dayan kya hoti hai? डायन या डाकन के हैरान करने वाले रहस्य

डायन क्या होती है, or dayan kya hoti hai डायन या डाकन के बारे मे आपने बखूबी सुना होगा । डायन शब्द  हमारे दिमाग मे आते ही हम समझने लगते हैं। कि डायन एक भूत होता है। लेकिन वास्तव मे ऐसा नहीं है। डायन एक भूत नहीं होता है। वरन डायन एक महिला होती है ।‌‌‌डायन शब्द लगभग भारत के हर हिस्से के अंदर प्रचलित है। यह शब्द कैसे प्रचलित हुआ ? क्या डायन सच मे ही होती है ? कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिन पर हम इस लेख के अंदर विस्तार से चर्चा करेंगे । और डायन के बारे मे पूरी गहराई से जानेंगे ।

‌‌‌ध्यान दें इस लेख को लिखने का मकसद मात्र जानकारी देना है । यदि आप इस लेख को पढ़कर किसी के साथ गलत करते हैं तो उसके जिम्मेदार आप खुद होंगे । न कि यह वेबसाइट या लेखक ।

dayan kya hoti hai

‌‌‌ dayan kya hoti hai डायन या डाकन क्या होती है ?

‌‌‌डायन क्या होती है ? आपके मन मे पहला यही सवाल उठ रहा होगा तो आपको बतादें कि विभिन्न मान्यताओं के अनुसार डायन एक महिला होती है। और आमतौर पर वह एक जिंदा महिला होती है। एक कुंवारी लड़की को डायन नहीं माना जाता है।‌‌‌जब किसी महिला की शादी हो जाती है। और उसके बाद उसके बच्चे नहीं होते तो वह डायन बन जाती है। लेकिन वास्तव मे यह सच नहीं था । डायन बनने का संबंध बच्चे न होने से प्राचीन काल मे रहा होगा लेकिन हर महिला ऐसा नहीं करती थी ।

‌‌‌यदि हम यह कहें कि डायन एक ऐसी महिला होती है जो जादुगरानी होती है और बच्चे पाने के लिए या ऐसे ही डायन साधना करके डायन बन जाती है। या उसके अंदर अलौकिक पॉवर आ जाता है।

‌‌‌डायन और चूड़ैल मे क्या अंतर है ? dayan aur chodail me kya antar hai?

दोस्तों जहां तक मुझे ज्ञात हो सका है। डायन एक जिंदा महिला होती है। लेकिन चूड़ैल एक मरी हुई महिला होती है। चुड़ैल एक आत्मा होती है। लेकिन डायन एक आत्मा नहीं होती है। हालांकि चुड़ैल और डायन मे कुछ समानताएं हैं। जैसे चुड़ैल अपना रूप बदल सकती है तो डायन भी ‌‌‌एक सीमा तक ऐसा कर सकती है।

‌‌‌डायन या डाकन की उत्पति dayan ya daakan kee utpatti

वैसे डायन की उत्पति के बारे मे सही सही ज्ञात नहीं है। लेकिन प्राचीन काल के अंदर यह प्रथा बहुत आम प्रथा थी । हालांकि इसके पीछे के सच के बारे मे हम बाद मे बात करेंगे । विकिपिडिया के अनुसार सन 1953 से पहले ही डायन शब्द प्रचलन मे आ चुका था । सन 1953 के अंदर मेवाड़ के ‌‌‌महाराणा ने डायन प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया था ।

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वेबसाइट के अनुसार डायन शब्द या डायन का अस्ति्व 15 वीं शताब्दी के अंदर महाराष्ट्र के लातूर नामक जिले के हारांगुल गांव से डायन प्रथा की शूरूआत हुई थी । और बाद मे यह भारत के दूसरे गांवों के अंदर कैसे फैली इस बारे मे कोई जानकारी नहीं है।

‌‌‌प्राचीन काल के अंदर डायन या डाकन से जुड़ी अनेक लोककथाएं मौजूद हैं। हालांकि उनमे से कोई भी लोक कथा सच नहीं है। किंतु पीढ़ीदर पीढ़ी उनको सुनाया जाता रहा है। इसी संबंध मे मैं आपको एक लोक कथा बताना चाहूंगा ।‌‌‌जो डायन के सबंध मे मैंने अपनी पूर्व दादी मां से सुनी थी । इस कथा के अनुसार एक बार एक महिला का बच्चा  मर गया था । उसके बाद बच्चे के घरवालों ने उसको श्मसान मे गाड़ दिया । उस समय राजस्थान के अंदर लोग उंटो पर रात को यात्रा करते थे ।

