भूत प्रेत की उम्र होती है लाखों साल जानकर हैरान हर जाएंगे ।

‌‌‌ ‌‌‌क्या आपको पता है भूत प्रेत की उम्र कितनी होती है ? – हम काफी दिनों से भूत प्रेत के बारे मे जानकारी ले रहे हैं।हम काफी कुछ सर्च कर रहे हैं और किताबों के अंदर भी पढ़ रहे हैं। इंसानों की उम्र तो हम सब जानते हैं। लेकिन भूत प्रेत की उम्र कोई नहीं जानता है। असल मे बहुत से लोग इंसानों की उम्र 120 साल तक ही देखते हैं। लेकिन कई योगी ऐसे हुए हैं , ‌‌‌जो 300 से अधिक साल तक जिंदा रहे हैं।

 कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि इंसानों की उम्र लगभग 300 साल होती है।मतलब योग के बल पर इंसान जिंदा रह सकता है। लेकिन जब बात आती है भूत प्रेत की योनी की तो उनकी उम्र अनिश्चित होती है। फिर भी इस लेख के अंदर इसके बारे मे जानने का पूरा प्रयास हम करेंगे ।

‌‌‌दोस्तों सबसे पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि भूत क्या होता है ? दोस्तों जीवात्मा के 3 स्वरूप माने गए हैं। जिसके अंदर जीवात्मा ,प्रेतआत्मा और सूक्ष्म आत्मा। दोस्तों प्रेत आत्मा का मतलब होता है कि जो वासना के शरीर मे वास करे । मतलब अपने मन के बनाए वासना के शरीर को धारण करे । ‌‌‌उसी को हम प्रेत कहते हैं। यदि हम मरने के बाद ऐसा करेंगे तो प्रेत योनी के अंदर चले जाएंगे ।वासना शरीर का मतलब यह होता है कि इंसान के जीवन के अंदर जो काम क्रोध और लोभ बच जाते हैं वे मरने के बाद उस जीव को प्रेत बना सकते हैं।

‌‌‌इंसान की मौत बेहोशी के अंदर होती है।और मौत के बाद बिखरे हुए परमाणुओं के अंदर एकत्रित होने की प्रबल क्षमता होती है। जिसकी वजह से मरने वाला हर इंसान प्रेत बनता है। हिंदु धर्म के अंदर 12 दिन तक प्रेत घर मे रहता है।

भूत प्रेत की उम्र कितनी होती है

 हालांकि हर इंसान पर यह लागू नहीं होता है। ‌‌‌12 वें दिन उसका क्रिया कर्म किया जाता है। जिसका मतलब यह है कि उसके वासना शरीर को नष्ट किया जाता है। और उसके बाद वह सुक्ष्म शरीर के अंदर आता है।

‌‌‌भूत की उम्र कितनी होती है

जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि भूत की कोई फिक्स उम्र नहीं होती है। कुछ दिव्यात्माएं भूत बनती ही नहीं है। कुछ प्रियजन केवल 12 दिन तक भूत योनी के अंदर रहते हैं तो कुछ हजारों सालों तक भूत बने रह जाते हैं। हालांकि भूत योनी की एक समय सीमा होती है। ‌‌‌जो शायद इस बात पर निर्भर करती है कि भूत कितना तकतवार है। जो भूत जितना अधिक ताकतवर होगा वह उतना ही अधिक समय तक रह पाएगा ।

‌‌‌ ‌‌‌भूतों की उम्र कितनी होती है ? 1000 पुराना जमीन मे रहने वाला रहस्यमय प्रेत

दोस्तों हम आपको यह कोई कहानी नहीं बता रहे हैं। यह वो बात है जो मुन भइया ने प्रेत के बारे मे बताया था। इनका धाम है और यह दिल्ली के अंदर पड़ता है। यहां पर एक लड़का आया था। उसका नाम मुझे नहीं पता ।

