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    Home»entertainment»300 उम्र पर मस्त शायरी लिस्ट  umar par shayari in hindi
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    300 उम्र पर मस्त शायरी लिस्ट  umar par shayari in hindi

    arif khanBy arif khanNovember 19, 2023No Comments32 Mins Read
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    उम्र पर शायरी ,umar par shayari ,umar par shayari in hindi ,उम्र पर शायरी के बारे मे जानकारी । हम आपको बता रहे हैं। हम आपको यहां पर कई सारी उम्र से जुड़ी नई शायरी बता रहे हैं। और उम्मीद करते हैं कि आपको यह शायरी काफी अधिक पसंद आएगी । यदि आपका कोई सवाल है तो आप हमें बता सकते हैं। उम्र पर शायरी लेख मे  हम आपको काफी बेहतरीन शायरी बता रहे हैं जिनको आप फेसबुक और दूसरे सोसल मिडिया पर शेयर कर सकते हैं।

    निकल गई यूं ही उम्र सारी ,

    अब पड़ रहा है यह बुढ़ापा भारी ।

    —————————–

    उम्र को भला कौन रोक पाया है ,

    देख कर मौत को सामने अपनी ,

    सभी ने शौक पाया है।

    —————————–

    उम्र निकलती रही ,

    वह कदम से कदम मिलाकर चलती रही ,

    और मेहनत करने वालों को मंजिल मिलती रही ।

    —————————–

    उम्र कच्ची थी हमारी ,

    क्यों तुमने दिल तोड़ा हमारा

    मगर मुहब्बत आपसे सच्ची थी हमारी ,

    —————————–

    कच्ची उम्र मे हम नादान होते हैं ,

    बुढ़ापे मे दिल के गलियारे विरान होते हैं ,

    मगर प्यार की हकीकत समझने वाले हैरान होते हैं।

    —————————–

    कहते हैं इश्क की कोई उम्र नहीं होती ,

    मगर यह सफेद झूठ है ,

    इश्क विस्क कुछ नहीं होता यार ,

    यह बस हुस्न की लूट है।

    —————————–

    उम्र का क्या यह तो गुजर जाएगी ,

    करले जो करना है आज ,

    कल य​ह जिदंगी बिखर जाएगी ।

    —————————–

    कहती थी उम्र भर साथ देंगे तेरा ,

    आज वह हाल ही नहीं पूछ रही है मेरा ।

    —————————–

    उम्र कम थी हमारी ,

    इसलिए आंखें नम थी हमारी ,

    आज जो दूसरों के गले मे

    लिपटकर आई लवयु बोल रही है ,

    कल तक वह शनम थी हमारी ।

    उम्र पर शायरी

    —————————–

    जिदंगी मे इश्क तो सबको होता है ,

    कोई उम्र का लिहाज करता है ,

    तो कोई उम्र लेकर भी दिलों पर राज करता है।

    —————————–

    आज तुम हसीना हो ,

    यह बस उम्र का खेल है ,

    इश्क का क्या कहना ,

    जो एक बार बंद हो गया ,

    नहीं निकल पाएगा कभी ,

    यह तो ऐसी ही एक जेल है।

    —————————–

    बीत गई उम्र सारी तन्हाई मे ,

    कोई मजा नहीं आता बुढ़ापे की सहनाई मे ,

    मगर फिर भी लोग मुंह मारना चाहते हैं मलाई मे ।

    —————————–

    उम्र निकल गई हमारी ,

    हम हमें कौन चाहेगा ,

    अगर करना है इश्क तो खुदा से कर ,

    वही तेरी जिंदगी बनाए गा ।

    —————————–

    तेरे इश्क ने उम्र भर दर्द दिया है ,

    ना दिन को सकून है ,

    ना रात मै चैन है ,

    ऐ दिल कैसा इश्क तूने किया है।

    —————————–

    उम्र का तो लिहाज करो कमीनों ,

    मगर तब कहते हैं इश्क करने वाले ,

    जरा पल्लू गिरा कर मत चला करो हसीनों ।

    —————————–

    उम्र ढल गई ,

    मगर दिल अभी जंवा है ,

    धड़कन आज भी तेज हो जाती है ,

    जब पास से गुजरती तेरी हवा है।

    umar par shayari

    —————————–

    उम्र क्या पूछती हो ,

    दिल का हाल पूछ लिया करो ,

    हर किसी से पूछती हो तो ,

    हमसे भी कभी प्यार भरे ,

    सवाल पूछ लिया करो ।

    —————————–

    कभी चाहते थे तुम्हें दिल की गहराईयों से ,

    जब उम्र बीत गई और तू ना मिली ,

    तो दोस्ती करली हमने तन्हाइयों से ।

    —————————–

    उम्र नहीं पूछी जाती है हसीनों की ,

    क्योंकि उम्र बीत जाने के बाद भी ,

    कभी चमक कम नहीं होती नगीनों की ।

    —————————–

    यह दिल कभी तुम्हारा था ,

    अपनी उम्र का सारा वक्त तेरे संग गुजारा था ,

    हम तो उसी दिन मर गए थे ,

    जिस दिन सामने तेरी बेवफाई का नजारा था ।

    —————————–

    उम्र सारी ढल चुकी है ,

    मगर नहीं गया तेरे प्यार का पागलपन ,

    आज तेरे संग तो पल बिता लेने ,

    का करता है हमारा मन ।

    —————————–

    तू कच्ची उम्र की थी दिलरूबा मेरी ,

    कभी सुनहरी चिड़िया की तरह

    थी हमारे दिल की बसेरी ,

    मगर बीच रस्ते मे टूट गई मुहब्बत तेरी ।

    —————————–

    उम्र मे भले ही तुम से छोटे हैं ,

    मगर इश्क तुम से करने के लिए ,

    7 संमदर पार करके तेरे लिए लौटे हैं।

    —————————–

    उम्र जब ढल रही थी ,

    तेरे प्यार की आस दिल मे पल रही थी ,

    एक बार तो कम से कम शोक मनाने आ जाती ,

    जब मेरी चिता जल रही थी ।

    —————————–

    उम्र कम है मगर चाहता हूं तुझे ,

    दिन और रात इशारों मे बुलाता हूं तुझे ,

    मेरा दिल कहता है ,

    मैं भी कुछ कुछ भाता हूं तुझे ।

    —————————–

    हमें प्यार है तेरी बदसूरती से ,

    पूरी उम्र निकल गई तेरी यादों मे ,

    क्या नैन एक बार मिले गलती से ।

