Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    cool thoughtscool thoughts
    • Home
    • Privacy Policy
    • About us
    • Contact Us
    Facebook X (Twitter) Instagram
    SUBSCRIBE
    • Home
    • Tech
    • Real Estate
    • Law
    • Finance
    • Fashion
    • Education
    • Automotive
    • Beauty Tips
    • Travel
    • Food
    • News
    cool thoughtscool thoughts
    Home»‌‌‌धर्म और त्यौहार»खाटू श्याम जी को प्रसन्न करने के 8 जबरदस्त उपाय जानें
    ‌‌‌धर्म और त्यौहार

    खाटू श्याम जी को प्रसन्न करने के 8 जबरदस्त उपाय जानें

    arif khanBy arif khanOctober 18, 2023Updated:October 18, 2023No Comments11 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Reddit WhatsApp Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest WhatsApp Email

    khatu shyam ji ko prasann karne ke upay के बारे मे जाने । खाटू श्याम   का नाम तो आपने बहुत बार सुना ही होगा । और यदि आप खाटू श्याम के भगत हैं , तो फिर आपके लिए यह लेख और भी अधिक फायदेमंद होगा । दोस्तों  खाटू श्याम का मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के सीकर जिले में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। और यह मंदिर बर्बरीक को समर्पित है। कहा जाता है कि बर्बरीक  भगवान कृष्ण के अवतार हैं। और उन्होने महाभारत के युद्ध के अंदर अपने शीश का बलिदान दिया था ।खाटु श्याम एक लोकप्रिय मंदिर है और इस मंदिर के अंदर काफी अधिक लोग आते हैं। काफी लोकप्रिय मं​दिर है।बर्बरीक  एक महान योद्धा थे और उनकी कहानी महाभारत से शूरू होती है। कहा जाता है कि बर्बरीक  ने अपने तप से भगवान को प्रसन्न कर लिया था , और उनसे वरदान पाया होगा कि वे तीन बाण मे सब कुछ सर्वनाश कर सकते हैं। तो वे अपनी माता की आज्ञा पाकर युद्ध के लिए निकल पड़े । और भगवान कृष्ण को यह एहसास हो गया था । क्योंकि बर्बरीक कौरवों की तरफ से लड़ना चाहते थे । तो भगवान कृष्ण को पता था कि यदि बर्ब​रीक कौरवों की तरफ से लड़ेगा तो पांडवों की हार हो जाएगी । उसके बाद भगवान कृष्ण को उन्होने अपने शीश को दिया फिर भगवान ने उनको वरदान दिया कि उनको कलयुग मे श्याम नाम से पूजा जाएगा । खाटू श्याम मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है। मंदिर से निकटतम रेलवे स्टेशन खाटू श्याम है, जो दिल्ली और जयपुर से जुड़ा हुआ है। मंदिर से निकटतम हवाई अड्डा जयपुर है, जो 100 किलोमीटर दूर है।

    Table of Contents

    • khatu shyam ji ko prasann karne ke upay नाम जाप करें
    • श्याम बाबा के भगतों की सेवा करें
    • श्याम बाबा को इन चीजों का भोग लगाएं
    • श्याम बाबा को इत्र, कंगन, खिलौने आदि भेंट चढ़ाएँ
    • एकादशी का व्रत करे
    • बाबा को मंदिर मे जाकर चढ़ाएं फूल
    • खाटु श्याम बाबा के नाम से दान करें
    • रोजाना खाटु श्याम जी का पूजा पाठ करें
    • खाटु श्यामजी की पूजा किस तरह से करनी चाहिए ?
    • खाटु श्याम बाबा की आरती

    khatu shyam ji ko prasann karne ke upay नाम जाप करें

    khatu shyam ji ko prasann karne ke upay

    Abhaybeniwalreengus – अपना काम, CC BY-SA 4.0,

    दोस्तों खाटु श्याम को प्रसन्न करने के उपायों के बारे मे हम आपको यहां पर बता रहे हैं , तो आइए जानते हैं। दोस्तों हिंदु धर्म के अंदर नाम जाप काफी अधिक महत्वपूर्ण होता है। यदि आप खाटु श्याम बाबा को प्रसन्न करना चाहते हैं , तो उनके नाम का जाप करें । और यदि आप साथ मे आप भगवान कृष्ण के नाम का जाप करते हैं , तो इससे भी खाटु श्याम बाबा काफी अधिक प्रसन्न होते हैं।

    जैसा कि आपको पता ही होगा कि नाम जाप की कोई सीमा नहीं है। जितना चाहे आप एक दिन मे नाम जाप कर सकते हैं। आप नाम जाप किसी भी समय कर सकते हैं।

