोबाइल / कंप्यूटर साइंस मैकेनिकल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक एंड इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग) में तीन साल का डिप्लोमा पास किया हो।

गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड मे जॉब

गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (GAIL) के अंदर भी जूनियर इंजिनियरों की भर्ती होती है। आप उसके अंदर भी आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको समय समय पर रोजगार समाचार को चैक करते रहना होगा । जिससे कि आपको भर्ती के बारे मे पता चल सके ।

गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के नाम से भी पहले जाना जाता था। यह भारत सरकार के स्वामित्व वाली एक कंपनी है।तरल हाइड्रोकार्बन, तरलीकृत पेट्रोलियम गैस संचरण, पेट्रोकेमिकल , शहर गैस वितरण, सौर और पवन सहित अक्षय ऊर्जा, अन्वेषण और उत्पादन, पेट्रोकेमिकल्स, गेलटेल और बिजली उत्पादन जैसी चीजें इसके अंदर आती ‌‌‌ हैं।

‌‌‌सन 2013 को इस कंपनी को महारत्न का दर्जा भी दिया गया था।फोर्ब्स की विश्व के सर्वश्रेष्ठ नियोक्ताओं की सूची में 2020 में भी इसको शामिल किया गया है।गेल, भारत की सबसे बड़ी प्राकृतिक गैस कंपनी, लगभग 13,722 किमी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के नेटवर्क का स्वामित्व और संचालन करती है।

ओएनजीसी – तेल और प्राकृतिक गैस निगम ONGC

ओएनजीसी - तेल और प्राकृतिक गैस निगम ONGC

ONGC के अंदर भी आप आवेदन कर सकते हैं। वैसे आपको यह बतादें कि यह बड़ी कंपनियां हैं जिनके अंदर आपको चपरासी की नौकरी भी बिना जैक के नहीं मिलेगी । यदि आपकी चलती है तो शायद यहां पर आपको नौकरी मिल सकती है। या फिर आप पेपर फाइट करके आते हैं तो फिर आपको नौकरी मिल सकती है।

तेल और प्राकृतिक गैस निगम ( ONGC ) भारत सरकार के स्वामित्व वाला एक कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस निगम है । इसका पंजीकृत कार्यालय नई दिल्ली में है ।यह भारत के अंदर 70 फीसदी तेल का उत्पादन करता है और 85 फीसदी गैस का उत्पादन भी करता है। ‌‌‌सन 2019 और 2020 मे इसको सबसे अधिक लाभ कमाने वाले उपक्रमों मे से एक माना गया है।

ओएनजीसी की स्थापना 14 अगस्त 1956 को भारत सरकार द्वारा की गई थी। यह भारत के 26 तलछटी घाटियों में हाइड्रोकार्बन की खोज और दोहन में शामिल है , और देश में 11,000 किलोमीटर से अधिक पाइपलाइनों का मालिक है और उनका संचालन करता है। और 17 देशों के अंदर इसकी प्रयोजनाएं चल रही हैं।

डीआरडीओ – रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन

डीआरडीओ - रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ( डीआरडीओ ) के अंदर भी आप जॉब कर सकते हैं।वैसे यह एक फेमस कंपनी है और इसके अंदर यदि आपको जॉब मिल जाती है तो बहुत ही अच्छी बात होगी ।

इसका गठन 1958 में तकनीकी विकास प्रतिष्ठान और भारतीय आयुध कारखानों के तकनीकी विकास और उत्पादन निदेशालय के विलय से हुआ था।यह 52 प्रयोगशालाओं के एक नेटवर्क के साथ, जो वैमानिकी, आयुध, इलेक्ट्रॉनिक्स, भूमि युद्ध इंजीनियरिंग, जीवन विज्ञान, सामग्री, मिसाइल और नौसेना प्रणालियों जैसे विभिन्न क्षेत्रों को कवर करने वाली रक्षा प्रौद्योगिकियों के विकास में लगी हुई है।

भेल – भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड

भेल - भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड

Bharat Heavy Electricals Limited (BHEL) भी एक नामी कंपनी है। जिसके उपर सरकार का नियंत्रण है।  1956 में स्थापित, भेल भारत का सबसे बड़ा बिजली उत्पादन उपकरण निर्माता है।यदि आप डिप्लोमा कर चुके हैं तो इस कंपनी के अंदर भी अप्लाई कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको एग्जाम को क्लियर करना होगा ।भेल की स्थापना 1956 में भारत में भारी विद्युत उपकरण उद्योग की शुरुआत में हुई थी। हैवी इलेक्ट्रिकल्स (इंडिया) लिमिटेड का 1974 में भेल में विलय कर दिया गया था।

एनटीपीसी – नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन

एनटीपीसी लिमिटेड , जिसे पहले नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के नाम से जाना जाता था , एक भारतीय सांविधिक निगम है । पॉलिटेनिक्क करने वाले इसके अंदर भी जॉब कर सकते हैं।‌‌‌हालांकि इस कंपनी मे जॉब करने के लिए एक अलग पेपर पास करना होगा लेकिन यदि आप उस पेपर को पास कर लेते हैं जो आपको जॉब मिल जाएगी ।

‌‌‌यह कंपनी बिजली उत्पादन से जुड़ी हुई है।यह 62,086 मेगावाट की बिजली उत्पादन क्षमता के साथ भारत की सबसे बड़ी बिजली कंपनी है।एनटीपीसी वर्तमान में 55 बिजली स्टेशनों (24 कोयला, 7 संयुक्त चक्र गैस/तरल ईंधन, 2 हाइड्रो, 1 पवन और 11 सौर परियोजनाओं) का संचालन करती है। इसके अलावा, इसमें 9 कोयला और 1 गैस स्टेशन हैं, जो संयुक्त उद्यमों या सहायक कंपनियों के स्वामित्व में हैं।

बीएसएनएल भारत संचार निगम लिमिटेड

दोस्तों एक जमाने मे बीएसएनएल काफी फेमस कंपनी रही थी हालांकि अब इसके अंदर जॉब की उम्मीद नहीं की जा सकती है। बीएसएनएल की घटिया सर्विस की वजह से यह कंपनी डूब गई और इसके अंदर जो कर्मचारी काम कर रहे थे उनकी भी छंटनी करदी गई।

