सोलर कुकर को यूज करने से फायदे व नुकसान

‌‌‌ सोलर कुकर के लाभ और हानि दोनों ही हैं। हम इनके बारे मे यहां पर चर्चा करने वाले हैं। सोलर कुकर के बारे मे हम सभी जानते ही हैं।सोलर कुकर का प्रयोग खाना बनाने के लिए किया जाता है। यह सस्ता और टिकाउ खाना बनाने का यंत्र होता है।जब आपके पास लकड़ी नहीं हो तो आप इसका प्रयोग कर सकते हैं। ‌‌‌सोलर कुकर का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आप इसकी मदद से पर्यावरण को बचा सकते हो ।

आज आप देख रहे हैं कि चारों और वन कट रहे हैं और लकड़ी जलाने से जो धुंआ पैदा हो रहा है। उससे वातावरण दुषित हो रहा है।

‌‌‌यदि ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले 100 सालों के अंदर धरती हमारे रहने योग्य नहीं बच पाएगी ।एक सोलर कुकर के अंदर गैस और लकड़ी का प्रयोग ना कर सौर उर्जा का प्रयोग होता है और वो सबके लिए फ्री ही है।

‌‌‌लेकिन सौर कुकर के साथ भी अनेक प्रकार की समस्याएं हैं। भले ही यह अच्छा है लेकिन इसकी समस्याओं की वजह से लोग आज भी इसका प्रयोग कम करते हैं। हालांकि जहां पर धूप रहती है वहां पर इसका प्रयोग आसानी से किया जा सकता है।

 सोलर कुकर के लाभ और हानि

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‌‌‌सौलर कुकर के फायदे या सौर कुकर के लाभ solar cooker ke fayde

दोस्तों सौर कुकर के अनेक लाभ हैं। इसके लाभों को कम करके नहीं आंका जा सकता है। हालांकि हमने सौर कुकर का प्रयोग नहीं किया है।लेकिन जो लोग इसका प्रयोग करते हैं वे बताते हैं कि यह बहुत ही अच्छा है।

‌‌‌एक यूजर ने लिखा कि वह कई बार जब वह पिकनिक पर जाते हैं तो अपने साथ सौलर कुकर लेकर जाते हैं और उससे खाना भी बनाते हैं। वास्तव मे यह काफी मजेदार एहसास होता है। ‌‌‌यदि आप इसको खरीदना चाहते हैं तो अमेजन से खरीद सकते हैं यहां पर यह आपको लगभग 4000 रूपये के आस पास आसानी से मिल जाएगा ।

‌‌‌solar cooker se labh सौर कुकर पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त हैं

सोलर कुकर का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह प्रदुषण मुक्त है।आज पूरी दुनिया प्रदूषण की चपेट मे है। और प्रदूषण की वजह से अनेक प्रकार के सांस के रोग और दूसरी बीमारियां फैल रही हैं। ‌‌‌यदि हर इंसान गर्मियों के दिनों मे भी सोर कुकर का प्रयोग करने लग जाए तो हमारा वातावरण बहुत ही अच्छी तरह से शुद्व हो जाएगा ।

और असमय बीमारियों से मौत होने की समस्या कम हो जाएगी । सोर कुकर के अंदर सौर उर्जा का प्रयेाग होता है जो सूर्य से प्राप्त होती है और यह किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं करती ‌‌‌इसी लिए तो सरकार सौर उर्जा के अधिक से अधिक प्रयोग को बढ़ाने की कोशिश कर रही है ताकि देश का वातावरण सुधारा जा सके । आज पूरी दुनिया प्रदूषण से परेशान है।

‌‌‌दिल्ली के अंदर तो वायु प्रदूषण का यह हाल है कि हवा मे सांस लेना 50 सीगरेट पीने के बराबर है। विश्व के 30 सबसे अधिक प्रदुषित शहरों मे से 20 तो भारत के ही हैं तो जनाब आप समझ चुके हैं । यहां का हाल ।

