नमक के प्रकार type of salt in hindi

‌‌‌ नमक कितने प्रकार का होता है namak kitne tarah ka hota hai ? और नमक के उपयोग /नमक के बारे मे हम सभी जानते ही हैं।और हम दैनिक जीवन के अंदर नमक का प्रयोग करते ही रहते हैं।प्रतिदिन साग सब्जी और रोटी के अंदर नमक का प्रयोग किया जाता है जो भोजन के स्वाद को बढ़ा देता है।सोडियम क्लोराइड (NaCl) ही नमक होता है।शुद्ध नमक रंगहीन होता है लेकिन नमक मे लोहामय पदार्थ होने की वजह से इसका रंग लाल और पीला हो सकता है। इसका द्रवणांक 804 डिग्री सें., आपेक्षिक घनत्व 2.16, अपवर्तनांक 10.542 तथा कठोरता 2.5 है।गर्म जल के अंदर यह आसानी से घुल जाता है।

‌‌‌नमक को समुद्र से प्राप्त किया जाता है।दुनिया के अलग अलग भागों के अंदर नमक के विशाल भंडार मौजूद हैं। ईरान, संयुक्त राज्य अमरीका, आनटेरिऔ (कैनाडा), नौवा स्कॉशा, कोलोराडो, उटाह, जर्मनी के अंदर नमक के विशाल भंडार मौजूद हैं।‌‌‌नमक की कई सौ फुट की परते धरातल के नीचे पाई जाती हैं।जिनको खोद कर निकाला जाता है और यूज किया जा सकता है।‌‌‌इसके अलावा नमक की झीलें भी होती हैं जो समुद्र से जुड़ी होती हैं और इनसे भी नमक प्राप्त किया जाता है।

भारत में नमक का द्वितीय स्रोत राजस्थान है। यहां पर सांभर के निकट 90 किलोमिटर के क्षेत्र मे नमक का उत्पादन होता है।यहां पर मिट्टी के अंदर नमक रहता है।यहां पर खारे पानी को क्यारियों के अंदर एकत्रित किया जाता है और जब बहुत अधिक धूप पड़ती है तो नमक बच जाता है व पानी वाष्प बनकर उड़ जाता है।

‌‌‌इस प्रकार से प्राप्त होने वाला नमक अच्छा होता है।हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यहां पर नमक किस प्रकार से आता है ? लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि वर्षा जल के साथ ही नमक यहां पर आता है। और कुछ यहां की मिट्टी के अंदर भी मौजूद है।‌‌‌सांभर झील के अंदर लंबे समय तक खान कार्य जारी है लेकिन अभी तक नमक के उत्पादन के अंदर कमी नहीं आई है।

डिगाना झील तथा दूसरी डिडवाना झील यह दो और स्त्रोत राजस्थान के अंदर ही पड़ते हैं।इसके अलावा समुद्र के खारे जल से भी नमक का उत्पादन होता है। गुजरात प्रदेश के समुद्री तट के काठियावाड़ से दक्षिणी बंबई तक तथा मद्रास (चेन्नई) के तटवर्ती क्षेत्रों में तूतीकोरीन के सीप ज्वार के समय लवणजल का एकत्र कर नमक का उत्पादन होता है। नमक उत्पादन का कार्य मानसून आने से पूर्व की करना शूरू कर दिया जाता है और मानसून आने से पहले ही समाप्त कर दिया जाता है।

‌‌‌समुद्र के जल के अंदर मैग्नीशियम क्लोराइड बड़ी मात्रा में रहता है। और अब कई कार खाने इस प्रकार से स्थापित किये जा चुके हैं कि वे मैग्नीशियम क्लोराइड को एकत्रित करते हैं और उसके बाद उससे नमक का उत्पादन किया जाता है।

‌‌‌इन सबके अलावा कुछ जगहों का जल बहुत अधिक लवणिय होता है। और उस जल के लवण को अलग कर नमक प्राप्त किया जाता है। राजस्थान के भरतपूर के अंदर कुछ ऐसे स्थान हैं जहां पर कुए से जल प्राप्त किया जाता है और उसको वाष्पित करके नमक प्राप्त किया जाता है।

