Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    cool thoughtscool thoughts
    • Home
    • Privacy Policy
    • About us
    • Contact Us
    Facebook X (Twitter) Instagram
    SUBSCRIBE
    • Home
    • Tech
    • Real Estate
    • Law
    • Finance
    • Fashion
    • Education
    • Automotive
    • Beauty Tips
    • Travel
    • Food
    • News
    cool thoughtscool thoughts
    Home»‌‌‌शिक्षाप्रद कहानियां»हाड़ी रानी हिस्ट्री इन हिंदी best love story
    ‌‌‌शिक्षाप्रद कहानियां

    हाड़ी रानी हिस्ट्री इन हिंदी best love story

    arif khanBy arif khanDecember 11, 2017Updated:January 30, 2023No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Reddit WhatsApp Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest WhatsApp Email

    हाड़ा रानी का सरदार चूड़ावत से विवाह हुआ था । उनकी शादी को महज एक सप्ताह ही हुआ था ।सुबह का समय था हाड़ा रानी सजधज कर सरदार को जगाने उनके कक्ष के अंदर आई और हाड़ा सरदार को नींद से जगाते हुए बोली की एक दूत आया हुआ है आपके लिए पत्र लेकर आया है। और कह रहा है कि इस ‌‌‌पत्र को सरदार तक पहुंचाना अत्यंत आवश्यक है।

    ‌‌‌सरदार ने हाड़ा रानी को अंदर जाने को कहा और दूत को बुलाया और बोले कि क्यों आना हुआ । ‌‌‌पहले तो दूत सोचने लगा की सरदार चूड़ावत का विवाह हुए एक सप्ताह भी नहीं हुआ है। यदि सरदार को युद्व के अंदर कुछ हो गया तो रानी का क्या होगा वह तो जीते जी ही मर जाएगी । किंतु वह कुछ नहीं कर सकता है। सब उपर वाले की मर्जी से हो रहा है। ‌‌‌पति पत्नी ने अभी एक दूसरे को ठीक से देखा भी नहीं कितना दुखदाई होगा इनका बिछोह सोचकर वह सिहर उठा । उसके बाद बोला कि संकट का समय है और आपकी सहायता की अति शिघ्र आवश्यकता है।

    ‌‌‌वह युद्व के लिए प्रस्थान के लिए कहने आया था और अंत मे दुखी मन के साथ राणा राज सिंह का पत्र सरदार के हाथों के अंदर थमा दिया ।

    Table of Contents

    • उस पत्र के अंदर क्या संदेश था
    • ‌‌‌युद्व के लिये निकल पड़े हाड़ा
    • ‌‌‌रानी की अंतिम निशानी
    • ‌‌‌क्या लिखा था रानी ने

    उस पत्र के अंदर क्या संदेश था

    ‌‌‌अविलम्ब अपनी सैना की टुकड़ी लेकर औरंगजेब की सहायता के लिए आगे बढ़ रही सेना को रोको ।उसे कुछ समय के लिए उलझाए रखो। तब तक मैं अपने सारे काम को निपटा लेता हूं। हालांकि यह काफी खतरनाक हैं किंतु मुझे तुम पर भरोसा है तुम यह सब कर सकते हो । ‌‌‌राणा राज सिंह ने मुगलों से मेवाड के सारे क्षेत्र मुक्त करालिये थे और यह राणा चूड़ावत के लिए परीक्षा की घड़ी थी एक और उसकी छोटी सी सेना और दूसरी और मुगलों की विशाल सेना का उसे सामना करना था ।

    ‌‌‌अब शासन की बागडोर औरंगजेब के हाथों के अंदर आगई थी और राणा चारूमती के विवाह से दोनों के बीच द्ववेष पैदा हो गया । एक और घटना घटी औरंगजेब ने कहा कि या तो इस्लाम कबूल करो या हिंदुओं को दंड भरना होगा । उसने जजिया कर लगाया था जोकि हिंदुओं के विरूद्व था । राणा राज सिंह ने इसका विरोध किया और ‌‌‌कई और राजाओं ने इससे मानने मे आनाकानी की थी ।

