गोभी के प्रकार cauliflower information in hindi

‌‌‌क्या आप जानते हैं गोभी कितने प्रकार की होती है ? आइए जानते हैं। फूल गोभी ,बंद गोभी के प्रकार के बारे मे । cauliflower  in hindi , फूल गोभी और पत्ता गोभी एक लोकप्रिय सब्जी है।यह एक विदेशी सब्जी है। जिसका आगमन भारत के अंदर मुगल काल मे हुआ था।गोभी की सब्जी हम घरों के अंदर काफी बनाते हैं। और यह काफी स्वादिष्ट भी लगती है।फूल गोभी के अंदर कई प्रकार के पोषक तत्व भी पाये जाते हैं।

प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन ‘ए’, ‘सी’ तथा निकोटीनिक एसिड ‌‌‌जैसे तत्व इसके अंदर मौजूद होते हैं। ‌‌‌इसकी फ़सल की अवधि 60 से 120 दिन की होती है। प्रति हेक्टेयर 100 से 250 क्विंटल फुल प्राप्त हो जाते है।

‌‌‌गोभी या ब्रैसिका ओलेरासिया के अंदर गोभी की कई प्रजातियां शामिल होती हैं।गोभी का वजन आमतौर पर 500 से 1,000 ग्राम (1 से 2 पौंड) तक होता है। चिकनी पत्ती वाली, हरे पत्तों वाली पत्तागोभी सबसे आम होती है, जिसमें चिकनी पत्ती वाली बैंगनी रंग की पत्ता गोभी होती है और दोनों ही रंगों के कड़े पत्ते वाले सेवई गोभी होते हैं

‌‌‌अब तक सन 2012 मे सबसे भारी गोभी 62 किलोग्राम तक दर्ज की गई थी ।यूरोप में 1000 ईसा पूर्व से पहले गोभी को कहीं-कहीं पालतू बनाया जाता था।गोभी और अन्य ब्रिसिक का विश्व उत्पादन2018 के लिए 69 मिलियन टन था , जिसमें चीन का कुल 48% हिस्सा था।

गोभी से संबंधित कई गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स भी मौजूद हैं जिनके बारे मे आपको अच्छे से जान लेना चाहिए ।

  • सबसे भारी गोभी 57.61 किलोग्राम (127.0 पौंड)
  • सबसे भारी लाल गोभी, 19.05 किलोग्राम (42.0 पौंड)
  • 15.37 मीटर (50 फीट 5 इंच)
  • सबसे बड़ी गोभी की डिश, 925.4 किलोग्राम (2,040 पाउंड)

‌‌‌गोभी का एक व्यापक इतिहास है।इस वजह से इसकी उत्पति का पता लगाना बहुत ही कठिन होता है।गोभी का एक संभावित जंगली पूर्वज, ब्रैसिका ओलेरासिया , जो मूल रूप से ब्रिटेन और महाद्वीपीय यूरोप में पाया जाता है, नमक के प्रति सहनशील होता है।

प्राचीन यूनानियों के पास गोभी की कुछ किस्में थीं, जैसा कि थियोफ्रेस्टस द्वारा उल्लिखित है , हालांकि वे आज की गोभी से अधिक निकटता से संबंधित थे।जैक्स कार्टियर ने पहली बार 1541-42 में अमेरिका में गोभी लाई थी। 17 वीं शताब्दी तक इसके बारे मे कोई भी लिखित साक्ष्य मौजूद नहीं हैं।  फिर भी कई अंग्रेज ‌‌‌ इसकी खेती करते थे ।गोभी के बीज 1788 में फर्स्ट फ्लीट के साथ ऑस्ट्रेलिया गए, और उसी वर्ष नॉरफ़ॉक द्वीप पर लगाए गए । यह 1830 के दशक तक ऑस्ट्रेलियाई लोगों की पसंदीदा सब्जी बन चुकी थी।

‌‌‌कच्ची गोभी
प्रति 100 ग्राम पोषण मूल्य (3.5 औंस)
ऊर्जा103 केजे (25 किलो कैलोरी)
कार्बोहाइड्रेट5.8 ग्रा
शुगर्स३.२ ग्राम
फाइबर आहार2.5 ग्रा
मोटी0.1 ग्रा
प्रोटीन1.28 ग्राम
विटामिनमात्रा% DV
थियामिन (बी 1 )5% 0.061 मिग्रा
राइबोफ्लेविन (B 2 )3% मैंग मिलीग्राम
नियासिन (बी 3 )2% 0.234 मिग्रा
पैंटोथेनिक एसिड (बी 5 )4% 0.212 मिग्रा
विटामिन बी 610% 0.124 मि.ग्रा
फोलेट (B 9 )1 1% 43 माइक्रोग्राम
विटामिन सी44% 36.6 मिलीग्राम
विटामिन K72% 76 माइक्रोग्राम
खनिजमात्रा% DV
कैल्शियम4% 40 मिग्रा
लोहा4% 0.47 मिग्रा
मैग्नीशियम3% 12 मिग्रा
मैंगनीज8% 0.16 मिग्रा
फास्फोरस4% 26 मिग्रा
पोटैशियम4% 170 मिग्रा
सोडियम1% 18 मिग्रा
जिंक2% 0.18 मिग्रा
अन्य घटकमात्रा
पानी92 ग्रा
फ्लोराइड1 ग्राम

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‌‌‌गोभी के प्रकार  Savoy Cabbage cauliflower  in hindi

सेवॉय गोभी (ब्रैसिका ओलेरासिया संस्करण। सब्बुडा एल।) एक प्रकार की हरी गोभी है, जिसमें नीली हरी-हरी पत्तियाँ होती हैं।इसके अंदर मौजूद दूध के स्वाद की वजह से बहुत से लोग इसको रोजाना खाना पसंद करते हैं।सेवॉय गोभी देखने मे काफी अच्छी है। और खाना पकाने के दौरान भी बढ़िया रंग को बनाए रखती है।इसके अलावा ‌‌‌ सलाद के रूप मे भी आप इस गोभी का प्रयोग कर सकते हैं।कच्चा खाने के लिए यह बहुत अधिक उपयुक्त है।

‌‌‌इसकी पतियां झुर्रीदार होती हैं।सेवई गोभी की किस्मे ठंड के समय अच्छी तरह से बढ़ती है।यह गोभी अन्य गोभी की तुलना में मीठा, कम कड़वा स्वाद होता है। इस कल्टीवेटर में हल्के हरे पत्ते और एक सफेद केंद्र है।