बंबई के बुलडाना जिले की लूनर झील काफी गहरी है और इसके अंदर वर्षा का पानी एकत्रित होता है। और बाद मे यह पानी वाष्प बनकर उड़ जाता है और नमक बच जाता है जिसको बेच दिया जाता है।

‌‌‌खाना मीठा हो या नमकीन हो उसके अंदर नमक आवश्यक होता है। यह भोजन को ना केवल स्वादिष्ट बनाता है। इसके अलावा यह कड़वाहट को दबाने का कार्य भी करता है।वैसे तो सभी प्रकार के नमक समुद्र से ही प्राप्त किये जाते हैं लेकिन ‌‌‌सभी समान नहीं होते हैं । इनका उपयोग अलग अलग उदेश्य के लिए होता है।

नमक कितने प्रकार का होता है  Table Salt

आयोडाइज्ड नमक के नाम से भी इसको जाना जाता है। इसके अंदर छोटे छोटे नमक के दाने होते हैं।इसमें पोटेशियम आयोडाइड और एक एंटी-काकिंग एजेंट होता है।इस प्रकार के नमक का प्रयोग बेकिंग व्यंजनों के अंदर किया जाता है।‌‌‌अक्सर हम घरों के अंदर इसी प्रकार के नमक का प्रयोग करते हैं।रोटी बनाते समय इसी नमक को आटे के अंदर डाला जाता है। और महिन होने की वजह से यह आसानी से आटे मे घुल मिल जाता है।

नमक कितने प्रकार का होता है  Kosher Salt

कुकिंग सॉल्ट , फ्लेक सॉल्ट , सेंधा नमक या कशेरिंग सॉल्ट  से  मिला हुआ नमक है।खाना पकाने के अंदर भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।फ्लोराइड या डेक्सट्रोज़ जैसे धातु या कड़वे-स्वाद वाले योजक की कमी के कारण नमक का शुद्ध स्वाद होता है।मोटे दानेदार नमक का उपयोग सूखी नमकीन बनाने के लिए किया जाता है , जो रसीलापन और स्वाद को बढ़ाता है।कुकवेयर के लिए एक अपघर्षक क्लीनर के रूप मे भी यह नमक काम करता है।तेल के साथ मिश्रित, यह अपने अपघटन को बरकरार रखता है।

कोषेर नमक शब्द का उत्तरी अमेरिका में सामान्य उपयोग हुआ है और यहूदी धार्मिक अभ्यास में इसका उपयोग ड्राई ब्राइनिंग मीट के रूप में किया जाता है, जिसे कशेरिंग के रूप में जाना जाता है।

Himalayan Pink Salt

‌‌‌यह सभी प्रकार के नमकों मे से सबसे बेस्ट नमक होता है।हिमालयी गुलाबी नमक, पाकिस्तान के हिमालयन पर्वत में खबरा नमक खदान  के अंदर मिलता है।यह आसानी से पहचाने योग्य है क्योंकि यह गुलाबी रंग का होता है। इस नमक में मानव शरीर में पाए जाने वाले सभी 84 प्राकृतिक खनिज होते हैं।यह नमक काफी स्वादिष्ट होता है। इस वजह से इसका प्रयोग अनेक प्रकार के व्यंजनों मे किया जाता है।

‌‌‌एक कहावत है कि सिकंदर ने  हिमालय के अंदर नमक की खोज की थी।नमक ज्यादातर खैरा, झेलम जिला , पंजाब, पाकिस्तान में खैरा नमक खदान में खनन किया जाता है। हिमालयन नमक  समुद्री नमक से बहुत अधिक महंगा है।इसका गुलाबी रंग इसकी आशुद्धियों की वजह से होता है।आम टेबल सॉल्ट की तुलना में स्वास्थ्यवर्धक है।

Sea Salt

‌‌‌समुद्र से प्राप्त होने वाले नमक को समुद्री नमक के नाम से जाना जाता है।इसका प्रयोग पाक कला और सौंदर्य के अंदर किया जाता है।बे नमक और सौर नमक इसके दो अन्य नाम भी हैं। समुद्री नमक का उत्पादन प्रागैतिहासिक काल के लिए किया गया है। यह सेंधा नमक की तरह होता है।इसका सेवन करने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। बाजार में व्यावसायिक रूप से उपलब्ध समुद्री नमक प्राक्रतिक समुद्री नमक से काफी भिन्न होता है। इसके अंदर  कैल्शियम, पोटेशियम और क्लोराइड के मैग्नीशियम जैसे तत्व पाये जाते हैं।

