बाजरा खाने से होते हैं यह जबरदस्त फायदे

‌‌‌बाजरा खाने के फायदे- दोस्तों हम सभी बाजरे की रोटी खाते ही हैं। यदि आप गांव के अंदर रहते हो तो बाजरे की रोटी आप जरूर खाते होंगे । क्योंकि गांवों के अंदर हम लोग बाजरा की खेती करते हैं। ‌‌‌वैसे बाजरा काफी भारी होता है। यदि आप दो से 3 रोटी खा लोगे तो आपको भूख लगने की समस्या खत्म हो जाएगी ।उसके बाद आप आसानी से पूरे दिन मेहनत कर सकते हैं।‌‌‌

बाजरा अक्सर शुष्क भूमी के अंदर उगया जाता है।18 मिलियन टन के वार्षिक उत्पादन के साथ 17 मिलियन हेक्टेयर और देश के भोजन में 10 प्रतिशत का योगदान है। बाजरे के अंदर उच्च पोषक तत्व होते हैं। जैसे प्रोटीन, आवश्यक फैटी एसिड, आहार फाइबर, बी-विटामिन, कैल्शियम, लोहा, जस्ता आदि ।

पोटेशियम और मैग्नीशियम। वे रक्त शर्करा के स्तर में कमी (मधुमेह), रक्तचाप नियमन, थायराइड, हृदय और सीलिएक रोगों के लिए उपयोगी होते हैं।हालांकि यदि हम पिछले दिन दशकों की बात करें तो बाजरे के भोजन के उपयोग के अंदर गिरावट दर्ज की गई है।इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे‌‌‌बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि बाजरे खाने से क्या फायदा है? और रियायती कीमतों पर बढ़िया अनाज की आपूर्ति भी नहीं हो रही है। और इस संबंध मे सरकार ने भी कोई योजना नहीं बनाई है।

Nutritional and Health  ने बाजरे के उपयोग और इसके स्वास्थ्य लाभों के उपर एक व्यापक रिसर्च किया था। और इस रिसर्च के अंदर उन लोगों के बाजरे खाने के फायदे के बारे मे पूरे विस्तार से बताया था। इस लेख के अंदर हम विस्तार से बाजरा खाने के फायदों के बारे मे चर्चा करेंगे ।

‌‌‌वैज्ञानिक बताते हैं कि भारत के लोग बाजरे के उपयोग को कम कर रहे हैं। जिसको बढाए जाने की आवश्यकता है। क्योंकि यह बहुत अधिक पौष्टिक होते हैं। और बाजरे के उपयोग को कम करके हम कहीं ना कहीं पौष्टिकता से भी वंचित रह रहे हैं।

एशिया और अफ्रीका में अंदर भी बाजरा उत्पादन के अंदर गिरावट आई है। और शरबत का उत्पादन भी कम हुआ है।2015-16 के दौरान 7 मिलियन टन से 2010-11 तक 4.2 मिलियन टन; बाजरे का उत्पादन 10.4 से कम हो गया था मिलियन टन से 8.1 मिलियन टन, रागी का उत्पादन घटकर 2.2 मिलियन टन से 1.8 मिलियन टन था।

लिटिल बाजरा, Barnyard बाजरा और कोदो बाजरा जैसी सभी तरह के बाजरा की किस्मे खाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। लेकिन विकासशील देस इनका उपयोग अधिकतर भोजन का उपयोग करते हैं। लेकिन विकसित देश बाजरा का उपयोग पशुओं के अनाज के रूप मे करते हैं।

बाजरा गलफुला मुक्त होते हैं, इसलिए, उपयोगी आहार अनाज हैं। सामान्य बाजरा में फाइबर का समृद्ध स्रोत भी होता है।बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन उच्च फाइबर सामग्री और कुछ एंटी-पोषण की उपस्थिति भी होंती है।बाजरा पॉलीफेनोल्स, लिग्नन्स, फाइटोस्टेरॉल, फाइटो-ओस्ट्रोजेन, फाइटोसायन जैसे फाइटोकेमिकल्स  को बढ़ावा देता है।

एंटीऑक्सिडेंट, इम्यून मॉड्यूलेटर, डिटॉक्सीफाइंग एजेंट के रूप मे यह कार्य करता है।हृदय रोग ,मधुमेह और कैंसर के लिए उपयोगी है। और यह पोषण से जुड़े रोगों को रोकने का काम करता है।