    श्याम बाबा के भगतों की सेवा करें

    दोस्तों आपको यदि खाटु श्याम बाबा को प्रसन्न करना है , तो आप यह उपाय भी कर सकते हैं। हर साल लाखों भगत उनके मंदिर के अंदर जाते हैं , तो आप भी उनके मंदिर मे जाकर भगतों की सेवा करने का प्रयास करें । मंदिर के अंदर मदद के लिए काम करें । ऐसा करने से बाबा काफी प्रसन्न हो जाते हैं। बहुत सारे लोग हर साल खाटु श्याम बाबा के मंदिर मे अपनी सेवाएं देने का कार्य करते हैं , तो आप भी इस कार्य के अंदर मदद कर सकते हैं। ऐसा करने से बहुत अधिक पुण्य प्राप्त होता है।

    श्याम बाबा को इन चीजों का भोग लगाएं

    यदि आप श्याम बाबा को प्रसन्न करना चाहते हैं , तो आप यह उपाय कर सकते हैं। आपको चाहिए कि आप श्याम बाबा को चूरमा, दाल, बाटी और मावे के पेड़े का भोग  लगाएं । ऐसा यदि आप उनके मंदिर के अंदर जाकर करते हैं ,तो ऐसा करने से भी श्याम बाबा काफी अधिक प्रसन्न होते हैं। वैसे खाटु श्याम बाबा के मंदिर जगह जगह पर बने हुए हैं। आप वहां पर जाकर भी भोग लगा सकते हैं। बहुत सारे भगत गण बाबा को प्रसन्न करने के लिए इन  चीजों का भोग लगाते हैं।

    श्याम बाबा को इत्र, कंगन, खिलौने आदि भेंट चढ़ाएँ

    श्याम जन्मोत्सव पर कई भगत गण श्याम बाब के दर्शन करने के लिए दरबार के अंदर आते हैं। खास कर जिन भगतगणों की गोद सूनी होती है। चे बाबा को बांसुरी, खिलौने और मोरछड़ी चढ़ाकर प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। और अपनी गोद भरने की मन्नते मांगते हैं।बाबा श्याम को इत्र से स्नान करवाकर गुलाब, चंपा, चमेली के फूलों के बने गजरों से बाबा श्याम का श्रृंगार किया जाता है।

    एकादशी का व्रत करे

    दोस्तों यदि आप खाटुश्याम बाबा का व्रत करते हैं , तो ऐसा करने से भी खाटु श्याम बाबा प्रसन्न होते हैं।साल भर में 24 एकादशी आती हैं. अगर आप 24 एकादशी का व्रत करके शुक्ल पक्ष की 12 एकादशी का व्रत कर सकते हैं। जिससे कि बाबा काफी अधिक प्रसन्न होंगे । और आपकी मनोकामना पूर्ण होती है। उसके बाद आप चाहें तो बाबा के मंदिर के अंदर जाकर भी व्रत को खोल सकते हैं। और अपने घर के अंदर भी पूजा पाठ कर सकते हैं।

    बाबा को मंदिर मे जाकर चढ़ाएं फूल

    कहा जाता है कि श्याम बाबा को गुलाब, चंपा, चमेली आदि के फूल काफी अधिक प्रिय हैं। तो यदि आप श्याम बाबा को प्रसन्न करना चाहते हैं , तो सुबह नहा धोकर बाबा के मंदिर के अंदर जाए और इन फूलों को लेकर जाएं । और फिर बाबा के मंदिर के अंदर आपको चढ़ा देना होगा । यदि आप रोजाना ऐसा करते हैं , तो इससे आपका कल्याण होता है। श्याम बाबा आपकी भक्ति से जब प्रसन्न हो जाते हैं , तो फिर आपका बेड़ापार हो जाता है।

    खाटु श्याम बाबा के नाम से दान करें

    जैसा कि कथाओं के अंदर यह बताया गया है कि खाटु श्याम बाबा ने अपने ​शीश को दान किया था । तो यदि आप श्याम बाबा के मंदिर के लिए या फिर जरूरत मंदों के लिए कुछ भी दान करते हैं , तो इससे भी बाबा प्रसन्न होते हैं। तो आप उनके मंदिर के अंदर भी पैसा दान कर सकते हैं। वहां पर दान पेटिया लगी होती हैं। और उनके अंदर आप पैसा दान कर सकते हैं।

    रोजाना खाटु श्याम जी का पूजा पाठ करें

    दोस्तों यदि आपको खाटु श्याम जी को प्रसन्न करना है। तो रोजाना उनके फोटो के आगे एक दीपक जलाएं । और उनकी आरती गाए । यदि आप ऐसा करते हैं , तो इससे  खाटु श्याम जी काफी अधिक प्रसन्न होते हैं। इसके लिए यदि आप चाहें , तो अपने घर के अंदर ही खाटु श्यामजी का एक छोटा सा मंदिर बना सकते हैं। और उसके बाद पूजा पाठ शूरू कर सकते हैं।

    खाटु श्यामजी की पूजा किस तरह से करनी चाहिए ?