समुद्र के पानी में आयन की एकाग्रता मिलीग्राम / लीटर
क्लोराइड18 980
सोडियम10 556
सल्फेट2 649
मैगनीशियम1 262
कैल्शियम400
पोटैशियम380
बिकारबोनिट140
ब्रोमाइड65
borate26
स्ट्रोंटियम13
फ्लोराइड1
सिलिकेट1
योडिद<1
कुल भंग ठोस (टीडीएस)34 483

5 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के मध्य में संकलित एक बौद्ध ग्रंथ विनय पिटक में समुद्री नमक का उल्लेख है ।इसके अंदर यह लिखा गया है कि नमक का उत्पादन करने के लिए पूरी तरह से शुष्क जलवायु का प्रयोग किया जाता है। सौर उर्जा की वजह से पानी भाप बनकर उड़ जाता है और नमक रह जाता है।

‌‌‌कुछ लोगों का यह मानना है कि समुद्री नमक का स्वाद बेहतर होता है और यह टेबल नमक से कहीं ज्यादा अच्छा है। खनिज सामग्री स्वाद को भी प्रभावित करती है। स्वाद और रंग के विभिन्न प्रकार के स्थानीय मिट्टी और शैवाल के कारण होते हैं ।

गुलाबी हिमालयन नमक , प्राचीन इंका हॉट स्प्रिंग्स, या सेंधा नमक ( हलाइट ) से मरास नमक भी समुद्री नमक के अंदर होते हैं जो एक अलग ही प्रकार का स्वाद देते हैं।अध्ययनों में अमेरिका, यूरोप और चीन से समुद्री नमक में कुछ माइक्रोप्लास्टिक संदूषण पाया गया है।समुद्री नमक के अंदर प्रदूषण स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

कोरियाई क्षेत्रों के अंदर समुद्री नमक को बांस नमक के नाम से जाना जाता है। इसको बांस के कंटेनरों के अंदर गर्म करके प्राप्त किया जाता है।‌‌‌गर्म करने से पानी भाप बनकर उड़ जाता है और केवल नमक बच जाता है जिसका उपयोग कर लिया जाता है।

Celtic Grey Sea Salt

फ्रांस के तट पर अटलांटिक ज्वार के तालाबों से काटे गए सेल्टिक समुद्री नमक को सेल ग्रिस के नाम से भी जानते हैं।इसका रंग ग्रे होता है जो नमक के अंदर मिले खनीज पदार्थों की वजह से आता है।इस नमक का प्रयोग मीट और सब्जी के अंदर किया जाता है।

Fleur de sel

‌‌‌यह भी एक प्रकार का नमक होता है। समुद्री जल के उपर एक पतली पपड़ी जम जाती है।फ्लेर डे सेल को प्राचीन काल से एकत्र किया जाता रहा है।इस नमक का प्रयोग स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है।

‌‌‌समुद्री नमक को एकत्रित करने के लिए समुद्र के जल को पहले गड्डों के अंदर खींचा जाता है या दलदल के अंदर खींचते हैं । उसके बाद वहां पर पानी को वाष्पीत होने देते हैं।कुछ नमक क्रिस्टल पानी की सतह पर तैरने लगते हैं, जटिल पिरामिड क्रिस्टल की एक नाजुक परत के गठन  यह फ्लीर डे सेल है।

‌‌‌इसको पारम्परिक तरीकों से भी एकत्रित किया जाता है। इसके अलावा  फ्रांस में, जो मजदूर फ़्लुअर डी सेल इकट्ठा करते हैं, उन्हें पाल्यूडर कहा जाता है ,और वे एक लकड़ी के रेक को काम में लेते हैं, जिसे एक लूज़ ए फेलर कहा जाता है।बोरबोलेट  नामक एक छलनी का प्रयोग करके भी इस नमक को बॉक्स के अंदर डाल दिया ‌‌‌ जाता है।फ़्लूर डे सेल को एकत्रित करने का कार्य महिलाएं करती थी क्योंकि इसके अंदर क्रिस्टल बहुत अधिक नाजुक थे ।

