तड़ित चालक क्या होता है? lightning conductor working principle

दोस्तों आपने तड़ित चालक tadit chalak kya hota hai का नाम आवश्य सुना होगा । और आपने देखा होगा कि उंची उंची बिल्डिंग पर बिजली गिरने से होने वाले नुकसान से बचने के लिए तड़ित चालक का प्रयोग किया जाता है। ‌‌‌यह करता यह है कि जब इन जगह पर आकाशिय बिजली गिरती है तो यह उस बिजली को जमीन के अंदर ले जाता है जिससे किसी भी प्रकार की जान माल की हानि नहीं होती है। यदि आपके गांव के अंदर मोबाइल टॉवर हो तो उस पर भी तड़ित चालक लगाया जाता है। ‌‌‌इसके अलावा सबसे ज्यादा बिजली गिरने वाली कुछ जगहों पर भी लोग अपने घरों के उपर तड़ित चालक लगाते हैं ताकि बिजली गिर भी जाए तो उन्हे किसी भी प्रकार का नुकसान ना झेलना पड़े । आप भी अपने घर के उपर तड़ित चालक लगा सकते हैं।

lightning conductor working principle

‌‌‌तड़ित चालक क्या होता है what is lightning conductor

दोस्तों तड़ित चालक एक धातु की छड़ होती है जो कंडेक्टर पदार्थों की बनी होती है। कंडेक्टर पदार्थों का मतलब होता है जो पदार्थ धातु के सुचालक होते हैं। इनके अंदर  तांबा और एल्यूमीनियम ,कॉपर  आदि आते हैं। ‌‌‌जब बिजली इस छड़ से टकराती है तो यह जमीन के अंदर चली जाती है। छड़ को जमीन से कनेक्ट किया जाता है। इस छड़ को  एयर टर्मिनल या स्ट्राइक टर्मिनेशन डिवाइस भी कहा जाता है। ‌‌‌यह छड़ या तड़ित चालक  खोखले, ठोस, नुकीले, गोल, फ्लैट स्ट्रिप्स या यहां तक कि ब्रिसल ब्रश जैसे होते हैं।

tadit chalak kya hota hai तड़ित चालक की खोज

दोस्तों आइए अब तड़ित चालक के इतिहास के बारे मे भी जान लेते हैं।तड़ित चालक का सिद्वांत सबसे पहले 1749 में पेंसिल्वेनिया में बेंजामिन फ्रैंकलिन ने दिया था। उसके बाद सन 1960 ई के अंदर इस प्रणाली मे और अधिक सुधार किया गया था। ‌‌‌जैसे जैसे ईमारते उंची होती जाती हैं वैसे वैसे उन पर बिजली गिरने का खतरा काफी बढ़ता चला जाता है।चिनाई , लकड़ी , कंक्रीट और स्टील आदि के अंदर अधिक वोल्टेज पर धारा प्रवाहित होने पर आग लग सकती है।तड़ित चालक इससे रक्षा करते हैं।

  • ‌‌‌रूस के अंदर नेवनास्क के लीनिंग टॉवर  मे तड़ित चालक का प्रयोग किया गया था।टॉवर के उपर एक धातु की छड़ लगाई गई थी।अकिनफी डेमिडोव के आदेश पर, 1721 और 1745 के बीच नेवीस्कॉन टॉवर का निर्माण किया गया था। बेंजामिन फ्रैंकलिन के प्रयोग के बाद इसके उपर तड़ित चालक का यूज किया गया था।
  • यूरोपीय शहरों के चर्च टॉवर काफी उंचे होते थे । इस वजह से उनपर बिजली गिरने की संभावना सबसे अधिक होती थी।पहले पहले प्रार्थना के द्वारा बिजली को गिरने से रोकने का प्रयास किया जाता था। लेकिन पीटर अहलवर्ड्स ने 1745 ई के अंदर इस मामले पर सिद्वांतिक विचार किया था। जून 1754 में मोरनिया के ज़ोनजमो के पास प्रेमोन्तिसियन प्रोनॉप डिवाइज़ द्वारा आविष्कार की गई एक “मीथेरोलॉजिकल मशीन काफी उपयोगी थी। और इसका प्रयोग चर्च पर बिजली गिरने से रोकने के लिए किया गया था।
  • ‌‌‌अमेरिका के अंदर बिजली को आकर्षित करने वाली छड़ को  फ्रैंकलिन रॉड  भी कहा जाता था।इसका आविष्कार बेंजामिन फ्रैंकलिन ने 1749 में  किया था। हालांकि वह इस मामले पर काफी पहले से ही सोच रहा था। ‌‌‌उसने अपने पतंग प्रयोग के माध्यम से इन सब चीजों के बारे मे विस्तार से जानकारी प्राप्त की थी।
  • ‌‌‌19 वीं शताब्दी के अंदर आते आते बिजली की रोड़ के उपर एक कांच की गेंद का प्रयोग किया जाने लगा था। यह काफी सजावटी हो गई थी। कांच की गेंद का प्रयोग इसलिए किया जाता था क्योंकि यदि बिजली गिरती तो यह कांच की गेंद टूटी हुई मिलती जो बिजली गिरने का एक सबूत थी। ‌‌‌इसके अलावा यदि तूफान या किसी अन्य वजह से भी कांच की गेंद टूट जाती तो भी मालिक को भवन और ग्राउंड वायर की अच्छी तरीके से जांच करनी होती थी।
  • ‌‌‌इसके अलावा जहाजो पर भी इस प्रकार के तड़ित चालक का प्रयोग किया जाता था ताकि बिजली गिरने से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके ।1820 में विलियम स्नो हैरिस ने लकड़ी के नावों के लिए बिजली से सुरक्षा के लिए एक सफल प्रणाली का आविष्कार किया था।

