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    Home»‌‌‌पशुओ मे रोग»बकरी कितने प्रकार की होती हैं type of goat in hindi
    ‌‌‌पशुओ मे रोग

    बकरी कितने प्रकार की होती हैं type of goat in hindi

    arif khanBy arif khanJanuary 3, 2021Updated:January 8, 2021No Comments37 Mins Read
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    ‌‌‌ बकरी कितने प्रकार की होती है,बकरी की नस्ल कितने प्रकार की होती है तो आइए जानते हैं बकरी के प्रकार के बारे मे विस्तार से ,भारत के अंदर बकरी पालन बहुत अधिक होता है।बकरियों से दूध   और मांस प्राप्त किया जा सकता है।और बकरियों के पालन से अच्छा लाभ भी आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। यदि आपके पास साधन नहीं है तो भी आप एक बकरी को आसानी से पाल सकते हैं।

    क्योंकि इसके लिए बहुत ही कम साधन की जरूरत होती है। रहने के ‌‌‌ लिए एक छोटे से स्थान और रोजाना खाने के लिए घास। इसके बदले मे यह इतना उत्पादन आपको देदेती है कि आप आसानी से खर्चा को निकाल सकते हैं। आज बहुत सारे ऐसे किसान हैं जो केवल बकरी से ही अपने जीवन का गुजर बसर कर रहे हैं।

    ‌‌‌वैसे आपको बतादें कि ग्रामीण किसान वैज्ञानिक ढंग से  बकरी पालन नहीं करते हैं जिसकी वजह से उनको उतना अधिक लाभ नहीं हो पाता है। और मार्केट के अंदर मांस की मांग बढ़ती जा रही है उसकी तुलना मे आपूर्ति काफी कम है। इससे देखने पर यह लगता है कि बकरी पालन का भविष्य काफी उज्जवल है। लेकिन फायदे के ‌‌‌ लिए उचित तरीके से बकरी का पालना करना बेहद जरूरी होता है।

    ‌‌‌हमारे यहां पर बकरियों की नस्ल अच्छी नहीं है।जिसकी वजह से अधिक पैदावार संभव नहीं होती है। और बकरी पालन भी परम्परागत ढंग से किया जाता है।और किसान ना ही बकरियों के लिए संतुलित चारा और दाना जुटा पाते हैं। ‌‌‌

    बहुत से ग्रामिण इलाकों के अंदर तो बकरी के बीमार होने पर डॉक्टर तक की व्यवस्था नहीं हो पाती है।यदि आप खेत के अंदर टयूबवैल रखते हैं तो बकरीपालन से अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। हालांकि बकरियों मे रोग ना हो जाए इसका खास ध्यान रखना चाहिए । कई बार रोग होने की वजह से बहुत सारी बकरियां एक साथ ‌‌‌ ही मर जाती हैं।

    Table of Contents

    • बकरी कितने प्रकार की होती है Jamnapari goat
    • Malabari Goat
    • बकरी कितने प्रकार की होती है Barbari Goat
    • BeetalGoat                                                                                                                         
    • Tellicherry Goat
    • Sirohi Goat
    • बकरी कितने प्रकार की होती है Osmanabadi goat
    • Kanni aadu goat
    • Black Bengal goat
    • Kodi aadu goat
    • List of goat breeds
    • बकरी कितने प्रकार की होती है Abaza goat
    • Alpine goat
    • Altai Mountain goat
    • Anglo-Nubian goat
    • Appenzell goat
    • Arapawa goat
    • Argentata dell’Etna
    • Asmari goat
    • Aspromonte goat
    • Bagot goat
    • Belgian Fawn goat
    • Bilberry goat
    • Bionda dell’Adamello
    • Canindé goat
    • Carpathian goat
    • Chamba goat
    • Chamois Coloured goat
    • Changthangi
    • Charnequeira
    • Chengde Down
    • Chengdu Brown
    • Chigu goat
    • Corsican goat
    • Dera Din Panah
    • Damascus goat
    • Danish Landrace goat
    • Don goat
    • Duan goat
    • Dutch Toggenburg
    • Erzgebirge goat
    • Fainting goat
    • Frisa Valtellinese
    • Garganica
    • Girgentana
    • Golden Guernsey
    • Grisons Striped
    • Hexi Cashmere
    • Hungarian Improved
    • Icelandic goat
    • Irish goat
    • Jining Grey
    • Jonica
    • Kaghani goat
    • Kalahari Red
    • Kamori
    •  Kinder goat
    • Kiko goat
    • American Lamancha
    • Laoshan goat
    • Majorera
    • Maltese goat
    • Markhoz
    • Messinese goat
    • Oberhasli goat
    • Murciano-Granadina
    • Murciana goat
    • Nigerian Dwarf goat
    • Nigora
    • Nera Verzasca
    • बकरी कितने प्रकार की होती है Norwegian goat
    • Orobica
    • Peacock goat
    • American Pygmy
    • Pyrenean goat
    • Rove goat
    • Russian White goat
    • Saanen goat
    • Valdostana
    • Sahelian goat
    • San Clemente Island goat
    • Spanish goat
    • Stiefelgeiss
    • Tauernscheck
    • Thuringian goat
    • Toggenburg goat
    • Valais Blackneck

    बकरी कितने प्रकार की होती है Jamnapari goat

    बकरी कितने प्रकार की होती है Jamnapari goat
    By (Nepali keto62 (talk)) – Own work, CC BY-SA 4.0, wiki

    जमनापारी (या जमुनपारी) भारतीय उपमहाद्वीप से उत्पन्न होने वाली बकरी की एक नस्ल है।इस बकरी का नाम यमुना नदी से लिया गया है। यह नस्ल अमेरिकी न्युबियन के पूर्वजों में से एक है। सन 1972 की जनगणना के अनुसार भारत के अंदर इस नस्ल की बकरिया 580,000  मानी गई हैं।

    • ‌‌‌यदि हम बात करें एक नर बकरी के वजन का तो यह वजन 65kgs से 80kgs और मादा का वजन 45kgs से 60kgs के बीच होता है।
    • यह बकरियां रोजाना 2 से 2.5 किलोग्राम दूध  देती हैं।
    • जामुनपारी बकरी अधिकतर उत्तरप्रदेश के अंदर पाई जाती है।

    Malabari Goat

    मालाबारी बकरी केरल के मालाबारी क्षेत्रों के अंदर पाई जाती है।इनको टेलरिचेरी बकरी के नाम से भी जाना जाता है।इस बकरी का मांस के लिए पालन किया जाता है। हालांकि यह दूध का उत्पादन भी करती है।मादा का का वजन औसतन 30.68 किग्रा होता है, जबकि पुरुषों का वज़न 41.20 किग्रा होता है।मालाबारी बकरियों का वजन कम होता है, छोटे कान और पैर होते हैं, और बड़े अंडकोष होते हैं।

    बकरी कितने प्रकार की होती है Barbari Goat

    बकरी कितने प्रकार की होती है Barbari Goat

    Barbari Goat यह भारत में हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश और पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में पाई जाती है। बारबरी बकरी का नाम सोमालिया में हिंद महासागर पर स्थित एक तटीय शहर बेरबेरा के नाम पर रखा गया है।यह नस्ल उत्तर-पश्चिमी शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में पाया जाता है।दुनिया के अंदर 2.4 मिलियन आबादी इस बकरी की दुनिया के अंदर पाई जाती है।

    छोटे कान और छोटे सींग होते हैं। कोट छोटा है और आमतौर पर भूरा लाल के साथ सफेद रंग का है ठोस रंग भी होते हैं।

    ‌‌‌इस बकरी को मांस और दूध के लिए पाला जा सकता है। यह नस्ल भारतिय मौसम के लिए अच्छी तरह से अनुकूल है।  बारबरी बकरियां सर्दियों के दौरान अनुकूलित करने में सक्षम है। इसके अलावा पर्यावरणीय कारक जैसे कि तापमान, आर्द्रता, वर्षा जैसे पर्यावरणीय कारक भी इस बकरी की उत्पादन क्षमता को प्रभावित नहीं करते।

