करंट लगने पर कैसा महसूस होता है करंट लगने का अनुभव

‌‌‌क्या आप जानते हैं करंट लगने पर कैसा महसूस होता है ?  करंट लगने के बाद के अनुभव करंट के बारे मे हम सभी जानते ही हैं।इलेक्ट्रॉन का प्रवाह ही करंट होता है।घर के अंदर हम सभी बिजली का प्रयोग करते हैं और यदि कई बार बिजली के नंगे तार को छू लेते हैं तो झटका भी लगता है।

‌‌‌करंट को मापने का मात्रक एम्पीयर होता है। करंट की सबसे खास बात यह होती है कि यह कम प्रतिरोध की दिशा मे अधिक जाता है और प्रतिरोध अधिक होने पर करंट का मान बढ़ जाता है। इसके अलावा एक वोल्ट भी होता है। घरों के अंदर जो हमे पॉवर सप्लाई मिलती है वह 240 वोल्ट की होती है।

‌‌‌वैसे यह ऐसी सप्लाई होती है। यदि एक बार किसी को करंट आ भी जाए तो वह जल्दी से इसके चिपकता नहीं है। कारण यह है कि करंट वन और जीरो होता रहता है लेकिन यदि सप्लाई डीसी है तो फिर करंट से यदि कोई चिपक जाता है तो उसके बाद उतरना काफी मुश्किल हो जाता है।

करंट लगने पर कैसा महसूस होता है

‌‌‌वोल्ट डिसी सप्लाई भी काफी घातक साबित होती है।हालांकि घरों के अंदर जो सप्लाई प्रयोग मे होती है वह ऐसी ही होता है। कारण यह है कि डीसी मे लोस अधिक होता है । घर तक उसके पहुंचने पर काफी लोस हो जाती है।

‌‌‌कई बार जब हमें करंट लगता है तो शरीर के अंदर झनझनी सी होती है। इस वजह से हम काफी सोच मे पड़ जाते हैं कि ऐसा किस वजह से होता है।इस ब्रह्मांड में सभी वस्तुएं एटम्स से बनी हुई हैं। और हमारे शरीर के अंदर इलेक्ट्रोन और प्रोटोन समान संख्या मे होने की वजह से एटम स्थिर रहते हैं लेकिन करंट लगने पर ‌‌‌इलेक्ट्रोन स्थिर नहीं रह पाते हैं जिससे शरीर के अंदर झुनझुनी होती है।

करंट लगने पर कैसा महसूस होता है ? यह जानने के लिए कभी भी करंट के अंदर हाथ नहीं डालना चाहिए । वरना आपकी जान भी जा सकती है। और शरीर के अंग भी डेमेज हो सकते हैं। ‌‌‌कई लोग गलती से करंट के शिकार हो जाते हैं।तो कुछ लोग जानबूझकर करंट के अंदर अपना हाथ डालते हैं।

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करंट लगने पर कैसा महसूस होता है

करंट लगने पर कैसा महसूस होता है ? इस सवाल का जवाब केवल वही इंसान दे सकता है जिसको करंट लगा हुआ है।वैसे हम आपको बतादें कि हमको कई बार करंट लग चुका है। और इसका हमे अच्छी तरह से अनुभव है। असल मे सबसे पहले हमे करंट तब लगा जब हम एक होल्डर को सही कर रहे थे तो एक मामूली तार कटा हुआ था। ‌‌‌वह पता नहीं हमारे हाथ के उपर कैसे लग गया और हमे काफी झटका लगा । ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई सूई रूक रूक कर तेजी से हमें खींचने का प्रयास कर रही है। हालांकि करंट लगने पर दर्द जैसा महसूस नहीं होता है। क्योंकि सुन्न होने से इसका आभास नहीं होता है।

‌‌‌और सबसे बड़ी बात यह है कि करंट लगने के बाद आपका आपके हाथ पर सही नियंत्रण नहीं रह पाता है।करंट यदि ऐसी है तभी आपको रूक रूक कर सुई के चुभने जैसा एहसास होता है।