    —————————–

    फर्क नहीं पड़ता उम्र बढ़ने पर

    दिल की जवानी को ,

    तू एक बार कहदे हमसे कि

    अपना बना ले साजन तेरी इस रानी को ।

    —————————–

    तू चाहे बदसूरत हो चाहे खूबसूरत ,

    मगर ढलती उम्र के साथ ,

    पता नहीं क्यों बढ़ जाती है तेरी जरूरत ।

    umar par shayari in hindi

    —————————–

    उम्र ढल चुकी है अकेला हूं यार ,

    रात बिताउं तो बिताउं कैसे ,

    अब तू किसी और की हो चुकी है ,

    तुझे अपना बनाउं तो बनाउं कैसे ।

    —————————–

    वक्त के साथ गंदा हो जाता है

    बड़ा से बड़ा दरिया भी ,

    उम्र के साथ बदसूरत हो जाती हैं ,

    खूबसूरत परियां भी ।

    —————————–

    अंधेरी रात मे अकेला हूं ,

    उम्र भर तेरे लिए खेला हूं ,

    कभी भी बुला लेना हमको ,

    तेरे लिए हर वक्त बेला हूं ।

    —————————–

    जवानी की उम्र ही ऐसी होती है ,

    इश्क नहीं किया तो फिर क्या किया ,

    तू घटती हुई उम्र है ,

    मगर चढ़ती हुई जवानी है ,

    बेवफा तेरे प्यार की ,

    यही सबसे बड़ी कहानी है।

    —————————–

    कैसे बीते की उम्र सारी तेरे बिन ,

    हम तो पागल हैं तेरे प्यार मे ,

    अब एहसास नहीं है कब रात है और कब दिन ।

    उम्र पर शायरी

    —————————–

    उम्र का क्या है यह तो ढलही जाएगी ,

    अगर बेवफाओं के साथ रहेंगे तो ,

    जल्दी हमारी भी अर्थी निकल ही जाएगी ।

    —————————–

    —————————–

    अगर शौक हो जिंदा रहने का ,

    तो फिर कोई फर्क नहीं पड़ेगा ,

    उम्र के ढहने का ।

    —————————–

    मन तो उड़ता परिंदा है ,

    ढलती उम्र के साथ ,

    आज भी तेरा प्यार जिंदा है।

    —————————–

    सांसों मे नशा है तेरे प्यार का ,

    मगर क्या करें ,

    ढलती उम्र कहती है ,

    क्या करेगा तू इस संसार का ।

    —————————–

    यह दिल तेरे लिए आज भी

    धड़कता है ,

    उम्र हो गई दुनिया को छोड़कर जानेकि ,

    मगर यह दिल तेरे लिए ,

    आज भी तड़पता है ।

    —————————–

    कुछ बातें उम्र भर याद आती हैं ,

    कुछ रोतें वर्षों की प्रतीक्षा के बाद आती हैं ।

    —————————–

    वह हमें उम्र भर रोना दे गई ,

    खुद तो चली गई ,

    लेकिन हमें अंगारों पर सोना दे गई ।

    —————————–

    बढ़ती उम्र के साथ निखर रही थी वह ,

    जब हमने किया अपनी चाहत का इजहार ,

    फूलों की तरह बिखर रही थी वह ।

    उम्र के पड़ाव पर शायरी

    —————————–

    जिदंगी के होते हैं बस दो पड़ाव ,

    एक होता है घाव ,

    और दूसरा होता है चाव ।

    —————————–

    कभी आसमां से उतरी परी थी वह ,

    मगर ढलती उम्र के साथ ,

    खुद की शक्ल को देखकर डरी थी वह।

    —————————–

    दिल का क्या वह तो चेहरों पर मरता है ,

    मगर उम्र का क्या ,

    आजकल तो बूढ़ा भी इश्क करता है।

    —————————–

    लोग कहते हैं हर उम्र मे प्यार होता है ,

    मगर यह हकीकत मे किसी का ,

    उजड़ा हुआ संसार होता है।

    —————————–

    बिखरे बागों का माली हूं मैं ,

    तू जब चाहे मिलने आ जाना ,

    तेरे लिए उम्र भर खाली हूं मैं ।

    —————————–

    उम्र जब दिखाती है अपना असली रंग ,

    तब जान से प्यारी पत्नी भी करने ,

    लग जाती है तंग।

    —————————–

    मौसम था यह बरसात था ,

    उम्र पूरी ढल गयी थी हमारी ,

    मगर आज भी इंतजार था उसके साथ का ।

    —————————–

    उम्र इश्क की कभी होती नहीं है ,

    इसलिए अपनी वाली बूढ़ापे मे भी ,

    चैन से सोती नहीं है ।

    —————————–

    हम कब्र मे क्या लेटे ,

    उसने तो खुश होकर ,

    पूरे शहर मे लडडू बांटे ।

    —————————–

    इस छोटी से उम्र मे पूरी नहीं होती हर ख्वाइसें ,

    इसलिए हम आपसे नहीं करते फरमाइशें ।

    —————————–

    यह खुला आसमान है ,

    उम्र नहीं रही हमारी ,

    मगर तू एक बार हां बोलदे ,

    आज भी तुझे घर से भगा ,

    ले जाने की सीने मे जान है।

    —————————–

    कोई सलाम नहीं करता ,

    ढलती हुई शाम को ,

    अब हमने झेल लिया है ,

    तुझ से प्यार करने के इनाम को ।

    —————————–

    आप उम्र मे बड़े हो इसलिए लिहाज कर रहे हैं ,

    वरना तो आपकी बेटी के दिलों मे हम आज भी ,

    राज कर रहे हैं ।

    उम्र के पड़ाव पर शायरी

    —————————–

    अगर उम्र भर सम्मान चाहिए ,

    तो सम्मान देना सीखो ,

    अगर दिल चाहिए किसी का ,

    दो उसके लिए जान देना सीखो ।

    —————————–

    ऐ पगली अब तो उम्र बीत गई ,

    बतादें राज क्या है तेरी मुस्कुराहट का ,

    या फिर सब कुछ है हमारी तरह बनावट का ।

    —————————–

    दिल उसका कभी बहुत विशाल था ,

    मगर कच्ची उम्र की गलती से ,

    हमने कैसे कांड कर दिया ,

    यह एक बड़ा सवाल था ।

    —————————–

    मिलन नहीं हो सकता कभी धरती और आकाश का ,

    उस उम्र मे भी हम कैसे फायदा उठा सकते हैं ,

    तेरे एहसास का ।

    —————————–

    उम्र भर के लिए तू आज जुदा हो गई ,

    तुझे पाने के लिए बहुत सर झुकाया

    मंदिरों मे और मजारो मे ,

    फिर भी तू किसी और पर ,

