ठंडा क्यों लगता है ? ठंड लगने का वैज्ञानिक कारण

दोस्तों सर्दियों के अंदर जब आप ठंड की वजह से काफी परेशान हो जाते हैं तो आपके मन मे भी एक सवाल आता होगा कि आखिर ठंड क्यों लगती है ? ठंड लगने के पीछे क्या वैज्ञानिक  कारण है? इस तरह के सवालों का आपने उत्तर खोजने की ‌‌‌कोशिश भी की होगी । इस लेख के अंदर हम इसी बारे मे विस्तार से बात करने वाले हैं।

आमतौर पर इंसानों के अलावा लगभग सभी जीवों को भी ठंड लगती है। ठंडे प्रदेशों के अंदर पाये जाने वाले जीवों के शरीर पर गहरे बाल होते हैं। इस वजह से उनका ठंड से बचाव होता है। ‌‌‌हालांकि इंसानों के शरीर पर कभी बंदरो जैसे बाल हुआ करते थे । और जब इंसान पहाड़ों और गुफाओं के अंदर रहता था तो यह बाल उसकी ठंड से रक्षा करते थे । लेकिन समय के साथ इंसान विकसित होने के बाद गहरे बालों की उपयोगिता खत्म हो गई और अब ‌‌‌इंसान के शरीर पर नाम मात्र के बाल ही बचे रह गए हैं।

ठंडा क्यों लगता है

ठंडा क्यों लगता है ?

‌‌‌दोस्तों विज्ञान के अनुसार ठंड और गर्मी को महसूस करने के लिए हमारी बोड़ी के अंदर स्पेसल प्रकार के सेंसर लगे होते हैं। यह सेंसर उसी तरह से काम करते हैं। जिस तरीके से सेंसर मसीने काम करती हैं। इन सेंसर का काम यह होता है कि यह बाहर के तापमान को डिटेक्ट करते हैं। और हमारे अंदर के तापमान का संतुलन ‌‌‌बनाए रखते हैं। इनकी संख्या हर व्यक्ति के अंदर अलग अलग हो सकती है।

आपको बतादें कि एक इंसान के अंदर कई सारे सेंसर होते हैं। और गर्मी का अनुमान लगाने वाले सेंसर सर्दी का अनुमान नहीं लगा सकते हैं। इस सेंसर की वजह से हमे ठंड महसूस होती है। ‌‌‌हमारे शरीर का तामपान 36.5 डिग्री सेल्सियस के आस पास रहता है। यह इस रेंज से अधिक उपर नीचे होता है। तो यह हमारे लिये खतरे का संकेत होता है। यह हमे आगाह करता है कि हमे अपने आपको सुरक्षित कर लेना चाहिए। यदि शरीर के अंदर का तापमान ‌‌‌30 डिग्री से नीचे चला जाता है तो मौत हो सकती है। और इस वजह से विश्व के अंदर अनेक मौते होती हैं। एक अमेरिका रिसर्च के अनुसार 2006 to 2010 के अंदर 2000 लोगों की मौत सर्दी और अधिक गर्मी की वजह से हुई थी। जिसमे 63 प्रतिशत लोग केवल ठंड की वजह से मरे थे । यदि यह आंकड़ा पूरे विश्व का निकालें तो बहुत से लोग ठंड की चपेट मे आने से मर जाते हैं।

‌‌‌यह तो हुई ठंड पर मामूली बातें अब आपको बताते हैं कुछ दिलचस्प बातों के बारे मे । कई बार आपने इस बात को भी नोटिस किया होगा कि कुछ व्यक्तियों को अधिक ठंड लगती है। तो कुछ को ठंड लगती ही नहीं ऐसा क्यों होता है ? आइए इस बारे मे जानते हैं।

‌‌‌दुबले पतले व्यक्ति को ठंड ज्यादा लगती है

वैज्ञानिकों के अनुसार जिन व्यक्तियों का वजन कम होता है। और वे दुबले पतले होते हैं। उनको अधिक ठंड लगती है। क्योंकि उनके शरीर के अंदर गर्मी पैदा करने के लिए कैलोरी नहीं होती है। ऐसी स्थिति के अंदर उनको ठंड ज्यादा लगती है। मतलब कमजोर ‌‌‌व्यक्तियों को हष्ट पुष्ट व्यक्तियों की तुलना मे ज्यादा ठंड लगती है। यदि आप ठंड से बचना चाहते हैं तो आपको एक अच्छे भोजन का सेवन करना होगा जोकि आपके शरीर को गर्म रखने मे मदद करे।