 जब मनु भइया ने देखा तो वे दंग रह गए । इस लड़के को एक ‌‌‌रहस्यमय प्रेत ने घेर रखा था ,जो सिर्फ जमीन के अंदर ही अंदर चलता था। उसके दांत भी नहीं थे । उनके अनुसार यह प्रेत 1000 साल से भी ज्यादा पुराना था। उन्होंने उस लड़के को बताया कि जब तू खेत मे जमीन पर बैठा जलेबी खा रहा था तो कुछ कचरा जमीन पर गिरा । जिससे इस प्रेत को भोग मिला और यह तुम्हारे ‌‌‌पिछे हो गया है। काफी ताकतवर प्रेत है यह ।

‌‌‌1000 साल पुरानी चुड़ैल पकड़ी

दोस्तों इसी तरह की एक और घटना सामने आई। मनु भइया के यहां पर एक ऐसा लड़का आया जिसको 1000 साल पुरानी चुड़ैल ने पकड़ रखा था। इस चुड़ैल की आवाज बहुत अधिक अलग थी और यह लगभग 8 साल से लड़के के शरीर के अंदर रमी हुई थी।

‌‌‌इस तरह से दोस्तों अभी तक मेरे सामने इतने की केस आएं हैं। हालांकि कहानियों को माना नहीं जा सकता है। पर इतना जरूर कहा जा सकता है।

की भूतों की उम्र फिक्स नहीं होती है।  एक अनुमान के मुताबिक यह 5000 साल नोर्मल होती है। जोकि हमारे सामने आ चुकी है। लेकिन असल मे इससे भी अधिक हो सकती है। ‌‌‌खास कर उन प्रेतों की उम्र अधिक होती है जो दूसरी योनी के अंदर चले गए हैं ,जैसे कुछ राक्षस बन चुके हैं।

‌‌‌प्रेत की उम्र किस तरह से कम होती है ?

‌‌‌प्रेत की उम्र किस तरह से कम होती है ?

दोस्तों जहां तक इस बात को मैं समझ पाया हूं और किताबें पढ़ने के बाद रिसर्च किया है। इससे सिर्फ इतना ही पता चलता है कि प्रेतों की वासना का क्षय होता है।और यह क्षय हर प्रेत के अंदर समान नहीं होता है। बहुत हद तक पूर्व जीवन की मानसिक ‌‌‌स्थिति पर निर्भर करता ‌‌‌है।

 ‌‌‌उदाहरण के लिए जब मैं एक प्रेत पकड़ने वाले पंडे के पास गया तो उसने कई प्रेत पकड़े उन सबके अंदर एक ऐसा लड़का प्रेत बना था जो थोड़ा ज्ञानी था और वह खुद ही पुजारी से बोला की वह अपनी गलती से प्रेत योनी के अंदर बांध दिया गया है। उसे निकालों ।

 जब कुछ कुछ प्रेतों को समझाया गया तो उनका संकल्प टूट गया ‌‌‌वे जिन वासनाओं से प्रेत योनी के अंदर थे , उससे वे निकल गए ।लेकिन कुछ प्रेत जाने के लिए तैयार ही नहीं थे तो उनको जबरदस्ती निकाला गया । यह ठीक वैसा है जैसा कि जीवन काल के अंदर कुछ लोग दूसरों की बाते नहीं मानते हैं ।

‌‌‌और सदा अपनी चलाते हैं ,मरने के बाद भी वे अपनी धारणा और विचारों को छोड़ना ही नहीं चाहते हैं।लेकिन धीरे धीरे उनकी वासना कमजोर पड़ती है लेकिन उसके बाद उनको इतनी क्षमता मिल जाती है कि वे नया शरीर तलास कर सकें । लेकिन इसके बाद वे प्रेत योनी से निकल जाते हैं।

‌‌‌दोस्तों वासनामय शरीर मन की वासनाओं से बनता है। कुछ लोगों की वासनाएं बहुत प्रबल होती है तो उनको मरने के बाद उतना ही अधिक समय प्रेत शरीर के अंदर रहना पड़ता है। और जिन लोगों की वासना प्रबल नहीं होती हैं ।

