ज्यादा रोने के 10 नुकसान जान लें फिर मत कहना बताया नहीं था

jyada rone ke nuksan – हमारी यह स्वभाविक आदत होती है कि जब हम किसी को रोता हुआ देखते हैं तो तुरन्त ही हम उसे चुप कराते हैं। और बोलते हैं कि वह रोना बंद करदे । हम मानते हैं कि रोने के सिर्फ नुकसान ही होते हैं। फायदे नहीं । लेकिन हम आपको इस लेख के अंदर बताने वाले हैं कि रोने से क्या

रोने के नुकसान और फायदे

‌‌‌फायदे और नुकसान होने वाले हैं। दोस्तों जब आपका जी रोने को करे तो आपको रो लेना चाहिए क्योंकि रोने से आपका दिमाग हल्का हो जाता है। और आप तनाव मुक्त भी होते हैं।

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‌‌‌इस दुनिया के अंदर इंसान ही एक ऐसा प्राणी है। जोकि आंसू के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करता है। आमतौर पर हम बहुत अधिक दुखी क्या खुश होते हैं तो रोते हैं। ‌‌‌लेकिन जहां ज्यादा रोना नुकसानदायक होता है। वहीं  नहीं रोना भी नुकसानदायक होता है।

Table of Contents

‌‌‌इंसान रोता क्यों है ?

दोस्तों इंसान के रोने के पीछे कई वजहे हो सकती हैं। जैसे यदि किसी व्यक्ति को दुख होता है। तो ऐसी स्थिति के अंदर वह रोने लग जाता है। इसके अलावा यदि किसी व्यक्तिे बहुत अधिक खुशी होती है। तो वह रोने लग जाता है। आइए जानते हैं रोने की वजहों के बारे मे ।

‌‌‌बहुत अधिक दुख की वजह से

यदि किसी इंसान को बहुत अधिक दुख होता है। तो उसकी आंखों से अपने आप ही आंसू निकल आते हैं। और वह रोने लगता है। दुख कई प्रकार का हो सकता है। जैसे किसी प्रिय व्यक्ति की मौत पर रोना आ सकता है। तो किसी का बिजनेस फैल होने पर भी वह रोता है। इसके अलवा विश्वासघात जैसी ‌‌‌स्थिति के अंदर भी इंसान रोने लग जाता है।

‌‌‌अधिक खुशी की स्थिति मे

कई बार हम इतने अधिक खुश हो जाते हैं और इमोशनल हो जाते हैं। तो रोना आ जाता है। जैसे कोई व्यक्ति अपने पिछले संघर्ष और अबकी सफलता की तुलना करके रोने लग जाता है। इसके अलावा जब हम ज्यादा हंसते हैं तो भी रोना आ जाता है।

‌‌‌अपनी भावनाओं को व्यक्ति करने के लिए

इंसान के रोने की बड़ी वजह है कि वह रोने के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करता है। कई बार जब हमारे प्रिय किसी की मौत हो जाती है तो हम रोने लगते हैं। ऐसा करके हम यह दिखाते हैं कि हम उस व्यक्ति को कितना पसंद करते थे ।

‌‌‌दर्द की स्थिति मे

jyada rone ke nuksan

यदि हमे कहीं पर गहरी चोट लग जाती है तो भी हम रोने लग जाते हैं। इसकी बड़ी वजह यह होती है कि जब दर्द हमारे सहन से बाहर हो जाता है तो हमारी आंखों से अपने आप ही आंसू निकल आते हैं। इस मामले मे खास कर छोटे बच्चे अधिक रोते हैं। जब उनको कोई चोट लग जाती है या वे गिर जाते हैं।

‌‌‌इच्छा पूर्ण नहीं होने पर

आपका बच्चा आपसे कुछ मांगता है। और यदि आप उसे नहीं देते हैं या आप उसे कोई काम करने से टोक देते हैं। तो वह अक्सर रोने लग जाता है। जैसे आपका बच्चा खिलौने लेना चाहता है यदि आप उसे नहीं देते हैं तो वह रोने लग जाता है।

‌‌‌तेज हवा और अन्य कारण

आंखों से आंसू निकले के पीछे के अन्य कारणों के अंदर तेज हवा भी होती है। कई बार जब आप बाइक के उपर जाते हैं तो तेज हवा की वजह से आपकी आंखों के अंदर आंसू निकलने लग जाते हैं। इसके अलावा प्याज काटने की वजह से भी आंखों से आंसू निकलते हैं।

