तेल की कढ़ाई बांधने के 6 सबसे ताकतवर मंत्र और प्रयोग

तेल कढ़ाई बांधने का मंत्र का प्रयोग अक्सर चमत्कार दिखाने के लिए किया जाता है।आप भी कढ़ाई बांधने के मंत्रों का प्रयोग करके चमत्कार दिखा सकते हैं।दोस्तों तंत्र की दुनिया के अंदर बहुत सारे चमत्कार होते हैं। हम एक ऐसे तांत्रिक को जानते हैं जिनके अंदर इस प्रकार की क्षमता है। एक बार वे किसी शादी के अंदर आये हुए थे और किसी ने उनको ललकार दिया कि तुम इतने बड़े तांत्रिक हो तो इस तेल की कढ़ाई को बांधकर दिखाओ ।

‌‌‌हालांकि उन्होंने पहले तो मना कर दिया कि वे इस प्रकार का कोई काम नहीं करेंगे । चूकिं वे पहुंचे हुए साधु थे तो उनको गुस्सा नहीं आता था। वे खुद मन के उपर शासन करते थे । लेकिन उसके बाद लोगों ने उनको ऐसा करके दिखाने को कहा तो वे मान गए और पता नहीं क्या मंत्र जपे और उसके बाद ‌‌‌कढ़ाई को गर्म किया गया लेकिन वह गर्म नहीं हुई। काफी गर्म करने के बाद भी कुछ नहीं हो रहा था। और सब लोगों ने मान लिया कि यह सच होता है।

दोस्तों कुछ लोग इसका प्रयोग दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए भी कर सकते हैं ,जो सर्वथा गलत है।आप नीचे दिये गए कढ़ाई बांधने के मंत्रों का प्रयोग केवल लोगों ‌‌‌हित के अंदर ही करें तो अच्छा होगा ।

1.तेल कढ़ाई बांधने का मंत्र

‌‌‌इस मंत्र को नवरात्रा से दसहरे तक रोजाना 11 माला का इस मंत्र का जप करना होगा ।7 अगरबति और मिठाई का रोज भोग देना है। और पश्चिम दिसा के अंदर बैठकर यह साधना करनी है।

‌‌‌बन बांधो बन मे दिनि बांधो बांधो कटाधरा तह

था भी तेल तेलाई और था भी बेसंदर छार बन मे

प्लुवीतल ताते तावे जय पार ब्रहमा विष्णु महेश

तीन अचलकेदार देवी देवी कामाक्षा की दुहाई

पानी पंथ होई जाए।।

‌‌‌मंत्र का प्रयोग करने के लिए आप तीन कंकर लें और कंकर पर 7 बार मंत्र मारकर फूंक मारें और फिर कढ़ाई की तरफ फेंक दे बस उसके बाद वह कढ़ाई गर्म नहीं होगी ।

2.तेल कढ़ाई बांधने का अचूक शाबर मंत्र

नीचे दिये गए मंत्र को दिवाली की रात को 1008 बार जप करके सिद्व कर लेना होगा । इसके लिए आसन पर बैठकर मंत्र जप करें । फिर कढ़ाई बांधने के लिए किसी चोराहे से 7 कंकर ले आएं और 7 कंकर पर 7 बार मंत्र जपें और फिर कढ़ाई की तरफ फूंक मारकर फेंक दें ।

ओम् नमो जल बांधू जलवाई बांधू बांधू कुवा वाहीं नौ सो गांव का वीर बुलाऊं बांधे तेल कडाही जती हनुमंत की दुहाई शब्द सांचा पिंड कांचा फूरो मंत्र ईश्वर वाच्चा सत्य नाम आदेश गुरू को ।। 

‌‌‌3.अच्छा कढ़ाई बांधने का मंत्र

‌‌‌दीपावली या होली या ग्रहण काल के समय इस मंत्र को सिद्व कर लेना है।और इसके लिए एक संस्कारित माला लेना है और फिर मंत्र को भोजपत्र पर लिख लेना है। और गणेश की पूजा करने के बाद मंत्र को 21000 बार जप करना है।‌‌‌जब कढ़ाई बांधना हो तो फिर 1 कंकर लें और 7 बार मंत्र पढ़कर कंकर पर फूंक मारें और उस कंकर को कढाई के चूल्हे मे ढालदें बस ।