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वे कम समय तक ही प्रेत शरीर मे रहते हैं। ‌‌‌हिंदु धर्म के अंदर नरायण बलि और नागबलि करवाई जाती है वे प्रेत के वासनामय शरीर के लिए होती हैं। उसके मोक्ष के लिए नहीं होती हैं। ताकि वह प्रेत योनी से निकल जाए ।

‌‌‌हम आपको सिर्फ इतना कहना चाहेंगे कि यदि कोई आपका परिजन प्रेतयोनी के अंदर चला गया है तो उसकी मुक्ति के लिए आपको कुछ करना चाहिए । यह आपका फर्ज बनता है।

‌‌‌जैसा कि हमने उपर बताया प्रेत शरीर की उम्र या वासनामय शरीर की उम्र वासना की प्रबलता पर निर्भर करती है।और समय के साथ प्रबलता कम होती है तो आत्मा और अधिक सूक्ष्म होती चली जाती है और उसके बाद वह किसी को दिखाई भी नहीं देती है।

‌‌‌यदि आप किसी आत्मा को अनुभव नहीं कर पा रहे हो तो इसका मतलब यह  नहीं है कि अब वह प्रेत नहीं रहा है।इसका मतलब यह है कि उसके शरीर की क्षमता कम हो गई है। उसकी वासना की प्रबलता घट गई है।

‌‌‌यही कारण है कि जब कोई इंसान मरकर प्रेत बनता है तो वह अधिक दिखाई देता है लेकिन जब कुछ साल या महिने बीत जाते हैं तो उसका असर कम हो जाता है और वह उतना नहीं दिख पाता है। ‌‌‌उसकी वासना की क्षती होने लग जाती है। और जब यह क्षति पूर्ण हो जाती है वो वह प्रेत योनी से चला जाता है। आइए कुछ रियल घटनाओं से समझते हैं।

‌‌‌काफी साल पहले की बात है एक महिला हमारे घर के पीछे से जाकर कुए के अंदर गिर गई थी ।और वह काफी जवान महिला थी । मरने के बाद वह प्रेत बन गई। फिर क्या था ?रात को वह अपने रस्ते मतलब हमारे घर के अंदर आती और  उधम मचाती । ‌‌‌लगभग 30 सालों से उसका असर चल रहा है। आज भी वह मौजूद है लेकिन अब उसके कर्म लगभग खाली हो चुके हैं। और उसका प्रभाव कम हो चुका है। एक समय ऐसा आयेगा । जब उसके कर्म पूरी तरह से खाली हो जाएंगे और उसके बाद वह दूसरा जन्म लेलेगी । कर्म खाली होने का मतलब है उसकी वासना मय इच्छा नष्ट हो गई है।

‌‌‌इसका मतलब यह कतई नहीं है कि उसके मन मे पड़ी सूचनाएं नष्ट हो गई हों। उन्हीं सूचनाओं के आधार पर वह गर्भ मे प्रवेश करती है। और गर्भ की खोज करती है।

‌‌‌इसी प्रकार की एक और घटना है एक अन्य प्रेत की जो लगभग आज से 40 साल पहले मरा था।

पहली दफा जब वह मरा था तो काफी बार लोगों ने उसको देखा और महसूस किया था। लेकिन जैसे जैसे समय बीतता जाता है ,वैसे वैसे उसके कर्म खाली होते गए । यह ठीक वैसे ही है जिस तरह से इंसान की कोई रूचि समय के साथ अपने आप ही मर ‌‌‌ जाती है।

‌‌‌हालांकि यह प्रेत अभी भी मौजूद है और अपनी अधूरी अच्छाओं को पूरा करने के लिए भटक रहा है। किसी प्रेत को तब तक प्रेत योनी के अंदर माना जाता है जब तक कि उसका वासना शरीर नष्ट नहीं हो जाता है। यदि ऐसा हो गया है तो उसके बाद यह एक सूक्ष्म आत्मा बन चुका है और नए जीवन की तलास करेगा या फिर आगे जाएगा।

भूत प्रेत की उम्र कम होने पर प्रेत को कैसा अनुभव होता है ?