    • एक वयस्क नर बकरी 35-45kg के बीच होता है और मादा बकरी का वजन 25- 35kg होता है
    • इन नस्लों में प्रजनन क्षमता बहुत अच्छी होती है।
    • यह दो से 3 बच्चे दे सकती है।
    • ‌‌‌यह बकरी 12 से 15 महिने के अंतराल के अंदर 2 बच्चे पैदा करती है।

    BeetalGoat                                                                                                                         

    ‌‌‌यह भारत के पंजाब के अंदर सबसे अधिक पाली जाती है।पाकिस्तान के अंदर भी यह बकरी दूध और मांस के लिए पाली जाती है।इस बकरी को लाहौरी बकरी भी कहा जाता है। यह बड़े शरीर के साथ एक अच्छी दूध देने वाली बकरी के अंदर गिनी जाती है। कान फ्लैट लंबे कर्ल किए हुए और ड्रोपिंग होते हैं।इन बकरियों की चमड़ी का भी प्रयोग किया जाता है। इस चमड़ी की मदद से जूते ,बैग और दस्ताने बनाए जाते हैं।इन बकरियों को बकरी पालन के लिए अधिक पसंद किया जाता है।

    • ‌‌‌इन बकरियों का वजन भी अच्छा होता है। नर बकरी का वजन 50 से 70 किलोग्राम तक होता है। जबकि मादा बकरी का वजन 40 किलोग्राम तक होता है।
    • यह बकरी प्रतिदिन 2 किलो तक दूध आसानी से दे सकती हैं।

    Tellicherry Goat

                          ‌‌‌बकरी की यह नस्ल तमिलनाडू और केरल के अंदर पाई जाती है। इसको दूध और मांस उत्पादन के लिए पाला जाता है।इसके अलावा इसकी जन्मदर भी उच्च होती है।हर प्रकार के मौसम के अंदर यह रह सकती हैं। और जल्दी बीमार भी नहीं होती हैं।

    ‌‌‌यह बकरियां माध्यम आकार की होती हैं।इनमे अधिकांश बकरियां सफेद रंग की होती हैं। हालांकि यह काले और भूरे रंग के अंदर भी पा सकते हैं। एक औसत टेलरिचरी मादा बकरी 6 महीने की स्तनपान अवधि में 65 से 70 किलोग्राम दूध देती है। और यह बकरी साल के अंदर 4 बच्चों को जन्म देती है। और 3 महिने के बच्चे को‌‌‌ आसानी से 3000 के अंदर बेचा जा सकता है।

    ये बकरियां 90 दिनों में 20 से 25 किलोग्राम वजन प्राप्त कर सकती हैं। और यह दो लीटर तक आसानी से दूध देदेती हैं। और यदि इनको अच्छा चारा दिया जाए तो मुनाफा कमाया जा सकता है।

    Sirohi Goat

    Sirohi Goat
    By Akbarkq – Own work, CC BY-SA 3.0, wiki

    ‌‌‌सिरोही एक बड़े आकार की बकरी होती है जो मांस और दूध के लिए पाली जाती है।इस बकरी का नाम भारत के राजस्थान के सिरोही जिले के वास्तविक प्रजनन पथ के नाम पर रखा गया है। इसको राजस्थान के एक रायका समुदाय ने विकसित किया था। अजमेर, नागौर, टोंक, सीकर, झुंझनू, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, राजसमंद, भीलवाड़ा, जयपुर और राजस्थान के अन्य जिलों, यहाँ तक कि उत्तरी गुजरात के अंदर भी यह पाई जाती है। इसके अलावा गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों के अंदर भी यह बकरी देखने को मिलती है।

    नस्ल सर्वेक्षण, 2013 (DAHDF, 2014) के अनुसार, भारत में कुल सिरोही बकरी की आबादी लगभग 3.08 मिलियन है। जिसके अंदर अधिकांश बकरी राजस्थान मे ही हैं।

    सिरोही बकरी मीट के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है क्योंकि यह किसी अन्य बकरी की तुलना मे तेजी से वजन बढ़ाती है।सिरोही बकरी के बच्चे का वजन जन्म के समय 3.5 से 4 किलोग्राम का होता है ।और यही बच्चा 3 महिने के अंदर ही 12 किलो वजन आसानी से प्राप्त कर लेता है।

    ‌‌‌सिरोही बकरियां मध्यम आकार की होती हैं। यह देखने मे बेलनाकार और शंक्वाकार मानी जाती है।बेलनाकार बकरी को अच्छे मांस के लिए जाना जाता है और शंकुक्कार बकरी को अच्छा दूध उत्पादन करने वाला माना जाता है।

    बकरी कितने प्रकार की होती है Osmanabadi goat

    ‌‌‌बकरी की यह नस्ल महाराष्ट्र राज्य के लातूर, उस्मानाबाद, अहमदनगर, परभणी और सोलनपुर के अंदर देखने को मिलती है। इसके अलावा पश्चिमी महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे राज्यों के अंदर भी पाई  जाती है। ‌‌‌यह बकरी दूध और मांस दोनों के लिए ही पाली जाती है।4 महीने के स्तनपान की अवधि के लिए औसतन 1 से 1.5 लीटर दूध देती है।इनमे से अधिकतर बकरियों का रंग काला होता है। और कुछ बकरियां भूरे रंग की होती है। इसके अलावा नर के सिर पर सींग भी होते हैं।

    Kanni aadu goat

    दक्षिण भारत के तमिलनाडु में कन्नी-अडू नस्ल पाई जाती है। उन्हें स्थानीय रूप से पुलाईयाडु और करापुडु के नाम से भी पुकारा जाता है। ‌‌‌यह सफेद धब्बों के साथ काले रंग के होते हैं।नर के सींग होते हैं।  18 वीं पशुधन जनगणना 2007 के अनुसार, देश में कनी-अडू बकरियों की संख्या 2,094,297 है।और इसको केवल मांस के लिए ही पाला जाता है।

    ‌‌‌इसमे बकरे का वजन 34 से 38 किलो होता है और मादा बकरी का वजन 28 किलो होता है।

    Black Bengal goat

    ब्लैक बंगाल बकरी बांग्लादेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और ओडिशा के अंदर देखने को मिलती है।वैसे तो यह अधिकतर काले रंग की होती है। लेकिन सफेद और भूरे रंग की भी होती है। वैसे यह बकरी छोटे आकार की होती है एक वयस्क नर बकरी का वजन लगभग 25 से 30 किग्रा और मादा का वजन 20 से 25 किग्रा होता है। लेकिन यह ‌‌‌बकरी उच्च बच्चे के उत्पादन के लिए पाली जाती है।यह बकरी साल के अंदर दो बार बच्चे पैदा करती है। और बच्चों की संख्या 3 तक हो सकती है। उच्च प्रतिरोधक क्षमता होने की वजह से यह आसानी से किसी भी वातावरण के अंदर रह सकती है। यह उच्च गुणवत्ता वाले मांस और त्वचा का उत्पादन करता है।

    Kodi aadu goat

    • ये नस्लों लम्बे होते हैं और विभिन्न रंगों के साथ पाए जाते हैं, लेकिन मुख्य रूप से काले रंग के होते हैं
    • वे आमतौर पर एक या दो बच्चों को जन्म देते हैं।
    • वे आम तौर पर बकरी के झुंड का मार्गदर्शन करने के उद्देश्य से उगाए जाते हैं, जो चरने के लिए जाता है।
    • इस प्रकार की नस्लें ज्यादातर शिवगंगा के जिलों, रामानादपुरम और तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिलों में पाई जाती हैं।

    List of goat breeds

    ‌‌‌अब तक हमने बकरी की देशी नस्लों के बारे मे जाना अब आइए जानते हैं। बकरी की समस्त नस्लों के बारे मे इससे पता चलेगा कि दुनिया मे कितनी प्रकार की बकरी होती हैं।

    बकरी कितने प्रकार की होती है Abaza goat

    अबजा उत्तर-पूर्व तुर्की से आने वाली बकरी की स्वदेशी नस्ल है।यह बकरी अच्छा मांस और दूध का उत्पादन करती है।इस बकरी के बाल छोटे, मुलायम  और गुलाबी-सफ़ेद रंग के होते हैं।और नर बकरों के पास सींग होते हैं जोकि लंबे होते हैं।

