otp kya hai ओटिपी कितने प्रकार का होता है और ओटिपी सुरक्षा टिप्स

‌‌‌क्या आप जानते हैं ओटीपी का मतलब क्या होता है ? otp kya hota hai ? otp का नाम तो आपने सुना ही होगा । और इसका प्रयोग भी किया ही होगा । otp का मतलब होता है One-time password । जब हम कोई ऑनलाइन ट्रांजेक्सन करते हैं तो उसके अंदर otp आता है। और आजकल तो यह नियम बना दिया गया है कि एक खास रकम से अधिक रकम यदि आप एटिएम से भी निकालते हैं तो otp आपके रजिस्टर्ड मोबाइल ‌‌‌ नंबर पर आता है। और उसके बाद आपको दिये गए स्थान पर otp को भरना होता है। उसके बाद ही आप पैसा निकाल सकते हैं।

‌‌‌और यदि आप कई बार जब अपना जीमेल लॉगइन करते हैं तो भी ओटीपी आपके मोबाइल पर आता है । इसी प्रकार से कई सोसल मिडिया को भी आप otp से लॉगइन करते होंगे ।

‌‌‌और वैसे तो आजकल लगभग हर प्रकार के सोसल मिडिया के अंदर मोबाइल नंबर कनेक्ट होता है और उसके बाद otp मोबाइल पर आता है उसके बाद भी आप अकाउंट ओपन कर पाते हैं। तो otp काफी उपयोगी चीज है।

एक वन-टाइम पासवर्ड ( OTP ), जिसे वन-टाइम पिन या डायनेमिक पासवर्ड के रूप में भी जाना जाता है , एक पासवर्ड है जो कंप्यूटर सिस्टम या अन्य डिजिटल डिवाइस पर केवल एक लॉगिन सत्र या लेनदेन के लिए मान्य है।उसके बाद इसका प्रयोग नहीं किया जा सकता है।

‌‌‌लेकिन सबसे बड़ी समस्या आज भी यही है कि OTP पासवर्ड को बहुत से लोग हैकरों के साथ गलती से शैयर कर देते हैं जिससे उनके बैंक से चोरी हो जाती है। मेरे एक दोस्त ने बताया कि उसकी चाची के पास एक फोन आया कि उसका एटीएम बंद होने वाला है इसलिए एटिएम का नंबर बताओ और उसने ऐसा ही किया उसके बाद OTP ‌‌‌ पासवर्ड भी बतादिया जिससे खाते के अंदर से 7000 रूपये चोरी हो गए थे ।

‌‌‌इसके अलावा कई जगहों पर सिम के गुम हो जाने के बाद किसी ने उस सिम को उठाया और उसका इस्तेमाल करके ओटीपी पासवर्ड जनरेट किया । और कई अकाउंट को हैक कर लिया। कुछ ही दिन पहले मेरे एक दोस्त का अकाउंट उसकी गलती से OTP से ही हैक हो गया ।

Table of Contents

Otp password ‌‌‌कितने प्रकार के होते हैं ?

‌‌‌अब तक हमने Otp पासवर्ड के बारे मे जाना कि वह क्या होता है ?लेकिन अब हम जानेंगे कि ओटीपी पासवर्ड कितने प्रकार का होता है ? ताकि आप ओटीपी को बेहतर तरीके से समझ सकें ।

‌‌‌हार्ड कॉपी ओटीपी

हार्ड कॉपी ओटीपी का मतलब होता है कि आपको एक कागज पर छपा हुआ ओटीपी मिलेगा । जैसे पहले आप जब एटीएम का प्रयोग करते थे तो आपको उसका एक कोड कागज पर मिलता था। हालांकि वह ओटीपी नहीं था । लेकिन एक तरह से ओटीपी की तरह ही था जिसको बाद मे चैंज करना आवश्यक था। इसी प्रकार से यदि आप ‌‌‌गूगल मे माई बिजनेस पर अपना बिजनेस एड करते हैं तो आपको एड्रस वैरीफाई के लिए ओटीपी मिलता है। उसके अंदर एक कोड़ होता है जिसको आपको भरना होता है।