‌‌‌दूसरी बार जब करंट लगा था तब मैंने खुद ही अपनी उंगली को होल्डर के अंदर डाल दिया था। उसके बाद मुझे काफी जोर का झटका लगा । हालांकि इससे हुआ कुछ नहीं वही पहले वाला एहसास था।

और तीसरी बार बाइक का करंट लगा । असल मे डीसी 12 वोल्ट भी काफी घातक होता है। इसका एहसास मुझे हुआ । एक बार जब मैं बाइक को ‌‌‌सही कर रहा था तो किक मारा और प्लग को जैसे ही छूआ काफी तेज छटका लगा लेकिन इसके अंदर अलग तरह का एहसास था। यहां पर सूई के रूक रूक के चुभने जैसा नहीं महसूस हुआ । वरन एक साथ ही चुभन का महसूस हुआ ।

 ‌‌‌इसी प्रकार से एक अन्य व्यक्ति ने अपने करंट के अनुभव को शैयर करते हुए बताया कि जब वह बिजली के खंभे के उपर चढ़ रहा था तो गलती से वायर को टच हो गया जिससे की काफी जोदरार झटका लगा और एक बार जब बिजली का झटका लग जाता है तो फिर इंसान पूरी तरह से बैलेंस मे नहीं रह पाता है जिससे खंभे से नीचे गिर ‌‌‌गया हालांकि वह जिंदा बच गया लेकिन एक हाथ का काफी हिस्सा जल भी गया ।

‌‌‌वैज्ञानिकों के अनुसार जब हम किसी वायर को टच करते हैं तो हमारी बॉडी के अंदर नगेटिव इलेक्ट्रॉन होते हैं तो बॉडी के अंदर पॉजिटिव इलेक्ट्रॉन होते हैं । इसी वजह से नगेटिव इलेक्ट्रॉन जब शरीर से अलग होते हैं तो करंट जैसा महसूस होता है।

‌‌‌इसके अलावा जब शरीर के अंदर करंट लगता है तो तेजी से पानी की कमी होती है। क्योंकि करंट पानी को  नष्ट कर देता है। और उसके बाद जैसे जैसे पानी कम होता है। खून गाढ़ा हो जाता है और वह शरीर के अंदर फलो करना बंद कर देता है। जिससे इंसान की मौत हो जाती है।

‌‌‌और इससे भी बड़ी बात गाढ़ा खून शरीर के अंदर ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं करपाता है।जिससे बहुत ही जल्द शरीर के अंग मर जाते हैं।और अंत मे इससे इंसानी की मौत तो होनी ही है।

‌‌‌अक्सर अपने फिल्मों मे यह देखा होगा कि एक व्यक्ति को बिजली के झटके लगते हैं। उसके बाल खड़े होते हैं कानों से धुंआ निकलता है। और उसके बाद वह बेहोश हो जाता है । हालांकि यह बस एक मजाक होता है। असल के अंदर यदि किसी को इतना करंट आ जाए तो वह जिंदा बच ही नहीं सकता है।

‌‌‌वैसे आपको बतादें कि इंसान को मारने या नुकसान पहुंचाने मे वोल्टेज का अधिक रोल नहीं होता है।कम से कम 42 वोल्ट इंसान के लिए घातक होता है। लेकिन जब तक करंट प्रवाहित नहीं होता है। वोल्टेज घातक नहीं हो सकता है।

‌‌‌यदि आप किसी एक तार के उपर लटकते हैं और जमीन को टच नहीं करते हैं तो फिर आपके शरीर मे वोल्टेज तो रहेगा लेकिन करंट का असर आप पर नहीं होगा क्योंकि करंट प्रवाहित नहीं होगा। तार पर बैठे रहने वाले पक्षियों को इसी वजह से कुछ नुकसान नहीं होता है।

‌‌‌हमारे शरीर का प्रतिरोध 500 ohms होता है।10 mA या 0.01 A का करंट एक गंभीर झटका देता है, लेकिन यह घातक नहीं होगा।10 mA तक का करंट भी मारने के लिए काफी होता है।यदि करंट कम है तो यह मारे दिल तक नहीं पहुंच पाएगा क्योंकि दिल के आस पास मांसपेशियों का प्रतिरोध काफी अधिक होता है।