थायरॉइड की वजह से ठंड ज्यादा लगती है

यदि आपको अधिक ठंड लगती है तो यह हाइपोथायरायडिज्म का संकेत भी हो सकता है। हमारे गले के अंदर एक तितली की आकार की ग्रंथी होती है। जो एक हार्मोन का स्त्राव करती है। जिसमे असंतुलन होने की वजह से ज्यादा ठंड लगती है।लगभग 4.5% अमेरिकियों में यह स्थिति होती है, और उन महिलाओं में दर अधिक होती है जो हाल ही में गर्भवती हुई हैं । ‌‌‌यदि आपको इस समस्या का शक है तो अपने डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए।

iron की कमी की वजह से ठंड ज्यादा लगती है

यदि आपके शरीर के अंदर आयरन की कमी है तो आपको अधिक ठंड लगेगी ।आयरन एक महत्वपूर्ण खीनज होता है जोकि लाल रक्त कोशिकाओं को आपके शरीर मे ऑक्सीजन ले जाने मे मदद करता है। और आपके सिस्टम मे गर्मी पैदा करता है। ‌‌‌आयरन की कमी की वजह से लाल रक्त कोशिकाएं प्रभावी ढंग से काम नहीं कर पाती हैं और आपको अधिक ठंड लगती है। शरीर के अंदर आयरन की मात्रा को बढ़ाने के लिए आप मांस, अंडे, पत्तेदार साग जैसे पालक,  का सेवन कर सकते हैं।

‌‌‌खराब सर्कुलेशन की वजह से

यदि आपके हाथ और पैरों को अधिक ठंड लगती है और आपके शरीर के अन्य हिस्से सामान्य हैं तो इसका मतलब यह भी हो सकता है कि शरीर के इन पार्ट तक रक्त ठीक से नहीं पहुंच पा रहा है। आपका हर्ट सही से रक्त पंप नहीं कर पा रहा है। ‌‌‌आपके हाथ और पैरों के अंदर रक्त धमनियों का संकुचन हो गया है। और ऐसा धुम्र पान के सेवन की वजह से भी हो सकता है।इसके अलावा रेनॉड नामक बिमारी की वजह से भी ऐसा हो सकता है। जो आपके हाथ और पैर के अंदर सही से रक्त पहंचने मे बाधा पैदा करती है।

‌‌‌नींद नहीं लेने की वजह से

यूरोपीय जर्नल ऑफ एप्लाइड फिजियोलॉजी के अध्ययन के अंदर यह बात सामने आई है कि जब आप उचित नींद नहीं ले पाते हैं तो आपके शरीर का तापमान गिर जाता है। और आपको अधिक ठंड लगती है। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ऐसा क्यों होता है ? हाइपोथैलेमस में गतिविधि में कमी होती है, यह हमारे दिमाग  का नियंत्रण कक्ष है जहां शरीर के तापमान को विनियमित किया जाता है।

‌‌‌शरीर मे पानी की कमी

आपके शरीर के अंदर 60 प्रतिशत से अधिक पानी होता है। यह पानी आपके शरीर को गर्मी देने मे मददगार होता है। इसके अलावा पानी शरीर के अंदर चयापचय ताकत देता है। जिससे आपका शरीर गर्म रहता है। एक इंसान को प्रतिदिन कम से कम 8 गिलास पानी पीना चाहिए।

विटामिन बी 12 की कमी

विटामिन बी 12 की कमी की वजह से भी आपको ज्यादा ठंड लग सकती है। विटामिन बी 12 लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने मे मदद करती है। और शरीर के अंदर अच्छे से ऑक्सिजन का संचार करने मे मददगार होती है।‌‌‌विटामिन बी 12 की कमी की वजह से एनिमिया हो सकता है। इसको बढ़ाने के लिए अपने भोजन में अधिक दुबला मांस, मछली को शामिल करना चाहिए।

‌‌‌यदि आप एक महिला हैं

यूटा विश्वविद्यालय के अंदर किये गए रिसर्च से यह साफ हो गया है कि महिलाओं के शरीर का तापमान पुरूषों के शरीर की तुलना मे ज्यादा होता है। इस वजह से महिलाओं को पुरूषों की तुलना मे कम सर्दी का एहसास होता है। महिलाओं के शरीर की बनावट इस प्रकार से की  गई है कि उनके शरीर का ‌‌‌उच्च तापमान उनके और उनके बच्चे की सुरक्षा कर सके।

मांसपेशियों की संख्या

वैज्ञानिकों के अनुसार शरीर के अंदर अधिक मांस पेशियों का होना एक तरह से भटटी की तरह कार्य करता है। शरीर के अंदर अधिक मांसपेशियां आपके शरीर को अच्छे से गर्म रख पाती हैं और आपके लिए एक कंबल की तरहा काम करती हैं।

‌‌‌ ठंड क्यों लगती है ? अधिक वजन ‌‌‌से

‌‌‌वजन और ठंड के बीच के कनेक्सन को जानने के लिए कुछ रिसर्च कर्ताओं ने दो पुरूषों का समूह लिया और एक समूह के अंदर अधिक लोग थे तो दूसरे समूह के अंदर कुछ कम वजन और सामान्य लोग थे । दोनों को एक घंटे के लिए ठंड के अंदर बैठाया गया । उसके बाद ‌‌‌उनसे प्रतिक्रिया के बारे पूछा गया तो पता चला कि अधिक वजन वाले लोगों को ठंड की महसूस अधिक हुई थी। और कम वजन वाले पूरूषों को ठंड कम महसूस हुई थी। इस बात की पुष्टि उनके शरीर के तापमान को नाप कर भी की गई। ‌‌‌इससे स्पष्ट होता है। कि अधिक वजनी और मोटे लोगों को ठंड ज्यादा लगती है।