‌‌‌बिजली गिरने का पतंग प्रयोग

15 जून, 1752 को, फिलाडेल्फिया के अंदर एक तूफानी दिन के दौरान बेंजामिन फ्रैंकलिन नामक एक आविष्कारक ने एक धातु की फ्रेम से बनी पतंगा को रेशम की रस्सी से बांध कर उड़ाया और उसके अंदर उसने एक धातू की चाबी भी डाली थी। ‌‌‌जब पतंग पर बिजली गिरी तो वह रेशम की धागे के माध्यम से चाबी तक पहुंच गई थी।और चिंनगारियां उछली थी।उसके बाद उसने दावा किया कि  धातु की चाबी इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज की गई थी, और उसने यह दावा किया था कि बादलों को विद्युत रूप से चार्ज किया गया था और बिजली के हमले बड़े इलेक्ट्रोस्टैटिक निर्वहन थे।

‌‌‌उसके बाद उसने यह अनुमान लगाया की बादलों से निकलने वाली बिजली के रस्ते मे एक धातु की रोड़ रखदी जाती है तो वह किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं कर पाएगी । और वहीं पर विघटित हो जाएगी ।उसके एक साल बाद 1753 ई के अंदर उसने एक तड़ित चालक का आविष्कार किया ।

तड़ित चालक कैसे काम करता है

दोस्तों तड़ित चालक के अंदर एक लौहे या अधिकतर कैसों के अंदर तांबे की एक रॉड का प्रयोग किया जाता है। इस रोड़ को जमीन के अंदर गहराई मे दफन कर दिया जाता है। और रॉड के उपरी हिस्से को मकान से कई फुट उंचाई पर लगाया जाता है।‌‌‌यह काफी उंचा होता है तो काफी बेहतर तरीके से मकानों को बचाने मे सक्षम होता है। क्योंकि रॉड की उंचाई अधिक होने से यह बिजली को उपर ही कैच कर  लेता है। जिससे नीचे किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंच पाता है।

तड़ित चालक कैसे काम करता है

‌‌‌जब किसी भी तड़ित चालक की रैंज के आस पास बिजली आती है तो यह उसे तुरन्त नीचे खींच लेता है और बिजली को एक पाथ मिल जाता है। क्योंकि ग्रांउड का प्रतिरोध कम होने की वजह से वह तेजी से उसके अंदर चली जाती है और किसी प्रकार की हानि नहीं हो पाती है।

‌‌‌दोस्तों तड़ित चालक की भी एक रैंज होती है। एक मकान के उपर लगा तड़ित चालक की रैंज उसकी उंचाई पर निर्भर करती है। आम तौर पर यह 50 फिट तक प्रोटेक्सन देते हैं। यदि बिल्डिंग बड़ी है तो फिर दो या दो से अधिक तड़ित चालक का प्रयोग किया जा सकता है।‌‌‌दोस्तों आपके मन मे यह सवाल भी आ सकता है कि बिजली कंडक्टर के माध्यम से ही प्रवाहित क्यों हो जाती है? जबकि वह हवा के  कणों और बारिश की बूंदों का प्रयोग करके भी जमीन पर उतर सकती है। लेकिन दोस्तों इसका उतर है कि कंडक्टर का प्रतिरोध बहुत कम होता है बजाय एयर के ।‌‌‌इसी वजह से बिजली तड़ित चालक या कंडक्टर के माध्यम से बहती है।