    Alpine goat

    Alpine goat
    By Eponimm – Own work, CC BY-SA 3.0,wiki

    ‌‌‌यह घरेलू  बकरी बड़ी आकार की नस्ल है जो अपनी दूध उत्पादन की क्षमता के लिए जाना जाता है।इसके पास कोई निर्धारित रंग नहीं होता है। इसके पास सींग होते हैं और कान भी खड़े होते हैं। ‌‌‌यह नस्ल फ्रांसीसी आल्प्स में उत्पन्न हुई। परिपक्व का वजन लगभग 61 किलोग्राम (135 पाउंड) है।यह बकरियां भारी मात्रा के अंदर दूध देती है। इस दूध से  मक्खन, पनीर, साबुन, आइसक्रीम बनाया जा सकता है। ‌‌‌इन बकरियों के अंदर यौन परिपक्वता जन्म के 5 से 6 महिने बाद आती है।

    ‌‌‌यह बकरियां अपने विनम्र स्वाभाव और अपने उच्च गुणवकता वाले दूध के उत्पादन के लिए बहुत अधिक प्रसिद्ध हैं।अल्पाइन बकरियों के दूध में 2.3 ग्राम प्रति 250 मिलीलीटर प्रोटीन होता है, जबकि गाय के दूध में 3.4 होता है।

    Altai Mountain goat

    ‌‌‌यह बकरी उन उत्पादन के लिए होती है। उन उत्पादन के लिए घरेलू बकरी की नस्ल है।सोवियत संघ के गोर्नो-अल्ताई स्वायत्त सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक क्षेत्र में 1944 से 1982 के बीच वर्षों में नस्ल का विकास किया गया था। ‌‌‌मादा बकरी का वजन 40 से 41 किलो तक होता है। जबकि नर बकरे का  वजन 65 से 70 किग्रा होता है।अल्ताई माउंटेन  कम उम्र मे काले रंग की होती है। जबकि अधिक उम्र के अंदर यह भूरे रंग की हो जाती हैं।

    नस्ल को पहली बार अल्ताई पर्वत के अल्ताई गणराज्य क्षेत्र में पेश किया गया था। नस्ल को धीरे-धीरे 1944 और 1982 के बीच विकसित किया गया था। साइबेरिया मे यह कठोर सर्दी का आसानी से सामना कर सकती है।

    ‌‌‌बकरी के अन्य नामGorno AltaiGornoaltaiskayaГорноалтайийская
    Country of originUSSR
    Usewool
    Traits
    Weight ‌‌‌बकरी का वजनMale: 65 to 70 kg Female: 41 to 44 kg
    ‌‌‌बकरी का रंगblack, dark brown, gray

    Anglo-Nubian goat

    एंग्लो-न्युबियन घरेलू नस्ल की एक ब्रिटिश नस्ल है। इसको भारतिय नस्लों की क्रास ब्रीडिंग से पैदा किया गया है।इसे दुनिया के कई हिस्सों में निर्यात किया गया है, और यह साठ से अधिक देशों में पाया जाता है। एंग्लो-न्युबियन का प्रयोग दूध और मांस के उत्पादन के लिए किया जाता है।वैसे मांस के लिए यह बकरी बहुत ही अच्छी है लेकिन दूध के लिए कुछ खास नहीं है। न्युबियन नेनीज़ प्रति दिन लगभग 3.9% दूध देती है, जिसमें औसत वसा लगभग 4.8% है।।

    दुसरे नामन्युबियन
    उद्गम देशयूनाइटेड किंगडम
    वितरणसाठ से अधिक देशों
    उपयोगदोहरे उद्देश्य, मांस और डेयरी
    लक्षण
    वजन‌‌‌नर : 140 किग्रा (310 पौंड)   ‌‌‌मादा 110 किग्रा (240 पौंड) 
    ऊंचाई‌‌‌नर औसत: 90 सेमी (35 इंच)  ‌‌‌मादा औसत: 80 सेमी (31 इंच) 
    बकराकाप्रा एगेग्रस हिरकस

    Appenzell goat

    स्विट्जरलैंड से लंबे बालों वाली सफेद घरेलू बकरी की एक दुर्लभ और लुप्तप्राय देशी नस्ल है। यह ऐतिहासिक एपेंज़ेल क्षेत्र के अंदर देखने को मिलती हैं। 2007 में नस्ल की संरक्षण स्थिति को एफएओ द्वारा लुप्तप्राय घोषित कर दिया गया था।

    वजन‌‌‌नर : 65 किग्रा  ‌‌‌मादा : 45 किग्रा 
    ऊंचाई‌‌‌नर : 80 सेमी  ‌‌‌मादा : 75 सेमी 
    ऊन का रंगसफेद
    चेहरे का रंगसफेद
    सींग की स्थितिआमतौर पर हॉर्नलेस
    बकराकाप्रा एगेग्रस हिरकस

    Arapawa goat

    ‌‌‌यह दुनिया की सबसे अधिक दुर्लभ बकरी के अंदर आती है।अमेरिकी पशुधन नस्ल संरक्षण के अनुसार, गंभीर रूप से विलुप्त होने के करीब है।1773 में कैप्टन जोक ने आरापावा द्वीप के पूर्वी खाड़ी में दो बकरियों को रिहा किया, और बाद में 1777 में उन्होंने एक अन्य जोड़ी को पास के जहाज कोव में एक माओरी प्रमुख को दिया।अरपावा द्वीप के उपर इन बकरियों का सरकार के द्धारा पालन किया जा रहा है।इनका संरक्षण तब तक किया जाएगा जब तक की यह खतरे से बाहर ना हो जाएं ।

    Argentata dell’Etna

    Argentata dell’Etna दक्षिणी इटली में सिसिली के भूमध्य द्वीप में मेसिना प्रांत में कैटेनिया प्रांत में माउंट एटना और मोंटी पेलोरिटानी के क्षेत्र की एक घरेलू बकरी है।‌‌‌इन बकरियों को दूध और मांस के लिए पाला जाता है।दूध में औसतन 4.5% वसा और 3.6% प्रोटीन होता है।

    वजन‌‌‌नर : 50 किग्रा  ‌‌‌मादा : 38 किग्रा 
    ऊंचाई‌‌‌नर : 75 सेमी  ‌‌‌मादा : 67 सेमी 
    त्वचा का रंगधूसर
    ऊन का रंगचमकीला स्लेटी
    चेहरे का रंगधूसर सफेद
    सींग की स्थितिआमतौर पर सींग 
    दाढ़ीआमतौर पर दाढ़ी 
    आइए खुशियांआमतौर पर मौजूद 
    बकराकाप्रा एगेग्रस हिरकस

    Asmari goat

    ‌‌‌यह एक बकरी की बड़ी नस्ल है जो कि अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में उत्पन्न हुई थी।यह नस्ल मुख्य रूप से दूध और मांस के लिए पाली जाती है। और किसानों के लिए काफी अनुकूल है।औसतन, पुरुष 70 सेमी तक बढ़ते हैं और मादा ऊंचाई 53 सेमी तक बढ़ती है।120 दिनों के स्तनपान की अवधि में, नस्ल 90 किलोग्राम दूध का उत्पादन करती है। वे एक वर्ष में 500-700 ग्राम फाइबर का उत्पादन करते हैं।‌‌‌इसके बाल भी बहुत उपयोगी ।इनके बालों का प्रयोग रसियों और टैंट बनाने मे किया जाता है।

    Other namesGujeri
    ‌‌‌देश का नामAfghanistan
    ‌‌‌वितरणKunar province
    UsePack, Meat, Milk, Fibre
    Traits
    WeightMale: 50-90kg Female: 45-60kg
    HeightMale: 70cm Female: 53cm
    Horn statusHorned
    GoatCapra aegagrus hircus

    Aspromonte goat

    यह केवल रेजियो कैलाब्रिया प्रांत में, मुख्य रूप से एस्प्रोमोनेट में, उत्तर-पूर्व में अल्तिपियानो डेलो ज़ोमारो क्षेत्रों के अंदर पाई जाती है।यह लंबे बालों वाली होती है। ‌‌‌मैल बकरे का वजन 64 किलो होता है तो फीमेल बकरे का वजन 45 किलो होता है।यह बकरी दूध और मांस के लिए पाली जाती है।

