सेब का पेड़ short motivation story

                               1. ‌‌‌सेब का पेड़  ‌‌‌

एक बार महान वैज्ञानिक न्यूटन पेड़ के नीचे बैठे हुए थे अचानक ही एक फल पेड़ से गिरा न्यूटन ने उस फल को गौर से देखा और सोचने लगे कि यह फल नीचे ही क्यों गिरा इस रहस्य को सुलझाने के लिये उन्होंने इस बारे मे बहुत कुछ सोचा और अंत मे गुरूत्वकर्षण के सिंद्वात का प्रतिपादन ‌‌‌किया इस सिद्वांत ने विज्ञान के अंदर नई ‌‌‌क्रांति लादी

सही है जो लोग फल को खाना ही नहीं उसे ठीक से देखना भी जानते हैं। वो ही दुनिया को बदल सकते हैं।
 क्या आज से पहले सेब पेड़ से धरती पर नहीं गिरता था ? किंतु किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया और ध्यान दिया भी तो इस बात पर सोचना ‌‌‌बेवकूफी समझा किंतु आम लोगों के अंदर और न्यूटन मे कुछ फर्क था यदि उस ‌‌‌सेब को गिरते हुए कोई आम व्यक्ति देख लेता तो वह सोचने कि बजाये उसे खा जाता और यह फर्क सिर्फ सोच का था उस एक  सोच ने ही न्यूटन को महान बना दिया

‌‌‌                           2.अंधी लड़की

एक लड़की अंधी थी लोगों को उस पर तरस आता था लोग सोचते थे कि यह बेचारी क्या करेगी ? यह तो देख भी नहीं सकती यानि लोगों को लगता कि यह लड़की अपनी जिंदगी के अंदर कुछ नहीं कर सकती किंतु वो कहते हैं कि चाहा ही राह होती है। किंतु वह अपनी अंधेपन को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने ‌‌‌दिया ।
संघर्ष करते हुए एक दिन बेहद ही प्रसिद्व महिला बनी । तब किसी ने उससे पूछा कि आंखे न होने पर भी तुमने इतना बड़ा सपना कैसे साकार कर लिया ? तब उसने उत्तर दिया ।
 क्योंकि मैं जानती थी ऐसे लोग अंधों से अधिक दयनिय हैं जिनके पास आंखें तो हैं किंतु ‌‌‌द्रष्टी नहीं है। या ‌‌‌द्रष्टी  तो ‌‌‌है किंतु सपने नहीं है।
वह महिला लेडी हेलन किलर थी ।

‌‌‌             3.दुर्भाग्यशाली

एक ज्योतिषी कहीं से गुजर रहा था । खेत के अंदर बैठे बुढे से उसने रहा है पूछी बुढ़े ने उसे पास बुलाया और मटके से पानी पिलाया । खुश होकर ज्योतिषी बोला की इसके बदले वह उसका भविष्य फ्रि मे ही बता सकता है। तब बुढ़ा बोला मेरा भविष्य तो जानकर मैं क्या करूंगा । मेरे लड़के का बता
‌‌‌दिजिये जो कि खेत के अंदर गाये चरा रहा है। ज्योतिषी ने लड़के के हाथ की रेखाओं की और देखा और बोला । इसका बुध अस्त है। यह जिंदगी के अंदर कुछ नहीं करेगा । बस गाये ही चराता रहेगा । बुढ़ा निराश हुआ । ज्योतिषी ग्रह नक्षत्रों के अंदर उलझा हुआ पास ही एक कुए को नहीं देख पाया और उसमे जा गिरा ।
‌‌‌बुढ़े और लड़के ने बड़ी मुश्किल से उसे बाहर निकाला । तब ज्योतिषी बोला यह मेरा दुर्भाग्य था के मैं कुए के अंदर गिरा किंतु तुम्हारी वजह से निकल गया यह मेरा सौभाग्य था । तब बुढ़ा बोला अच्दा हुआ तुम हमा‌‌‌‌‌‌रे वरना मैं पूरी उम्र अपने बेटे को दुर्भाग्यशाली मानता रहता । जो व्यक्ति अपने इतने पास का भविष्य नहीं देख सकता वो इतनी दूर का भविष्य क्या देखेगा ।

Leave a Reply

arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।