रिटायरमेंट के बाद इंडियन आर्मी dog को क्यों गोली मार देती है

‌‌‌इंडियन आर्मी के अंदर जो कुत्ते काम करते हैं उनके रिटायर होने के बाद उनको मौत की सजा मिलती है। एक वफादार जानवर को गोली से मार दिया जाता है जोकि एक गलत बात है। कुत्ता सबसे वफादार प्राणी होता है। जिन लोगों को इंडियन आर्मी को गोली मारनी चाहिए । उनको वह गोली नहीं मार पाती है। ‌‌‌‌‌‌और गोली मारने की बाद उस कुत्ते को दफना दिया जाता है।इस लेख के अंदर हम बात करने वाले हैं कि दूसरे देस रिटायर हो चुके कुत्तों के साथ क्या करते हैं। क्या वे भी उन्हें गोली से उड़ा देते हैं। या उनका और कुछ किया जाता है।

army dog

‌‌‌सैना मे जब कोई कुत्ता भर्ति होता है। तो उसे अनके तरह के परशिक्षण दिये जाते हैं। उसे विभिन्न तरीके बम सूंघने के बारे मे बताया जाता है। यानि कुत्ते को बहुत अच्छे ढंग से प्रशिक्षित किया जाता है ताकि वह सही से काम कर सके ।

सेना आमतौर पर पिछले मिशन में बेल्जियम मललिन, जर्मन शेफर्ड और लैब्रेडर्स पर भरोसा करती है। बेल्जियम मैलिनिन एक नस्ल है जिसे जर्मन शेफर्ड या लैब्राडोर के रूप में जाना जाता है, लेकिन यह sherd shep को भी प्रशिक्षित किया जाता है

संयुक्त राज्य अमेरिका

‌‌‌अमरीका के अंदर हर साल 300 कुत्ते रिटायर होते हैं। यहां पर रिटायर होने वाले सैना के कुत्तों को गोली नहीं मारी जाती है। वरन इनमे से कुछ कुत्तों को लोग अपने पास रखने के लिए ले जाते हैं। जबकि बचे हुए कुत्तों को एनजिओं के अंदर रखा जाता है। इन बूढे हो चुके कुत्तों को निरंतर दवाएं आदि भी दी ‌‌‌जाती है। ‌‌‌कुल मिलाकर अमेरिका के अंदर इन कुत्तों की वफादारी का अच्छा फल मिलता है। यहां पर देस सेवा करने वाले कुत्तों को उनकी रिटायरमेंट के बाद अच्छी देखभाल भी मिलती है।

Russia

विस्फोटकों का पता लगाने और उनके गश्ती कर्तव्यों को पार करने में लिप्त रूप से माहिर, रूसी सेना के चार-पैर वाले साथी सेवानिवृत्ति पर सैनिकों द्वारा अपनाया जाता है। रूस ‌‌‌के अंदर भी ऐसा कोई सिस्टम नहीं है कि सेवा खत्म होने के बाद कुत्तों को गोली मारदी जाए । वरन यहां पर तो देस की सेवा करने वाले कुत्तों की बहुत अच्छे से देखभाल भी की जाती है। कोई भी बीमारी होने पर उसका तुरन्त उपचार भी करवाया जाता है।

China’s

कुत्तों का उपयोग चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा एक नए नियम के तहत युद्ध और आतंकवाद विरोधी आपरेशनों और दंगा नियंत्रण के लिए किया जाएगाचीन के अंदर भी ऐसा कोई सिस्टम नहीं है। यहां पर जब कुत्ते आर्मी से रिटायर हो जाते हैं तो उनकी अच्छी तरह से देखभाल की जाती है। उनको मारा नहीं जाता है। यह कुत्ते अपनी जिंदगी के अंतिम दिनों को बहुत बेहतरीन तरीके से जीते हैं।

Japan

 

‌‌‌जा पान के अंदर तो आर्मी डॉग के लिए और भी बहुत अच्छी व्यवस्था है। यहां पर बूढ़े हो चुके कुत्तों के लिए एक अलग ही नर्सिंग होम होता है। और कुत्तों के लिए अलग से स्वींग पुल होता है। इन नर्सिंग होम के अंदर कोई भी मालिक भी अपने कुत्ते को छोड़ सकता है। यहां पर कुत्तों के लिए इंसानों जैसी ‌‌‌सुविधाएं हैं।

India

‌‌‌जैसा की हम आपको पहले ही बता चुके हैं इंडिया के अंदर मिलिट्री डॉग का कोई सम्मान नहीं होता है। रिटायरमेंट के बाद इंडियन आर्मी इन कुत्तों को सिर्फ इसलिए मार देती है कि इनकी वजह से सुरक्षा को खतरा हो सकता है। जोकि एक दम से गलत है। बेजुबान जानवर को कम से कम गोली से नहीं मारना चाहिए। ‌‌‌वहीं इस संबंध मे बात की जाए तो कहा जाता है कि कुत्ते को यदि जिंदा छोड़ दिया जाए तो हो सकता है उसे कोई और खरीद ले और इस प्रकार के कुत्ते यदि आतंकवादियों के हाथ लग जाएं तो राष्टि्रय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

क्योंकि यह कुत्ते कई संवेदनशील जगहों के बारे मे जानते हैं। इसी वजह से इनको ‌‌‌मार दिया जाता है।‌‌‌दूसरी बात कुत्तों को मारने का चलन तब से चला आ रहा है जब से यहां पर अंग्रेजों का राज था । जब कोई कुत्ता कुछ महीने बीमार रहता है। और डयूटी नहीं कर पाता है तो उसे भी मार दिया जाता है। इसके पीछे सेना का एक और तर्क है कि इन कुत्तों को विशेष सुविधाएं मिलती हैं जोकि और कहीं नहीं मिल सकती । इस ‌‌‌वजह से भी इनको मार दिया जाता है।

‌‌‌कुल मिलाकर अधिकतर देसों के अंदर आर्मी डॉग के रिटायरमेंट होने के बाद गोली मारने का रूल नहीं है। वर इन कुत्तों को वहां के रहने वाले लोग गोद लेलेते हैं। और जीवित रहने तक वे इनको अपने पास रखते हैं। वहीं पर कुछ देसों के अंदर कुत्तों को एनजिओ के अंदर रखा जाता है।

This Post Has One Comment

  1. ramjaan

    pata nhi tha kee indian army asa karti hai .vistaar se jaankari dene ke liye

Leave a Reply

arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।