‌‌‌बिजली और गैस की बचत

दोस्तों आप जानते ही है कि आज के समय मे बिजली और गैस कितनी महंगी होती जा रही है।

बहुत से लोग तो ऐसे हैं जिनके लिए केवल बिजली का बिल भरना भी काफी मुश्किल हो रहा है।बिजली और गैस पर हर महिने काफी पैसे खर्च होते हैं। लेकिन यदि आप गर्मी के दिनों मे सोलर कुकर का प्रयोग ‌‌‌करते हैं तो काफी पैसा बचाया जा सकता है।

हमारे घर के अंदर हम हर महिने 800 रूपये तक का गैस ही खर्च कर पाते हैं। लेकिन यदि हम गर्मी मे सोलर कुकर का प्रयोग करते हैं तो 6 महिने के अंदर 6000 से भी ज्यादा रूपये की बचत कर सकते हैं। और हम जैसे गरीब लोगों के लिए यह बहुत मायेन रखता है।

‌‌‌इसके अलावा बिजली की मदद से खाना बनाना तो बहुत ही अधिक महंगा है। हमारे एक दोस्त खाना बनाने के लिए बिजली का प्रयोग करते थे ।उनका महिने का बिजली बिल लगभग 6000 रूपये तक पहुंच जाता था। इतने मे तो कोई 6 गैस सिलैंडर आप खरीद सकते हैं।

‌‌‌सोलर कुकर से पकाया भोजन स्वस्थ परिणाम देता है

जब हम किसी भी भोजन को गहरी आंच पर पकाते हैं तो उसके अंदर के विटामिन और पोषक तत्वों का नाश हो जाता है।लेकिन यदि हम सोलर कुकर का प्रयोग करते हैं तो ऐसा नहीं हो पाता है। क्योंकि यहां पर भोजन कम उर्जा का प्रयोग करता है। यह आपके शरीर के लिए काफी ‌‌‌उपयुक्त होता है।

सौर कुकर मे  पकाए गए भोजन का स्वाद अच्छा होता है

कई युजर इस बारे मे लिख चुके हैं कि सोलर कुकर के अंदर जब हम खाना पकाते हैं तो इसका स्वाद काफी अच्छा होता है।एक यूजर ने लिखा कि वह अब तक सोलर कुकर के अंदर 16 से अधिक प्रकार के व्यंजन को पका चुका है।‌‌‌केवल एक को छोड़दें तो सब भोजन का स्वाद अच्छा था।कुलमिलाकर कहा जा सकता है कि सौर कुकर मे खाना पकाने की धीमी आंच की वजह से भोजन का स्वाद अच्छा रहता है।

शौर  की कोई समस्या नहीं

दोस्तों सोलर कुकर के साथ शौर जैसी कोई समस्या नहीं है।यदि आप घर के अंदर लाइट का चुल्हा यूज करते हैं और लाइट चली जाती है तो जनरेटर चलाते हैं । यह बहुत अधिक शौर करता है।लेकिन सौलर चुल्हा एक दम से शांत है । यह किसी भी प्रकार का सौर नहीं करता है।

‌‌‌गांवों के लिए बहुत उपयोगी सौर कुकर

सौर कुकर मे  पकाए गए भोजन का स्वाद अच्छा होता है
By Xuaxo – Own work, CC BY-SA 3.0, wiki

भले ही इंडिया मे काफी विकास हो गया हो लेकिन हमारे यहां आज भी महिलाएं लकड़ी के चुल्हे पर खाना बनाती हैं। और चुल्हे के साथ समस्या यह है कि इसमे धुंआ भी होता है। बहुत बार तो यह धुंआ महिलाओं की आंखों के अंदर चला जाता है। जिससे आंखों मे जलन होती है। और आंखें ‌‌‌खराब भी हो सकती हैं।

‌‌‌और जो महिलाएं मकान के अंदर चुल्हा जलाकर रोटी बनाती हैं या और कोई काम करती हैं उनके लिए सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है।‌‌‌यदि महिलाएं ग्रामिण इलाकों के अंदर सोर कुकर का उपयोग करने लग जाती हैं तो उनको लकड़ियों के चूल्हे से कुछ हद तक निजात मिल सकता है।

