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    Home»technology and net»कांच कितने प्रकार के होते हैं types of glass in hindi
    technology and net

    कांच कितने प्रकार के होते हैं types of glass in hindi

    arif khanBy arif khanOctober 7, 2020Updated:October 7, 2020No Comments13 Mins Read
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    कांच कितने प्रकार के होते हैं ? इस लेख मे हम कांच के प्रकार के बारे मे विस्तार सें जानेंगे और कांच के फायदे के बारे मे बात करेंगे ।ग्लास एक गैर- क्रिस्टलीय , अक्सर पारदर्शी अनाकार ठोस होता है ।कांच का उपयोग सजावट के अंदर होता है जैसे विंडो ,टेबलवेयर और पेन के अंदर इसका यूज होता है।ग्लास को पिघलाकर बनाया जाता है।इसके अलावा ज्वालामुखी ग्लास स्वाभाविक रूप से पाया जाता है। सिलिकेट ग्लास सबसे पुराना ग्लास माना गया है।

    सोडा-लाइम ग्लास के अंदर 70 प्रतिशत सिलिका होती है। सिलिकेट ग्लास अधिक टिकाउ होते हैं इसी लिए ग्लास के कई उदाहरण प्राचीन संस्क्रतियों के अंदर मिलते हैं।पुरातात्विक साक्ष्य मेसोपोटामिया , मिस्र या सीरिया में कम से कम 3600 साल पुराने कांच मिले हैं।

    कांच कितने प्रकार के होते हैं
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    Table of Contents

    • कांच कितने प्रकार के होते हैं  प्रकृति में घटना से बनते हैं ग्लास
    • ‌‌‌ग्लास का इतिहास
    • ‌‌‌ कांच कितने प्रकार के होते हैं  कुचालक कांच
    • कांच कितने प्रकार के होते हैं  स्तरित सुरक्षा काँच
    • लैड काँच
    • मुलायम काँच
    • टेम्पर्ड कांच
    • ‌‌‌कांच के गुण के आधार पर कांच के प्रकार
    • Float glass
    • Shatterproof Glass
    • Laminated Glass
    • Insulated Glazed Units
    • Glass Blocks
    • Toughened Glass
    • Chromatic Glass
    • Extra Clean Glass
    • ‌‌‌ग्लास के यूज
    • वास्तुकला और खिड़कियों मे ग्लास का यूज
    • ‌‌‌मेज और कांच के ग्लास मे उपयोग
    • ‌‌‌कांच का उपयोग कला के अंदर
    • पैकेजिंग मे कांच का प्रयोग
    • ‌‌‌प्रयोगशाला मे कांच का प्रयोग
    • प्रकाशिकी के अंदर कांच का प्रयोग
    • ‌‌‌ग्लास का यूज करने के फायदे Benefits  of glass

    कांच कितने प्रकार के होते हैं  प्रकृति में घटना से बनते हैं ग्लास

    प्रकृति में घटना से भी ग्लास की उत्पति हो सकती है।ज्वालामुखी से भी ग्लास बन सकता है।ओब्सीडियन ज्वालामुखी से निकलने वाला सामान्य ग्लास होता है।यह तब बनता है जब फेलिसिक लावा  तेजी से ठंडा होता है।

    इम्पेक्टाइट ग्लास एक ऐसा ग्लास होता है जोकि उल्कापिंड की वजह से बनता है।लीबिया के रेगिस्तान का कांच ,पूर्वी लिबिया ,पश्चिम मिस्र मे इसी प्रकार का कांच पाया जाता है।ट्रिनिटी परमाणु बम परीक्षण की वजह से भी ग्लास बन सकता है। इसके अलावा प्लीस्टोसिन घास के मैदान की आग, बिजली के हमलों व शुद्र ‌‌‌ग्रहों और धुमकेतू की वजह से ग्लास बन सकता है।

