कौवा को रोटी खिलाने होते हैं यह 14 जबरदस्त फायदे

‌‌‌ ‌‌‌बहुत से लोगों के मन मे विचार आता है कि कौवा को रोटी खिलाने से क्या लाभ होता है ? कौवे को रोटी डालने से क्या होता है ? तो इस लेख के अंदर हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि कौवे को रोटी क्यों डाली जाती है।

दोस्तों कौवे के बारे मे हम सभी अच्छी तरीके से जानते ही हैं।आपके घर के अंदर भी कौवा आता रहता है। और कई बार तो कौवा आपके हाथ से रोटी को छीन कर भी ले जाता है। जब मैं छोटा था तो एक दिन कौवा आया और मेरे हाथ से रोटी को छीन कर ले गए । ऐसी स्थिति के अंदर मैं बहुत डर गया और रोने लगा । ‌‌‌

आपके घर परिवार या आपके लोगों के साथ भी कभी ऐसा हुआ होगा । और जब कौवा रोटी छीन कर ले जाता था तो मेरे घरवाले और मैं बहुत परेशान हो जाते थे और उस कौवे को कोसते थे । ऐसा लगभग हर जगह पर ही होता है लेकिन बेचारे कौवे का इसमे क्या दोष ‌‌‌। जब इंसान ही कौवे जैसे काम करता है तो फिर कोवै को हम गलत कैसे कह सकते हैं।कौवा काला होने की वजह से अक्सर उसे नगेटिव उर्जा से जोड़कर देखा जाता है और तंत्र मंत्र के अंदर उसको अंगों को काम मे भी लिया जाता है।

ऑक्सफोर्ड विविद्यालय ने 2007 मे कौवों के उपर एक अध्ययन किया गया था। इस रिसर्च के अंदर यह पाया गया कि कौवे भी बुद्विमान होते हैं। और वे अपने खाने तक पहुंचने के लिए किसी भी चीज को हथियार बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। ‌‌‌इस संबंध मे आपने एक प्राचीन कहानी भी सुनी होगी ।जिस कहानी के अंदर एक कौवा होता है और उसे जब प्यास लगती है तो वह एक जग के पास पहुंचता है।

crow ko roti dene ke fayde

 उस जग के अंदर पानी तो होता है लेकिन पानी इतने नीचे होता है कि कौवा उसे पी नहीं पाता है तो फिर ‌‌‌वह पानी को पीने के लिए एक तरीकीब निकालता है और जग मे कंकड़ डालने लगता है जिससे पानी उपर आ जाता है और कौवा पानी को पी लेता है। इस कहानी से भी कौवे की बुद्विमानी साफ झलकती है।

Table of Contents

‌‌‌1.काले कौवे को रोटी खिलाने के फायदे शत्रू का नास

दोस्तों ऐसा माना जाता है कि काले कौवे को यदि  आप भोजन खिलाते हो तो इससे शत्रू का नास होता है। किसी भी शनिवार के दिन काले कौवे को एक रोटी खिलाएं और उसके उपर किसी भी लाल पैन से अपने शत्रू का नाम लिखदें ।  यह प्रयोग 21 दिन तक करें । आप ‌‌‌देखेंगे कि आपका शत्रू धीरे धीरे अपने आप ही शांत होने लग जाएगा ।

‌‌‌2. कौवे को रोटी खिलाने से लाभ अनिष्ट होने से बच जाता है

कई बार हमारे मन मे कुछ बुरा होने की संभावना बन जाती है। यदि ऐसा आपको लग रहा है तो आप एक कौवे को तेल से चुपड़ी रोटी खिलादें । इसके अलावा ‌‌‌कौवे को रोटी खिलाने का फायदा यह है कि आपके साथ अनिष्ट होने की संभावना कम हो जाती है।

3. crow ko roti dene ke fayde पितृ दोष और कौवे को भोजन

पितृ दोष का मतलब यह होता है कि जो आपके परिवार के सदस्य मरने के बाद नीच योनी के अंदर चले जाते हैं। तब हमे उनका दोष लगता है। हमारा यह कर्त्तव्य यह बनता है कि हम उनको उस योनी से निकालें । भादौ महीने के 16 दिन श्राद्ध का समय होता है।आपको बतादें कि इस दिन कौवो को भोजन करवाया जाता है। पितरों को तृप्त करने के लिए यह काम किया जाता है।इस संबंध मे यह मान्यता है कि पितर कौवे के रूप मे आते हैं और उसके बाद भोजन करते हैं।