    क्यों फिदा हो गई।

    —————————–

    कच्ची उम्र की कच्ची कली है तू,

    सुनसान सड़कों पर तूफान की तरह चली है तू ,

    पूछो हाल हमारे दिल का ,

    ​आग बनकर दिल पर जली है तू ।

    —————————–

    लोग कहते हैं तुझे नहीं आया

    उम्र भर के लिए जिदंगी जीना ,

    वह तो चली गई तुझे छोड़कर ,

    अब तू भी छोड़दे उसकी याद मे पीना ।

    —————————–

    ढलती उम्र के साथ इश्क का जनून बढ़ता रहा ,

    तेरी याद बढ़ती रही ,

    जैसे जैसे नशा चढ़ता रहा ।

    —————————

    सदा अकेले थे जिदंगी के मुकाम मे ,

    मगर कभी कभी तू मिल जाती थी शाम मे ,

    जब खोला था तेरा खत ,

    मौत लिखी थी उस पैगाम मे ।

    —————————–

    कुछ वक्त खुद को भी देदिया कर ,

    अब तो उम्र ढल गई है तेरी ,

    पुरानी दिल की बात हमें कह दिया कर ।

    —————————–

    उम्र भर तेरे संग जीने का इरादा था ,

    जब तक हम हैं तुझे कोई चोट नहीं आनेदेंगे ,

    यह हमारा वादा था ।

    उम्र के पड़ाव पर शायरी

    —————————–

    उम्र का अब करना ही क्या है ,

    जब तू नहीं रही तो ,

    मौत से फिर डरना ही क्या है ।

    —————————–

    उम्र नहीं देखी जाती है ​हसीनाओं की ,

    क्योंकि दुनिया तो कायल होती है उनकी अदाओं की ।

    —————————–

    जिदंगी एक जंग है उम्र भर करनी पड़ेगी ,

    कभी छोड़ दिया था हमने  शायरी करना ,

    मगर देखकर तुझे लगता है ,

    फिर से शायरी हमें करनी पड़ेगी ।

    —————————–

    कुछ सवालों के जवाब उम्र भर नहीं मिल पाते ,

    सपनो मे हम इंतजार जिस फूल का करते हैं ,

    वो कभी नहीं खिल पाते ।

    —————————–

    जिनको हम उम्र भर खुशियां बांटते होते हैं ,

    बुढ़ापे हमें वही हमारे लिए कांटे होते हैं।

    —————————–

    मेरे हर एक सवाल का जवाब है तू ,

    ढलती उम्र के साथ मिटता हुआ ख्वाब है तू ।

    —————————–

    वह कहती है शौक हम ​अगर जिंदा रहने का ,

    तो इतनी मत पिया कर ,

    हम कहते हैं उम्र सारी ढल गई ,

    अब तुझे क्यों फिक्र होने लगी हमारी

    मन को उड़ता परिंदा रखिए ,

    ढलती उम्र के साथ उसके इश्क को जिंदा रखिए ।

    —————————–

    कुछ ऐसा करो उम्र भर ,

    की दुनिया झुक जाए कदमों मे ,

    और आपकी जरूरत हर वक्त ,

    महसूस हो जाए अपनों मे ।

    —————————–

    उम्र भर अफसोस रहा ,

    घर से भाग कर शादी करने का ,

    मगर क्या करें तब ,

    हमने भी ठेका ले रखा था ,

    खुद की बरबादी करने का ।

    —————————–

    तेरा प्यार एक मीठा जहर था ,

    उम्र भर पिया उसको ,

    आज उसका दिल पर बड़ा कहर था।

    —————————–

    ऐ खुदा लोग तेरे दर पर जिदंगी मांगने आते हैं ,

    मगर हम तेरे दर पर मौत मांगने आए हैं ,

    उम्र भर की जिसकी तरफदारी ,

    आज वो बेवफाई के साथ सामने आएं हैं।

    —————————–

    जीत मे मजा है तो हार मे भी है ,

    कुछ दर्द तो गहरे से गहरे प्यार मे भी है।

    उम्र भर की थी तेरी गुलामी ,

    मगर आज यकीं हो गया ,

    खुदा तो इस संसार मे भी है।

    —————————–

    दिल का हाल सुनाएं क्या ,

    उम्र बीत गई है अब किसी को चाहें क्या ,

    संज संवर कर तो वो बहुत दिखाती है ,

    मगर उसकी अदाएं अब भाएं क्या ।

    बढ़ती उम्र पर शायरी

    —————————–

    ख्वाइशें तो सपनो की दुनिया मे पूरी होती हैं ,

    उम्र बीत जाने पर भी ,

    जिदंगियां तो बस अधूरी होती हैं।

    —————————–

    उसकी मजबूरी कहो या उसकी बेवफाई ,

    हमने तो झेली है उम्र भर तन्हाई ।

    —————————–

    प्यार करना ही नहीं आता ,

    तो करते ही क्यों हो ,

    अगर दिल लगा लिया किसी से ,

    तो उम्र भर कहने से डरते ही क्यों हो ।

    —————————–

    नजरों की जादूगरी शूरू तुमने की थी ,

    मगर खत्म हम करेंगे ,

    याद रखना तुम ,

    तेरी बेवफाई को उम्र भर ना सहेंगे ।

    —————————–

    वक्त ने सब कुछ छीन लिया हमारा ,

    उम्र भर चाहने के लिए शनम ,

    हम फिर से आएंगे दुनिया मे दुबारा ।

    umar par shayari in hindi

    —————————–

    उम्र ढल गई है हमारी ,

    अपने बस मे अब कुछ नहीं है ,

    प्यार मत करना किसी से ,

    क्योंकि प्यार आज भी महफूज नहीं है।

    —————————–

    हम उम्र भर इंतजार करते रहे ,

    मगर वो गैरों से प्यार करते रहे ,

    आप वो हमारी परवाह कर रहे हैं ,

    जब हम कब्रों से दीदार करते रहे ।

    —————————–

    ऐसा क्या खुदा ने हमारी तकदीर मे लिखा

    कि उम्र भर प्यार भी नहीं मिला ,

    तो मांगने पर मौत भी नहीं मिली ।

    —————————–

    आज खुदा तेरे दर पर अपनी जान देंगेंगे ,

    उम्र भर जिससे प्यार किया था वो गैरों की हो गई ,

    अब लगता है हमारी खुशियां कहीं हो गई ।

    —————————–

    उम्र हर इंसान की होती है ,

    मगर आजकल दोस्ती बस नाम की होती है ,

    जब साथ हो तू ,

    तो कीमत हर शाम की होती है।

    —————————–

    हम तो उम्र पर जिस तालाब के शिकारी थे ,

    दिल उसके हमारे लिए सदा खाली थे ।

    —————————–