    ‌‌‌ग्लास का इतिहास

    स्वाभाविक रूप से बनने वाले  ओब्सीडियन ग्लास का प्रयोग हथियारों को काटने के लिए किया जाता था क्योंकि यह बहुत तेज होता था।यह तरीका कम से कम 6000 साल पहले का है जब इंसानों ने लौहे को गलाने का तरीका खोजा था। ‌‌‌पुरातात्विक साक्ष्य यह बताते हैं कि पहला कांच सिंथेटिक ग्लास लेबनान और तटीय उत्तर सीरिया , मेसोपोटामिया या प्राचीन मिस्र में बनाया गया था । ‌

    ‌‌‌ग्लास का इतिहास

    मध्य-तीसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व सबसे पुरानी कांच की वस्तु मोती हुआ करती थी।पहले बनाए जाने वाला कांच शुद्ध और पार्र्दशी नहीं होता था और इसके अंदर अनेक प्रकार की कमियां हुआ करती थी। ‌‌‌1900 BC पूर्व सिंधु घाटी सभ्यता से लाल और नारंगी रंग की कांच की माला निकली थी जिससे यह पता चलता है कि अच्छे कांच का उत्पादन हुआ करता था।  मेसोपोटामिया और मिस्र के अंदर भी यह दिखाई दिया था।

    स्वर्गीय कांस्य युग के दौरान मिस्र और पश्चिमी एशिया में ग्लासमेकिंग तकनीक कातेजी से विकास हुआ। इस काल के पुरातात्विक खोज में रंगीन कांच के सिल्लियां , बर्तन और माला शामिल हैं। कांच की प्रारंभिकअवस्था मेंकांच के उत्पादन पर भरोसा कियाजाता है, जो पत्थर की अवस्थासे उधार लिया जाता है, जैसे ठंडी अवस्था में कांच को पीसना और तराशना।

    ‌‌‌ग्लास शब्द का विकास रोमन सम्राज्य के अंदर हुआ था।जिसका अर्थ एक चमकदार और पार्र्दशी पदार्थ के लिए हुआ था।ग्लास से बनी वस्तुओं को रोमन सम्राज्य के अंदर बरामद किया गया है।रोम के लोग कैमियो ग्लास का निर्माण करते हैं, जो कांच के ऑब्जेक्ट पर राहत देने के लिए अलग-अलग रंगों की फ्यूज्ड परतों के माध्यम से नक्काशी द्वारा निर्मित होता है । पश्चिम अफ्रीका के अंदर बेनिन कांच बनाया जाता था।ग्लास का उपयोग पूरे मध्ययुग के अंदर पूरे यूरोप मे किया जाता था।

    एंग्लो-सैक्सन कांच इंग्लैंड की बस्ती और अन्य जगहों पर खुदाई के दौरान मिला है। ‌‌‌10 वीं शताब्दी के बाद ग्लास का प्रयोग खिड़कियों के अंदर किया जाने लगा था।14 वीं शताब्दी के बाद ग्लास का प्रयोग ‌‌‌घर के अंदर  ‌‌‌की सजावट के लिए किया जाता है। 13 वीं शताब्दी के दौरान, मुरानो , वेनिस द्वीप , कांच बनाने का केंद्र बन गया, बड़ी मात्रा में रंगीन सजावटी टुकड़े बनाने के लिए मध्ययुगीन तकनीकों पर निर्माण किया गया।खिड़कियों, दर्पणों, जहाजों के लालटेन और लेंस के लिए बड़े पैमाने पर कांच का प्रयोग किया जाने लगा था।मिस्र और सिरियां मे कांच का प्रयोग जहांजो मे किया जाने लगा था।

    1675 में, जॉर्ज रवेन्सक्रॉफ्ट ने लीड क्रिस्टल ग्लास का आविष्कार किया , जिसमें 18 वीं शताब्दी में कट ग्लास फैशनेबल बन गया।‌‌‌1920 ई मे कांच के सांचे का विकास हुआ जिसकी मदद से कांच को आसानी से सांचे के अंदर ढाला जा सकता था और अलग अलग प्रकार का आकार दिया जा सकता था।

