मधुमक्खी का छत्ता लगाना शुभ या अशुभ ? घर में मधुमक्खी का छत्ता लगाना कैसा होता है ?

‌‌‌कैसा होता है घर में मधुमक्खी का छत्ता लगाना शुभ या अशुभ ?और मधुमक्खी का छत्ता शुभ या अशुभ के बारे मे विस्तार से जानेंगे । इसके अलावा शहद के फायदों पर चर्चा करेंगे।

मधुमक्खी के बारे मे आप जानते ही होंगे ।मधुमक्खी एक कीट वर्ग का प्राणी होता है। और यह छता बनाकर रहती है। इसके अंदर एक रानी होती है और कुछ नर होते हैं तो बाकी सब श्रमिक होते हैं। श्रमिक मधु बनाने का कार्य करते हैं। और कई रानी की रक्षा भी करते हैं। इनका छता मोम से बना होता है।मधुमक्खी की 7 प्रजातियां ‌‌‌ और 44 उपप्रजातियां होती हैं।

 ‌‌‌मधुमक्खी शहद को एकत्रित करती हैं। और यह शहद काफी स्वादिष्ट होता है।आयुर्वेद के अंदर इस शहद का प्रयोग कई प्रकार की दवाओं के बनाने मे प्रयोग मे लिया जाता है।

‌‌‌रानी मधुमक्खी के पीछे बहुत सारी मक्खी रहती हैं।एक बार किसी न्यूज के अंदर आया था कि एक गाड़ी के अंदर रानी मधुमक्खी फंस गई थी तो बहुत सारी अन्य मधुमक्खी उस गाड़ी के पीछे हो गई । यह देखकर ड्राइवर काफी हैरान हो गया और अंत मे उसे गाड़ी छोड़कर भागना पड़ा । बाद मे उसे पता चला कि रानी उसकी कार मे ‌‌‌ फंस गई थी।

मधुमक्खी का छत्ता लगाना शुभ या अशुभ

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घर में मधुमक्खी लगाना शुभ है या अशुभ ghar mein madhumakkhi ka chatta lagna

घर में मधुमक्खी लगाना शुभ है या अशुभ ?यह सवाल बहुत से लोगों के मन मे आता है। कारण यह है कि लगभग घर के अंदर आपको मधुमक्खी के छते मिल ही जाएंगे। अब हमारे ही घर को लें तो हमारी पास एक बड़ी जमीन है। और उसके अंदर दो मधुमक्खी के छत्ते आपको मिल जाएंगे ।

‌‌‌लेकिन वे घर के आंगन मे नहीं हैं। वरन आंगन से काफी दूर हैं। वहां पर बच्चे भी नहीं जा सकते हैं। और हमने कभी भी उन छत्तों को निकालने का प्रयास भी किया और शहद भी प्राप्त किया है।

‌‌‌इसके अलावा कई बार शहद को निकालने वाले भी आ जाते हैं ,जो शहद को निकाल कर ले जाते हैं। हांलाकि अब हम उनको अपने घर मे नहीं आने देते हैं।

‌‌‌वैसे आपको बतादें कि घर में मधुमक्खी लगाना अशुभ ही माना जाता है। हालांकि हमने कभी इसकी अशुभता को अनुभव नहीं किया है। लेकिन शायद आपके आंगन के अंदर या किसी मकान के उपर छता है तो यह अशुभ होता है। घर के चारो ओर बनी बाड़ के अंदर मधुमक्खी का छता होना कोई समस्या नहीं करता है।

‌‌‌गरीबी को न्यौता देता है मधुमक्खी का छता

दोस्तों यदि आपके घर के अंदर मधुमक्खी का छता है तो यह गरीबी को न्यौता देता है। इसका मतलब यह है कि आपके घर के अंदर गरीबी आएगी । और आप जो भी कार्य कर रहे हैं उसके अंदर सफलता मिलने के चांस कम हो जाएंगे । ‌‌‌लेकिन यदि आपके घर मे मधुमक्खी का छता है और उसके बाद भी सब कुछ सही चल रहा है तो इसका मतलब यह हो सकता है कि आपके घर मे भगवान की कृपा हो ।

‌‌‌खराब किस्मत

दोस्तों घर के अंदर मधुमक्खी के छते को खराब कीस्मत से जोड़कर भी देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर के अंदर मधुमक्खी का छता होता है। वहां के लोगों की किस्मत काफी खराब रहती है। उनके अधिकतर कार्य असफल होते हैं।

‌‌‌आपका जीवन बिखर सकता है

मधुमक्खी के छते के अंदर अनेक छेद होते हैं। उन्हीं छेद के समान यह आपके जीवन को क्षतविक्षत कर सकता है। इसलिए मधुमक्खी के छते का घर मे होना अशुभ माना जाता है।

