नाक के बारे में जानकारी नाक से जुड़ी अदभुत बातें

‌‌‌‌‌‌इस लेख के अंदर हम आपको नाक के बारे मे जानकारी देंगे ।दोस्तों नाक के बारे मे हम सभी जानते हैं। नाक हवा को अंदर लेने और बाहर छोड़ने का काम करती है। यह हमारे फेफड़ों के लिए फिल्टर का काम भी करती है। नाक के अंदर बाल होते हैं। जो गंदगी को हमारे शरीर के अंदर जाने से बचाते हैं। ‌‌‌नाक हर इंसान के शरीर का महत्वपूर्ण अंग होता है। नाक की मदद से हम चीजों को सूंघ सकते हैं। इंसान की नाक का कनेक्सन दिमाग से होता है।

मतलब जिस प्रकार की गंध हम सूंघते हैं उसका संकेत हमारे मस्तिष्क को जाता है। ‌‌‌और फिर उसके आधार पर हम कोई निर्णय ले पाते हैं। इस लेख के अंदर हम आपको कुछ महत्वपूर्ण फैक्टस के बारे मे बताने वाले हैं जोकि हमारी नाक से जुड़े हुए हैं।

नाक के बारे में जानकारी

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नाक के बारे मे जानकारी

‌‌‌दोस्तों इंसान की नाक काफी महत्वपूर्ण होती है।नीचे हम आपको नाक से जुड़े कुछ मजेदार फेक्टस के बारे मे बताने जा रहे हैं। जोकि शायद आपको पता नहीं होगा ।

‌‌‌गंध आपकी भावनाओं से जुड़ी है

दोस्तों नाक के माध्यम से हम किसी भी चीज की गंध ले सकते हैं।गंध का संकेत हमारे दिमाग को घ्राण तंत्रिका के माध्यम से दिया जाता है।जब हम नाक की मदद से एक गंध को सुनते हैं तो यह उससे जुड़ी स्म्रति को ट्रिगर करने का काम करता है। ‌‌‌मतलब हमारे नाक से हम जो कुछ सूंघते हैं। वह एक स्म्रति के साथ जुड़ा हुआ होता है। जैसेकि आप किसी बूदबूं को सूंघते हैं तो आप यह आसानी से बता सकते हैं कि यह किसी मरे हुए जानवर की है या फिर किसी ओर चीज की है।

‌‌‌मनुष्य के अंदर 400 से अधिक घ्राण स्पिेक्टर्स होते हैं

दोस्तों जितना हम स्वाद ले सकते हैं। उससे अच्छी गंध ले सकते हैं। क्योंकि स्वाद के मामले मे हमारे पास इससे कम सेंसर होते हैं। जबकि गंध के लिए 400 से अधिक सेंसर हैं। इससे यही साबित हो जाता है कि हम गंध अच्छी ले सकते हैं। ‌‌‌लेकिन स्वाद के मामले मे ज्यादा अच्छे नहीं हैं।

‌‌‌आपकी नाक आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है

दोस्तों नाक आपके लिए महत्वपूर्ण है। आपको बतादें कि एक इंसान दिन के अंदर 200000 लीटर हवा नाक के द्वारा अंदर लेता है।इसके अलावा नाक हवा को फिल्टर करके अंदर जाने देती है। ‌‌‌आपका नाक आपके लिए थर्मामिटर का काम करता है। यह अंदर के तापमान को नियंत्रित करता है। और यह भी सुनिश्चित करता है कि आपके फेफडे अंदर से सूख नहीं जाएं ।

‌‌‌नाक 14 प्रकार की होती है

दोस्तों हालही के अंदर एक रिसर्च हुआ । और उस रिसर्च के अंदर नाक को 14 अलग अलग भागों के अंदर बांटा गया है। ‌‌‌लेखक ने 712 महिलाओं की नाक की फोटो ली और नाक की बनावट के आधार पर नाक को 14 विभिन्न भागों के अंदर बांट दिया ।

‌‌‌नाक के माध्यम से कई क्रियाओं को नियंत्रित किया जा सकता है

दोस्तों वैसे तो गंध कई प्रकार की होती है। जैसे कुछ गंध ऐसी होती हैं जोकि आपको खुशी देती हैं। जैसे की सेंट । इसके अलावा कुछ गंध नकारात्मक भाव पैदा करने का काम करती हैं। और दिमाग को शांत करने के लिए भी गंध का प्रयोग किया जाता है। ‌‌‌कहने का मतलब है ।नाक इंसानों की भावनाओं के साथ जुड़ी होती है।

‌‌‌उम्र बढ़ने के साथ नाक बढ़ती है

दोस्तों आपको बतादें कि इंसान की उम्र बढ़ने के साथ नाक का आकार भी बढ़ता जाता है। और 19 साल तक यह अपने पूर्ण आकार के अंदर आ जाती है।लेकिन उसके बाद नाक नीचे की ओर बढ़ना स्टार्ट हो जाएगा । ‌‌‌यह सब ड्रोप ग्रोथ के कारण नहीं होता है। वरन गुरूत्वाकर्षण की वजह से ऐसा होता है।

मौत के 20 घंटे बाद नाक सिलिया चलती है

वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर यह सामने आया है कि जब किसी इंसान की मौत हो जाती है। तो उसकी मौत के बाद 20 घंटे बाद नाक सिलिया चलती है। जिससे इंसान की मौत का पता लगाया जा सकता है। डॉक्टर इस तरीके का प्रयोग मौत का समय पता लगाने मे लगाते हैं।