ग्लूटेन एलर्जी और सीलिएक रोग से पीड़ित। वे गैर-एसिड बनाने, पचाने में आसान और गैर-एलर्जेनिक है। इन सबके अलावा बाजरा के अंदर उम्र के साथ होने वाले क्षय को बचाने मे उपयोगी होता है।यह श्वसन स्वास्थ और प्रतिरक्षा को बढ़ाता है।मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र में सुधार करता है और मेटाबॉलिक सिंड्रोम और पार्किंसंस रोग ‌‌‌खिलाफ भी लड़ता है।‌‌‌बाजरा के अंदर प्रतिरोधी स्टार्च, ऑलिगोसेकेराइड, लिपिड, एंटीऑक्सिडेंट जैसे फेनोलिक एसिड, एवेनथ्रामाइड्स भी पाये जाते हैं।

‌‌‌बाजरा खाने के फायदे /बाजरे की रोटी खाने के फायदे

‌‌‌दोस्तों जैसा कि हम आपको उपर बता चुके हैं कि बाजरा के अंदर कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं । और यदि आप बाजरा का सेवन करते हैं तो यह आपको कई प्रकार के रोगो से बचा सकता है। सन 2005 और 2012 के अंदर हुए कई रिसर्च के अंदर यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि बाजरा खाना काफी फायदे मंद है।‌‌‌तो आइए जान लेते हैं। बाजरा खाने के फायदे के बारे मे ।

‌‌‌बाजरा खाने के फायदे Cardiovascular Diseases से सुरक्षा

मैग्नीशियम का अच्छा स्त्रोत होने की वजह से बाजरा एथेरोस्क्लेरोसिस में रक्तचाप और दिल के स्ट्रोक की संभावना को कम करने मे मदद करता है।बाजरा के अंदर मौजूद पोटेशियम वासोडिलेटर रक्तचाप को कम करने का काम करता है।यह सब हृदय संबंधी जोखिम को कम करते हैं।बाजरा में मौजूद पादप लिग्नांस की मौजूदगी में पशु लिग्नन्स में परिवर्तित होने की क्षमता होती है।

पाचन तंत्र में माइक्रोफ्लोरा हर्ट रोग से बचाने का काम करता है जो बाजरा के अंदर उच्च फाईबर की वजह से संभव होता है।एलडीएल को सिस्टम से खत्म करने और एचडीएल के प्रभाव को बढ़ाने और कोलेस्ट्रॉल को कम करने मे भी यह अच्छी भूमिका निभाता है।

‌‌‌वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर चूहों को बार्नीड बाजरा खिलाया गया और परिणाम के अंदर पाया कि चूहों में रक्त शर्करा, सीरम कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम था।कुमारी और थायुमनवन, 1997 के अध्ययन के अंदर बाजरा मे बेहतर प्लाजमा के स्तर को बताया गया था।

प्रोजो बाजरा (पार्क एट अल, 2008 के रिसर्च ) खिलाने पर देखा गया कि चूहों मे फिंगर मिल्ट्स और प्रोसो मेल्स कम हो गए थे ।सफेद चावल और शर्बत खिलाया चूहों की तुलना यह कम था।फिंगर बाजरा और प्रोसो बाजरा हाइपरलिपिडेमिक चूहों में प्लाज्मा ट्राइग्लिसराइड्स को कम करके हर्ट रोग को रोक सकता है।

  • पर्ल बाजरा में लिग्निन और फाइटोन्यूट्रिएंट्स मजबूत एंटीऑक्सिडेंट के रूप मे काम करते हैं जो हर्ट रोग को कम कर सकते हैं।
  • मोती बाजरा हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है।
  • फिंगर बाजरा और प्रोसो बाजरा ने भी सीरम की सांद्रता को काफी कम दिखाया है।
  • ‌‌‌रिसर्च स्लाविन, 2003 और 2004 से मिले साक्ष्यों से यह पता चलता है कि साबूत अनाज का सेवन करने से सीवीडी के जोखिम को कम किया जा सकता है।एंडरसन और हैना, 1999 ने किये रिसर्च से भी यही परिणाम सामने आया है। उनके अनुसार साबुत अनाज का सेवन करने से म्रत्यू दर को कम किया जा सकता है।
  • जेनसन एट अल ने  2004 मे किये एक रिसर्च मे 40-75 आयु के 27,000 पुरुषों के आहार रिकॉर्ड  का विष्लेषण किया और बाजरा का 40 ग्राम प्रति दिन का सेवन सीएचडी के जोखिम को 20% कम कर सकता है।
  • Barnyard Millet खाने से सन 1997 ई के रिसर्च के अंदर चूहों मे रक्त शर्करा, सीरम कोलेस्ट्रॉल कम होते हुए दिखाया गया है।