    तू हमारे दिल की रानी है ,

    उम्र बीत रही है जानम ,

    फिर नहीं आएगी यह जवानी है।

    —————————–

    जिसने उम्र भर लूटा हमारी जवानी को ,

    ऐसा क्या हो गया कि ,

    वही खत्म करना चाहता है हमारी कहानी को ।

    —————————–

    उम्र भर के लिए हम तो बस एक मजाक बनकर रह गए ,

    जब चली वो गैरों के साथ ,

    ख्वबों के महल एक पल मे ढह गए ।

    —————————–

    आज कल पता नहीं क्यों बरसात नहीं होती ,

    दिन महिनों जैसा हो जाता है ,

    जब तू हमारे साथ नहीं होती ।

    —————————–

    वह कहती थी सब्र का फल मीठा होता है ,

    मगर आज पता चला जो सब्र करता है ,

    वह यूं ही एक दिन कब्र मे लेटा होता है।

    —————————–

    कहते हैं खोटे सिक्कों का कोई मोल नहीं होता ,

    हम तो उम्र भर हम जिसे चाहते हैं ,

    उसका हमारी जिदंगी मे कोई रोल नहीं होता ।

    —————————–

    उम्र लेकर शरीर तो मर गया ,

    जो हमें दिलो और जान से चाहता था ,

    पास खड़ा देखकर हमें डर गया ।

    —————————–

    उम्र किसी का इंतजार नहीं करती ,

    सब मतलबी होते हैं ,

    कोई यूंही तुम्हें प्यार नहीं करती ।

    —————————–

    सब्र करें तो कितना करें ,

    उम्र भर किसी के इंतजार मे ना मरें ,

    अगर चाहते हैं दिलोजान से किसी को ,

    तो कहने से कभी ना डरें ।

    —————————–

    उम्र भर मैं तेरे लिए आंसू बहाता रहा ,

    मगर तेरा दिया दर्द हमें बहुत तड़पाता रहा ।

    umar par shayari in hindi

    —————————–

    तूने हमें दिया उम्र भर का गम ,

    प्यार तो तुमने भी किया था हमसे ,

    मगर बदनाम हुए हम ।

    —————————–

    आंखों से हमारी बरसात होती रही ,

    मगर नहीं समझा उसने दर्द हमारा ,

    वह चैन की नींद सोती रही ।

    —————————–

    हमे उम्र भर रहेगा गम तेरी बेवफाई का सदमा ,

    कुछ लोग कहते हैं दर्द मिलता है तुझे ,

    क्योंकि तू है ​ऐसी घड़ी का जन्मा ।

    —————————–

    जिदंगी जीने का मजा ,

    बढ़ती उम्र के साथ होता है ,

    कभी मत करना किसी से इश्क ,

    क्योंकि वह तो आंसुओं की बरसात होता है।

    —————————–

    उम्र ढल गई तेरी ,

    मगर तू तो आज भी जवान है ,

    एक दिल मे लाखों आशिक रखती है ,

    शनम क्या कहें ,

    तेरी आशकी तो महान है।

    —————————–

    तेरे इश्क से मेरी पहचान है ,

    चाहेंगे तुझे हर उम्र मे ,

    जब तक शरीर मे जान है।

    —————————–

    उम्र भर एक दूसरे से जुदा रहे हम,

    दुनिया वालों ने एक नहीं होने दिया ,

    इसलिए खुद की कब्र खुदा रहे हम ।

    umar par lanat shayari

    —————————–

    कुछ तेरी नजरों ने लुटा ,

    कुछ तेरी अदाओं ने लुटा ,

    जो कुछ बचा था हमारे पास ,

    उम्र भर तेरी राहों ने लुटा ।

    —————————–

    वह उम्र भर हमारी तलास करती रही ,

    खुदा से मिलाने की अरदास करती रही ,

    जब हम नहीं मिले तो ,

    हमारी तस्वीर से ही हमारे होने का एहसास करती रही ।

    —————————–

    कहते हैं जीवन तो अनमोल है ,

    उम्र भर तेरा इंतजार करने के बाद पता चला ,

    जीवन मे सब कुछ झूठ का रोल है।

    —————————–

    उम्र भर सीखते रहे जिंदगी जीना ,

    मगर जिंदगी जीना तो नहीं सीख पाए ,

    मगर सीख गए हद से ज्यादा पीना ।

    —————————–

    कभी उसके दिल के करीब थे हम ,

    उम्र भर चाहा जिसको दिलों और जान से ,

    उसने ही हमें ठुकरा दिया ,

    क्योंकि गरीब थे हम ।

    —————————–

    जीना चाहते हैं तेरे संग ,

    उम्र भर जिदंगी का हर एक पल ,

    क्या पता जिदंगी की यह शाम

    आखरी हो ।

    —————————–

    उम्र भर इंतजार करते करते तेरा ,

    यह दिल भी हमारा खंडर हो गया ,

    यह कैसा प्यार दिया तुमने ,

    यह आज हमारी जान का बवंडर हो गया ।

    उम्र पर शायरी

    —————————–

    सुनी जिदंगी मे सुने अरमान थे ,

    उम्र भर हम तुझ से अनजान थे,

    आज गयी हो तु आई लवयू बोलकर ,

    हम भी क्या बोलते खुद परेशान थे ।

    —————————–

    एहसास दिलों का हर किसी को बताया नहीं जाता ,

    उम्र भर चाहा है जिसको ,

    भले ही वह बेवफा हो मगर सताया नहीं जाता ।

    —————————–

    चाहे दुनिया मे उम्र भर ढूंढ लेना नहीं मिलेगा

    तुझे कभी हमारे जैसा प्यार ,

    हमारे जितना तुझे नहीं दे पाएगा ,

    कभी यह संसार ।

    —————————–

    उम्र भर नहीं रहता है प्यार का जलवा ,

    क्योंकि एक दिन प्यार भी बन जाता है हलावा ।

    —————————–

    तूफान तो जिदंगी मे आया था ,

    जिस दिन हमने तुम से दिल लगाया था ,

    खुदा से शिकायत भी करते तो क्या करते ,

    वही बेवफा निकला जिसे जान से ज्यादा चाहया था ।

    —————————–

    जिस तरह से समय के साथ रंग बदल जाते हैं पत्तों के ,

    उम्र के साथ बढ़ जाते हैं शौक मुहब्बतों के ।

    —————————–

    सफलता ने तकदीर बदलदी हमारी ,

    लोग पूछते हैं कैसे हो गया सब कुछ ,

    तो हम कहते हैं किसी की बेवफाई ने ,

    तस्वीर बदलदी हमारी ।

    —————————–

    गुनाह करोगे तो सजा मिलेगी ,

    प्यार करोगे तो ​उम्र भर की लज्जा मिलेगी ।