यह इंग्लैंड और नीदरलैंड से उत्पन्न माना जाता है । [ उद्धरण वांछित ] 18 वीं शताब्दी में, इसे जर्मनी में “सवॉयर कोहल” के रूप में पेश किया गया था ।यह रेड वाइन , सेब , मसाले , सहिजन और मांस के साथ अच्छी तरह से पकाकर खाया जाता है।एक अच्छी गोभी को आप 6 सप्ताह तक फ्रीज के अंदर रख सकते हैं।इस गोभी मे गोभी फाइबर , विटामिन ए , सी , के और बी 6 , फोलेट , पोटेशियम , मैंगनीज , थियामिन , कैल्शियम , लोहा ‌‌‌ जैसे तत्व भरपूर मात्रा के अंदर पाये जाते हैं

सेवॉय गोभी को उगाना काफी मुश्किल होता है क्योंकि caterpillars pigeons , and club root disease इसके लिए काफी घातक होते हैं।

प्रजातिब्रैसिका ओलेरासिया संस्करण। साबुदा एल।
कल्टीवर समूहब्रैसिका ओलेरासिया सावोय गोभी समूह
कल्टीवर समूह के सदस्य‘टुंड्रा”विंटर किंग”सावॉय किंग’
Savoy Cabbage प्रति 100 ग्राम पोषण मूल्य (3.5 औंस)
ऊर्जा113 केजे (27 किलो कैलोरी)
कार्बोहाइड्रेट6.1 ग्रा
शुगर्स2.27 ग्राम
फाइबर आहार३.१ ग्राम
मोटी0.1 ग्रा
प्रोटीन2 ग्रा
विटामिनमात्रा
विटामिन ए बीटा कैरोटीन ल्यूटिन ज़ेक्सैंथिन 50 माइक्रोग्राम   600 माइक्रोग्राम 77 माइक्रोग्राम
थियामिन (बी 1 ) 0.07 मि.ग्रा
राइबोफ्लेविन (B 2 ) 0.03 मि.ग्रा
नियासिन (बी 3 ) 0.3 मिग्रा
पैंटोथेनिक एसिड (बी 5 ) 0.187 मिग्रा
विटामिन बी 6 0.19 मिलीग्राम
फोलेट (B 9 ) 80 माइक्रोग्राम
चोलिन 12.3 मिग्रा
विटामिन सी 31 मिग्रा
विटामिन ई 0.17 मिग्रा
विटामिन K 68.8 μg
खनिजमात्रा
कैल्शियम 35 मिग्रा
लोहा 0.4 मिग्रा
मैग्नीशियम 28 मिलीग्राम
मैंगनीज 0.18 मिग्रा
फास्फोरस 42 मिग्रा
पोटैशियम 230 मिग्रा
जिंक 0.27 मिग्रा
अन्य घटकमात्रा
पानी91 ग्रा

Red Cabbage cauliflower  in hindi


‌‌‌कई लाल गोभी की किस्मे होती हैं जो कि गहरे लाल रंग से लेकर बैंगनी रंग की होती है।लाल गोभी हेल्थ के लिए बहुत ही अच्छी मानी जाती है। इसके अंदर कई तरह के एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। यह हर्ट के लिए काफी अच्छी मानी जाती है।अपने रंग, सुखद स्वाद, और कुरकुरे बनावट के कारण, लाल गोभी कोलेसलाव और सलाद के ‌‌‌ के रूप मे बहुत अधिक खाई जाती है। ‌‌‌इसके अलावा आचार बनाने मे भी इसका प्रयोग किया जाता है।

यह पूरे यूरोप में, पूरे अमेरिका में, चीन में और विशेष रूप से अफ्रीका में पाया जा सकता है।इस गोभी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह मिट्टी के अनुसार अपना रंग बदलता है। अम्लीय मिट्टी में, पत्तियां अधिक लाल रंग की हो जाती हैं, तटस्थ मिट्टी में वे अधिक बैंगनी हो जाएगी, जबकि एक क्षारीय मिट्टी हरे-पीले रंग की गोभी पैदा होगी ।

अध्ययनों से पता चलता है कि पत्तागोभी वाली सब्जियाँ, जिनमें पत्तागोभी भी शामिल हैं, उन पर कोलन कैंसर के खिलाफ यह गोभी काम करती है।और इसकी मदद से कई प्रकार के विटामिन और खनीज प्राप्त किये जा सकते हैं।

लाल गोभी नमक के बिना
प्रति 100 ग्राम पोषण मूल्य (3.5 औंस)
ऊर्जा122 kJ (29 kcal)
कार्बोहाइड्रेट6.94 ग्राम
शुगर्स3.32 ग्राम
आहारीय रेशा2.6 जी
मोटी0.09 ग्रा
प्रोटीन1.51 ग्रा
विटामिनमात्रा
विटामिन ए समान। बीटा कैरोटीन0% 2 माइक्रोग्राम 0% 20 माइक्रोग्राम
फोलेट (B 9 )6% 24 माइक्रोग्राम
विटामिन सी41% 34.4 मिग्रा
विटामिन K45% 47.6 μg
खनिजमात्रा
पोटैशियम6%

‌‌‌लाल गोभी की कई किस्मे होती हैं। जिसके अंदर

  • Red Express गोभी का वजन 1 से 2 किलो के बीच होता है।
  • रूबी बॉल का वजन 1 से 3 पाउंड के बीच होता है।
  • रेड ड्रमहेड गहरे बैंगनी रंग की होती है। इसका प्रयोग नमकीन बनाने मे प्रयोग किया जाता है।

‌‌‌गोभी के प्रकार dutch white cabbage

सफेद गोभी (जिसे हॉलैंड से डच कैबेज भी कहा जाता है)यह एक हरे रंग की गोभी हो सकती है। और इसके पीले रंग के पत्ते होते हैं।आमतौर पर जब इस गोभी को ठंडे स्थानों पर भंडारण किया जाता है तो क्लोरोफिल टूट जाता है तो यह सफेद रंग की दिखाई देती है।

Parel Cabbage

परेल गोभी ब्रासिका ओलेरासिया प्रजाति की एक अन्य किस्म है और मध्य गर्मियों में परिपक्व हो जाती है।इस गोभी के हरे बाहरी पत्ते और सफेद आंतरिक भाग होता है।इसकी पतियां रसदार और कोमल होती हैं।0.8 – 1.5 किलोग्राम के बीच इसका वजन होता है।आचार और सलाद के लिए यह काफी उपयोगी होती है।

‌‌‌एक बगीचे के अंदर आप इसको लगा सकते हैं।यह ठंड का सामना कर सकती है। और कीटो और रोगों के खिलाफ इसकी काफी प्रतिरोधकता है।

Napa Cabbage (Chinese Cabbage)