    ‌‌‌युद्व के लिये निकल पड़े हाड़ा

    हाड़ी रानी हिस्ट्री इन हिंदी

    हाड़ा ने बिना किसी समय गवाएं अपने सैनिकों को युद्व के स्थान की और कूच करने को कहा और खुद भी अपनी पत्नी से विदाई लेने गये । पत्नी उनको अचानक युद्व के वेश के अंदर देखकर चकित रह गई और बोली आप अचानक कहां जा रहे हैं तब डाड़ा सरदार बोले ‌‌‌मुझे युद्व के लिए जाना है हंसते हंसते विदा करो पता नहीं फिर कभी मिलन होगा या नहीं । हाड़ा सरदार का मन संश्सय से भरा हुआ था । एक और कर्तव्य तो दूसरी और पत्नी उनका मन बिल्कुल अस्थिर था । विदाई लेते समय उनका गला भर आया । पति के चेहरे को देखकर रानी को यह समझते हुए देर नहीं लगी कि उनके पति

    ‌‌‌का मन अटक गया है। और निराश मन विजय से दूर ले जाता है। उसके बाद उनकी पत्नी अंदर गई और पूजा का थाल लाई और आरती उतारी और बोली हमारा और आपका जन्म जन्मान्तर का साथ है। मैं धान्य हो गई जोकि मुझे आप जैसा वीर पति मिला और फिर बोली आप जाएं।

    ‌‌‌रानी की अंतिम निशानी

    हाड़ा सरदार चला तो गया किंतु उसे रह रह कर रानी की याद आती रही फिर आधे रस्ते जाने के बाद उसने अपने सैनिकों को भेजा कि वे रानी की कोई निशानी लेकर आएं सैनिक चले गए । उसके बाद रानी ने सोचा की मेरे पति के मुख के सामने मेरा ही चेहरा घूमता रहा तो वो युद्व कभी नहीं जीत पाएंगे

    ‌‌‌फिर रानी संदेसवाहक से बोली की मैं तुमको अपनी अंतिम निशानी देती हूं और इस निशानी को थाल के अंदर सजाकर और ढककर अपने सेना पति को देदेना ।और वह खुद अंदर गई और तलवार से अपना सर काट कर अलग कर दिया । संदेशवाहक ने सर को उठाया और सरदार के पास उनको थाल सौंप दिया । ‌‌‌उसके साथ एक पत्र भी था ।

    ‌‌‌क्या लिखा था रानी ने

    रानी ने लिखा था कि प्रिये मैं तुमको अपनी अंतिम निशानी भेज रही हूं अब मैं स्वर्ग के अंदर मुम्हारी बाट जोह रही हूं । अब हमारा मिलन वहीं होगा ।

    ‌‌‌उसके बाद सरदार ने थाल को देखा तो उसके अंदर रानी का कटा हुआ सर था । सरदार के मुख से निकला रानी तूनें अपने संदेही पति को इतनी बड़ी सजा देती ठीक है मैं तुमसे मिलने आ रहा हूं बहुत जल्द ‌‌‌उसके बाद हाड़ा सरदार का सब चीजों से मोह भंग हो गया और वो अकेले ही अप्रितम सौर्य के साथ मुगल सेना से तब तक लड़ते रहे जबतक कि मुगल सैना भाग नहीं खड़ी हुई ।उन्होंने इस युद्व के अंदर अपनी विरता का ऐसा प्रदर्शन किया कि उसकी मिशाल मिलना काफी कठिन है।

    arif khan
    • Website
    • Facebook
    • Instagram

    यदि आपको गेस्ट पोस्ट करनी है। तो हमें ईमेल पर संपर्क करें । आपकी गेस्ट पोस्ट पेड होगी और कंटेंट भी हम खुदी ही लिखकर देंगे ।arif.khan338@yahoo.com

    Related Posts

    बन्दर के दिल होता है कि नहीं ? बंदर के कलेजे की सुंदर कहानी

    February 24, 2020

    ननकू कहानी शिक्षा का धन Wealth of education

    February 1, 2019

    सबसे सुखी पक्षी ज्ञानवर्धक और शिक्षा प्रद स्टोरी in hindi

    April 1, 2018
    Leave A Reply

    Categories
    • Home
    • Tech
    • Real Estate
    • Law
    • Finance
    • Fashion
    • Education
    • Automotive
    • Beauty Tips
    • Travel
    • Food
    • News

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • Privacy Policy
    • About us
    • Contact Us
    © 2025 Coolthoughts.in

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.