    umar par shayari

    —————————–

    उम्र भर प्यार किया हमने ,

    मगर तेरे प्यार की प्यास कभी बुझी नहीं ,

    शरीर तो बूढ़ा हो गया लेकिन मन को

    मौत अभी सूझी नहीं ।

    —————————–

    यह जिदंगी थी अनजान पहेली सी ,

    उम्र भर घूमती रही तू दिल मे हमारे ,

    अपनी एक खास सहेली सी ।

    —————————–

    समंदर से पूछो राज उसका ,

    उम्र भर कैसे हंसता रहता है ,

    कौन है सरताज उसका ।

    —————————–

    तुम हमारे दिल मे नहीं सांसों मे भी समाये हो ,

    उम्र बितादी गैरों के साथ ,

    फिर बुढ़ापे मे हमसे मिलने क्यों आए हो ।

    —————————–

    मत पूछा कर तू उम्र मौत की ,

    कभी तो बोल दिया कर यार सोच की ।

    —————————–

    तेरे प्यार का दर्द लेकर उम्र भर जीलिया ,

    जब नहीं सह पायें इस दर्द को ,

    तो जहर उठाकर पी लिया ।

    —————————–

    जिंदगी के सफर मे मिल गए हो तुम ,

    उम्र भर तेरा इंतजार जब किया ,

    तो खुशी बनकर खिल गए हो तुम ।

    —————————–

    जीना है जिदंगी तो शान से जीओ ,

    उम्र बीत जाएगी एक दिन यूंही ,

    इसलिए खुशी के जंहान से जीओ ।

    —————————–

    दर्द दिल का जब कहर बन जाता है ,

    तब बेवफाइयों वाला शहर बन जाता है।

    —————————–

    उम्र भर जी लेंगे हम बेनामी से ,

    बस एक बार पीछा छूट जाए ,

    उस हरामी से ।

    —————————–

    लोग कहते थे तू नशीली शराब है ,

    मगर जब चखकर देखा तुझे ,

    तो उम्र भर का दर्द मिला ,

    आज पता चला तू तो तेजाब है।

    —————————–

    उम्र जब ढल गई तो वो चेहरा नहीं पहचान पाए ,

    जिसके लिए वो कभी जीने और मरने की कसमे खाते थे ,

    उसे आज वो नहीं जान पाए ।

    —————————–

    उम्र बीत गई जिदंगी को समझने मे ,

    मगर वह आज भी लगी हुई है सजने और संवरने मे ।

    —————————–

    कोई नहीं जाता दुनिया छोड़कर उम्र से पहले ,

    जो दर्द लिखा है किस्मत मे उसे हंसकर सहले ।

    उम्र के पड़ाव पर शायरी

    —————————–

    उम्र के साथ निखर गई है  वो ,

    फूलों की तरह हमारी जिदंगी मे बिखर गई है वो ,

    पहले लबों पर थी , मगर अब दिल मे उतर गई है वो ।

    —————————–

    बचपन का पता नहीं चला ,

    कब यह बीत गया ,

    उम्र भर लड़ते रहे ,

    मगर आज वह दुश्मन भी हमसे जीत गया ।

    —————————–

    जिदंगी तो खेल है जीत और हार का ,

    उम्र पूरी होने के बाद सबको मरना है ,

    यह कड़वा सच है जनाब इस संसार का ।

    —————————–

    उम्र बीती तो प्यार छूटा ,

    अपना मतलब पूरा हो गया ,

    तो उस बेवफा ने हमे साबित कर दिया झूठा ।

    —————————–

    तेरी अदाओं ने बहुत दिल जलाया है ,

    मन को शांति देने के लिए उम्र भर

    हमने बस सेड सॉंग चलाया है।

    —————————–

    बूढ़ापे का दर्द अब सहा नहीं जाता ,

    उम्र बीत गई कैसे अपना बना ले तुझे ,

    अपनो से कहा नहीं जाता ।

    —————————–

    बूढ़ापे मे हंसना भूल जाते हैं लोग ,

    उम्र बीत जाने के बाद ,

    शरीर पर लग जाते हैं अनेक रोग ।

    —————————–

    अगर जवान हो तो जिदंगी का मजा लिजिए ,

    कुछ भी करें मगर किसी के प्यार से उम्र ,

    भर के लिए खुद को बचा लिजिए ।

    —————————–

    उम्र भर आंसू बहाए हैं हमने तेरे लिए ,

    अगर साथ ही नहीं रहना था तुझे ,

    तो क्यों तुमने हमसे साथ फेरे लिए ।

    बढ़ती उम्र पर शायरी

    —————————–

    जवानी मे खूब धन कमाया ,

    उम्र हुई तो बैठ कर खूब खाया ,

     आज मरने चला हूं मैं ,

    मगर तेरे इश्क ना आज भी खुद को छुटा पाया ।

    —————————–

    हम तेरे घर के सामने आज  जान देंगे ,

    हमें उम्र भर तेरा साथ दिया है ,

    हमे बेवफा बोलने से अच्छा है मा

    तू कहेगी तो सीना भी तान देंगे ।

    —————————–

    उम्र निकल गई तो तू आई है हमारा सहारा बनने के लिए ,

    हम भी आज तैयार हैं तेरा किनारा बनने के लिए ।

    —————————–

    वैसे तो हम उम्रदराज हैं ,

    मगर इश्क की तो बात ही ना करो ,

    उसमे तो आज भी हम उस्ताज हैं।

    —————————–

    उम्र धीरे धीरे गुजर रही है ,

    तू अपने वादों से मुकर रही है ,

    मगर हमें समझ नहीं आता ,

    तू यह सब क्यों कर रही है।

    —————————–

    कहते हैं सीखने की कोई उम्र नहीं होती ,

    जब इंसान चाहे तब सीख सकता है ,

    अगर दिल मे हो तमन्ना कुछ पाने की ,

    तो इंसान दुनिया जीत सकता है।

    umar par shayari in hindi

    —————————–

    आज क्यों पूछ रही हो तुम उम्र मेरी ,

    अगर कहनी है अपने दिल की बात ,

    तो फिर मत करो देरी ।

    —————————–

    हरदम कुछ कर गुजरने का जोश था ,

    जब उम्र हो गई , तो खुद को ना खुद का होश था ।

    —————————–

    जब रूक कई थी हमारी उम्र की घड़ी ,

    दूसरों को दिखाने के लिए वह

    आज आंगन मे पसरी पड़ी ।

    —————————–

    वो आज मेरी चिता जलाकर आई है ,

    यह वही है जो उम्र भर अपने यारों को

    हंसा कर आई है।

    —————————–

    बेवफा क्या जाने प्यार होता क्या है ?