 ‌‌‌लेकिन हमारा सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि आज हम लोग बस भौतिक चीजों को ही सब कुछ मान चुके हैं और हमे इस बात की कोई परवाह नहीं है कि हमारे पूर्वज नीच योनी के अंदर जाएं या कुछ भी करें ।

 ‌‌‌जहां तक मुझे मालूम है तो श्राद्ध अधिकतर लोग बंद कर ही चुके हैं। खैर इस संबंध मे मैं आपको यह तथ्य बताता हूं ।श्राद्ध  बंद होने के बाद भी हम लोगों ने कई बार श्राद्ध डाला लेकिन कौवे ने उनको चखा तक नहीं । हालांकि हमारा कोई पूर्वज नीच योनी मे भगवान की दया से नहीं गया है।

‌‌‌तो यदि आप कौवे को रोटी खिलाते हैं । खास कर क्ष्राद्व पक्ष मे तो आपके पूर्वजों को त्रप्ति मिलती है और उनके कष्ट को आप कम कर देते हैं। जिसका फायदा यह होता है कि उनको जल्दी से उस योनी से छूटकारा मिल जाता है और उसके बाद वे ‌‌‌जल्दी से अच्छी योनी को प्राप्त होते हैं।वैसे हर इंसान नीच योनी को प्राप्त नहीं होता है जिनके कर्म बुरे होते हैं वेही नीच योनी मे जाते हैं।

 ‌‌‌क्योंकि प्रक्रति किसी के बाप की नहीं है। उसके बनाय नियम कीड़े के समान इंसान का दिमाग कभी नहीं बदल सकता है।

‌‌‌4.अतिथि आने की सूचना देता है कौवा

दोस्तों पहले के जमाने मे फोन तो हुआ करते नहीं थे तो यह पता ही नहीं चल पाता था कि कोई मेहमान कब आने वाला है? ऐसी स्थिति के अंदर मात्र कौवा ही एक सहारा हुआ करता था। कौवे को यह पता नहीं कैसे पता चल जाता है कि अतिथि आने वाला है। ‌‌‌इस बात के बारे मे मैं कई बार तस्दीक कर चुका हूं कि यह सब वाकाई मे सच होता है। कौवा सबसे पहले आपके घर की छत पर आकर बैठता है और उसके बाद एक दूसरे को खाना खिलाता है तो उसके बाद आपको यह समझ लेना चाहिए कि आपके यहां पर अतिथि आने वाले हैं।

‌‌‌हालांकि आजकल कौवे नहीं आते हैं।क्योंकि उन बेचारों को खाने के लिए नहीं मिलता है। पहले कौवा बहुत कुछ घर से उठा कर ले जाता था आज लोग बंद कोठी मे रहते हैं तो उस बेचारे को मौका नहीं मिलता है।

5. crow ko roti khilane ke fayde घर शुद्ध होना

कौवे को भले ही अच्छा नहीं माना जाता हो लेकिन यदि आपके घर के अंदर सुबह सुबह कौवा आता है और छत के उपर बैठकर कांव कांव करता है तो यह एक अच्छा संकेत माना जाता है और यह कहा जाता है कि  घर शुद्ध हो चुका है। ‌‌‌और यदि आप इस दौरान उसे रोटी खिला देते हैं तो यह एक बहुत ही अच्छा सकून माना जाता है।

6.गरुड़ पुराण के अनुसार, कौवा यमराज का प्रतीक

‌‌‌गुरूड़ पुराण के अनुसार कौवे को यमराज का प्रतीक भी माना जाता है ऐसी स्थिति के अंदर यदि आप कौवों को भोजन देते हो तो यमराज प्रसन्न होते हैं और आपके जीवन के अंदर आने वाली परेशानियां दूर हो जाती है।‌‌‌इसके अलावा कौवे के संबंध मे इसी प्रकार की एक मान्यता यह भी है कि जब कोई कौवा बार बार किसी जीवित इंसान के आस पास मंडराता रहता है तो इसका अर्थ यह होता है कि उस इंसान की मौत होने वाली है।

‌‌‌7.शनि दोष से बचने के लिए कौवा को रोटी खिलाएं

दोस्तों काले कौवें और शनिदेव का गहरा रिश्ता है। यदि आपके उपर शनि की साढ़ेसाती चल रही है या आपकी कुंडली के अंदर शनि दोष है तो आपको हर शनिवार के दिन काले कौवे को रोटी देनी चाहिए । ऐसा करने से शनि शांत हो जाता है।