‌‌‌हालांकि ऐसा नहीं है कि कंपनी पूरी तरह से बंद हो गई है लेकिन अभी इसके अंदर इतना दम नहीं रहा है कि यह वापस अपनी स्थिति मे आ सके ।हालांकि इसकी सर्विस सस्ती होने के बाद भी शिकायतों का कोई समाधान नहीं होता था।

‌‌‌सिंचाई विभाग के अंदर जॉब

दोस्तों सिंचाई विभाग के अंदर भी पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों के लिए भर्ती निकलती है। हमारे साथ ही डिप्लोमा करने वाला एक लड़का जिसका नाम रमा था वह इसी क्षेत्र के अंदर नौकरी पर लगा था। वह सिंचाई विभाग मे अब जूनियर इंजिनियरिंग की जॉब करता है।

सिंचाई विभाग के अंदर आपको नौकरी करने के लिए पहले पेपर पास करना होगा उसके बाद ही जॉब मिलेगी । हालांकि उस लड़के का फोजी का कोटा था जिससे कि उसका सलेक्सन बहुत ही आसानी से हो गया था।

‌‌‌हालांकि मैंने भी इस पेपर को दिया था लेकिन मेरा सलेक्सन नहीं हुआ क्योंकि मेरे पास कोई कोटा नहीं था। हालांकि कई लोगों का इसके अंदर सलेक्सन हुआ था। हालांकि मुझे कभी भी सलेक्सन नहीं होने का दुख नहीं रहा था।

एनएसएसओ – राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ), जिसे पहले राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन कहा जाता था, भारत में समय-समय पर सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण करने वाला सबसे बड़ा संगठन था।

आईपीसीएल – इंडियन पेट्रो केमिकल्स लिमिटेड

इंडियन पेट्रो केमिकल्स लिमिटेड कंपनी के अंदर भी डिप्लोमा करने वालों की भर्ती निकलती है।आप यहां पर पेपर देकर पास हो सकते हैं। हालांकि इस कंपनी के अंदर जॉब प्राप्त करना इतना आसान कार्य नहीं है। लेकिन यदि आपके अंदर टैलेंट है तो आप आसानी से हाशिल कर सकते हैं।

‌‌‌कुछ अन्य टॉप कम्पनियां जिनके अंदर आप जॉब पा सकते हैं वो कुछ इस प्रकार से हैं ।

  • एयरलाइंस – इंडिगो, स्पाइसजेट, जेट एयरवेज इत्यादि
  • निर्माण फर्म – यूनिटेक, डीएलएफ, जेपी एसोसिएटेड, जीएमआर इंफ्रा, मित्स
  • इलेक्ट्रिकल – टाटा पावर, बीएसईएस, सीमेंस, एलएंडटी, इत्यादि.
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग फर्म – हिंदुस्तान यूनिलीवर, एसीसी लिमिटेड, वोल्टस इत्यादि.
  • संचार फर्म – भारती एयरटेल , रिलायंस कम्युनिकेशंस, आइडिया सेल्युलर इत्यादि.
  • कम्प्यूटर इंजीनियरिंग फर्म – टीसीएस, एचसीएल, विप्रो, पोलारिस इत्यादि.
  • ऑटोमोबाइल – मारुति सुजुकी, टोयोटा, टाटा मोटर्स, महिंद्रा, बजाज ऑटो

पॉलिटेक्निक डिप्लोमा के बाद खुद का धंधा

दोस्तों पॉलिटेक्निक डिप्लोमा करने के बाद आप अपना खुद का धंधा भी शूरू कर सकते हैं। जैसे कि आप कम्प्यूटर फिल्ड से हैं तो कम्प्यूटर की दुकान कर सकते हैं और रिपेयरिंग का काम कर सकते हैं। इसके अंदर आप अच्छे पैसे कमा सकते हैं। इसके अलावा यदि आपका फिल्ड ‌‌‌इलेक्टि्रक है तो आप बिजली का काम कर सकते हैं। जैसे कूलर फैन आदि की रिपयरिंग का काम कर सकते हैं। इसी प्रकार से मैकेनिकल इंजिनियरिंग करने वाले लोग कार और दूसरे बड़े वाहनों के इंजन का काम कर सकते हैं।

पॉलिटेक्निक डिप्लोमा करने के बाद खुद के काम मे आप्सन बहुत सारे हैं। लेकिन समस्या यह है कि अधिकतर डिप्लोमा करने वाले को किताबी ज्ञान के अलावा कुछ सीखाया नहीं जाता है जिसकी वजह से वे इसके अंदर अधिक सफल नहीं हो पाते हैं। इसकी बात आगे नुकसान मे करेंगे ।

पॉलिटेक्निक के बाद हायर स्टडीज़

पॉलिटेक्निक करने के बाद आप आयर स्टडी कर सकते हैं। कई लोग पॉलिटेक्निक  करने के बाद हायर स्टडीज के लिए चले जाते हैं। यह तकनीकी पाठयक्रम होते हैं। जिसके अंदर आपको तकनीकी चीजें सीखने को मिलती हैं। हायर स्टडीज के अंदर आपके पास रोजगार के विकल्प और अधिक खुल जाते हैं। पॉलिटेक्निक से यदि आपको अच्छी नौकरी नहीं मिलती है तो आप हायर स्टडीज के माध्यम से अच्छी नौकरी प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि हायर स्टडीज के अंदर भी आपका अधिक पैसा और समय खर्च होता है। एक गरीब इंसान के लिए यह सब करना काफी मुश्किल भरा होता है।

पॉलीटेक्निक के बाद आप बीटेक कर सकते हैं। हालांकि बीटेक और दूसरी चीजों के अंदर भी भीड़ बहुत अधिक बढ़ चुकी है लेकिन यदि आपके अंदर अच्छा टेलेंट है तो आप इसके अंदर अच्छा करियर बना सकते हैं। नहीं तो फिर आप लाखों लगाकर छोटी मोटी नौकरी ही करेंगे । और उस नौकरी का भी कोई भरोशा नहीं है। मैंने कई बीटैक ‌‌‌ कर चुके लोगों की हालत देखी है।उनको सिर्फ किताबी ज्ञान आता है । इसके अलावा कुछ भी नहीं आता है। और आप जानते ही है कि किताबी ज्ञान का कुछ भी नहीं बंटने वाला है।