‌‌‌आइए सबसे पहले रोने के फायदों के बारे मे बात करते हैं।

1. रोने से आंखे साफ होती है

आंखों के अंदर यदि कोई कण आदि चला जाता है तो आंसू आने लग जाते हैं। और यह आंसू आंखों के अंदर से हानिकारक तत्व निकाल देते हैं। जिससे आंखों के अंदर संक्रमण नहीं होता है। रोने की वजह से पैदा हुए आंसू ‌‌‌भी आंखों से गंदगी को साफ कर देते हैं। जिससे आंखों के अंदर किसी प्रकार का संक्रमण होने का खतरा कम हो जाता है।

2. ‌‌‌तनाव से मुक्ति

जब आप रोते हैं तो आपके दिमाग पर काफी ज्यादा प्रेशर होता है। और रोकर जब आप रूक जाते हैं तो आपको काफी हल्का महसूस होता है। यानि आपके दिमाग पर जो नगेटिव विचार हावी होते हैं उनका असर कम हो जाता है। और नगेटिव विचारों के स्थान पर पॉजिटिव विचार ले लेते हैं। दिमाग को हल्का ‌‌‌रखने के लिए रोना जरूरी है।

3. ‌‌‌ब्लड प्रेशर से राहत

आप जब तनाव के अंदर होते हैं तो आपका ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है। और तनाव की वजह से आपको अन्य दिमागी बिमारियां भी हो सकती हैं। जब आप थोड़ा रो लेते हैं तो आपका दिमाग हल्का हो जाता है। और तनाव कम हो जाता है। और आप अन्य बिमारियों से भी बच सकते हैं।

‌‌‌4. मूड फ्रेस होना

आप जब किसी विचार को लेकर दुखी होते हैं तो आपकी आंखों के अंदर अपने आप आंसू निकलने लग जाते हैं । और जब आप कुछ देर रो लेते हैं तो आपका मूड एकदम से फ्रेस हो जाता है। अब आप पहले की तुलना मे अच्छा महसूस करते हैं।

‌‌‌5. सिरदर्द से मुक्ति

रोने से ल्यूसिन जैसे हार्मोन बनने लगते हैं। जिससे मूड फ्रेस होता है और सिरदर्द की समस्या से छूटकारा भी मिलता है। यह बनने वाले हार्मोन सिर दर्द से राहत देने मे काफी मददगार होते हैं।

‌‌‌7.दिखने की क्षमता मे सुधार

दोस्तों वैज्ञानिकों के अनुसार रोने की वजह से आंखों की देखने की क्षमता के अंदर भी सुधार होता है। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि श्लेष्म झिल्ली जब सूख जाती है तो देखने की क्षमता मे कमी आती है। लेकिन रोने की वजह से निकलने वाले आंसू श्लेष्म झिल्ली को सूखने से बचाते हैं। ‌‌‌एक तरह से देखा जाए तो आंसू स्नेहक की भांति काम करते हैं। और यह आपकी आंखों को चिकना करने मे मदद करते हैं।

आंखों के संक्रमण का खतरा कम

दोस्तों वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर यह बात साबित हो चुकी है कि रोने से आंखों के अंदर संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। आमतौर पर जब आंखों में संक्रमण हो जाता है तो आंखें लाल हो जाती हैं और सूज भी जाती हैं। आंखों के आंसू मे लाइसोइज्म नामक एक विशेष पदार्थ होता है। जिसके अंदर ‌‌‌बैक्टिरिया को मारने की क्षमता होती है। और इस वजह से आंखों मे संक्रमण होने का खतरा कम हो जाता है।

‌‌‌अच्छी नींद आती है

सन  2015 के अंदर हुई रिसर्च मे यह साबित हो चुका है कि रोने के बाद अच्छी नींद आती है।हालांकि यह पता नहीं चल सका है कि व्यसकों के लिए यह फायदे मंद है या नहीं ? लेकिन रिसर्च के अंदर यह बात सामने आई है कि जो बच्चे अधिक देर तक रोते हैं। उनको अच्छी नींद आती है।

सैन जोस, कैलीफ़ में एक निजी प्रैक्टिस में लाइसेंस प्राप्त मनोचिकित्सक शेरोन मार्टिन का सुझाव है कि रोने के कई फायदे हैं और मैं कइ मरीजों को रोने के लिए भी कहता हूं हालांकि वे इसमे शर्म महसूस करते हैं लेकिन सच मे रोने के बहुत सारे फायदे हैं।तो दोस्तों आपने रोने के फायदों के बारे मे तो जान ही लिया अब हम आपको बताते हैं रोने के नुकसान क्या हैं।रोने के नुकसान और फायदे

