shuturmurg kya khata hai ? full lifespan of ostrich

आज के लेख के अंदर हम बात करने वाले हैं कि शुतुरमुर्ग क्या खाता है ? शुतुरमुर्ग क्या होता है ? शुतुरमुर्ग के अंडे के का वजन कितना होता है ? दोस्तों आपको बतादें कि शुतुरमुर्ग  अफ्रिका के अंदर रहने वाला एक बड़ा उड़ान रहित पक्षी है।स्ट्रुथिओनिडि कुल का यह एक मात्र जीवित पक्षी है।इसके गर्दन और पैर काफी लंबे होते हैं। और जरूरत पड़ने पर यह 70 km / h की स्पीड से भाग सकता है। इसकी जितनी स्पीड धरती पर मौजूद किसी भी प्राणी की नहीं है।आमतौर पर शुतुरमुर्ग शाकहारी होता है।

शुतुरमुर्ग भोजन की तलास मे

‌‌‌संकट के समय यह खुद को छुपाने की कोशिश भी कर सकता है। इसके अलावा यह भाग भी सकता है।और खुद को बचाने के लिए यह घातक तरीके से वार भी कर सकता है।यह पांच से 50 के झुंड के अंदर रहता है। आमतौर पर एक नर के पास 7 से आठ तक मादाएं होती हैं। और जिनको वे अपने हरम के अंदर रखते हैं।‌‌‌शुतुरमुर्ग का मादाओं के लिए आपस मे झगड़ा भी होता है। लेकिन यह केवल कुछ ही मिनटों का होता है। इसके अलावा इस झगड़े के अंदर कई बार दूसरे नर की मौत भी हो जाती है। अब शुतुरमुर्ग को पाला जा रहा है। इसके पंखों का प्रयोग छाड़ू व सजावटी सामान और मांस का व्यवसायिक उपयोग किया जाता है। shuturmurg kya khata hai ?

‌‌‌शुतुरमुर्ग का विवरण

आम शुतुरमुर्ग का वजन 63 से 143 किलोग्राम का होता है।यह दो वयस्क मनुष्यों के जितना होता है।पूर्वी अफ्रीका के मसाई शुतुरमुर्ग के अंदर पुरूषों का वजन 115 किलो और महिलाओं का वजन 100 किलो होता है।उत्तरी अफ्रीकी शुतुरमुर्ग का वजन 111 किलो होता है। और बात करें असाधारण ‌‌‌पुरूष शुतुरमुर्ग की तो उसका वजन 158 किलो तक हो सकता है। दो से चार साल के   पुरुष शुतुरमुर्ग 2.1 से 2.8 मीटर  तक हो सकते हैं, जब ‌‌‌जीवन के पहले एक साल मे के अंदर चुजे प्रति माह लगभग 25 सेमी बढ़ते हैं और एक साल के अंदर ही उनका वजन 45 किलोग्राम हो जाता है। शुतुरमुर्ग की आयु लगभग 45 से 50 वर्ष तक की होती है। कि महिला सामान्य शुतुरमुर्ग 1.7 से 2.0 मीटर (5 फीट 7 इंच) तक होते हैं।

‌‌‌शुतुरमुर्ग झुंड के अंदर

‌‌‌वयस्क पुरूषों के पंख अक्सर काले रंग के ही होते हैं।और उनकी पूंछ सफेद होती है।नर और मादा की गर्दन लगभग नंगी ही होती है।मादा की गर्दन और जाँघों की त्वचा गुलाबी धूसर रंग की होती है, जबकि नर की भूरी या गुलाबी रंग की हो सकती है। ‌‌‌लंबी गर्दन और टांगों के कारण इसकी लंबाई 9 फीट तक होती है।शुतुरमुर्ग की आंखे इस प्रकार से बनी होती हैं कि यह दूर दूर तक किसी भी पक्षी को आसानी से देख सकती हैं।यह शिकारी से बचाव करने के लिए भी काफी मददगार होती हैं।

‌‌‌इनकी आंखों की पलके बहुत अधिक घनी होती हैं।जोकि सूर्य के प्रकाश से इनकी आंखों की रक्षा करने का काम करती हैं। शुतुरमुर्ग के पांव के अंदर केवल दो ही उंगलियां होती हैं। अंदर वाली उंगली पर नाखुन होता है। जबकी बाहर वाली पर नहीं होता है। आमतौर पर इनकी दो उंगलियां इनको तेज भागने मे काफी मदद गार होती हैं। ‌‌‌शतुरमुर्ग के पंख दो मिटर तक फैलते हैं जोकि अपने खुद को ढकने और धूप से बचाव करने मे प्रयोग होते हैं।इन्हीं पंखों की मदद से शुतुरमुर्ग नाचते भी हैं।अन्य पक्षियों की तरह इनकी गर्दन के अंदर भोजन संचय थैली नहीं होती है। और इनमे पिताश्य भी नहीं होता है। यह मल और मूत्र का अलग अलग त्याग करता है। shuturmurg kya khata hai ?