पॉलिटेक्निक करने के फायदे

दोस्तों पॉलिटेक्निक यदि आप कर रहे हैं तो इसके फायदे के बारे मे भी आपको जान लेना चाहिए । ताकि आपको सही सही जानकारी दे सके ।बाकी सही जानकारी देने वाले कुछ ही लोग होते हैं। वरना सही जानकारी कोई नहीं देता है।

पॉलिटेक्निक काफी सरल कोर्स है

दोस्तों पॉलिटेक्निक काफी सरल कोर्स है । इसको करने के लिए किसी भी तरह की एक्स्ट्रा मेहनत करने की आवश्यकता नहीं होती है। यह सरल हिंदी के अंदर उपलब्ध है। सरल होने की वजह से  कमजोर स्टूडेंट भी इस कोर्स के अंदर प्रवेश कर सकते हैं। ‌‌‌और इस कोर्स को आसानी से पास कर सकते हैं।

पॉलिटेक्निक कम फीस के अंदर हो जाती है

दोस्तों पॉलिटेक्निक कम फीस के अंदर हो जाती है। और यदि आप किसी सरकारी स्कूल के अंदर इस कोर्स को करते हैं तो साल के अंदर मात्र 15 हजार रूपये ही लगते हैं लेकिन यदि आप किसी प्राइवेट स्कूल के अंदर इस कोर्स को करते हैं तो फिर  ‌‌‌ आपको साल मे 35 हजार रूपये देने होते हैं। लेकिन इसके अंदर भी आपको छात्रवती मिल जाती है।

पॉलिटेक्निक कॉलेज भी लगभग हर जगह उपलब्ध होने की वजह से रहने खाने का खर्च भी बच जाता है क्योंकि स्टूडेंट अपने घर से अपडाउन कर लेते हैं।

पॉलिटेक्निक करने के बाद आप इंजिनियर बन जाते हैं

दोस्तों पॉलिटेक्निक  करने के बाद आप इंजिनियर बन जाते हैं।एक तरह से देखा जाए तो इंजिनियर शब्द बहुत बड़ा है। यदि आप चाहते हैं कि हर कोई आपको इंजिनियर के रूप मे जाने तो बस पॉलिटेक्निक आप कर सकते हैं। और उसके बाद आपकी इज्जत एका एक बढ़ जाएगी और ‌‌‌बाद मे यदि आप नौकरी लग जाते हैं तो उसके बाद कहना ही क्या आपकी इज्जत बहुत अधिक बढ़ जाएगी और लोग आपको साब साब के नाम से पुकारेंगे तो इस लिहाज से पॉलिटेक्निक  काफी फायदेमंद हो सकती है।

पॉलिटेक्निक करके आप खुद का रोजगार कर सकते हैं

दोस्तों पॉलिटेक्निक मे यदि आपको सच मायेने मे सीखने को मिलता है तो फिर आप खुद का रोजगार भी शूरू कर सकते हैं। खुद के धंधे के अंदर जितना मजा होता है उतना कहीं नहीं है।और यदि आप खुद का धंधा करते हैं और मेहनत करते हैं तो आपको सक्सेस होने से कोई भी नहीं ‌‌‌ रोक सकता है।

‌‌‌मन चाहे ट्रेड मे प्रवेश पा सकते हैं

दोस्तों पॉलिटेक्निक की खास बात यह है कि आपको इसके अंदर मनचाही ट्रेड मे प्रवेश मिल सकता है। कारण यह है कि कई कॉलेजों के अंदर सीटे खाली ही रहती हैं। तो यदि आपको एक जगह पर वह ट्रेड नहीं मिलती है तो आप किसी दूसरी जगह पर जाकर प्रवेश ले सकते हैं। ‌‌‌एक तरह से यह आपकी रूचि के अनुरूप होता है।मन चाहे ट्रेड के अंदर प्रेवश मिलना कई कोर्स के अंदर कठिन हो जाता है।

‌‌‌अच्छी कंपनी मे जॉब मिल सकती है polytechnic diploma karne ke fayde

दोस्तों यदि आप पॉलिटेक्निक कर लेते हैं तो उसके बाद आपको अच्छी कंपनी मे जॉब भी मिल सकती है। और उसके अंदर आप फिर प्रयास करते रहते हैं तो आपको कई अन्य कंपनियां भी मिल सकती हैं। ‌‌‌एक जॉब को करते हुए आप किसी दूसरी जॉब के अंदर प्रवेश कर सकते हैं।जिसका फायदा यह होगा कि आपको अधिक पैसे वाली नौकरी मिल जाएगी । कुल मिलाकर पॉलिटेक्निक आपके लिए काफी फायदे मंद हो सकती है।

पॉलिटेक्निक के अंदर आपको प्रेक्टिकल चीजें सीखने के मिलती हैं

दोस्तों पॉलिटेक्निक के अंदर आपको प्रेक्टिकल चीजें सीखने को मिलती हैं। यह एक बड़ा कोर्स नहीं है। यदि आप प्रेक्टिकल चीजों को अच्छी तरह से सीख पाते हैं। और किसी ढंग के कॉलेज के अंदर हैं तो फिर यह आपके लिए काफी फायदेमंद होगा । पॉलिटेक्निक करने के बाद जब आप बाहर निकलेंगे तो आपको प्रेक्टिकल आना जरूरी होता है।आपने क्या पढ़ा और क्या आपको करना है ? इस बारे मे कोई भी आपसे नहीं पूछेगा । इसलिए तो पहले आपको कंपनी का एक्सपिरियंस हाशिल करना होगा तभी आपके लिए कुछ फायदा हो सकता है।

पॉलिटेक्निक के बाद आप विदेश मे जॉब कर सकते हैं

दोस्तों पॉलिटेक्निक करने का यह सबसे अच्छा फायदा मुझे लगा कि यदि आप विदेश जाते हैं तो इसके अंदर आप अच्छी कमाई कर सकते हैं।पॉलिटेक्निक  करके मेरे दोस्त भी गए हुए हैं जो अब विदेश मे हैं और हर महीने लगभग 50 हजार रूपये कमा लेते हैं। हालांकि भारत मे पॉलिटेक्निक के तुरंत बाद ही 50 हजार मिलना काफी कठिन होता है।हां विदेशों के अंदर इसका स्कोप बहुत ही अधिक होता है।

