कैसे बनता है सायनाइड सेब के बीजों मे होता है सायनाइड

सायनाइड दुनिया का सबसे अधिक खतरनाक जहर है। जिसका सेवन करने के बाद कुछ ही सैकिंडस मे इंसान की मौत हो जाती है। सायनाइड का सबसे अधिक प्रयोग अपराधी लोग करते हैं। यह लोग जब किसी विशेष मुश्बित के अंदर होते हैं तो अपने राज को छुपाने के लिए ‌‌‌सायनाइड खाकर अपनी जान दे देती हैं। वही कुछ लोग कत्ल करने के लिए भी सायनाइड का प्रयोग करते हैं। इस लेख के अंदर हम आपको सायनाइड बनाने के आसान तरीके के बारे मे बताने वाले हैं। लेकिन इस लेख का प्रयोग किसी भी ईलिगल एक्टीविटी के अंदर ना करें। वरना इसके जिम्मेदार खुद होंगे ।

‌‌‌सेब के बीजों मे होता है सायनाइड

दोस्तों आप जिस सेब को बड़े ही चाव से खाते हैं। उनके अंदर पोटिसियम साइनाइड पाया जाता है। सेब जहां आपकी सेहत के लिए काफी अच्छा होता है। वहीं इसके बीज खाना आपकी सेहत के लिए काफी हानि कारक होता है।

‌‌‌वैज्ञानिक रिसर्च के मुताबकि सेब के बीजों के अंदर एमिगडलीन नामक तत्व पाया जाता है। इसके अंदर चीनी और सायनाइड होता है। यह तत्व जब हमारे पाचन एन्जाएम के संपर्क के अंदर आता है तो हाइट्रोजन साईनाइड के अंदर बदल जाता है।

‌‌‌यह शरीर के लिए काफी घातक होता है। सेब के बीजों को अधिक सेवन से इंसान की मौत भी हो सकती है।‌‌‌ खूबानी चेरी और आलूबुखारा के बीजों के अंदर भी सायनाइड होता है।

‌‌‌कैसे खाएं सही तरीके से सेब

वैज्ञानिकों के अनुसार सेब को सही तरीके से खाना चाहिए नही तो सेब हमारे लिए घातक हो सकते हैं। यदि आप अधिक मात्रा मे सेब के बीजों को खाते हैं तो यह आपकी मौत का कारण भी बन सकते हैं। सेब खाने से पहले आपको उसके सारे बीज निकाल देने चाहिए । उसके बाद ही उसे खाना चाहिए ।

‌‌‌यदि आप बिना बीज को फोड़े उसे निगल लेते हैं तो यह घातक नहीं है । लेकिन यदि आप सेब के बीजो को फोड़कर खा जाते हैं तो यह भी सायनाइड का काम करते हैं।

‌‌‌कैसे असर करते हैं सेब के बीज हमारे शरीर पर

यदि किसी वजह से सेब के बीज हमारी बॉडी के अंदर चले जाते हैं तो यह हमारी बॉडी पर गलत प्रभाव डालते हैं। और हमारी बॉड़ी के अंदर सायनाइड के लक्षण स्पष्ट नजर आने लग जाते हैं।

‌‌‌सायनाइड हमारे दिमाग को और हर्ट को क्षतिग्रस्त कर देता है। जिसस इंसान सोचने समझने की क्षमता भी खो सकता है। अधिक मात्रा के अंदर सायनाइड का सेवन करने से इंसान हमेशा के लिए कोमा के अंदर जा सकता है। या उसकी मौत भी हो सकती है।

‌‌‌सायनाइड के कुछ लक्षण निम्न हैं

सांस लेने मे तकलीफ

सायनाइड का सेवन करने पर यह हमारे श्वसंन तंत्र को नुकसान पहुंचाता है। जिससे व्यक्ति ढंग से सांस नहीं ले पाता है। और यदि ऐसे व्यक्ति का समय पर उपचार नहीं करवाया जाता है तो उसकी मौत हो सकती है।

‌‌‌हर्ट की धड़कन बढ़ जाना

सायनाइड का हर्ट पर भी असर पड़ता है। और यह इंसान की हर्ट की धड़कन को बढ़ा देता है। और ब्लड प्रेसर भी लो हो जाता है।

‌‌‌चक्कर आना

सायनाइड इंसान को कमजोर बना देता है। साइनाइड के प्रभाव से इंसान का दिमाग सही तरीके से काम नहीं कर पाता है। और इंसान को चक्कर आते हैं। ऐसा बार बार होता है। ऐसी दसा के अंदर डॉक्टर के पास जाना चाहिए ।

‌‌‌सिर दर्द पेट मे दर्द और उल्टी होना

सायनाइड के प्रभाव से इंसान का पूरा सिस्टम ही खराब हो जाता है। उसके पेट मेदर्द और उल्टी होना आदि लक्षण भी नजर आने लग जाते हैं।

‌‌‌सायनाइड की कितनी मात्रा हानि कारक होती है

यदि आप एक कप सेब के बीजों को पीस कर खा जाते हैं तो आपकी मौत भी हो सकती है। 1 ग्राम सेब के बीजों के अंदर 0.06ml से 0.24ml तक सायनाइड होता है। इंसानी शरीर के लिए 0.5 – 0.8 ml सायनाइड खतरनाक होता है। इतना सायनाइड यदि कोई सेवन कर भी लेता है तो उसकी तुरन्त ही मौत हो जाती है।

‌‌‌आपको पता होना चाहिए की भारत के अंदर सायनाइड को बेचना और खरीदना जुर्म है। यदि कोई सायनाइड बेचता हुआ पकड़ा जाता है तो उसे सजा होती है।

कितना सेब का बीज खाना हानिकारक है ?

दोस्तों सेब का बीज खाना काफी अधिक हानिकारक हो सकता है। यदि आप किसी एक सेब के बीज को खाते हैं , तो उससे आपको किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन यदि आप अधिक मात्रा के अंदर सेब के बीजों का सेवन करते हैं , तो इससे नुकसान हो सकता है। हाइड्रोजन सायनाइड की लगभग 50.300 मिलीग्राम मात्रा जानलेवा हो सकती है । और एक सेब के बीज के अंदर बहुत ही कम सायनाइड होता है। अब यदि कोई इंसान 500 बीज को खा जाता है , तो उसके बाद उस इंसान की मौत हो जाती है। हालांकि यदि आप सेब का जूस बना रहे हैं , तो आपको चाहिए कि आप उसके बीज को निकाल दें । और यदि साथ मे खाते हैं  , तो 80 से अधिक बीज आपको नहीं खाना चाहिए । नहीं तो नुकसान होने का डर बना रहता है।

यदि आप बच्चे को भी सेब दे रहे हैं , तो उसको बीजों के साथ सेब नहीं देना चाहिए । उसको देने से पहले सारे बीज को निकाल देना चाहिए।  और उसके बाद ही सेब देना चाहिए ।

This post was last modified on January 26, 2024

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