             ‌‌‌पहले यह सिर्फ चीन के अंदर उगाई जाती थी लेकिन अब 20 वीं शताब्दी के बाद से, यह यूरोप, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी एक व्यापक फसल बन गया है। दुनिया के अधिकांश हिस्सों में, इस गोभी को चीनी गोभी के नाम से भी जाना जाता है। ऑस्ट्रेलिया के अंदर इस गोभी को गर्भ कहा जाता है।

चीन में यांग्त्ज़ी नदी क्षेत्र में 15 वीं शताब्दी से नपा गोभी की खेती की जाती थी। उसके बाद यह उसके बाद इसका प्रचार प्रसार जापान और कोरिया के अंदर हुआ और 19 वीं शताब्दी के बाद यह एशिया और यूरोप व अमेरिका के अंदर इसका प्रसार हुआ ।

सफेद पत्ती की नसों से चूने के हरे रंग की हैं और एक चिकनी सतह है। सब्जी का अंडाकार रूप होता है और इसका वजन 1–3 किलोग्राम होता है। ‌‌‌इस गोभी का विकास अन्य गोभी के समान ही होता है।अंकुरण, पत्ती का निर्माण, वानस्पतिक विकास होता है। इसके फूल पीले रंग के होते हैं। ‌‌‌नपा गोभी एक प्रकार का वार्षिक पौधा होता है।नापा गोभी मुख्य रूप से अलोगैमी द्वारा प्रजनन करती है।

‌‌‌यह गोभी ठंडे मौसम की सब्जी होती है जोकि दिनों के हल्के और छोटे होनें पर अच्छी तरह से बढ़ती है।इसा आकार सिर जैसा होता है और पतियां मोटी और पीले रंग की सी होती है।

नापा गोभी परिवार ब्रैसिसेकी से जुड़ा होता है। चीन , जापान और कोरिया में नपा गोभी का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।  कोरियाई व्यंजन के अंदर नापा गोभी का सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है।सूंप के अंदर इसकी पतियों का प्रयोग किया जाता है।

नपा गोभी दक्षिण कोरिया के उत्तरी गैंगवॉन प्रांत में विशेष रूप से लोकप्रिय है । यूरोपीय, अमेरिकी और ऑस्ट्रेलियाई रसोई में, इसे सलाद के रूप में पकाया या कच्चा खाया जाता है।

नपा गोभी के लिए मध्यम आकार की मिट्टी की आवश्यकता होती है।एक उच्च कार्बनिक पदार्थ और मिट्टी की अच्छी नमी धारण क्षमता को प्राथमिकता देती है।सूखा मिट्टी कैल्शियम या मैग्नीशियम की कमी की वजह से नपा गोभी की पैदावार मे समस्याएं हो सकती हैं।

‌‌‌आपको बतादें कि पूरे विकास काल मे मिट्टी को पानी की जरूरत होती है।और पानी की सबसे अधिक जरूरत तब होती है जब सिर बन रहा होता है।यदि गोभी को कम पानी मिलता है तो कैल्शियम कम होगा और भीतर की पतियां मर जाएंगी । पौधे 13 और 21 डिग्री सेल्सियस (55 और 70 डिग्री फ़ारेनहाइट) के बीच तापमान में सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हैं।

नपा गोभी में लगभग 2.5-2.8 ग्राम के एक हजार गिरी वजन के साथ बहुत छोटे बीज होते हैं। और कीटाणू रहित बीजों का प्रयोग किया जाना चाहिए ।एकल-अनाज बुवाई तकनीक के साथ, प्रति हेक्टेयर लगभग 400-500 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बीजों को 1–2 सेंटीमीटर गहराई तक जमा करना चाहिए, बीजों की बीच की चौड़ाई 40-45 सेमी और 25-30 सेंटीमीटर की दूरी तक होनी चाहिए ।

‌‌‌इस गोभी की रोपाई को ग्रीन हाउस के अंदर उगाया जा सकता है।2 से 3 सप्ताह के बाद रोपाई की जाती है। प्रति हेक्टेयर सत्तर हजार से 80,000 रोपाई की जानी चाहिए ।

‌‌‌नपा गोभी की कटाई हाथ से की जाती है। और यह जमीन से 2.5 सेमी ऊपर काटा जाता है।लगातार गोभी की गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए प्रति खेत में कई बार कटाई करना सामान्य है।इस गोभी को आप 3 से 4 महिने तक ठंड के अंदर स्टोर करके रख सकते हैं।

चीनी गोभी, कच्चा
प्रति 100 ग्राम पोषण मूल्य (3.5 औंस)
ऊर्जा68 केजे (16 किलो कैलोरी)
कार्बोहाइड्रेट३.२ ग्राम
फाइबर आहार1.2 ग्रा
Fat0.2 ग्रा
प्रोटीन1.2 ग्रा
विटामिनमात्रा% DV
विटामिन सी33% 27 मिग्रा
खनिजमात्रा% DV
कैल्शियम8% 77 मिग्रा
लोहा2% 0.31 मिग्रा
मैग्नीशियम4% 13 मिग्रा
सोडियम1%

नपा गोभी कई प्रकार के रोगों से संक्रमित हो सकती है।           फंगल रोग इसको अपनी चपेट मे ले सकते हैं।इसके अंग्रेजी नाम ब्लैक स्पॉट, पॉड स्पॉट, ग्रे लीफ स्पॉट, डार्क लीफ स्पॉट या अल्टरनेरिया होते हैं।इन रोगों के यह लक्षण हैं कि पौधे के उपर काले धब्बे हो जाते हैं। इसके अलावा यह पौधे सामान्य पौधे की तुलना  ‌‌‌ मे अधिक सिकुड़े हुए होते हैं।यह कवक जो होते हैं यह जीवित पौधों के उपर तो रहते ही हैं लेकिन मर चुके पौधों पर भी निवास करते हैं।संक्रमित पौधे के मलबे से भी यह रोग तेजी से फैल सकता है।

‌‌‌एक पौधे से दूसरे पौधे के अंदर संक्रमण हवा की मदद से काफी तेजी से फैलता है।यह तब अधिक फैलता है जब मौसम गिला हो और पौधा परिपक्वता तक पहुंच गया हो ।इसके अलावा भी कई रोग है जो गोभी को संक्रमित कर देते हैं।

  • ब्लैक लेग या फोमा स्टेम कैंसर: लेप्टोस्पैरिया मैक्यूलान
  • क्लबरॉट : प्लास्मोडीओफोरा ब्रासिका
  • डाउनी फफूंदी: Hyaloperonospora ब्रैसिका
  • ख़स्ता फफूंदी: एरीसिप क्रूसिफ़ेरम
  • राइजोक्टोनिया सोलानी
  • स्क्लेरोटिनिया स्क्लेरोटियोरम