    जिसने उम्र भर हमारा इस्तेमाल किया ,

    आज दुनिया को सीखा रही है ,

    यह संसार होता क्या है ।

    —————————–

    देखे हैं छोटी उम्र मे हमने जिदंगी के कई रंग ,

    अब हमारा हो चुका है इस जिदंगी से मोह भंग ।

    umar par shayari in hindi

    —————————–

    बादल बनते रहे ,

    और आंधिया चलती रही ,

    कर ना सके कभी प्यार का इजहार

    यूं ही हमारी उम्र ढलती रही

    —————————–

    कहते हैं प्यार के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती ,

    मगर बतादूं एक चीज सबको ,

    प्यार ही है एक ऐसी चीज जिसकी कोई बीमा नहीं होती ।

    —————————–

    उम्र का अंतर गहरा असर करता है प्यार पर ,

    इतिहास उठाकर देखलो जनाब ,

    अगर तुम्हें भरोसा नहीं है तो इस संसार पर ।

    —————————–

    प्यार करना इस दुनिया का दस्तूर है ,

    मगर प्यार जब हमने किया तो दर्द मिला ,

    अब लगता है यह मेरा ही कसूर है।

    —————————–

    उम्र भर रोए हैं तेरे लिए ,

    तू एक बार भी देखने नहीं आई ,

    जब कब्र मे सोये हैं तेरे लिए ।

    —————————–

    आसान नहीं है उम्र भर के लिए किसी का हो जाना ,

    मगर बहुत आसान है अपनो को छोड़कर ,

    परायों के सपनों मे खो जाना ।

    —————————–

    हम रोते रहे तेरे लिए ,

    उम्र भर सब कुछ खोते रहे तेरे लिए ।

    —————————–

    दुख अगर हमारा है तो हम ही सहेंगे ,

    उम्र भर इंतजार किया तेरा ,

    तू नहीं आई तो और क्या तुझे बेवफा ही कहेंगे ।

    —————————–

    हमने उम्र भर तुझ से प्यार किया ,

    मरते दम तक तेरा इंतजार किया ,

    मगर फिर भी तुमने हमको अपनी

    जिदंगी से क्यो बहार किया ।

    umar par lanat shayari

    —————————–

    सांसों की जरूरत है जिंदा रहने के लिए ,

    उम्र भर दिल मे प्यार का बोझ ढोने से अच्छा है ,

    हिम्मत करले थोड़ी सी कहने के लिए ।

    —————————–

    उम्र का तकाजा है ,

    तेरी याद मे उठा मेरा जनाजा है ,

    दर्द मेरा आज फिर से ताजा है।

    —————————–

    उम्र नाम है जीने और मरने का ,

    वक्त बहुत कम है बंदे तेरे पास ,

    कुछ अच्छा करने का ।

    —————————–

    उम्र भर तुमने तो उठाया है जिदंगी का लुत्फ़ ,

    मगर आज क्यों हो तुम इतने सुप्त ।

    —————————–

    उम्र बीत गई मगर नहीं आया जिदंगी जीना ,

    फिर भला कैसे रास आता हमें दर्द भरे जहर को पीना ।

    —————————–

    मर तो हर कोई जाएगा ,

    कुछ करना है तो जिदंगी जी कर देखो ,

    अगर उम्र भर का है दर्द दिल मे ,

    तो एक बार शराब पीकर देखो ।

    —————————–

    उम्र भर जीवन हमारा बदलता रहा ,

    मगर फिर भी तेरे संग मैं चलता रहा ।

    —————————–

    कहने को तो बहुत कुछ था हमारे पास ,

    मगर उम्र भर नहीं हुआ कुछ कहने का साहस ।

    —————————–

    उसने उम्र भर का गम हमें इनाम दिया है ,

    खुद बेवफा थी मगर बेवफा नाम से हमें बदनाम किया है।

    —————————–

    उम्र भर के लिए उसने छोड़ दिया हमें ,

    मैं तुम से नफरत करती हूं ,

    सुना जब वह शब्द ,

    अंदर से बहुत तोड़ दिया हमें ।

    —————————–

    उम्र की जरूरत नहीं है ,

    हसीन जिदंगी जीने के लिए ,

    बस तेरे होठ ही काफी हैं ,

    शराब की तरह पीने के लिए ।

    —————————–

    बहुत गहरा अंतर है तेरे और मेरे मे ,

    उम्र गुजारी है हमने तेरे संग अंधेरे मे ,

    मगर आज कुछ नहीं बचा हमारे बसेरे मे ।

    —————————–

    उम्र वो समझ नहीं पाये हमारे प्यार को ,

    बस कहते रहे तूने क्या दिया हमारे संसार को ।

    —————————–

    एक पल के फासले मे उम्र गुजर गई सारी ,

    यूं ही पता नहीं चला कब आ गई मौत की बारी ।

    —————————–

    उम्र जब होने लगी हमारी ,

    वह आकर बाहों मे सोने लगी हमारी ।

    —————————–

    हर दिन बढ़ रही है उम्र हमारी ,

    मगर उसे तो खा गई अपनी दुनियादारी।

    —————————–

    लुटने वालों ने लूटा लिया प्यार उसका ,

    और उम्र भर बसाने की कोशिश हम ,

    करते रहे संसार उसका ।

    —————————–

    चाहतें उसकी हर दिन बढ़ती रही ,