‌‌‌आंखों के लिए नुकसान

एक सीमा तक रोना तो सही है लेकिन अधिक रोने से भी आंखों को नुकसान पहुंचता है। अधिक रोने से आंखे लाल हो जाती हैं और कई बार अधिक रोने से आंखें सूज भी जाती हैं। इसलिए कभी कभार रोने का फायदा है न की रोज रोने का ।

‌‌‌दुखी रहना

जो इंसान अधिक रोता है। वह खुश नहीं रह सकता । यह बात सही है कि कभी कभी रोने वाला इंसान तो काफी खुश रह सकता है लेकिन जो एक दो दिन या सप्ताह के अंदर एक बार रो लेता है। उसको इस प्रकार रोने की आदत हो जाती है। और वह ज्यादा टेंशन करता है। जिससे अधिक दुखी रहता है।

‌‌‌अधिक ईमोशनल घातक

जो इंसान अधिक रोते हैं वो अधिक ईमोशनल होते हैं। और जब कोई भी छोटी मोटी बात होती है रोने लग जाते हैं। जोकि एकदम से गलत है। अधिक रोने से दिमाग पर भी बुरा असर पड़ता है। क्योंकि दिमाग हमेशा के लिए असंतुष्ट हो सकता है। ‌‌‌और वैसे भी आजकल अधिक ईमोशनल इंसान की नहीं वरन कठोर दिलवाले इंसान की जरूरी है।

‌‌‌गलत आदतों का विकास

कई बार जब बच्चे रोते हैं तो उनके माता पिता उनको चुप कराने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं जिसकी वजह से बच्चों को अपनी जिद पूरा करने का तरीका मिल जाता है। इस वजह से जब बच्चे को कोई भी चीज चाहिए होती है तो बस वह रोने लग जाता है। उसे पता है उसके माता पिता उसकी ‌‌‌बात अवश्य ही मानेंगे ।

‌‌‌रोना आपको डरपोक और कायर बनादेता है

अक्सर जो लोग छोटी छोटी समस्याओं पर रोते हैं। उनके अंदर धीरे धीरे रोने की आदत पड़ जाती है। और यह बहुत बड़ा नुकसान है। ऐसे लोग जिंदगी के अंदर आने वाली छोटी छोटी समस्याओं पर ही रोने लगते हैं। इस वजह से हमारा तो यही कहना है कि किसी भी समस्या पर आसूं बहाने से ‌‌‌अच्छा है। आप उसका ढट कर मुकाबला करें ।

अधिक रोने के नुकसान तनाव होना jyada rone ke nuksan

दोस्तों जब आप रोते हैं , तो इसका मतलब यह है कि आप दुखी हैं। आमतौर पर खुशी के अंदर कोई भी नहीं रोता है। जब आप दुखी होते हैं। और रोते हैं , तो इसका असर आपके दिमाग पर भी पड़ता है। और इसकी वजह से आप तनाव के अंदर जा सकते हैं। इसलिए बेहतर यही होगा , कि आपको रोना नहीं चाहिए । तनाव मे इंसान कई बार बुरे कदम भी उठा लेता है। इसलिए रोना नहीं चाहिए ।

अधिक रोने से भूख कम हो जाती है

यदि आप बहुत अधिक रोते हैं , तो इसकी वजह से आपकी भूख पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। अधिक रोने की वजह से आपकी भूख कम हो जाती है। और जब भूख कम हो जाती है , तो इसका असर आपके शरीर पर पड़ता है। ​यह देखा गया है , कि जिन महिलाओं को बहुत अधिक दुख मिलता है , वे हर वक्त रोती रहती हैं। ऐसी स्थिति के अंदर वे समय पर खाना नहीं खा पाती हैं । जिसकी वजह से उनकी तबीयत बिगड़ जाती है। आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।

अधिक रोने से आपकी दिल की धड़कन पर बुरा असर पड़ता है

इसके अलावा दोस्तों यदि आप अधिक रोते हैं , तो इसकी वजह से आपके दिल की धड़कन पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। क्योंकि अधिक रोने से आपके दिल की धड़कन बढ़ जाती है। और इसकी वजह से शरीर के अंदर ब्लड काफी तेजी से बहता है। जिन लोगों को ब्लड प्रेसर की समस्या होती है। उनका ब्लड प्रेसर भी इसकी वजह से काफी अधिक हो सकता है। इसलिए अधिक रोने से हमेशा बचना चाहिए ।