‌‌‌आग बांधू अंगारा बाधूं 7 लकड़ी के धार बांधू धरती बांधू आकाश बांधू

और जादू मैं चार बांधू नीचे भैरव उपर हनुमान वीराज्जे दोही कामरू कामाक्षा की कढ़ाई सेक ना लागे दुहाई गौरा पार्वती की मेरी भक्ति गुरू की शक्ति ।

‌‌‌4.कढ़ाई बांधने और खोलने का मंत्र

ओम् नमो जल बांधू जलवाई बांधू बांधू कुवा वाहीं नौ सो गांव का वीर बुलाऊं बांधे तेल कडाही जती हनुमंत की दुहाई शब्द सांचा पिंड कांचा फूरो मंत्र ईश्वर वाच्चा सत्य नाम आदेश गुरू को ।। 

इस मंत्र को सिद्व करने के तरीके आपको उपर दिया गया है। उस विधि को देखकर आप इस सिद्व ‌‌‌कर सकते हैं।

‌‌‌अब हम आपको कढ़ाई खोलने के मंत्र के बारे मे भी बतादेते हैं। इस मंत्र को भी आपको सबसे पहले सिद्व करना होगा और आप बिना सिद्व किये इस मंत्र का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। मंत्र को सिद्व करने के लि किसी भी दिवाली होली या ग्रहण के समय का ही प्रयोग करें । इस दौरान मंत्र का 1008 बार जपकरें ।

‌‌‌ओम नमो जल खोलूं जलवायु खोलूं खोलूं कुआ खाई

नौ सो गांव का वीर बुलाउं खोले तेल कड़ाही  जती हनुमंत की दुहाई शब्द सांचा पिंड कांचा फूरो मंत्र ईश्वर वाच्चा सत्य नाम आदेश गुरू को ।। 

‌‌‌5.कढ़ाई बांधने का अचूक मंत्र

दोस्तों इस मंत्र को आपको सबसे पहले नदी के किनारे बैठकर सिद्व करना होगा और रोजाना 11 माला जप करनी होगी और यह 21 दिन तक करना होगा । ‌‌‌आप रोजाना दो लडडू लेकर जाना है और जप पूर्ण हो जाने के बाद नदी मे डालकर आ जाना है। ‌‌‌अब जिस जगह की कढ़ाई बांधनी हो उस जगह से कोई भी कंकड़ उठाएं और उसके उपर 21 बार मंत्र पढ़कर फूंक मारदें । फिर उसको कढ़ाई के नीचे डालदें । और यदि कढ़ाई को खोलना हो तो 7 बार कढ़ाई से कंकर उतारें और खोलने का मंत्र 21 बार पढ़ें और दूर फेंक दें । ‌‌‌अब दलिया बनाकर पशु पक्षियों को खिलादें और नदी के किनारे जाकर उपले पर घी से भोग लगाएं और वरूण देव को प्रणाम करें ।

साबर मन्त्र अग्नि बांधने का

ॐ नमो गुरु को आदेश

जलती बांधू बलती बांधू ,बांधू अगन स्वाई |

हनुमान का अर्का बांधू राम चन्द्र की दुहाई

अग्नि खोलने का मन्त्र

ॐ नमो गुरुको आदेश

जलती खोलू बलती खोलू ,खोलू अगन स्वाई |

हनुमान का अर्का खोलू राम चन्द्र की दुहाई

‌‌‌कढ़ाई बांधना किस तरह से काम करता है ?

दोस्तों कढाई बांधने के मंत्र के अंदर सबसे पहले हमको मंत्र सिद्व करना होता है। और उसके बाद ही हम मंत्र प्रयोग कर सकते हैं। जब हम मंत्र को बार बार बोलते हैं तो आपके द्वारा उच्चारण किया गया मंत्र उस अभिष्ठ शक्ति तक पहुंच जाता है जिसका नाम आप मंत्र के ‌‌‌अंद ले रहे हैं।अब जब आप कंकर मंत्र कर कढ़ाई की तरफ फेंक देते हैं तो कढ़ाई की उष्मा मंत्र के प्रभाव से दूर हटा दी जाती है। आमतौर पर मंत्र से शक्ति का निर्माण हो जाता है। सबकुछ उर्जाओं का तो खेल ही होता है। ‌‌‌यदि आपको कढ़ाई बांधना आता है तो आपको कढ़ाई को खोलना भी आना चाहिए । क्योंकि यदि आप कढ़ाई बांध देंगे और उसे नहीं खोल पाएंगे तो समस्या हो जाएगी । कढ़ाई खोलने का एक आम तरीका यह है कि आप कढ़ाई के नीचे की सारी राख को बाहर निकाल कर दूर फेंक दे ऐसा करने से भी कढ़ाई खुल जाती है।

‌‌‌कढ़ाई बांधने के मंत्रों का प्रयोग आप कहां पर कर सकते हैं ?