    1930 के दशक में सस्ते ग्लासवेयर का विकास किया गया ।1950 के दशक मे उच्च गुणवकता वाले कांच का विकास किया जाने लगा ।आधुनिक इमारतों के अंदर कांच का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा सौर उर्जा उपकरणों और चश्मों मे कांच का प्रयोग होने लगा है।

    21 वीं सदी में, ग्लास निर्माताओं ने स्मार्टफोन , टैबलेट कंप्यूटर , और कई अन्य प्रकार के सूचना उपकरणों के लिए टचस्क्रीन में व्यापक रूप से आवेदन के लिए रासायनिक रूप से मजबूत ग्लास के विभिन्न ब्रांड विकसित किए हैं

    ‌‌‌ कांच कितने प्रकार के होते हैं  कुचालक कांच

    कुचालक कांच को बनाने के लिए दो कांच के बीच शुष्क अवरोध को लगाया जाता है। और इससे कुचालक कांच को प्राप्त किया जाता है।कुचालक कांच का प्रयोग वहां पर प्रयोग किया जाता है जहां अंदर के तापमान को बाहर के तापमान से अप्रभावित रखा जाता है। ‌‌‌

    जैसे यदि बाहर अधिक गर्मी होती है तो इस कांच का प्रयोग करके अंदर कमरे को ठंडा रखा जाता है।इसी प्रकार से यदि बाहर अधिक ठंड रहती है तो कुचालक कांच का प्रयोग करके अंदर के वातावरण को गर्म रखने का प्रयास किया जाता है।

    कांच कितने प्रकार के होते हैं  स्तरित सुरक्षा काँच

    इस कांच के अंदर कांच की दो परतों के बीच पॉलीविनाइल ब्यूटाइल प्लास्टिक लगाया जाता है।और कांच की दो परतों को आपस मे चिपका दिया जाता है। और यह कांच अचानक हुए ताप और दाब के बदलाव को सहन कर सकता है।और यदि किसी कारण से यह कांच टूट भी जाता है तो इसके टुकड़े भिखरते नहीं हैं। वरन ‌‌‌चिपके ही रह जाते हैं।इस प्रकार की कांच की कई परतों का संयोजन करके गोली अवरोधी कांच प्राप्त किया जा सकता है। 

    ‌‌‌इस प्रकार के कांच का प्रयोग खिड़कियां और दरवाजे व उंचे भवन और छत के अंदर किया जाता है।

    लैड काँच

    लिथार्ज ,पोटेशियम कार्बोनटे , सोडा राख, चूना पत्थर और सिलिका आदि को एक निश्चित मात्रा के अंदर मिलाकर यह कांच प्राप्त किया जाता है।इस कांच के अंदर लगभग 45 प्रतिशत सिलिका होती है। इसके अलावा इस कांच का प्रयोग आमतौर पर  एक्स और वाई किरणों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता है। नाभिकीय विकिरणों से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए भी इसी कांच का प्रयोग किया जाता है।इन सबके अलावा लैंड कांच का प्रयोग क्रिस्टल  सामान और सजावट का सामान बनाने के लिए किया जाता है।

    मुलायम काँच

    यह कांच कैल्शियम कार्बोनेट  और सोडा राख की मदद से बनाया  जाता है।70-74%SiO2, 8-13% CaO और 13-8% Na2O होता है। Al2O3 लगभग 2% होता है। इस कांच का प्रयोग कांच की खिड़कियां , कांच की बोतल व बल्ब बनाने मे किया जाता है।