पॉलिटेक्निक करने के भयंकर नुकसान

दोस्तों पॉलिटेक्निक करने से पहले इसके भयंकर नुकसान के बारे मे भी जान लेना चाहिए । यह रियलटी आपको कोई भी नहीं बताने वाला है।पॉलिटेक्निक मे प्रवेश जब स्टूडेंट लेते हैं तो वे हवा मे उड़ने लग जाते हैं कि हम इसको करने के बाद कुछ भी कर देंगे। लेकिन उनको यह पता होना ‌‌‌ चाहिए कि उनके डिप्लोमे की कोई भी इज्जत नहीं है। उनको 7000 की नौकरी के लिए भी धक्के खाने पड़ेंगे ।

पॉलिटेक्निक के बाद नौकरी मिलना कठिन polytechnic course ke fayde

दोस्तों पॉलिटेक्निक करने के लिए इतनी अधिक भीड़ बढ़ चुकी है कि इसको करने के बाद नौकरी मिलना कठिन है। और भारत मे एक समस्या यह है कि यहां पर देखा देखी चलती है। विदेशों जैसा सिस्टम नहीं है। यहां पर शौक पर ध्यान नहीं दिया जाता है। दूसरों पर ध्यान दिया ‌‌‌ जाता है ।

‌‌‌यह देखा जाता है कि अपने आस पास के लोग पॉलिटेक्निक कर रहे हैं तो उसके बाद वे खुद भी करने लग जाते हैं। और बिना रूचि यदि आप कुछ करते हैं तो उसके अंदर सफलता कभी भी नहीं मिलती है। यही कारण है कि पॉलिटेक्निक करने के बाद नौकरी मिलना कठिन हो जाता है । और 7000 की नौकरी पाने के लिए भी न जाने कितने ‌‌‌ पापड़ बेलने पड़ जाते हैं।

पॉलिटेक्निक करने के बाद नौकरी पाना कठिन होता है। यह पॉलिटेक्निक का सबसे बड़ा नुकसान है।

पॉलिटेक्निक मे सिर्फ किताबी ज्ञान दिया जाता है

दोस्तों पॉलिटेक्निक मे सिर्फ किताबी ज्ञान दिया जाता है प्रेक्टिकल जैसी चीजें कभी भी सही तरीके से नहीं होती है। ऐसी स्थिति के अंदर कोई खास फायदा नहीं होता है। उस किताबी ज्ञान से आपको डिप्लोमा तो मिल जाएगा लेकिन प्राइवेट कंपनी मे ‌‌‌डिप्लोमे की वैल्यू तभी होती है जब आपको कुछ आता है। और यदि आपको कुछ आता है तो अच्छा पैसा मिलेगा नहीं तो बहुत सारे लोग डिप्लोमा लेकर घूम रहे हैं आप भी उनको लेकर घूमते रहें । इसके अंदर कोई भी फायदा नहीं होने वाला है।

‌‌‌अच्छी कॉलेज मे प्रवेश नहीं मिल पाता है

दोस्तों पॉलिटेक्निक की अच्छी कॉलेजों के अंदर आपको कभी भी आसानी से प्रवेश नहीं मिल पाएगा । और यदि आप अच्छी कॉलेज के अंदर प्रवेश नहीं कर पाते हैं तो फिर पॉलिटेक्निक करने का कोई खास फायदा नहीं होगा । ऐसी वैसी कॉलेज के अंदर आपको कुछ सीखने को नहीं मिलेगा ‌‌‌और जब कुछ भी सीखने को नहीं मिलेगा तो इसका कोई फायदा भी आपको नहीं होगा ।आपके हाथ मे किसी तरह से डिप्लोमा तो आ जाएगा लेकिन आप उस डिप्लोमे का आचार भी नहीं डाल पाएंगे । पॉलिटेक्निक के लिए अच्छी कॉलेज का चुनाव करना बेहद ही जरूरी होता है।

पॉलिटेक्निक मे सरकारी जॉब की कम संभावनाएं हैं

दोस्तों पॉलिटेक्निक के अंदर सरकारी जॉब की कम ही संभावना होती है। कारण यह है कि पॉलिटेक्निक के पद सरकारी जॉब मे कम ही होते हैं। इसलिए जो स्टूडेंट यह सोचकर  पॉलिटेक्निक  मे प्रवेश कर रहे हैं कि उनकी सरकारी जॉब लग जाएगी तो उनको निराश होना होगा क्योंकि पॉलिटेक्निक के अंदर गिने चुने ही पद निकलते हैं जिसके अंदर आपका नंबर आना काफी कठिन हो जाता है।

पॉलिटेक्निक मे प्रेक्टिकल ज्ञान की कमी

दोस्तों पॉलिटेक्निक करने को तो हम आसानी से कर लेंगे और पास भी हो जाएंगे लेकिन अधिकतर पॉलिटेक्निक  करने वालों मे प्रेक्टिकल ज्ञान की कमी होती है। ऐसी स्थिति के अंदर कोई खास फायदा नहीं होता है। पॉलिटेक्निक मे आपको प्रेक्टिकल ज्ञान की जरूरत होती है। यदि आपके पास यह ज्ञान नहीं है तो आप कंपनी मे काम नहीं कर पाएंगे । और यदि आप कंपनी मे जाएंगे तो वहां पर किताबी ज्ञान नहीं चलेगा और प्रेक्टिकल ज्ञान चलेगा ।

‌‌‌सब्जेक्ट के बैक रहने की समस्या

दोस्तों पॉलिटेक्निक मे यह भी एक बड़ी समस्या है। इसमे यदि आपके सब्जेक्ट बैक रह जाते हैं तो फिर होता यह है कि कई बार आपको उस पेपर को पास करने मे काफी समय लग जाता है। और बहुत से स्टूडेंट तो मैंने ऐसे देखें है कि लगातार 3 साल तक तैयारी कर रहे हैं लेकिन उसके  ‌‌‌बाद भी वे पेपर को पास नहीं कर पा रहे हैं।

 और कई स्टूडेंट तो ऐसे होते हैं कि ‌‌‌पेपर को पास नहीं कर पाने की वजह से पॉलिटेक्निक को बीच मे ही छोड़कर चले जाते हैं।ऐसी स्थति मे काफी नुकसान होता है। एक तो उनका पैसा लग जाता है एक उनका समय भी खराब हो जाता है तो फिर कोई भी फायदा नहीं मिल पाता है। 