फ्लेर डे सेल केवल तब ही एकत्र किया जा सकता है जब यह बहुत धूप, सूखा और धीमी हवाएं जल रही थी।फ्लेर डी सेल  नमक कभी भी टेबल नमक की तरह शुद्ध नहीं होता है। ग्रे या ऑफ-व्हाइट होता है।यह गुलाबी रंग का होता है।अंडे, मछली, मांस, सब्जियां, चॉकलेट, और कारमेल के स्वाद को बढ़ावा देने के लिए इस नमक का प्रयोग किया जाता है। खाना पकाने के लिए इसका प्रयोग बहुत ही कम किया जाता है।

फ्लीयर डे सेल में सामान्य टेबल नमक की तुलना में अधिक खनिज जटिलता होती है।

खनिजमात्रा
सोडियम क्लोराइड97% (शुष्क पदार्थ में)
नमी6.5%
कैल्शियम0.1%
मैगनीशियम0.4%
पोटैशियम0.2%
लोहा5 मिलीग्राम / किग्रा
Insolubles<0.02%

कनाडा अब वैंकूवर द्वीप से प्रशांत महासागर से उच्च गुणवत्ता वाले फ्लूर डी सेल का उत्पादन कर रहा है।समुद्री जल को गर्म करके नमक को प्राप्त किया जाता है।ब्राजील ने मकाऊ के पारंपरिक नमक-उत्पादक क्षेत्र में 2008 में रियो ग्रांड डो नॉर्ट के राज्य में फ्लोर डे साल का उत्पादन शुरू किया ।

नमक कितने प्रकार का होता है Flake Salt

सेंधा नमक के बारे मे हम सभी जानते ही हैं।इसको सैन्धव नमक, लाहौरी नमक  के नाम से भी जाना जाता है।इसका रंग हल्का नीला, गाढ़ा नीला, जामुनी, गुलाबी, नारंगी, पीला या भूरा  हो सकता है। हाजमे के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह नमक सिंध, पश्चिमी पंजाब के सिन्धु नदी के साथ लगे हुए हिस्सों और ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा के कोहाट ज़िले  के अंदर निकाला जाता है। इसके अलावा खेवड़ा नमक खान के अंदर भी मिलता है।

‌‌‌सेंधा नमक बहुत ही उपयोगी होता है। और इसका दैनिक रूप से उपयोग करने की सलाह दी जाती है।क्योंकि इससे कई प्रकार की बीमारियों को दूर किया जा सकता है।

  • ‌‌‌जैसे मसूड़ों के अंदर खून आने की समस्या को दूर करने के लिए एक चुटकी नमक और त्रिफला पाउडर व नीम पाउडर को मिलाकर कुल्ला करें ।इससे आराम मिलता है।
  • ‌‌‌नींद के चक्र को सही करने मे भी सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता है।क्योंकि आजकल बहुत से लोगों को नींद नहीं आने की समस्या हो रही है।
  • ‌‌‌पाचन से संबंधित विकार को भी सेंधा नमक दूर करता है। आंतो और पेट गैस को बनने से रोकता है व पेट की ऐंठन को कम करने का काम करता है। ‌‌‌पेट के अंदर बनने वाले ऐसिड को कम करने का काम भी यह नमक करता है।
  • ‌‌‌सेंधा नमक का प्रयेाग करने से सांस से संबंधित बीमारियों का ईलाज संभव होता है।

Red Hawaiian Salt

अलाइया नमक , जिसे  हवाईयन लाल नमक के रूप में जाना जाता है।यह एक अपरिष्कृत समुद्री नमक है जिसे आयरन ऑक्साइड से भरपूर ज्वालामुखीय मिट्टी के साथ मिला होता है। ‌‌‌इस नमक का प्रयोग अनेक प्रकार के व्यंजनों के अंदर किया जाता है।इसके अलावा घरों और मंदिरों को शुद्ध करने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। ‌‌‌यह नमक  80 से अधिक खनिजों से बना है और लौह ऑक्साइड से समृद्ध है। ज्वालामुखी हवाई मिट्टी की वजह से इस नमक को एक अलग प्रकार का रंग मिलता है।

Black Hawaiian Salt Black Lava Salt

By FotoosVanRobin – originally posted to Flickr as Black Salt, CC BY-SA 2.0, wiki