    उम्र की लकीर जब चढ़ती रही ,

    धीरे धीरे जिदंगी मौत की तरफ बढ़ती रही ।

    —————————–

    सब कुछ खत्म हो जाएगा एक दिन ,

    फिर कैसे जिंदा रह पाएंगे उम्र के बिन ।

    —————————–

    लोग कहते हैं तू बहुत बदनसीब है ,

    उम्र भर तुमने जिसका साथ दिया ,

    आज वो गैरों के करीब हैं।

    उम्र पर शायरी

    —————————–

    जब रस्ता भटक गए तो आए थे पानी की तलास मे ,

    उम्र भर नहीं मिला पानी ,

    यूं ही एक दिन मर गए पानी की आस मे ।

    —————————–

    मेरी कब्र पर मेरा नाम लिख देना ,

    उम्र खत्म हो चुकी है ,

    अगर फिर भी वह नहीं आए ,

    तो इश्क को बदनाम लिख देना ।

    —————————–

    उम्र भर पागलों की तरह तेरी तलास की है हमने ,

    खुदा के आगे तुझे पाने की अदरदास की है हमने ,

    खुद को जिंदा देखकर चौको मत ,

    क्योंकि तेरे नाम हमने अपनी सांस की है।

    —————————–

    इश्क तेरा एक तराना था ,

    झूठा वो फसाना था ,

    उम्र भर हमने इसलिए तेरा इंतजार किया ,

    कि हम बेवफा नहीं थे ,बस यह बताना था ।

    —————————–

    नदी से गहरा होता है सागर ,

    उम्र से ठहरा होता है यह गागर ,

    खुद को मार लिया हमने ,

    जब तेरा रहस्य हुआ उजागर ।

    —————————–

    कागज पर लिखे नाम को तुम मिटादोगी ,

    पत्थरों पर लिखे नाम को तुम मिटादोगी ,

    मगर जानेंगे हम तुझे तब ,

    जब अपने दिल पर लिखे हमारे नाम को हटादोगी ।

    —————————–

    प्यार हमने तुझसे किया है उम्रभर के लिए ,

    तेरे लिए लुटा दिया सब कुछ हमने ,

    कुछ भी नहीं किया हमने अपने घर के लिए ।

    —————————–

    उम्र भर के प्यार को ठुकरा दिया यह असर है जनाब संगत का ,

    हमे पहले ही पता चल गया था तेरी इस रंगत का ।

    —————————–

    तूफानों मे प्यार तबाह हो जाते हैं ,

    गम है उम्र भर का ,

    इसलिए हम भी फनाह हो जाते हैं ।

    —————————–

    शिकारियों मे कभी मेरा नाम था ,

    जब से तू मिली है ,

    मैं तो भिखारियों के नाम से बदनाम था ।

    —————————–

    उसकी उम्र बीत गई आइने के आगे ,

    वह तो घर छोड़कर जा चुकी थी ,

    जब हम नींद से जागे ।

    —————————–

    तेरे प्यार ने उम्र भर का गम दिया है ,

    मगर अपनों ने हमें फिर से जीने का

    दम दिया है।

    उम्र पर शायरी

    —————————–

    मत पूछो हाल हमारा ,

    उम्र भर जिससे प्यार किया ,

    उसने भी नहीं रखा ख्याल हमारा ।

    —————————–

    जब चांद निकलता है आसमान से ,

    तब छुटकारा मिलता है विरान से ,

    उम्र भर हम तो दबे रहे तेरे एहसान से ।

    —————————–

    वह कहती थी मेरी उम्र तुझे लग जाए ,

    उम्र लगाना तो दूर की बात ,

    हमारी उम्र उल्टा कम हो गई।

    —————————–

    उसका हंसना ,

    उसका मुस्कारना ,

    को हम प्यार समझ बैठे ,

    उम्र भर किया इंतजार ,

    आज खुद को लाचार समझ बैठे ।

    —————————–

    तेरा इश्क कम नहीं था शराब से ,

    मगर क्या करें हम तो मिटा ,

    दिये गए हैं उम्र के सैलाब से ।

    —————————–

    उम्र सारी तेरा नाम लेकर जीयेंगे ,

    तू अगर जहर भी देदेगी तो ,

    हम हंसकर पीयेंगे ।

    —————————–

    इश्क था हमारा जवानी का ,

    अब तो उम्र ढल चुकी है ,

    क्या नाम दोगे इस निशानी का ।

    —————————–

    उम्र बढ़ी तो फेंक दिया तूने ,

    हमको फटे पुराने जुत्ते की तरह ।

    हमको ​भी आराम मिला ,

    क्योंकि तू रखती थी हमे कुत्ते की तरह ।

    —————————–

    अच्छा नहीं लगता उम्र का बढ़ना ,

    फिर भला हमें कैसे सकून देता ,

    हमे छोड़कर किसी और के लिए ,

    तेरा घोड़ी चढ़ना ।

    —————————–

    मौत अंजाम हुआ तुम से दिल लगाने का ,

    ख्वाब ही देखते रह गए हम तो ,

    उम्र भर बस तुझे पाने का ।

    —————————–

    दिन आता है और चला जाता है ,

    रात मे सताती है उम्र हमारी ,

    अब मालूम हुआ तेरे से इश्क ,

    करना हमको पड़ रहा है भारी ।

    —————————–

    मेरा कोई नहीं है इस संसार मे ,

    उम्र को लुटा दिया हमने तेरे प्यार मे ,

    मगर कुछ भी हाशिल नहीं हुआ एतबार मे ।