‌‌‌एक डायन जिसने बच्चे को मारा था । वह रात को 12 बजे दूसरे दिन श्मसान गई और बच्चे को जिंदा करके खिलाने लगी । जब हमारे पास के श्मसान से रात मे दो राहगिर उंट से गुजर रहे थे तो उन्हें बच्चे के खिलाने की आवाज सुनी ।उसके बाद वे उंट को रोक कर श्मसान मे गए और डायन को भगा दिया । ‌‌‌व बच्चे को ले आए गांव आकर बच्चे को वापस घरवालों को सौंप दिया । हालांकि इसमे कितनी सच्चाई है। कुछ कहा नहीं जा सकता । क्योंकि प्राचीन काल के अंदर चमत्कार की कहानियां सुनाई जानी आम बात थी।

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‌‌‌इसी संबंध मे मैं आपको एक अन्यू लोक कथा सुनाना चाहूंगा । जो Miran गांव जो राजस्थान के अंदर पड़ता है वहां की लोक कथा है। जिसको बहुत से लोग रियल मानते हैं।

‌‌‌इसी गांव के अंदर एक महिला रहा करती थी । हालांकि मुझे उसका नाम कोई नहीं बता सका । कथा के अनुसार महिला के 7 पुत्र थे ।उस महिला के बारे मे सब को पता था कि वह डायन है। एक दिन गांव के अंदर ही किसी को दो पुत्र हुए । जब वे लड़के थोड़े बड़े हुए तो इतेफाक से वह डायन उनके घर आ गई और दोनों मे से एक ‌‌‌पुत्र को गोद मे लेकर खिलाने लगी । और कुछ समय खिलाने के बाद उसे छोड़कर वहीं चली गई। बाद मे वह बच्चा मर गया और घरवालों ने उसे श्मसान के अंदर दफना दिया । डायन रात के अंदर श्मसान मे जाती और मरे हुए बच्चे को खिलाती । बच्चे रोने की आवाज कई लोगों ने सुनी लेकिन किसी ने गौर नहीं किया ।

‌‌‌उसके बाद एक दिन वह डायन फिर उसी घर के अंदर आई और फिर एक बचे बच्चे को खिलाने लगी । अबकी बार भी उसने बच्चे को वैसे ही मार दिया । हालांकि घर वालों को पता चल चुका था कि उस डायन ने ही बच्चे को मारा है। तब वे एक तांत्रिक को लेकर आए।

‌‌‌तांत्रिक ने भी वही बताया जो घरवाले पहले से जानते थे । उसके बाद तांत्रिक अपनी बात को सिद्व करने के लिए रात मे उस वक्त श्मसान मे सबके साथ गया जब डायन बच्चे को खिला रही थी । उसने सबको दिखा दिया कि डायन ने ही बच्चे को कलेजा निकाल कर मार दिया है। इस कहानी के अंदर बच्चा वापस जिंदा नहीं ‌‌‌होता है। उसके बाद महिला की बहुओं ने अपने पतियों से कहा कि आपकी मां डायन है। लेकिन बेटों ने किसी की भी बात नहीं मानी ।

फिर एक दिन जब डायन रूप बदलकर कहीं गई थी तो उसके कपड़ों को बहुओं ने छुपा दिया था । उसके बाद जब डायन मांस खाने के लिए किसी दूसरे के घर मे बिल्ली के रूप मे थी तो उसका मुंह ‌‌‌जल गया । जब वह बिल्ली बनी वापस आई तो उसे अपने कपड़े नहीं मिले तो माउं मांउ करती घूमने लगे । तब बहुओं को पता चल चुका था कि उनकी सासू मां आ चुकी हैं। उन्होंने कपड़े बाहर फेंक दिये । तब डायन ने अपना रूप बदल लिया और वापस औरत बन गई।

‌‌‌यदि आप अपने आस पास इस प्रकार की स्टोरी सर्च करेंगे तो बहुत मिल जाएगी । इन स्टोरी के आधार पर आइए जान लेते हैं कि आखिर डायन की उत्पति कैसे हुई होगी और उसकी संभावनाओं पर विचार करते हैं।‌‌‌डायन कहीं ना कहीं रियल घटनाओं से जुड़ी है और डायन प्रथा डायन का गलत रूप है।