‌‌‌गोभी के प्रकार Pointed Cabbage

पॉइंटेड गोभी सफेद गोभी का एक प्रकार है।इसके अंदर थोड़ा मीठा स्वाद होता है।और इसकी पतियां भी नाजुक होती हैं। जिसकी वजह से इसको लंबे समय तक स्टोर करके नहीं रखा जा सकता है।हालांकि यह 3 दिनों तक आसानी से टिक सकती है। इसको कुछ समय के लिए फ्रिज मे स्टोर करके रखा जा सकता है।

‌‌‌इस गोभी के अंदर विटामिन सी अच्छी मात्रा मे होता है और कैलोरी व वसा कम मात्रा मे होती है।और यह खाने मे काफी अच्छी होती है। इसको सफेद गोभी के समान ही तैयार किया जा सकता है। लेकिन यह पकती बहुत ही जल्दी है। इसको अधिक पकाने की आवश्यकता नहीं होती है।

‌‌‌इस गोभी की सबसे पहले बाहरी पतियों को निकाल देना चाहिए और उसके बाद बच्चे पत्तों को छोटे या बड़े आकार के अंदर आसानी से काटा जा सकता है। जिस आकार मे आप इसे पकाना चाहते हैं।

leaf cabbage

‌‌‌यह एक अलग प्रकार की गोभी होती है।जिसको पत्ता गोभी भी कहा जाता है इसके अंदर एक गांठ जैसी संरचना नहीं होती हैं।काले पौधों में हरे या बैंगनी रंग के पत्ते होते हैं, और केंद्रीय पत्तियां एक सिर नहीं बनाती हैं।और इस गोभी को जंगली गोभी के करीब माना जाता है।

काले की उत्पत्ति पूर्वी भूमध्यसागरीय और एशिया माइनर में हुई थी , जहाँ इसकी खेती नवीनतम रूप में 2000 ईसा पूर्व से शुरू हुई थी।पश्चिमी यूरोप के अंदर इस गोभी का सबसे पुराना रिकॉर्ड 13 वीं शताब्दी का मे मौजूद है। ‌‌‌सन 19 वीं शताब्दी के अंदर इस गोभी को कनाड़ा मे उगाना शूरू किया गया था और उसके बाद इसको अमेरिका के अंदर भी उगाना शूरू कर दिया था। ‌‌‌सन 1990 के अंदर यह गोभी खाने के रूप मे सबसे अधिक लोकप्रिय गोभी के अंदर गिनी जाने लगी ।

‌‌‌आपको बतादें कि यह केवल सर्दियों के अंदर ही पनपती है।पत्ती के प्रकारों के साथ-साथ, कम, मध्यवर्ती या तने की उच्च लंबाई के अनुसार कली की किस्मों में अंतर हो सकता है। पत्ती के रंग हल्के हरे रंग से हरे, गहरे हरे और बैंगनी-हरे, बैंगनी-भूरे रंग के होते हैं।

  • घुंघराले पत्ती (स्कॉट्स केल, ब्लू कर्लड केल)
  • बम्पी-पत्ती
  • सादा पत्ती
  • पत्ती और भाला, या पंख-प्रकार पत्ती
  • सजावटी

‌‌‌जैसा कि आपको पता ही चल गया होगा कि यह गोभी दो प्रकार की मुख्य रूप से होती है। पहला प्रकार यह है कि यह सजावट के तौर पर उगाई जाती है। सजावट वाली गोभी खाने मे स्वादिष्ट नहीं होती है लेकिन कई रंग की होती है। जैसे शानदार सफेद, लाल, गुलाबी, लैवेंडर, नीली या बैंगनी  आदि ।

‌‌‌गोभी कच्ची
प्रति 100 ग्राम पोषण मूल्य (3.5 औंस)
ऊर्जा207 केजे (49 किलो कैलोरी)
कार्बोहाइड्रेट8.8 ग्रा
शुगर्स2.3 ग्रा
फाइबर आहार3.6 ग्रा
मोटी0.9 ग्रा
प्रोटीन4.3 ग्राम
विटामिनमात्रा% DV
विटामिन ए समान। ल्यूटिन ज़ेक्सैंथिन30% 241 μg 6261 μg
थियामिन (बी 1 )10% 0.11 मिग्रा
राइबोफ्लेविन (B 2 )1 1% 0.13 मिग्रा
नियासिन (बी 3 )7% 1.0 मिग्रा
पैंटोथेनिक एसिड (बी 5 )18% 0.9 मिग्रा
विटामिन बी 621% 0.27 मिग्रा
फोलेट (B 9 )35% 141 माइक्रोग्राम
चोलिन0% 0.8 मिग्रा
विटामिन सी145% 120 मिग्रा
विटामिन ई10% 1.54 मिग्रा
विटामिन K371% 390 μg
खनिजमात्रा% DV
कैल्शियम15% 150 मि.ग्रा
लोहा12% 1.5 मिग्रा
मैग्नीशियम13% 47 मिग्रा
मैंगनीज31% 0.66 मिलीग्राम
फास्फोरस13% 92 मिग्रा
पोटैशियम10% 491 मिग्रा
सेलेनियम1% 0.9 μg
सोडियम3% 38 मिलीग्राम
जिंक6% 0.6 मिग्रा
अन्य घटकमात्रा
पानी84.0 ग्राम

इसमें महत्वपूर्ण फाइबर, खनिज, विटामिन के और विटामिन ई भी शामिल हैं, एंटीऑक्सिडेंट में समृद्ध है और कैलोरी और वसा में कम है।हालांकि इसके अंदर विटामिन सी अच्छी मात्रा मे पाया जाता है।

Cauliflower फूल गोभी

‌‌‌ शब्द “फूलगोभी” इतालवी कैवल्योरियोर से निकला है , जिसका अर्थ है “गोभी का फूल”। नाम की मूल उत्पत्ति लैटिन के शब्द कौलिस (पत्तागोभी) से हुई है। फूल गोभी के बारे मे तो आप अच्छी तरह से जानते ही होंगे ।और बहुत से लोगों की यह पसंदिदा सब्जी होती है। इसके पत्तों को भी धोकर खाया जा सकता है क्योंकि यह अधिक पौष्टिक होते हैं।

फूलगोभी जीनस ब्रैसिका में ब्रासिका ओलेरासिया प्रजाति की कई सब्जियों में से एक है। और इस गोभी के पत्तों को नहीं खाया जाता है वरन केवल सिर का ही सेवन किया जाता है। मध्य युग में फूलगोभी के प्रारंभिक रूप साइप्रस के द्वीप से जोड़ कर देखा गया था।साइप्रस कोल्वोर्ट के नाम से भी फूल गोभी को जाना जाता था।