अधिक रोने से आपके दिमाग मे बुरे विचार आने लग जाते हैं

यदि आप अधिक रोते हैं , तो इसका एक नुकसान यह भी होता है , कि इसकी वजह से आपके दिमाग के अंदर नगेटिव विचार आने लग जाते हैं । आपके साथ जो कुछ भी पहले बुरा हुआ था । उसके बारे मे फिर से आप सोचने लग जाते हैं। और आपका मन काफी अधिक नगेटिव हो जाता है। अक्सर जब किसी के घर मे कोई मर जाता है। और किसी महिला का प्रिय कोई पहले की मर गया है। तो ऐसी जगह पर वह महिला अपने प्रिय को याद करके और अधिक रोने लग जाती है। इस तरह से अधिक रोना आपको और अधिक नगेटिव बना देता है।

प्रेगनेंसी में रोने के नुकसान

प्रेगनेंसी के अंदर अक्सर लोग महिला को खुश रहने की सलाह देते हैं। इसकी बड़ी वजह है कि खुश रहने से महिला को होने वाला बच्चा भी गलत प्रभावों से बचा रहता है। लेकिन प्रेंगनेंट हूमेन के शरीर के अंदर हार्मोंन का काफी बड़ा बदलाव होता है।‌‌‌इस वजह से महिला का मूड काफी अस्थिर हो जाता है।जबकि कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं। जोकि प्रेगनेंसी के दौरान काफी चिंता और तनाव के अंदर रहती हैं। इस वजह से उनके होने वाले बच्चे पर भी गलत प्रभाव पड़ता है।‌‌‌प्रेगनेंसी के अंदर रोने का सबसे बड़ा नुकसान तो यह होता है कि आपके होने वाले बच्चे कोलिक होते हैं। मतलब कि आपको ज्यादा रोने वाला बच्चा पैदा होता है। आपने देखा होगा कि कुछ बच्चे अधिक रोते हैं तो कुछ बच्चे कम रोते हैं।‌‌‌बच्चे का ज्यादा रोना इसी कारण से होता है।

‌‌‌प्रेग्नेंसी के अंदर रोने को कम करने के उपाय

दोस्तों प्रेंगनेंट हूमेन का खुश रहना बहुत ही आवश्यक होता है। यदि वह तनाव और डिप्रेशन के अंदर रहती है तो रिसर्च बताते हैं कि उनके बच्चे पर भी इसका गलत प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं आप प्रेंगनेंसी के अंदर रोने को कैसे कम कर सकती हैं।

‌‌‌मनोरंजन करें

यदि आप अकेली उदास रहती हैं और आप उब महसूस करती हैं तो आप चाहें तो मनोरंजन कर सकती हैं। इसके लिए आप टीवी देख सकती हैं। जिसके अंदर आप अपने किसी भी पसंदीदा धारावाहिक का मूवी देख सकती हैं। इसके अलावा आप नेट पर कोई बढ़िया विडियो देख सकती हैं। जो आपको अच्छा लगता हो ।

‌‌‌अधिक समय अकेले ना रहें

यदि आप दुखी रहती हैं। मन सही नहीं रहता है तो अधिक समय अकेले ना बिताएं क्योंकि यदि आप अकेले समय बिताती हैं तो इसका नुकसान यह है कि आप और अधिक उदास हो जाएंगी । सो आप अपने आस पास के लोगों से बात कर सकती हैं। हंसी मजाक कर सकती हैं। अपने परिवार के साथ अधिक से अधिक ‌‌‌समय बिताने की कोशिश करें जिससे आपका अकेला पन दूर हो जाएगा ।

‌‌‌घूमने जाएं

अक्सर महिलाएं प्रेग्नेंट होने के बाद कहीं पर भी जाना बंद कर देती हैं। जिसका बड़ा नुकसान होता है। आप सुबह शाम घूमने भी जा सकती हैं। ऐसा करने से न केवल आपका मूड अच्छा होगा वरन आपके उदास रहने की आदत से भी छूटकारा मिल जाएगा । यदि आप अकेले घूमने नहीं जा सकती हैं तो अपने परिवार के ‌‌‌किसी व्यक्ति को साथ ले जा सकती हैं।

‌‌‌अपने पति के साथ समय बिताएं

यदि आपके पति आपके साथ रहते हैं तो ऐसी दशा के अंदर आपको अपने पति के साथ अधिक से अधिक समय बिताना चाहिए। क्योंकि प्रेगनेंट महिला को ऐसी दशा के अंदर अपने पति के साथ की बहुत अधिक आवश्यकता होती है। उसे र्स्पाट की आवश्यकता ज्यादा रहती है।