‌‌‌इस प्रश्न का उत्तर देना आसान नहीं है। लेकिन जहां तक मुझे पता चला है कि जिस प्रकार से देवात्मा के शरीर की उम्र कम होने पर उनकी क्षमता के अंदर कमी आने लगती है। उसी प्रकार से प्रेत के अंदर होता होगा ।

 अनुमान के अनुसार कई बार जब पितर बोलते हैं तो वे कहा करते हैं कि अब उनके अंदर ताकत नहीं रही ‌‌‌है। वे अब कहीं पर आ जा नहीं सकते हैं।उनको आने जाने के लिए अतिरिक्त उर्जा की आवश्यकता होती है। उनकी क्षमताएं कम हो गई हैं। इसका अर्थ यह है कि जैसे जैसे भूतों की वासना कमजोर होती जाती हैं। वैसे वैसे वे ‌‌‌शांत होते जाते हैं। मतलब कि अब वे रात के अंदर भी ज्यादा घूमना और फिरना पसंद नहीं करते हैं। दिन मे भी कहीं पर चिपके रहते हैं।इसके अलावा उनको अपनी सीमाओं का भी पता चल जाता है। वे अब दूसरी चीजों को प्रभावित करने की क्षमताओं को खो देते हैं।

‌‌‌एक भूत के लिए ऐसा होना अजीब हो सकता है।क्योंकि जो मर चुका है उसे अपनी क्षमता खोना अच्छा नहीं लगता है। और उसके बाद समय के साथ वह शांत होने लग जाता है। और पूर्ण शांत होने के बाद वह नए जीव की खोज करता है।

‌‌‌दुनिया का सबसे पुराना भूत कौन है ?

दोस्तों इस प्रश्न का उत्तर न तो हम दे सकते हैं और ना ही कोई दे सकता है।दोस्तों सुक्ष्म लोक धरती लोक से बहुत ही बड़ा है। वहां न जाने कितने प्रकार के भूत होते हैं । और उनकी उम्र का कोई पता नहीं होता है। ‌‌‌हमारे पास इस बात का पता लगाने का कोई आधार नहीं है कि दुनिया का सबसे पुराना भूत कौन है ?

‌‌‌कहते हैं कि कुछ भूत अनन्त काल से भटते हैं क्या कारण है ? उनका वासना शरीर नष्ट नहीं होता ?

‌‌‌डॉ अरूण कुमार की एक बुक परलोक के रहस्य के अंदर मैंने पढ़ा कि कुछ ऐसे भूत भी होते हैं जो अनन्त काल से भटक रहे हैं। लेकिन असल मे हम उनको भूत नहीं कह सकते हैं। वे किसी भी वासना शरीर के अंदर नहीं होते हैं। या होते हैं तो इतने समय मे वह कब का नष्ट हो चुका होता है।

‌‌‌कुछ लोग अपने जीवन काल के अंदर गलत तंत्र क्रिया से अपनी आत्मा को बांध देते हैं या उनके उपर कुछ ऐसी ही तंत्र किया हो जाती है।जिसका परिणाम यह होता है कि उनकी आत्मा बंध जाती है और वह चाहकर भी उससे मुक्त नहीं हो पाती है।

‌‌‌बुक के अंदर जिक्र आया था कि एक ऐसा सन्यासी था।जिसने अपने जीवन काल के अंदर छाया सिद्वी की थी और मरने के बाद उसकी आत्मा इसके अंदर फंस गई। बाद मे लेखक ने उसे मुक्त करवाया था। ‌‌‌यदि आत्मा के साथ ऐसा हो जाता है तो उसके बाद उसका मुक्त होना बहुत ही मुश्किल हो जाता है और वह काल के जाल मे फंस जाती है।उसका बाद मे क्या होता है यह कहना मुश्किल है। कहा जाता है कि उस सन्यासी की आत्मा 200 साल से कैद थी।