‌‌‌8.कौवे और दूसरे जानवरों को खाना देना पुण्य का काम

दोस्तों भूखे प्यासे जानवरों को खाना खिलाना पुण्य का काम होता है। जो सही मायने मे यह बताता है कि आप शरीर से ही इंसान  नहीं है वरन दिमाग भी आप इंसानों के जैसा रखते हैं।‌‌‌इस प्रक्रति के अंदर एकमात्र जीव इंसान ही ऐसा है जो अपने विवेक से काम करने की क्षमता रखता है। जबकि दूसरे जीवों को सब कुछ प्रक्रति के ही हाथ मे होता है।

‌‌‌ता अगली बार जब आप किसी कौवे को भोजन करवाएं तो यह नहीं सोचना कि कौवा बुरा होता है।असल मे वह बस एक जानवर है उसके साथ बुराई और अच्छाई हमने जोड़ी है।

‌‌‌9.आर्थिक नुकसान को रोकता है कौवों को रोटी खिलाना

भले ही आप किसी भी प्रकार का बिजनेस कर रहे हो और यदि आपको बार बार आर्थिक नुकसान हो रहा है तो यह एक साधारण टोटका आजमा सकते हैं। आप रोजाना पहली रोटी कौवे को खिलाएं । कुछ ही दिन के अंदर आप देखेंगे कि आपको होने वाला आर्थिक नुकसान बंद हो जाएगा ।

‌‌‌कई बार कुछ समस्याओं की वजह से घर मे बचत नहीं हो पाती है।तो बचत को बढ़ाने के लिए भी कौवे को रोटी खिलाई जाती है।‌‌‌

10.कालसर्प दोष को दूर करता है

‌‌‌कौवा भविष्य को देख सकता है

काल सर्प दोष के बारे मे आपने सुना ही होगा ।कालसर्प दोष कुंडली मे होने पर यह खराब कुंडली मानी जाती है।जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु  और केतू ग्रहों के बीच अन्य सभी ग्रह आ जाते हैं तो कालसर्प दोष का निर्माण होता है।

‌‌‌कालसर्प दोष होने वाले व्यक्ति की खास बात यह होती है कि वह या तो राजा की जिंदगी गुजारता है या फिर वह रंक की जिंदगी जीता है। ऐसे अनेक लोग हैं जिनकी कुंडली के अंदर कालसर्प दोष था उसके बाद भी वे एक सफल इंसान बन गए ।‌‌‌ऐसा माना जाता है कि काले कौवे को रोटी खिलाने से कालसर्प देाष का असर कम हो जाता है।

‌‌‌11.शनिदेव की क्रपा होगी

दोस्तों काले कौवे को भोजन करवाने या रोटी खिलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। आप अपने भोजन मे से पहला निवाला निकाल कर रखदें और उसके बाद रोजाना उसे कौवे को डालदें । ऐसा करने से आपके उपर शनिदेव की क्रपा बनी रहेगी । इसके अलावा यदि आपके उपर कर्ज का बोझ बढ़ गया है तो वह ‌‌‌भी कम हो जाएगा ।

‌‌‌12.कौवे को रोटी डालने से संतान सुख

कई जगह पर यह भी माना जाता है कि जिन पति पत्नी को संतान सुख प्राप्त नहीं हुआ है उनको चाहिए कि रोजाना एक रोटी को पानी के अंदर भीगों कर कौवों को डालने से संतान सुख की प्रािप्त होती है।

‌‌‌13.पितरों को प्रसन्न करने के लिए

दोस्तों कौवे को भोजन इसलिए भी करवाया जाता है क्योंकि इससे पितर प्रसन्न होते हैं। पितरों को प्रसन्न होने का फायदा यह है कि वे किसी भी कष्ट की परिस्थिति के अंदर हमारी मदद कर सकते हैं। ‌‌‌यदि आपके पितर आपसे रूष्ट हो जाते हैं तो वे किसी भी कार्य के अंदर आपकी मदद नहीं करेंगे । और आपको तो पता होना ही चाहिए कि देही आत्मा की तुलना मे विदेही आत्मा बहुत अधिक शक्तिशाली होती हैं। पितरों के प्रसन्न होने पर वे हमे आशीर्वाद देते हैं।

‌‌‌कौवे को रोटी खिलाना एक पुण्य का काम

इंसानों और जानवरों के के अंदर यही फर्क है कि इंसान किसी दूसरे इंसान का दुख दर्द समझ सकता है । और किसी पशु पक्षी का दुख दर्द भी समझ सकता है। और आखिर हम इंसान हैं और कौवा एक पक्षी तो हमें अपने भोजन का मामूली हिस्सा पक्षी को डाल देना चाहिए । यही धर्म है।

