शेरनी कितने बच्चों को जन्म देती है ? शेरों मे प्रजनन

‌‌‌कई बार  हमारे दिमाग मे आता है कि शेरनी कितने बच्चों को जन्म देती है ? और इसको लेकर हम नेट के उपर भी सर्च करते हैं कि शेरनी कितने दिन में बच्चे को जन्म देती है ? दोस्तों  ‌‌‌शेर अफ्रिकी सवाना के महान शिकारियों मे से एक है। जैसा कि द लॉयन किंग  फिल्म के अंदर दिखाया गया है कि शेर एक सामाजिक प्राणी होता है। और यह इंसानों की तरह एक परिवार के अंदर रहता है। एक परिवार के अंदर 10 से 15 शेर और बच्चे हो सकते हैं।

शेरनी कितने बच्चों को जन्म देती है

शेरनी कितने बच्चों को जन्म देती है sherni ke kitne bache hote hain

दोस्तों सबसे पहली बात तो शेरनी 1 बच्चे को भी जन्म दे सकती है और 5 बच्चों को भी जन्म दे सकती है। आमतौर पर शेरनी 5 बच्चे को जन्म देती है तो बहुत ही रेयर कैस के अंदर पांचों बच्चे जिंदा रह पाते हैं। अधिकतर बच्चे मर जाते हैं।

शेरनी कितने दिन में बच्चा देती है sherni kitne bache ko janam deti hai

एक न्यूज वेबसाइट के अनुसार 14 मार्च 2015 को बायो पार्क के उद्घाटन से एक महीने पहले जूनागढ़ के सक्कर बाग जू एशियाटिक से शेर-शेरनी का जोड़ा उदयपुर मे लाया था।और इनकी संख्या को बढ़ाने पर काम चल रहा था। ‌‌‌आपको बता दें कि शेरी दो साल के अंदर एक बार ही बच्चे को जन्म देती है।

‌‌‌जानकार बताते हैं कि शेरनी का गर्भ काल साढ़े तीन महिने का होता है और इसके बाद वह बच्चे को किसी ऐसी जगह पर जन्म देना पसंद करती है जहां पर किसी इंसान की नजर ना पड़े । ‌‌‌शेरनी यह कभी नहीं चाहेगी कि उसके सामने ही कोई उसके बच्चे को मार दे । इसकी वजह से वह या तो खुद ही अपने बच्चे को मार देती है या फिर उसे दूध नहीं पिलाती है। एक जू के अंदर तीन दिन पहले शावक का जन्म हुआ था। और उसकी मां ने बच्चे को दूध नहीं पिलाया तो ‌‌‌जू वालों के सामने यह मुश्किल खड़ी हो गई कि इसको दूध कैसे पिलाई ? उसके बाद अमेरिका से दूध मंगवाया गया और उसे दूध पिलाकर पाला जा रहा है।

‌‌‌ शेरनी बच्चा कैसे पैदा करती है शेर के अंदर प्रजनन और संभोग

 यदि हम जंगली शेर की बात करें तो जंगली शेर आमतौर पर 2 साल की उम्र तक परिपक्व हो चुके होते हैं। और एक शेरनी 4 साल की उम्र तक कई बार संभोग कर चुकी  होती है।शेरी एक या अनेक नर के साथ दर्जन भार संभोग करती है। ‌‌‌जब एक शेरनी मासिक धर्म के अंदर होती है तो कई नर उसका पिछा करते हैं और वे ऐसा तब तक करते रहते हैं।

जब तक कि वह किसी एक साथी को नहीं चुन लेती है।इसके अलावा कई शेरनी के कई शेरों के साथ संबंध हो सकते हैं।यह शावकों की अनुवांशिक विविधता को बढ़ाने के लिए हो सकता है। ‌‌‌वैसे मैथुन कुछ समय के लिए ही चलता है लेकिन एक घंटे के अंदर इसको कई बार दौहराया जा सकता है।

शेरनी बच्चा कैसे पैदा करती है नवजात शावक

2 से 4 पाउंड वाले शावक अंधे पैदा होते हैं और अच्छी तरह से चलने मे असमर्थ होते हैं।कुछ हफतों तक वे देख नहीं सकते और उसके बाद वे चलना स्टार्ट कर देते हैं । अधिकतर शावक 2 वर्ष की आयु से पहले ही मर जाते हैं। ‌‌‌जब तक कि वे खुद शिकार करने मे सक्षम नहीं हो जाते हैं और वे खुद की शिकारियों से रक्षा करने मे सक्षम नहीं होते हैं । तब तक उनकी माता उनकी रक्षा करती है व उनको दूध पिलाती है।

‌‌‌लगभग 11 महिने के बाद शावक अपने आप ही शिकार करना शूर कर देते हैं।

‌‌‌एक शेर दूसरे शावकों को मार सकता है

दोस्तों शेर एक सामाजिक प्राणी होता है और शेरनी अपने शावकों को बचाने के लिए हर सप्ताह नई मांद या गुफा के अंदर लेकर जाती है। जब तक कि उनकी उम्र 6 से 8 सप्ताह की नहीं हो जाती है।यदि कोई शेर गौरवशाली नेता बन जाता है तो वह ऐसे शावकों को मार देता है जो उसकी‌‌‌संतान नहीं होते हैं।

आमतौर पर जब शावकों की उम्र 6 से 7 महिने तक होती है तो माता अपने पति के साथ रहती है। लेकिन ऐसी स्थिति के अंदर शेरनी को दूसरे शेरों के द्वारा उस शेर से अलग रहने को फोर्स किया जाता है।जब शावक थोड़े बड़े हो जाते हैं तो उसके बाद उनको खुद ही शिकार करना होता है।