Calling otp

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Calling otp के अंदर आपके मोबाइल नंबर पर एक मशीन की मदद से कॉल आता है और आपको वह कॉल पिकअप करना होता है।उसके बाद आपको कुछ कोड बताया जाता है और आपको उस कोड़ को इंटर करना होता है। कॉलिंग ओटीपी का प्रयोग कम ही किया जाता है। ‌‌‌कॉलिंग ओटीपी के साथ समस्या यह है कि आप बस इसे एक बार ही सुन सकते हैं कोई भी इसको चुरा भी नहीं सकता है।

Email otp

Email otp का मतलब होता है वह वन टाइम पासवर्ड जो आपके मेल पर आता है।आपने देखा होगा कि कई बार जब आप सोसल मिडिया पर अकाउंट ओपन करते हैं या फिर पासवर्ड रिसेट करते हैं तो आपके मेल पर एक कोड़ आता है उसी को मेल वन टाइम पासवर्ड कहा जाता है।

Email otp के साथ समस्या यह है कि आपके पास इंटरनेट होना चाहिए और यदि आपके पास बिना इंटरनेट वाला मोबाइल है तो फिर आप इसको देख नहीं सकते है।

Sms otp

Sms otp ‌‌‌सबसे अधिक प्रचलित है। और सबसे अधिक इसका ही प्रयोग होता है। जब आप ऑनलाइन ट्रांजेक्सन करते हैं तो sms otp का ही प्रयोग होता है। आपके रजिर्स्टड मोबाइल नंबर पर एक कोड आता है। Sms otp का प्रयोग करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप इसको किसी भी मोबाइल नेटवर्क पर भेज सकते हैं।और यह काफी सस्ता भी होता है।इसके अलावा इसको प्राप्त करने के लिए किसी तरह के इंटरनेट की जरूरत नहीं होती है।

‌‌‌सिम स्वैप होने की स्थिति मे यह काफी खतरनाक होता है और इसके अंदर एक हैकर सिम को अपने नाम पर बनवा लेता है और इसकी मदद से खुद ही ओटीपी को हाशिल कर लेता है।

Hardware tokens

Hardware tokens का प्रयोग भी ओटीपी को बताने मे किया जाता है।लेकिन कई टोकन के साथ समस्या यह होती है कि इनके अंदर बैटरी का प्रयोग किया जाता है । और एक बार बैटरी जब डिस हो जाती है तो फिर बैटरी को फिर से चार्ज करना होता है।

यूबिको एक एम्बेडेड चिप के साथ एक छोटा यूएसबी टोकन प्रदान करता है जो एक कुंजी दबाए जाने पर एक ओटीपी बनाता है और एक लंबे पासवर्ड को आसानी से दर्ज करने की सुविधा के लिए कीबोर्ड का अनुकरण करता है।  चूंकि यह एक USB डिवाइस है, जो बैटरी बदलने की असुविधा से बच जाता है।

Soft tokens

Soft tokens का मतलब होता है कि वन टाइम पासवर्ड उसी मोबाइल एप्प की मदद से वितरित किया जा सकता है। कई बार जब हम किसी सोसल मिडिया को लॉगइन करते हैं तो वन टाइम पासवर्ड आता है वह सीधे एप्प के उपर भी आता है।

‌‌‌ओटीपी पासवर्ड के फायदे otp password ka fayda

‌‌‌ओटीपी पासवर्ड के फायदे otp password ka fayda

दोस्तों ओटीपी पासवर्ड काफी उपयोगी होते हैं। और यह काफी सुरक्षित होता है। आइए जानते हैं कि ओटीपी पासवर्ड को यूज करने का क्या फायदा आपको मिल सकता है। और क्यों हमे ओटीपी का प्रयोग करना चाहिए ।

Otp ‌‌‌आपके अकांउट को हैक होने से बचाता है

‌‌‌कुछ लोग अपने गूगल अकाउंट के अंदर ओटीपी सिस्टम का यूज करते हैं। जिसके अंदर वे पहले अकाउंट मे पासवर्ड लगाते हैं और उसके बाद उनके मोबाइल पर एक ओटीपी आता है। और उस कोड को लगाने के बाद ही अकाउंट लोगइन होता है। ‌‌‌यदि इस स्थिति के अंदर आपका पासवर्ड किसी को पता चल जाता है तो उसके बाद भी वह आपका अकाउंट हैक नहीं कर पाएगा क्योंकि ओटीपी उसके पास नहीं होगा । इस प्रकार से ओटीपी आपके अकाउंट को दौहरी सुरक्षा प्रदान करने का कार्य करता है।

