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    Home»ghost»मरने के बाद आत्मा को कौन ले जाता है? जानिए सच्ची बात
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    मरने के बाद आत्मा को कौन ले जाता है? जानिए सच्ची बात

    arif khanBy arif khanFebruary 27, 2020Updated:February 27, 2020No Comments11 Mins Read
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    ‌‌‌मरने के बाद आत्मा को कौन ले जाता है ? यह एक बहुत बड़ा प्रश्न है। आज हम इस प्रश्न का उत्तर वास्तव मे सही तरीके से तलास करने की कोशिश करेंगे ।वैसे तो हिंदु धर्म के अंदर यह बताया गया है कि मरने के बाद आत्मा को यमदूत लेकर जाते हैं और उसे यमलोक के अंदर दंड मिलता है। लेकिन पुराणों का अर्थ ‌‌‌प्रतिकात्मक होता है।इस वजह से इनको सही सही समझना काफी मुश्किल होता है।

    ‌‌‌मरने के बाद आत्मा को कौन लेकर जाता है ? इसके बारे मे मैंने काफी रिसर्च किया है और कई किताबें भी पढ़ी उनको देखकर यह लगता है कि यमलोक का अस्तित्व मौजूद हैं।ऐसा लगता है कि सभी पापी आत्माओं को यमलोक के अंदर लेकर जाया जाता है और उसे लेने के लिए यमदूत आते हैं। इनके बारे मे आगे चर्चा करेंगे ।

    ‌‌‌कुछ लोग अपनी अक्ल नहीं लगाते हैं और वे गरूड पुराण मन गढ़ंत कह देते हैं।लेकिन जब मैंने हिंदु लोगों के दुबारा जिंदा होने के अनुभवों की लिस्ट देखी तो मेरी भी छाती हिल गई और अंदर से आवाज आई की सुधर जाओ वरना अंत बुरा होगा । खैर उसके बाद मैंने कई अनुभव पढे जिससे एक बात स्पष्ट हो गई की मरते ‌‌‌वक्त कुछ आत्माएं मरने वाले इंसान को लेने के लिए आती हैं।

    मरने के बाद आत्मा को कौन ले जाता है

    Table of Contents

    • मरने के बाद आत्मा को कौन ले जाता है
    • आत्मा कौन ले जाता है? ‌‌‌आपको कौन लेने आएगा ? यमदूत या आपके प्रियजन ?
    • ‌‌‌अकाल मौत के बाद आत्मा को कौन लेने आता है ?
    • ‌‌‌मौत के बाद आत्मा को लेकर जाने वाली आत्माएं
      • ‌‌‌देवात्मा
      • ‌‌‌मरे हुए प्रियजन
      • ‌‌‌दुष्ट आत्माएं
    • ‌‌‌देवता को पता चल जाता है कि उनके भक्त पर संकट है

    मरने के बाद आत्मा को कौन ले जाता है

    ‌‌‌हिंदु धर्म के अंदर हम उसे यमदूत कह सकते हैं। लेकिन कुछ दूसरी आत्माएं होती हैं जो मरने के बाद आत्मा को लेकर कहीं पर चली जाती हैं।लेकिन यह बात सच है कि जो इंसान मरने वाला होता है। उसको लेने के लिए दूसरी आत्मा आती हैं। क्योंकि उन आत्माओं को पहले ही पता चल जाता है कि अब वह मरने वाला है।

    ‌‌‌ऐसे मेरे पास काफी अनुभव हैं जिसके अंदर मरने वाले इंसानों ने बताया कि कोई उन्हें लेने आया था। हालांकि वे यह बताने मे सफल नहीं हो सके कि लेने  वाला कौन था।

    ‌‌‌सबसे पहला अनुभव है हमारे पड़ोस के अंदर एक दादा था । अब तो उसको मरे हुए 10 साल हो चुके हैं। मरने के एक दिन पहले उसने कहा था कि यार रात तो मुझे 4 से 5 यमदूत लेने के लिए आए थे । हालांकि उसने कहा कि वह उनको देखकर काफी डर गया था। ‌‌‌और फिर दूसरे ही दिन उसकी मौत हो गई थी।

    ‌‌‌उसके बाद दूसरी घटना है मेरी खुद की नानी की वह एक काफी अच्छी महिला थी और जब उसकी मौत का समय हुआ तो उसने कहा कि उसको लेने के लिए उनके गुरू आ चुके हैं। और वह इस दौरान बिल्कुल भी नहीं डरी थी। कुछ समय बाद वह मर गई थी।