‌‌‌गंध प्रोसेस की क्षमता महिलाओं मे अधिक होती है

वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर यह सामने आया है कि महिलाओं के अंदर गंध को प्रोसेस करने की क्षमता पुरूषों की तुलना मे 50 प्रतिशत अधिक होती है। ऐसा इसलिए होता होगा ताकि वो गंध की मदद से अपने बच्चे की रक्षा कर सकें । ‌‌‌यह उस समय की बात हो सकती है। जबकि इंसान जंगलों के अंदर रहा करते थे । आज गंध प्रोसेसिंग क्षेत्र का अधिक होना कोई मायने नहीं रखता है।

‌‌‌आप सोते हुए छिंक नहीं ले सकते

दोस्तों आपको बतादें कि आप सोते हुए छींक नहीं ले सकते हैं। क्या आपने किसी सोते हुए  इंसान को छींक लेते हुए देखा है। दरसअल ऐसा है कि जब हम सो रहे होते हैं तो हमारी छींक को ट्रिकर करने वाली कोशिकाएं भी सो रही होती हैं। एक एकल छींक 40,000 बूंदें बनाती है, प्रति घंटे 20 मील की यात्रा करती है, और एक 5 ‘स्प्रे त्रिज्या बनाती है।

‌‌‌आपकी नाक स्वाद लेने मे मदद करती है

आपको यह लग सकता है कि नाक स्वाद लेने मे कैसे मदद करती है? तो आपको यह बतादें की यह सच है। नाक स्वाद लेने मे मदद करती है। भोजन को सूंघने की क्षमता आपको इसे पूरी तरह से चखने में मदद करती है। वास्तव में, आप जो चख रहे हैं, उसका 80% आपको सूंघने से निर्धारित होता है।

‌‌‌शिशुओं को माता की गंध से पता चलता है

यदि आपने नोटिस किया होतो । जब कोई छोटा बच्चा होता है तो उसे अपनी माता के बारे मे कैसे पता चलता है ? दोस्तों जिस तरीके से जानवर गंध को सूंघ कर दूसरे जानवरों के बारे मे पता लगा सकते हैं। उसी तरीके से शिशु भी गंध को सूंघ कर अपनी माता के बारे मे पता लगाते हैं।

‌‌‌आयु बढ़ने के साथ सूंघने की क्षमता कम होती है

सूंघने की क्षमता

रिसर्च के अंदर यह बात भी सामने आई है कि इंसान की आयु जब 65 वर्ष हो जाती है तो उसके सूंघने की क्षमता कम होने लगती है। और 80 वर्ष की आयु तक इंसान अपने सूंघने की क्षमता को 50 प्रतिशत तक खो देता है।

‌‌‌मनुष्य अपनी भावनाओं को सूंघने मे सक्षम है

रिसर्च के अंदर यह बात भी सामने आई है कि मनुष्य गम और यौन उत्तेजना आदि को भी सूंघने मे सक्षम होता है। हालांकि अब यह प्रव्रति कम हो चुकी है।

बलगम अधिक पैदा होना

आपने देखा होगा की जब हमे सर्दी होती है तो अचानक से बलगम का उत्पादन बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर के अंदर मौजूद रोगाणूओं को मारने के लिए नाक अधिक बलगम पैदा करता है।

‌‌‌ ‌‌‌नाक के बारे मे जानकारी  इंसान की नाक कैसे काम करती है?

नाक के बारे मे जानकारी
By Patrick J. Lynch, medical illustrator – Patrick J. Lynch, medical illustrator Attribution 2.5 CC BY 2.5

हवा शुरू में नासिका से प्रवेश करती है और नाक की हड्डी के नीचे और मुंह के तालु के ऊपर मुख्य नाक गुहा से गुजरती है।इस गुहा में तीन प्रोट्रूशियंस और तीन मार्ग हैं।सभी तीन मार्ग फेफड़ों के श्वासनली को नीचे करने के लिए गले के पीछे से पुन: जुड़ जाते हैं। मार्ग श्लेष्म झिल्ली और धूल और अन्य  कणों को फंसाने के लिए ठीक होते हैं, जिनमें संभावित रूप से हानिकारक रोगाणुओं भी शामिल हैं।घ्राण बल्ब से जब वहा टकराती है तो इप्लस जनरेट होता है। जिसकी सूचना दिमाग को दी जाती है।और इससे यह पता चलता है कि भोजन खराब हो गया है।या भोजन ठीक है ।

‌‌‌जब हवा के साथ कोई गंध मिली होती है तो तो यह ऊपरी मार्ग की दीवारों के श्लेष्म अस्तर द्वारा अवशोषित होता है। तंत्रिका कोशिकाएं श्लेष्म अस्तर के नीचे स्थित होती हैं ‌‌‌यह विभिन्न पदार्थों के प्रति संवेदनशील होती हैं। जब श्लेष्म अस्तर में पदार्थ के अणुओं की उपस्थिति से एक तंत्रिका कोशिका को ट्रिगर किया जाता है, तो यह मस्तिष्क को एक संकेत भेजता है कि मस्तिष्क एक गंध के रूप में व्याख्या करता है।

‌‌‌नाक के बारे मे जानकारी लेख आपको कैसा लगा नीचे कमेंट करके हमे बताएं ।

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arif khan

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