मेजी राजवंश ने 1868 में किस देश की सत्ता की कमान संभाली थी।

मेजी राजवंश ने 1868 में किस देश की सत्ता संभाली –   1867 से 68 ई के बीच मेजी वंश की स्थापना हुई थी। जापान के अंदर मेजी वंश की स्थापना के दो प्रमुख कारण रहे थे । सबसे पहला कारण तो यह था कि जापान के अंदर  हर प्रकार का असंतोष पनप गया था और दूसरा अंतराष्टि्रय व्यापार और कूटनीति संबंधित मांग की जा रही थी। ‌‌‌मीजी युग को मीजी नविनिकरण के नाम से भी जाना जाता है। इस काल के अंदर जापान के अंदर बहुत तेजी से विकास हुआ ।1868 ई के अंदर जापान के अंदर व्यवहारिक शासन को बहाल किया गया था।जापान के सम्राट ने जापान सरकार की राजनीतिक प्रणाली को मजबूत किया गया और इस दौरान जापान की सामाजिक , आर्थिक और राजनीति ‌‌‌के अंदर भारी बदलाव हुआ जिसको एडो अवधि के नाम से भी जाना जाता है।

‌‌‌जापानी यह जानते थे कि वे इस समय तकनीकी के अंदर काफी पीछे चल रहे हैं।  अमेरिकी कमोडोर मैथ्यू सी। पेरी 1853 मे बड़े युद्व पोतों के साथ जापान आये थे ।उस समय जापान के जानकारों ने यह कहा था कि यदि हम उनकी बात मान लेते हैं तो वे हम पर हावी हो जाएंगे और यदि हम पहल नहीं करते हैं तो भी वे हम पर हावी हो ‌‌‌जाएंगे ।इसके अलावा  1863 ई के अंदर चीन ने भी जापान को प्रमुख सुरक्षा खतरे के रूप मे देखा था।‌‌‌नेताओं ने जापान को एक ताकतवर देश बनाने के लिए अनेक काम किये ।औपनिवेशिक शक्तियों के खतरे को कम करने के लिए अनेक प्रकार के काम किये ।

मेजी राजवंश ने 1868 में किस देश की सत्ता की कमान संभाली थी।
Original caption: Promulgation of the new Japanese constitution by the Emperor of Japan at Tokyo. ca. 1899
  • ‌‌‌मेजी राजवंश की स्थापना के बाद देश के अंदर कई प्रकार की प्रगति भी हुई ।
  • क्रषि पर कर लगाया गया
  • मजदूरों को प्रशिक्षण दिया गया ।
  • मशीनों का आयात किया गया ।
  • स्टूडेंट को पढ़ने के लिए विदेश भेजा गया ।
  • बैंकिंग व्यवस्था आरम्भ की ।

‌‌‌इसके अलावा शिक्षा और स्कूल के अंदर भी बदलाव कर दिया गया । जैसे कि

  • आधुनिक विचारों पर जोर दिया गया।
  • लड़के और लड़कियों का स्कूल जाना अनिवार्य कर दिया गया।
  • जापानी इतिहास के अध्ययन पर बल दिया गया ।

मीजी युग जापानी इतिहास का एक युग है जो 23 अक्टूबर, 1868 से 30 जुलाई, 1912 तक बढ़ा था। इस काल के दौरान जापान की अर्थव्यवस्था के अंदर अनेक प्रकार के परिवर्तन हुए ।3 फरवरी, 1867 को, 14 वर्षीय प्रिंस मुत्सुहिटो ने अपने पिता, सम्राट कोमेई को 122 वें सम्राट के रूप में क्रिसेंटहेम सिंहासन पर बैठाया गया । 9 नवंबर, 1867 को तत्कालीन शगुन तोकुगावा योशिनोबू ने अपने सम्राट का पद छोड़ दिया था।1868 की गर्मियों में एदो के पतन ने टोकुगावा के अंत को शोगुनेट के रूप में चिह्नित किया, और एक नए युग, मीजी की घोषणा हो गई थी। ‌‌‌पहला सुधार सन 1868 ई के अंदर किया गया था। जिसके अंदर निम्न लिखित चीजों को शामिल किया गया था।

  • ‌‌‌विधानसभाओं की स्थापना ।
  • राज्यों के मामलों के अंदर सभी वर्गों को शामिल करना ।
  • शाही शासन की नींव को मजबूत करने के प्रयास ।

                   मीजी सरकार ने विदेशी शक्तियों को आश्वासन दिया कि वह बाकुफ़ द्वारा की गई पुरानी संधियों का पालन करेगी और वह अंतरराष्टिय कानूनों के अनुसार काम करेगी ।1912 तक शासन करने वाले मुत्सुहितो ने जापानी इतिहास के अंदर एक नए युग की शूरूआत की थी। राजधानी क्योटो से स्थानांतरित कर दी गई थी, जहां यह 794 से टोक्यो (पूर्वी राजधानी), एडो के लिए नया नाम था। नए शासन काल के अंदर कई नए नियम बनाए गए थे ।और इन नियमों के अनुसार भूमी और लोग सम्राट के अधिकार क्षेत्र के अंदर आते थे ।

