मृत्यु गंध क्या होती है ? what is smell of death and it is real ?

‌‌‌ऐसा माना जाता है कि जब इंसान की मौत होती है। या किसी की मौत होने वाली होती है तो उसके शरीर से एक विशेष प्रकार की गंध निकलने लग जाती है। जिसे मृत्यु गंध या मौत की गंध के नाम से भी जाना जाता है। दोस्तों जैसा कि कुछ लोग और किताबे यह मानती हैं कि इंसान की मौत से पहले की मौत के लक्षण प्रकट ‌‌‌होने लग जाते हैं। जिनके आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि अब इंसान की मृत्यु का समय निकट आ चुका है। इन्हीं लक्षणों के अंदर एक है मृत्यु की गंध । दोस्तों ऐसा माना जाता है कि यह इंसान के मरने से पहले ही शरीर से निकलने लग जाती है।

‌‌‌आयुर्वेद भी इस बात को मानता है कि इंसान के मरने से पहले उसके शरीर से अजीब सी गंध निकलने लगती है। खास कर जब हम काफी लंबे समय से किसी रोग आदि को टालते रहेंगे तो अंत मे शरीर अंदर से पूरी तरीके से मर चुका होगा । ‌‌‌कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार इंसान मरने से पहले शरीर से एक विशेष प्रकार की गंध निकलती है। जिसको आम इंसान नहीं सूंघ पाता है। लेकिन कुत्ते बिल्ली जैसे जीवों की घ्राण शक्ति काफी तेज होती है। और यह सब इन चीजों को पहचान जाते हैं। और अजीब सी आवाजे निकालने लगते हैं।

1857 में, कवि चार्ल्स बौडेलेर ने लिखा, एक ऐसे समय में जब वैज्ञानिकों को वास्तव में नहीं पता था कि मृत्यु की गंध क्या होती थी।जर्मन चिकित्सक लुडविग ब्रीजर ने काफी दशक बाद इस बात का पता लगाया था कि मृत्यु गंध नाम की भी कोई चीज होती है। ‌‌‌इसी वैज्ञानिक ने सड़ते हुए मांस की गंध के जिम्मेदार दो यौगिकों को बताया था। जिनमे से  कार्बनिक सिट्रेसिन और कैडेवराइन का मिश्रण है।उसके बाद के रिसर्च के अंदर यह जैव रासायनिक विवरण को उजागर किया जोकि अवसाद जैसी स्थिति के अंदर भी मदद कर सकते हैं।

‌‌‌मौत की गंध का प्रयोग अब कई तरीके से किया जा सकता है। फोरेंसिक जांच के अंदर भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। इसके अलावा मौत की गंध की मदद से इंसान के मौत का समय को भी निर्धारित किया जा सकता है। ‌‌‌इस गंध की पहचान केवल प्रशिक्षित कुत्ते ही कर सकते हैं।हालांकि इसकी व्याख्या अलग अलग कुत्तों के लिए अलग अलग हो सकती है। ठीक उसी तरीके से जैसे इंसानों के लिए एक ही चीज पर विचार अलग अलग होते हैं।

मृत्यु गंध क्या होती है ? 

दोस्तों जैसाकि हमने आपको उपर ही बतादिया है कि इंसान यदि किसी लंबी बिमारी की वजह से मरने वाला होता है तो उसके शरीर के अंदर अनेक प्रकार के रसायनिक बदलाव होते हैं। और उन बदलावों की वजह से ‌‌‌उसके शरीर के अंदर के अंग मरने लग जाते हैं। जिसकी वजह से शरीर से अजीब सी गंध निकलने लगती है। जिसको मौत की गंध के नाम से भी जाना जाता है।

मृत्यु गंध ‌‌‌को कुत्ते कैसे पहचानते हैं ?