 लेकिन यदि करंट 1 A से अधिक बढ़ जाता है तो मांसपेशियों के अंदर संकुचन आरम्भ हो जाता है और उसके बाद हर्ट भी रूक रूक कर चल सकता है। यदि जल्दी ही उपचार नहीं किया गया तो मौत हो सकती है। 2 A से अधिक का करंट यदि इंसान को लग जाता है तो उसकी मौत हो सकती है। और वह बेहोश हो जाता है।अंदर भयानक जलन हो सकती है।

‌‌‌कितना करंट इंसान के लिए घातक हो सकता है ? 1889

By Cmglee – Own work, CC BY-SA 3.0,wiki

‌‌‌वैसे तो हम उपर करंट के बारे मे बता चुके हैं। लेकिन हम यहां पर 1889 मे छपे एक पेपर की कुछ बाताओं का उल्लेख करना चाहेंगे ताकि आप करंट कितना घातक होता है ? इसके बारे मे समझ सकें ।

  • एसी -1: अतीन्द्रिय
  • एसी -2: प्रत्याक्ष लेकिन कोई मांसपेशी प्रतिक्रिया
  • एसी -3: प्रतिवर्ती प्रभाव के साथ मांसपेशियों में संकुचन
  • एसी 4: संभव अपरिवर्तनीय प्रभाव
  • एसी 4.1: ऊपर 5% निलय सम्बन्धी तंतुविकसन की संभावना
  • एसी 4.2: 5 -50% फाइब्रिलेशन की संभावना
  • AC-4.3: फाइब्रिलेशन की 50% से अधिक संभावना

यदि हृदय की मांसपेशी से करंट प्रवाहित होता है, तो यह घातक होने की अधिक संभावना है।

नवंबर, 1967 को, लॉस एंजिल्स की एक घटना के अनुसार सत्रह वर्षीय ब्रायन Latasa में एक अति उच्च वोल्टेज लाइन के टावर पर एक 230,000 वोल्ट के झटके से हवा मे उछल गया और इस दौरान वह अपने शरीर के 40 प्रतिशत हिस्से को पूरी ‌‌‌तरह से जला चुका था। हैरी एफ मैकग्रे को मिली, जो हंटिंगटन कैनियन, यूटा में 340,000 वोल्ट ट्रांसमिशन लाइन के संपर्क में आए थे ।

‌‌‌इलेक्ट्रीक मैन की कहानी

आपने स्पाइडर मैन की कहानी सुनी होगी बैटमैन की कहानी सुनी होगी लेकिन ‌‌‌इलेक्ट्रीकमैन वो भी रियल के अंदर नहीं देखा होगा। असल मे ‌‌‌इलेक्ट्रीकमैन कुछ ऐसे इंसान होते हैं जिनका करंट कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता है। इस प्रकार के इंसानों को यह ताकत ईश्वर से मिली होती है। ‌‌‌अक्सर आपने भी ऐसे इंसानों के बारे मे सुना होगा जोकि बिजली के नंगे तार को बिना किसी सुरक्षा के छू लेते हैं।

‌‌‌जफर इकबाल

जफर इकबाल पाकिस्तान का रहने वाला है।यह इलैक्टि्रक मैन है। और यह बिजली के नंगे तार को आसानी से अपने हाथों से छू लेता है। इसको किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती है। यही कारण है कि अब लोग इनको इलेक्टि्रक मैन के नाम से बुलाते हैं। ‌‌‌पाकिस्तान के अंदर यह किसी भी सैलिब्रेटी से कम नहीं हैं।यह बताते हैं कि जब 10 साल के थे तो गलती से बोर्ड के अंदर हाथ चला गया था लेकिन उसके बाद भी उनको कुछ नहीं हुआ इससे उनको पता चला कि उनके अंदर कुछ खास है।

42 वर्षीय नरेश कुमार

वैसे तो पुरी दुनिया के अंदर कुछ ऐसे इंसान हैं जिनके उपर इलेक्टि्रक करंट असर नहीं करता है। इन्हीं नामों के अंदर आते हैं नरेश कुमार । इन सख्स की खास बात यह है कि इनके उपर 440 वोल्ट करंट भी किसी तरह का कोई भी असर नहीं करता है। जिसकी वजह से इनको इलेक्टि्रक मैन के नाम ‌‌‌से जाना जाता है।