‌‌‌मधुमक्खी आपको काट सकती हैं

यदि घर के अंदर मधुमक्खी का छता है तो वह आपको काट भी सकता है। और कई बार बच्चे मधुमक्खी को छेड़ देते हैं। यही कारण है कि वे चिड़ जाती हैं और काट सकती हैं। हमारे घर के अंदर भी कई बार मधुमक्खी हम लोगों को गलती से काट लेती हैं। मधुमक्खी का काटना अशुभ होता है।

‌‌‌घर मे मधुमक्खी के छते से कैसे छूटकारा पा सकते हैं

दोस्तों वैसे यहां पर हम सभी तरीके नहीं बता सकते हैं लेकिन यदि सर्दी की बात करें तो मधुमक्खी से छूटकारा पाना बहुत ही आसान कार्य है। आप मधुमक्खी के छते पर ठंडा पानी डालदें । उसके बाद वे उड़ नहीं पाएंगी और छत्ते को तोड़ कर फेंक सकते हैं। और  ‌‌‌गर्मी के अंदर भी आप ऐसा कर सकते हैं। फ्रीज के अंदर पानी ठंडा करें और उसके बाद मधुमक्खी के छत्ते पर डालदें । लेकिन सावधानी बरतें । और रात को ही यह कार्य करें । यदि आप जरा सी लापरवाही करते हैं तो गर्मी मे यह उ़ड़कर आपको चट कर सकती हैं।

‌‌‌इसके अलावा तीसरा आप्सन आपके पास यह है कि आप किसी मधुमक्खी पालक की मदद ले सकते हैं। क्योंकि जो मधुमक्खी पालक होते हैं उनको छत्ते का काफी अच्छा अनुभव होता है।

‌‌‌वैसे तो घर के अंदर मधुमक्खी का होना अच्छा नहीं है।लेकिन यह ताजा शहद प्राप्त करने की द्रष्टि से काफी अच्छा होता है। कारण यह है कि ताजा शहद आप बाजार से नहीं खरीद सकते हैं। बाजार मे जो शहद मिलता है वह मिलावट के साथ आता है। वह ऑरेजनल नहीं है। शुद्ध शहद तो आप केवल छते से ही प्राप्त कर सकते ‌‌‌ हैं।

‌‌‌मधुमक्खी की प्रजातियां

‌‌‌मधुमक्खी की प्रजातियां

दोस्तों जैसा कि हमने आपको बताया कि मधुमक्खी की कई सारी प्रजातियां होती हैं।इनकी पांच प्रजातियों के अंदर 4 भारत के अंदर पाई जाती हैं। जंतु जगत में मधुमक्खी ‘आर्थोपोडा’ संघ का कीट है

भुनगा या डम्भर (Apis melipona)

‌‌‌यह मधुमक्खी आकार के अंदर सबसे छोटी होती हैं और सबसे कम शहद एकत्रित करने वाली होती हैं लेकिन परागण के मामले मे यह सबसे आगे होती हैं।और इनके द्धारा उत्पादित शहद का स्वाद भी कुछ खट्टा होता है।लेकिन आयुर्वेद के अंदर इनके शहद का बहुत उपयोग किया जाता है।यह दुर्लभ स्थानों से भी शहद को एकत्रित ‌‌‌ करती हैं।

मेलिपोना स्टिंगलेस मधुमक्खियों का एक जीनस है, जो सिनालोआ और तमुलिपास (मेक्सिको) से लेकर तुकूमन और मिनेस (अर्जेंटीना) तक, नियोट्रोपिक्स के गर्म क्षेत्रों में व्यापक है। मेक्सिको में मेलिपोना मधुमक्खियों से शहद का सबसे बड़ा उत्पादक युकाटन राज्य में है। बाकि इन मधुमक्खियों पर भी शोध कार्य चल रहा है।

भंवर या सारंग (Apis dorsata)

एपिस डोरसाटा, विशाल शहद मधुमक्खी, दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया की मधु मक्खी है। यह नेपाल के तराई क्षेत्रो और वनों के अंदर देखने को मिलती है।यह आम तौर पर लगभग 17-20 मिमी (0.7–0.8 इंच) लंबे होते हैं। वैसे तो यह शांत स्वाभाव की होती हैं लेकिन रक्षा के लिए आक्रमक भी हो सकती हैं। ‌‌‌यह अपने छत्ते को उंची चट्टान  और घोसलों के उपर बनाती हैं। इसके अलावा मानव इनका प्रयोग शहद के लिए करता है। अक्सर इनको शहद के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

‌‌‌इन मधुमक्खी को अलग अलग नामों से जाना जाता है।उत्तर भारत के अंदर इनको भंवर कहा जाता है तो दक्षिण भारत मे इनको सारंग कहा जाता है। इसी प्रकार से कुछ जगहों पर इनको मोम मक्खी के नाम से भी जाना जाता है।