    टेम्पर्ड कांच

    ‌‌‌यह कांच विशेष प्रकार का होता है। इस कांच के गर्म पात्र को ठंडे पानी मे डुबोया जाता है और उसके बाद पात्र की बाहरी सतह सिकुड जाती है और अंदर की सतह पर खींचाव होता है।यह कांच बहुत अधिक सख्त होता है जो तापिय और अन्य आघात को सहन कर सकता है। ‌‌‌यह कांच वायुयानों और दरवाजों व कार ,गाड़ी के अंदर  प्रयोग किया जाता है।

    ‌‌‌कांच के गुण के आधार पर कांच के प्रकार

    दोस्तों  उपर हमने कांच के प्रकार बताए थे । वैसे कांच को अलग अलग आधार पर अलग अलग प्रकार के अंदर बांटा जा सकता है। तो नीचे कांच की बनावट और गुण के आधार पर हम कांच के प्रकार के बारे मे बता रहे हैं।

    Float glass

    सोडियम सिलिकेट और कैल्शियम सिलिकेट से यह ग्लास बना होता है।इसको सोडा लाइम ग्लास के नाम से भी जाना जाता है।फ्लोट ग्लास की मोटाई 2 मिमी से 20 मिमी के करीब होती है।और यदि बात करें इसके वजन की तो यह 6 से 36 किलोग्राम तक होता है।इस ग्लास का प्रयोग दुकानों और सर्वाजनिक स्थानों पर किया ‌‌‌जाता है।

    Shatterproof Glass

    शैटरप्रूफ ग्लास एक अलग किस्म का ग्लास होता है जो टूटने पर तेज धार नहीं बनाता है।खिड़कियों, रोशनदानों, फर्श के अंदर इस कांच का प्रयोग किया जाता है।पॉलीविनाइल ब्यूटिरल को इस कांच के अंदर जोड़ा जाता है ।

    Laminated Glass

    सिलेंडर कितने प्रकार के होते हैं types of fire cylinder in hindi

    जलोढ़ मिट्टी की विशेषता और इसकी जानकारी

    साइकिल कितने प्रकार की होती है type of cycle

    ‌‌‌यह एक ऐसा ग्लास होता है जिसके अंदर साधारण कांच की कई परतों का संयोजन होता है। इस कांच का अधिक वजन होता है और मोटाई भी अधिक होती है।यह यूवी प्रूफ और साउंडप्रूफ कांच होता है जिसका प्रयोग एक्वेरियम वैगरह बनाने मे किया जाता है।

    Insulated Glazed Units

    ‌‌‌इस ग्लास के अंदर ग्लास की दो परते होते हैं और दोनों परतों के बीच या तो हवा भरी जाती है या फिर इंसूलेटर दोनों परतों के बीच भर दिया जाता है।यह ग्लास अच्छे इंसूलेटर के रूप मे काम करते हैं। इन कांच का प्रयोग गर्मी के अंदर कमरे को ठंडा रखने के लिए किया जाता है।

    Glass Blocks

    ‌‌‌ग्लास के ब्लॉक या कांच की ईंटों का प्रयोग रोशनदान और दीवारों के निर्माण मे किया जाता है।कांच को पिघलाने के दौरान दबाया जाता है। इससे एक कठोर कांच प्राप्त होता है।

    Toughened Glass

    कटे हुए ग्लास को टिकाउ ग्लास के नाम से भी जाना जाता है यह मोटा ग्लास होता है। इसको टैम्पर्ड ग्लास के नाम से भी जाना जाता है।इस ग्लास पर दानेदार चकते बने होते हैं। यह ग्लास अग्नि प्रतिरोधी होता है। मोबाइल स्क्रीन रक्षक के रूप मे इस ग्लास का प्रयोग होता है।

    Chromatic Glass

    क्रोमेटिक ग्लास का उपयोग ICU के, मीटिंग रूम आदि में किया जाता है।इस ग्लास का प्रयोग इंटिरियर की सुरक्षा के लिए और दिन के उजाले मे इस ग्लास का प्रयोग किया जाता है। क्रोमैटिक ग्लास फोटोक्रोमिक हो सकता है।