    दोस्तों यदि हम खाटु श्यामजी की पूजा पाठ के बारे मे बात करें , तो आपको सही विधि से करना काफी अधिक जरूरी होता है।इसके लिए आपको सबसे पहले खाटु श्यामजी की मूर्ति को स्थापित करें ।उसके बाद आपको अपने पास  धूप, नेविदयम, पुष्पमाला, इत्त्र लेना होगा ।

    सबसे पहले बाबा की फोटो को पंचाअमृत से स्नान करवाना होगा । और फिर इसके उपर पुष्प की माला आपको चढ़ानी चाहिए ।उसके बाद मूर्ति के आगे आपको एक घी का दीपक जलाना होगा । और अगरबत्ती आपको जलानी होगी ।खाटूश्याम बाबा को चूरमा, दाल, बाटी और मावे के पेड़े का भोग आप लगा सकते हैं। और फिर खाटु श्याम बाबा की आरती को गा सकते हैं।

    खाटु श्याम बाबा की आरती

    ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।

    खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।

    ॐ जय श्री श्याम हरे..

    रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे।

    तन केसरिया बागो, कुंडल श्रवण पड़े।

    ॐ जय श्री श्याम हरे……

    गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे।

    खेवत धूप अग्नि पर दीपक ज्योति जले।

    ॐ जय श्री श्याम हरे……

    मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे।

    सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे।

    ॐ जय श्री श्याम हरे..

    झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे।

    भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे।

    ॐ जय श्री श्याम हरे..

    जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे।

    सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे।

    ॐ जय श्री श्याम हरे..

    श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे।

    कहत भक्तजन, मनवांछित फल पावे।

    ॐ जय श्री श्याम हरे।

    जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे।

    निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे।

    ॐ जय श्री श्याम हरे.. ।

    यदि आप चाहें तो उनकी आरती को खुद पढ़ सकते हैं। या फिर आप मोबाइल वैगरह के अंदर सुन सकते हैं। लेकिन यदि आप उनकी आरती को खुद पढ़ते हैं , तो अधिक फायदा होने के चांस होते हैं।

    श्री श्याम बाबा की कहानी को महाभारत काल से जोड़ कर देखा जाता है। कहा जाता है कि खाटु श्याम को पहले बर्बरिक नाम से जाना जाता था ।बलशाली गदाधारी भीम और माता अहिलावती के पौत्र हैं। और वे अधिक बलशाली और महान यौद्धा थे । उन्होंने युद्ध की कला अपनी मां और भगवान कृष्ण से सीखी थी ।उसके बाद बर्बरिक ने भगवान शिव की घोर तपस्या की और तीन अमोघ बाण प्राप्त किये । और माता दुर्गा से धनुष प्राप्त किया । वे तीन अमोघ बाण थे और उसकी मदद से बर्बरिक तीनों लोकों को जीत सकते थे । इसकी वजह से ही उनको तीन बाण धारी के नाम से भी जाना जाता है।

    जब महाभारत का युद्ध कौरवों और पांडवों के बीच अनिवार्य हो चुका था , तो यह समाचार बर्बरिक के पास पहुंचा । तो उनकी माता ने उनको कहा कि वह हारने वाले पक्ष की तरफ से युद्ध करेगा ।उसके बाद वे अपने नीले रंग के घोड़े पर सवार होकर कुरूक्षेत्र की रण भूमि की तरफ चल पड़े ।सर्वव्यापी श्री कृष्ण ने ब्राह्मण भेष धारण कर बर्बरीक का भेद जानने के लिए उन्हें रोका। और उनकी हंसी उड़ाई की वह तीन बाण की मदद से युद्ध के अंदर शामिल होने के लिए आया है ।बर्बरीक  ने यह सुनकर कहा कि मात्र एक बाण ही शत्रु सेना को परास्त करने के लिए पर्याप्त है। उसके बाद वह बाण वापस आ जाएगा । और यदि तीनों बाणों का प्रयोग किया गया , तो फिर इसकी वजह से पूरे ब्रह्रमांड नष्ट हो जाएगा ।

    भगवान् कृष्ण ने बर्बरिक को चुनौती देते हुए कहा कि तुम एक बाण से इस पीपल के सारे पत्तों को भेद कर दिखाओ तो बर्बरिक ने यह चुनौती को स्वीकार कर लिया और एक बाण को ईश्वर का नाम लेकर चलाया । उसके बाद एक एक करके सारे पीपल के पत्ते भेदे गए । और फिर बाण कृष्ण के पैर के आस पास चक्कर काटने लगा क्योंकि एक पत्ता उनके पैर के नीचे था । तो बर्बरिक ने कहा कि ब्रह्रमण देवता आप पैर को हटा लें । नहीं तो आपके पैर को भी भेद दिया जाएगा ।

