geeta shabd roop गीता के शब्द रूप के बारे मे जानकारी

geeta shabd roop गीता के शब्द रूप के बारे मे हम आपको बताने वाले हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा । दोस्तों इसकी लिस्ट हम आपको दे रहे हैं। यदि आपको यह पसंद आता है तो फिर अच्छा है और आपके सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे ।

geeta shabd roop गीता के शब्द रूप के बारे मे जानकारी

विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमागीतागीतेगीताः
द्वितीयागीताम्गीतेगीताः
तृतीयागीतयागीताभ्याम्गीताभिः
चतुर्थीगीतायैगीताभ्याम्गीताभ्यः
पंचमीगीतायाःगीताभ्याम्गीताभ्यः
षष्ठीगीतायाःगीतयोःगीतानाम्
सप्तमीगीतायाम्गीतयोःगीतासु
सम्बोधनहे गीते!हे गीते!हे गीताः!

‌‌‌दोस्तों आपको बतादें कि गीता का मतलब एक प्रकार से उपदेश को हम कह सकते हैं। इस उपदेश का मतलब होता है जैसे कि भगवान कृष्ण ने महाभारत के अंदर कुछ उपदेश दिया था उस ग्रंथ को गीता के नाम से जाना जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा । ‌‌‌इस संबंध मे हम आपको एक प्रकार की कहानी सुनाते हैं। और इस कहानी के अंदर हम अपने जीवन के अर्थ को समझने का प्रयास करते हैं। आइए जानते हैं। इसके बारे मे जानते हैं।

geeta shabd roop

‌‌‌प्राचीन काल की बात है। एक गांव के अंदर एक गीता नाम की महिला रहती थी । और वह महिला वैसे काफी अच्छे स्वाभाव की महिला थी । आपको बतादें कि वह महिला वैसे काफी कम पढ़ी लिखी थी। लेकिन एक अच्छी महिला थी । जिसकी वजह से उसको हर कोई पसंद करते थे । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । वैसे भी जो ‌‌‌इंसान काफी अच्छा होता है उसको हर कोई पसंद करता ही है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । अक्सर उसके जीवन के अंदर काफी अधिक दुख दर्द रहता था । और रोग तो उसके शरीर पर हमेशा से ही लगे ही रहते थे । जिसकी वजह से उसे कई बार रोना तक आ जाता था । लेकिन उसे यह समझ नहीं आ रहा है कि यह उसको यह समस्या ‌‌‌किस वजह से से हो रही है। लेकिन वह सारी समस्या को झेल लेती थी। अंदर से वह काफी कठोर महिला थी। लेकिन आपको पता ही है कि जब दुख आता है तो कठोर से कठोर इंसान भी पिघल जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌काफी सालों तक वह दुख दर्द को झेलती रही । और अंत मे हर इंसान को टूटना ही होता है। उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि उसके साथ ऐसा क्यों हो रहा है ? उसने आज तक अपने जीवन के अंदर सुख नहीं देखा था ।

‌‌‌और इतने अधिक दुख होने की वजह से वह काफी अधिक परेशान रहने लगी । उसे यह पता नहीं चल रहा था कि वह यहां पर पैदा ही क्यों हूई । उसके बाद एक दिन वह यूं ही खेती की तरफ उदास हो कर जा रही थी कि तभी उसे एक बाबाजी दिखाई दिये और जोकि एक पेड़ के नीचे ध्यान के अंदर बैठे थे । महिला ने सोचा कि क्यों ‌‌‌ ना उस बाबाजी के पास जाया जाए और उसके बाद वह उस बाबाजी के पास गया और फिर उनके पैरों के अंदर गिर गई । बाबाजी ने आंख खोली और कहा ……..बाई बोलो कैसे आना हुआ ?

……महाराज मुझे बहुत बड़ा दुख है और आप ही मेरे लिए भगवान हैं। आप मेरे दुखों का अंत कर दिजिए आज तक किसी का भी मैने बुरा नहीं किया है।

‌‌‌इसकी वजह से काफी अधिक परेशान हो रही हूं । आपको इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । खैर उसके बाद बाबाजी ने कहा उठ बैठी तुम्हारे पिछले जन्म के कर्मों की वजह से तुम्हे बहुत अधिक दुख भोगना पड़ रहा है। इसकी वजह से यह सब देखना पड़ रहा है।

‌‌‌अब तक तो तुमने बहुत सारे दुख दर्द को झेला है लेकिन अब कोई चिंता की बात नहीं है। सब कुछ सही हो जाएगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और उसके बाद बाबाजी ने कहा कि एक मंत्र तुम्हें बताता हूं । और उसके बाद बाबाजी ने उस महिला को राम नाम का जाप करने को कहा और कहा कि राम ही सब कुछ है।

‌‌‌और असल मे यह जन्म ही हर दुख का कारण है। यदि कोई इंसान इस शरीर को धारण करता है तो उसके बाद उसके जीवन के अंदर दुख ही दुख शूरू हो जाता है। जन्म मरण का जो चक्र है उसके अंदर यदि कोई फंसा हुआ है तो उसके जीवन के अंदर सब कुछ दुख ही दुख होगा ।

‌‌‌यदि आपको जन्म और मरण के चक्र से छुटकारा पाना है तो उसके बाद ही दुख से छूटकारा मिल सकता है। यदि आप जन्म और मरण के चक्र से निकलने का प्रयास करती हैं तो हो सकता है कि आपको इसके लिए सफलता मिल जाए । आपको प्रयास तो करना ही चाहिए ।

‌‌‌बहुत से लोगों को लगता है कि इस जन्म का कोई मकसद होता है असल मे भगवान के जन्म लेने का कोई मकसद होता है। हमारा मकसद सिर्फ वासना होती है और वासना को पूरा कभी भी नहीं किया जा सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आप वासना को पूरा करने के लिए जन्म लेते हैं तो ‌‌‌फिर आप इस जन्म और मरण के चक्र को नहीं रोक सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । मतलब यही है कि आप अपने जन्म और मरण के चक्र को तभी रोक सकते हैं जब आप अपनी वासना को रोकने मे सक्षम होते हैं। यदि आप अपनी वासना को रोकने मे सक्षम नहीं हैं तो उसके बाद आप अपने जन्म और मरण के चक्र को नहीं ‌‌‌ रोक सकते हैं।

यदि आपको जन्म और मरण के चक्र को रोकना है तो उसके बाद आपको अपनी वासना को रोकना होगा तभी आप अपने जन्म और मरण के चक्र को रोक सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा । और यह सब एकदम से होने वाली चीज नहीं है। ‌‌‌आपको इसके लिए लगातार प्रयास करना होगा । यदि आप लगातार प्रयास करते हैं तो उसके बाद ही आपके लिए सही होगा । सकता है।  यदि आप लगातार प्रयास नहीं करते हैं तो उसके बाद आपका कुछ नहीं हो सकता है। आप इस जन्म और मरण के चक्र मे फंसे रहेंगे । और बार बार आपको बुरा हाल होता रहेगा । इसका कारण आप खुद ही हैं ‌‌‌आपके दुख का कारण कोई देवता या फिर भगवान नहीं है। आप इस बात को समझ सकते हैं इसका कारण आप खुद ही हैं। आपको अपने आपको सुधारना होगा तभी आपके लिए सही होगा

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।