    ‌‌‌एक तीसरी घटना है हमारी खुद की दादी की । मरने से पहले उसने यह बताया था कि उसका भाई उसको लेने के लिए आ गया है। उसका भाई कुछ साल पहले ही मर चुका था। उसके बाद पहले तो उसने जाने से इंनकार कर दिया और फिर जाना स्वीकार कर लिया ।उसके बाद वह मर गई।

    ‌‌‌अब जो घटना है वह हमारे दादा जी की है।मरने से पहले वे काफी बीमार पड़े रहे और बहुत बार बोलते थे कि उनका भाई उनको बुला रहा है ,जो बहुत पहले ही मर चुका था। कुछ दिनों बाद उनकी मौत हो गई।

    ‌‌‌इसी तरह की एक घटना के अंदर मैं youtube  पर एक विडियो देख रहा था तो न्यूज वाले एक घटना दिखा रहे थे । जिसके अंदर एक बूढ़ा व्यक्ति मर गया था और उसके कुछ ही घंटों बाद जिंदा हो गया था। उसने बताया कि उसको यमदूत पकड़कर लेकर गए और उसके बाद उसे यह कहकर वापस भगादिया कि उसका समय अभी नहीं आया है। ‌‌‌इसके अलावा उसने अपने हाथ पर जले हुए निशान को भी दिखाया ,मतलब उसके उपर यमदूतों ने पानी फेंका था । जिससे वह जल गया था।

    ‌‌‌इन उदाहरणों से यह होता साफ हो चुका है कि जब कोई मरता है तो उसको लेने कोई आत्मा आती ही है। अब वे यमदूत होते हैं या कुछ और इसके बारे मे कुछ कहा नहीं जा सकता है। ‌‌‌फिर भी इतना कहा जा सकता है कि वे कुछ आत्माएं होती हैं।

    आत्मा कौन ले जाता है? ‌‌‌आपको कौन लेने आएगा ? यमदूत या आपके प्रियजन ?

    आत्मा कौन ले जाता है

    दोस्तों कई किताबों के अंदर यह पढ़ा है कि कुछ लोगों को उनके प्रियजन लेने आते हैं तो कुछ को यमदूत । हालांकि इसका पूरा तरीका समझ नहीं आता है। लेकिन उस किताब के अनुसार  ‌‌‌जो लोग अच्छे इंसान होते हैं।

    उनको लेने के लिए उन्हीं के जैसे या उनके लोक की आत्माएं आती हैं। इसका उदाहरण यह मिलता है कि भारत के अंदर बहुत से लोगों के मरकर जिंदा होने के बाद यह बाते हैं कि ‌‌‌उनको यमदूत लेकर गए थे । और यह बहुत बड़ा भयानक था। इसी प्रकार से एक व्यक्ति जब मर गया और वापस जिंदा हुआ तो उसने बताया कि वह कुछ संतों के पास खड़ा था।

    गढ़वाल जिले के रानाघाट के पास छुंडी गांव के रुद्रदत्त ने अपने मरकर जिंदा हुए तो उन्होंने परलोक के अनुभव के बारे मे बताते हुए कहा कि उनकों हनुमान मिले थे और मंदिर बनाने का आदेश दिया था। उसके बाद उन्होंने मंदिर भी बनाया था।

    ‌‌‌इसी तरीके से मेरी दादी जब मरने वाली थी तो उसने यह कहा था कि उसे उसका भाई लेने आया है। कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि जब किसी का मरने का समय होता है और उस व्यक्ति की आत्मा की क्षमता के अनुसार उसको दूसरी आत्मा लेने के लिए आती हैं।‌‌‌जैसे कुछ लोग अपने जीवन के अंदर बहुत ही पाप कर्म करतें हैं और इस वजह से मरने के बाद उनकी आत्मा को वैसी ही पापी आत्मा लेने के लिए आती है।और उसके स्वरूप को देखने के बाद वह व्यक्ति डर जाता है।

    ‌‌‌और शायद जिनको हम यमदूत समझते हैं वे इसी प्रकार की आत्मा होती हैं। लेकिन अच्छे लोगों की मौत के बाद के अनुभवों से पता चलता है कि उन लोगों के साथ ऐसा कुछ भी नहीं होता है। वे मरने से पहले डरते भी नहीं हैं । कुल मिलाकर यह बात सही प्रतीत होती है कि जो जैसा करता है ,वह वैसा ही भरता है।

    ‌‌‌इसके अलावा यह भी देखा गया है कि मरने से पहले कुछ आत्माओं के प्रियजन भी उनको लेने आते हैं। जीवात्मा और जगत के नियम बुक के अंदर ‌‌‌विस्पी और रतू जब एक सड़क दुर्घटना के अंदर मारे गए थे तो उनको यह एक क्षण का समय लगा था। और तब उनके पास कुछ दूसरी आत्मा भी पहुंच चुकी थी , जो उनको अपने लोक के अंदर ले जाने के लिए आई थी।

    ‌‌‌अकाल मौत के बाद आत्मा को कौन लेने आता है ?

