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    Home»‌‌‌हिंदी व्याकरण»vishnu shabd roop विष्णु के शब्द रूप
    ‌‌‌हिंदी व्याकरण

    vishnu shabd roop विष्णु के शब्द रूप

    arif khanBy arif khanOctober 26, 2023No Comments6 Mins Read
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    vishnu shabd roop विष्णु के शब्द रूप के बारे मे हम आपको बता रहे हैं। और नीचे इसकी टेबल दी गई है आप उस टेबल में देख सकते हैं।और उम्मीद करते हैं कि आपको यह सब पसंद आएगा । विष्णू शब्द रूप  लेख आपको यदि पसंद आता है तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं।

    Table of Contents

    • vishnu shabd roop विष्णु के शब्द रूप के बारे मे
    • मत्स्य अवतार की कहानी
    • भस्मासुर की कहानी
    • वराह अवतार की कहानी

    vishnu shabd roop विष्णु के शब्द रूप के बारे मे

    विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
    प्रथमा विष्णुःविष्णूविष्णवः
    द्वितीया विष्णुम्विष्णूविष्णून्
    तृतीया विष्णुनाविष्णुभ्याम्विष्णुभिः
    चतुर्थी विष्णवेविष्णुभ्याम्विष्णुभ्यः
    पंचमी विष्णोःविष्णुभ्याम्विष्णुभ्यः
    षष्‍ठी विष्णोःविष्ण्वोःविष्णूनाम्
    सप्‍तमी विष्णौविष्ण्वोःविष्णुषु
    सम्बोधनहे विष्णो !हे विष्णू !हे विष्णवः!

    विष्णु ब्रह्मांड के संरक्षक हैं, और उनके अवतार मनुष्य के आध्यात्मिक विकास के चरणों का प्रतिनिधित्व करते हैं। विष्णु को अक्सर कोमल और सौम्य के रूप में चित्रित किया जाता है, लेकिन वे महान क्रोध करने में भी सक्षम हैं। वह हिंदुओं के शाश्वत आध्यात्मिक नेता हैं, और उनके भक्त उन्हें सर्वोच्च देवता के रूप में पूजते हैं।

    ‌‌‌कहा जाता है कि लक्ष्मी विष्णू की पत्नी है और तुलसी भी उनकी एक अन्य पत्नी है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और वे शेषनाग के उपर विराजते थे ।वह अपने नीचे वाले बाएँ हाथ में पद्म (कमल), अपने नीचे वाले दाहिने हाथ में गदा (कौमोदकी) ,ऊपर वाले बाएँ हाथ में शंख (पाञ्चजन्य) और अपने ऊपर वाले दाहिने हाथ में चक्र(सुदर्शन) धारण करते हैं।

    vishnu shabd roop

    ‌‌‌विष्णु की अनेक कथाएं पुराणों के अंदर मिलती हैं । हम यहां पर आपको कुछ कथाओं के बारे मे बताने वाले हैं तो आइए जानते हैं विष्णु की कुछ कथाओं के बारे मे विस्तार से । जिससे कि आपको विष्णु जी को जानने का और अधिक मौका मिलेगा । आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।

    मत्स्य अवतार की कहानी

    प्राचीन काल की बात है कहा जाता है कि विष्णु का मत्स्य अवतार  हुआ था। एक बार भगवान विष्णु ने घोषणा की कि धरती पर संकट आएगा तो उसके बाद वे बचाने के लिए आएंगे । खास कर अपने भगतों के लिए । एक बार विष्णु सो रहे थे तो उसके बाद  हयग्रीव नामक अश्वनी ने उनके सिराहने से वेदों ‌‌‌ को चुरा लिया और समुद्र के अंदर छिपा दिया ।उसके बाद क्या था ब्रह्रमा को संसार की रचना करने के लिए वेदों की जरूरत थी। जब वेद नहीं मिले तो उसके बाद ब्रह्रमा के लिए संसार की रचना करना संभव नहीं हो रहा था।  वेदों को पहले ही भास्कर ने गहर समुद्र के अंदर छिपा दिया था।

    ‌‌‌उसके बाद ब्रह्मा वेदों को मांगने के लिए भगवान विष्णु के पास पहुंचे तो उनके पास वेद नहीं मिले । उसके बाद विष्णु ने मछली का रूप धारण कर लिया । और गहरे समुद्र के अंदर उतर गए ।उन्होंने हयग्रीव से भीषण लड़ाई भी लड़ी और असुर को मार दिया । उसके बाद वेदों को वापस लाया गया । आपको यह ‌‌‌ कहनी कई जगहों पर मिल जाती है। और आपने यह कहानी पढ़ी भी होगी । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।