‌‌‌आपके घर के अंदर यदि कोई पाला हुआ कुत्ता है तो आपने इस बात को नोटिस किया होगा कि जब आपके बुजुर्ग लोग मरे होंगे तो उससे कुछ दिन पहले कुत्ता काफी अजीब व्यवहार करने लग जाता है। कुछ लोंग यह मानते हैं कि कुत्ता मौत के समय का पता लगा लेता है। जब यमदूत किसी मरने वाले व्यक्ति को लेने आते हैं। ‌‌‌तो फिर वह उन को देख भी सकता है। और इसी वजह से वह अजीब व्यवहार करता है।

लेकिन सबसे मोटी बात की बात करें तो वह है कुत्ते कि घ्राण कॉर्टेक्स । कुत्ते के अंदर अदभुत घ्राण शक्ति होती है। वह कई चीजों का आसानी से पता लगा लेता है। जैसे कि प्राकृतिक आपदाओं, गैस लीक और शारीरिक संरचना मे बदलाव आदि। ‌‌‌इसके अलावा कुत्ते वातावरण के अंदर होने वाले छोटे से छोटे बदलाव का भी आसानी से पता लगा सकते हैं।

‌‌‌हालांकि यह पूरी तरीके से सिद्व नहीं किया जा सका है कुत्ते आत्माओं को देख सकते हैं या नहीं ? लेकिन‌‌‌यह वैज्ञानिक रूप सै सिद्व हो चुका है कि कुत्ता मौत की गंध की पहचान करने मे सक्षम है। यदि उसे अच्छी तरीके से प्रशिक्षित किया जाए तो ।

मृत्यु गंध क्या होती है

हालांकि कुत्तों को जब अच्छी तरीके से प्रशिक्षित नहीं किया जाए तो इसका मतलब यह नहीं है कि उनको पता नहीं चल पाता है। उनको पता तो चल जाता है । लेकिन वे ‌‌‌इसे हमे नहीं समझा पाते हैं। जिसकी भी प्रकार की आपदा या खतरे का एहसास होने पर कुत्ता यदि बहुत अधिक डर जाता है तो वह घर से ही भाग जाता है और यदि वह घर से नहीं भागता है तो फिर भौंकने लगता है और कुछ अजीब व्यवहार कर सकता है। नीचे कुछ व्यवहार के बारे मे दिया जा रहा है।‌‌‌कुत्ता अपने कान गिरा सकता है। , अचानक से वह उदास नजर आने लगता है। , अधिक डरा हुआ हो सकता है , घर से इधर उधर भागने की कोशिश कर सकता है। या फिर वह दुखी दिखाई देने लगता है। आपके पास बार बार आकर कुछ समझाने की कोशिश कर सकता है।

मृत्यु गंध को कुत्ते कैसे पहचान सकते हैं ?

अब सबसे बड़ा सवाल तो यह उठता है कि कुत्ते मृत्यु गंध को कैसे पहचान सकते हैं। जबकि मनुष्य उस गंध को क्यों नहीं पहचान सकते ? ‌‌‌इसका जवाब है कि कुत्ते की घ्राण कोशिकाएं बहुत अधिक तेज होती हैं।कुत्तों की नाक में लगभग 300 मिलियन घ्राण इंद्रियां होती हैं, जब की हमारे पास केवल 6 मिलियन घ्राण इंद्रिया होती हैं। अब आप ‌‌‌अनुमान लगा सकते हैं कि कुत्ते कितनी सारी गंधों को महसूस कर सकते हैं। वे वातावरण के अंदर मौजूद छोटे से ‌‌‌छोटे परिर्वतन को बता सकते हैं। यही वजह है कि वे शरीर की गंध मे परिवर्तन को भी पहचान सकते हैं। हालांकि वे इतना नहीं जानते हैं कि यह मौत की गंध है। बस वे इतना जानते हैं कि गंध मे बदलाव आए हैं।

‌‌‌कुत्ते के संकेतों को अनदेखा ना करें

दोस्तों यदि आप घर के अंदर कुत्ते पाल रखे हैं और अचानक से आपका कुत्ता कुछ अजीब सा व्यवहार करने लग जाए तो संभव है कि कुछ गड़बड़ होने वाली है। ऐसी स्थिति के अंदर आपको उसके संकेतो को अनदेखा नहीं करना चाहिए । संभव है उसने किसी आत्मा को देखलिया हों और ‌‌‌यह भी संभव है कि कुछ बुरा होने वाला हो ।

‌‌‌ मौत की गंध एक रहस्य

अभी भी यह रहस्य पूरी तरीके से सुलझ नहीं पाया है कि कुत्ते मौत की गंध को पहचान सकते हैं या नहीं ? हालांकि कुछ रिसर्च इस बात की ओर संकेत जरूर करते हैं। psychology to day ‌‌‌पर एक रियल घटना का जिक्र मिलता है जिसके अंदर Phyllis Brentzel नाम के एक साइकोलॉजिस्ट  ने इस घटना के बारे मे उल्लेख किया है। हालांकि उसके अंदर यह नहीं बताया गया की कुत्ते मौत की गंध को पहचान सकते हैं या आत्माओं को देख सकते हैं ? लेकिन इन दोनों मे से कोई एक बात जरूर थी। डॉ कोरन को लिखे इस पत्र के अंदर कुछ इस प्रकार से लिखा हुआ था।