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर के थाना सिविल लाइन क्षेत्र में रहने वाले 42 वर्षीय नरेश कुमार अपने हैरतअंगेज कारनामे की वजह से चर्चाओं में है।नरेश कुमार ने बताया कि एक बार जब वे किसी बॉडी का पोस्टमार्टम कर रहे थे तभी उनको 440 वोल्ट का झटका लगा और वे दूर जा गिरे उसके बाद उन्हें करंट ‌‌‌लगना ही बंद हो गया अब वे करंट के नंगे तार को आसानी से छू लेते हैं।

नरेश कुमार को पहले पहले इन सब पर विश्वास नहीं हुआ लेकिन अब उनको पूरा विश्वास हो चुका है। वे बिजली के नंगे तारों को आसानी से छू लेते हैं। अपने ही शरीर के टेस्टर लगाकर चैक भी कर लेते हैं कि करंट है या नहीं । उनके घर वाले भी इसको लेकर काफी खुश हैं।

राजमोहन नायर

राजमोहन नायर भी उन लोगों मे से एक हैं जोकि 500 वोल्ट के करंट के झटके को आसानी से सहन कर लेते हैं। इनका करंट कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता है।स्टैन लीज सुपरह्यूमन्स नामक एक शो के अंदर यह अपना कारनामा दिखा चुके होते हैं। और यह अपने पूरे शरीर के उपर तार को लपेटते हैं और उसके बाद बल्ब जलाकर दिखाते हैं। ‌‌‌राजमोहन ने बताया कि जब उनकी मां की मौत हो  गई तो वे बिजली के तारों पर चढ़े और उसके बाद सुसाइड करने के लिए जैसे ही तारों को पकड़ा उनको कुछ भी नहीं हुआ । जिससे वे हैरान रह गए और उसके बाद उन्होंने सोचा कि भगवान ने उनको स्पैसल पॉवर दी है। इसलिए सुसाइड का विचार त्याग दिया ।

इलेक्ट्रीक मैन की कहानी तो आपने सुनी है। लेकिन यह लोग ऐसा कैसे कर लेते हैं ? इसके बारे मे कोई जानकारी नहीं है। असल मे दुनिया के अंदर ऐसे अनेक रहस्य मौजूद हैं जोकि इंसान की समझ से परे के हैं। हालांकि इन पर वैज्ञानिक रिसर्च करने की आवश्यकता है। एक जानकारी के अनुसार ‌‌‌इस प्रकार के इंसानों का प्रतिरोध बहुत ही अधिक होता है।ऐसी स्थिति के अंदर इनके शरीर से करंट पास नहीं हो पाती है और इनको कुछ भी नहीं होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस प्रकार के इंसानों का प्रतिरोध सामान्य इंसानेां की तुलना मे 10 गुना अधिक होता है। यही वजह है कि 500 वोल्ट के करंट से इनके ‌‌‌मरने की संभावना काफी कम होती है।

‌‌‌हालांकि इस प्रकार के इंसान काफी दुर्लभ होते हैं।इसमे से कुछ इंसानों के अंदर यह प्रतिभा जन्मजात होती है तो कुछ के अंदर बाद मे विकसित होती है।‌‌‌वैसे पुरी दुनिया के अंदर बहुत सारे ऐसे इंसान आपको मिल जाएंगे जिनके उपर करंट का कोई भी असर नहीं होता है।हालांकि उनके बारे मे जानकारी निकालना काफी कठिन है।

Electric chair से इंसान को करंट देकर मारा जाता था

Electric chair की मदद से अपराधी को सजा दी जाती थी। और सजा का यह रूप आज बहुत ही कम प्रचलित रह गया है। इस प्रकार की कुर्सी का सबसे पहले प्रयोग अमेरिका के अंदर किया गया था। और मानव को मारने के लिए फांसी के विकल्प के रूप मे इसका प्रयोग हुआ था।

