यह हैं दुनिया के 7 सबसे जहरीले पौधे जानें विस्तार से

वैसे आपने बहुत पेड़ पौधे देखे होंगे लेकिन अब हम आपको जिस पेड़ के बारे मे बताने जा रहे हैं वह पेड़ इतना जहरीला है कि इसके स्पर्श मात्र से ही इंसानों की मौत तक हो सकती है। इस पेड़ का नाम सरबेरा ओडोलम है।इस पेड के अंदर सरेबरीन नामक तत्व पाया जाता है। ‌‌‌यह 30 फीट का होता है।

‌‌‌जोकि इंसान के लिए जहर का काम करता है। इस पेड़ का कई बार प्रयोग अपने दुश्मनों को मारने मे भी हुआ है। एक रिसर्च के अनुसार इस पेड से ‌‌‌हर सप्ताह एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। यह पेड़ भारत और दक्षिण ऐसिया के कुछ देसों के अंदर पाया जाता है।

शरीर के अंदर जब इस पौधे का जहर चला जाता है तो व्यक्ति को उल्टी होने के साथ ही बैचेनी अनुभव होती है। सिर दर्द भी होता है। और तो और कुछ समय मे उसकी मौत भी हो सकती है। ‌‌‌इनके साथ ही डायरिया और अनियमित हर्ट धड़कन भी  इसके लक्षणों के अंदर शामिल हैं।

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस पेड़ के जहर से यदि किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है। तो यह पता लगाना आसान नहीं होता है कि व्यक्ति की मौत कैसे हुई। वहीं इस पेड़ को रिसर्चरों ने भी काफी जहरीला पेड़ माना है।

‌‌‌इस पेड़ का जहर एक जहरीले ‌‌‌इंजेक्सन की तरह काम करता है। इसका जहर इंसान के हर्ट को प्रभावित करते हुए कुछ ही समय मे इंसान को मौत के घाट उतार देता है।

‌‌‌ इसके जहर का असर इतना तेज होता है कि एक दो दिन मे ही व्यक्ति की मौत हो जाती है।

इस पेड़ के गोल ‌‌‌आम जैसे फल भी लगते हैं। और जिन लोगों को इसके बारे मे पता नहीं होता है वे इनको भूल वश चख भी लेते हैं। और इसके बाद फलों के अंदर मौजूद जहर उनके शरीर के अंदर चला जाता है तो उनकी मौत हो जाती है। बहुत से लोगों की मौत तो इस के फल खाने से हो चुकी है।

‌‌‌इस पेड़ के जहर से सन 1989 से 1999 तक 500 लोगों की मौत हो चुकी है। केवल केरला के अंदर ।

Strychnos nux-vomica

Strychnos nux-vomica के बारे मे यदि हम बात करें , तो आपको बतादें कि यह काफी जहरीला पौधा होता है। यह भारत और दक्षिण एशिया के अंदर खासतौर पर देखने को मिलता है। यह लोगानियासी परिवार का एक मध्यम आकार का पेड़ हैजो खुले आवास में उगता है। इसकी पत्तियाँ अंडाकार और 5-9 सेंटीमीटर (2-3.5 इंच) आकार की होती हैं।

इसका तना छोटा और मोटा होता है। लकड़ी घनी, कठोर, सफेद और बारीक होती है।दाने वाली होती है। शाखाएँ अनियमित हैं और चिकनी राख की छाल से ढकी हुई हैं। अंकुर चमकदार कोट और गहरे होते हैं।इसके हल्के रंग के होते हैं। और यदि हम इसके फूल के खिलने की बात करें तो यह ठंड के मौसम मे खिलते हैं और दुर्गंध आती है।

इसके फल चिकने और सख्त होते हैं। और इनका जो गूदा होता है , वह सफेद रंग का होता है। यह पेड़ के गोल, हरे से नारंगी फल के अंदर के बीजों से प्राप्त अत्यधिक जहरीले, बेहद कड़वे एल्कलॉइड स्ट्राइकिन और ब्रुसीन जैसे तत्व होते हैं।

आपको बतादें कि इस पौधे के जो बीज होते हैं , वे काफी अधिक विषाक्त होते हैं। और इन बीजों को तीर के उपर लगाया जाता है। और उसके बाद यदि उस जहरीले तीर को किसी के उपर मार दिया जाता है , तो उसकी मौत होना तय होता है। इसके पाउडर मे सांस लेने या फिर त्वचा के अंदर डालने से भी इंसान की मौत हो सकती है। इसकी वजह से ही इसको सुसाइड ट्री के नाम से जाना जाता है।

Strychnos nux-vomica पौधे का प्रयोग सिर्फ जहर के रूप मे ही नहीं किया जाता है। वरन इसका प्रयोग कई तरह की दवाओं के निर्माण मे भी किया जाता है। , तो इसके अंदर कई तरह की दवाएं अनाई जाती हैं जैसे कि कैंसर और हर्ट रोग की दवाओं मे हर्बल चिकित्सा के उपचार मे इस पौधे का प्रयोग किया जाता है।