आपको बतादें कि प्राचीन काल के अंदर हो सकता है। डायन रहीं होगी लेकिन डायन प्रथा डायन की उत्पति के बाद अस्ति्व के अंदर आई है। ‌‌‌ऐसा हुआ है कि जब डायन के प्रकोप से लोग बहुत ज्यादा परेशान हो गये तो उन्हें जो भी महिला डायन लगी उनको मारना शूरू कर दिया । जिसको डायन प्रथा करार दिया गया ।‌‌‌कोई भी प्रथा जब अस्ति्व के अंदर आती है तो उसका कोई ना कोई आधार जरूर रहता है। इसके अलावा डायन की उत्पति को इस वजह से भी बल मिला क्योंकि प्राचीन काल के अंदर पुत्र को बहुत अधिक महत्व दिया जाता था । और हो सकता है महिलाएं पुत्र पाने के लिए ऐसा करती होगी ।

‌‌‌ dayan kya hoti hai क्या डायन अब भी मौजूद है ? क्या डायन पहले होती थी ?

बहुत लोगों के मन मे यह सवाल आता होगा कि क्या डायन आज भी मौजूद है? इस प्रश्न का उत्तर देना कठिन है। लेकिन मुझे जो लग रहा है। वह यह है कि डायन जैसी कोई चीज आज मौजूद नहीं है। ‌‌‌ऐसा कहने की वजह यह है कि आज हम लोग कोई भी ऐसी कथा नहीं सुनते हैं जो डायन से जुड़ी हो हां कुछ ऐसी कहानियां जरूर सुनते हैं जो रियल हैं। वो वास्तव मे डायन नहीं वरन डायन प्रथा है। ‌‌‌आपको डायन प्रथा और रियल डायन के अंदर फर्क समझना होगा । दरसअल डायन प्रथा के अंदर किसी महिला को डायन बताकर प्रताड़ित किया जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार अब तक डायन प्रथा के नाम पर 1000 महिलाओं को मारा जा चुका है।

‌‌‌अब हमारा दूसरा प्रश्न है जिसका उत्तर हम आपको बतादें कि पहले डायन वास्तव मे हुआ करती थी । यह सच है ऐसा कहने की वजह है कि भारत के अनेक हिस्सों के अंदर प्रचलित लोक कथाएं और कुछ तो ऐसी कथाएं हैं जिनका अनुभव  करने वाले भी जिंदा हैं। और इतना तो आप ही जानते होंगे कि कोई भी चीज जिसका कोई‌‌‌अस्ति्व नहीं है ।वह हर जगह पर नहीं फैल सकती है। झूठ लंबे समय तक टिक नहीं पाता है। बहुत से लोग यह भी मानते हैं कि डायन एक अधंविश्वास था ।

लेकिन उनको नहीं पता कि डायन अंध विश्वास नहीं वरन सच था । हां अब यह सच नहीं रहा है। यदि आप नजर लगने मे विश्वास करते हैं तो आपको पता होगा कि ‌‌‌महिलाओं की नजर ही क्यों लगती है ? यह नजर लगना भी एक डायन से जुड़ा तथ्य है। डायन इसी हथियार का प्रयोग बच्चे को मरने मे करती थी । कुछ महिलाएं आज भी ऐसी होंगी जो अपनी नजर के बुरे प्रभाव से किसी को बिमार बना सकती हैं।

‌‌‌डायन से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य

अब चलिए प्राचीन काल की स्टोरी के हिसाब से हम आपको डायन से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य के बारे मे भी बतादें जिससे आपको पता चलेगा कि डायन कैसी होती थी और डायन के पास कैसी काली ताकते होंती थी ?

‌‌‌डायन पर कायाप्रवेश मे परांगत होती थी

अनेक लोक कथाओं के अंदर इस बात का जिक्र मिलता है कि डायन परकाया प्रवेश के अंदर परांगत होती थी । वे आसानी से किसी भी रूप मे आ सकती थी । हालांकि मेरे हाथ लगी लोक कथाओं के अंदर डायन को सिर्फ बिल्ली के शरीर के अंदर ही बताया गया है। संभव है वह किसी और काया ‌‌‌के अंदर भी प्रवेश कर सकती हो । परकाया प्रवेश एक विधि होती है। जिसमे इंसान अपने शरीर को छोड़कर दूसरे शरीर के अंदर अपनी आत्मा को ले जा सकता है।

‌‌‌डायन को बच्चे से प्रेम होता था।

लगभग सारी लोक कथाओं के अंदर आपको इस बात का जिक्र मिलेगा कि डायन बच्चे को ले जाती थी और उसे मार देती थी । जिससे यह साबित हो जाता है कि प्राचीन काल के अंदर वे ही महिलाएं डायन बनती होगी जिनको बच्चों से काफी प्रेम रहा होगा ।