‌‌‌चित्र के अंदर आप नीचे देख सकते हैं कि एक तांबे की रॉड एक ईमारत के पास खड़ी है। और तांबे की छड़ का निचला हिस्सा तांबे की प्लेटों से जुड़ा रहता है। जब भवन के उपर से नकारात्मक रूप से चार्ज किया गया क्लाउड गुजरता है तो आस पास के  सकारात्मक रूप से चार्ज किए गए तेज बिंदु आसपास के क्षेत्र में हवा को आयनित करेंगे। यह आंशिक रूप से क्लाउड के नकारात्मक चार्ज को बेअसर कर देगा, जिससे क्लाउड की क्षमता कम हो जाएगी। और नाकारात्मक चार्ज तेजी से धरती के अंदर बिना ईमारत को नुकसान पहुंचाए चले जाएंगे ।

  • ‌‌‌दोस्तों आपको बतादें कि तड़ित चालक बिजली कहां पर टकराएगी । इस बात का निर्धारण नहीं कर पाते हैं। यह बिजली पर ही निर्भर करता है।
  • यदि आप तड़ित चालक लगाना चाहते हैं तो इसके लिए एक योग्य इंजिनियर की आवश्यकता होगी । या आप एक योग्य ठेकेदार की मदद ले सकते हैं।
  • ‌‌‌यदि आप तड़ित चालक का प्रयोग करते हैं तो इसका अर्थ यह नहीं है कि बिजली गिरने पर यह आपको 100 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान करेगा । वरन आपको अपने इलेक्ट्रोनिंक उपकरणों को अनप्लग करना होगा ।

‌‌‌लाइटनिंग एरेस्टर्स

‌‌‌लाइटनिंग एरेस्टर्स  का प्रयोग संचार क्षेत्र की लाइनों के अंदर किया जाता है। यह बिजली गिरने के प्रभाव को कम करने मे मदद करता है।और इलेक्ट्रॉनिक उपकराणों के अंदर होने वाले नुकसान को कम करता है।‌‌‌इसको सर्ज रक्षक भी कहा जाता है। आमतौर पर जब बिजली संचार लाइन से टकराती हैं तो उस उच्च वोल्टेज को यह एक पथ प्रदान करते हैं। और जिसकी वजह से वह अधिक वोल्टेज उपकरणों को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा पाता है।

ओवरहेड इलेक्ट्रिक ट्रांसमिशन (हाई-टेंशन) सिस्टम में एक या कुछ लाइटर गैज को लगाया जाता है। यह लाइन को बिजली के प्रभावों से बचाने का काम करते हैं।इन कंडक्टरों को या तो धातू के पोल के माध्यम से या फिर एक अलग तार के माध्यम से ग्राउंड से कनेक्ट किया जाता है। एक सामान्य नियम के रूप में, 50 केवी से कम वोल्टेज वाले ओवरहेड पावर लाइनों में “स्टैटिक” कंडक्टर नहीं होता है, लेकिन ज्यादातर लाइनें 50 केवी से अधिक होती हैं उनके अंदर इसका यूज किया जाता है।

          प्रारंभिक किरण उत्सर्जन

प्रारंभिक स्ट्रीमर एमिशन के सिद्धांत के अनुसार तड़ित चालक के उपरी सिरे के आस पास आयनिकरण कर दिया जाता है तो उसके बिजली पकड़ने की क्षमता के अंदर बढ़ोतरी हो जाती है। रेडियोधर्मी समस्थानिक ( रेडियम -226 या एमरिकियम -241 ) की थोड़ी मात्रा का उपयोग 1930 और 1980 के बीच आयनीकरण  के स्रोतों के रूप में किया गया ।

‌‌‌तड़ित चालक का प्रयोग कहां पर किया जाता है

तड़ित चालक का प्रयोग वैसे तो कहीं पर भी किया जा सकता है। लेकिन फिर भी भारत के अंदर खास कर उन स्थानों पर किया जाता है जहां पर बिजली गिरने की संभावना अधिक होती है। जैसे उंची ईमारतों के उपर , टॉवर के उपर आदि।‌‌‌इसके अलावा जहां पर अधिक बिजलियां गिरती हैं वहां पर भी तड़ित चालक का प्रयोग किया जा सकता है। दोस्तों वैसे तो आप भी अपने घर के उपर तड़ित चालक लगा सकते हैं। लेकिन इसके अंदर 20 से लेकर 25 हजार रूपये तक खर्च हो सकते हैं।