‌‌‌शावक और उनका जीवन व समस्याएं

‌‌‌शावक और उनका जीवन व समस्याएं

‌‌‌छोटे शावक आमतौर पर अपने बड़े भािइयों से कम ताकतवर होते हैं और इसी वजह से वे बड़े शेरों के द्वारा शिकार किए गए भोजन को नहीं खा पाते हैं। ऐसी स्थिति मे भूख से मौत होना उनके लिए सबसे आम होती है। ‌‌‌भूखमरी के अलावा शावकों को गीदड़, हाइना, तेंदुए, मार्शल ईगल और सांपों के द्वारा शिकार कर लिया जाता है। जंगली भैंसे भी ऐसे छोटे शावकों पर हमला कर देते हैं और उनको मार देते हैं।

‌‌‌इसके अलावा कुछ नर शेर मिलकर अपने नेता को उसकी कुर्सी से बेदखल कर देते हैं । ऐसी स्थिति के अंदर वे दूसरे शावकों को मार देते हैं। मादा तब तक प्रजनन करने को तैयार नहीं होती है जब तक की उसके शावक मर ना जाएं या फिर वे बड़े ना हो जाएं ।

‌‌‌कुल मिलाकर 80 प्रतिशम शावक 2 साल की उम्र से पहले ही खत्म हो जाते हैं। इसके अलावा जब वे अपनी मां के अलावा किसी दूसरे सिंह के संपर्क मे आते हैं तो उनके अंदर दूसरे सिंह का सामना करने का आत्म विश्वास भी नहीं होता है।

‌‌‌इसके अलावा यदि दो सिंहनी हैं और दोनों के शावक हैं तो वे दोनों के शावकों के लिए ही सहीष्णु होती हैं। लेकिन शावकों से रहित सिंहनी सहीष्णु नहीं होती हैं।शवकों के प्रति नर शेर की सहिष्णुता अलग अलग हो सकती है । कुछ शेर शावकों को अपने आस पास खेलने की अनुमति देते हैं तो कुछ उनको दूर से ही गुर्रा ‌‌‌कर भगा देते हैं।

‌‌‌6 से 7 माह की आयु के बाद शावकों को दूध नहीं दिया जाता है और वे 4 साल की उम्र के अंदर पूरी तरह से परिपक्व हो जाते हैं और दूसरे नर शावकों को चुनौती देने मे भी सक्षम हो जाते हैं। ‌‌‌इसके अलावा जब शेर की उम्र 10 से 15 साल तक हो जाती है तो वे काफी कमजोर दिखने लग जाते हैं।

‌‌‌शेर उत्पादन करते हैं 50% से अधिक सामान्य शुक्राणू

 शेर पुरुषों में, टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन होता है। बिल्लियों मे प्रजनन की सबसे असामान्य विशेषता तो यह है कि यह बहुत अधिक मात्रा मे शुक्राणु का उत्पादन करती हैं। हॉवर्ड, 1993 के अनुसार इनके अंदर 50 प्रतिशत से अधिक शुक्राणु सामान्य होते हैं। ‌‌‌जबकि कुछ बिल्ली प्रजातियां ऐसी भी होती हैं जोकि 75% से अधिक स्वरूथ शुक्राणुओं का उत्पादन करती हैं।

‌‌‌टेस्ट टयुब के द्वारा शावकों का जन्म

दोस्तों 3 सितंबर 2018 को डेलीमेल के अंदर एक खबर आई थी। जिसके अनुसार वैज्ञानिकों ने अब टेस्ट टयूब की मदद से शावकों के जन्म देने मे भी सफलता प्राप्त करली थी। ‌‌‌दक्षिण अफ्रिका के एक जू के अंदर एक शेरनी ने दो शवकों को जन्म दिया । जिसके अंदर एक नर था और दूसरी मादा थी।वैज्ञानिकों को अब यह उम्मीद जगी है कि वे विलुप्त होती प्रजातियों को इस तरीके से बचाने मे सक्षम हो जाएंगे ।

‌‌‌टेस्ट टयुब के द्वारा शावकों का जन्म

प्रिटोरिया विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की एक टीम ने बड़ी बिल्लियों के लिए इन-विट्रो निषेचन (आईवीएफ) में अनुसंधान का नेतृत्व किया।वैज्ञानिकों ने एक नर शेर के शुक्राणुओं को एक मादा शेरनी के अंदर रखा और साढे तीन महिने बाद उससे दो स्वस्थ शावकों का जन्म हुआ था।

प्रोफेसर गन्सविंड ने कहा कि आप इस तरीके को अभी तक एक लुप्तप्राय जानवरों पर प्रयोग नहीं कर सकते हैं। क्योंकि यह उनके जीवन को खतरे मे डालने जैसा है। इससे पहले तकनीक को अधिक विकसित किया जाने की आवश्यकता है।

जानवरों के साथ कृत्रिम गर्भाधान (एआई) का व्यावहारिक उपयोग 1900 के दशक की शुरुआत में विकसित किया गया था।पिछले एक दशक में, AZA से मान्यता प्राप्त है ।चिड़ियाघरों और एक्वैरियम ने एआई प्रक्रियाओं का उपयोग करना शुरू कर दिया है।

‌‌‌एआई तकनीक मे नर को स्वेच्छा से वीर्य उत्पादन करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है ।नमूनों और महिलाओं को स्वैच्छिक गर्भाधान और गर्भावस्था की निगरानी प्रक्रियाओं के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।

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arif khan

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