‌‌‌एक ओटीपी केवल कुछ समय के लिए ही वैलिड होता है

दोस्तों ओटीपी की सबसे अधिक खास बात यह होती है कि यह केवल कुछ समय के लिए ही वैलिड होता है। यदि बाद मे यह पासवर्ड किसी के हाथ लग जाता भी है तो वह आपका अकाउंट हैक नहीं कर पाएगा । इतना समय तो बहुत ही जल्द निकल जाएगा ।

‌‌‌यह आपके एटीएम की सुरक्षा करता है

यदि आपका एटीएम गिर गया है या गुम हो गया है तो एक चोर के लिए उससे पैसा चुराना आसान कार्य नहीं होगा । क्योंकि जैसे ही वह पैसा चुराने की कोशिश करेगा । ओटीपी उसको नहीं मिलेगा । इसी प्रकार से एक इंटरनेट पर ट्रांजेक्सन करने के लिए भी ओटीपी की आवश्यकता होती है।‌‌‌इस प्रकार से ओटीपी आपके धन के लिए एक अतिरिक्त सुरक्षा लेयर प्रदान करता है।

‌‌‌एक ओटीपी को ट्रेक करना कठिन होता है

एक हैकर के लिए ओटीपी को ट्रेक करना काफी कठिन कार्य होता है।और यदि एक ओटीपी आपके मोबाइल या ईमेल पर आता है तो बिना आपकी मर्जी के कोई भी उसे नहीं देख सकता है।ओटीपी यदि कागज पर प्रिंट किया जाता है तो यह चोरी हो सकता है या फिर किसी हैकर के हाथ लग सकता है।

‌‌‌यूजर को प्रमाणित करता है

आजकल ओटीपी यूजर को प्रमाणित करने के लिए भी प्रयोग किया जाता है।कारण यह है कि ओटीपी केवल उसी यूजर के पास आता है जिसके पास वह मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड है। और वही यूजर ओटीपी का प्रयोग कर सकता है। इस प्रकार से यह एक रियल यूजर को प्रमाणित करने के लिए भी प्रयोग मे लिया ‌‌‌ जाता है।

‌‌‌यह एक फ्री तरीका है

वैसे तो इसके लिए सिस्टम को चार्ज देना होता है लेकिन यूजर के लिए इसका कोई चार्ज नहीं है। आपको यह सेवा फ्री के अंदर मिलती है।जो आपके लिए अच्छा ही है। बैंक से जब आप ट्रांजेक्सन करते हैं तो ओटीपी आता है उसका आपको कोई भी पैसा नहीं देना होता है।

‌‌‌यह एक सुपर फास्ट तरीका है

ओटीपी आजकल एसएमएस से भेजा जाता है।और यह बहुत ही तेज तरीका है। बस कुछ ही मिनटों के अंदर मैसेज आपके पास पहुंच जाता है। ओटीपी के लिए आपको अधिक इंतजार करने की आवश्यकता नहीं होती है।

‌‌‌ट्रांजेक्स अमाउंट का भी जिक्र होता है ओटीपी में

दोस्तों ट्रांजेक्सन अमाउंट का भी ओटीपी के अंदर जिक्र होता है जोकि बहुत ही अच्छी बात है। इससे आपको यह जानकारी मिलती है कि अगली कम्पनी आपका कितना पैसा काट रही है ? एक तरह से यह भी पैसों की सुरक्षा के लिए बहुत ही जरूरी है।

‌‌‌ओटीपी का प्रयोग कहां पर किया जाता है ?

वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) डीबी ऑनलाइनबैंकिंग पर किए गए वित्तीय और संवेदनशील लेनदेन के लिए एक अतिरिक्त दूसरा कारक प्रमाणीकरण है। यह एक 6 अंको का कोड़ होता है जोकि आपके मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है।

  • अन्य बैंकों के लाभार्थी बैंक खातों का पंजीकरण
  • बिल भुगतान
  • डीबी डायरेक्टडेबिट (ई-कॉमर्स)
  • NEFT / RTGS (लेनदेन मूल्य INR 10,000 और अधिक के लिए)
  • अन्य डॉयचे बैंक खातों में फंड ट्रांसफर होता है
  • मोबाइल / ई-मेल आईडी परिवर्तन
  • अलर्ट प्रोफाइल में बदलाव
  • डिमांड ड्राफ्ट जारी करना

Q1.कार्ड पर ऑनलाइन लेनदेन के लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) क्या है?

