success hone ka mantr short story

एक बार दो  भाई एक महात्मा के पास अपनी समस्या समाधान के लिए पहुंचे दोनों भाई बड़ी उलझन में थे कि उनमें से एक भाई काफी ज्यादा सफल हो चुका था जबकि दूसरा एक असफल इंसान था बड़ा भाई छोटे भाई से बहुत प्यार करता था वह चाहता था कि उसका छोटा भाई भी अपनी लाइफ के अंदर सबसे ज्यादा सफल हो

. लेकिन छोटे भाई ने अनेक कार्य के अंदर अपना भाग्य आजमाया किंतु वह किसी भी कार्य के अंदर सफल नहीं  hua

बड़े भाई ने महात्मा से पूछा कि ऐसा क्या फर्क है जिसकी वजह से जिंदगी में ज्यादा   सफल हूं jabkee मेरा भाई एक   असफल इंसान है महात्मा ने उनकी बातों को ध्यान से सुना और   कहां कि मैं तुम दोनों की एक परीक्षा लेता हूं जिससे यह पता चलेगा कि तुम दोनों में क्या फर्क है

महात्मा ने उनको कहा कि सामने जो रास्ता जा रहा है वह   उबड़ खाबड़ रास्ता है आप दोनों को इसी रास्ते दूर पहाड़ी के पास पहुंच कर वापस आना है दोनों भाइयों को यह काम बहुत आसान लगा और दोनों अलग-अलग समय पर पहाड़ी के पास पहुंचने के लिए चल पड़े काफी समय के बाद वे दोनों वापस आए

महात्मा ने  छोटे भाई से पूछा कि तुम बताओ  जाते समय तुम तुमको कितनी बार ठोकर लगी छोटा भाई बोला महात्मा जी मैं जब पहाड़ी की तरफ जा रहा था तो रास्ते के अंदर ठोकर खाकर कम से कम पांच छह बार गिरा और जब आ रहा था तो ध्यान नहीं दिए जाने की वजह से फिर कई बार गिरा .छोटे भाई के मुंह से खून निकल रहा था

यही बात महात्मा ने बड़े भाई से पूछा तब बड़े भाई ने बताया कि वह जाते वक्त तो दो या तीन बार गिरा किंतु आते वक्त वह एक बार भी नहीं गिरा

महात्मा ने कहा कि यहीं तुम दोनों में बहुत बड़ा फर्क है तुम्हारा बड़ा भाई ठोकर खाकर गिरने के बाद उस ठोकर से कुछ कुछ ना कुछ सीख लेता है किंतु तुम ठोकर खाकर गिरने के बाद भी प्रयास करते रहे किंतु कुछ
seekhe नहीं तुम इस बात पर विचार नहीं किया कि आखिर हम क्यों गिरे और कैसे हमें अपनी समस्या का समाधान करना चाहिए यही वजह है कि तुम रियल लाइफ में मुसीबतों को झेलने की ताकत रखते हो किंतु उनसे  लड़ उन को मात देने कि नहीं

जब तुम जिंदगी में सफल होने के लिए किसी भी काम को करते हो  तो एक बार की हुई गलती को बार-बार दोहराते हो और यही वजह है कि तुम जिंदगी में सक्सेस नहीं हो पाए और तुम्हारा बड़ा भाई एक बार

 गलती करने के बाद दोबारा उस गलती को कभी नहीं  करता
bata जिंदगी में सक्सेस होने का मंत्र  यही है

अपनी हर गलती से कुछ न कुछ सीखते रहो और उस को सुधारते रहो यदि आप ऐसा करते हुए जिंदगी के अंदर आगे बढ़ोगे तो आप एक ना एक दिन सफलता जरूर होगी आपको सफल होने से कोई रोक नहीं सकता लेकिन यदि आप एक गलती को करने के बाद दोबारा उसी गलती को kroge to चक्कर के अंदर   उलझकर अपनी जिंदगी खत्म कर दोगे आप की हालत मकड़ी   जाल में  फंसे हुए keet की तरह होगी वह बाहर निकलना चाहता है किंतु बाहर निकल नहीं पा रहा है उसी मकड़ी के जाले के अंदर मर जाता है तो दोस्तों इस कहानी का लिखने का मकसद इतना है कि जिंदगी में चाहे हजार गलती करो लेकिन उनको सुधारते रहो

This post was last modified on April 29, 2019