डेमियो गवर्नर बनने के बाद सरकार के प्रसासनिक खर्चों को मान लिया गया और समुराई वजीफे का भुगतान किया। सत्सुमा , चोशो , टोसा और हिसन जैसे पसंदीदा पूर्व हान के अधिकारियों ने नए मंत्रालयों के संचालन का काम भी किया ।

मेजी राजवंश ने 1868 में किस देश की सत्ता संभाली –  मेजी राजवंश ने 1868 में ‌‌‌राजनीति

इटागकी तायसुके (1837-1919) थे, एक शक्तिशाली तुसा नेता जिन्होंने 1873 के अंदर कोरियाई मामले को लेकर राज्य परिषद से इस्तीफा दिया था।उन्होंने हिंसक विरोध ना अपनाकर शांति पूर्वक सरकार के खिलाफ आवाज उठाने का प्रयास किया और इसके लिए उन्होंने एक स्कूल और आंदोलन की शूरूआत की थी। ‌‌‌इस आंदोलन को स्वतंत्रता और जन अधिकार के आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है।इतागाकी 1874 ई के अंदर टोसा मेमोरियल नामक एक किताब के अंदर मेजी राजवंश ने 1868 में किस देश की सत्ता संभाली पर लिखते हुए कहा था कि यह कूलीन तंत्र की सरकार की बेलगाम ताकत की आलोचना की ।

मेइजी बहाली की नींव Saig of Takamori और किडो तकायोशी के बीच 1866 ई के अंदर रखी गई थी। 30 जनवरी, 1867 को कोमी की मृत्यु के बाद, मीजी 3 फरवरी को सिंहासन पर चढ़े। इस अवधि ने जापान को सामंती समाज से बाजार की अर्थव्यवस्था में बदलने से भी देखा और जापानी को आधुनिकता के प्रभाव के साथ छोड़ दिया।

शोगुनेट का अंत

शोगुनेट का अंत

टोकुगावा सरकार की स्थापना 17 वीं शताब्दी में हुई ।उसके दो उतराधिकारी उनके बेटे हिडेटा (जिन्होंने 1616-23 तक शासन किया) और पोते इमिट्सु (1623–51) के तहत एकजुट होकर राजनीतिक ढांचा बनाया था।जनवरी 1868 में, बोशिन युद्ध हुआ और इसके अंदर , जिसमें चोशो और सत्सुमा की सेना ने पूर्व- शगुन की सेना को हराया‌‌‌था।योशिनोबू को हटाने के बाद सम्राट ने 13 नवंबर के अंदर अपनी शक्ति की घोषणा की थी।सभी टोकुगावा भूमि को शाही नियंत्रण के अंदर लेलिया गया और सभी प्रांतों को तीन भागों के अंदर विभाजित कर दिया गया । वो तीन भाग इस प्रकार के थे । शाही , ग्रामिण और डोमेन ।

शोगुनेट ने एक अन्य गणराज्य की स्थापना का प्रयास भी किया था लेकिन वे इसमे सफल नहीं हो सके और सम्राट ने उनका पूरी तरह से पतन कर दिया गया ।1872 तक सभी डोमेन सम्राट को वापस किये जाने थे 280 डोमेन को  72  के अंदर बदल दिया गया और यह कार्य शांति पूर्वक हुआ ।

‌‌‌सैन्य सुधार

सन 1868 ई के अंदर मेजी सम्राट ने यह घोषणा की कि “ज्ञान दुनिया भर में मांगा जाएगा, और जिससे शाही शासन की नींव मजबूत होगी।” ।मोरी अरिनोरी के नेत्रत्व मे और अन्य बुद्विजीवियों ने मिलकर 1873 में मीजी सिक्स सोसाइटी का गठन किया था।मेजी  कुलीनतंत्र शोगुनेट, डेमायस , और समुराई वर्ग ‌‌‌के खिलाफ अपनी ताकत को मजबूत किया और उनको समाप्त करने का प्रयास भी किया ।

समुराई 1.9 मिलियन था। और वे एक उच्च अनुचर भी थे । कूलीन वर्ग इनको पसंद नहीं करते थे ।कूलीन वर्ग ने समुराई को खत्म करने का प्रयास किया ।सबसे पहले, 1873 में, यह घोषणा की गई थी कि समुराई वजीफे पर एक रोलिंग के आधार पर कर लगाया जाना था। बाद में, 1874 में, समुराई को अपने स्टाइपेंड को सरकारी बॉन्ड में बदलने का विकल्प दिया गया था। अंत में, 1876 में, इस कम्यूटेशन को अनिवार्य कर दिया गया।