‌‌‌शुतुरमुर्ग का निवास स्थान

ओमन शुतुरमुर्ग पूर्व में अफ्रीका के उत्तर और दक्षिण में सहारा, पूर्वी अफ्रीका, अफ्रीका के दक्षिण में वर्षावन बेल्ट, और एशिया माइनर के अंदर रहते हैं। शुतुरमुर्ग खुली भूमी के अंदर रहना ज्यादा पसंद करते हैं। जो कि अफ्रीका के सवाना के अंदर है।ऑस्ट्रेलिया में भी शुतुरमुर्ग ‌‌‌कि खेती की जाती है।

शुतुरमुर्ग कभी कभी इरीट्रिया के पास लाल सागर के आस पास भी देखे जाते रहे हैं। भारत में बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पलायोबोटनी द्वारा किए गए शोध में  यह पाया गया है कि शुतुरमुर्ग 25000 साल पहले भारत के अंदर भी रहते थे ।राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के अंदर शुतुरमुर्ग के जिवाश्म भी मिल चुके हैं। शुतुरमुर्ग का ostrich का सामाजिक जीवन

शुतुरमुर्ग आमतौर पर सर्दियों के महिनों के अंदर जोड़ों मे या अकेले बिताते हैं। केवल 16 प्रतिशत शुतुरमुर्ग ऐसे होते हैं। जोकि जोड़ों के अंदर रहते हुए देखे गए हैं।प्रजनन के मौसम और अधिक वर्षा की स्थिति के अंदर यह 100 से भी अधिक संख्या मे एक साथ रहते हैं। ‌‌‌यह अन्य जानवरों जैसे ज़ेब्रा या मृग के साथ मिलकर यात्रा करते हैं।वे चांदनी रात के अंदर भी सक्रिय हो सकते हैं। एक पुरूष शुतुरमर्ग का क्षेत्र  2 और 20 किमी तक हो सकता है।

उनकी तीव्र दृष्टि और सुनवाई उनको शिकार से बचाने मे काफी मदद करता है। यह शेर जैसे जानवरों को दूर से ही पहचान लेता है। और जब शेर इनका पीछा करता है। तो यह बहुत तेजी से दौड़ते हैं। इसके अलावा यह कई बार खुद को छुपाने के लिए जमीन पर इस प्रकार से लेट जाते हैं कि दूर से देखने पर पता ही नहीं चलता है कि ‌‌‌शुतुमुर्ग लेटा हुआ है। ‌‌‌आपको बतादें कि जब शुतुरमुर्ग रेत के उपर छिपते हैं तो वे अपना सर रेत के अंदर नहीं डालते हैं। वरन अपने सर को रेत के उपर सपाट की तरह ही रखते हैं।

शुतुरमुर्ग क्या खाता है ?

‌‌‌आपको बतादें कि शुतुमुर्ग मांसहारी नहीं होता है। यह भी अन्य चिड़ियों की तरह होता है। यहबीज, झाड़ियाँ, घास, फल और फूल खाते हैं । और कभी कभी कीड़े भी खाते हैं। शुतुमुर्ग के अंदर दांत नहीं होते हैं। यह भोजन को सीधे ही निगलता है। ‌‌‌भोजन को पचाने के लिए इनको कंकड़ भी खाने पड़ते हैं। गर्दन से गुजरने के बाद भोजन गिज़ार्ड के अंदर प्रवेश करता है। यहां पर 45 प्रतिशत रेत और कंकड़ होते हैं। यह कई दिनों तक बिना पानी के रह सकते हैं। और जब पानी मिलता है तो स्नान करते हैं। यह अपने शरीर के वजन का 25 प्रतिशत निर्जलीकरण से खो देते हैं।