‌‌‌फूल गोभी के उत्पादन के लिए मध्यम तापमान की आवश्यकता होती है। दिन के तापमान में 21–29 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए । और अधिक तापमान की वजह से फूल गोभी का रंग बैंगनी हो सकता है। उत्तरी गोलार्ध में, जुलाई में पतझड़ के मौसम में शरद ऋतु ठंढ से पहले  कटाई करदी जाती है।

‌‌‌रोपने योग्य फूल गोभी का उत्पादन  कंटेनरों में फ्लैट, हॉटबेड या खेत मे किया जा सकता है।और रोपाई  सूखी और उपजाउ भूमी के अंदर की जानी चाहिए । रोपाई के बाद उर्वरक का प्रयोग किया जाना चाहिए ।

फूलगोभी के अंदर कई प्रकार के रोग भी लग सकते हैं। जिसके अंदर एफिड्स , जड़ कीड़ों , cutworms , पतिंगे , और पिस्सू बीट्लस आदि ।समय समय पर रोगों के नियंत्रण के लिए दवा का प्रयोग किया जाना चाहिए ।

जब गोभी परिपक्व होती है, तो सिर स्पष्ट सफेद, कॉम्पैक्ट और 15-20 सेमी (6–8 इंच) व्यास के रूप में दिखाई देते हैं तब इसको काटा जा सकता है। जब आपके पास भंडारण के लिए उचित स्थान मौजूद हो ।

फूलगोभी सिर भुना हुआ, ग्रील्ड, उबला हुआ, तला हुआ, उबला हुआ , मसालेदार, या कच्चा खाया जा सकता है। खाना पकाने के दौरान, बाहरी पत्तियों और मोटी डंठल को हटा दिया जाता है।

  • ‌‌‌सफेद रंग की फूलगोभी आसानी से हमारे यहां पर देखने को मिल जाती है।
  • फूल गोभी ऑरेंज कलर की भी होती है। यह रंग बीटा-कैरोटीन नारंगी वर्णक की वजह से होता है।यह नारंगी लक्षण कनाडा में एक फूलगोभी क्षेत्र में पाए जाने वाले प्राकृतिक उत्परिवर्ती से उत्पन्न हुआ ।
  • ग्रीन फूलगोभी को कभी-कभी ब्रोकोफ्लोवर कहा जाता है।इन किस्मों मे ‘अल्वरदा’, ‘ग्रीन देवी’ और ‘वोर्दा’ आती हैं।
  • फूलगोभी में बैंगनी रंग एंथोसायनिन , पानी में घुलनशील रंजक की उपस्थिति के कारण होता है जो कई अन्य पौधों और पौधों पर आधारित उत्पादों, जैसे कि लाल गोभी और रेड वाइन में देखने को मिलते हैं।
फूलगोभी, कच्चा
प्रति 100 ग्राम पोषण मूल्य (3.5 औंस)
ऊर्जा104 केजे (25 किलो कैलोरी)
कार्बोहाइड्रेट5 ग्रा
शुगर्स1.9 ग्रा
फाइबर आहार2 ग्रा
मोटी0.3 ग्रा
प्रोटीन1.9 ग्रा
विटामिनमात्रा
थियामिन (बी 1 ) 0.05 मिग्रा
राइबोफ्लेविन (B 2 ) 0.06 मिग्रा
नियासिन (बी 3 ) 0.507 मि.ग्रा
पैंटोथेनिक एसिड (बी 5 ) 0.667 मिग्रा
विटामिन बी 6 0.184 मिग्रा
फोलेट (B 9 ) 57 माइक्रोग्राम
विटामिन सी 48.2 मिग्रा
विटामिन ई 0.08 मि.ग्रा
विटामिन K 15.5 μg है
खनिजमात्रा
कैल्शियम 22 मिलीग्राम
लोहा 0.42 मिग्रा
मैग्नीशियम 15 मिग्रा
मैंगनीज 0.155 मिग्रा
फास्फोरस 44 मिग्रा
पोटैशियम 299 मिग्रा
सोडियम 30 मिग्रा
जिंक 0.27 मिग्रा
अन्य घटकमात्रा
पानी92 ग्रा

Brussels sprouts

ब्रसेल्स स्प्राउट लंबे समय से बेल्जियम के ब्रुसेल्स में लोकप्रिय है। यहीं से इसको यह नाम मिला है।13 वीं शताब्दी में ब्रसेल्स , बेल्जियम के निकट खेती की जाती थी।आधुनिक ब्रुसेल्स स्प्राउट्स की खेती रोम के अंदर की गई थी।और 16 वीं शताब्दी मे इस गोभी ने निदरलैंड के अंदर लोकप्रियता हाशिल करली थी।ब्रसेल्स स्प्राउट्स 7–24 डिग्री सेल्सियस (45-75 डिग्री फ़ारेनहाइट) के तापमान रेंज के अंदर पैदा होते हैं। और फसल बोने के 90 से 180 दिन मे यह तैयार हो जाती है।प्रत्येक डंठल 1.1 से 1.4 किलोग्राम तक होता है। और यह  ऊँचाई में 60 से 120 सेंटीमीटर तक होते हैं।इस गोभी के सबसे बड़े  उत्पादक नीदरलैंड, 82,000 मीट्रिक टन, और जर्मनी, 10,000 टन होती है।

‌‌‌ब्रसेल्स स्प्राउट्स को पकाने का सबसे आम तरीका यह है कि डंठल से कलियों को काट दिया जाता है।एक बार कलियों को काटने के बाद उनको उबाला जाता है। और इसके लिए धीमी आंच पर पकाया जाता है।पकने के बाद कलियों में ग्रे और नरम बनाता है, और फिर वे एक मजबूत स्वाद और गंध   विकसित होती है।ब्रसेल्स स्प्राउट्स को भून कर भी खाया जाता है। इससे स्वाद बढ़ जाता है।

ब्रसेल्स स्प्राउट्स, कच्चे
(
खाद्य भागों)
प्रति 100 ग्राम पोषण मूल्य (3.5 औंस)
ऊर्जा179 केजे (43 किलो कैलोरी)
कार्बोहाइड्रेट8.95 ग्रा
शुगर्स2.2 ग्रा
आहारीय रेशा3.8 ग्रा
मोटी0.3 ग्रा
प्रोटीन3.48 ग्राम
विटामिनमात्रा
विटामिन ए समान। बीटा कैरोटीन ल्यूटिन ज़ेक्सैंथिन38 माइक्रोग्राम 450 माइक्रोग्राम 1590 μ जी
थियामिन (बी 1 )0.139 मि.ग्रा
राइबोफ्लेविन (B 2 )0.09 मि.ग्रा
नियासिन (बी 3 )0.745 मि.ग्रा
पैंटोथेनिक एसिड (बी 5 )0.309 मि.ग्रा
विटामिन बी 60.219 मिग्रा
फोलेट (B 9 )61 माइक्रोग्राम
चोलिन19.1 मिलीग्राम
विटामिन सी85 मिग्रा
विटामिन ई0.88 मिग्रा
विटामिन K177 μg
खनिजमात्रा
कैल्शियम42 मिग्रा
लोहा1.4 मिलीग्राम
मैग्नीशियम23 मिग्रा
मैंगनीज0.337 मिग्रा
फास्फोरस69 मिग्रा
पोटैशियम389 मिग्रा
सोडियम25 मिग्रा
जिंक0.42 मिग्रा
अन्य घटकमात्रा
पानी86 ग्राम

