नकारात्मक सोच के 6 बड़े फायदों के बारे मे भी जानिये

हमारी सभी की वैसे यह ‌‌‌कोशिश होती है कि हम कभी भी लाईफ के अंदर नकारात्मक हों यानि हम चाहते हैं कि हमारे दिमाग के अंदर नकारात्मक विचार आना ही बंद  हो जाये हम सदैव सकारात्मक सोचते रहें

सबसे पहले हमे नकारात्मक सोच को समझ लेना होगा नकारात्मक सोच का मतलब है हमारे मन के अंदर कुछ ऐसे विचार जो कि हमे किसी काम को करने से रोकते हैं। और कहते हैं कि यह काम आप नहीं कर सकते या यह कुछ ऐसे विचार होते हैं जो हमारी हिम्मत तोड़ देते हैं। या कुछ ऐसे विचार जो कई बार किसी काम को अधिक से अधिक करने को प्रेरित करते हैं।

यदि आप इस ‌‌‌परिभाषा को नहीं समझे तो नीचे के उदाहरण देखें
एक बार आप कल्पना किजिये की दुनिया के अंदर नकारात्मक सोच होती ही नही तो क्या होता यदि आप कुछ सोच पा रहे हैं तो अच्छा है पर यदि आप नहीं पता लगा पाये कि दुनिया के अंदर नकारात्मक सोच नहीं होती तो क्या होता तो नीचे के सरल उदाहरण पढ़े
1 . कल्पना किजिये की आप किसी गली से गुजर रहे हैं और अचानक एक ‌‌‌शेर आपके सामने जाता है। किंतु आप उससे डरेंगें नहीं क्योंकि आपके अंदर नकारात्मक सोच नहीं है। आप केवल इस वक्त यह सोच रहे हैं कि ‌‌‌शेर मुझे नहीं खायेगा चूंकि आपके अंदर नकारात्मक सोच नहीं होने से आप घबराएंगे भी नहीं
अब अचानक ‌‌‌शेर ने आप पर हमला बोल दिया अब आप क्या करेंगें? क्या आपकी सकारात्मक सोच आपको बचापायेगी ? नहीं आपकी सकारात्मक सोच आप को नहीं बचा सकती यहां पर आपकी नकारात्मक सोच ही आपको काम आएगी वो आपके अंदर नहीं है तो आप मारे जायेंगे। अब यह बात एक पल के लिये पूरी दूनिया पर लागू करकें देखें तो आप पायेगे कि नकारात्मक सोच से इन्सान जिंदा है।
‌‌‌इसलिये यह बात दिमाग से निकाल दें कि नकारात्मक सोच सिर्फ बेकार होती है। यह बहुत बार हमे प्रेरित भी करती है। जैसे
2 यदि एक स्टूडेंट के दिमाग से यह बात हटा दी जाये िकवह फैल होगा तो वह एकदम से पढ़ना भी कम करदेगा लोग किसी काम को क्यों करते हैं? केवल नकारात्मक परिणामों से बचने के लिये ही करते हैं।
यानि आप अधिकतर कार्य सिर्फ नकारात्मक सोच की वजह से ही करते हो और नकारात्मक सोच नहीं होगी तो एक चपरासी भी अधिकारी के सर पर बैठ जायेगा और सारा सिस्टम खराब हो जायेगा
3. एक पत्नी के दिमाग मे से यह विचार खत्म कर दिया जाये यदि किसी के साथ संबंध बना ले तो उसका पति उसे कुछ नहीं कहेगा एक तरह से उसके मन मे अपने पति से जुड़े नकारात्मक विचार को समाप्त कर दिया जाये तो अवैध अफैयर के रंगीले खेल आपको देखने को मिलेंगें
4 यदि एक पुलिस ‌‌‌अफसर के दिमाग से इस विचार को हटा दिया जाये कि ‌‌‌रिश्वत लेने से उसके विरूद्व कार्यवाही होगी तो वह ‌‌‌रिश्वत का घिनौना खेल खेलने लगेगा
दोस्तों कोई भी इंसान उसी तरह से काम करता है जिस तरह से nature ने उसको कुछ रूल दिये हैं।
इस बात को समझाने का यह मकसद नहीं है कि आप केवल अपने दिमाग के अंदर नकारात्मक सोच को ही महत्वदेने लगें मेरे कहने का मतलब है। अपने दिमाग के अंदर नकारात्मक और सकारात्मक सोच का संतुलन कायम करके रखो तभी सही होगा और वैसे किसी भी चीज की अति तो खतरनाख ही होती है।
आपको जानना चाहिये कि नकारात्मक सोच के फायदे

1.नकारात्मक सोच आपको प्रेरित करती है।

 
केवल सकारात्मक सोच ही आपको आगे बढ़ने के लिये ही प्रेरित नहीं करते हैं। नकारात्मक सोच भी आपको प्रेरित करती है। किंतु नकारात्मक सोच की मात्रा पर यह निर्भर करता है कि आपको यह प्रेरित करेगी या आपकी हिम्मत तोड़ देगी यदि नकारात्मक सोच कम है तो आपको यह काम करने के लिये प्रेरित करेगी किंतु यदि आपकी नकारात्मक सोच आपकी सकारात्मक सोच पर हावी होगयी है तो यह आपको प्रेरित नहीं करेगी सो अपनी नकारात्मक सोच को सकारात्मक सोच पर हावी नहीं होने दें।
 