‌‌‌मधुमेह के उपचार मे फायदेमंद

मधुमेह मेलेटस एक पुरानी चयापचय संबंधी विकार है। यह विकार होने की वजह से इंसूलीन के उत्पादन मे कमी आती है।शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज रिसेप्टर्स की दक्षता मैग्नीशियम सामग्री के स्तर को बढ़ाता है। बाजरा खाने के फायदा यह है कि यह मधुमेह को रोकने मे मदद करता है।

फिंगर बाजरा आधारित के अंदर उच्च फाइबर आधारित होने की T2D के नियंत्रण के लिए बाजरे के अंदर मौजूद  फाइबर, मैग्नीशियम, विटामिन-ई, फेनोलिक यौगिक व टैनिन मधुमेह के खतरे को कम कर सकते हैं।यह रक्त शर्करा और इंसुलिन के स्तर में अचानक वृद्धि को धीमा कर देते हैं।वजह से कम ग्लाइसेमिक प्रतिक्रिया होती है।सोरघम के अंदर धीमी गति से पचने योग्य स्टार्च होते हैं।इसके अंदर कार्यात्मक गुण होते हैं।यह पाचन को बढ़ाता है। कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण और चयापचय संबंधी विकारों को दूर करने मे मददगार है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन 2010 के अंदर रिसर्च मे यही नतीजे सामने आये हैं।

  • पर्ल बाजरा इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने का काम करता है।
  • मोती बाजरा मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी  होता है। इसके अंदर फाइबर होता है। जिससे यह धीरे पचता है और रक्त के अंदर ग्लूकोज को रिलिज करता है।‌‌‌यह मधुमेह में रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने मे मदद करता है।
  • फिंगर बाजरा आधारित आहार में उच्च फाइबर सामग्री और अल्फा के कारण कम ग्लाइसेमिक  प्रतिक्रिया पैदा करने के लिए जाना जाता है।इसके अंदर एमिलेस अवरोधक गुण होते हैं।
  • ‌‌‌फिंगर बाजरा के उपर हुए रिसर्च से यह पता चला है कि एंटीऑक्सिडेंट स्थिति और नियंत्रित रक्त शर्करा के स्तर में सुधार करता है।
  • Barnyard बाजरा विशेष रूप से dehulled किस्मों के रूप में 2 मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।
  • प्रोजो बाजरा ने आनुवंशिक रूप से मोटे टाइप 2 मधुमेह में ग्लाइसेमिक प्रतिक्रियाओं और इंसुलिन में सुधार करने के लिए दिखाया था।

‌‌‌बाजरा खाने के फायदे Gastrointestinal Disorders मे

                    ‌‌‌बाजरा पाचन प्रक्रिया को विनियमित करने के लिए जाना जाता है।जो अधिक गंभीर जठरांत्र संबंधी स्थितियों की संभावना कम को कम कर सकता है।बाजरा में फाइबर की मात्रा कब्ज, अतिरिक्त गैस, जैसे विकारों को दूर करने की क्षमता भी होती है।सूजन और ऐंठन को भी कम करता है।‌‌‌इन सबके अलावा यदि किसी को पाचन से जुड़ी समस्याएं हैं तो वह बाजरा खाने से ठीक होती हैं। बाजरे का भोजन पेट को पचाने मे आसानी होती है। और यह आपके शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने मे भी मदद करता है। जिससे आप लंबे समय से रोगों से बचे रहते हैं।