 ‌‌‌एक तरह से यह कार्य हमारे मन मे सेवा की भावना का विकास करता है। अच्छे विचार मन मे पैदा होते हैं तो मरने के बाद इन्हीं विचारों के साथ हमे रहना होता है जो हमे कष्ट नहीं पहुंचाते हैं। यदि हम किसी कौवे केा मारते हैं तो उसकी छाप हमारे मन पर पड़ती है। जिसको चाहकर भी हम दूर नहीं कर पाते हैं।

‌‌‌प्राचीन काल के अंदर कौवे का कलर सफेद था

‌‌‌प्राचीन ग्रंथों के अंदर कौवे के संबंध मे एक बहुत ही मजेदार कहानी मिलती है।इस कहानी के अनुसार प्राचीन काल के अंदर कौवे का रंग सफेद हुआ करता था।एक बार किसी संत ने कौवे को अम्रत का पता लगाने के लिए कहा और साथ ही यह भी कहा कि ‌‌‌यदि अम्रत मिल जाता है तो उसको चखना नहीं है।

12 हनुमान जी की सच्ची घटनाएं पढ़कर हैरान रह जाएंगे

गूगल धूप जलाने 27 सबसे बेहतरीन फायदे

भोजन मंत्र बोलने 9 के शानदार फायदे bhojanam mantra

 सीधे मुझे आकर सूचना देनी है।संत की आज्ञा को मानकर कौवा अम्रत की तलास करने निकल पड़ा और निरंतर कई सालों तक जंगलों और जगह जगह पर भटकता रहा । लेकिन अंत मे उसे एक जगह पर अम्रत मिल गया । उस समय कौवे को बहुत अधिक प्यास लगी थी और ‌‌‌अम्रत की सुगंध भी शनदार थी तो कौवे ने उसको पीलिया और उसके बाद वह काफी संतुष्ट होर संत के पास पहुंचा व अम्रत का पता बताया । साथ ही यह भी बतादिया कि उसने प्यास के कारण अम्रत पीलिया था।

‌‌‌उसके बाद संत ने कहा कि यह तो ठीक है कि तूने अम्रत का पता लगालिया लेकिन मेरे मना करने के बाद भी अम्रत को अपनी चोंच से अपवित्र कर दिया तूने यह अच्छा नहीं किया ।‌‌‌उसके बाद संत ने कौवे को शाप दिया कि आज के बाद तू प्राणीमात्र के लिए अविश्वासी हो जाएगा और घ्रणा का पात्र बन जाएगा ।

तेरे से कोई भी दूसरा पक्षी प्रेम नहीं करेगा और तू अभक्ष्य वस्तुओं को खाया करेगा ।सब लोग तेरी नींदा करेंगे और तेरी स्वाभाविक मौत नहीं होगी । वरन तू रोग और व्याधि से मुक्त ‌‌‌रहेगा ।‌‌‌और तेरी मौत का कारण केवल दुर्घटनाएं ही होंगी ।‌‌‌उसके बाद संत ने कौवे को पकड़ा और एक काले रंग के जल के अंदर डूबो दिया । जिसकी वजह से श्वेत कौवे का रंग काला हो गया । और जिस स्थान पर संत ने कौवे को पकड़ा था वह हल्का काला रह गया । कहा जाता है कि उसी दिन के बाद कौवे की जाति का रंग काला हो गया था।‌‌‌इसी के बाद कौवे के मांस का भी कोई भी पशु पक्षी सेवन नहीं करता है क्योंकि कौवे को अशुभ माना जाता है।

‌‌‌कौवा भविष्य को देख सकता है

यह माना जाता है कि कौवा के अंदर भविष्य देखने की क्षमता होती है। जैसे धरती पर भयंकर तबाही आने वाली होती है तो कौवा बोलने लग जाता है। इसके अलावा रात के अंदर कौवा का बोलना किसी ना किसी अनहोनी की ओर ही संकेत करता है।‌‌‌कहा जाता है कि जब सुनामी आने वाली थी तो जमीन के अंदर रहने वाले जानवर और कौवे अचानक से आवाज करने लगे और सुनामी के कुछ ही दिन पहले वे आस पास के क्षेत्रों से गायब हो गए थे ।‌‌‌इसका मतलब यह हो सकता है कि जानवर जमीन के अंदर होने वाले कंपन की मदद से यह पता लगाने मे सक्षम होते हैं कि निकट भविष्य मे क्या होने वाला है।

‌‌‌उच्च कोटी की आत्मा कौवे मे निवास कर सकती है

आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि कुछ उच्च कोटी की आत्माएं भी कौवे के अंदर निवास कर सकती हैं। और वे आत्माएं किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं । यदि आप इस प्रकार के कौवे को रोटी डालते हो तो  ‌‌‌यह आत्माएं आपके कष्ट को कम कर सकती हैं। हालांकि हमारे पास इस बात का पता लगाने का कोई तरीका नहीं होता है कि किस कौवे के अंदर आत्मा है या नहीं ?