    Bagot goat

    Bagot goat
    By Geni – Photo by user:geni, CC BY-SA 4.0 wiki

    ‌‌‌यह एक ऐसी नस्ल है जो कई वर्षों के अंदर जंगली रह चुकी है।2010 में इसे रेयर ब्रीड्स सर्वाइवल ट्रस्ट द्वारा “गंभीर रूप से लुप्तप्राय माना गया । क्योंकि इसकी 100 से कम पंजिकृत मादाएं थी।2019 तक, 200-300 प्रजनन मादाएं थी।यह बकरी आमतौर पर सिर्फ एक ही बच्चा पैदा करते हैं और बच्चे के जन्म के समय ‌‌‌किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती है।

    1380 के दशक में ब्लिथफील्ड हॉल में इंग्लैंड में बोगट बकरियों को पेश किया गया था।मई 2018 तक, रेयर ब्रीड सर्वाइवल ट्रस्ट वॉचलिस्ट ने 200-300 पंजीकृत मादाएं थी।

    व्यावसायिक उदेश्य इनका अच्छा नहीं है। दूध का इनमे कम उत्पादन होता है। और इनके अंदर कुछ खास मांस का भी उत्पादन नहीं होता है। यही वजह है कि इनका पालन कम किया जाता है।

    Belgian Fawn goat

    बेल्जियम में निर्मित बेल्जियम फॉन बकरी की नस्ल, स्विट्जरलैंड के चामोइस कलर्ड बकरी से उतारी गई है। जैसे, यह संयुक्त राज्य अमेरिका में ओबेरसली बकरी से संबंधित है

    Bilberry goat

    ‌‌‌यह एक जंगली नस्ल है जो सैकड़ों वर्षों से आयरलैंड के दक्षिण में वाटरफोर्ड शहर में बिलबेरी रॉक पर एक झुंड में रहता था।और वर्तमान मे इनके विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है।  वर्ष 2000 में केवल 7 और 2005 में 21. [2] झुंडों की रक्षा और समर्थन के लिए 2000 में स्वयंसेवकों के एक समूह ने बिलबेरी बकरी हेरिटेज ट्रस्ट का गठन किया। ‌‌‌हालांकि इसके बाद इनकी जनसंख्या के अंदर सुधार हुआ है और सन 2008 मे 42 तक यह पहुंच चुकी है।इस बकरी के सींग बहुत बड़े होते हैं।

    Bionda dell’Adamello

    उत्तरी इटली में लोम्बार्डी में ब्रेशिया प्रांत में वैल कैमोनिका से घरेलू बकरी की एक देशी नस्ल है।इस नस्ल का प्रयोग दूध और मांस के उत्पादन के लिए किया जाता है।इसका मेल 70 से 75 किलो का होता है तो फिमेल बकरी के अंदर 55–60 kg तक वजन होता है। इस बकरी के लंबे बाल होते हैं । जिनका प्रयोग रस्सी बनाने मे होता है।

    Canindé goat

    उत्तरपूर्वी ब्राज़ील मे यह पाई जाती है। यह मुख्य रूप से अपने चेहरे, छाती और निचले पैरों पर हल्की धारियों के साथ काला होता है।

    Carpathian goat

    कार्पेथियन बकरी दक्षिण-पूर्वी यूरोप (रोमानिया और पोलैंड सहित) से आमतौर पर सफेद-लेपित नस्ल है, जिसका उपयोग मांस और दूध के उत्पादन के लिए किया जाता है।

    Chamba goat

    चम्बा हिमालयी क्षेत्र की एक बकरी की नस्ल है जिसमें सफेद और मुलायम बाल होते हैं।

    Chamois Coloured goat

    स्विट्जरलैंड से घरेलू बकरी की एक देशी नस्ल है। यह पूरे स्विट्जरलैंड और उत्तरी इटली और ऑस्ट्रिया के अंदर पाई जाती है।2013 के अंत में स्विट्जरलैंड मे13,000  बकरियां थी।  और इटली में पंजीकृत जनसंख्या 6237 थी।  2012 में ऑस्ट्रिया से 2526- 3000 की आबादी की सूचना मिली थी। ‌‌‌इस बकरी को मांस और दूध के लिए पाला जाता है। इसमे बकरे का वजन 75 किलो और बकरी का वजन 55 किलो होता है।

    इस बकरी के दूध मे 3.4% वसा और 2.9% प्रोटीन होता है।

    Changthangi

    Changthangi
    By Indusgf – Own work, CC BY-SA 4.0,wiki

    चांगथांगी या लद्दाख पश्मीना, भारत के लद्दाख के उच्च पठार पर आने वाली कश्मीरी बकरी की नस्ल है।कश्मीरी क्षेत्र के अंदर ठंड होती है।इन बकरियों के उपर लंबे बाल होने की वजह से ठंडे क्षेत्रों के अंदर यह आसानी से रह सकती हैं। इनका पालन ऊन और मांस के लिए किया जाता है। ‌‌‌इन बकरियों की  फाइबर की मोटाई में 12-15 माइक्रोन के बीच दुनिया का सबसे अच्छा कश्मीरी माप। इन बकरियों को आमतौर पर पालतू बनाया जाता है और लद्दाख के चांगथांग क्षेत्र में चांगपा नामक घुमंतू समुदायों द्वारा पाला जाता है।

    पश्मीना ऊन के उत्पादन के लिए यह बकरियां जानी जाती हैं। पश्मीना ऊन से बने कपड़ों को विदेशों के अंदर निर्यात किया जाता है।इन बकरियों ने लद्दाख की खराब अर्थव्यवस्था को फिर से जीवित कर दिया है जहाँ ऊन का उत्पादन प्रति वर्ष $ 8 मिलियन अधिक होता है।

    चंगथंगी में एक डबल कोट होता है।और इसके सींग हमेशा गोल होते हैं और उपर की तरफ बढ़ते हैं। इसके अलावा 22 से 26 इंच तक इसकी उंचाई होती है। और यह 10 से 12 साल तक जीवित रहती है।

    Charnequeira

    पुर्तगाल से चरनेकीरा बकरी की नस्ल का उपयोग मांस और दूध के उत्पादन के लिए किया जाता है। यह सामान्य रूप से लाल रंग का होता है।

    Chengde Down

    चेंगडे डाउन कश्मीरी बकरे की एक चीनी नस्ल है। यह उत्तरी चीन में हेबै प्रांत में लिओनिंग और इनर मंगोलिया के अंदर पाई जाती है। चेंगडे डाउन मध्यम आकार का एक अच्छी तरह से कसा हुआ बकरा है।इस बकरे के छोटे छोटे उभरे हुए कान होते हैं । इसके अलावा इसके सींग भी होते हैं।यह आमतौर पर काला और सफेद रंग का हो सकता है। ‌‌‌नर का वजन 54 किलो के आस पास होता है तो मादा का वजन 41 किलो के आसपास होता है।

    Chengdu Brown

    चीन के सिचुआन प्रांत से चेंगदू ब्राउन बकरी की नस्ल का उपयोग मांस और दूध के उत्पादन के लिए किया जाता है।

    Chigu goat

    उत्तर प्रदेश के उत्तर और भारत में हिमाचल प्रदेश के उत्तर-पूर्व में पाई जाने वाली चिगू बकरी की नस्ल का उपयोग मांस और कश्मीरी ऊन के लिए होता है।यह बकरी 3500 से 5000 मीटर तक की ऊँचाई के साथ पर्वतीय श्रेणियों में रहते हैं।इनमे नर का वजन 40 किलोग्राम और मादा का वजन 25 किलोग्राम तक होता है।

    Corsican goat

    फ्रांस के कोर्सिका के कोर्सीकन बकरी की नस्ल का इस्तेमाल मुख्य रूप से दूध के उत्पादन के लिए किया जाता है।

    Dera Din Panah

    डेरा दीन पनाह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुल्तान और मुजफ्फरगढ़ जिलों की घरेलू बकरी की नस्ल है। इसका प्रयोग दूध के उत्पादन के लिए किया जाता है। 2006 में पंजीकृत जनसंख्या 142,403 थी।