‌‌‌बिना अच्छी जॉब के पॉलिटेक्निक पैसे की बरबादी है

दोस्तों यदि पॉलिटेक्निक मे आपको अच्छी जॉब नहीं मिलती है तो फिर कोई भी फायदा नहीं है। आप इसके अंदर बस पैसे की बरबादी कर रहे हैं। क्योंकि उतने पैसे के अंदर आप कुछ अच्छा काम कर सकते हैं। हम देख चुके हैं कि बहुत सारे लोगों को पॉलिटेक्निक  के ‌‌‌ बाद अच्छी जॉब नहीं मिल पाती है।

polytechnic trade list

polytechnic के अंदर कई सारी ट्रेड हैं। आप अपनी रूचि के अनुसार ट्रेड को चुन सकते हैं। हर किसी ट्रेड को ना चुने इससे कोई फायदा नहीं होगा वरन आपका नुकसान हो जाएगा । जिस ट्रेड के अंदर आपकी रूचि है उसी ट्रेड को चुने तो अधिक बेहतर होगा ।

    Civil Engineering

सिविल इंजीनियरिंग के अंदर कई चीजें आती हैं जैसे कि सड़कों, पुलों, नहरों, बांधों, हवाई अड्डों, सीवेज सिस्टम , पाइपलाइनों, इमारतों को बनाना और उनका रखरखाव करना । एक तरह से सारा कंस्ट्रेक्सन का काम ही सिविल इंजीनियरिंग के अंदर आता है। मानव अस्तित्व की शुरुआत से ही इंजीनियरिंग जीवन का एक पहलू रहा है। सिविल इंजीनियरिंग का सबसे पहला अभ्यास प्राचीन मिस्र , सिंधु घाटी सभ्यता और मेसोपोटामिया के अंदर लगभग 4000 से 5000 हजार साल पहले शूरू हुआ था।

  • ‌‌‌जब इंसान ने खानाबदोश जीवन को त्याग किया और उसके बाद रहने के लिए आश्रय बनाना शूरू किया तब से सीविल इंजिनियरिंग का प्रयोग किया जाने लगा है।
  • मिस्र में पिरामिडों का निर्माण भी सीविल इंजिनियरिंग के ही विषय रह चुके हैं।
  • कानात जल प्रबंधन प्रणाली 3000 साल पहले बनाई गई यह 71 कीमी लंबी है। यह भी सीविल इंजिनियरिंग का हिस्सा थी।
  • प्राचीन ग्रीस में इक्टिनोस द्वारा पार्थेनन रोमन इंजीनियरों द्वारा एपियन व(सी। 312 ईसा पूर्व), जनरल मेंग टीएन द्वारा चीन की महान दीवार, चिन सम्राट शिह हुआंग ती  के आदेश के तहत और प्राचीन श्रीलंका में निर्मित स्तूप जैसे जेतवनारमाया और अनुराधापुरा में व्यापक सिंचाई कार्य । रोमनों ने अपने पूरे साम्राज्य में नागरिक संरचनाओं का विकास किया, जिसमें विशेष रूप से एक्वाडक्ट्स , इंसुला , बंदरगाह, पुल, बांध और सड़कें ‌‌‌ बनाई यह सब सीविल इंजिनियरिंग के तहत ही किया गया ।
  • 1747 में, सिविल इंजीनियरिंग के शिक्षण के लिए पहला संस्थान, इकोले नेशनेल डेस पोंट्स एट चौसी फ्रांस में स्थापित किया गया था।
  • हले स्व-घोषित सिविल इंजीनियर जॉन स्मीटन थे , जिन्होंने एडीस्टोन लाइटहाउस का निर्माण किया था।
  • 1818 में लंदन में इंस्टीट्यूशन ऑफ सिविल इंजीनियर्स की स्थापना हुई और 1820 में प्रख्यात इंजीनियर थॉमस टेलफोर्ड इसके पहले अध्यक्ष बने। संस्था ने 1828 में एक रॉयल चार्टर प्राप्त किया था।
  • ‌‌‌यदि हम बात करें अमेरिका की तो यहां पर सिविल इंजीनियरिंग पढ़ाने वाला पहला निजी कॉलेज नॉर्विच विश्वविद्यालय था।
  •  रेनसेलर पॉलिटेक्निक संस्थान में 1835 मे पहली बार अमेरिका मे सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री प्रदान की गई थी।
  • कॉर्नेल विश्वविद्यालय के लिए नोरा स्टेनटन Blatch 1905 में महिला को पहली डिग्री दी गई थी।

इस प्रकार से सीविल इंजिनियरिंग का मतलब है वह कार्य जो कंस्ट्रेक्सन से जुड़ा है सीविल के अंदर आता है। सीविल इंजिनियरिंग के अंदर आप डिप्लोमा कर सकते हैं।

Agricultural Engineering

    कृषि इंजीनियरिंग के अंदर भी डिप्लोमा किया जा सकता है। कृषि इंजीनियरिंग मे कई चीजों का अध्ययन किया जाता है जैसे कि  यांत्रिक , सिविल , विद्युत , खाद्य विज्ञान , पर्यावरण , सॉफ्टवेयर , और केमिकल इंजीनियरिंग के लिए खेतों और कृषि व्यवसाय उद्यमों की दक्षता में सुधार करने के लिए ।

कृषि इंजीनियरिंग का पहला उपयोग 2000 ईसा पूर्व से पहले नील और यूफ्रेट्स नदियों में बड़े पैमाने पर कृषि में सिंचाई की शुरुआत थी। और ईसाई युग के अंदर भारत और बलूचिस्तान के अंदर बड़ी सिचाई परियोजनाएं मौजूद थी।

‌‌‌ ट्रेक्टर और मशीनों के उदय के साथ ही कृषि इंजीनियरिंग में  नए युग की शूरूआत हो चुकी थी।और  आज आप देख सकते हैं कि खेती के अंदर नई नई मशीने आ चुकी हैं। और नए प्रयोग जारी हैं । कई तरह के कीटनाशकों का प्रयोग किया जा रहा है जोकि उपज बढ़ाने के लिए होते हैं।

Automobile Engineering

ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग का एक शाखा अध्ययन है जो ऑटोमोबाइल के निर्माण, डिजाइनिंग, यांत्रिक तंत्र के साथ-साथ संचालन सिखाता है।यह वाहन इंजिनियरिंग के अंदर आता है जोकि  मोटरसाइकिल ,कार और बसों से जुड़ा हुआ होता है।इसके अंदर  मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक, सॉफ्टवेयर आदि का अध्ययन किया जाता है।