1890 ई के अंदर इस कुर्सी का पहली बार अमेरिका के अंदर प्रयोग किया था।इस कुर्सी पर सबसे पहले अपराधी को बांधा जाता था और उसके बाद काफी भयंकर झटका दिया जाता था। इससे बेहोशी उत्पन्न हो सकती थी । इसके अलावा कम शक्तिशाली झटका दिया जाता था जोकि घातक छति पहुंचाता है।‌‌‌हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका के अंदर इसक प्रयोग अब कम हो चुका है। क्योंकि यह तरीका मानवीय नहीं है।लेकिन अभी भी कुछ ऐसी जगह हैं जहां पर इस प्रकार के तरीके का प्रयोग किया जाता है जोकि काफी खतरनाक है।

Electric chair से इंसान को करंट देकर मारा जाता था

‌‌‌2021  मे इलेक्ट्रोक्यूशन अलबामा , फ्लोरिडा और दक्षिण कैरोलिना राज्यों में निष्पादन का एक वैकल्पिक रूप है,और जो कैदी इसको चुनने की अनुमति देते हैं। उनके लिए यह आज भी प्रयोग होता है।केंटकी नामक एक राज्य के अंदर यदि अपराधी इस विधि को चुनते हैं तो अच्छा है। नहीं तो उनको एक घातक इंजेक्सन की मदद ‌‌‌से मार दिया जाता है।

8 फरवरी, 2008 को, नेब्रास्का सुप्रीम कोर्ट ने निर्धारित किया कि इलेक्ट्रिक चेयर द्वारा फांसी राज्य के संविधान के तहत एक ” क्रूर और असामान्य सजा ” थी

‌‌‌एक उच्च वोल्टेज की मदद से किस प्रकार से इंसान की मौत होती है।इस संबंध मे उस समय काफी जानकारी अखबारों के अंदर छपी थी। यह बात है 1880 ई की । इसी प्रकार से एक शराबी ने शराब के नशे के अंदर जनरेटर के ब्रश को पकड़ लिया था जिससे उसे भयंकर करंट लगा और उसकी मौत हो गई। इसी को वैज्ञानिकों ने समझाने का ‌‌‌ प्रयास किया कि किस प्रकार से उच्च वोल्ट की मदद से मौत होती है।साउथविक ने चिकित्सक जॉर्ज ई ने कई सारे कुत्तों के उपर बिजली के झटके देने जैसे प्रयोग किये और अपने रिसर्च को अनेक पत्रपत्रिकाओं मे भी प्रकाशित करवाया था।

Electric chair का पहला प्रयोग

न्यूयॉर्क के नए इलेक्ट्रोक्यूशन कानून के तहत मरने वाला पहला व्यक्ति जोसेफ चैपलू था, जिसे अपने पड़ोसी की हत्या करने के लिए दोषी ठहराया गया था। जिस अगले व्यक्ति को मृत्युदंड दिया जाना था, वह विलियम केम्मलर था , जिसने अपनी पत्नी को हत्या करने के लिए दोषी ठहराया था । केम्मलर की ओर से कोर्ट के अंदर यह अपील की गई थी कि उन्हें यह सजा ना दी जाए क्योंकि यह एक अमानविय सजा है। लेकिन कोर्ट ने उनकी अपील को खारीज कर दिया था और कहा था कि सजा देना कोर्ट का कार्य है। 

30 जून, 1888, 
गेरी कमिशन द्वारा सुझाए गए 
इलेक्ट्रिक चेयर

6 अगस्त, 1890 को न्यू यॉर्क के ऑबर्न जेल में केमलर को मार दिया गया; “राज्य इलेक्ट्रीशियन” एडविन एफ डेविस थे। केमलर को 1000 वोल्ट का झटका 17 सैकिंड तक दिये गए । उसके बाद केमलर बेहोश हो गया लेकिन मरा नहीं । फिर केमलर को 2000 वोल्ट के झटके दिये गए । जिससे त्वचा के नीचे की रक्त वाहिकाएं फट गईं और खून बहने लगा, ‌‌‌कई पत्रकारों ने उल्लेख किया कि इंसान को मारने का यह फांसी से भी बहुत घटिया तरीका था।