‌‌‌इनका छत्ता देखने मे काफी विशाल होता है जोकि छत्ता करीब डेढ़ से पौने दो मीटर तक चौड़ा होता है।और यह अन्य मधुमक्खियों की तुलना मे काफी बड़ा होता है। एक बार छत्ते से 30 किलो तक शहद को प्राप्त किया जा सकता है। ‌‌‌और इनको पालना काफी कठिन होता है क्योंकि यह काफी आक्रमक होती हैं और यदि कोई इनको छेड़ भी देता है तो दूर दूर तक यह उनका पीछा करती हैं और काट कर ही दम लेती हैं। शहद सिर्फ जंगल से ही प्राप्त किया जाता है।

‌‌‌क्योंकि इनके छत्ते से बड़ी मात्रा मे शहद प्राप्त होता है। इस वजह से यह आय का बड़ा स्त्रोत हो सकती हैं लेकिन अपने डंक मारने की क्षमता के कारण यह काफी डेंजर होती हैं।

पोतिंगा या छोटी मधुमक्खी (Apis florea)

बौना मधु मक्खी भी इनको कहा जाता है। यह छोटी प्रजातियां हैं जोकि दक्षिणी ऐशिया की हैं।18 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में पहली बार पहचाना गया।प्राणी विज्ञानी जोहान क्रिश्चियन फैब्रिकियस ने पहली बार 1787 में एपिस फ्लोरिया की पहचान की थी ।

‌‌‌यह छोटी मधुमक्खी होती है जिनके शरीर की लंबाई 7 से 10 मीमी होती है।और इनका रंग लाल व भूरा होता है। यह अक्सर पेड़ पर अपना छत्ता बनाती हैं।यह मधुमक्खी अफ्रीका महाद्वीपों में फैला है और यह आमतौर पर दक्षिण-पूर्व एशिया (थाईलैंड), भारत के पूर्वोत्तर भाग, चीन और मध्य पूर्व के वन क्षेत्रों में देखा जाता है।

‌‌‌यह मधुमक्खी भी अपनी कालौनियों का विस्तार करती हैं। सर्दी के अंदर कालोनियों का आकार कम हो  जाता है। लेकिन जब एक बार युवा रानियां जन्म लेती हैं तो पुरानी रानी घोसले को छोड़ देती हैं ।कौनसी रानी किस प्रकार से रहेगी इसके बारे मे भी तय किया जाता है। इन सब क्रियाओं को कालोनी चक्र के नाम से ‌‌‌जाना जाता है।

. फ्लोरिआ वयस्क मुख्य रूप से शहद और अमृत खाते हैं, लेकिन पराग पर भी चारा खाते हैं। भविष्य की रानियों को शाही जेली खिलाया जाता है

‌‌‌छेड़े जाने पर पोतिंगा मधुमक्खी भी आक्रमक व्यवहार प्रदर्शित करती है।लेकिन छोटे आकार के साथ ही सीमित उड़ान रेंज के लिए यह जानी जाती है।

‌‌‌जब एक रानी मधुमक्खी संबंध बनाती है तो वह कई नर के साथ संपर्क मे आती है।क्लैस्पर अंग की मदद से नर रानी के पैर को पकड़ते हैं और केवल 10 प्रतिशत शुक्राणु ही बच्चों को पैदा कर पाते हैं।

‌‌‌यह मधुमक्खि्यां चींटी से भी अपने छत्ते की रक्षा करती हैं। जब कोई चींटी इनके छत्ते को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करती हैं तो यह उनके मार्ग के अंदर मोम जैसा कुछ पदार्थ बिखेर देती हैं। जिसकी वजह से चींटी वहीं रूक जाती हैं। वे उसको पार करने मे सक्षम नहीं हो पती हैं।

खैरा या भारतीय मौन (Apis cerana indica)

Apis cerana इंडिका , भारतीय शहद मधुमक्खी , एशियाई शहद मधुमक्खी की एक उप-प्रजाति है। यह भारत , पाकिस्तान , नेपाल , म्यांमार , बांग्लादेश , श्रीलंका , थाईलैंड के अंदर देखने को मिलती है। वे आमतौर पर पेड़ के खोखले और मानव निर्मित संरचनाओं में कई कंघी घोंसले का निर्माण करते हैं।

सतकोचवा नाम से भी इन मधुमक्खि्यों को जाना जाता है। इनके छत्ते से कम शहद निकलता है। एक बार मे 2 किलो तक शहद प्राप्त किया जा सकता है। यह कम आक्रमक होती हैं।इसके अलावा इन मधुमक्खि्यों को पेटी के अंदर पालकर साल के अंदर 15 किलो तक शहद प्राप्त किया जा सकता है।

यूरोपियन मधुमक्खी (Apis mellifera)