‌‌‌शुतुरमुर्ग के अंदर प्रजनन

शुतुरमुर्ग 2 से 4 साल के अंदर परिपक्व हारे जाते हैं। मादा नर की तुलना मे छ महिने पहले ही परिपक्व हो जाती है।मनुष्यों की तरह यह प्रजाती भी पूरे जीवनकाल के अंदर प्रजनन करने मे सक्षम है। इनका प्रजनन काल काल मार्च या अप्रैल में प्रारम्भ होकर सितम्बर के आरम्भ मे समाप्त ‌‌‌हो जाता है। ‌‌‌संबंध बनाने के लिए नर अन्य नर से झगड़ा करते हैं। और एक सफल नर कई मादओं के साथ संबंध बनाते हैं। नर मादाओं को रिझाने का कार्य भी करता है। इसके लिए पहले वह एक पंख फड़ फड़ाता है। और उसके बाद दूसरा पंख फड़ फड़ाता है। ‌‌‌वह तब तक ऐसा करता है। जब तक कि वह किसी भी मादा को रिझा नहीं लेता है। फिर यह जोड़ा संसर्ग क्ष्रेत्र के अंदर चला जाता है। और दोनों तब तक चरते रहते हैं । जब तक दोनों के अंदर तालमेल ना बन जाए । उसके बाद नर पंख फड़ फड़ाता है। और अपनी चोंच को जमीन पर मारता है। ‌‌‌उसके बाद मादा अपने पंख नीचे करके नर के चक्कर काटती है। और फिर मादा जमीन पर बैठ जाती है। और नर उसके साथ संबंध बनाता है।

शुतुरमुर्ग के अंडे के का वजन कितना होता है

शुतुरमुर्ग अंडे का सेवन करता हुआ

‌‌‌मादा शुतुरमुर्ग घोसले के अंदर अंडे देती हैं।एक साधारण गड्ढा, 30 से 60 सेमी (12-24 इंच) गहरा और 3 मीटर (9.8 फीट) चौड़ा होता है।जब अंड़ों के सेवन का समय आता है। तो मादा कमजोर अंड़ों को वहां से हटा देती है।एक मादा अपने अंड़ों को एक घोसले से दूसरे के अंदर ले जा सकती है।शुतुरमुर्ग के अंडे सभी अंडों में सबसे बड़े होते हैं।औसतन वे 15 सेमी  लंबे, 13 सेमी  चौड़े, और 1.4 किलोग्राम वजन के होते हैं।   मुर्गी के अंडे के वजन का 20 गुना अधिक होता है। वे चमकदार क्रीम के रंग के होते हैं। शुतुरमुर्ग का अंडा सबसे मजबूत अंडा होता है।क्योंकि जब मादा और नर इस अंडे पर बैठे तो यह फूटे नहीं । यदि एक पूर्ण विकसित अंडा है। तो एक इंसान आसानी से इस अंडे पर खड़ा हो सकता है।एक शुतुरमुर्ग का अंडा छोर पर 220 किग्रा और पक्ष पर 150 किग्रा का दबाव ले सकता है।अंडे का खोल  3 मिलीमीटर मोटा होता है।

‌‌‌अंड़ों को दिन के अंदर मादा द्वारा और रात के अंदर नर के द्वारा सेया जाता है।आमतौर पर घोसले को बचाने के लिए यह दो रंगों का प्रयोग करता है। काली नर रात के अंदर घोषले को अधिक सुरक्षा दे सकता है। इसी तरह से रेत के रंग की मादा दिन के अंदर घोषले को अच्छी सुरक्षा दे सकता है।‌‌‌वैसे नर दिन के अंदर चुजों को खाना खिलाते हैं और नर और मादा दोनों ही चुजों को पालने मे मदद करते हैं। लेकिन बहुत कम बच्चे जिंदा रह पाते हैं।कैद में आम शुतुरमुर्ग 62 साल और 7 महीने तक जीवित रहे हैं। बच्चों के जिंदा नहीं रहने के पीछे कई कारण होते हैं। जिनमे से कुछ शिकार कर लिये जाते हैं। ‌‌‌जब कुछ भोजन की कमी की वजह से मर जाते हैं।

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‌‌‌शुतुरमुर्ग से जुड़े फेक्टस interesting fact of Ostrich 