इलेक्ट्रिक कुर्सी ओहियो (1897), मैसाचुसेट्स (1900), न्यू जर्सी (1906) और वर्जीनिया (1908) द्वारा अपनाई गई थी, और जल्द ही फांसी की जगह संयुक्त राज्य अमेरिका में फांसी की प्रचलित विधि बन गई । छब्बीस अमेरिकी राज्य, कोलंबिया जिला, संघीय सरकार और अमेरिकी सेना ने या तो किताबों पर इलेक्ट्रोक्यूशन से मौत की या विधि ‌‌‌का प्रयोग किया जिसकी वजह से अपराधी काफी डरा हुआ महसूस करने लगे ।

फिलीपींस भी 1987 के एक अच्छी तरह से प्रचारित ट्रिपल निष्पादन के लिए 1926 से बिजली की कुर्सी अपनाया था। और 1967 ई के अंदर अपहरण और हत्या के मामले मे एक वांछित एक अपराधी पर इस कुर्सी का प्रयोग किया  जाना था।

इथियोपिया ने अपराधियों को अंजाम देने के तरीके के रूप में इलेक्ट्रिक कुर्सी को अपनाने का प्रयास किया था। कहा जाता है कि सम्राट मेनेलिक II ने 1896 में एक मिशनरी के इशारे पर तीन इलेक्ट्रिक चेयर हासिल किए, लेकिन उपकरणों को काम नहीं दे सका क्योंकि उस समय उनके राष्ट्र के पास बिजली का एक विश्वसनीय स्रोत उपलब्ध नहीं था। ‌‌‌उसके बाद इन कुर्सी का प्रयोग बगीचे के अंदर फर्निचर के रूप मे इस्तेमाल किया जाने लगा ।

‌‌‌इलेक्टि्रक चैयर का वर्तमान मे प्रयोग

दोस्तों इलेक्टि्रक चेयर का वर्तमान मे प्रयोग लगभग खत्म हो चुका है। लेकिन अमेरिका के अंदर हाल ही मे 2020 के अंदर एक मामले मे कोर्ट ने कैदी को यह ऑफर दिया कि वह मरने के लिए घातक इंजेक्सन को चुन सकता है या फिर इलेक्टि्रक चैयर को चुन सकता है।

इलेक्टि्रक चैयर से मरने वाले लोगों की जानकारी

इलेक्टि्रक चेयर की मदद से इंसान को एक घातक शॉक दिया जाता है जिससे कि इंसान की मौत हो जाती है।

इलेक्टि्रक चैयर से मरने वाले लोगों की जानकारी
विलियम केम्मलर का निष्पादन 
, 6 अगस्त, 1890
  • सीरियल किलर लिजी हॉलिडे 1894 में इलेक्ट्रिक चेयर में मरने वाली पहली महिला थीं। जिसको पागल घोषित कर दिया गया था । और वह आजीवन कारावास की सजा काट रही थी।
  • March 20, 1899 को मार्थ एम प्लेस को अपनी सौतेली बेटी को मारने के जुर्म मे इलेक्टि्रक चेयर पर बैठाकर मारा गया था।
  • लियोन कोज़ोलगोज़ को 29 अक्टूबर, 1901 को न्यूयॉर्क में ऑबर्न स्टेट जेल में राष्ट्रपति विलियम मैककिनले की हत्या करने के जुर्म मे मौत की सजा दी गई थी।
  • विलिस, फ्रेडरिक और बर्टन वान वर्मर नाम तीन भाइयों को अपने चाचा की हत्या करने के लिए 1901 ई के अंदर करंट देकर मौत के घाट उतार दिया गया था।
  • ‌‌‌15 मिनट हमले के बाद फ्रेडरिक के दिल को फिर से घड़कते हुए देखा गया लेकिन कुछ ही समय बाद उसकी मौत हो गई।
  • 12 जनवरी, 1928 की शाम को सिंग सिंग में गृहिणी रूथ स्नाइडर के इलेक्ट्रोक्यूशन , मार्च 1927 में उनके पति की हत्या के लिए मौत की सजा दी गई थी।
  • 13 जुलाई, 1928 ई के अंदर 7 अन्य अपराधियों को इलेक्टि्रक कुर्सी पर बैठाकर मार दिया गया था।
  • 16 जनवरी, 1936 को हैमिल्टन हॉवर्ड को यौन उत्पीडन के लिए मार दिया गया था।
  • 16 जून, 1944 को, एक अफ्रीकी-अमेरिकी किशोरी, 14 वर्षीय जॉर्ज स्टिन्नी , दक्षिण कैरोलिना के कोलंबिया में केंद्रीय सुधार संस्थान में बिजली का करंट लगने के बाद सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए।
  • ‌‌‌इलेक्टि्रक चेयर का प्रयोग करने वाला अंतिम व्यक्ति अलबामा में 10 मई 2002 को लिंडा लियोन ब्लॉक था