    Extra Clean Glass

    फोटोकैटलिटिक और हाइड्रोफिलिक इस ग्लास के दो प्रमुख गुण होते हैं।यह ग्लास हम घरों मे यूज करते हैं। यह सुंदर ग्लास होता है और इसका रखरखाव भी बहुत ही आसान होता है।

    ‌‌‌ग्लास के यूज

    दोस्तों ग्लास कई प्रकार के कामों मे प्रयोग होता है। आजकल तो ग्लास के कई सारे सामान बनने लगे हैं। आइए जानते हैं कि ग्लास का उपयोग किन किन कार्यों के अंदर किया जाता है।

    वास्तुकला और खिड़कियों मे ग्लास का यूज

     सोडा-लाइम शीट ग्लास का उपयोग इमारतों की खिड़कियों के अंदर किया जाता है।लेजर काटने , पानी के जेट , या हीरे पंखों के अंदर भी ग्लास का उपयोग होता है।संरचनात्मक ग्लेज़िंग सिस्टम आधुनिक समय के सबसे महत्वपूर्ण वास्तुशिल्प नवाचारों में से एक का प्रतिनिधित्व करते हैं।‌‌‌लंदन के अंदर शार्द ग्लास ईमारत बनी हुई है जो काफी लंबी है।

    ‌‌‌मेज और कांच के ग्लास मे उपयोग

    ‌‌‌मेज और कांच के ग्लास मे उपयोग

    लेड क्रिस्टल ग्लास का प्रयोग कांच के ग्लास मे किया जाता है।अक्सर शराब वैगरह पीने के लिए कांच के ग्लास का प्रयोग होता है। इसके अलावा घर के अंदर भी कांच के ग्लास उपयोग मे लेते हैं। इसके अलावा कांच का उपयोग घर के अंदर और होटलों मे प्रयोग की जाने वाली सजावटी मेज ‌‌‌बनाने मे भी किया जाता है।

    ‌‌‌कांच का उपयोग कला के अंदर

    19 वीं शताब्दी में प्राचीन ग्लास बनाने की तकनीक के अंदर एक बदलाव आया ।आर्ट नोव्यू कलाकार रेने लालिक द्वारा ग्लास फूलदान जैसी अनेक सजावटी चीजों को बनाने के लिए कांच का प्रयोग किया गया था।अमेरिका में लुई कम्फर्ट टिफ़नी पैनल और उनके प्रसिद्ध लैंपों में सना हुआ ग्लास   ‌‌‌प्रयोग मे लिया जाता था।

    20 वीं शताब्दी की शुरुआत में कंपनियों के द्धारा ग्लास की कला के अंदर बड़ा बदलाव हुआ ।भट्ठा-ढलाई, फ़्यूज़िंग, स्लम्पिंग, पाटे डी वर्रे , फ्लेम-वर्किंग, हॉट-स्कल्पिंग और कोल्ड-वर्किंग जैसी चीजों का विकास हुआ ।कांच से बनी वस्तुओं में बर्तन, पेपरवेट , मार्बल्स , बीड्स , मूर्तियां ‌‌‌आदि का विकास हुआ है।

    पैकेजिंग मे कांच का प्रयोग

    कांच की जड़ता और अभेद्य प्रकृति की वजह से कांच का प्रयोग भोजन और पानी आदि को पैक करने के लिए भी किया जाता है।टेनर ग्लास में फ्लैट ग्लास की तुलना में कम मैग्नीशियम ऑक्साइड और सोडियम ऑक्साइड सामग्री होती है जो भोजन के भंडारण के लिए उपयोगी होती है।‌‌‌इसके अलावा घर के अंदर सामान्य खाने पीने की चीजों का भंडारण करने के लिए कांच के बर्तन प्रयोग मे लिये जाते हैं।‌‌‌

    इसके पीछे का कारण यह है कि कांच की उम्र लंबी होती है और यह किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं करते हैं । कई पदार्थ प्लास्टिक के अंदर खराब हो सकते हैं।