यदि आपने गौर किया है तो कुछ लड़के नकारात्मक सोच की वजह से और अधिक पढ़ते है। उनको इस बात का डर बना रहता है कि यदि वे नहीं पढ़े तो ‌‌‌निश्चय ही फैल हो जायेंगें।
‌‌‌अपनी नकारात्मक सोच का इस प्रकार से प्रयोग करें  िक आपको प्रेरित करे की आपकी ‌‌‌हिम्मत को कमजोर करे
 

2.नकारात्मक सोच का डर इंसान को एक सीमा के अंदर रखता है।

 
इंसान हो या जानवर सीमा सबके लिये होती है। यदि किसी इंसान के मन मे नकारात्मक सोच नहीं होगी तो वह सभी सीमाओं को तोड़ देगा और वह एक दानव बन जायेगा नकारात्मक सोच की वजह से इंसान एक सीमा के अंदर रहता है। इसी नकारात्मक सोच की वजह से पति पत्नी के बीच ‌‌‌रिश्ता अच्छारहता है। एक स्टूडेंट टीचर के बीच संबध अच्छे रहते हैं। एक व्यक्ति अपराध करने  से बचता है। एक बार सोचो नकारात्मक सोच नहीं होती तो इन सब के उल्टा होता मार काट रेप डकैती सब तरफ होने लग जाते सरकार के कानून भी तभी प्रभावी होते हैं जिनके पास नकारात्मक सोच होती है। एक आतंकवादी के लिये काई कानून प्रभावी नहीं होता है। क्योंकि उसके दिमाग के अंदर मौत का डर समाप्त हो जाता है।
 

3.नकारात्मक सोच की वजह से इंसान अपनी गलतियों से सीखता है।

 
यदि आपके पास नकारात्मक सोच नहीं है तो इसका मतलब है। आप अपनी गलतियों से नहीं सीख सकते और जबतक गलतियों से नहीं सीखेंगे लाईफ के अंदर सक्सेस नहीं हो सकते यदि एक बच्चा यह सोचना बंद कर दे कि उसने जो किया है। वो सही नहीं है तो वह गलत करता जायेगा किंतु उसे सही मानता रहेगा अब आप ही बताइए यदि ऐसा होता रहा तो बच्चा क्या अपनी जिंदगी मे कभी आगे बढ़ेगा यकिनन नहीं वह अपनी लाईफ मे आगे नहीं बढ़ सकता अपनी हर गलतियों से सीखने मे आपकी नकारात्मक सोच भी मदद करती है।
 

4.दुनिया का विकास ही रूक जायेगा

 
दोस्तों हो सकता है यह बात आपको अजीब लगे कि दुनिया का विकास केवल नकारात्मक सोच के नहीं होने से रूक जायेगा पर यह सही है। कोई व्यक्ति जब गलत सोचेगा ही नही ंतो वह सही कैसे कर पायेगा यदि मैं कहूं कि किसी चीज का आविष्कार करने वाला यदि बार बार अपने आविष्कार पर संदेह नहीं करेगा तो वह सही आविष्कार कर ही नहीं सकता दुनिया के अंदर नई नई चीजे आना ही बंद हो जायेगी तो दुनिया का विकास तो अपने आप ही रूक जायेगा सो आपकी नकारात्मक सोच भी विकास मे मदद करती है।
 

5.आपके बिजनेस को खड़ा करने मे भी नकारात्मक सोच मदद करती है।

 
यह बात सच है कि हमारे दिमाग मे एक नहीं कई हजार नकारात्मक सोच होती हैं। वो किसी किसी तरह से हमारी मदद करती है। आप का बिजनेस भी बिना नकारात्मक सोच के ‌‌‌बिना खड़ा नहीं हो सकता नकारात्मक सोच के आधार पर आप यह आसानी से तय कर सकते हैं कि बिजनेस मे कितनी पूंजी लगानी है कहां पर बिजनेस करना है। आदि यदि आपके पास कोई नकारात्मक सोच नहीं होगी तो आप यह सब सही निर्णय नहीं ले सकते
 

6.नकारात्मक सोच की वजह से हम ‌‌‌हमेशा बेहतर करने का प्रयास करते हैं।

 
यदि एक फिल्म बानाने वाले व्यक्ति के दिमाग से एक डिजायनर के दिमाग से और एक गायेग के दिमाग से नकारात्मक सोच को हटा दिया जाये तो फिल्म मेकर की बनाई फिल्म को कोई नहीं देखेगा गायक का गाया गाना कोई नहीं सुनेगा और डिजायनकर की डिजायन कचरे मे फेंकने के लायक होगी
 

Conclusion

 
दोस्तों सब काम ही नकारात्मक सोच से होता है। यानि दुनिया के अधिकतर काम के अंदर नकारात्मक सोच की ‌‌‌आवश्यकता होती है। सोच चाहे नकारात्मक हो या सकारात्मक दोनों मे से कोई भी बुरी नहीं है बस बुरी है तो उनमेसे किसी की अधिकता यदि सकारात्मक सोच ‌‌‌आप अधिक रखते हैं कई बार आपने देखा होगा जब कोई व्यक्ति इस विचार को दिमाग के अंदर पाल लेता है कि उसका ‌‌‌शत्रू उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता यानि ‌‌‌आवश्यकता से अधिक सकारात्मक हो जाना ऐसी दसा के अंदर उसका ‌‌‌शत्रू उसे ही मार देता है। यहां पर सकारात्मक सोच रखने वाले का कत्ल हो गया और दोनों को मिलाकर चलने वाला जीत गया।
 
 
मेरे कहने का अर्थ है सकारात्मक और नकारात्मक सोच दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं जिनको अलग अलग नहीं किया जा सकता

This post was last modified on March 10, 2024

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