‌‌‌डायन काले जादू के अंदर परांगत होती है

आपको बतादें की डायन काले जादू के अंदर परांगत होती है। काले जादू की मदद से वह आसानी से किसी का भी अहित कर सकती है। काले जादू को सीखने के लिए पहले उसे कठोर साधना करनी पड़ती है। और इसके लिए किसी तांत्रिक की आवश्यकता होती है। उसकी की देख रेख मे यह सब ‌‌‌किया जाता है।

‌‌‌क्या विधवा या निंसतान महिलाएं प्राचीन काल मे डायन होती थी ?

बहुत से लोग यह मानते हैं कि प्राचीन काल के अंदर ऐसी महिलाएं डायन बन जाती थी जो  विधवा होती थी और निसंतान होती थी । लेकिन वास्तव मे यह सब गलत है। कोई भी महिला जो तांत्रिक सिद्वि प्राप्त कर लेती थी । वही डायन बनती थी उसका ‌‌‌विधवा या निसंतान से कोई कनेक्सन नहीं था ।इस बात की पुष्टी लोक कथाओं के अंदर होती है।

‌‌‌डायन रक्त पिती थी

बहुत से लोगों का यह मानना है कि प्राचीन काल के अंदर डायन रक्त  पिती थी । उनका कहना सही जान पड़ता है। अधिक स्टोरी के अंदर डायन को रक्त पिने वाली महिला के रूप मे चित्रित किया गया है। जिससे यह साबित होता है कि हो सकता है डायन ऐसा करती होगी ।

‌‌‌डायन लोगों को प्रेम जाल मे फंसाती थी

हारांगुल  की स्टारी यदि आप पढ़ेंगे तो आपको डायन का एक अलग ही रूप नजर आएगा । इस गांव के अंदर डायन सबसे पहले पैदा हुई थी । इस गांव मे डायन पर एक फिल्म भी बन चुकी है।‌‌‌स्टोरी के अनुसार कुछ महिलाएं पहले तांत्रिक क्रियाएं सीख गई और उसके बाद पूरे गांव की महिलाओं को डायन मे बदल दिया । पहले यह गलत काम केवल रात के अंदर होता था । लेकिन बाद मे यह दिन मे भी होने लगा । डायन जवान लड़कों को अपने प्रेमजाल के अंदर फंसाती और ‌‌‌उनको बाद मे खून चूस कर मारकर पेड पर लटकादेती। तब जब डायनों का अत्याचार बढ़ गया तो गांव के लोगों ने डायनों को जिंदा जला दिया ।‌‌‌मरने से पहले डायनों ने कहा था कि वे जल्दी ही वापस आएंगी । आज भी वहां पर रात को पेड़ के पास सोना मना है। पेड़ के अंदर थुका भी नहीं जाता है। अब भी उन डायनों का वहां पर खौफ है।

‌‌‌डायन कैसे बनती है ?

डायन साधना
डायन साधना

डायन कैसे बनती है । इस प्रश्न का सही सही उत्तर हमारे पास नहीं है। लेकिन कुछ वेबसाइटों के अंदर यह लिखा हुआ है कि डायन काले जादू की कुछ ऐसी विधियों का प्रयोग करती है जो लुप्त हो चुकी है।‌‌‌कई जगह जहां पर डायन बनाने की सूचना पुलिस को मिली है। वहां पर कई तरह की अजीबो गरीब चीजे बरामंद भी की गई हैं। इन चीजों के अंदर नर कंकाल, हड्डियां, भभूत चाकू , गुड़िया , पुतले आदि ।

‌‌‌ऐसा माना जाता है कि डायन बनने के लिए डायन साधना करनी होती है। और इस साधना के अंदर महिलाएं किसी तांत्रिक की मदद लेती हैं। और श्मसान के अंदर विशेष पूजा की जाती है। और यह पूजा होली दिवाली पर होती है। जो महिलाएं डायन बनती हैं वे नग्न होकर नाचती हैं।

‌‌‌डायन साधना कैसे होती है ? इस पर मुझे जानकारी नहीं मिल सकी है। यदि जानकारी मिलेगी तो इस बारे मे भी हम आपको पूरे विस्तार से बताएंगे । यह लेख आपको कैसा लगा नीचे कमेंट करके बताएं।

This Post Has One Comment

  1. raju

    badiya post hai sir

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।