    Conservation statusFAO (2007): not at risk
    Other namesDDP
    ‌‌‌देश का नामPakistan
    ‌‌‌वितरणPunjab province
    Usemilk
    WeightMale: 61.7 kg Female: 40.9 kg
    HeightMale: 81 cm Female: 70 cm
    GoatCapra aegagrus hircus

    Damascus goat

    दमिश्क बकरी के दूसरे नाम अलेप्पो, हालेप, बालाडी, दमिश्किन, शमी या चमी भी हैं। इसकी उत्पत्ति मध्य पूर्व के देशों जैसे सीरिया में हुई थी और इसे ब्रिटिशों द्वारा साइप्रस में आयात किया गया था।इसको प्रजनन की मदद से बेहतर बनाया गया है। और यह दूध और मांस के लिए पाली जाती है।

    Danish Landrace goat

    डेनमार्क में पाई जाने वाली सबसे पुरानी बकरी की हड्डियां 3400 ईसा पूर्व की हैं। 2018 में जनसंख्या 223 बिलियन नर थे ।यह मुख्य रूप से दूध के उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन मांस के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है।‌‌‌यदि इसके बकरे के वजन कि बात करें तो यह 70 से 90 किलो का होता है वहीं बकरी या मादा 50 से 60 किलो की होती है।

    Don goat

    रूस में निचले वोल्गा क्षेत्र के डॉन नदी के नाम पर इस बकरी का नाम रखा गया है।यह अन्य बकरी की नस्ल की तुलना मे अधिक ऊन का उत्पादन करती है।और इस बकरी के दूध के अंदर अधिक वर्षा सामग्री होती है।

    Duan goat

    चीन के गुआंग्शी प्रांत मे डुआन बकरी की नस्ल का उपयोग मांस के उत्पादन के लिए किया जाता है। यह एक काले, सफेद या चितकबरे रंग की होती है।

    Dutch Toggenburg

    नीदरलैंड्स में डच टोगेनबर्ग बकरी की नस्ल को डच लैंड्रेस बकरियों और टोगनबर्ग बकरी के बीच क्रॉस से विकसित किया गया था। इसका उपयोग दूध के उत्पादन के लिए किया जाता है।

    Erzgebirge goat

    जर्मनी के सैक्सोनी क्षेत्र में बकरी की नस्ल का है।उनके चेहरे पर काले रंग की पट्टियों के साथ लाल-भूरे रंग का कोट होता है। इन बकरियों को मुख्य रूप से दूध के लिए पाला जाता है। वर्तमान मे यह गम्भीर रूप संकट मे हैं।

    Fainting goat

    Fainting goat

    ‌‌‌यह एक  एक अमेरिकी नस्ल है जो मांस के लिए पाली जाती है।इन बकरियों को मांस उत्पादन के लिए विशेष रूप से पसंद किया जाता है।‌‌‌इन बकरों को पहली बार 1880 के दशक में मार्शल काउंटी, टेनेसी लाया गया था।मायोटोनिक बकरियों का शरीर चौड़ा होता है,

    और एक भारी द्रव्यमान होता है।यह बकरियां 43 सेमी से 64 सेमी तक लंबी होती हैं। इसके अलावा 27 किलो से लेकर 80 किलो तक इनका वजन हो सकता है।गर्दन की त्वचा झुर्रीदार और मोटी होती है और कान काफी लंबे होते हैं।

    Frisa Valtellinese

    उत्तरी इटली में लोम्बार्डी में सोंड्रियो प्रांत से घरेलू बकरी की एक देशी नस्ल है।

    Other namesFrontalascaRezzalascaFrisaFrisa Nera
    Country of originItaly
    DistributionProvince of Sondrio, Lombardy
    StandardMIPAAF
    Usemilk, also meat
    Traits
    WeightFemale: 65–70 kg
    HeightFemale: 79–82 cm

    Garganica

    गार्गनिका घरेलू बकरी की एक नस्ल है, जिसकी उत्पत्ति दक्षिणी इटली के पुगलिया क्षेत्र में गार्गानो प्रांत में हुई थी।1870 में 33,725 बकरियां थी। 2002 तक यह गिरकर 18,000 हो गयी थी।  2007 में इसको खतरे मे सूचिबद्ध किया गया था।2008 में इस बकरी की कुल जनसंख्या 3000 थी।वयस्क पुरुषों का वजन आमतौर पर 65 किलोग्राम और मादाओं का वजन 50 किलोग्राम होता है।वयस्कों के लंबे, मोटे काले या गहरे रंग के अखरोट के बाल होते हैं।‌‌‌यह बकरी 180 दिनों के अंदर 120 लीटर दूध देती है। 210 दिनों में 170 लीटर दूध देती है।

    Girgentana

    गिरेगेंटाना घरेलू इतालवी बकरी की नस्ल है, जो कि सिसिली के भूमध्यसागरीय द्वीप के दक्षिणी भाग में एग्रीजेंटो प्रांत के अंदर देखने को मिलती है।ग्रीक उपनिवेशवादियों द्वारा 700 ईसा पूर्व या अरब आक्रमणकारियों द्वारा आठवीं शताब्दी के अंदर इस नस्ल का इस्तेमाल किया जाता था।

     हालांकि इसकी उत्पति के बारे मे कुछ भी ज्ञात नहीं है।गिरीगेंटाना बकरी की सबसे बड़ी खास बात इसके मुडे हुए सींग होते हैं।जिसमें सिर और गले के आसपास भूरे-भूरे रंग के बाल होते हैं। इसमें उच्च गुणवत्ता वाले दूध का अच्छा उत्पादन होता है।‌‌‌इस नस्ल के बकरे का वजन 65 किलो और बकरी का 48 किलो होता है।

    Golden Guernsey

    सुनहरे रंग के बकरियों को ग्वेर्नसे में लगभग दो सौ वर्षों से मौजूद हैं। यह गोल्ड रंग की होती हैं। और वर्तमान मे यह एक दुर्लभ नस्ल है।उन्नीसवीं शताब्दी में इन बकरियों को गोल्डन गेसनेय के रूप में जाना जाता था।

    1965 में गोल्डन ग्वेर्नसे को ग्रेट ब्रिटेन और इंग्लिश गोल्डन ग्वेर्नसे क्लब को निर्यात किया गया था।नर आमतौर पर सींग वाले होते हैं। हालांकि कुछ नर बिना सींग के भी होते हैं।और दूध के अंदर भी यह बकरियां अच्छी होती हैं रोजाना 3 किलो दूध देदेती हैं।‌‌‌इनके दूध के अंदर उच्च प्रोटीन मात्रा होती है।

    Grisons Striped

    स्ट्राइप्ड बकरी की नस्ल बहुत अच्छी तरह से पहाड़ी परिदृश्य के अनुकूल है। ब्रीडर्स बेहतर दूध उत्पादन के लिए जानी जाती है।

    Hexi Cashmere

    चीन के उत्तरी गांसु प्रांत के रेगिस्तानी और अर्धसैनिक क्षेत्रों से हेक्सी कश्मीरी बकरी की इस नस्ल का इस्तेमाल किया जाता है।इन बकरियों के अंदर 60 प्रतिशत बकरियां सफेद होती हैं।‌‌‌यह हेन्शी कश्मीरी गांसु, किंघई और निंग्ज़िया प्रांतों में पाए जा सकते हैं।

    Hungarian Improved

    यह एक डेयरी बकरी की नस्ल है जो पूरे हंगरी में पाई जाती है। हंगेरियन इम्प्रूव्ड की उत्पत्ति स्विस डेयरी नस्लों से हुई है। यह सफेद ,लाल और क्रीम रंग के अंदर पाई जाती है।

    Icelandic goat

    आइसलैंडिक बकरी को सेटलमेंट बकरी के नाम से भी जाना जाता है।1100 साल पहले आइसलैंड के बस्ती में यह पैदा हुई थी और 19 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में बकरी की यह नस्ल विलुप्त होने के कगार पर थी। 2003 तक, आइसलैंड के अधिकांश हिस्सों में 48 झुंडों में 348 बकरियों का वितरण किया गया था।