    ‌‌‌अकाल मौत के बाद आत्मा को कौन लेने आता है

    दोस्तों जहां तक मुझे पता है। स्वाभाविक मौत होती है तो यह तो पहले से ही निश्चित होती है । ऐसी स्थिति के अंदर आत्माओं को यह पता रहता है कि कब किसकी मौत होने वाली है। इस वजह से वे एक या दो दिन पहले ही आ जाती हैं और वे सिर्फ उसी व्यक्ति को ‌‌‌दिखाई देने भी लग जाती हैं ,जिनकी मौत होने वाली होती हैं।यही वजह है कि कुछ लोगों को मरते समय दूसरे मरे हुए लोग नजर आने लग जाते हैं।

    ‌‌‌लेकिन जिन लोगों की अकाल मौत होती है उनके साथ ऐसा नहीं होता है।‌‌‌क्योंकि अकाल मौत का समय निर्धारित नहीं होता है।

    किसी वजह से शरीर नष्ट होने को अकाल मौत कहा जाता है।जब किसी की अकाल मौत हो जाती हैं तो दूसरी आत्माओं को इसके बारे मे पता नहीं चल पाता है। जिसका परिणाम यह होता है कि मरने वाली आत्मा को कुछ भी समझ मे नहीं आता है कि वे मर चुके हैं या जिंदा ‌‌‌ हैं ? कुछ समय बाद जब दूसरी आत्माओं को पता चलता है तो वे उनसे मिलने के लिए आती हैं।

    ‌‌‌विस्पी ने अपना अनुभव लिखा कि जब हम रात को अपनी गाड़ी लेकर घर की तरफ जा रहे थे तो हमे नहीं पता था कि हम अब अपने भगवाने के असली घर मे जा रहे हैं।

    और अचानक से कुछ ऐसा हुआ कि हमारी गाड़ी एक पेड़ से टक्करा गई । और उसके कुछ ही क्षण बाद मैंने देखा कि मैं बहुत हल्का हो चुका हूं ।‌‌‌और मेरा भौतिक शरीर कहीं पेड़ के नीचे दूब मे पड़ा हुआ है। और मेरे माता पिता जिंदा हैं।मुझे यह समझ नहीं आ रहा था कि एक सैकिंड के अंदर यह सब कैसे हो गया ?

    ‌‌‌मैं यह देखने की कोशिश कर रहा था कि जीवात्मा जगत के अंदर से हमको लेने के लिए क्यों नहीं आया ।उसके बाद मैंने देखा कि मेरे पास एक आत्मा और खड़ी थी । वह मेरे भाई जैसी दिख रही थी तो मैंने उसे गले लगा लिया और बोला मेरे भाई ।उसके बाद उस आत्मा ने कहा ………….मैं तुम्हारा भाई नहीं हूं मैं ‌‌‌तुम्हारा नाना हूं । तुम्हारा भाई तो अभी भी शरीर के अंदर है ।

    …….लेकिन क्या आप मेरे भाई को बचा नहीं सकते हैं ?

    ……नहीं मैं कुछ नहीं कर सकता हूं । बस हम सिर्फ ईश्वर से प्रार्थना कर सकते हैं। उसके बाद हमने प्रार्थना की लेकिन कुछ नहीं हो सका । कुछ देर बाद रतू भी मर चुका था और उसकी आत्मा ‌‌‌निकल चुकी थी।

    ‌‌‌उसके बाद रतू ने अपनी गाड़ी को देखा और मुझे देखा तो चिल्लाया ………. अरे आपने मेरी गाड़ी को तोड़ दिया । तुम कोई भी काम ढंग से नहीं कर सकते हो । उसके बाद  रतू ने नाना को देखा तो बोला ……… आप यहां पर क्या कर रहे हैं ? आप तो पहले से ही मर चुके हैं।