पश्चिमी मधु मक्खी या यूरोपीय मधु मक्खी की 7 से 12 प्रजातियां पाई जाती हैं।व्यक्तिगत कालोनियों में हजारों मधुमक्खियों का घर हो सकता है। कॉलोनी गतिविधियों को व्यक्तियों के बीच जटिल संचार द्वारा फेरोमोन और नृत्य भाषा दोनों के माध्यम से आयोजित किया जाता है ।

पश्चिमी शहद मधुमक्खी प्रमुख कीटों मे से एक हैं जिनको शहद के लिए पाला जाता है और यह परागण करने मे भी काफी सहायक होती हैं। मानव सहायता के साथ, पश्चिमी शहद मधुमक्खी अब अंटार्कटिका को छोड़कर हर महाद्वीप में रहती है।लेकिन इन मधुमक्खियों से बीमारियों का भी खतरा बना रहता है।

श्रमिक रानी द्वारा उत्पादित महिलाएं हैं जो निषेचित, द्विगुणित अंडे से विकसित होती हैं।श्रमिक मधुमक्यिां सारे कार्य को करती हैं। वे छत्ते की रक्षा से लेकर पराग को एकत्रित करती हैं और अपनी संख्या को बढ़ाने मे काफी मददगार होती हैं।

‌‌‌और यहां पर ड्रोन नर मधुमक्खी को कहा जाता है।इनके पास डंक नहीं होता है। इनका कार्य सिर्फ रानी मधुमक्खी को निषेचित करने का होता है।और एक बार जब ड्रोन मधुमक्खी रानी को निषेचित कर देते हैं तो उसके बाद ड्रोन की मौत हो जाती है क्योंकि निषेचन के अंदर एक घातक  प्रक्रिया की आवश्यकता होती है।

समशीतोष्ण क्षेत्रों में, ड्रोन को आमतौर पर सर्दियों से पहले छत्ते से निकाल दिया जाता है।ठंड और भूखमरी की वजह से उनकी मौत हो जाती है क्योंकि वे चारा नहीं खा सकते हैं और ना ही शहद का उत्पादन कर सकते हैं।

मधुमक्खी के अस्तित्व के लिए फेरोमोन (रासायनिक संचार में शामिल पदार्थ) आवश्यक हैं। पश्चिमी शहद मधुमक्खियां लगभग सभी व्यवहारों के लिए फेरोमोन पर निर्भर हैं। इसकी मदद से वह कई तरह के संकेत दे सकती हैं। जैसे कि कब खाना है और कब संभोग वैरगह करना है ?

  • ‌‌‌सबसे पहले छत्ते के अंदर शहद भर दिया जाता है और उसके बाद कम जगह बचती है । उसके बाद पुरानी रानी कुछ मजदूर मक्खियों के साथ छत्ते को छोड़ देती है और वहां पर एक नई रानी को बनाया जाता है।
  • पुरानी रानी विफल होना शुरू हो जाती है, जिसे माना जाता है कि पूरे हाइव में रानी फेरोमोन में कमी का प्रदर्शन किया जाता है । और उसके बाद उस रानी को मार दिया जाता है।
  • ‌‌‌जब पुरानी रानी की मौत हो जाती है तो इसको आपातकालीन सुपररेड्योर के नाम से जाना जाता है।उसके बाद उपयुक्त आयु सीमा के लार्वा को रानी के रूप मे विकसित करने का प्रयास करते हैं।
  • रानी एक स्वस्थ कॉलोनी में सभी अंडे देती है। अंडा-बिछाने की संख्या और गति को मौसम, संसाधन उपलब्धता और विशिष्ट नस्लीय विशेषताओं द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
  • वसंत और गर्मियों में पैदा होने वाले श्रमिक कड़ी मेहनत करते हैं, और केवल कुछ सप्ताह जिंदा  रहते हैं, लेकिन शरद ऋतु में पैदा होने वाले लोग कोलो क्लस्टर के रूप में कई महीनों तक जीवित रहते हैं।

‌‌‌शहद के फायदे

‌‌‌यदि आप मधुमक्खी पालते हैं तो आप उनसे ताजा शहद प्राप्त कर सकते हैं।शहद पोषक तत्वों से भरपूर होता है और आयुर्वेद के अंदर कई बीमारियों को दूर करने के लिए शहद का प्रयोग किया जाता है।यह कमजोरियों को भी दूर करने मे काफी सक्षम होता है।‌‌‌आपको बतादें कि शहद भी कई प्रकार का होता है।जैसे मुनका शहद ,बकवीट और लैवेंडर आदि ।