      2012 के अंत में, झुंड बढ़कर 849 ‌‌‌ हो गई ।आइसलैंडिक बकरी अपने जन्म स्थान पर ही पाई जाती है। इस बकरी का प्रयोग मांस, दूध, कश्मीरी और त्वचा उत्पादन के लिए किया जाता है।

    Irish goat

    आयरिश बकरी घरेलू बकरी की एक पारंपरिक आयरिश नस्ल है। यह एक दोहरे उद्देश्य वाली नस्ल है, जिसका उपयोग मांस और दूध दोनों के लिए किया जाता है। यह एक दुर्लभ नस्ल है जो केवल जंगल के अंदर ही जीवित रह सकती है।आयरिश बकरी लंबे बालों वाली, दाढ़ी वाली और दोनों लिंगों में सींग वाली है ,बाल काले, भूरे या सफेद हो सकते हैं। ‌‌‌यह बकरी दूध और मांस दोनों के लिए पाली जाती है।

    Traits
    WeightMale: 85 kg Female: 55 kg
    HeightMale: 90 cm Female: 80 cm

    Jining Grey

    जीनिंग ग्रे चीन के शेडोंग प्रांत से एक बकरी की नस्ल है, जिसका उपयोग इसके बच्चे के पिलेट और कश्मीरी फाइबर के उत्पादन के लिए किया जाता है।

    Jonica

    जोनिका दक्षिणी इटली के पुगलिया में टारंटो प्रांत के घरेलू बकरे की नस्ल है।इस नस्ल की उत्पति अज्ञात है।इस नस्ल की 2013 के अंत में पंजीकृत जनसंख्या 232 थी। जॉनिका बकरी की वार्षिक दूध उपज 350-400 लीटर होता है। इसमे नर बकरे का वजन 68 किलो और मादा बकरी का वजन 48 किलो होता है।

    Kaghani goat

    पाकिस्तान के हज़ारा ज़िले की घाटी से कघानी बकरी की नस्ल का इस्तेमाल कश्मीरी फाइबर और मांस के उत्पादन के लिए किया जाता है

    Kalahari Red

    कालाहारी नस्ल दक्षिण अफ्रीका से उत्पन्न होने वाली बकरी की एक नस्ल है।और यह बकरी आमतौर पर मांस उत्पादन के लिए बनाया गया है। यह बीमारियों से काफी प्रतिरोधी है। उनका नाम उनके लाल कोट और कालाहारी रेगिस्तान से लिया गया है।

    Kamori

    कमोरी एक लोकप्रिय बकरी की नस्ल है जो पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पाई जाती है और यह भारत मे भी देखने को मिलती है। इसके कान लंबे होते हैं।शुद्ध कमोरी बकरी गहरे भूरे रंग के कॉफी या उसके पूरे शरीर पर गहरे पैच के साथ होती है। ‌‌‌यह काफी महंगी होती है।कमोरी नस्ल मुख्य रूप से दादू, लरकाना और नवाबशाह जिलों में पाई जाती है।और इसको दूध उत्पादन के लिए पाला जाता है।

     Kinder goat

     Kinder goat

    किंडर घरेलू बकरी की एक अमेरिकी नस्ल है।यह स्नोहोमिश, वाशिंगटन में एक खेत पर उत्पन्न हुआ।यह बकरी दूध और मांस के लिए पाली जाती है।2006 तक लगभग तीन हजार बकरियां पंजिक्रत थी।‌‌‌यह मध्यम आकार की मजबूत बकरी है।इसके अंदर मेल बकरी का वजन 61 किलो और फीमेल बकरी का वजन 52 किलो होता है। दूध में औसतन मक्खन की सामग्री 5.5% होती है।‌‌‌और यह बकरी जुड़वा बच्चे देती है।और कभी कभी तीन बच्चे भी दे सकती है।

    Kiko goat

    कीको न्यूजीलैंड के मांस बकरे की एक नस्ल है।1980 के दशक में गैरिक और ऐनी बैटन द्वारा बनाई गई थी।कीको नस्ल विशेष रूप से गर्म, गीले अमेरिका के दक्षिणी राज्यों में पाई जाती है।यह नस्ल परजीवि प्रतिरोधी होती है।

    क्रि-क्रि (Capra aegagrus cretica), जिसे कभी-कभी क्रेटन बकरी, एग्रीमी या क्रेटन इबेक्स कहा जाता है, पूर्वी जंगली भूमध्य में रहने वाली एक जंगली बकरी है। यह पहले जंगल मे रहा करती थी।इसके उपर हल्के भूरे रंग का कोट होता है और इसके गले के अंदर गहरे रंग का बैंड होता है।इसके अलावा इसके सिर पर दो सींग ‌‌‌भी होते हैं।‌‌‌दिन के दौरान यह आराम करते हैं। यह बकरी छलांग लगाकर चटानों पर भी चढ़ सकता है।मिनोयन सभ्यता के समय में द्वीप पर आयात किया गया था।

    1960 तक, kri-kri खतरे में थी। इस समय इसकी संख्या केवल 200 रहगई थी।द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसके मांस का भी प्रयोग किया गया था। और वर्तमान मे चराई के मैदान दुर्लभ हैं। 1962 में सामरिया कण्ठ एक राष्ट्रीय उद्यान बन गया था। अभी भी द्वीप पर लगभग 2,000 बकरियां हैं।

    American Lamancha

    लमंचा या लामंचा, डेयरी बकरी की एक औपचारिक रूप से मान्यता प्राप्त नस्ल है, जो पहले 1927 में मिसेज यूला फे फ्राय द्वारा कैलिफोर्निया में ब्रेड किया गया था।लमंचा बकरियां शायद सबसे विशिष्ट बकरी की नस्ल हैं।और इस बकरी का प्रयोग दूध उत्पादन के लिए किया जाता है।27 जनवरी, 1958 ई के अंदर इस बकरियों की संख्या 200 से अधिक थी।लामांचा बकरी संयुक्त राज्य अमेरिका में विकसित डेयरी बकरी की एकमात्र नस्ल है।

    Laoshan goat

    चीन के शानडॉन्ग प्रांत से लाहोन बकरी की नस्ल का इस्तेमाल दूध के उत्पादन के लिए किया जाता है। यह स्थानीय बकरियों के चयनात्मक प्रजनन से लिया गया है।

    Majorera

    कैबरा मालेरा या फुएरतेवेंटुरा बकरी कैनरी द्वीप के मूल निवासी डेयरी बकरी की एक नस्ल है। इसके दूध से मेजरेरो चीज बनाई जाती है।यह मजबूत नस्ल है, और अफ्रीका और लैटिन अमेरिका को निर्यात किया गया है।

    Maltese goat

    माल्टीज़ पूर्व और मध्य भूमध्य क्षेत्र से घरेलू बकरी की एक नस्ल है।यह मुख्य रूप से दक्षिणी इटली में और विशेष रूप से सिसिली और सार्डिनिया के द्वीपों में पाई जाती है।माल्टीज़ लंबे बालों वाली बकरी है।आबादी का अनुमान 1983 में लगभग 70,000 और 2005 में 40,000  थी। ‌‌‌मेल बकरी का वजन 70 किलो होता है। और फिमेल बकरी का वजन 48 किलो होता है।

    Markhoz

    सारा ग्रामीण ज़िले का एक गाँव है, जो कि कुर्दिस्तान प्रांत, ईरान के सेंट्रल जिले सक्काज़ काउंटी में है। 2006 की जनगणना में, इसकी आबादी 909 थी।

    Messinese goat

    मेसनी दक्षिण इटली में भूमध्यसागरीय द्वीप मेस्सीना के प्रांत में मोंटी नेबरोडी और मोंटी पेलोरिटानी के क्षेत्र से घरेलू बकरी की एक देशी नस्ल है। 2013 के अंत में पंजीकृत आबादी 9814 थी।दूध का औसतन 5.83% वसा और 4.13% प्रोटीन होता है।इसमे मेल बकरी का वजन 72 किलो होता है। और फीमेल बकरी का वजन 38 किलो तक होता है।