हालांकि आपको बतादें कि इस पौधे के उपयोग को सुरक्षित नहीं माना जाता है। फिर भी इसका प्रयोग दवाओं के अंदर किया जाता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।

Marking Nut Tree (Semecarpus anacardium)

आपको बतादेकि इस पौधे को  मार्किंग नट ट्री , मलक्का बीन ट्री , मैरनी नट , ओरिएंटल काजू ,  फ़ोबी नट ट्री और वार्निश ट्री के रूप में जाना जाता है। इसका प्रयोग धोबी कपड़े धोने के लिए खासतौर पर कपड़ों पर निशान लगाने के लिए करते थे ।आपको बतादें कि इसका जो फल है , वह काजू की तरह दो भागों के अंदर बंटा हुआ होता है। लंबा, अंडाकार और चिकना चमकदार काला फल इसका होता है।इसकी राल यदि किसी भी तरह से त्वचा के संपर्क मे आती है , तो इसकी वजह से गम्भीर एलर्जी हो सकती है।

सेमेकार्पस एनाकार्डियम का प्रयोग यौन समस्याओं को दूर करने मे मदद करता है। हालांकि इसका प्रयोग सावधानी पूर्वक करना चाहिए । नहीं तो नुकसान होने का डर होता है। और इसके बीजों का तेल दर्दनाक घाव दे सकता है। बिना जानकारी के इस पौधे को छूना भी नहीं चाहिए ।

ओलियंडर ( नेरियम ओलियंडर ) Oleander (Nerium oleander)

ओलियंडर ( नेरियम ओलियंडर ) एक प्रकार का पौधा होता है , जोकि एक प्रकार का आकर्षक फूलों वाला पौधा होता है। और इसका प्रयोग कई जगहों पर सजावट के तौर पर भी प्रयोग किया जाता है।ओलियंडर  पौधे के सभी भाग काफी घातक होते हैं। और यदि कोई इनका सेवन करता है , तो मौत तक हो सकती है। इनमें घातक कार्डियक ग्लाइकोसाइड होते हैं जिन्हें ओलियंड्रिन और नेरीइन के नाम से जाना जाता है। यदि खाया जाए, तो ओलियंडर उल्टी, दस्त, अनियमित नाड़ी, दौरे, कोमा और मृत्यु का कारण बन सकता है। और आप इसके जहर का अंदाजा इस बात से ही लगा सकते हैं। कि यदि मधुमक्खी इस पौधे से शहद बनाती हैं और यदि कोई इंसान इस पौधे से बने जहर को खाता है , तो उसका ​बीमार होना तय होता है।

नेरियम 2-6 मीटर (7-20 फीट) लंबा हो जाता है। आपको बतादें कि यह पौधे सूखे और बाढ़ के प्रति काफी अधिक सहनशील होते हैं। हालांकि अधिक सर्दी को यह सहन नहीं कर सकते हैं। यदि आप भी अपने घर मे इस तरह के पौधे के प्रयोग करने के बारे मे सोच रहे हैं , तो आपको इससे दूरी बनानी चाहिए ।

Rosary Pea (Abrus precatorius)

इन पवित्र नाम वाले बीजों में एब्रिन होता है, जो एक अत्यंत घातक राइबोसोम-अवरोधक प्रोटीन है। और यह अक्सर आपको उषण ​कटिबंध वाले क्षेत्रों के अंदर देखने को मिलता है। वैसे आपको बतादें कि यह बीज जहरीले नहीं होते हैं। मगर यदि आप इन बीज को चबाते हैं , तो उसकी वजह से जहर फैल सकता है। और इंसान तक की मौत हो सकती है।एक वयस्क को मारने के लिए केवल 3 माइक्रोग्राम एब्रिन की आवश्यकता होती है। यदि कोई इसके बीज का सेवन करता है , तो यह प्रोटीन संश्लेषण को रोक देता है। और इसकी वजह से चार दिन के भीतर ही इंसान की मौत हो जाती है। क्योंकि यह अंगों को विफल कर देता है।

इस बीज का प्रयोेग आभूषण बनाने मे किया जाता है। और यही कारण है कि इसके जहर की वजह से कई सारे आभूषण व्यापारी तक बीमार हो गए थे । तो आप यदि इस बीज के साथ काम करते हैं , तो आपको सावधानी बरतनी होगी ।

Castor Bean (Ricinus communis)