मैन्युफैक्चरिंग डोमेन ऑटोमोबाइल के पूरे पुर्जों के निर्माण और संयोजन से संबंधित है, इसमें भी शामिल है। ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग क्षेत्र अनुसंधान-गहन है।

  • एरोडायनामिक्स इंजीनियर अक्सर स्टाइलिंग स्टूडियो को मार्गदर्शन देते हैं
  • बॉडी इंजीनियर स्टूडियो को यह भी बताएंगे कि क्या उनके डिजाइन के लिए पैनल बनाना संभव है।
  • परिवर्तन नियंत्रण इंजीनियर यह सुनिश्चित करते हैं कि होने वाले सभी डिज़ाइन और निर्माण परिवर्तन व्यवस्थित है की नहीं ।

Chemical Engineering

केमिकल इंजीनियरिंग के अंदर कच्चे माल को उपयोगी उत्पादों मे बदलने के तरीकों का विकास करते हैं और इन तरीकों पर काम करते हैं। केमिकल इंजीनियरिंग ऊर्जा और सामग्री का कुशलतापूर्वक उपयोग, उत्पादन, डिजाइन, परिवहन और परिवर्तन करने के लिए रसायन विज्ञान , भौतिकी , गणित , जीव विज्ञान और अर्थशास्त्र के सिद्धांतों का उपयोग करता है ।

1996 के एक लेख में सल्फ्यूरिक एसिड के उत्पादन के संबंध में केमिकल इंजीनियरिंग के 1839 के संदर्भ का उल्लेख करने के लिए जेम्स एफ. डोनेली का हवाला दिया गया है।

1940 के दशक में यह स्पष्ट हो गया कि परमाणु रियक्टरों को अकेले संचालन नहीं हो सकता है।

computer science engineering

कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग ( सीएसई ) के अंदर भी आप डिप्लोमा कर सकते हैं।सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के बारे मे आप इसके अंदर सीख सकते हैं। यह इसी से संबंधित है।कम्प्यूटर इंजिनियरिंग अलग अलग विषयों जैसे इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, सूचान प्रौद्योगिकी, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग आदि के ‌‌‌ अंदर सहायता करता है।

computer science engineering के स्कोप की बात करे तो यह बहुत ही अच्छा स्कोप है।क्योंकि आपको पता ही है कि लगभग हर जगह पर आजकल कम्प्यूटर का यूज किया जाता है। ऐसी स्थिति के अंदर आपको इसके अंदर आसानी से जॉब मिल जाती है। ‌‌‌और आजकल तो दुकान दुकान के अंदर कम्प्यूटर का प्रयोग किया जाता है ऐसी स्थिति के अंदर जॉब मिलना आपके लिए काफी आसान हो जाता है।

computer science engineering करने के बाद यदि आपको काम आ जाता है तो उसके बाद आप खुद का बिजनेस भी खोल सकते हैं यह काफी अच्छा चलता है।आप लोगों के कम्प्यूटर रिपेयर करके दे सकते हैं और नए कम्प्यूटर बनाकर भी दे सकते हैं।

Electrical & Electronics Engineering

इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के अंदर सभी रूपों मे बिजली का ही प्रयोग होता है।इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग के अंदर मूल अंतर यह है कि दोनों के बीच बस सर्किट का ही अंतर होता है। इलेक्टि्रकल इंजिनियरिंग के अंदर हैवी बिजली प्रयोग मे आती है। जैसे हैवी लाइने आदि । जबकि ‌‌‌इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के अंदर  विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के उपयोग से संबंधित है और ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे एकीकृत सर्किट और ट्रांजिस्टर के अनुप्रयोग से संबंधित है ।

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के अंदर कई सारी चीजें आती हैं जो सर्किट से जुड़े हैं जैसे कम्पयूटर ,रेडियो और रडार आते हैं।

Electronics Engineering के अंदर भी काफी स्कोप आपको देखने को मिलता है। क्योंकि अनेक तरह के सर्किट आपको रिपेयर करने को मिलते हैं। और यदि आप बड़ी मशीनों को रिपयरिंग करना सीख लेते हैं तो उसके बाद आप लाखों रूपये कमा सकते हैं। ‌‌‌हमारी कंपनी मे कई लोग आते थे जो Electronics Engineering थे और महज कुछ ही घंटों के अंदर लाखों रूपये कमा कर ले जाते थे ।

Electrical Engineering

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग एक इंजीनियरिंग अनुशासन है जो बिजली, इलेक्ट्रॉनिक्स और विद्युत चुंबकत्व का उपयोग करने वाले उपकरणों, उपकरणों और प्रणालियों के अध्ययन, डिजाइन से जुड़ी हुई है। यह विधुत के उत्पादन और वितरण से संबंध रखती है।

कंप्यूटर इंजीनियरिंग , सिस्टम इंजीनियरिंग , पावर इंजीनियरिंग , दूरसंचार, रेडियो फ्रीक्वेंसी इंजीनियरिंग , सिग्नल प्रोसेसिंग , इंस्ट्रूमेंटेशन , फोटोवोल्टिक सेल , इलेक्ट्रॉनिक्स , और ऑप्टिक्स और फोटोनिक्स आदि के अंदर इलेक्टि्रकल इंजिनियरिंग को विभाजित किया गया है।

Electrical Engineering के अंदर यदि आप डिप्लोमा करते हैं तो उसके बाद आपको कई क्षेत्रो मे जॉब मिल सकती है ।जैसे कि पॉवर प्लांट होते हैं बिजली उत्पादन करने के लिए वहां पर आप जॉब कर सकते हैं। वहां पर इलेक्टि्रकल इंजिनियरिंग के पद होते हैं। इसके अलावा आप इलेक्टि्रकल इंजिनियरिंग करने के बाद आप किसी कंपनी मे भी जॉब कर सकते हैं। इसके लिए आप किसी भी कंपनी मे इंटरव्यू के लिए जा सकते हैं। और लगभग सभी कंपनियों मे इलेक्टि्रकल इंजिनियरिंग के पद होते हैं। इसके अंदर बिजली के रिपेयरिंग का काम आता है।