‌‌‌आइए सबसे पहले हम शहद के फायदों के बारे मे विस्तार से जान लेते हैं।

तनाव को कम करता है शहद

आजकल हर इंसान तनाव के अंदर है।‌‌‌और कई बार तो यह तनाव इतना अधिक रोद्र रूप धारण कर लेता है कि लोग सुसाइड तक कर लेते हैं। लेकिन रिसर्च यह बताते हैं कि शहद की मदद से आप तनाव को कम कर सकते हैं। शहद मे तनाव को कम करने के गुण मौजूद होते हैं।इसके साथ ही शहद का सेवन आपकी मैमोरी के अंदर भी सुधार कर सकता है।

‌‌‌वजन को घटाने मे मददगार है शहद

दोस्तों कुछ लोगों को बढ़ता हुआ वजन बहुत अधिक परेशान करता है।और वजन घटाने के लिए वह काफी कार्य करते हैं लेकिन सफल नहीं हो पाते हैं।एक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार शहद के अंदर वजन को घटाने के गुण पाये जाते हैं। यह वजन को कम करने मे मदद कर सकता है।रिसर्च के अंदर ‌‌‌ भी इसके सकारात्मक परिणाम दिखाई दिये हैं।

‌‌‌मधुमेह की समस्या को दूर करता है

शहद के अंदर एंटीडायबिटिक और हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं ।यह रक्त के अंदर मौजूद ग्लूकोज के स्तर को कम करने का कार्य करते हैं।चूहों पर किये गए रिसर्च मे यह बात सामने आई है कि शहद मधुमेह के ईलाज मे मदद कर सकता है। लेकिन इसका प्रयोग सोच समझकर ही करना चाहिए ।

‌‌‌अधिक रक्तचाप को सही करने मे उपयोगी

यदि आपको अधिक रक्तचाप की समस्या है तो आप शहद का सेवन कर सकते हैं।रिसर्च मे यह कहा गया है कि शहद मे क्वेरसेटिन  नामक तत्व होता है जो आपकी उच्च रक्तचाप की समस्या को हल कर सकता है।हालांकि यदि आप अन्य कोई दवा ले रहे हैं तो पहले डॉक्टर से संपर्क करें।

‌‌‌घावों मे उपयोगी होता है शहद

‌‌‌घावों मे उपयोगी होता है शहद

दोस्तों शहद जले हुए और घावों के अंदर काफी उपयोगी होता है।रिसर्च के अंदर यह पता चला है कि शहद ना केवल जले हुए घावों को ठीक करता है वरन वह इनको जल्दी से सही करने मे कारगर होता है। शहद मे  एंटी इंफेक्शन, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। जो जली हुई त्वचा को आराम देते हैं ‌‌‌ या जो जलन को कम करने का कार्य करते हैं।

कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है शहद

बढ़ता हुआ कोलेस्ट्रॉल कई तरह की बीमारियों को न्यौता देता है।और यदि हानिकारक कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत बढ़ जाता है। तो हार्ट अटैक जैसी समस्याएं आने लग जाती हैं। शहद के अंदर यह खास प्रकार के गुण पाये जाते हैं जोकि हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता ‌‌‌ है। और ‌‌‌बीमारियों की संभावनाओं को दूर करने मे मददगार होता है।

हड्डियों को मजबूत बनाने मे शहद का प्रयोग

हड्डियों की मजबूती बहुत अधिक आवश्यक है।हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए शहद का प्रयोग किया जा सकता है।क्योंकि शहद के अंदर एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी फिलामेंटरी गुण पाये जाते हैं।यह सब सूजन की समस्या को दूर करने का कार्य करते हैं।ऑस्टियोपोरोसिस जो कि एक ‌‌‌ हडियों से जुड़ा रोग होता है। उसके उपचार मे शहद का प्रयोग किया जा सकता है।‌‌‌हड्डी के बेहतर स्थिति के लिए शहद का सेवन करना काफी कारगर साबित हो सकता है।

‌‌‌रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का कार्य करता है शहद

शरीर के अंदर उचित रोगप्रतिरोधक क्षमता का होना आवश्यक होता है। और यदि रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है तो कई प्रकार की बीमारियां शरीर को घेर लेती हैं।‌‌‌रिसर्च के अनुसार शहद का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता के अंदर तेजी से बढ़ोतरी होती है। यदि आपको लग रहा है कि आपकी रोगप्रतिरोधक क्षमता काफी कम है तो आपको शहद का सेवन करना चाहिए ।‌‌‌आप कुछ समय जब शहद का सेवन करेंगे तो आपको यह अनुभव भी होने लग जाएगा ।सामान्य सर्दी जुकाम के होने की संभावना कम हो जाएगी ।