‌‌‌इलेक्टि्रक चेयर के प्रयोग मे कमी

समय के साथ इलेक्टि्रक चेयर के प्रयोग मे तेजी से कमी आई क्योंकि कई विधायकों ने यह कहा कि इस प्रकार से इंसानों को मारने का तरीका अमानविय है।इसलिए अन्य तरीकों का प्रयोग किया जाना चाहिए ।नेब्रास्का ने 2004 में एक नया इलेक्ट्रोक्यूशन प्रोटोकॉल पेश किया, जिसने 2,450 वोल्ट की क्षमता पर विद्युत प्रवाह के 15-सेकंड लंबे अनुप्रयोग के प्रशासन का आह्वान किया। और उसके बाद 2400 वोल्ट के झटके को मात्र 8 सैंकिड के लिए दिया जाने लगा ।

2021 तक, दुनिया में एकमात्र स्थान जो अभी भी इलेक्ट्रिक कुर्सी को निष्पादन के लिए एक विकल्प के रूप में आरक्षित करते हैं, वे हैं अमेरिकी राज्य अलबामा , फ्लोरिडा , दक्षिण कैरोलिना , केंटकी और टेनेसी  हैं।

1997 में फ्लोरिडा में पेड्रो मदीना के निष्पादन ने उस समय विवाद खड़ा कर दिया जब आग की लपटें कैदी के सिर से फूटने लगीं। और यह मामला काफी प्रकाश मे आया था और इसकी कड़ी आलोचना भी हुई थी।July 8, 1999, Allen Lee Davis को जब कुर्सी पर लेकर गया था तो उसके मुख पर खून लगा हुआ था हालांकि इस मामले की भी काफी आलोचना की गई थी।

‌‌‌करंट लगने के बाद क्या होता है ?

करंट लगना काफी आम है। गलती से कोई तार शरीर के अंगों के संपर्क मे आ ही जाता है।जब करंट शरीर पर टच होता है तो मांस गर्म हो जाता है और इससे शरीर के कई हिस्से जल सकते हैं। यह निर्भर करता है करंट की गम्भीरता पर ।‌‌‌करंट लगने के बाद हमारी तंत्रिकाओं पर नियंत्रण समाप्त हो जाता है और उसके बाद गम्भीर स्थिति मे मौत भी हो सकती है।इसके अलावा दिमाग का सूचना तंत्र भी सही तरीके से काम नहीं कर पाता है।

‌‌‌करंट लगने के बाद क्या होता है ?

‌‌‌सबसे पहले लाइट के स्त्रोत को बंद करदें

करंट लगने के बाद यदि व्यक्ति अभी भी बिजली से चिपका हुआ है तो लाइट को तुरंत बंद करदें। करंट लगने के बाद पहला काम यही करना चाहिए ।कई बार हम गलती यही करते हैं कि बिजली को बिना काटे ही व्यक्ति को छू लेते हैं जिससे हम भी करंट की चपेट मे आ जाते हैं।

‌‌‌करंट से लगी आग को बुझाने के लिए पानी का इस्तेमाल ना करें

दोस्तों यदि करंट लगने के बाद आग लग गई है तो आग को बुझाने के लिए कभी भी पानी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए । क्योंकि इससे आपको भी भयंकर शॉक लग सकता है।‌‌‌हालांकि यदि आपने लाइट को कट कर दिया है तो आप पानी को बिना वायर पर डाले प्रयोग कर सकते हैं। क्योंकि वायर पर पानी डालने से शोर्ट सर्किट हो सकता है जो काफी भयंकर हो सकता है।