Ans- यदि आप मास्टर और विजा कार्ड का प्रयोग पहली बार कर रहे हैं तो सबसे पहले आपको कार्ड को पंजिक्रत करना होगा इसके लिए 3 डी सिक्योर पेज पर एक स्थिर पासवर्ड को सैट करना होगा ।

कार्ड अब आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक नया 6 अंकों का संख्यात्मक वन टाइम पासवर्ड (OTP) भेजेगा। और हर बार जब आप ऑनलाइन लेनदेन शुरू करते हैं। अपने लेन-देन को प्रमाणित करने के लिए आपको 3D सुरक्षित पृष्ठ पर इस OTP को दर्ज करना होगा।

Q2. ‌‌‌वन टाइम पासवर्ड कहां से प्राप्त किया जा सकता है ?

यदि आप बैंक के कार्ड का प्रयोग कर रहे हैं तो वन टाइम पासवर्ड आपको रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या ईमेल पर मिलेगा ।जिस नंबर को आपने बैंक के अंदर रजिस्टर करवाया है। आमतौर पर वन टाइम पासवर्ड आपके रजिस्टर्ड नंबर पर ही मिलता है।

‌‌‌Q3.क्या पैसे के लेनदेन से पहले ओटीपी को प्राप्त कर सकते हैं ?

Ams-नहीं आप पैसे के लेनदेन से पहले ओटीपी को प्राप्त नहीं कर सकते हैं। जब आप लेनदेन करते हैं तो आपके मोबाइल पर ओटीपी आता है जिसके अंदर पिन लिखा होता है। उस पिन को इंटर करने पर ही पैसे का लेनदेन आगे होता है।

Q4. ‌‌‌क्या एक लेन देन के लिए सिर्फ एक ही ओटीपी मिलता है ?

Ans- हां एक ही लेनदेन के लिए आपको सिर्फ एक ही ओटीपी मिलेगा । और यदि आप एक से अधिक लेनदेन करते हैं तो हर लेनदेन के लिए आपको अलग ओटीपी मिलेगा ।जैसा कि आपने कई बार ऑनलाइन ट्रांजेक्सन के अंदर देखा होगा कि एक लेन देन मे एक ही ओटीपी मिलता है।

Q5. ‌‌‌एक ओटीपी कब तक वैध होता है ?

‌‌‌ओटीपी पासवर्ड के फायदे otp password ka fayda

Ans- वैसे आपको बतादें कि एक ओटीपी का वैधता समय अलग अलग होता है। जैसे यदि आप पैसों का लेनदेन कर रहे हैं तो यह 30 मिनट तक वैध हो सकता है।या फिर यदि आप किसी अकाउंट को ओपन कर रहे हैं तो इसका वैधता समय आप वहां पर देख सकते हैं। अलग अलग कम्पनी अलग अलग वैधता समय प्रदान करती ‌‌‌ हैं। यह निर्भर करता है कि आप ओटीपी को किस उदेश्य के लिए प्रयोग मे ले रहे हैं।

‌‌‌Q6.यदि आप गलत ओटीपी इंटर करते हैं तो क्या होगा ?

यदि आप गलत ओटीपी इंटर करते हैं खास कर बैंक के मामले मे तो 3 प्रयास करने के बाद आपका कार्ड ब्लॉक हो सकता है और उसके बाद आपको कस्टमर केयर को कॉल करना होगा । हालांकि यदि आप गूगल जैसी सेवा का प्रयोग कर रहे हैं तो कई गलत ओटीपी को इंटर कर सकते हैं। ‌‌‌इसमे आपको किसी भी तरह की ब्लॉकिंग समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा ।

‌‌‌Q7.यदि मुझे OTP प्राप्त नहीं होता है तो क्या करना चाहिए ?