‌‌‌तड़ित चालक की कीमत

दोस्तों तड़ित चालक की कीमत अलग अलग होती है।औसतन 2,500 वर्ग फुट की इमारत की कीमत लगभग 2,500 डॉलर होनी चाहिए। मतलब 1 वर्ग फुट के लिए आपको 80 रूपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं।‌‌‌यदि बिल्डींग बड़ी है तो उसके विभिन्न जगहों पर तड़ित चालक छड़ों को लगाया जाता है। जिससे कोस्ट बढ़ जाती है। लेकिन यदि बिल्डिंग छोटी है तो कम कीमत के अंदर ही काम चल जाता है।‌‌‌आमतौर पर किस प्रकार से तड़ित चालक को स्थापित किया जाना चाहिए । इसके लिए एक योग्य इंजिनियर की आवश्यकता होती है। जो यह आसानी से पता लगा सके की कितनी रैंज तक तड़ित चालक काम करेगा और कितनी रैंज तक काम नहीं करेगा ।

मुख्य कंडक्टर

 सुरक्षात्मक एल्यूमीनियम या तांबे के तार हैं होते हैं जोकि उपर तांबे की संरचना से जुड़े हुए होते हैं और ग्राउंड से कनेक्ट रहते हैं।

ग्राउंड सुरक्षा

जो बिजली उपर  टक्कराती है।उसे ग्राउंड के अंदर भेजा जाता है। कई बार प्रतिरोध कम करने के लिए ग्राउंड के अंदर तांबे की प्लेटों का प्रयोग ‌‌‌भी किया जाता है। इसके अलावा ग्राउंड का प्रतिरोध कितना है? इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाता है।

अरेस्टर्स

पावर सर्जेस के मामले में ये आपके इलेक्ट्रिकल किचन अप्लायंसेज, टेलीविज़न या पावर लाइन के पास ऐसी किसी भी चीज़ की सुरक्षा करते हैं जो करंट बढ़ने पर डेमेज हो सकते हैं।

प्रोटेक्शन बॉन्ड

ये मेटल ऑब्जेक्ट्स होते हैं जो कंडक्टर के तारों से जुड़े होते हैं ताकि 2 फ्लैश के बीच बाउंसिंग को रोका जा सके।

‌‌‌इसके अलावा मान लिजिए आपके मकान की लंबाई 10 फीट है और पास मे ही 10 फिट से उंचा पेड़ है तो उसकी सुरक्षा भी आवश्यक है जो साइड फलैश की वजह से जल सकता है या नुकसान हो सकता है।

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क्या हमारे घर मे तड़ित चालक लगाया जाना चाहिए ?

यदि आपका घर काफी उंचा है। मतलब काफी उंची बिल्डिंग बनी हुई हैं , तो फिर आपको अपने घर मे तड़ित चालक लगाना चाहिए । नहीं तो कोई जरूरी नहीं है। क्योंकि जो बिजली गिरने का डर होता है , वह आमतौर पर उंचि इमारतों पर अधिक होता है। इसकी वजह से ही तड़ित चालक को लगाया जाता है।

तड़ित चालक को कैसे लगाया जाना चाहिए ?

तड़ित चालक को लगाने का काम बिजली का कार्य करने वाले लोग करते हैं। यदि आपके यहां पर बिजली का कार्य कोई करता है , तो आप उससे बात कर सकते हैं। और उसके बाद आप अपने यहां पर तड़ित चालक को लगवा सकते हैं ।

क्या तड़ित चालक बिजली गिरने से पूरी तरह से सुरक्षा करता है ?

हां आपको बतादें कि तड़ित चालक बिजली गिरने से सुरक्षा करता है। जब कोई बिजली मकान की तरफ गिरती है , तो यह पहले तड़ित चालक से टकराने का काम करती है। और उसके बाद यह बिजली जमीन के अंदर तारों के द्धारा लेकर जाई जाती है। जिसकी वजह से मकान पर कोई नुकसान नहीं होता है। कई ऐसी जगह हैं , जंहा पर तड़ित चालक लगा है। वहां पर बिजली करने का कोई भी असर नहीं होता है।

क्या मोबाइल टॉवर पर तड़ित चालक लगा होता है ?

हां मोबाइल टॉवर पर तड़ित चालक लगा होता है। क्योंकि टॉवर काफी अधिक उंचा होता है। और उसके उपर बिजली गिरने का डर हमेशा बना रहता है। इसलिए एक तड़ित चालक लगा दिया जाता है , ताकि बिजली गिरने की समस्या ना हो ।

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arif khan

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