‌‌‌बाजरे की रोटी खाने के फायदे कैंसर से बचाव

‌‌‌1993 के रिसर्च के अनुसार बाजरा अनाज को फेनोलिक एसिड, टैनिन और फाइटेट से भरपूर माना जाता है।ग्राफ और ईटन, 1990 के अनुसार यह तत्व जानवरों के अंदर कैंसर की संभावना को कम कर देते हैं।‌‌‌महिलाओं के अंदर स्तन कैंसर होने से रोकने के लिए बाजरे का सेवन करना चाहिए।यह स्तन कैंसर की संभावना को 50% से कम कर सकते हैं।‌‌‌अमतौर पर जो महिलाएं बाजरे का सेवन नहीं करती हैं। उनमे स्तर कैंसर होने की संभावना 50 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। यही नए रिसर्च के अंदर भी दिखाया गया है।

Detoxification (Anti-oxidant Properties) एंटी-ऑक्सीडेंट गुण

एंटीऑक्सिडेंट गुण बाजरे के अंदर पाया जाता है। जोकि काफी उपयोगी हो सकता है।‌‌‌आपको बतादें की बाजरा हमारे यक्रत और गुर्दे के अंदर मौजूद कई प्रकार के विषाक्त पदार्थों साफ करने का काम भी करता है।बाजरा क्वेरसेटिन, कुकुरमिन, एलाजिक एसिड जैसे तत्वों को बढ़ावा देता है जो शरीर से बुरे तत्वों को साफ करने मे मदद करते हैं।

Pearl Millet ‌‌‌बाजरा रोटी खाने के फायदे

दोस्तों  Pearl Millet एक प्रकार का बाजरा है। जो भारत के अंदर भी उगाया जाता है। तो आइए जान लेते हैं कि इस बाजरा के खाने से क्या फायदे होते हैं? ‌‌‌पर्ल बाजरा के अंदर इसमें मैग्नीशियम, फास्फोरस, जस्ता आदि खनीज होते हैं। जो कई प्रकार से फायदा पहुंचा सकते हैं।

  • पेट के अल्सर के उपचार मे पर्ल बाजरा काफी फायदे मंद होता है।यह पेट के अंदर पैदा हुई अधिक अम्लता  को कम करने का काम करता है। पेट को क्षारीय बनाने के लिए यह उपयोगी है। अल्सर होने से भी रोकता है।
  • ‌‌‌यह बाजरा भी दिल के लिए अच्छा होता है। इसके अंदर बाजरे में लिग्निन और फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जोकि दिल की बीमारियों को रोकते हैं।मोती बाजरा हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। क्योंकि इसके अंदर  उच्च मात्रा में मैग्नीशियम भी होता है।
  • अस्थमा रोगियों के लिए सांस से संबंधित समस्याओं को कम करने के लिए काफी उपयोगी होता है।माइग्रेन  के प्रभावों को कम करने के लिए भी उपयोगी है।
  • फॉस्फोरस की उच्च मात्रा होने की वजह से यह हडियों के विकास और उनको मजबूत बनाने का काम भी करता है।
  • सभी बाजरा कैंसर के जोखिम को कम करते हैं। लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि यह बाजरे के अंदर मौजूद मैग्नीशियम  के अच्छे स्तर की वजह से संभव है।
  • ‌‌‌मोती बाजरा के अंदर उच्च फाइबर सामग्री होती है। जोकि वजन को कम करने मे भी उपयोगी है। यह आंतों मे जाने के बाद देर से पचती है और जिससे कुल भोजन की खपत भी कम हो जाती है। जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं। उनको पर्ल बाजरे का सेवन करना चाहिए।
  • सीलिएक रोग से ग्रस्ति इंसान बहुत कम मात्रा भी gluten की बर्दाश्त नहीं कर सकता है। यदि जबकि चावल और गेंहू के अंदर gluten  मौजूद रहता है। एक मात्र बाजरा ही ऐसा अनाज है जिसके अंदर gluten  नहीं होता है। सो बाजरा उन लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी है जो सीलिएक रोग से झूझ रहे हैं।
  • कोलेस्ट्रॉल का स्तर को कम करने के लिए भी पर्ल बाजरा काफी उपयोगी है। बाजरे के अंदर फाइटिक एसिड होता है जो कोलेस्ट्रॉल  को घटा देता है।
  • अमीनो एसिड हमारे शरीर को अच्छे से काम करने के लिए आवश्यक होता है। पर्ल बाजरा यह हमारे शरीर को प्रदान करता है।