Electrical Power System

Electrical Power System बिजली की आपूर्ति और हस्तानान्तरण और उपयोग का नेटवर्क है।इस सिस्टम के अंदर बिजली के उत्पादन से लेकर उसके वितरण तक सारा सिस्टम आता है। विद्युत ग्रिड को मोटे तौर पर जनरेटर में विभाजित किया जा सकता है जो बिजली की आपूर्ति करता है, ट्रांसमिशन सिस्टम जो उत्पादन केंद्रों से लोड केंद्रों तक बिजली पहुंचाता है, और वितरण प्रणाली जो आस-पास के घरों और उद्योगों को बिजली मिलती है।

‌‌‌इस प्रकार से Electrical Power System के अंदर बिजली वितरण के बारे मे अध्ययन किया जाता है।इसके अंदर छोटी बिजली वितरण प्रणाली से लेकर बड़ी बिजली वितरण प्रणाली तक आती हैं।

Electronics & Instrumentation Engineering

इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की एक विशेष शाखा है जिसके अंदर इंस्ट्रुमेंटेशन  के बारे मे जाना जाता है।इसके अंदर स्वचालित उपकरणों के बारे मे अध्ययन किया जाता है।

Electronics & Telecommunication Engineering

इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग की एक प्रसिद्ध शाखा है। इसके अंदर कई चीजों को शामिल किया जाता है।जैसे कि माइक्रोप्रोसेसर, एनालॉग संचार, डिजिटल और एनालॉग एकीकृत सर्किट, उपग्रह संचार, एंटीना और तरंग प्रगति, सॉलिड-स्टेट डिवाइस इसके अंदर आते हैं। यह 3 साल का कोर्स होता है। हालांकि समय समय पर इनका पैटर्न बदलता रहता है।

Electronics & Telecommunication Engineering  के अंदर यह खास बात होती है कि इसके अंदर आप संचार के क्षेत्र मे जॉब कर सकते हैं। संचार के साधनों मे मोबाइल टीवी और कैबल इंटरनेट आदि आते हैं। यह भी एक बहुत ही बड़ी इंडस्ट्री है।

Food Processing Technology

‌‌‌फूड प्रोसेसिंग टेक्नॉलाजी के अंदर भौतिक, रासायनिक या सूक्ष्मजैविक विधियों को शामिल किया जाता है।खाद्य प्रसंस्करण, खाद्य प्रौद्योगिकी, खाद्य सुरक्षा, खाद्य उद्योग, खाद्य एलर्जी, खाद्य सूक्ष्म जीव विज्ञान, खाद्य जैव प्रौद्योगिकी, खाद्य एलर्जी, खाद्य व्यसन, खाद्य दृढ़ीकरण, खाद्य नैनो प्रौद्योगिकी ‌‌‌ जैसी चीजे इसके अंदर आती हैं।

फूड प्रोसेसिंग एंड टेक्नोलॉजी एक तरह से आपको यह एक तकनीकी सीखाती है जिसकी मदद से आप फूड को बेहतर तरीके से प्रयोग कर सकते हैं। ‌‌‌फूड प्रोसेसिंग के अंदर कई चीजें आती हैं जैसे कि कच्चे माल का उपयोग करना और उनको भंडारण करना व पकाना आते हैं। फूड की बुनियादी तैयारी और उनको दूसरे रूप मे बदलना भी आता है।

‌‌‌फूड प्रोसेसिंग की वजह से ही कई सारे नए उत्पाद आए जैसे कि सूखे काफी और फलों के रस आदि । इस प्रकार से फूड प्रोसेसिंग के अंदर फूड को प्रोसेस कर उपयोगी चीजें की जाती हैं। यह भी एक विज्ञान है।

Footwear Technology

Footwear Technology के अंदर भी डिप्लोमा होता है हालांकि यह पता नहीं है कि भारत मे इसका डिप्लोमा दिया जाता है या नहीं दिया जाता है। फुटवियर टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग  एक तरह से फुटवियर के उत्पादन और डिजाइन से जुड़ा हुआ है। और इसी से संबंध रखता है। एक तरह से इसके अंदर कई चीजें आती हैं जैसे कि फुटवियर का डिजाइन करना जोकि फैसन से संबंध रखता है इसके अलावा आधुनिक मशीनों का प्रयोग करते हुए फुटवियर को बनाना ।

फुटवियर के अंदर डिप्लोमा करने के बाद आप किसी भी फुटवियर कंपनी के अंदर जॉब कर सकते हैं। वहां पर आप अपनी ट्रेड को चुन सकते हैं। हालांकि इसके अंदर आपको कितनी सैलरी मिलती है इसका पता नहीं है। ‌‌‌हालांकि फुटवियर इंजिनियरिंग के अंदर आप खुद का व्यवसाय इतनी आसानी से शूरू नहीं कर सकते हैं।

Information Technology

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) इलेक्ट्रॉनिक डेटा के सभी रूपों को बनाने, संसाधित करने, स्टोर करने, सुरक्षित करने और विनिमय करने के लिए किसी भी कंप्यूटर, भंडारण, नेटवर्किंग इसके अंदर आता है। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी)का प्रयोग किसी भी तरह के मनोरंजन के उदेश्य के लिए नहीं किया जाता है। वरन इसका प्रयोग कई तरह के व्यवसाय को चलाने के लिए किया जाता है।

Leather Goods Technology

चमड़ा प्रौद्योगिकी  इंजीनियरिंग की एक शाखा है जो चमड़े के संश्लेषण, उत्पादन और शोधन से जुड़ी हुई है। एक तरह से कह सकते हैं कि चमड़े के कामों के अंदर इस प्रकार की इंजीनियरिंग का प्रयोग किया जाता है।

‌‌‌यह कृत्रिम चमड़े को बनाने और उसके उपयोग से जुड़ा हुआ है।वैसे यह एक नई शाखा है जोकि औधोगिक क्षेत्र मे बहुत अधिक महत्व की है।

‌‌‌वर्तमान मे चमड़ा उधोग आकर्षक कैरियर के विकल्प के रूप मे उभरकर सामने आया है। पहले जो लोग चमड़ा उधोग के अंदर काम करते थे वे बस अनुभव के आधार पर काम करते थे लेकिन अब कई संस्थान इस क्षेत्र के अंदर डिप्लोमा कोर्स भी देने लगें हैं।