‌‌‌परिवहन और उपयोग की आजादी देता है सोर कुकर

सौर कुकर आपको जितनी आजादी देता है शायद दूसरा कोई भी उपकरण उतनी आजादी नहीं देगा ।क्योंकि यदि आप गैस चुल्हा उपयोग करते हैं तो उसमे गैस भरने की समस्या होगी । आप उसे इतनी आसनी से कहीं ले जा नहीं सकते हैं। ‌‌‌एक सौर कुकर को आप कहीं पर भी ले जा सकते हैं और उसका उपयोग कर सकते हैं। यह परिवहन के अंदर बहुत ही आसान होता है।

‌‌‌सोलर कुकर के अंदर सब कुछ पकाया जा सकता है

दोस्तों आप एक सोलर कुकर के अंदर सब कुछ पका सकते हैं।यदि आपको चॉय चाहिए तो आप इस पर बना सकते हैं और सब्जी चाहिए तो भी आप बना सकते हैं। नाश्ता भी आप इस पर आसानी से बना सकते हैं।

‌‌‌काफी सस्ता

‌‌‌यदि हम एक सोलर कुकर के कीमत की बात करें तो यह आपको 6000 रूपये के आस पास मिल जाएगा ।यह सिर्फ वनटाइम कीमत है। उसके बाद आपको इसका कोई भी पैसा पे नहीं करना होगा । यदि बात करें गैस चुल्हे कि तो उसमे आपको ‌‌‌6000 रूपये तो पहली दफा के अंदर ही देने होते हैं। उसके बाद हर महिने गैस का खर्चा अलग से देना होता है। कुल मिलाकर यह काफी महंगा होता है।

फेफड़ों के लिए सुरक्षित है सोलर चुल्हा

दोस्तों जो महिलाएं गांवों के अंदर लकड़ी जलाकर खाना बनाती हैं।लकड़ियां जलाने से बहुत अधिक धुंआ निकलता है। और यही धुंआ महिलाओं को फेफड़ों से संबंधित और सांस से जुड़े रोग को पैदा करता है। ‌‌‌यदि महिलाएं एक सोलर चुल्हे पर खाना बनाने लगें तो उनके फेफड़ों से जुड़ी समस्या अपने आप ही हल हो जाएगी ।अधिकतर महिलाएं जो धुंए के संपर्क मे अधिक रहती हैं उनको सांस से जुड़े रोग होते हैं।

‌‌‌सोलर चुल्हा पुरी तरह से सुरक्षित है

दोस्तों सोलर चुल्हा पुरी तरह से सुरिक्षत होता है।यदि आप लकड़ी वाला चुल्हा यूज करें तो यह आपके बच्चों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है।कई बार बच्चे जाने अनजाने के अंदर जल भी जाते हैं। इसी तरह गैस चुल्हे का तो पूरी तरह से ध्यान रखना होता है। यदि ‌‌‌जरा सी असावधानी हुई तो आग लग सकती है।कई बार सूचना आती है कि सिलैंडर फट जाने से लोग मर गए हैं।

‌‌‌कचरे घर जलने का खतरा नहीं

भले ही आज बहुत से लोग पक्के मकानों के अंदर रहते हों लेकिन किसान लोग आज भी खेतों में और घर मे झोंपड़ियों के अंदर रहते हैं।भारत के कई दूर दराज ईलाके इसी तरह के हैं।यदि वहां पर लकड़ी के चुल्हे का उपयोग होता है तो कच्चा घर जलने के चांस बहुत अधिक बढ़ जाता है।‌‌‌हमारे घर के पास एक घर है। उन लोगों के एक पुरानी झोंपड़ी हुआ करती थी।उस झोंपड़ी के अंदर 4 बार आग लगी थी। वह भी चुल्हे की वजह से । इसी तरह की कई घटनाएं हमारे गांव के अंदर होती रही हैं। हालांकि अब सब लोग पक्के घरों मे रहते हैं।

‌‌‌जल को पास्चुरीकृत करने मे सौर कुकर का उपयोग

दोस्तों आपको पता होना चाहिए कि विकाशशील देशों के अंदर 80 प्रतिशत से अधिक मौंते दूषित पानी के पीने की वजह से होती हैं।