बाजरा रोटी खाने के फायदे Finger Millet

अफ्रीका और एशिया के शुष्क क्षेत्रों में के अंदर यह बाजरा उगाया जाता है। यह कर्नाटक के अंदर यह प्रमुख रूप से खाध्यय पदार्थ है।यह पोषक तत्वों का अच्छा स्त्रोत होता है। इसके अंदर कैल्शियम ,फाइबर और कार्बोहाइड्रेट जैसे तत्व इसके अंदर भरपूर मात्रा के अंदर होते हैं।

  • ‌‌‌फिगर बाजरा का फायदा यह है कि इसके अंदर ट्रिप्टोफैन  नामक एक ऐसिड होता है जोकि भूख को कम करता है।और जिससे वजन कम करने मे काफी मदद गार है।
  • कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत होने की वजह से यह हडियों को मजबूत बनाता है। अक्सर बच्चों के लिए काफी बहुत ही उपयोगी है।‌‌‌यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बिमारियों को कम करता है। और फेक्चर होने की संभावना को भी कम करने का काम करता है।
  • ‌‌‌सन 2000 के अंदर हुए रिसर्च मे यह पता चलता है कि फिंगर बाजरे के अंदर  उच्च फाईबर होता है जो मधुमेह के लिए फायदे मंद है।यह रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ने से रोकता है
  • रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए इसके अंदर एमिनो एसिड लेसिथिन और मेथियोनीन होता है जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है।और अतिरिक्त वसा के स्तर को कम करता है।
  • ‌‌‌यदि किसी को एनीमिया हुआ है तो यह उसके उपचार मे मदद कर सकता है।
  • ‌‌‌फिंगर बाजरा शरीर को प्राक्रतिक आराम देने के लिए काफी उपयोगी है।
  • यह बाजरा चिंता, अवसाद और अनिद्रा के रोगियों के लिए भी काफी फायदे मंद है।
  • ‌‌‌फिंगर बाजरा अमीनो एसिड का स्त्रोत है।जो कि शरीर के उत्तको के लिए आवश्यक होता है। इसके अंदर ट्रिप्टोफैन, थ्रेओनिन, वैलिन, इलोस्यूसीन जैसे तत्व होते हैं।मेथियोनीन एमिनो एसिड त्वचा के अंदर सुधार करता है।हडियों के गठन वयह शरीर में नाइट्रोजन को संतुलित करने में मदद करता है।
  • ‌‌‌इन सब के अलावा यदि फिंगर बाजरे का नियमित रूप से सेवन किया जाता है तो यह कुपोषण से राहत प्रदान करता है।यकृत विकार, अस्थमा और हृदय की कमजोरी आदि स्थितियों के अंदर यह काफी उपयोगी है।स्तानपान कराने वाली माताओं को इसको खाने की सलाह दी जाती है।
  • ‌‌‌यह एक बहुत ही पौष्टिक अनाज है।ऑक्सालिक एसिड इसके अंदर होने की वजह से गुर्दे की पत्थरी वाले रोगियों को इसकी सलाह नहीं दी जाती है।

Small Millets बाजरा खाने के फायदे

‌‌‌छोटे बाजरा खाने के भी अनेक लाभ होते हैं।इसके अंदर फाइटेट्स, फाइटोकेमिकल्स का उच्च स्तर होता है।कैटेचिन, फ्लेवोनोइड्स आदि, वे तांबा और लोहा जैसे खनिजों के समृद्ध स्रोत हैं।

  • ‌‌‌छोटे बाजरा के सेवन करने से रक्त शर्करा के स्तर को कम किया जा सकता है।यह ट्राइग्लिसराइड स्तर को कम करने का काम करता है।
  • मधुमेह और गैस्ट्रिक जैसी समस्याओं से पिड़ित लोगों के लिए यह एक अच्छा भोजन है।
  • बॉडी ऊतक और ऊर्जा चयापचय के विकास में मदद कर सकता है।
  • हार्ट अटैक का खतरा कम करने के लिए भी यह काफी उपयोगी है।

‌‌‌बाजरे के अंदर पाये जाने वाले पोषक तत्वों की जानकारी

दोस्तों हम आपको यह भी बता रहे हैं कि बाजरे के अंदर कौन कौनसे पोषक तत्व पाएं जाते हैं। विभिन्न वैज्ञानिक रिसर्च के रिसर्च पेपर पढ़ने के बाद हम यह लिख रहे हैं।