‌‌‌भारत के अंदर सेंधा नमक को ही काला नमक कहा जाता है। लेकिन हम यहां पर लावा काला नमक की बात करने वाले हैं।काला लावा नमक सोडियम क्लोराइड, सोडियम बाइसल्फेट, सोडियम सल्फेट, हाइड्रोजन सल्फाइड और आयरन सल्फाइड  इसके अंदर होता है। अब यह दुनिया भर के अंदर अपने स्वाद के लिए काफी लोकप्रिय हो चुका है।हवाईयन नमक नमक के नाम से भी इसको जाना जाता है।काला लावा नमक हवाईयन नमक के नाम से बेचा जाता है। इसके कई सारे स्वास्थ्य लाभ होते हैं।

  • ‌‌‌जिन लोगों को कब्ज की समस्या होती है। उनको काले नमक का सेवन करना चाहिए । इससे कब्ज की समस्या दूर हो जाती है।
  • शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए इस नमक का प्रयोग किया जाता है।कुल मिलाकर यह नमक शरीर को शुद्ध करने का कार्य करता है।
  • ‌‌‌यदि आपके जोड़ों और मांस पेशियों के अंदर दर्द की समस्या है तो काले नमक को एक थेली के अंदर डालें और उसके बाद दर्द वाले स्थान पर नमक से सिकताव करें । ऐसा करने से मांसपेशियों का दर्द दूर हो जाता है।
  • मौसमी फ्लू और एलर्जी और गले की समस्या को यह नमक दूर कर सकता है। गर्म पानी के अंदर यह नमक डालें और उसके बाद  दिन के अंदर दो से तीन बार गरारे करें । ऐसा करने से मुंह और गले के अंदर की समस्या अपने आप दूर हो जाएगी ।
  • ‌‌‌मानसिक क्षमता के उचित विकास के लिए काले नमक का सेवन बेहतर हो सकता है। नमक का सेवन नियमित करना चाहिए । बच्चे के दिमाग के विकास मे नमक का सेवन बहुत ही जरूरी है।
  • गैस्ट्रिक परेशानियों का इलाज करने में काला नमक बहुत ही उपयोगी होता है। धीमी आंच पर सौंफ के बीजों के साथ काला नमक हल्का भून लें। सूजन से छुटकारा पाने के लिए एक गिलास पानी के साथ हर 4 घंटे में एक चुटकी लें।ऐसा करने से पेट से साफ होता है।
  • ‌‌‌मसूड़ों के सूजन और मुंह के कीड़ों का ईलाज करने के लिए काला नमक का प्रयोग किया जाता है।
  • काला लावा नमक रक्त को पतला करके आपके कोलेस्ट्रॉल के उतार-चढ़ाव के स्तर को स्थिर करने में मदद कर सकता है। और रक्तचाप को बनाए रखता है।
  • हड्डियों  को मजबूत करने के लिए भी काले नमक का प्रयोग किया जाता है क्योंकि इसके अंदर कैल्शियम  होता है।

Smoked Salt

स्मोक्ड सॉल्ट एक सुगंधित नमक है जिसे 14 दिनों तक किसी भी चुनिंदा छाल मुक्त लकड़ी के साथ स्मोक्ड किया जाता है।सबसे आम विकल्प एल्डर, सेब की लकड़ी, हिकॉरी, मेसकाइट और ओक हैं।

स्मोक्ड नमक पकवानों के स्वाद को बढ़ाने के लिए प्रयोग मे लिया जाता है।स्मोक्ड नमक धूम्रपान-स्वाद वाले नमक से भिन्न होता है, क्योंकि उत्तरार्द्ध में एक धुआं-स्वादयुक्त योज्य होता है, और इसे प्राकृतिक नमक उत्पाद के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है।

Pickling salt

Pickling salt जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है जो डब्बा बंदी और आचार बनाने मे प्रयोग किया जाता है।यह सोडियम क्लोराइड है, जैसा कि टेबल नमक है, लेकिन टेबल नमक के अधिकांश ब्रांडों के विपरीत, इसमें आयोडीन या कोई भी एंटी केकिंग उत्पाद शामिल नहीं हैं। ‌‌‌यह नमक बहुत ही बारिक होता है और पानी मे घुलना इसके लिए बहुत ही आसान होता है।इसका उपयोग टेबल नमक के स्थान पर किया जा सकता है।इसका उपयोग पॉपकॉर्न नमक के स्थान पर किया जा सकता है। क्योंकि यह अच्छे से चिपक जाता है।