उन बीमारियों से हर साल लाखों लोग मारे जाते हैं। सौर ओवन में पानी को आसानी से पास्चुरीकृत किया जा सकता है, क्योंकि सुरक्षित होने के लिए पानी को उबालने की आवश्यकता नहीं है। पानी को केवल 150 डिग्री गर्म करने पर यह पास्चुरीकृत हो जाता है।

आपातकाल में सोलर कुकर बेस्ट

दोस्तों कई बार हमको ऐसी जगहों पर जाना पड़ जाता है। जहां पर हमारे पास खाना पकाने के लिए कोई साधन नहीं होता है। वहां पर हम गैस वैगरह भी नहीं लेकर जा सकते हैं। जैसे यदि आप कहीं पर लंबी यात्रा कर रहे हैं तो आप सोलर कुकर से खाना पका कर खा सकते हैं। ‌‌‌या फिर बाढ़ वैगरह की स्थिति के अंदर यह आपके लिए वरदान साबित हो सकता है। जब लोगों के घर नष्ट हो जाते हैं।

‌‌‌सौर कुकर के प्रयोग से वनों की कटाई कम हो सकती है

दोस्तों 2.5 बिलियन लोग बायोमास ईंधन का उपयोग करते हुए खुले आग पर खाना बनाते हैं।लकड़ी के उपयोग की वजह से काफी पेड़ काटे जा रहे हैं। यदि सभी लोग सिर्फ गर्मी के मौसम के अंदर ही सोलर कुकर का उपयोग करना आरम्भ करदें तो काफी पेड़ पौधों को कटने से ‌‌‌रोका जा सकता है। इतना ही नहीं पर्यावरण को संतुलित करने मे पेड़ पौधों का बहुत बड़ा योगदान होता है।

सोलर कुकर के लाभ High-performance प्राप्त करने मे सक्षम होते हैं सोलर कुकर

वैक्यूम ट्यूब कुकर 290 ° C (550 ° F) से अधिक तापमान प्राप्त कर सकते हैं। उनका उपयोग मीट को भूनने, हलचल-तलना सब्जियों, सूप बनाने, रोटी सेंकने और मिनटों में पानी उबालने के लिए किया जा सकता है।

‌‌‌सोलर कुकर के नुकसान

‌‌‌सोलर कुकर के नुकसान

सोलर कुकर के फायदों के बारे मे हमने उपर जाना । अब हम बात करने वाले हैं कि सोलर कुकर के नुकसान क्या हो सकते हैं ?सोलर कुकर के साथ भी बहुत सी समस्याएं जुड़ी हुई हैं। और उन्हीं समस्याओं की वजह से सोलर कुकर उतने लोकप्रिय नहीं हो सकेंगे हैं।

‌‌‌ सोलर कुकर के लाभ आंखों के लिए सही नहीं

दोस्तों सोलर कुकर आंखों के लिए सही नहीं होता है। यह सूर्य की बीम को एकत्रित करने का काम करता है।यदि गलती से यह सूर्य की बीम आंखों से टकरा जाती है तो आपके आंखों की रोशनी जा सकती है। जब भी आप सोलर कुकर खरीदें । एक बार उसके उपयोग को पुस्तक के अंदर देखें और फिर ही उसका ‌‌‌यूज करना चाहिए ।

‌‌‌बरसाती दिनों के अंदर इसका उपयोग नहीं कर सकते

दोस्तों आपको तो पता ही है कि सौर कुकर केवल तभी काम करता है जब सूर्य की रोशनी हो । यदि किसी दिन बारिश का मौसम है और सूर्य की रोशनी नहीं होगी । ऐसी स्थिति के अंदर सौलर कुकर काम नहीं करेगा ।

‌‌‌यह प्राथमिक भोजन पकाने का उपकरण नहीं हो सकता

दोस्तों यदि आप सोलर कुकर को प्राथमिक भोजन पकाने के उपकरण के रूप मे रखने की सोच रहे हैं तो ऐसा नहीं हो सकता है।क्योंकि यह मौसम पर निर्भर होने की वजह से खराब मौसम मे आपको भोजन पकाने के लिए गैस पर निर्भर रहना होगा ।