Romanesco broccoli

‌‌‌इसको कई नामों से जाना जाता है जैसे रोमन फूलगोभी , Broccolo रोमनेस्को , रोम देशवासी फूलगोभी आदि ।16 वीं शताब्दी के अंदर ईटली मे पहली बार प्रलेखित किया गया था। इसकी बनावट मजबूत होती है और अखरोट स्वाद होता है। रोमनेस्को अल्पज्ञता एक फूलगोभी जैसा दिखता है, लेकिन यह है षाट्रेज़ रंग में, एक प्राकृतिक के फार्म के साथ भग्न होता है।प्रत्येक कली छोटी कलियों की एक श्रृंखला से बनी होती है, सभी एक और लघुगणकीय सर्पिल में व्यवस्थित होती हैं।

‌‌‌वैसे तो आप इस गोभी को फ्रिज के अंदर स्टोर करके रख सकते हैं लेकिन आप इसको अधिक समय तक स्टोर करके नहीं रख सकते हैं।बस एक सप्ताह के बाद यह अपनी गुणवकता खोना शूरू कर देती है। वैसे यदि आप इसको बाहर रखते हैं तो इसको 24 घंटे के भीतर पका लिया जाना चाहिए ।

Kohlrabi

‌‌‌इस गोभी को जर्मन शलजम के नाम से भी जाना जाता है।इसको कच्चा और पका कर खाया जाता है। लेकिन यह शलजम की प्रजाति नहीं होती है। ‌‌‌इस गोभी को अलग अलग जगहों पर अलग अलग नाम से जाना जाता है।

  • वियतनाम मे इसको सूओहो कहा जाता है।
  • कश्मीर के अंदर इसे मोंज हक कहा जाता है।
  • महाराष्ट्र में नवलकोल के नाम से जाना जाता है।
  • कर्नाटक में  और श्रीलंका मे शलजम गोभी के नाम से जाना जाता है।
  • कालरेब इसको स्लोवाकिया मे कहा जाता है।

‌‌‌इस गोभी का पहला यूरोपीय लिखित रिकॉर्ड 1554 में वनस्पति विज्ञानी मैटिओली द्वारा लिखा गया था ।

प्रकृति में इसकी उत्पत्ति गोभी , ब्रोकोली , फूलगोभी , केल , कोलार्ड साग , और ब्रसेल्स स्प्राउट्स के समान है। यह सभी नस्ल ब्रैसिका ओलेरासिया पौधे के समान होती हैं।

‌‌‌इस गोभी का स्वाद मीठा होता है।इसके अलावा काफी रसदार भी होता है।वसंत से उगने वाली कोल्ह्राबी 5 सेमी से अधिक आकार की होती है।

‌‌‌बुआई के 50 से 60 दिन के अंदर यह परिपक्व हो जाती है।इसका अनुमानित वजन 150 ग्राम होता है।

Jaroma cabbage

टी सफेद गोभी के चपटे संस्करण की तरह दिखता है।यह नस्ल सफेद गोभी के समान होती है। लेकिन स्वाद के अंदर थोड़ी कड़वी होती है।आपको अधिक बार jaroma गोभी खानी चाहिए क्योंकि यह एक अच्छी गंध देती है।नुकीली गोभी की तरह, जारोमा गोभी की पत्तियां सुपर टेंडर होती हैं। ‌‌‌इस गोभी को पकाने मे बस कुछ ही समय लगता है।इसलिए यह त्वरित व्यंजनों के लिए एक उत्कृष्ट गोभी पसंद है। यह सफेद या लाल गोभी की तुलना में पचाने में बहुत आसान है। आप इसको कच्चा खा सकते हैं और फ्रीज के अंदर महिने तक सेव रख सकते हैं। इस गोभी की मदद से आप कई तरह की रेसीपी बना सकते हैं।

‌‌‌गोभी खाने के फायदे

 ‌‌‌गोभी हम बड़े चाव से खाते हैं। और  आज कल तो गोभी हर किसी की प्रिय बन चुकी है। लेकिन बहुत से लोगों को गोभी के फायदों के बारे मे पता नहीं हैं।और गोभी की सब्जी बनाना काफी आसान होता है। यह खाने मे भी काफी स्वादिष्ट होती है। गोभी सर्दी मे उगती है।  ‌‌‌और इसके अंदर कई सारे पोषक तत्व होते हैं।इसके अंदर कई प्रकार के विटामिन पाये जाते हैं। जिनके बारे मे हम आपको उपर जानकारी दे चुके हैं। इसके अलावा इसमे कैलोरी की भी अच्छी मात्रा होता है।इसमे फौलेट और फाइबर भी होता है। यदि आपको उर्जा की जरूरत है तो इसके लिए गोभी उपयोगी साबित हो सकती है।

‌‌‌आपके हर्ट के लिए अच्छी होती है फूल गोभी

आजकल हर्ट की समस्याएं बहुत अधिक देखने को मिलती हैं। आपने देखा होगा कि बहुत से लोग हर्ट अटैक से मारे जाते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार गोभी हर्ट की बीमारियों को रोकने का कार्य करती है।‌‌‌सभी प्रकार की गोभी के अंदर आइसोथियोसाइनेट्स नामक एक तत्व पाया जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह तत्व हर्ट की रक्षा के लिए जाना जाता है। यदि आप चाहते हैं कि आपको हर्ट की कोई समस्या नहीं हो तो गोभी का सेवन करना शूरू करदें ।

‌‌‌गोभी कैंसर से बचाती है

आज के समय मे कैंसर एक बहुत ही तेजी से बढ़ता हुआ रोग है।यदि आप पहले ही इसका उपचार नहीं करवाते हैं तो बाद मे यह बहुत ही भयंकर रूप लेलेता है। और उसके बाद व्यक्ति की मौत निश्चित ही हो जाती है।वैज्ञानिकों के अनुसार फूल गोभी कैंसर से बचे रहने के लिए एक बेहतरीन उपाय साबित ‌‌‌ हो सकती है। यह कैंसर के उपचार मे भी मदद करती है।गोभी के अंदर सल्फोराफेन नामक तत्व पाया जाता है। जिसको एंटीकैंसर कहा जाता है। यह टयूमर के विकास को रोकता है। और सभी प्रकार के कैंसर के खिलाफ लड़ने मे यह तत्व मदद करता है।