‌‌‌इसी तरह की एक अन्य घटना के अंदर अघौरियों के बारे मे आप जानते ही हैं ।वे समशान के अंदर साधना करते हैं उन लोगों ने एक महिला की खोपड़ी को लेकर साधना की थी और उस महिला की आत्मा को फंसा लिया था। वह महिला अनन्त काल के अंदर फंस चुकी थी।

‌‌‌इस तरह की आत्मा अपने आप को छूटाने का बहुत प्रयास करती है लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाती है। तो ऐसी स्थिति के अंदर आत्मा की कोई उम्र नहीं होती है। आत्मा अजर अमर है।

‌‌‌क्या प्रेत की उम्र देवता कम कर सकते हैं ?

‌‌‌क्या प्रेत की उम्र देवता कम कर सकते हैं

 हां देवता प्रेत की उम्र को कम कर सकते हैं।‌‌‌लेकिन इस तरह की घटना के बारे मे कोई ज्यादा जानकारी नहीं है।लेकिन कुछ जानकारियों से यह पता चलता है कि देवता और भूतों के बीच सूक्ष्म जगत के अंदर झगड़ा होता है। और देवता प्रेत को दूर भागाने का प्रयास करते हैं।

‌‌‌जब कोई इंसान प्रेत योनी के अंदर चला जाता है और उसने देवता की भक्ति की होती है तो वे उसको प्रेत योनी से निकालने की कोशिश करते हैं और उसकी उम्र कम कर देते हैं। अभी एक सच्ची घटना है जिससे यह बात भी सिद्व हो जाती है कि गुरू गोरखनाथ की आत्मा अपने भगतों की रक्षा करती है।

‌‌‌और उनको प्रेत योनी से निकाल देती है।हमारा बुआ का बेटा खत्म हुआ तो उसने एक दिन किसी के शरीर के अंदर प्रवेश करके बताया कि वह मरने के बाद रोता हुआ घूम रहा था । चूंकि उसने गुरू गोरखनाथ की भक्ति की थी तो मरने के बाद बाबा आए और उसे लेकर उसका कल्याण किया ।‌‌‌यह बात सही है कि जो लोग मर चुके हैं वे सुक्ष्म जगत के अंदर रहते हैं।

‌‌‌ ‌‌‌भूत की उम्र लाखों साल, ‌‌‌एकपुराना प्रेत पकड़ा

दोस्तों मनु भइया ‌‌‌दोस्तों रोज नए खुलासे होते हैं। अभी मैं यह लेख लिख रहा था तो एक बच्चे को लाया गया । उसके अंदर एक ऐसा जिन्न पकड़ा गया जिसकी उम्र लाखों साल पुरानी थी।वह काफी परेशान हो रहा था और बोल रहा था कि वह इस दुनिया का नहीं है। उसे वापस भेजदो ।‌‌‌मतलब कि उस जिन्न को किसी ने काबू कर लिया था। फाइनल तौर पर हम कहना चाहेंगे कि प्रेत या इस प्रकार की दूसरी प्रजाति ,जैसे जिन्न या चुड़ैल इनकी उम्र बहुत ही अधिक होती है। हम यह तय नहीं कर सकते हैं ।

‌‌‌खैर दोस्तों भूत प्रेत की उम्र लेख के अंदर हमने यह जाना कि किस तरह से भूत प्रेत काम करते हैं और इनकी उम्र कितनी हो सकती है।इस लेख को पढ़कर आपको पता चल ही चुका होगा कि भूत प्रेतों की उम्र इंसान की उम्र से बहुत ही अधिक होती है। यहां तक की कई युग भी हो सकती है। जानकार तभी तो कहते हैं कि सूक्ष्म‌‌‌ जगत स्थूल जगत से बहुत अधिक बड़ा होता है। लेकिन हम इसको आखों से देख नहीं सकते हैं।

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arif khan

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