वैसे देखा जाए तो इस प्रकार के मंत्रों का कोई उपयोग नहीं है लेकिन आप अपने दोस्तों और घरवालों को चमत्कार दिखाने के लिए इस प्रकार के मंत्रों का प्रयोग कर सकते हैं।  ‌‌‌यदि आप अपने दोस्तों को यह दिखाते हैं कि कढ़ाई गर्म नहीं हो रही है तो वे सचमुच आपको जादुगर मानलेंगे । यह सब केवल जादू दिखाने के लिए किया जाता है। इससे अधिक इनका महत्व नहीं है।

‌‌‌कढ़ाई बांधकर करते हैं तांत्रिक चमत्कार

जैसा कि मैं आपको हर बार यह बताता रहता हूं कि मंत्र कोई चमत्कार नहीं है। यह एक पूरा विज्ञान है और इसकी असली विधियों को छुपाया गया था। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह थी कि कुछ दुष्ट लोग इसका बुरा प्रयोग कर सकते थे ।

‌‌‌कई बार आपने भी देखा होगा कि कुछ तांत्रिक जलती हुई तेल की कढ़ाई के अंदर खुद बैठ जाते हैं और उसके बाद भी उनको आग नहीं लगती है। यह सब इसी मंत्रों का कमाल होता है। इस दौरान उर्जाओं के द्वारा उस कढ़ाई की उर्जा को दूर हटा दिया जाता है मतलब उसकी दिसा मोड़ दी जाती है। ‌‌‌कढ़ाई के आस पास उर्जा होती है लेकिन उस कढ़ाई के अंदर नहीं जा पाती है।

‌‌‌धोखे से बांधी कढ़ाई हुआ बुरा हाल

दोस्तो यह एक सत्य घटना है। एक शादी के अंदर की बात है घरवालों के दुश्मनों ने उस शादी मे कढ़ाई बांधदी अब बेचारे लोग आग जलाने के बाद भी कड़ाई गर्म नहीं हो रही थी । तो इस समाचार को घर के मुख्य लोगों को बताया गया कि किसी ने कढ़ाई तो बांध दी है अब क्या करें ? 

‌‌‌अब किसी के पास इस समस्या का कोई हल था ही नहीं ।अब घरवाले किसी दूसरे तांत्रिक को लेकर आ गए तो उन्हीं की जानकारी मे था।

………. मैं उस आदमी का पता बता सकता हूं जिसने यह कढ़ाई बांधी है।

…….. लेकिन हमे इसका पता नहीं चाहिए । सबसे पहले तो बंधी हुई कढाई खोले और उसके बाद उस तांत्रिक ‌‌‌को दिखाओ की गलत काम करने का नतीजा क्या होता है ?।

‌‌‌उसके बाद उस तांत्रिक ने सबसे पहले तो बंधी हुई कढ़ाई को खोला और फिर पता नहीं उसने क्या किया कि एक व्यक्ति पागल की तरह हरकत करने लगा । हमे लगा की शायद वही व्यक्ति  जिसने कढ़ाई को बांध दिया होगा और अब अपना अंजाम भुगत रहा है।

‌‌‌कुछ ऐसे लोग होते हैं ,जिनको सिद्वियों का काफी घमंड आ जाता है ।यदि आप मंत्रों का प्रयोग करके किसी की कढ़ाई बांध देते हैं तो यह ना सोचिए कि आपको कुछ नहीं होगा । यदि आप गलत कर सकते हैं तो सही करने वाले भी बहुत बैठे हैं। ‌‌‌और ऐसी मानसिकता आपके अंदर छप चुकी है आपको इसका फल जरूर मिलेगा । क्योंकि हम हर पल जो मानसिकता तैयार कर रहे हैं हम उससे चाहकर भी अलग नहीं हो सकते हैं।