‌‌‌एनर्जी को बढ़ाता है शहद

शरीर के लिए एनर्जी बहुत ही उपयोगी होती है।और यदि आपके शरीर के पास एनर्जी नहीं है तो आप कुछ कर नहीं पाएंगे । क्योंकि बिना एनर्जी के कुछ नहीं होता है। यदि आप चाहें तो शहद को एक एनर्जी बूस्टर के रूप मे भी प्रयोग मे ले सकते हैं।‌‌‌रिसर्च के अनुसार जब आप कोई व्यायाम वैगरह करते हैं तो ग्लूकोज का सेवन करते हैं लेकिन इसके बजाय आप शहद का भी सेवन कर सकते हैं क्योंकि यह भी आपके शरीर के लिए एनर्जी बुस्टर का काम करता है। अबकी बार आप ट्राई कर सकते हैं।

‌‌‌दमा के इलाज मे उपयोगी होता है शहद

दोस्तों दमा के ईलाज मे शहद काफी उपयोगी होता है।यह खांसी की समस्या और बलगम की समस्या को दूर करने का कार्य करता है।रिसर्च से यह पता चला है कि दमा के इलाज मे शहद काफी उपयोगी साबित हो सकता है।इसके अलावा यह बुखार के अंदर भी काफी उपयोगी होता है।हालांकि इसका ‌‌‌ प्रयोग सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए ।

‌‌‌दांतो और मसूड़ों की समस्याओं को दूर करता है शहद

दोस्तों आजकल गलत खानपान की वजह से दांतों और मसूड़ों मे काफी समस्याएं होने लग जाती हैं।और दांतों के अंदर दर्द होना व दांतों का टूटना सबसे आम समस्याओं मे से एक है।‌‌‌शहद के अंदर एंटीबैक्टीरियल गुण होने की वजह से यह दांतों के अंदर मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को दूर करता है।इसके अलावा शहद टूटने वाले दांतों को रोकता है और मसूड़ों के अंदर के सूजन को भी दूर करने का कार्य करता है।इस प्रकार से शहद आपके दांतों को मजबूत बनाने का कार्य करता है।

‌‌‌कैंसर के लिए फायदे मंद होती है शहद

‌‌‌शहद के अंदर एंटीकैंसर गुण होता है।यह कैंसर के कई प्रकार से बचाने मे मदद कर सकता है।शहद की मदद से कैंसर को बढ़ने से कुछ हद तक रोका जा सकता है।लेकिन शहद कैंसर का पूर्ण इलाज नहीं है। यदि किसी को कैंसर की समस्या है तो फिर उसे इसका जल्दी से जल्दी इलाज करवाना चाहिए क्योंकि कैंसर एक बहुत खतरनाक ‌‌‌ रोग है।

‌‌‌पेट गैस को कम करता है शहद

दोस्तों शहद पेट गैस को कम करने का कार्य करता है। आजकल हर किसी को पेट गैस की समस्या होती है। और पेट खराब हो जाता है। जोकि काफी परेशान करता है।शहद में एंटीऑक्सीडेंट गुण के साथ ही एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जोकि पेट गैस को दूर करने का कार्य करते हैं।यदि आपको पेट गैस ‌‌‌की अधिक समस्या रहती है तो शहद का सेवन आपके लिए काफी उपयोगी साबित हो सकता है।

‌‌‌बालों के लिए फायदेमंद होता है शहद

बालों के लिए भी शहद काफी फायदेमंद होता है।शहद के उपयोग करने से बालों की कई समस्याओं से छूटकारा पाया जा सकता है। इन समस्याओं के अंदर बालों का टूटना ,दोमुंह बाल ,रूसी आदि समस्याओं को दूर करने मे मदद मिलती है।‌‌‌बालों की समस्याओं से छूटकारा पाने के लिए बालों के अंदर शहद को लगाना चाहिए ।

‌‌‌चेहरे को साफ करता है शहद

दोस्तों चेहरे की सफाई के लिए भी शहद काफी उपयोगी साबित हो सकता है।शहद को चेहरे पर लगाने से चेहरे की गंदगी को साफ किया जा सकता है। यह त्वचा के उपर लगाने से त्वचा चमकदार बनती है। और इसको फेसवॉश की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।‌‌‌सिर्फ इतना ही नहीं । शहद त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं को भी दूर करने मे काफी मददगार होता है।

‌‌‌फटे होठों के लिए शहद के फायदे

गर्मी और शर्दी के अंदर कई बार होंठ फट जाते हैं। और फटे होंठ काफी दर्द पैदा करते हैं। शहद इसके अंदर काफी फायदा पहुंचा सकते हैं। होंठों के उपर शहद को लगाएं और उसके बाद कुछ समय तक ऐसे ही रहने दें फटे होंठों से दर्द होना कम हो जाएगा ।

झुर्रियों को दूर करता है शहद

अम्र के साथ चेहरे पर झुर्रियों का आना तय होता है। वैसे झुर्रियां देखने मे बहुत ही बेकार लगती हैं। लेकिन शहद झुर्रियों के लिए काफी उपयोगी होता है। यह त्वचा की बेकार की परत को हटाता है। और नए परत को बनाए रखता है। इस प्रकार से शहद चेहरे की झुर्रियों को कम करने का कार्य ‌‌‌करता है। यदि आपके चेहरे पर झुर्रियों की समस्या है तो आप शहद का प्रयोग कर सकते हैं।यह आपके लिए काफी फायदेमंद होगा ।