    —————————–

    कुछ वक्त खुद को भी देदिया कर ,

    उम्र भर पछतावा होगा ,

    अगर करती हो प्यार तो कह दिया कर ।

    —————————–

    यूं तो हम सब परवाने हैं ,

    मगर कच्ची उम्र मे उनके लाखों दिवाने हैं ,

    पर सो ढलती उम्र मे काम आए ,

    वो सब असली घराने हैं।

    —————————–

    उम्र का बढ़ना दस्तूर है जिदंगी का ,

    वरना फिर हम क्या ही करेंगे इस बंदगी का ।

    —————————–

    उम्र रहते सबको चले जाना चाहिए ,

    अपने फायदे के लिए किसी को नहीं सताना चाहिए ,

    अगर सैतान डूब रहा हो ,

    तो उसको कभी नहीं बचाना चाहिए ।

    —————————–

    आज भी तेरा प्यार ,

    महसूस अपने दिल मे करते हैं ,

    भले ही उम्र सारी ढल गई हो ।

    —————————–

    जब उम्र हो जाती है पूरी ,

    तो सब ख्वाहिशे रह जाती हैं अंधूरी ,

    मरना तो कोई नहीं चाहता है ,

    मगर मरना है सबकी मजबूरी ।

    —————————–

    अगर भला करोगे तो शाबाशी  जमाना देगा ,

    अगर उम्र भर किसी का बुरा करोगे ,

    तो हर कोई ताना देगा ।

    —————————–

    बहुत जी लिया जिदंगी को ,

    अब मरने की बारी है ।

    उम्र भर बहुत बना लिया जिदंगी को ,

    अब मौत को शानदार बनाने की बारी है।

    —————————–

    उम्र की तू फिक्र मत कर यह तो ,

    बस चुटकियों मे कट जाएगी ,

    जो करना है वह आज ही करले ,

    कल वक्त की घड़ी सिमट जाएगी ।

    —————————–

    यह जमाना सारा स्वार्थी था ,

    और मैं जिससे प्यार करता था उम्र भर ,

    आज उसका ही बाराती था ।

    —————————–

    कहते हैं  उम्र बितने पर दिमाग सटक जाता है ,

    यही कारण है कि अपना यार बूढ़ापे मे ,

    एक सांस मे पूरी गटक जाता है।

    —————————–

    आसमां मे उड़ोगे बस परिंदा रहकर ,

    फिर क्या करोगे जिंदा रहकर ,

    हम तो अमर हैं ,

    बस खुश हो जाओ इतना कहकर ।

    —————————–

    मेरी कोई पहचान नहीं है ,

    मेरी को जान नहीं है ,

    मेरी कोई उम्र नहीं है ,

    इसलिए यह दिल परेशान नहीं है।

    —————————–

    वह कहती थी  प्यार का सबूत दो ,

    और हम कुए मे कूद गए ,

    हमारी तो कोई उम्र नहीं थी ,

    मगर जिसे छूटना था वो छूट गए ।

    —————————–

    पुरानी उम को फिर से जी लेने का मन करता है ,

    तेरे मधुर हाथों से शराब पी लेने का मन करता है।

    —————————–

    जो उम्र बीत गई वह फिर लौट कर नहीं आती ,

    और जो मौत आ गई वह कभी छोड़ कर नहीं जाती ।

    —————————–

    ना यह तेरा है ,

    ना यह मेरा है ,

    ना कर ज्यादा सोच विचार ,

    बस कुछ उम्र का यहां बसेरा है।

    —————————–

    खुदा का सर पर आशीर्वाद था ,

    इसलिए उम्र भर हमारा जीवन आबाद था ।

    —————————–

    झुका जब सर मेरा तो झुकता ही गया ,

    दुखा जो दिल एक बार ,

    तो उम्र भर दुखता ही गया ।

    —————————–

    खुदा ने मुझे खुब दौलत दी ,

    मगर जिंदा रहने के लिए बस ,

    दो दिन की मौहल्लत दी ।

    —————————–

    वक्त और उम्र हमारे पास कम थी ,

    मगर कुछ भी हो शराब हरदम थी।

    —————————–

    हम आ रहे हैं नजरे झुकाए रखना ,

    उम्र ज्यादा है जनाब हमारी ,

    इसलिए दिल हमसे लगाए रखना ।

    —————————–

    पता नहीं चला कब बीत गई उम्र सारी ,

    जागे हम तब जब आई हमारी मौत की बारी ।

    —————————–

    जीवन एक पल का फसाना है ,

    झूठा यह तराना है ,

    प्यार करके बस खून के आंसू बहाना है।

    —————————–

    जिंदा रहकर धन कमाना है ,

    उम्र भर सुख को चाहना है ,

    उसके प्यार को पाना है ,

    मगर कुछ भी करले बंदे ,

    श्मसान ही तेरा असली ठिकाना है।

    —————————–

    उम्र ढल गई सारी ,

    मगर दिल का इश्क न ढल सका ,

    हम तुझे छोड़कर नहीं जाना चाहते थे ,

    मगर क्या करें हमारी मौत एक हादसा थी ,

    जो कभी न टल सका ।

    —————————–

    उम्र लेलिया तो क्या हुआ ,

    दिल तो हमारा भी मचलता है ,

    सुंदर सुंदर ​परियों को देखकर ,

    कलेजा तो हमारा भी जलता है।

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