अरंडी के पौधे के बारे मे तो आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। आपको बतादें कि Castor Bean (Ricinus communis) के बीजों के अंदर काफी अधिक जहर होता है। यह पौधा काफी छोटा होता है। और भारत के अंदर उगता है। हालांकि इस पौधे को जानवर भी यदि गलती से खा लेते हैं , तो उनकी मौत हो जाती है। हालांकि सब इस पौधे से दूरी बनाकर रखते हैं। इस पौधे का एक बीज ही किसी बच्चे को मारने के लिए पर्याप्त होता है। वहीं यदि कोई वयस्क 8 बीज खा लेता है , तो उसकी मौत होना तय होता है। रिसिन कोशिकाओं के भीतर प्रोटीन के संश्लेषण को रोककर काम करता है और गंभीर उल्टी, दस्त, दौरे और यहां तक ​​कि मौत का कारण बन सकता है। इस जहर का इस्तेमाल 1978 में बल्गेरियाई सरकार के खिलाफ बोलने वाले पत्रकार जॉर्जी मार्कोव की हत्या के लिए किया गया था । इस जहर से जुड़े कई सारे मामले प्रकाश मे आ चुके हैं। इस अरंडी के पौधे को कभी भी अपने घर मे नहीं लगाना चाहिए नहीं तो यह बहुत ही बड़ी समस्या पैदा कर सकता है। क्योंकि बच्चे इसको निगल सकते हैं।

White Snakeroot (Ageratina altissima)

White Snakeroot (Ageratina altissima) के बारे मे यदि हम बात करें , तो आपको बतादें कि यह एक काफी जहरीला पौधा होता है।सफेद सेनिकल के नाम से भी जाना जाता है,  एस्टेरसिया परिवार कीएक जहरीली बारहमासी जड़ी बूटी है , जो पूर्वी और मध्य उत्तरी अमेरिका की मूल निवासी है ।

1.5 मीटर  तक यह लंबे होते हैंं । इसके तने काफी अधिक चिकने होते हैं।पौधा पतझड़ में जुलाई से अक्टूबर तक खिलता है।यह पौध अपनी तरफ मधुमक्खी और तितलियों को खासतौर पर आकर्षित करने का काम करता है।

सफेद स्नैकरूट में टॉक्सिन ट्रेमेटोल होता है । आपको बतादें कि यह एक प्रकार का जहर होता है। और जब इस पौधे को पशुओं के द्धारा खाया जाता है , तो पशुओं का दूध भी दूषित हो जाता है।और यदि मनुष्य इन पशुओं का दूध पीता है , तो बीमार हो सकता है। हालांकि पौधे के सूखने पर इसके अंदर की विषाक्तता काफी अधिक कम हो जाती है। आप इस बात को समझ सकते हैं।

19वीं सदी की शुरुआत में, जब पूर्व से बड़ी संख्या में यूरोपीय अमेरिकी जब इस पौधे की विषाक्तता की वजह से प्रेरित नहीं थे , तो कई लोग दूध की बीमारी की वजह से मारे गए थे ।अब्राहम लिंकन की मां नैन्सी हैंक्स लिंकन की 1818 में मृत्यु का कारण संभवतः दूध की बीमारी थी । और आपको बतादें कि जानवर भेड़ बकरी आदि भी यदि इनको खाते हैं , तो उनके अंदर भी विष के लक्षण प्रकट हो जाते हैं।

Water Hemlock

मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका और यूरोप में, आमतौर पर उगता है गीली घास के मैदान , जलधारा के किनारे और अन्य गीले और दलदली क्षेत्र के अंदर आपको यह देखने को मिल जाता है। यह काफी जहरीला पौधा होता है। और यदि कोई इंसान इसको खा लेता है , तो उसकी मौत होना तय होती है।सिकुटॉक्सिन  नामक जहर इस पौधे के अंदर होता है। वैसे तो यह जहर पौधे के हर भाग के अंदर मौजूद होता है। लेकिन जड़ों के अंदर यह काफी अधि​क होता है। आपको बतादें कि इस पौधे का यदि कोई सेवन करता है , तो इसकी वजह से तंत्रिका अतिसक्रिय हो जाती है। और इसकी वजह से दौरे पड़ना शूरू हो जाते हैं। उत्तरी अमेरिका के अंदर इसको सबसे अधिक जहरीला पौधा माना जाता है। और यहां पर कई लोगों की इस पौधे की वजह से मौत हो चुकी है।

इस पौधे के जहर का सेवन करने से मनुष्यों के अंदर कई सारे लक्षण दिखाई देते है। तो आइए जानते हैं। उन लक्षणों के बारे मे जैसे कि  मतली , उल्टी , पेट में दर्द , कंपकंपी , भ्रम , कमजोरी, चक्कर आना और उनींदापन । और यदि डॉक्टर के पास जल्दी ही नहीं चाते हैं , तो इंसान की मौत तक हो सकती है।

आमतौर पर जब कोई इस जहर का सेवन करता है , तो निगलने के कुछ ही घंटों बाद उसकी मौत हो जाती है। और यह मौत सांस के रूकने की वजह से होती है। और जो जिंदा बच जाते हैं उनको 48 घंटे तक दौरे पड़ते रहते हैं।बैचेनी मांसपेशियों के अंदर कमजोरी जैसे लक्षण लंबे समय तक दिखाई दे सकते हैं।

This post was last modified on August 26, 2023

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