    Oberhasli goat

    Oberhasli goat
    By Thricebaked (talk) (Uploads) – Own work, GFDL

    ओबेरहाली डेयरी बकरी की एक आधुनिक अमेरिकी नस्ल है।यह मध्य स्विट्जरलैंड में बर्नीस ओबरलैंड के अंदर देखने को मिलती है।यह बकरी आमतौर पर भूरे रंग की होती हैं। इनके सर पर सींग नहीं होता है।और उपर का भाग थोड़ा काला होता है।हालांकि कुछ बकरी पूरे काले रंग भी होती हैं।और इनके कान खड़े रहते हैं। और छोटे होते ‌‌‌ हैं।

    Other namesSwiss Alpine
    CountryOriginated in the Swiss Alps. Brought over to United States in 1900s.
    StandardADGA/AGS
    Usemilk
    Traits
    WeightMale: 68 kg (150 lb) Female: 54 kg (120 lb)
    HeightMale: 76 cm (30 in) Female: 71 cm (28 in)
    Wool colorchamoisée, brown with black dorsal stripe and lower legs
    Face colorbrown with black stripes

    Murciano-Granadina

    मुर्सियानो-ग्रैनाडिना डेयरी बकरी की एक स्पेनिश नस्ल है। यह 1975 में बनाया गया था। और इस बकरी की 500,000 से अधिक मादाएं हैं।यह बकरी मुख्य रूप से दूध के लिए पाली जाती है। इसके दूध के अंदर काफी पोषक तत्व होते हैं। यह बकरी शुष्क क्षेत्रों मे पैदा हुई जिसके अंदर । दक्षिण पूर्वी स्पेन में अर्ध शुष्क  जिसमें मर्सिया, अल्मेरिया, ग्रेनेडा और एलिकांटे के कुछ हिस्सों शामिल हैं

    ‌‌‌यह बकरियां बकरियों के लिए मध्यम आकार की होती हैं, मादा के लिए लगभग 30 से 50 किलोग्राम वजन की  और नर के लिए 50-60 किलोग्राम वजन की  होती हैं बकरियों के कान और पूंछ एक छोटे, मोटे कोट के साथ होती हैं। ‌‌‌इनके दूध मे दूध में 5.6% वसा और 3.6% प्रोटीन होता है।यह अच्छा दूध उत्पादन करती हैं। एक साल मे एक बकरी 500 लीटर दूध का उत्पादन करती हैं।

    ‌‌‌यह बकरी भूमध्यसागरीय यूरोप की अधिकांश अन्य बकरी नस्लों से बेहतर है। ‌‌‌इस बकरी का दूध मुख्य रूप से पनीर के अंदर प्रयोग किया जाता है। हालांकि बकरी का प्रयोग मांस के लिए भी किया जाता है। ‌‌‌इसमे मेल बकरी का वजन 67 किलो और फीमेल बकरी का वजन 50 किलो होता है।

    Murciana goat

    मर्सियाना, जिसे मर्सियन, मर्सिएन, मर्सिएने और रॉयल मर्सियाना भी कहा जाता है।इसका प्रयोग दूध और मांस के लिए किया जाता है।बकरी की नस्ल मूल रूप से दक्षिण स्पेन के भूमध्यसागरीय क्षेत्रों मे पाई जाती है।

    Nigerian Dwarf goat

    नाइजीरियाई बौना बकरी की एक अमेरिकी नस्ल है। अमेरिकी प्याजी बकरी की तरह, यह पश्चिम अफ्रीका के नस्लों के पश्चिमी अफ्रीकी बौने समूह से बनायी गई है। 2002 तक लगभग 7000 बकरियां थी।यह देखने मे अच्छी बकरियों के जैसी लगती है। इसके सींग भी हो सकते हैं या फिर यह सींग रहित भी हो सकती है।और इसका रंग कोई फिक्स नहीं होता है। यह बहुरंगी होता है।

    ‌‌‌यह अधिकतर केसों के अंदर दो बच्चे पैदा करती है। और इसकी उम्र 8 से 12 साल होती है। 145–153 दिन इसका गर्भकाल होता है। ‌‌‌इस बकरी के दूध मे मक्खन और प्रोटीन उच्च मात्रा के अंदर होता है।

    Nigora

    निगोरा छोटे या मध्यम आकार के दोहरे उद्देश्य वाली बकरी की एक अमेरिकी नस्ल है। जिसको दूध और फाइबर के लिए पाला जाता है। ‌‌‌मेल बकरी 48–74 centimetres की होती है।48–74 centimetres फीमेल बकरी की लंबाई होती है।

    Nera Verzasca

    ‌‌‌यह बकरी इटली के उत्तर में लोम्बार्डी में कोमो, वारिस और वर्बानो क्यूसियो ओस्सोला के अंदर पाई जाती है। यह एक उस क्षेत्र की स्वदेशी नस्ल है। 2010 में  कुल जनसंख्या 3014 थी, जिनमें से 1902 या लगभग 63% इटली में थीं।

      2013 के अंत में इटली में पंजीकृत जनसंख्या 1388 थी। ‌‌‌इसके दूध के अंदर औसतन 3.50% वसा और 3.06% प्रोटीन होता है। दूध का प्रयोग पनीर वैगरह बनाने मे होता है।41 दिनों की औसत आयु में, 14 किलो के औसत वजन प्राप्त कर लेते हैं।

    ‌‌‌इस बकरी के अंदर मेल का वजन 90 किलो और फीमेल का 45 से 60 किलो के लगभग होता है।

    बकरी कितने प्रकार की होती है Norwegian goat

    नॉर्वेजियन बकरी की नस्लों का उपयोग दूध, पनीर और मांस के उत्पादन के लिए किया जाता है। यह बकरियां छोटे झुंड के अंदर रहती हैं।

    Orobica

    ओरोबिका या वैल्गेरोला उत्तरी इटली के बर्गामो आल्प्स में सोंड्रियो प्रांत में वैल गेरोला से घरेलू बकरी की नस्ल है।2013 के अंत में पंजीकृत जनसंख्या 1109 थी। ओरोबिका बकरी मध्यम आकार की होती है। इसमे नर का वजन 80 किलो और मादा का वजन 65 किलोग्राम होता है।इसके लंबे सींग और उबरे हुए कान होते हैं।कोट चमकदार है, ठीक लंबे बालों से बना है।

    Peacock goat

    Peacock goat
    By Voyager – Own work, CC BY-SA 3.0, wiki

    स्विट्जरलैंड के ग्रुबंडन और अपर टेसिन के कैंटीन की यह नस्ल है। इसका प्रयोग दूध के उत्पादन के लिए किया जाता है।मोर बकरी की खोज 1887 में हुई थी। खोज के बाद इसे दिया गया नाम धारीदार बकरी नाम दिया गया था लेकिन एक त्रुटि के बाद इसको मोर बकरी कहा जाने लगा । मोर बकरी को ग्रे-ब्लैक बकरी, ग्रे-ब्लैक-व्हाइट माउंटेन बकरी और रज्जा नाज़ के नाम से भी जाना जाता है। ‌‌‌इस बकरी के आगे का हिस्सा सफेद होता है तो पीछे का हिस्सा काला होता है।

    American Pygmy

    अमेरिकन पाइग्मी एक अमेरिकी नस्ल है जो अण्डोन्ड्रोप्लास्टिक बकरी की है।इसे पैग्मी या अफ्रीकन पैगी के नाम से भी जाना जा सकता है। यह ब्रिटिश पैगी नस्ल से काफी अलग और अलग है।

    40 से 50 सेमी की इसकी उंचाई होती है। और वजन 25 से 30 किलोग्राम तक होता है।अमेरिकी Pygmy मांस के लिए पाला जाता है। इसके अलावा इसको चिड़ियाघरों के अंदर भी रखा जाता है। और छोटी होने की वजह से वैज्ञानिक अनुसंधान के अंदर भी इसका प्रयोग किया जाता है।

    Pyrenean goat

    फ्रांस और स्पेन के Pyrenees और स्पेन के Cantabrian Mountains इस बकरी का निवास स्थान है। पाइरियन बकरी की नस्ल का उपयोग दूध और मांस के उत्पादन के लिए किया जाता है।