‌‌‌मुंहासों को दूर करता है शहद

मुंहासे की समस्या सबसे आम समस्याओं मे से एक है।शहद के अंदर पाया जाने वाला एंटीबैक्टीरिया के गुण के कारण मुंहासों की समस्याओं को दूर किया जा सकता है। आपके चहरे पर जहां पर भी मुंहासे हो वहां शहद को लगाएं । ऐसा करने से मुंहासों से छूटकारा मिल जाएगा ।

‌‌‌अनिंद्रा की समस्या को दूर करता है

कुछ लोगों को नींद बहुत ही कम आती है।यदि आपको भी कम नींद की समस्या है तो आप शहद का सेवन कर सकते हैं। शहद काफी फायदेमंद होता है। रात को सोते समय थोड़ा शहद लें । और उसके बाद सो जाएं । यह स्लीपिंग हार्मोन को बड़ी मात्रा मे स्त्रावित करने मे मदद करता है।‌‌‌जिसकी वजह से अच्छी नींद आती है।इसके अलावा यदि आपके घर के अंदर दूध है तो दूध के साथ भी आप शहद का सेवन कर सकते हैं।

‌‌‌सिरदर्द को दूर करता है शहद

जिन लोगों को सिरदर्द की समस्या रहती है उनके लिए शहद काफी फायदेमंद होता है।यदि आपको सिर दर्द की समस्या रहती है तो शहद का सेवन रात को सोते वक्त करें । यह आपके सिरदर्द को आसानी से दूर करदेगा ।वैज्ञानिक रिसर्च मे भी यह बात सामने आई है कि शहद सिरदर्द को दूर करता ‌‌‌ है।

‌‌‌थकान को दूर करता है शहद

दोस्तों शहद थकान को दूर करने मे काफी उपयोगी साबित होता है।लंबे समय तक कार्य करने से मांसपेशियों के अंदर खींचाव होता है। और इसकी वजह से थकान हो जाती है। यदि आपको भी थकान की समस्या है तो रात को साते समय एक गिलास दूध के साथ शहद का सेवन करें। यह आपकी थकान को एकदम से ‌‌‌ दूर कर देगा ।

‌‌‌शहद  आपके खून के लिए फायदेमंद होता है।

यदि आप शहद का सेवन गुनगुने पानी के साथ करते हैं तो यह आपके शरीर मे लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या को बढ़ाने का काम करता है। आपके शरीर मे हिमोग्लोबिन का स्तर मजबूत होता है।आपको पता ही होगा कि एनिमिया खून की कमी की वजह से होता है।‌‌‌आयरन की कमी तब आती है जब लौह तत्व की मात्रा को कम मात्रा मे ग्रहण किया जाता है।‌‌‌इसकी वजह से ऑक्सीजन के ले जाने की क्षमता भी प्रभावित होती है।जिसकी वजह से जल्दी सांस फूल जाता है और थकावट होने लग जाती है।

‌‌‌योग करने वालों के लिए शहद अच्छा है

जो योग करते हैं या जो योगी हैं उनके लिए शहद काफी अच्छा होता है।इसका नियमित सेवन करने से शरीर के अंदर जीवंतता आती है।सुबह गुनगुने पानी के अंदर शहद को मिलाना चाहिए और उसके बाद इसको पीना चाहिए । यह काफी फायदेमंद होता है।

‌‌‌खांसी को दूर करने के लिए शहद

‌‌‌खांसी को दूर करने के लिए शहद

सर्दी जुकाम सबसे आम समस्याओं मे से एक है।यदि आपको भी सर्दी जुकाम की समस्या रहती है तो आप शहद का प्रयोग कर सकते हैं।

काली मिर्च के 10 दानों को कूट लें और इसके अंदर एक चम्मच शहद मिलाकर रखदें । उसके बाद इसके अंदर हल्दी मिलाकर रखदें। और सुबह इसका सेवन करें ।‌‌‌यह खांसी के  अंदर काफी फायदेमंद होता है।

‌‌‌यदि आपको खांसी जुकाम की समस्या है तो आप यह प्रयोग भी कर सकते हैं।नीम की कुछ कोमल पतियों को कूटें और उसके बाद इसकी एक गोली बनाएं और रात के अंदर शहद मे डूबों कर रखदें । उसके बाद सुबह इसका सेवन करलें । एक घंटा तक दूसरे किसी भी तरह का खाना ना खाएं ।‌‌‌उसके बाद नीम आपके पूरे शरीर के अंदर फैल जाएगा ।यह अन्य खाने पीने से होने वाली एलर्जी को भी दूर करने मे मददगार होता है।