शुतुरमुर्ग अपने बच्चों के साथ
  • शुतुरमुर्ग का उल्लेख मेसोपोटामिया और मिस्र में 5,000 वर्षों से किया जाता रहा है।
  • मिस्र के अर्सिनो की एक मूर्ति कब्र के अंदर मिली है। जिसमे उसे शुतुरमुर्ग की सवारी करते हुए दिखाया गया है।
  • प्राचीन शिकारी लोग शुतुरमुर्ग के अंड़े का प्रयोग पानी भरने के कंटेनर के रूप मे भी प्रयोग करते थे ।
  • 19 वीं शताब्दी में शुतुरमुर्ग के पंखों के लिए खेती शुरू हुई। 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में कैद में 700,000 से अधिक पक्षी थे।
  • पूर्वी ईसाई धर्म में तेल के दीयों को रखने वाली जंजीरों पर सजे हुए सामान्य शुतुरमुर्ग के अंडे लटकाना आम बात है।
  • शुतुरमुर्ग स्टू आम शुतुरमुर्ग के मांस का उपयोग करके तैयार किया गया व्यंजन है।
  • ‌‌‌आमतौर पर शुतुरमुर्ग इंसानों से बचते हैं। वे इंसानों को अपना दुश्मन मानते हैं। यदि उनको लगता है कि इंसान उनके बच्चों को खत्म कर सकते हैं। तो वे इंसानों पर अपने पैरों से भयंकर हमला कर सकते हैं। और उनके हमले की वजह से इंसानों को गम्भीर चोट भी लग सकती है। और उनकी मौत तक हो सकती है।
  • ‌‌‌पूरी दुनिया के अंदर लगभग 20 लाख शुतुरमुर्ग रहते हैं।
  • शुतुरमुर्ग की पाचक क्षमता बहुत ही अच्छी होती है। यह अन्य सभी प्राणियों की तुलना मे काफी अच्छी होती है। इसी वजह से यह कंकड़ वैगरह आसानी से खा लेता है।
  • ‌‌‌शुतुरमुर्ग दुनिया का सबसे भारी पक्षी होता है।
  • शुतुरमुर्ग को पानी पीने की आवश्यकता नहीं होती है। यह पानी को उसके द्वारा खाये जाने वाले फल फूल से ही प्राप्त करता है। हा यदि उसे पानी मिले तो वह अवश्य ही पीता है।
  • ‌‌‌शुतुरमुर्ग के एक अंड़े के अंदर 2000 किलौरी पाई जाती है। और इसी वजह से उसके अंडे को खाया जाता है। शुतुर मुर्ग के अंडे को उबालने के लिए आपको कम से कम 80 मिनट तो आसानी से लग जाते हैं।
  • ‌‌‌शुतुरमुर्ग के अंड़ों से बच्चे 45 दिन के बाद ही निकलते हैं।
  • ‌‌‌शुतुरमुर्ग की आंख दुनिया के किसी भी जंतु से सबसे बड़ी होती है। इनकी आंख दो इंच की होती है। और इनकी आंख इनके दिमाग से कहीं ज्यादा बड़ी होती है। बड़ी आंख शिकारियों से बचाने मे मदद करती है।
  • ‌‌‌शुतुरमुर्ग के पंख होते हैं। लेकिन यह उसकी उड़ने मे कोई मदद नहीं करते हैं। लेकिन जब शुतुरमुर्ग 70 किलोमिटर प्रतिघंटे की स्पीड से दौड़ता है। तो यह उसकी मदद करते हैं। और दिशा को बदलने का काम करते हैं। इसके अलावा इसके पंख गर्मी से भी बचाते हैं।
  • ‌‌‌आजकल शुतुरमुर्ग पालन हो रहा है।क्योकि इसके अंदर बहुत अधिक फायदा है।एक शुतुरमुर्ग 1 के अंदर 50 अंडे तक देता है। और एक अंडे की कीमत 1000 रूपये के आस पा होती है। मतलब आप इससे एक साल मे केवल अंड़ो से 50 हजार कमा सकते हैं। एक अंडे का वजन 2 किलो तक हो सकता है। और इससे आप केवल 10 लोगों का आमलेट बना सकते हैं। यदि हम इसके मीट की बात करें तो 40 किलो मीट इससे निकलता है।और इससे तेल भी निकाला जा सकता है। जोकि पर 4000 रूपये लीटर बिकता है। ‌‌‌शुतुरमुर्ग की सबसे बड़ी खास बात तो यह है कि यह किसी भी वातावरण के अंदर रह सकता है। इसी वजह से इसको पालना भी बहुत आसान होता है। गर्म वातावरण के अंदर भी यह रह सकता है।
  • ‌‌‌एक फ्रेस शुतुरमुर्ग अंडे की कीमत लगभग 40$ के आस पास होती है।
  • शुतुरमुर्ग के अंडे के अंदर आम अंडों की तरह ही स्वाद होता है।लेकिन आप आम अंडों की तुलना मे यह बाद नोटिस करेंगे कि यह काफी अधिक स्वादिष्ट होता है।
  • शुतुरमुर्ग पूरे साल अंडे नहीं देते हैं जैसे मुर्गियां करते हैं। वे अपने सीजन के अंदर ही अंडे देते हैं।सीजन हर साल जून / जुलाई में शुरू होता है और पक्षी हर दूसरे दिन एक अंडा देते हैं।
  • शुतुरमुर्ग को कई प्रकार के शिकारियों का सामना करना पड़ता है। जिसमे चीता, शेर, तेंदुआ, अफ्रीकी शिकार कुत्ते और धब्बेदार हाइना शामिल हो सकते हैं।

This post was last modified on March 4, 2019

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