‌‌‌करंट के स्त्रोत से दूरी बनाएं

‌‌‌यदि करंट पानी के अंदर आ गया है तो आपको उस पानी से दूरी बनाने की आवश्यकता है। क्योंकि यदि आप पानी के अंदर जाएंगे तो आपको भी करंट लग सकता है। इसलिए सबसे पहले करंट को कट करें उसके बाद ही पानी मे जाएं ।

‌‌‌कंबल से ढक दें

यदि व्यक्ति को करंट लग जाता है तो उसके शरीर का तापमान गिरने लग जाता है। ऐसी स्थिति के अंदर एक कंबल लें और उसके शरीर को ढक देना चाहिए । लेकिन यदि जल चुका है तो शरीर को कंबल से नहीं ढकना चाहिए ।

‌‌‌घाव से खून रोकने का प्रयास करें

घाव से यदि खून निकल रहा है तो सबसे पहले किसी सूती कपड़े को लें और घाव पर अच्छी तरह से बांध देना चाहिए ताकि खून निकलना कम हो जाए क्योंकि खून निकलना काफी घातक होता है। इससे इंसान की मौत भी हो सकती है।

‌‌‌एंबुलेंस को फोन करें

यदि करंट लगगया है तो तुरंत एंबुलेंस को फोन कर देना चाहिए । लेकिन यदि आप दूर दराज इलाकों के अंदर रहते हैं और आपके आस पास किसी भी तरह के साधन की व्यवस्था है तो आप उसका इस्तेमाल करते हुए जल्दी से जल्दी अस्पताल पहुंचने का प्रयास कर सकते हैं।

‌‌‌पीड़ित को होश मे लाकर बात करें

आमतौर पर करंट के झटके लगने की वजह से व्यक्ति बेहोश भी हो जाता है तो आपको चाहिए कि आप उसे होश मे लाने का प्रयास करें । और उससे बात करें । होश मे लाने के जितने भी तरीके हैं आप ट्राई कर सकते हैं।‌‌‌क्योंकि बेहोशी होने की दशा मे आपके लिए काफी घातक साबित हो सकता है।

‌‌‌मरीज को सांस देने का प्रयास करें

यदि करंट लगने के बाद मरीज का सांस चलना बंद हो गया है तो उसे धीमे से सांस देने का प्रयास करें ।मरीज को धीरे धीरे सांस लेने की आवश्यकता होती है।

‌‌‌करंट लगने से बचने के लिए बर्ते सावधानी

दोस्तों भारत के अंदर करंट लगने के बहुत सारे मामले सामने आते ही रहते हैं।इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि यहां पर अधिकतर बिजली कम्पनियां ऐसे कर्मचारी को रखती हैं जोकि शिकायत करने के बाद भी आना पसंद नहीं करती हैं। हमारे यहां पर एक पोल पर शोर्ट सर्किट ‌‌‌ हो जाता है और कई बार इससे चिंगारी भी उठती हैं लेकिन उसके बाद भी  कम्पनी के कर्मचारी आना पसंद नहीं करते हैं। और कुछ तो इतना अधिक झूठ बोलने मे माहिर होते हैं कि पूछो मत और अंत मे यही काम किसी दूसरे को पैसा देकर करवाना होता है।

‌‌‌और इससे भी सबसे बड़ी बात यह होती है कि पोल के उपर से सप्लाई खराब होने के बाद अधिकतर लोग डर की वजह से काम करने से भी इनकार करदेंगे । तो आप समझ सकते हैं कि भारत मे स्थिति कितनी खराब है।‌‌‌घरों के अंदर भी नंगे तार कई बार देखे जा सकते हैं और गलती से यदि कोई उन तारों को छू लेता है तो उसको तो करंट लगना तय ही है।

‌‌‌इसलिए करंट लगने से बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि सावधानी बरते और बिजली के नंगे तार घर के अंदर बिल्कुल भी ना रखें और बच्चों की पहुंच से बिजली बोर्ड को दूर रखना सबसे अधिक बेहतर है क्योंकि बच्चे बिजली बोर्ड मे उंगली दे सकते हैं।

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arif khan

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