‌‌‌त्वचा और बालों के लिए गोभी फायदेमंद

दोस्तों त्वचा और बालों के लिए गोभी काफी फायदेमंद होती है।आपको बतादें कि गोभी के अंदर विटामिन सी मौजूद होता है जो कोलेजन के उत्पादन मे सुधार करता है। और यह त्वचा को अच्छा बनाने का कार्य करता है।इसके अलावा त्वचा ‌‌‌ सूखी है और ढीली है तो यह उसको ठीक कर सकती है।कुल मिलाकर यह त्वचा को चमकदार बनाने का काम भी करती है। इतना ही नहीं गोभी भी बालों के लिए फायदेमंद होती है। विटामिन सी बालों को झड़ने से रोकने का कार्य करती है।

डायबिटीज को रोकने मे मदद करता है

दोस्तों आपको बतादें कि गोभी डायबिटीज के अंदर भी काफी मददगार होती है।गोभी टाइप 2 डायबिटीज के लिए काफी उपयोगी होती है।वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार गोभी के अंदर कुछ ऐसे तत्व पाये जाते हैं जो  की डायबिटीज को रोकने मे मदद करते हैं। ‌‌‌यदि आपको डायबिटीज की समस्या है तो फिर आपको अधिक से अधिक गोभी का सेवन करना चाहिए । आपकी राहत के लिए यह बहुत ही उपयोगी है।

विषाक्त पदार्थों को दूर करने मे उपयोगी होती है गोभी

शरीर के अंदर कई तरह के विषाक्त पदार्थ बनते हैं। और लिवर इनको बाहर निकालने का कार्य करता है। गोभी के अंदर ग्लूकोसाइनोलेट्स  तत्व होते हैं जोकि इंजाइम को बढ़ाने का कार्य करते हैं।जोकि शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का कार्य करते ‌‌‌ हैं।

हड्डियों को मजबूत करती है गोभी

हड्डियों को मजबूत करने का कार्य गोभी करती है।आपको बतादें कि फूल गोभी के अंदर कुछ ऐसे तत्व पाये जाते हैं जोकि हडडियों के अंदर फैक्चर होने की संभावना को कम करने का कार्य करते हैं।फ्रैक्चर  के जोखिम को आप भी कम करना चाहते हैं तो गोभी का सेवन कर सकते हैं। यह काफी अच्छा ‌‌‌ तरीका है हडियों को मजबूत करने का ।

‌‌‌वजन को कम करती है गोभी

यदि आपका वजन बहुत अधिक है तो गोभी वजन को कम कर सकती है।कई लोग दिन ब दिन बढ़ते हुए वजन से काफी परेशान हैं। यदि आप भी वजन कम करने के बारे मे सोच रहे हैं तो गोभी का इस्तेमाल करें । ‌‌‌गोभी मे अधिक मात्रा मे फाइबर होने की वजह से यह वजन को कम करती है। वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार उच्च फाइबर का सेवन करना वजन को कम करने मे उपयोगी होता है।

‌‌‌सूजन को कम करती है गोभी

दोस्तों आपको बतादें कि गोभी सूजन को कम करने का कार्य भी करती है। गोभी के अंदर फ्लेवोनोइड कंपाउंड नामक तत्व पाया जाता है। और यह सूजन को कम करने का कार्य करता है। यदि आप एक कच्ची गोभी को भूनकर खाते हैं तो उसके अंदर फ्लेवोनोइड कंपाउंड अधिक होता है। ‌‌‌जबकि यदि आप गोभी को उबालकर खाते हैं तो उसके अंदर फ्लेवोनोइड कंपाउंड की मात्रा कम हो जाती है।

‌‌‌दिमाग को हेल्थी रखती है गोभी

दोस्तों गोभी दिमाग की हेल्थ को बढ़ाने का कार्य करती है।इसकी दिमाग के विकास के अंदर महत्वपूर्ण भूमिका होती है।यदि आप फूल गोभी खाते हैं तो आपकी यादाश्त मे सुधार होता है। और दिमाग के विकास मे फायदा होता है। इतना ही नहीं  गोभी न्यूरोट्रांसमीटर  को सही करने मे ‌‌‌ काफी उपयोगी साबित होती है।

‌‌‌यदि आप अपने दिमाग को अधिक मजबूत बनाना चाहते हैं तो फूल गोभी का सेवन आप कर सकते हैं। यह आपके लिए काफी उपयोगी हो सकती है। खास कर पढ़ने वाले बच्चों के लिए गोभी का सेवन करना काफी आवश्यक होता है।

‌‌‌हार्मोन के स्तर मे संतुलन करती है गोभी

हार्मोन के स्तर को संतुलित होना बहुत ही जरूरी होता है। यदि हार्मोन का स्तर संतुलित नहीं है तो कई प्रकार की समस्याएं पैदा हो सकती हैं।गोभी खाने से हार्मोन संतुलन को बनाए रखने मे मदद मिलती है। यही वजह है कि अधिक से अधिक गोभी का सेवन करना चाहिए ताकि ‌‌‌बेकार की बीमारियों से बचा जा सके ।

‌‌‌रक्त प्रवाह के अंदर सुधार करती है गोभी

वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार गोभी के अंदर नाइट्राइट नामक तत्व पाया जाता है जो शरीर के अंदर रक्तप्रवाह मे सुधार करने का कार्य करता है।जब तक शरीर मे अच्छे से रक्त प्रवाह होता रहेगा तब तक हर्ट भी सही तरीके से काम करता रहेगा । धमनियों का ब्लॉक होने से कई

 तरह की भयंकर समस्याएं पैदा होती हैं।

‌‌‌आंखों की रोशनी को बढ़ाती है गोभी

आज छोटे से छोटे बच्चों की आंखों पर चश्मा लग चुकी है। और आंखों के कमजोर होने की समस्या बहुत ही आम हो चुकी है। मेरी खुद की आंखों पर भी चश्मा लगी हुई है।लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार गोभी के अंदर विटामिन सी पाई जाती है जो आंखों के लिए बहुत उपयोगी होती है। ‌‌‌विटामिन सी बढ़ती उम्र के साथ कम होती आंखों की रोशनी को बनाए रखने का कार्य करता है।