वैसे तो OTP दो से 3 मिनट के अंदर मिल जाता है लेकिन उसके बाद भी यदि आपको ओटीपी नहीं मिलता है तो इसके कई कारण हो सकते हैं।सबसे पहला कारण यह है कि हो सकता है कि आपका मोबाइल नंबर पंजिक्रत नहीं हो । इसको आप चैक कर सकते हैं। इसके अलावा ‌‌‌दूसरा कारण यह है कि आपने मोबाइल नंबर सही से नहीं डाला होगा । और कई मामलों मे कुछ सिम कार्ड ओटीपी की खुद ही लेट करते हैं। और कई बार नेटवर्क की समस्या से ओटीपी टाइम लेता है। यदि ओटीपी आपके पास नहीं आया है तो आप उसे रिसेंड कर सकते हैं।

Q8. ‌‌‌ओटीपी को कितनी बार प्राप्त किया जा सकता है ?

Ans- वैसे तो आप 5 बार ओटीपी को प्राप्त कर सकते हैं। यदि आपको ओटीपी नहीं मिला है तो । लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है। आप दुबारा से ट्राई कर सकते हैं।

Q9. ‌‌‌बिना मांगे ओटीपी मिलने का मतलब क्या होता है ?

Ans- यदि आपने कोई भी ओटीपी नहीं मांगा है।या आपने कोई लेनदेन नहीं किया है। उसके बाद भी आपके पास ओटीपी आया है तो इसका मतलब यह है कि किसी के पास आपकी पर्सनल जानकारी पहुंच चुकी है। जल्दी से जल्दी इसकी पहचान करें और उसके बाद अपने पासवर्ड वैगरह बदलें । ‌‌‌वरना हो सकता है कि कोई आपकी जानकारी को चुरा सकता है। आपका अकाउंट हैक कर सकता है।

Q10. ‌‌‌क्या बिना ओटीपी के बैंक से पैसा निकाला जा सकता है ?

Ans- ‌‌‌बिना ओटीपी के भी बैंक से पैसा निकलता है। और यह बहुत बार लोगों के साथ हो चुका है। इस तरीके के अंदर हैकर आपके कार्ड का यूज करके बिना किसी ओटीपी के सारा पैसा निकाल लेते हैं। लेकिन इस तरीके के अंदर सबसे पहली गलती आपकी ही होती है कि आप अपने कार्ड को इंटरनेशनल ट्रांजेक्सन के लिए इनेबल रखते हैं

इंटरनेशनल ट्रांजेक्सन का इनेबल होना एक बहुत ही घटिया तरीका है।इंटरनेशनल ट्रांजेक्सन यदि आपने इनेबल कर दिया है तो उसके बाद यदि किसी को भी आपके कार्ड नंबर और cvv हाथ लग गए तो उसके बाद आपके कार्ड को साफ होने से कोई भी नहीं बचा सकता है। ‌‌‌और उसके बाद यदि आप पुलिस के पास भी जाएंगे तो वह भी कुछ नहीं कर पाएगी । क्योंकि भारत के अंदर पुलिस बस नाम की ही रह चुकी है।और एक राज्य की पुलिस दुसरे राज्य की पुलिस को वैसे ही स्पार्ट नहीं करती है। इंटरनेशनल ट्रांजेक्सन  को डिसेबल रखें । और जरूरत पड़ने पर आप इनेबल कर सकते हैं।

‌‌‌Q11.बिना ओटीपी के पैसा कैसे निकालते हैं हैकर ?

Ans- दोस्तों आपको यह जानकर हैरानी हो रही है कि आजकल बहुत सारे फ्राड ऐसे हो रहे हैं कि उनके अंदर बिना ओटीपी के पैसा निकाला जा रहा है। आपको अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में कई इंजिनियर इस तरीके से चोरी के शिकार हो चुके हैं।आमतौर पर इसके लिए हैकर सबसे पहले आपके कार्ड की डिटेल लेते हैं और उसके बाद आपके ओटीपी को ही हैक कर लेते हैं। इसके लिए वे करते यह हैं कि वे या तो आपको खुद ही कॉल करेंगे कि हम बैंक अधिकारी बोल रहे हैं और आपका एटिएम ‌‌‌ बंद हो जाएगा ।इसलिए आप अपने कार्ड का नंबर बताओ और उसके बाद ओटीपी को भी पूछ लेते हैं और आसानी से पैसा निकाल लेते हैं। इस प्रकार के चोरों को पकड़ा जाना बहुत ही कठिन होता है।