‌‌‌डॉक्टर से संपर्क करें

यदि आप अधिक तनाव महसूस कर रही हैं तो आप डॉक्टर से भी संपर्क कर सकती हैं। डॉक्टर आपको तनाव  दूर करने की कोई उचित सलाह दे सकते हैं। और उनकी दी गई सलाह पर अमल करें आपका तनाव अपने आप ही दूर हो जाएगा ।

‌‌‌बेकार के विचारों को विराम दें

आपके दिमाग के अंदर जो बेकार के विचार आ रहे हैं उनको विराम देने की कोशिश करें । अक्सर देखा जाता है कि प्रेग्नेंट महिला के मन मे कुछ बेकार के विचार आने से चिंता होती है। इस तरह के विचारों को दबा दें । और हमेशा सोच रखे की जो होता है वह अच्छे के लिए होता है।

‌‌‌संक्षेप के अंदर हम आपको यह ही कहना चाहेंगे कि रोने के नुकसान बहुत ही कम हैं। और जो हैं वो कोई ज्यादा प्रभावशाली नहीं हैं। लेकिन यदि रोने के फायदों के बारे मे बात की जाए तो वो अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं। ‌‌‌मैंने रोने के नुकसान के बारे मे काफी कुछ नेट पर सर्च किया किंतु मुझे इस बारे मे कुछ खास हाथ नहीं लगा । हां फायदों के बारे मे जरूर लिखा गया था ।

This Post Has 8 Comments

  1. Mubashshira

    Kya aap bata sakte hein ki chhip kr zyada rone se kya kya nuksan hote hein plz mai kabhi kisi se share nh kr paayi hu aur sabke saamne bht khush rehti hu lekin akele mein rozana do baar to roti hi hu due to a major incident jo mai bhool nh pa rhi hu

  2. shankar

    ‌‌‌यदि आप एक सीमा तक रोते हैं तो फिर इसक कोई खास साइड इफेक्ट नहीं हैं। लेकिन यदि आप उन हादसों को हमेशा अपने दिमाग के अंदर लेकर घूमते हैं तो फिर आपको नुकसान हो सकता है। अधिक रोने से आंखें खराब होना , डिप्रेसन , और बैचेनी महसूस होना , घबराहट और दिमाग पर अधिक जोर पड़ने से सोचने समझने की ‌‌‌क्षमता प्रभावित हो सकती है। और रही बात हादसों की तो जो आया है उसे जाना पड़ेगा । एक बाद अपने दिमाग से निकाल दी जिए कि सब अपने हैं । सच तो यह है कि कोई भी आपका नहीं है । शरीर भी नहीं है तो फिर मोह किस बात का । जिंदगी को खुल कर लिए अल्लाह या आप जिसको मानते हैं उनके आगे नतमस्त होओ ।‌‌‌आपके मन को शांति मिलेगी ।

  3. Meera

    Hlo sir Meri beti 2.5 years ki h pr Wo bhut roti h MATLAB itna roti h ki usko vomit, susu sab kr deti h agar wo kisi baat ko pakad leti h to usko bolti hi rhegi Kisi ki sunti nhi h or na hi chup Hoti h MATLAB wo Mughe bolti h m roungi Mughe Smj nhi àa rha ki m kya kru Maine usko pyar SE maar SE dar SE sab trha SE try Kiya bt wo nhi chup Hoti please kya aap Mughe bta skte h m kya kru

  4. shankar

    ‌‌‌संभव है आपकी बच्ची अपने पीछले जन्म मे काफी जिदृी रही होगी । और अब यदि आप उसकी जिद्द को पूरा करती रहेगी तो वह और अधिक जिद्द करती रहेगी ।अब यदि वह किसी बात के लिए जिद्द करती है तो उसे पूरा ना करें । आपको 5 से 10 दिन परेशानी होगी । उसके बाद वह अपने आप अपने जिद्दी स्वाभाव को छोड़ देगी । ‌‌‌जिदृी स्वाभाव को यदि आप इसी प्रकार से बढ़ावा देती रहेंगी तो हो सकता है आगे चलकर आपके लिए परेशानी का सबब बन जाए ।‌‌‌एक बार जब उसे लग जाए कि जिद्द पूरी नहीं होगी तो वह अपने आप यह सब छोड़ देगी ।

  5. Kafira

    Kya aap koi aisi drop bata sakte hain jisko dalne se rone ke bad aankhe na sujhe

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।