‌‌‌उसके बाद 1873 ई के अंदर देशव्यापी सैन्य सुधार करने के लिए नए नियम और कानूनों को बनाया गया ।इन नियमों के अनुसार 21 वर्ष का पुरूष 4 साल तक देश की सेवा करेगा और 3 साल की ट्रेनिंग दी जाएगी ।समुराई वर्ग को हथियार चलाने की मनाही थी। और इस कानून के अंदर भी उनके साथ भेदभाव किया गया।

‌‌‌इससे असंतुष्ट समुराई  सत्गुमा विद्रोह , सैगू ताकामोरी इसके नेता थे । हालांकि पहले यह एक छोटा विद्रोह था लेकिन बाद मे यह एक ग्रह युद्व के अंदर बदल गया । हालांकि इसको सम्राट ने दबा दिया था। लेकिन समुराई को यह एहसास हो गया कि उनका समय समाप्त हो गया था।समुराई जनता विद्रोह के बाद भी संतुष्ट थी । क्योंकि उनको रोजागार भी मिला था और कई समुराई सरकारी अधिकारी बन गए । उसके बाद भूमी सुधारों का दौर आया तो गरीब लोगों को भूमी देकर सम्रद बना दिया गया । यही वजह रही की जापान चीन युद्व मे जापान एक ताकतवर अर्थव्यवस्था के रूप मे उभरा ।

1867 में सम्राट मीजी के सिंहासन पर बैठे थे ।लेकिन उस समय उनकी उम्र महज 15 साल की ही थी। इतनी कम उम्र के अंदर वे शासन को सही तरीके से सम्हाल नहीं सकते थे ।लेकिन सलाहकारों की कैबिनेट को मिलकर शासन को बहाल किया था।और इसके बाद तो जापान ने सुधारों के प्रयास भी आरम्भ कर दिये थे । ऐसा करने का प्रमुख‌‌‌उदेश्य यह था। कि यदि जापान अपनी संप्रभुता को हाशिल नहीं कर पाएगा ।नेताओं के लक्ष्य महत्वाकांक्षी थे इसी लिए उन्होंने पदानुक्रम प्रणाली को पूरी तरह से समाप्त कर दिया था। अब कोई भी जात पात का व्यक्ति किसी भी प्रकार का काम कर सकता था।मीजी बहाली का चार्टर शपथ (1868) के अंदर कई प्रकार की घोषणांए की गई थी।

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सुधार कूटनीतिक समानता और सैन्य ताकत हासिल करने और लोकतंत्र की दिशा के अंदर कदम बढ़ाने के लिए यह घोषणाएं आवश्यक थी।उन्होंने अभियास और शैली दोनों को अच्छे तरीके से अपनाया था। उन्होंने पश्चिमी शैली के सैन्य कपड़े पहने, पश्चिमी तरीके से अपने बालों को स्टाइल किया, और एक कैसर मूंछें उगाईं। ‌‌‌सरकारी अधिकारियों ने भी सम्राट की सहायता करने के लिए सलाह दी ।सरकार को मजबूत करने और भूमी सुधार और सैन्य सहायता को लागू किया गया ।अगले सालों के अंदर शिक्षा को हर वर्ग के लिए अनिवार्य बना दिया गया ।बैंक से लेकर रेल्वे तक आधुनिक प्रिंटिग के अंदर और अखबारों के अंदर निवेश किया गया ।‌‌‌सैना ने नई सैन्य तकनीक को सीखा और खुद को मजबूत बनाया । कुछ लोग इस प्रकार के बदलाओं से अनजान थे तो कुछ इनका विरोध भी करते थे ।

‌‌‌इस तरह के सुधार कोई रातो रात लागू नहीं किये गए थे।वरन वहां के अधिकारियों ने पहले अनेक विदेश यात्राएं की थी और उन देशों के कानूनों के को देखने के बाद ही इस प्रकार के सुधार किये थे ।इसके अलावा जापान ने अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए अनेक जापानी स्टूडेंटों को विदेश पढ़ने के लिए भी ‌‌‌भेजा इसके पीछे उनका मकसद यह था कि यदि जापानी लोग अच्छी शिक्षा प्राप्त करेंगे तो जापानी की प्रगति काफी अच्छी हो सकती है। और आने वाले समय के अंदर हुआ भी ऐसा ही ।

स्कूलों और विश्वविद्यालयों, कारखानों, बिजली संयंत्रों, सांस्कृतिक जीवन, पुलिस के सुधार के लिए प्रयास किये गए थे ।प्रतिनिधिमंडल का एक सदस्य राजनेता इटो हिरोबुमी था।मुद्रा प्रणाली से लेकर शिक्षा और प्रौद्योगिकी आदि को प्रलेखित किया गया ।‌‌‌कहने का अर्थ है कि मेजी शासन काल के दौरान जापान के अंदर बहुत अधिक सुधार हुए तब जाकर जापान की अर्थव्यवस्था काफी उंची उठ चुकी है। मेजी राजवंश ने 1868 में किस देश की सत्ता संभाली ? यह लेख आपको कैसा लगा हमे कमेंट करके अवश्य बताएं ।

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arif khan

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