‌‌‌चोट की वजह से अधिक ठंड लगना

यदि आपको पहले कहीं पर फैक्चर हुआ है या कहीं हड़ी के अंदर चोट आई हुई है तो आपको एक सामान्य पुरूष की तुलना मे अधिक ठंड लगेगी । यह सब कैसे हो पाता है। इसका तो पता नहीं लेकिन वैज्ञानिक रिसर्च यही बताते हैं। ‌‌‌हालांकि कई वैज्ञानिक रिसर्च बताते हैं कि चोट लगने से रक्तसंचार प्रभावित होता है। इस वजह से ठंड ज्यादा लगती है।

‌‌‌धुम्रपान की वजह से अधिक ठंड लगना

यदि आप किसी भी तरह का नशा वैगरह करते हैं तो यह संभव है कि आपको अधिक ठंड महसूस होती है। इन नशे की वजह से विषाक्त पदार्थ रक्त के अंदर प्रवेश करता है। सबसे खतरनाख पदार्थ कार्बनमोनो ऑक्साइड है जो रक्त धमनियों को नुकसान पहुंचाता है। ‌‌‌निकोटीन भी खतरनाख होता है । यह हर्ट रेट को बढ़ा देता है। और धमनियों को संकुचित कर देता है। जिससे हर्ट को अधिक कार्य करना पड़ता है। रक्त संचरण प्रभावित होने की वजह से अधिक ठंड लगती है।

‌‌‌ ठंड क्यों लगती है ? आहार की कमी ‌‌‌से

वैज्ञानिकों के अनुसार हमारे शरीर के अंदर जो गर्मी आती है। वह आहार की वजह से आती है। और यदि हम भूखे रहते हैं तो हमे अधिक ठंड महसूस होती है। इस संबंध मे जानने के लिए वैज्ञानिकों ने दो समूहों को लिया । जिसमे एक समूह को बराबर भोजन दिया गया और दूसरे को भोजन कम या नहीं दिया गया । ‌‌‌वैज्ञानिकों ने पाया कि कम भोजन वाले समूह ने अधिक ठंड लगने की शिकायत की थी। ‌‌‌ठंड क्यों लगती है ? लेख आपको कैसा लगा कमेंट करके बताएं।

शरीर को ठंड किस तरह से महसूस होती है

अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ लोग इस तरह के होते हैं , जिनको ठंड बहुत ही कम लगती है। वहीं कुछ इस तरह के लोग भी होते हैं , जिनको बहुत अधिक ठंड लगती है। असल मे ठंड का लगना इंसान के खान पान और शरीर के हिसाब से अलग अलग होता है। तो सभी को समान रूप से ठंड नहीं लगती है।सबसे पहले जब हमें ठंड लगती है , तो यह त्वचा को लगती है। इसके अंदर थर्मो.रिसेप्टर नर्व्स होते हैं , जोकि दिमाग से जुड़े हुए होते हैं। और यह दिमाग को संदेश भेजते हैं , जिससे कि हमें यह पता चलता है , कि हमें ठंड लग रही है। उसके बाद शरीर की नसें सिकुड़ने लग जाती है। और इसकी वजह से आपके शरीर के बाल खड़े होने लग जाते हैं। और बाल आपके शरीर को ठंड से बचाने का काम करते हैं। ताकि शरीर के अंदर का तापमान संतुलित बना रह सके ।

और उसके बाद भी यदि ठंड कंट्रोल नहीं होती है , तो नर्व फिर से दिमाग के पास एक संदेश भेजते हैं , कि पारा नीचे गिर रहा है , यदि पारा कंट्रोल नहीं होता है , तो आगे मौत हो सकती है। उसके बाद भले ही त्वचा को ठंड लग रही हो । लेकिन दिमाग शरीर को निर्देश देता है , कि संतुलित करो । उसके बाद मांसपेशियां अपनी गति को धीमा करने का काम करती हैं। इसकी वजह से शरीर के अंदर हीट पैदा हो जाती है। और जिससे कि शरीर के अंदर के भाग गर्म हो जाते हैं।

कई बार ठंड लगने की वजह से आपको कंपकंपी होने लग जाती है। और कंपकंपी होने की वजह भी यही होती है। कि आपका शरीर खुद को बचाने का प्रयास करता है। गर्म खून का बहाव पैदा करता है , जिससे कि शरीर को ठंड से बचाने का प्रयास करते हैं। वहीं यदि जैसे कि आप बर्फ के अंदर दबें हैं , तो उस तापमान के हिसाब से शरीर खुद को व्यवस्थित करने का  प्रयास करता है। जैसे कि तापमान बदलता है , सब कुछ ठीक हो जाता है।

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।