    श्री कृष्ण ने बाद मे बर्बरिक से पूछा कि वह युद्ध के अंदर किस ओर से शामिल होगा । तो बालक बर्बरिक ने बताया कि वह हारने वाले पक्ष की तरफ से शामिल होगा । और श्री कृष्ण यह जानते थे की कौरवों की हार तय है। तो ऐसी स्थिति के अंदर इतिहास मे गलत संदेश जा सकता है। उसके बाद कृष्ण ने बर्बरिक से दान देने को कहा तो बर्बरीक  ने वचन दिया कि वे जो कुछ मांगेंगे उनको दान मिलेगा । और कृष्ण ने बर्बरिक का शीश मांग लिया ।वीर बर्बरीक क्षण भर के लिए अचम्भित हुए, परन्तु अपने वचन पर अडिग रहे  । लेकिन बाद मे कहा कि जो कोई ऐसा कर रहा है वह कोई साधारण ब्रह्रामण नहीं हो सकता है। तो उन्होंने भगवान को असली रूप मे आने के लिए कहा । उसके बाद भगवान अपने असली रूप मे आए ।

    श्री कृष्ण ने बर्बरीक को शीश दान माँगने का कारण समझाया कि युद्ध आरम्भ होने से पूर्व युद्धभूमि पूजन के लिए तीनों लोकों में सर्वश्रेष्ठ क्षत्रिय के शीश की आहुति देनी होती है। और उसके बाद बर्बरीक ने कहा कि वे युद्ध को देखना चाहते हैं , तो श्रीकृष्ण ने उनकी बात को मान लिया और कहा कि युद्ध को वे पूरी तरह से देखेंगे और बर्बरीक के शीश को एक पहाड़ी पर रखवा दिया गया ।फाल्गुन माह की द्वादशी को उन्होंने अपने शीश का दान दिया था इस प्रकार वे शीश के दानी कहलाये।

    उसके बाद जब पांडव युद्ध को जीत गए तो पांडवों के अंदर विवाद होने लगा कि युद्ध की जीत का श्रेय किसे दिया जाना चाहिए ? तो श्री कृष्ण ने कहा कि बर्बरीक का शीश सब कुछ देख रहा है , तो उनसे ही पूछा जाना चाहिए । जब लोग बर्बरीक के शीश की तरफ गए और पूछा की युद्ध की जीत का श्रेय किसे जाता है ? तो बर्बरीक ने कहा कि श्रीकृष्ण को ही युद्ध की जीत का श्रेय जाता है।

    • गुरूड पुराण अध्याय 10  garud puran adhyay 10 मृत्युके अनन्तर के कृत्य
    • कैसी होती हैं मुस्कान नाम की लड़कियां गुण और कमजोरियां
    • कैसी होती हैं शिवानी नाम की लड़कियां ? 21 गुण होते हैं शिवानी नाम की लड़कियों मे
    • सपने मे भरा हुआ मटका देखने का 17 अर्थ और मतलब
    • सपने मे नींबू का पेड़ देखने के 15 मतलब और अर्थ
    • सपने मे नींबू का पेड़ देखने के 15 मतलब और अर्थ
    • कजरी वन कहां पर पड़ता है ? कजरी वन के अजीब रहस्यों के बारे मे जानकारी
    • खुशी नाम की लड़कियों कैसी होती हैं ? इसके बारे मे जानकारी
    arif khan
    • Website
    • Facebook
    • Instagram

    यदि आपको गेस्ट पोस्ट करनी है। तो हमें ईमेल पर संपर्क करें । आपकी गेस्ट पोस्ट पेड होगी और कंटेंट भी हम खुदी ही लिखकर देंगे ।arif.khan338@yahoo.com

    Related Posts

    घर के सामने लगा सकते हैं यह 12 शुभ पौधे जानें पूरी सच्चाई फायदे

    April 6, 2024

    दुकान की नजर कैसे उतारे 16 तरीके का प्रयोग करें होगा कमाल

    March 11, 2024

    चंदन की माला पहनने से मिलते हैं यह 20 शानदार फायदे

    March 8, 2024
    Leave A Reply

    Categories
    • Home
    • Tech
    • Real Estate
    • Law
    • Finance
    • Fashion
    • Education
    • Automotive
    • Beauty Tips
    • Travel
    • Food
    • News

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • Privacy Policy
    • About us
    • Contact Us
    © 2025 Coolthoughts.in

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.