    ……….हां बेटा मैं मर चुका हूं लेकिन ‌‌‌तुम भी मर चुके हो ।नाना ने रतू को समझाया । और उसके बाद रतू ने माता पिता को देखकर चिंता जाहिर की ।उसके बाद हम वहीं पर बैठे बैठे अपने भौतिक शरीर को देख रहे थे लेकिन हम कुछ भी नहीं कर पा रहे थे ।‌‌‌उसके बाद कुछ और आत्माएं आई और वे हमे किसी आत्मलोक के अंदर एक कक्ष के अंदर लेकर चली गई।

    ‌‌‌मौत के बाद आत्मा को लेकर जाने वाली आत्माएं

    ‌‌‌मौत के बाद आत्मा को लेकर जाने वाली आत्माएं

    दोस्तों मौत के बाद इंसानों की आत्माओं को कई प्रकार की दूसरी आत्माएं लेने आ सकती हैं ? जिनको हम अलग अलग करके बता रहे हैं कि किस प्रकार की आत्मा को कौन लेने के लिए आता है ?

    ‌‌‌देवात्मा

    कुछ आत्माओं को मरने के बाद देवता लेने आते हैं या उनके कोई दूत लेने के लिए आते हैं। यह वैसी आत्माएं होती हैं जो उन देवताओं की भक्त रही होती हैं। जैसे यदि आप भगवान राम के भक्त हैं तो आपकी मौत के बाद आपको उन्हीं के दूत लेने के लिए आते हैं।‌‌‌इसके अलावा यदि आप किसी दूसरे देव की भक्ति करते हैं तो उन्हीं के लोक के अंदर आपको जाना होता है।

    ‌‌‌मरे हुए प्रियजन

    दोस्तों कुछ लोगों को उनके मरे हुए प्रियजन भी लेने के लिए आते हैं। इसके अलावा कुछ लोग जो मरने के बाद जिंदा हुए हैं ।उन्होंने यह दावा किया है कि उन्होंने अपने मरे हुए प्रियजन को भी देखा था।‌‌‌कुछ केसों के अंदर मरे हुए प्रियजन मर चुकी आत्मा से मिलने के लिए भी आते हैं।

    ‌‌‌दुष्ट आत्माएं

    इसके अलावा कुछ लोगों को दुष्ट आत्माएं भी लेने के लिए आती हैं। वे कुछ इस प्रकार के लोग होते हैं जिन्होंने कुछ ऐसी तांत्रिक क्रिया की हो जिनकी आत्मा उसमे फंस गई हो ।‌‌‌

    कई लोग इस प्रकार की क्रियाओं के अंदर फंस चुके हैं। इसके अलावा वे लोग जो दुष्ट प्रव्रति के होते हैं और उनको मरने के बाद नीचे के लोकों के अंदर ही जाना होता है। आपको तो पता ही होंगा कि नीचे के लोकों ‌‌‌के अंदर आत्मा बहुत कष्ट पाती है।

    ‌‌‌नीचे के लोकों के अंदर रहने वाली आत्माएं उन लोगों की आत्मा को लेने के लिए आती हैं।‌‌‌और यह आत्मा बहुत ही खराब प्रव्रति की होती हैं । इन लोकों के अंदर दुष्ट आत्मा यदि एक बार चली जाती है तो उसके बाद उसका वहां से वापस निकलना मुश्किल हो जाता है। और धरती की तुलना मे आत्मा को बहुत अधिक कष्ट होता है।

    ‌‌‌देवता को पता चल जाता है कि उनके भक्त पर संकट है

    महान योगी गुरूगोरख नाथ आज भी मौजूद हैं। इस बात का प्रमाण हमे मिलता है एक दिव्यआत्मा के द्वारा । गांव खालासी जोकि मंडावे के पास पड़ता है ,में जब एक रणजीत नामक व्यक्ति की किसी दुर्घटना मे 2019 ‌‌‌ मे मौत हुई तो ‌‌‌उसे नहीं पता कि अब वह क्या करे ? लड़का सीधा साधा था उसे आत्मा के विषय मे कोई ज्ञान नहीं था।वह रोता हुआ इधर उधर घूम रहा था तो उसके बाद गुरू गोरखनाथ अवतरति हुए और बोले कि —— ‌‌‌अरे बच्चा क्यों रो रहा है चल मेरे साथ ।

    और फिर रणजीत उनके साथ हो गया और उनके परमधाम के अंदर पहुंच गया । रणजीत ने आगे बताया कि गुरू गोरखनाथ की वह भक्ति करता था।

    मरने के बाद आत्मा को कौन ले जाता है ? लेख के अंदर आपको इसका उत्तर मिल ही चुका होगा कि मरने के बाद आत्मा को किस तरह से लेकर जाया जाता है और कौनसी आत्मा उसे लेने के लिए आती हैं।

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