‌‌‌दूसरे तरीके के अंदर एक हैकर मैलवेयर का प्रयोग करता है और एक एसएमएस यूजर को भेजता है। जिसके अंदर एक लिंक होती है। उस लिंक पर जब यूजर क्लिक करता है तो उसके मोबाइल के अंदर एक मैलवेयर डाउनलोड हो जाता है उसे पता ही नहीं चल पाता है। और उसके बाद यूजर जो कुछ भी अपने मोबाइल के अंदर करता है उसकी सारी ‌‌‌ जानकारी हैकर के पास पहुंच जाती है। और इस प्रकार से वर्ड कार्ड डिटेल को वे चुरा लेते हैं। और जब ओटीपी उनके मोबाइल पर आता है तो हैकर उसे भी देख लेते हैं।

‌‌‌ओटीपी की सुरक्षा किस प्रकार से कर सकते हैं ?

दोस्तों यदि आप हैकरों के निशाने पर नहीं आना चाहते हैं तो आपको कई बातों का ध्यान रखना होता है। वरना आपकी एक गलती आपके उपर भारी पड़ सकती है। नीचे हम कुछ टिप्स दे रहे हैं। ‌‌‌जिससे आप अपने अकांउट और पैसे की सुरक्षा कर सकते हैं।

‌‌‌अपने मोबाइल नंबर को अपडेट रखें

ओटीपी मोबाइल नंबर पर आता है लेकिन कुछ लोग इतने अधिक लापरवाह हो जाते हैं कि अपने पुराने मोबाइल नंबर को भी अपडेट नहीं करते हैं। हालही मे एक दोस्त का गूगल account ओटीपी से हैक हो गया । उसने अपना मोबाइल नंबर अपडेट नहीं किया था। उसका पुराना मोबाइल नंबर बंद हो चुका था। ‌‌‌तो जिस किसी के पास यह मोबाइल नंबर था। उसने गूगल अकाउंट का पासवर्ड रिसेट कर लिया था।‌‌‌इस प्रकार से मोबाइल नंबर हैक होने के बाद अकाउंट तो हैक होना ही था।

‌‌‌अपना ओटीपी पासवर्ड किसी को ना बताएं

password kya hota hai chack

दोस्तों ओटीपी पासवर्ड केवल खुद के लिए ही होता है।जब आपक कोई ट्रांजेक्सन कर रहे हैं तो आपके मोबाइल पर ओटीपी आता है। और वह आपको किसी को शैयर नहीं करना होता है। बहुत से हैकर कार्ड की डिटेल ले लेते हैं और उसके बाद ओटीपी भी पूछ लेते हैं। उसके बाद आसानी से पैसे ‌‌‌ की चोरी कर लेते हैं।उसके बाद भले ही पुलिस कम्पलेंट आप दर्ज करवाएं । कुछ नहीं होने वाला होता है।

‌‌‌किसी भी फेक लिंक पर क्लिक ना करें

दोस्तों किसी भी फेक लिंक पर आपको क्लिक नहीं करना चाहिए । क्योंकि इसकी वजह से आपके मोबाइल पर एक मालवैयर डाउनलोड हो जाता है और उसके बाद आपको पता ही नहीं चलता है कि यह मालवैयर कब आपके कार्ड की डिटेल को चुरा लेता है और फिर ओटीपी को भी चुरा लेता है। तो ‌‌‌इस प्रकार की किसी भी स्थिति से सावधान रहें तभी आप बचे रह सकते हैं।

‌‌‌सिम गुम होने पर तुरन्त ही उसे बंद करवादें

दोस्तों आजकल कुछ मामले ऐसे भी सामने आएं हैं जिसके अंदर सिम बंद होने के बाद उसी नंबर की सिम  को निकलवा लिया जाता है और उसके बाद उस नंबर का प्रयोग करके ओटोपी और कार्ड की डिटेल को भी किसी भी तरीके से हैक कर लिया जाता है। ‌‌‌इस प्रकार के हैकिंग से भी आपको बचाना होगा ।

otp kya hota hai ? और ओटिपी कितने प्रकार का होता है ?इसके बारे मे हमने इस लेख के अंदर जाना उम्मीद करते हैं कि आपको यह पंसद आया होगा । यदि आपका इस संबंध मे कोई विचार हो तो नीचे कमेंट करें । अपना सवाल भी पूछें ।

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arif khan

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