    Rove goat

    द रोव, फ्रांस में पालतू बकरी की नस्ल है। पहले इसको लुप्तप्राय माना गया था लेकिन 2003 तक, 5000 से अधिक पंजीकृत रोवे बकरी मिली हैं।इस बकरी को मांस के लिए पाला जाता है। लेकिन मांस के मामले मे फ्रांसिसि बाजार खराब है। यह कई रंग की होती हैं। रोव बकरी मुख्य रूप से अपने लंबे, मुड़ सींगों की विशेषता है; वे लगभग 4 फीट लंबाई तक पहुँच सकते हैं। बकरियों का एक चिकना कोट अक्सर लाल या काले रंग में होता है।

    Russian White goat

    रूसी व्हाइट डेयरी बकरी की एक रूसी नस्ल है। यह आयातित स्विस सैनन बकरियों के साथ स्वदेशी उत्तर रूसी के क्रॉस-ब्रीडिंग से बना है। इसके सींग होते हैं। हालांकि यह अब एक दुर्लभ नस्ल बन गया है। इसकी संख्या कम ही बची है।

    Saanen goat

    घरेलू नस्ल की स्विस नस्ल है। यह पश्चिमी स्विट्जरलैंड में बर्न के केंटन के दक्षिणी भाग में बर्नस ओबेरलैंड में सनांटल से निकला है।यह एक अत्यधिक उत्पादक डेयरी बकरी है और दुनिया भर में अस्सी से अधिक देशों में पाई जाती है। इसमें सफेद त्वचा और एक छोटा सफेद कोट है। इसके अलावा यह सींग लिए हुए या बिना सींग के भी हो सकती है।स्विट्जरलैंड की सबसे अधिक दूध देने वाली बकरी है।दूध में कम से कम 3.2% वसा और 2.7% प्रोटीन होना चाहिए।

    ‌‌‌इसकी चमड़ी पीली होती है। इस वजह से यह तेज धूप को सहन नहीं कर सकती है।1980 के दशक में न्यूजीलैंड में एक ब्लैक वेरिएंट, सेबल सैनन को एक नस्ल के रूप में मान्यता दी गई थी। ‌‌‌इसमे मेल बकरी का वजन 85 किलो और फीमेल बकरी का वजन 60 किलो होता है।

    Valdostana

    उत्तर-पश्चिमी इटली में Aosta घाटी के स्वायत्त क्षेत्र से घरेलू बकरी की एक देशी नस्ल है।वल्दोस्ताना को मांस के लिए रखा जाता है ।इसके अलावा इसके दूध का प्रयोग भी पनीर बनाने के लिए किया जाता है।आस्टा घाटी में, बकरी-फाइटिंग, बैटलल देस च्वेरेस के पारंपरिक खेल में भी इसका बहुत उपयोग किया जाता है। ‌‌‌इसमे मेल बकरी का वजन 85 किलो और फीमेल बकरी का वजन 65 किलो के करीब होता है।

    Sahelian goat

    सहेलियन बकरी पश्चिम अफ्रीका की बकरी की नस्ल है। जिसका इस्तेमाल मांस और त्वचा के लिए किया जाता है।चीवरे बारियोली, फुलानी, गोराने, नियोरो, नियाफोनेके, सहेलियेन, सहेल इस बकरी के अन्य नाम भी हैं।

    सहेलियन बकरी एक छोटे आकार का जानवर है। वे संकीर्ण शरीर, उथले छाती वाली होती है।इस बकरी का रंग सफेद, क्रीम से लाल, काला या ग्रे होता है। औसतन वजन 38.5 से 56.7 किलोग्राम के लगभग होता है।

    San Clemente Island goat

    सैन क्लेमेंटे आइलैंड बकरी एक प्रकार का घरेलू नस्ल है। 2007 में नस्ल का डीएनए अध्ययन किया और पाया कि सैन क्लेमेंटेट बकरी एक आनुवंशिक रूप से अलग नस्ल है और अध्ययन में कई अन्य नस्लों से असंबंधित है।इसको एक लुप्तप्राय नस्लों के अंदर माना गया है।2009 में, उनकी वैश्विक आबादी लगभग 450 थी। वे मुख्य भूमि पर U.S.A. और पश्चिमी कनाडा में रहते हैं।

    Spanish goat

    स्पेनिश बकरी, जिसे ब्रश बकरी या स्क्रब बकरी भी कहा जाता है, मूल रूप से स्पेन से मैक्सिको के माध्यम से संयुक्त राज्य अमेरिका में आया था। इन बकरियों को मांस के लिए पाला जाता है।यह बकरी सीजन के बाहर भी प्रजनन करने की क्षमता रखती है।यह बकरियां काफी कठोर होती हैं ,जो सीमित स्थितियों के अंदर भी ‌‌‌ जीवित रहने मे सक्षम होती हैं। ‌‌‌हाल ही के वर्षों के अंदर मांस की मांग बाजार मे बहुत अधिक हो गई है। और इन बकरियों के मांस को अच्छा माना जा रहा है। अब इन बकरियों के मांस की मांग बाजार के अंदर बढ़ी है। 2009 में, देश भर में लगभग 8,500 शुद्ध नस्ल के बकरे थे।

    Stiefelgeiss

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    Stiefelgeiss घरेलू पर्वतीय बकरियों की एक नस्ल है, जो स्विट्जरलैंड के सेंट गैलन के ऊंचे इलाकों में पाई जाती है। वर्तमान मे इनकी एक हजार से कम नस्ले बची हुई हैं।

    इनमे नर और मादा दोनों के सींग होते हैं। कोट एक हल्के भूरे रंग से एक गहरे लाल रंग तक होते हैं। ‌‌‌इन बकरियों के बाल काफी लंबे होते हैं। 1920 के दशक तक, बकरी को सक्रिय रूप से पाला जाता था, लेकिन 1980 के दशक तक, यह लगभग विलुप्त हो चुकी थी। 2001 तक, 87 प्रजनकों के बीच 600 बकरियां मौजूद थी।

    Tauernscheck

    ऑस्ट्रिया से Tauernscheck बकरी की नस्ल दूध के उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है। यह ऑस्ट्रियन लैंड्रेस और पिनज़गॉयर बकरी की नस्लों से प्राप्त एक बहुत ही दुर्लभ नस्ल है।

    Thuringian goat

    मध्य जर्मनी में थुरिंगेन से थुरिंगियन बकरी की नस्ल दूध के उत्पादन के लिए उपयोग की जाती है।जर्मन इम्प्रूव्ड फॉन बकरी की नस्ल की एक किस्म है। थ्युरिंगियन बकरी की नस्ल तोगेनबर्ग, हार्जरजाइग, रोनजेइज और थुंजिंगर लैंडजिएज बकरी नस्लों के बीच क्रॉस के चुनिंदा-प्रजनन से उत्पन्न हुई है।

    Toggenburg goat

    यह डेयरी बकरी की सबसे अधिक उत्पादक नस्लों में से एक है और सभी महाद्वीपों में कम से कम पचास देशों में यह बकरी पाई जाती है। टोगनबर्ग एक अत्यधिक उत्पादक डेयरी नस्ल है। 3.56% की न्यूनतम वसा की मात्रा और 2.90% की न्यूनतम प्रोटीन सामग्री होती है। कोट का रंग हल्के भूरे रंग से माउस ग्रे तक, सफेद स्विस चिह्नों के साथ  यह होती है। Male का वजन 75 किलो होता है। इसके अलावा 55 किलो वजन मादा का होता है।

    Valais Blackneck

    वैलैस ब्लैकनेक दक्षिणी स्विट्जरलैंड में और उत्तरी इटली के पड़ोसी क्षेत्रों वैले के कैंटन से घरेलू बकरी की एक नस्ल है।यह ऑस्ट्रिया और जर्मनी में मामूली संख्या में मौजूद है। ‌‌‌यह पूंछ की तरफ सफेद रंग होती है।इसके अलावा इसके आगे के रंग काला होता है। ‌‌‌मेल के बकरे का वजन 85 किलो होता है। और फीमेल बकरे का वजन  55 किलो का होता है।

    बकरी कितने प्रकार की होती है ? लेख के अंदर हमने बकरियों के अलग अलग प्रकार के बारे मे जाना उम्मीद करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा । यदि आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट करके बता सकते हैं।

    arif khan
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