‌‌‌जब बांध दिया दुश्मन की कढ़ाई को कहानी

‌‌‌मेरा नाम कालुराम है। मुझे बचपन से ही तंत्र और मंत्र का शौक रहा है। और कई तरह के तंत्र मंत्र मैं करता हूं । मेरे गुरू संयासी हैं और वे ही मुझे इन सब चीजों को सिखाया था। एक किस्सा है जब मैं एक शादी के अंदर गया हुआ था । वहां पर हम लोग ऐसे ही बैठे हुए थे मजाक कर रहे थे । ‌‌‌तभी वहां पर एक घरवाला व्यक्ति आया वह मेरे से बहुत अधिक चिढ़ता था। उसे यह लगता था कि तंत्र मंत्र पाखंड होता है सब बकवास है। वह मेरे पास आया और बोला …..कालुराम तुम बड़े तांत्रिक हो इस कढ़ाई बांध दो और कुछ ऐसा करो की यह गर्म ना हो

मैं बोला यार क्यों फालतू मैं बकवास कर रहा है।

……इसमे ‌‌‌बकवास की क्या बात है।तंत्र मंत्र तो पूरा पाखंड है। और सिवाए पाखंड के कुछ भी नहीं है।

—— ‌‌‌अगर पाखंड नहीं है तो कढ़ाई को गर्म होने से बचालो ।

अब मुझे भी काफी गुस्सा आ गया तो मैंने उससे कहा …ठीक है लेकिन कुछ भी नुकसान होगा उसके जिम्मेदार तुम ही होंगे

……..ठीक है।

‌‌‌और उसके बाद मैंन कुछ कंकर को उठाया और मंत्र जाप किया फिर उस कंकर को भट्ठी के अंदर फेंक मारा । फिर क्या था मैं वहां से उठकर जाने लगा तो वह बोला

……अरे कालूरामजी देखो तो सही ।

…..नहीं फोन कर लेना । अब यहां नहीं रहूंगा । उस लड़के ने फिर मजाक उड़ाया लेकिन मैंने इस पर ‌‌‌कोई ध्यान नहीं दिया और वहां से खिसक गया । उधर कढ़ाई के बंधन की वजह से वह गर्म नहीं हो रही थी। लगभग 15 मिनट भट्टी जली लेकिन तेल गर्म नहीं हो रहा था। तेल को गर्म करने मे वह व्यक्ति भी लगा हुआ था। इसी प्रकार से 30 मिनट बीत गए लेकिन तेल गर्म नहीं हुआ । सब लोग हैरान रह गए ।

‌‌‌लगभग 1 घंटे मेहनत करने के बाद उस लड़के को लगा की बहुत बड़ी गलती हो गई और अब बारात आने वाली है। सब्जी भी नहीं बनी है। मैंरे पास फोन आने लगे लेकिन मैंने उठाना ही बंद कर दिया । मैं आराम से एक दुकान पर बैठा था।

‌‌‌वह लड़का मुझे तलास करता हुआ वहां तक आ पहुंचा और उसके बाद वह बोला …महाराज गलती हो गयी जल्दी चलो …..मैंने बोला ……समय नहीं है। अब तो कहीं ओर जा रहा हूं ।

‌‌‌लेकिन उसके बाद वह मेरे पैरों मे गिर गया और बोला यह सब सच है बारात भुखी जाएगी हमारी बदनामी होगी जल्दी चलो । उसके बाद मैं मान गया और जाकर कड़ाई को खोला।

‌‌‌मेरा यह बताने का मकसद यही है कि हर चीज अपनी जगह पर पॉसिबल होती है। आपके मानने या ना मानने पर सच्चाई नहीं बदलती है। कुछ लोगों मे जानने की औकात नहीं होते और मानना वे चाहते नहीं है। ऐसे लोग मूर्ख ही होते हैं जो खुद के बनाए नकली विचारों मे जीते हैं।

‌‌‌हम उम्मीद करते हैं कि आपको कढ़ाई बांधने के मंत्र अच्छी तरह से समझ मे आएं होंगे । फिर भी यदि आपकी कोई समस्या हो तो आप नीचे कमेंट करें ।

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This post was last modified on July 12, 2021

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    • ‌‌‌यह कई चीजों पर निर्भर करता है। अपने माता पिता की बात को ना टालें तो ही बेहतर होगा हमारा तो यही कहना है बाकी आपकी मर्जी है। शादी ब्याह जैसे फैसले भावनाओं मे नहीं लिए जाते हैं मेरी बहना ।

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