    भस्मासुर की कहानी

    दोस्तों आपने भस्मासुर की कहानी को तो सुना ही था । कहा जाता है कि भस्मासुर काफी ताकतवर और शक्तिशाली था । लेकिन वह काफी अधिक मूर्ख भी था। एक बार भस्मासुर ने शिवजी की घोर तपस्या की और उसके बाद जब शिवजी प्रकट हुए तो भस्मासुर ने कहा कि हे प्रभु आप मुझे इस प्रकार का वर दें । ‌‌‌ जिससे कि मैं जिस किसी के सिर पर अपना हाथ रखदूं तो वह भस्म हो जाए । उसके बाद शिवजी ने उनको ऐसा ही वर देदिया और उसके बाद भस्मासुर ने सबसे पहले शिवजी के उपर ही हाथ रखने का निश्चय किया तो उसके बाद शिवजी को वहां से भागना पड़ा उसके बाद शिवजी विष्णु जी के पास आए और अपनी समस्या के बारे

    ‌‌‌मे बताया । उसके बाद विष्णु ने मोहनी का रूप धारण किया और उसके बाद भस्मासुर के सामने आ गए । उसके बाद भस्मासुर मोहनी पर मोहित हो गया तो उसने कहा कि वह मोहिनी से शादी करना चाहता है।और उसके बाद मोहिनी भस्मासुर से कहा कि वह अपने सिर पर हाथ रखकर वचन दें कि उसके बाद वह किसी और से विवाह नहीं ‌‌‌ करेगा । और मूर्ख भस्मासुर ने जैसे कि अपने सिर पर हाथ रखा वह नष्ट हो गया । इस तरह से आपने भस्मासुर की कहानी को कहीं ना कहीं पर  पढ़ा ही होगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।

    वराह अवतार की कहानी

    दोस्तों हम आपको वराह अवतार की कहानी के बारे मे बताने वाले है।। प्राचीन काल की बात है। धरती पर एक हिरण्याक्ष का एक भाई था जिसको अमर होने का वरदान मिला था और उसकी ताकत दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही थी। एक दिन उसने धरती को खींच लिया और समुद्र के अंदर ले गया । जिसकी वजह से ‌‌‌ सारे देवता घबरा गए और विष्णु जी के पास पहुंचे और अपनी समस्या को बताया । उसके बाद विष्णु को याद आया कि ब्रह्मा हिरण्याक्ष को दो दांतो वाले जंगली सूअर वराह से अमरता का वरदान देना भूल गए थे। और उसके बाद विष्णु जी ने  खुद को वराह के अंदर बदला और छलांक लगादी ।उसके बाद वराह और विष्णु जी की काफी ‌‌‌ अधिक भयंकर लड़ाई हुई और उसके बाद असुर को वराह ने मार दिया और धरती को फिर से सही जगह पर लगा दिया । इस तरह से यह भी विष्णु जी की कहानी है। दोस्तों विष्णु जी के मंदिर आपको कई जगह पर मिल जाएंगे । और इनकी पूजा की जाती है। कृष्ण भगवान का नाम तो आपने सुना ही होगा ।

    ‌‌‌कहा जाता है कि कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार थे । हालांकि भगवान ने अपने जीवन के अंदर अनेक चमत्कार किये थे । इसके बारे मे आपको कई किताबों के अंदर उल्लेख मिलता है। उनके माता पिता के पीछे कंस हाथ धोकर पड़ा था क्योंकि कंस को पता चल गया था कि

    ‌‌‌उसका जो काल है उसकी बहन के गर्भ से जन्म लेने वाला है। बस उसके बाद से ही उसने अपने बहन और जीजा को जेल के अंदर बंद कर दिया था और उन दोनों के सभी बच्चों को एक एक करके मारता ही जा रहा था।

    ‌‌‌लेकिन कृष्ण के पास अनेक तरह की शक्तियां होने की वजह से वह कंस उनको मार नहीं पाया । लेकिन बाद मे जब कंस को यह पता चला कि उसका काल जिंदा है तो उसको मारने के लिए उसने एक राक्षसी पूतना को भेजा लेकिन वह भी भगवान को नहीं मार पाई थी। इसके बारे मे आपको ‌‌‌ पता ही होगा । और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

    • priti shabd roop प्रीति शब्द के रूप
    • anya shabd roop ‌‌‌अन्य शब्द रूप के बारे मे जानकारी
    • geeta shabd roop गीता के शब्द रूप के बारे मे जानकारी
    • patra shabd roop in sanskrit पत्र के शब्द रूप
    • shiksha shabd roop शिक्षा शब्द रूप
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