अपने मन को शूद्व करो

एक बार एक राजा महात्मा बुद्व के पास आया और पैरों के अंदर गिरकर बोला .. महात्मा जी मैं हर जगह पर तिर्थ यात्रा कर चुका हूं । और हर धार्मिक कार्यों के अंदर भाग भी लेता हूं । क्या मैं अब जन्म मरण चक्र से मुक्त हो सकता हूं ।

भगवान बुद्व ने उसके प्रश्न का उत्तर किसी और

‌‌‌दिन देने को कहा । वह राजा वहां से चला गया । काफी दिनों के बाद एक दिन भगवान बुद्व   उस राज्य के अंदर होकर गुजर रहे थे । तब उन्होंने उसके राज्य का हाल देखा तो वे राजा से मिलने चले गए । भगवान बुद्व को आए देख राजा ने उनका भव्य सुआगत किया । और सबसे पहले अपने प्रश्न का उत्तर जानना चाहा

 

‌‌‌तब भगवान बुद्व ने कहा … तुम्हारे राज्य के अंदर बुरी तरह से अशांति फैली हुई है। तुने जनता पर अधिक कर लगा रखा है। पड़ोसी राज्यों पर कब्जा करने की रणनीति बना रहे हो। भले ही तुमने हजारो तीर्थ यात्राएं की हो किंतु अपने  मन को शुद्व नहीं किया । तुम्हारे मन के अंदर लालच है। उसके अंदर दुष्ट  ‌‌‌चीजे घूसी हुई हैं।  तुम अपने मन को शुद्व किये बिना इस संसार के जन्म मरण चक्र से मुक्त नहीं हो सकते ।

 

This post was last modified on November 4, 2018