‌‌‌नमक के अंदर पाये जाने वाले खनीज की मात्रा

‌‌‌हर प्रकार के नमक के अंदर अलग अलग मात्रा के अंदर खनीज पाये जाते हैं। इनके बारे मे नीचे एक टेबल के अंदर दिया गया है।


कैल्शियम
पोटैशियममैगनीशियमलोहासोडियम
नमक0.03%0.09%<0.01%<0.01%39.1%
मालदोन नमक0.16%0.08%0.05%<0.01%38.3%
हिमालयन सॉल्ट0.16%0.28%0.1%0.0004%36.8%
केल्टिक नमक0.17%0.16%0.3%0.014%33.8%

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  • ‌‌‌रोम के अंदर जब कोई सेनिक सही से काम नहीं करता था तो उसके लिए कहा जाता था कि वह नमक के लायक नहीं है।
  • एक औसत भारतीय प्रति दिन लगभग 10 ग्राम नमक का उपभोग करता है, जो अनुशंसित मात्रा से दोगुना है।
  • ‌‌‌सन 2012 के अंदर एक अध्ययन के अंदर अलग अलग फूड के अंदर सोडियम की जांच की गई तो पता चला कि पिज्जा और बर्गर के अंदर अधिक सोडियम होता है।
  • ‌‌‌अधिक नमक आपको दुबला बना सकता है। इसलिए सलाद वैगरह के अंदर अधिक नमक छिड़कने से बचना चाहिए ।
  • एक अध्ययन, जिसमें उच्च रक्तचाप के साथ 60 से 80 आयु वर्ग के 975 लोग शामिल थे, ने पाया कि उनके आहार में सोडियम को कम करने से सिरदर्द का खतरा कम हो जाता है।
  • 1960 के दशक में भारत में आयोडीन युक्त  नमक को बढ़ावा देने का कार्य शूरू हुआ था।सन 2013 के अनुमान के अनुसार 200 मील से अधिक भारतिय आज भी आयोडीन की की कमी की समस्या से झूझ रहे हैं।
  • मृत सागर अकेला ही समुद्री जल की तुलना मे 10 गुना अधिक नमकीन है।
  • 2017 की समीक्षा के अनुसार, अपने रक्तचाप को कम करने के लिए नमक के सेवन में कटौती करना एक बेहतर कार्य हो सकता है।

‌‌‌नमक कितने प्रकार के होते हैं ? लेख के अंदर हमने नमक के अलग अलग प्रकार और उनके उपयोग के बारे मे जाना । उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख अच्छा लगा होगा ।यदि आपके मन मे कोई सवाल हो तो आप नीचे कमेंट करके हमे बता सकते हैं।

घर के यूज के लिए कौनसा नमक बेस्ट है ?

जैसा कि हमने आपको उपर बताया कि नमक कई सारे प्रकार के होते हैं। तो लेख के अंत मे हम आपके इस सवाल का जवाब देने का प्रयास करते हैं कि घर के उपयोग के लिए कौनसा नमक सबसे अधिक उपयोगी होता है। तो इसके लिए आप कुछ नमक के प्रकार को चुन सकते हैं। सेंधा नमक (Rock Salt) या हिमालयन नमक (Himalayan Salt)  जैसे नमक घर मे उपयोग के लिए अच्छा है। खास कर यदि घर के अंदर कोई हर्ट का रोगी है , तो उसके लिए यह नमक काफी अधिक फायदेमंद हो सकता है।साधारण नमक (Table Salt)  उन लोगों के लिए अच्छा होता है , जिनके शरीर के अंदर आयोडिन की कमी होती है। वैसे आपको बतादें कि घर के उपयोग के लिए वह नमक सबसे अधिक अच्छा होता है , जोकि आपकी हेल्थ के अनुसार हो । जैसे कि किसी को डॉक्टर कम नमक खाने की सलाह देते हैं , तो उसे कम सोडियम युक्त नमक उपयोगी हो सकता है।

This post was last modified on December 15, 2023

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