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मधुमक्खी का छत्ता के साथ क्या नहीं करना चाहिए

दोस्तों यदि हम मधुमक्खी के छत्ते के बारे मे बात करें तो आपको बतादें कि आपको कभी इसके साथ छेड़खानी नहीं करनी चाहिए । आप इस बात को समझ सकते हैं। यदि आप मधुमक्खी के साथ छेड़खानी करते हैं तो यह आपको काट सकती है। असल मे यदि घर के अंदर बड़ा ‌‌‌मधुमक्खी का छत्ता है तो आपको भूलकर भी छेड़खानी नहीं करनी चाहिए । और यदि एक बार यह बहुत सारे आपके उपर हमला कर देती हैं तो उसके बाद आपकी मौत तय है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । अक्सर कुछ जगहों पर मधुमक्खी के बहुत ही बड़े छत्ते होते हैं तो ‌‌‌ उनको तो भूलकर भी नहीं छेड़ना चाहिए । वरना आपको काफी भयंकर नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌यदि आपको नहीं पता है कि मधुमक्खी को किस तरह से भगाना है तो आपको किसी जानकार से मिलना चाहिए । और वह आपके लिए काम करेगा । इसके अलावा गांव और शहर के अंदर कुछ शहद को निकालने वाले भी आते हैं । आप उनकी मदद ले सकते हैं। ‌‌‌और उनकी मदद से आप मधुमक्खी को काफी आसानी से भगा सकते हैं।

ग्रेटर नोएडा के जेवर इलाके में मधुमक्खियों के काटने से एक शख्स की मौत का मामला सामने आया है । यहां पर बताया गया है कि एक बड़ा सा मधुमक्खी का छत्ता था और जब खेत के अंदर लोग काम कर रहे थे तो गलती से उस छत्ते को टच कर दिया गया । जिसकी वजह से मधुमक्खी को काफी अधिक गुस्सा आ गया और उसके बाद ‌‌‌क्या था मधुमक्खी ने उस इंसान पर हमला बोल दिया और एक साथ बहुत सारी मधुमक्खी उसके उपर टूट पड़ी । पास ही काम कर रहा उस इंसान का बेटा उसे बचाने के लिए आया तो उसके उपर भी मधुमक्खी ने हमला कर दिया । इस तरह से आस पास के जो भी लोग आए उनको घायल कर दिया गया ।

‌‌‌और आपको बतादें कि मधुमक्खी के इस हमले के अंदर एक इंसान की मौत भी हो चुकी है। तो दोस्तों यह तो सिर्फ एक घटना है इस तरह की बहुत सारी घटनाएं प्रकाश के अंदर आती रहती है। इसलिए यदि आपके घर के अंदर मधुमक्खी का छता है तो आपको सावधानी बरतनी होगी । वरना यह आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसके बारे मे ‌‌‌ आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। उनको यदि आप छेड़ते नहीं हैं तो आप उनके आस पास के आसानी से जा सकते हैं। वे आपके उपर हमला नहीं करेंगी । लेकिन यदि आप उनको छेड़ देते हैं तो फिर वे आपको छोड़ेंगी नहीं ।

‌‌‌आपके बच्चों को गहरी नींद मे सुलाने मे मददगार होता है

यदि आपका बच्चा बडा है और उसको नींद नहीं आती है तो शहद उसको गहरी नींद के अंदर सुलाने मे काफी कारगार होता है। रात को सोते समय बच्चे को शहद को दे । एक चम्मच शहद दूध के साथ दे सकते हैं। इससे बच्चो को आसानी से अधिक नींद आएगी ।

  • ‌‌‌जिस शहद का गहरा रंग होता है वह अधिक एंटीऑक्सीडेंट होता है।
  • एक साल से कम उम्र के बच्चे को शहद नहीं दिया जाना चाहिए ।क्योंकि शहद के अंदर कुछ खास किस्म के जीवाणू हो सकते हैं जो बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • ‌‌‌जिन रोगियों को मधुमेह की समस्या है उनको शहद और चीनी का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि यह दोनेा ही रक्त मे शर्करा के स्तर को बढ़ाने का कार्य करते हैं।
  • मिस्र के प्राचीन शहर थेब्स में फेरों की कब्रों में और तूतनखामन की कब्र में शहद के सीलबंद जार मिले हैं।हालांकि यह पता नहीं चल पाया कि इनका यूज क्या था ?

    घर में मधुमक्खी लगाना शुभ है या अशुभ लेख के अंदर हमने मधुमक्खी के बारे मे और शहद के बारे मे विस्तार से जाना शहद के फायदे के बारे मे जाना उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा यदि आपका इस संबंध मे कोई विचार होगा तो आप कमेंट करें ।

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    arif khan

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