कार्बोहाइड्रेट

यदि आप कच्चा बाजरा सेवन करते हैं। तो इसके अंदर सबसे ज्यादा 73% कार्बोहाइड्रेट होता है। और यह आपके शरीर को पोषण के लिए काफी सहायत होता है। ‌‌‌इस तरह से देखा जाए तो बाजरा कार्बोहाइड्रेट काफी अच्छा स्त्रोत है।

‌‌‌स्टार्च

अनाज के वजन का 3 से 4 भाग स्टार्च होता है।यह एक संगठित तरीके से मौजूद होता है और उसके अंदर एमाइलेज  होता है।इसके अंदर एमाइलोपेक्टिन अणु हाइड्रोजन बांड द्वारा एक साथ बंधे होते हैं। बाजरा एंडोस्पर्म में लगभग 23 से 30% एमाइलेज होता है।

‌‌‌प्रोटीन

Millets में एल्बमिन, ग्लोब्युलिन होने की सूचना मिली है, क्रॉस-लिंक्ड प्रोलमिन, ग्लूटेलिन-जैसे, ग्लूटेलिन, आदि, प्रोटीन के अंश हैं।उंगली बाजरा के मामले में ग्लूटेलिन अधिक होता है।फोनियो और उंगली बाजरा में सबसे कम प्रोटीन  होता है।

वसा

बाजरे के अंदर वसा की मात्रा 1 प्रतिशत से 5 प्रतिशत तक होती है जोकि सबसे कम होती है।उंगली और कोदो बाजरा (1%) तक वसा होती है। proso बाजरा (5%) तक वसा होती है।

विटामिन

बाजरा विटामिन ई और बी-कॉम्प्लेक्स के समृद्ध स्रोत हैं । इसके अंदर विटामिन बी 12 नहीं होता है।विटामिन ए के बराबर (8.3-10.5 मिलीग्राम) और विटामिन ई (87- 96 मिलीग्राम) प्रति 100 ग्राम

खनिज पदार्थ

बाजरा के अंदर कई प्रकार के खनीज पदार्थ पाए जाते हैं। इन सब के अंदर K ,Na ,Mg ,Ca ,P ,Mn ,Zn ,Cu आदि। बाजरा की खनिज सामग्री अन्य अनाजों की तुलना में काफी अधिक है जैसे कि सोरघम, लेकिन कैल्शियम और मैंगनीज की सामग्री बहुत अधिक पाया गया था

Fibre

 pearl millet (20.8%) and finger millet (18.6%)  फाइबर होता है।जोकि सोरघम की तुलना मे काफी ज्यादा है।मोती बाजरा में पानी में घुलनशील गैर-स्टार्च पॉलीसेकेराइड्स 0.66% होता है।

फेनोलिक यौगिक

फेनोलिक यौगिक भी बाजरा के अंदर होने की सूचना मिली है। यह एंटीऑक्सिडेंट का महत्वपूर्ण स्रोत हैं और कई में काम करते हैं ऑक्सीडेटिव तनाव से जुड़ी बीमारी को रोकने के तरीके, जैसे कि कैंसर और सीवीडी के उपचार मे उपयोगी हैं।

‌‌‌बाजरा खाने के नुकसान

दोस्तों यदि आप कम मात्रा के अंदर बाजरा खाते हैं तो यह आपको कोई नुकसान नहीं करता है। लेकिन यदि आप जैसे पूरी साल बाजरा खाते हैं तो यह आपको नुकसान कर सकता है। ऐसा हालांकि कम ही होता है। ‌‌‌ऐसा माना जाता है कि बाजरे मे गोइट्रोजन  होता है जोकि थायराइड हार्मोन के उत्पादन पर बुरा असर डालता है।थायरॉयड ग्रंथि के कार्य को प्रभावित कर सकता है।

आयोडिन की कमी होने की वजह से यह आपको गोइटर की ओर ले जाती है। गोइटर का मतलब  चिंता, अवसाद और धीमी सोच से होता है। अफ्रीका के सूडान क्षेत्रों के अंदर सबसे ज्यादा बाजरे का सेवन करने की वजह से वहां पर गोइटर की समस्या बहुत अधिक है।

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This post was last modified on October 14, 2019

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