    ‌‌‌प्रयोगशाला मे कांच का प्रयोग

    ‌‌‌प्रयोगशाला के अंदर अधिकतर उपकरण कांच के ही बने होते हैं।इसके पीछे का कारण यह है कि यह अन्य धातुओं की तुलना मे सस्ता होता है इसके अलावा इसको साफ करना आसान है। व गर्मी और ठंड को सहन कर सकता है।फ्लास्क , पेट्री डिश , टेस्ट ट्यूब , पिपेट ,गेज और परखनली वैगरह कांच के बने होते हैं। आज भी वैज्ञानिक कांच के बने उपकरणों का प्रयोग प्रयोगशाला मे करते हैं।

    प्रकाशिकी के अंदर कांच का प्रयोग

    ग्लास प्रकाशिकी में एक सर्वव्यापी पदार्थ है , जो प्रकाश को अपवर्तित , प्रतिबिंबित और संचारित करने की क्षमता के आधार पर करता है । दूरबीन , माइक्रोस्कोप और कैमरे में लेंस और दर्पण, ऑप्टिकल डिस्क , लेजर प्रिंटर , फोटोकॉपियर , और लेजर डायोड आदि मे भी कांच का प्रयोग ‌‌‌ किया जाता है।

    ‌‌‌ग्लास का यूज करने के फायदे Benefits  of glass

    Benefits  of glass

    ‌‌‌आज ग्लास का प्रयोग लगभग हर क्षेत्र के अंदर किया जा रहा है। सजावट के लिए ग्लास का सबसे अधिक प्रयोग किया जा रहा है। कांच की खिड़कियां सबसे आम हैं।

    • ‌‌‌कांच 100 प्रतिशत पुनर्नवीनीकरण है। एक बार यदि कांच टूट जाता है तो उसे पिघलाकर नया कांच बनाया जा सकता है।
    • कांच रंग के अंदर या बिना रंग के प्रयोग किया जा सकता है।
    • ‌‌‌ग्लास लगाने के बाद भी कमरे के अंदर आप प्रकाश को बनाए रख सकते हैं। प्रकाश की द्रश्यता के अंदर सुधार कर सकता है।
    • ‌‌‌इमारत के सौंदर्य को बढ़ाने मे ग्लास बहुत अधिक उपयोगी है।
    • बहाली और नवीकरण के लिए, कांच शिल्पकार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    • ‌‌‌भोजन वैगरह का स्वाद आमतौर पर ग्लास कंटेनर के अंदर खराब नहीं होता है।जबकि दूसरे कंटेनर के अंदर भोजन बेस्वाद हो सकता है।
    • ‌‌‌ग्लास की मदद से आप अपनी गाड़ी और भवन की खिड़की को इस प्रकार से बना सकते हैं कि आप अंदर से सारी चीजें देख सकते हैं लेकिन आपको कोई भी नहीं देख सकता है।
    • ‌‌‌यह मौसम प्रतिरोधी है। ग्लास अपनी अखंडता और उपस्थिति को खोए बिना बारिश, हवा और सूरज के प्रभावों का सामना कर सकता है।
    • ग्लास जंग प्रतिरोधी भी है। इसको जंग नहीं लगने की वजह से यह लंबे समय तक चलता है।
    • इसकी सतह चिकनी होती है। और इसकी वजह से इसको साफ करना बहुत ही आसान होता है।
    • बिजली के खतरों से बहुत अधिक सुरक्षित हैं। कांच एक बहुत ही उत्कृष्ट इन्सुलेटर है।
    • यह शोरूम और शोकेस के लिए विशेष रूप से उत्कृष्ट है । उत्पाद को आसानी से दूसरी तरफ देखा जा सकता है।
    • ग्लास सभी दिशाओं में दिन के उजाले का 80% संचारित कर सकता है।जो दूसरे पदार्थ नहीं कर सकते हैं।
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