‌‌‌हाल ही के दिनों मे चमड़े के उपयोग की मांग काफी तेजी से बढ़ी है। चमड़े के कपड़े जूते और सहायक उपकरण जैसे बेल्ट, बैग, पर्स और टोपी से लेकर खिलौने, असबाब, सामान, संगीत वाद्ययंत्र, परिधान टैग आदि चमड़े के बनाए जाते हैं। ‌‌‌हालांकि फुटवियर के अंदर ही चमड़े का सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है।

Mechanical Engineering

तकनीकी रूप से, मैकेनिकल इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग के सिद्धांतों और समस्या-समाधान तकनीकों का डिज़ाइन से निर्माण तक किसी भी वस्तु के लिए बाज़ार तक का अनुप्रयोग है।इसके अंदर उर्जा एवं बलों व सिद्वांतों का प्रयोग किया जाता है। आधुनिक काल के अंदर लगभग हर प्रकार की डिजाइन के अंदर मैकेनिकल इंजिनियरिंग ‌‌‌ का प्रयोग किया जाता है। स्वास्थ्य देखभाल, ऊर्जा, परिवहन, विश्व भूख, अंतरिक्ष अन्वेषण आदि समस्याओं को भी मैकेनिकली तरीके से हल किया जाता है।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग की बहुत अधिक मांग है क्योंकि एक छोटे से छोटे उपकरण से लेकर बड़े से बड़े उपकरण के अंदर मैकेनिकल सिस्टम का प्रयोग किया जाता है। ऑटोमोटिव, एयरोस्पेस, इलेक्ट्रॉनिक्स, बायोटेक्नोलॉजी और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों के अंदर मैकेनिकल इंजिनियर की बहुत अधिक मांग रहती है। मैकेनिकल इंजिनियरिंग का क्षेत्र बहुत ही बड़ा है।

‌‌‌यदि आपको मैकेनिकल इंजिनियरिंग के बारे मे अच्छी जानकारी हो चुकी है तो इसके अंदर आपको आसानी से जॉब मिल ही जाएगा । क्योंकि इसके हर कंपनी के अंदर पद होते हैं। यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ़ लेबर के अनुसार, एक मैकेनिकल इंजीनियर का औसत वेतन $89,800 है,

Medical Laboratory Technology

Medical Laboratory Technology

Medical Laboratory Technology के अंदर भी डिप्लोमा होता है। आप डिप्लोमा कर सकते हैं।मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी में बैचलर ऑफ साइंस तीन साल का कोर्स होता है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद आप टेक्निशियन, लैब टेक्नोलॉजिस्ट, बायोकेमिस्ट और मेडिकल फ्लेबोटोमिस्ट, क्लिनिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट आदि ‌‌‌ जगहों पर काम कर सकते हैं।

‌‌‌इस फिल्ड में  रक्त बैंकिंग, नैदानिक रसायन विज्ञान, रुधिर विज्ञान, प्रतिरक्षा विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान, साइट प्रौद्योगिकी, मूत्र विश्लेषण, रक्त नमूनाकरण आदि जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

Metallurgical Engineering

Metallurgical Engineering के अंदर मेटल के बारे मे अध्ययन किया जाता है।कि किस प्रकार से मेटल को सुरक्षित रूप से  बदला जा सकता है जोकि मानवों को लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। सर्जिकल प्रत्यारोपण, कंप्यूटर चिप्स, कार, अंतरिक्ष अन्वेषण  आदि इसके अंदर आते हैं। धातुओं को एक रूप के अंदर डालने वाले भट्टी आदि क्षेत्रों के अंदर मैटल इंजिनियरिंग का प्रयोग किया जाता है।

‌‌‌मैटल इंजिनियर की मांग लगभ हर कंपनी मे होती है जिसके अंदर मैटल का काम होता है। मैटल फिर किसी भी तरह का क्योंना हो जैसे की लौहा ,तांबा आदि ।

मेटलर्जिकल इंजीनियर इन सभी चीजों का उत्पादन पर काम करते हैं जिसको हम दैनिक जीवन के अंदर प्रयोग लेते हैं। जैसे कि बाल्टी से लेकर बड़ी बड़ी मशीनों का प्रयोग हम करते हैं। वे सभी एक मैटल इंजिनियर की देख रेख मे बनाये जाते हैं।

Printing Technology

प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी या बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी इन प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी एक अंडरग्रेजुएट प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी कोर्स है। प्रिटिंग टेक्नोलॉजी के बारे मे हम सभी अच्छी तरह से जानते ही हैं। प्रिटिंग सिस्टम के अंदर कागज पर स्याही से मुद्रित किया जाता है। ऑपरेटिंग प्रिंटिंग का कार्य रोज बड़ेपैमाने पर होता है। हालांकि ऑनलाइन सिस्टम आ जाने के बाद प्रकाशन की भूमिका उतनी नहीं रह गई है। उसके बाद भी अखबार और किताबें बड़ी मात्रा मे प्रकाशित की जाती हैं।

‌‌‌प्रिंटिंग कम्पनियों को प्रिटिंग के लिए डिग्री धारी व्यक्तियों की आवश्यकता होती है।इनमें से सबसे महत्वपूर्ण समाचार पत्र प्रिंटिंग प्रेस और पत्रिकाओं और पत्रिकाओं के प्रिंटिंग प्रेस हैं।प्रिंटिंग के क्षेत्र के अंदर रोजगार के निम्न लिखित साधन उपलब्ध हैं।

  • मुद्रण पर्यवेक्षक
  • प्रबंधक-मुद्रण (टेक्सटाइल कंपनी)
  • इंजीनियर-स्क्रीन रूम प्रिंटिंग
  • क्लाउड प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ
  • प्रिंटिंग ट्रेनी इंजीनियर
  • सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर

Printing Technology के अंदर फिर भी जॉब की उतनी अधिक संभावना नहीं है। और आने वाले दिनों मे इसका स्कोप कम ही होगा । क्योंकि इंटरनेट का जमाना आने के बाद से ही लोग प्रिंट किताबों और दूसरी चीजों को पढ़ना कम कर चुके हैं।

Printing Technology मे आप खुद का व्यवसाय शूरू कर सकते हैं। हालांकि इसके अंदर आपको काफी पैसा लगाना पड़ सकता है। और यदि आप ऑनलाइन व्यवसाय करते हैं तो आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।

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This Post Has 2 Comments

  1. harshad

    hi me apka content copy kar sakata hu plz permission me

  2. arif khan

    no aap copy nhi kar sakte hai

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।