‌‌‌भोजन पकने मे काफी समय लगता है

दोस्तों सोलर कुकर के साथ एक समस्या यह है कि इसमे भोजन पकने मे बहुत समय लगता है। यदि आपके पास कम समय है तो आप इसका उपयोग नहीं कर सकते हैं। और कुछ लोगों को गैस पर खाना पकाने की आदत है ऐसी स्थिति मे उनको अजीब लग सकता है।

‌‌‌अधिक लोगों के लिए अनुपयुक्त

यदि आपके परिवार के अंदर एक या दो सदस्य हैं तो आप सोलर कुकर का प्रयोग करके भोजन बना सकते हैं।लेकिन आपके परिवार मे अधिक सदस्य हैं तो आप इसकी मदद से भोजन नहीं बना सकते । क्योंकि इसमे आपको बहुत समय लग सकता है जो हर किसी के पास नहीं होता है।

‌‌‌कांच के रिफलेक्टर का टूटने का खतरा

दोस्तों सौर कुकर के अंदर कांच की संरचना होती है।यदि आप इसको ध्यान से नहीं रख पाते हैं तो कांच की इस संरचना के टूटने का खतरा बढ़ जाता है। और एक बार यदि यह टूट जाते हैं तो इनको रिप्लेस करना बहुत कठिन होता है। ‌‌‌इसी मामले मे एक यूजर ने अमेजन पर लिखा की उसके सोर कुकर का कांच टूट गया है और वह उसे कैसे रिप्लेस कर सकता है ? 

‌‌‌तेज हवा की स्थिति मे हीट का नुकसान

दोस्तों जब तेज हवा चलती है तो सोलर कुकर मे भोजन पकने की गति धीमी हो जाती है।क्योंकी हवा की वजह से हीट का सही उपयोग नहीं हो पाता है।और यदि हवा चल रही है तो बेहतर होगा कि आप सोलर कुकर का उपयोग ना करें ।

‌‌‌रात मे सोलर कुकर का उपयोग नहीं कर सकते

दोस्तों सोलर कुकर का उपयोग आप केवल दिन के अंदर ही कर सकते हैं। यदि आप इसको रात मे उपयोग करना चाहें तो आप नहीं कर सकते हैं। क्योंकि यह सूर्य की रोशनी मे काम करता है।

Non-commercial use

सोलर कुकर का उपयोग आप commercial रूप से नहीं कर सकते हैं। जैसे यदि आपकी कोई होटल है तो आप उसके अंदर इसका यूज नहीं कर सकते हैं। क्योंकि सोलर कुकर की कम क्षमता होने की वजह से यह उतना उत्पादन नहीं करेगा जितने की आपको जरूरत है।

सोलर कुकर के लाभ और हानि लेख के अंदर हमने यह जाना की सोलर कुकर का उपयोग आप घर पर कर सकते हैं। और यदि आप इंडिया के अंदर रहते हैं तो यहां पर बहुत अधिक तेज धूप रहता है। इतनी तेज धूप के अंदर इसकी दक्षता बहुत अधिक बढ़ जाती है। ‌‌‌हमारे राजस्थान के ईलाके के अंदर तो सबसे अधिक धूप रहती है। यदि यहां पर तो जमीन पर ही आमलेट बना लेते हैं लोग, तो सोलर कुकर का प्रयोग तो बहुत अधिक फायदे मंद रहता है।

‌‌‌जहां तक मेरा मानना है कि यह गर्मी के दिनों मे सबसे बेस्ट है। लेकिन यदि बात करें शर्दी की तो तब यह उपयुक्त नहीं है। लेकिन गर्मी के दिनों मे आप इसका यूज बहुत अच्छे ढंग से कर सकते हैं।

‌‌‌यह लेख आपको कैसा लगा नीचे कमेंट करके हमे बताएं । यदि आपकी कोई समस्या हो तो नीचे कमेंट करें ।

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।