‌‌‌आपकी लिवर और किडनी के लिए उपयोगी है गोभी

फूल गोभी के अंदर मौजूद कोलिन आपकी लिवर और किड़नी के लिए काफी उपयोगी होता है।यह लिवर और किडनी को संक्रमण से बचाती है। ‌‌‌हालांकि इस संबंध मे अभी भी स्पष्ट रिसर्च होना बाकी है।वहीं पर कुछ वैज्ञानिकों का कहना यह है कि गोभी के अंदर यूरिक ऐसिड़ अधिक होता है।

 इस वजह से यह गुर्दे की पत्थरी के जन्म देने का कारण बन सकता है। यदि आपको गुर्दे की समस्या है तो पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उसके बाद ही गोभी का ‌‌‌ सेवन करें । क्योंकि डॉक्टर ही आपको उचित सलाह दे सकता है।

‌‌‌पाचन आसानी से हो जाता है

दोस्तों गोभी आपके पाचन तंत्र के लिए भी काफी उपयोगी होती है क्योंकि इसको आसानी से पचाया जा सकता है।इसके अंदर अधिक मात्रा मे फाइबर होता है। और फाइबर को आसानी से पचाया जा सकता है। फाइबर मल को भारी बनाता है जिससे यह आसानी से बाहर आ जाता है। ‌‌‌तो गोभी का सेवन करने से शरीर के अंदर फाइबर की पूर्ति होती है और यह आपके पाचन तंत्र को हेल्थी बनाए रखने मे मदद करती है।

‌‌‌गले मे सूजन को दूर करती है गोभी

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दोस्तों तापमान के बदलने से गले के अंदर सूजन और दर्द की शिकायत हो सकती है।जिन लोगों के गले के अंदर इस प्रकार की समस्या होती है। उनको चाहिए कि वे गोभी की जड़ का काढ़ा बनाएं और उसकी मदद से दिन के अंदर 3 बार गरारे करें । ऐसा करने से गले मे सूजन और दर्द से राहत ‌‌‌ मिलती है।

‌‌‌पेट दर्द को दूर करती है गोभी

दोस्तों पेट दर्द और दस्त का होना बहुत ही आम बात है।यदि पेट दर्द और दर्द की शिकायत है तो आपको चाहिए कि फूल गोभी का शाक बनाएं और उसके बाद उसे खाएं यह पेट दर्द को दूर करने मे काफी उपयोगी साबित होता है।

‌‌‌खांसी को दूर करती है बंदगोभी

बंद गोभी खांसी को दूर करने का कार्य करती है।यदि आपको लंबे समय तक खांसी की शिकायत है तो बंद गोभी के पत्तों के रस को निकालें और उसके बाद उसका सेवन करें । इससे खांसी दूर हो जाएगी । यह खांसी की सबसे अधिक प्रभावी दवा है।

‌‌‌मूत्र संबंधित समस्या को दूर करती है गोभी

यदि आपको मूत्र से संबंधित समस्याएं जैसे रूक रूक कर पेशाब आना ,या जलन होना । आदि हो तो आपको चाहिए कि आप गोभी के पत्तों का काढ़े को बनाएं और उसके बाद उसके अंदर मिसरी को मिलाएं । फिर पीलें । ऐसा करने से मूत्र की समस्याएं अपने आप ही दूर हो जाएंगी।

‌‌‌गठिया को नियंत्रित करती है गोभी

दोस्तों गठिया की समस्या यदि किसी को है तो गोभी के पत्तों के लेप को अच्छी तरह से पीसलें और उसके बाद गठिया वाले स्थान पर लगाएं ।ऐसा करने से दर्द से राहत मिलती है।

‌‌‌नशा के लत छुटाने के लिए

कुछ लोगों को नशे की बुरी आदत होती है।यदि किसी की नशे की आदत छूटानी हो तो गोभी के पत्तों को पानी के अंदर उबालें और उसके बाद पानी को पिलाने से काफी लाभ होता है।

‌‌‌भूख बढ़ाने के लिए गोभी का प्रयोग

कुछ लोगों को भूख नहीं लगती है।इसके लिए एक सरल उपाय यह है कि गांठ गोभी की सब्जी बनाकर खिलाएं । ऐसा करने से भूख लगनी शूरू हो जाएगी है।

‌‌‌गोभी खाने के नुकसान

जैसा कि आपको पता ही होगा कि हर चीज के कुछ फायदे और नुकसान होते हैं।तो आइए जान लेते हैं कि गोभी खाने के क्या क्या नुकसान हो सकते हैं।

‌‌‌गोभी किडनी स्टोन का कारण बन सकती है।

कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार गोभी के अंदर यूरिक ऐसिड पाया जाता है। और यह ऐसिड किडनी स्टोन के लिए जिम्मेदार हो सकता है। इस वजह से गोभी अधिक मात्रा मे नहीं खानी चाहिए । यह नुकसान कर सकती है।

‌‌‌पेट गैस होना

गोभी के सेवन से पेट गैस होना बहुत ही आम होती है।खास कर फूल गोभी के अंदर कार्ब्स होते हैं जो आसानी से टूटते नहीं है। जिससे गैस की समस्या होती है। ‌‌‌इस समस्या को आप खुद भी अनुभव कर चुके हैं।जब भी मे गोभी खाता हूं तो कई बार गैस की शिकायत हो जाती है। ‌‌‌और उसके बाद गैस के लिए बनाया गया चूर्ण लेना पड़ता है।

‌‌‌गोभी के कीड़े पेट मे जाने का डर

दोस्तों आपको बतादें कि फूल गोभी के अंदर कई प्रकार के हानिकारक कीड़े होते हैं। और यह कीड़े आपके पेट के अंदर जा सकते हैं। बहुत से लोगों को गोभी बिना पकी हुई खाने की आदत होती है। इस प्रकार से गोभी को खाना रिस्की होता है।

‌‌‌पीछले दिनों आई एक न्यूज के अनुसार गोभी के कीड़े एक बच्चे के सर तक पहुंच गए थे ।बाद मे उन कीड़ों को ऑपरेशन की मदद से निकाला गया ।

थायराइड के रोगियों के लिए गोभी उपयोगी नहीं होती है

दोस्तों जिन लोगों को थायराइड की समस्या होती है। उनको गोभी का सेवन नहीं करना चाहिए । क्योंकि यह थायराइड हार्मोन के उत्पादन मे बाधा पैदा करती है।और इसके खाने से हार्मोन के संतुलन मे समस्या होती है।‌‌‌यदि आपको थायराइड की समस्या है तो गोभी को खाने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें । गोभी कितने प्रकार की होती है ? लेख के अंदर हमने जाना गोभी के प्रकार के बारे मे उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा ।

This post was last modified on February 5, 2021

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