‌‌‌कौवे की यादाश्त होती है बहुत तेज

crow

दोस्तों आपको कौवे की यादाश्त बहुत ही तेजी होती है। यदि उनको किसी भी चीज से कोई खतरा होता है तो वह उसको लंबे समय तक याद रख पाते हैं। पहले हमारे यहां पर कौवों को तीर मारा जाता था लेकिन आज भी यदि आप कौवे को तीर दिखाएंगे तो वह डर कर भाग जाएगा । अब तो वैज्ञानिक ‌‌‌भी सिद्व कर चुके हैं कि कौवों की यादाश्त बहुत अधिक तेज होती है।

इस्राइली कौवों की बात करें तो यह कई काम करते हैं।इन कौवों की प्रजातियों को मछली पकड़ना और घर के छोटे मोटे काम करना आता है।

‌‌‌कौवे को भोजन करवाने से जुड़े अनुभव

दोस्तों बहुत से लोगों को यह लगता है कि क्ष्राद्व वैगरह काल्पनिक है और इसमे कुछ भी वैज्ञानिक नहीं है। लेकिन मेरा अनुभव इसको लेकर अलग ही रहा है। कुछ तो ऐसा होता है जोकि रहस्यमय है।‌‌‌वैसे तो तो अब तक हमारे घर मे भी कई मौते हो चुकी हैं तो पहले हम क्ष्राद्व के दिन कौवों को भोजन करवाते थे और कौवे आसानी से खा भी लेते थे ।

लेकिन ‌‌‌बाद मे सब लोगों ने भोजन करवाना बंद कर दिया तो हमने भी बंद कर दिया । फिर एक दिन जब क्षा्रद्व का समय चल रहा था तो हमने ऐसे ही भोजन करवाने की सोची तो देखा कि एक भी कौवे ने भोजन नहीं किया । इतना ही नहीं उस भोजन को किसी दूसरे जानवर ने भी नहीं खाया ।

‌‌‌मुझे यह देखकर हैरानी हुई कि कौवे उस भोजन के पास आते और फिर चले जाते तो हमने सोचा कि चलो ऐसे ही हो गया होगा । उसके बाद अगली बार फिर श्राद्ध मे कौवे के लिए भोजन बनवाया गया लेकिन इस बार भी कौवे ने नहीं खाया । जबकि बड़ी अजीब बात यह थी कि यदि आप ऐसे की कोई रोटी कौवे के लिए डालदोगे तो वह अपने ‌‌‌आप ही ले जाएंगे ।

‌‌‌फिर हम लोगों ने श्राद्ध डालना बंद कर दिया । उसके बाद मैंने कई दूसरे लोगों से भी संपर्क किया तो पता चला कि उनमे से कई ऐसे लोग हैं जिनका श्राद्ध कौवे नहीं खाते हैं। हालांकि इसका कारण यह हो सकता है कि आपके पितर आपसे नाराज हो गए हों और आपको माफी मांगनी चाहिए । खैर हम लोगों ने काफी माफी मांग ‌‌‌कर नहीं देखा  है।

हालांकि कुछ लोगों को इस तरह की मान्यताएं काफी अजीब लग सकती हैं। लेकिन आपको बतादें कि यह मान्यताएं हैं। और यह काम भी करती हैं। इनका असर आपको तुरंत ही देखने को ​नहीं मिलता है। वरन आपको धीरे धीरे इसका असर देखने को मिलता है। हालांकि जो लोग विश्वास करते हैं , उनको चीजों को करना चाहिए।  जो लोग विश्वास नहीं करते हैं। उनको यह सब चीजों को नहीं करनी चाहिए । मगर कहते हैं ना कि विश्वास पर ही सबकी जीत होती है। यदि विश्वास नहीं है , तो फिर जीत होना तय नहीं होता है। आप समझ सकते हैं।

बाकि यदि आपको कौआ को रोटी खिलाने का अनुभव है , तो फिर आप यहां पर कमेंट करके बता सकते हैं। ताकि दूसरे लोगों को भी इसका अनुभव हो सके ।

This Post Has One Comment

  1. Amit kumar

    Hm kuwaa crow ko roti aur millk Chini Malakar khilaye aur panic watter diye..to use next day hmko 100000 rupiya faydaa jab ki hmko kuch nhi Pata tha..Jay Shree ram…radhe radhe

Leave a Reply

arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।