‌‌‌मेरे पिताजी एक शिकारी थे और हमे कुत्तों को पालने का शौक था। हमारे पास तीन कुत्ते बीगल्स, मैगी और जिग्स थे । जिनमे से बीगल  की मौत हो गई थी। लेकिन मैगी अभी भी जीवित थी और वह आठ साल की थी। ‌‌‌एक दिन अचानक ही सुबह वह हॉवेल करने लगी । मैं नहीं समझ पा रहा था कि वह क्यों कर रही है ? वह एक ऐसी ध्वनी थी जिसको मैंने कभी भी पहले नहीं सुना था।मैं उसके पास देखने के लिए गया कि उसे कोई चोट तो नहीं लगी ? मैंने उसे अच्छी तरीके से जांचा लेकिन वह एकदम से सही थी।

‌‌‌तब मुझे कुछ शंका हुई तो मैंने पिता से पूछा कौन मर रहा है? तो पिताजी ने कहा कि मुझे नहीं पता कौन मर रहा है। उसके बाद पिताजी ने बताया कि उन्होंने पहले भी किसी की मौत से पहले कुत्तों को इस तरह से करते सुना था।

‌‌‌उसके बाद एक पड़ोसी जोकि हमारे यार्ड से सटा हुआ था। हमारे पास दौड़ता हुआ आया और बोला कि आपका कुत्ता बहुत परेशान कर रहा है क्या उसकी हॉलिंग को बंद नहीं किया जा सकता । क्योंकि मेरी मां बहुत अधिक बीमार है। ‌‌‌उसके बाद मेरे पिताजी ने उसे बताया संभव है आपकी मा मर रही है तो कुत्ते को रोकना कठिन होगा । हां हम उसे तहखाने के अंदर बंद कर सकते हैं। उसके बाद हमने कुत्ते को तहखाने मे बंद कर दिया । लेकिन उसके बाद भी वह हॉवल करता रहा ।

मृत्यु गंध

‌‌‌उसके कुछ समय बाद ही उस महिला की मौत हो गई। लेकिन उसके शाम 6 बजे बाद मैगी का रोना बंद हो गया  था। मैं नहीं जानता की मैगी को यह कैसे पता चला की वह महिला मर रही है? या कोई मर रहा है वह तो उस घर मे कभी गई भी नहीं थी?

मृत्यु गंध और कुत्ते अंतिम वर्ड

दोस्तों कुत्ते मौत की गंध को ही नहीं सूंघ सकते हैं। वरन वे शरीर के अंदर होने वाले छोटे छोटे बदलावों को भी सूंघ सकते हैं। यह सिद्व किया जा चुका है कि प्रशिक्षित कुत्ते सूंघ कर शरीर के अंदर कैंसर का पता लगा सकते हैं। ‌‌‌कैडवर कुत्ते पानी के नीचे भी लासों का पता लगा सकते हैं। हालांकि यह संभव है कि इंसान जब मरने वाला होता है तो उसके अंदर कुछ रसायनिक बदलाव होते हैं। जिनको विज्ञान अभी तक समझ नहीं पाया है लेकिन कुत्ते उन सब चीजों का पता लगा सकते हैं क्योंकि उनके पास सूंघने की बेहतर क्षमता है ?

‌‌‌मौत की गंध क्या होती है? किस तरह की होती है ? इस बारे मे कोई नहीं जान पाया है? बस इतना जानते हैं कि मौत की गंध होती है जो शायद किसी अपघटन से पैदा होती है।

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This Post Has One Comment

  1. ajeet kumar

    bhagwan ka sach me hona or insaan marne ke bad atma kaise jate jo main apna sach logo ko kaise bato or kaise dekhao aap meri madad karna jo main bhagwan ke sach ke liye apna ghar or city ayodhya chod diya ho 29 november 2019 ko delhi aya ho bhagwan ka pora sach dikhane jo main supreme corut jana cahata ho

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arif khan

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