भिखारी पर 100 मजेदार और सबसे बेस्ट  शायरी

bhikhari par shayari  दोस्तों हम आज आपको भिखारी पर शायरी के बारे मे बताने वाले हैं। यदि आपको यह भिखारी पर शायरी काफी अधिक पसंद आती है। तो नीचें कमेंट करके बताना चाहिए।

हम तो भिखारी हैं ,

भीख मांगना हमारा पैसा है ,

कोई कितना भी हमें देदे ,

फिर भी जीवन तो जैसा का तैसा है।

…….

आसान नहीं है भीख मांगना ,

कोई ताने देता है ,

तो कोई जलील करता है।

इस तरह हर कोई हमें छलील करता है।

…….

अगर भीख देना है तो दो

अपमान क्यों करते हो ,

अगर कोई लुटैरा तुमको लुट जाए ,

तो फिर उसका सम्मान क्यों करते हो ।

……

कुछ लोग दयालु होते हैं।

कुछ लोग कृपालू होते हैं।

कुछ भिखारी सचमुच

भीख के काबिल होते हैं।

…..

मत कर गुमान ऐ इंसान

अपनी दौलत पर ,

एक दिन तू भी हमारी

तरह भिखारी होगा ।

ना रहेगा सौफा

ना रहेगी ऐसी ,

तू भी बिना हथियारों वाला

शिकारी होगा ।

……

भीख ना मांगते हम भी ,

अगर पैरों से लाचार ना होते ,

मेहनत करके हम खाते ,

अगर हम बीमार ना होते ।

…….

कौन दोस्ती करता है

भिखारियों से ,

कहते हैं डरके भीख

मांगते हैं साले जिम्मेदारियों से ।

……

काश यह जिदंगी भिखारियों जैसी हो जाए ,

कुछ ना रहे अंदर और बहार ,

सब कुछ फलो की क्योंरियों जैसी हो जाए ।

…….

अच्छा नहीं लगता

हमें भी भीख मांगना ,

मगर क्या करें ,

खुदा ने बनाया ही ऐसा है।

……

अगर खुदा ने हम

पर रहम किया होता ,

तो आज हम भी भीख ना मांगते ।

…….

कुछ लोग सब

कुछ होते हुए भी भिखारी हैं।

हमारे पास तो कुछ भी नहीं है

तो हम उनसे कम लाचारी हैं।

……..

दिल मे अगर जनून हो

कुछ करने का ,

तो भीख मांगकर भी

लोग बड़े बन सकते हैं।

…….

हर कोई भिखारी को

बुरा समझता है।

मगर जिसमे बीतती है

वही जानता है।

…….

भिखारी है जो दिल से ,

वो क्या लुट ले जाएगा

इस महफिल से ।

…….

एक दरवाजे पर ठोकर खाते हैं ,

फिर दूसरे दरवाजे पर

उसी उम्मीद के साथ चले जाते हैं।

……

हर किसी से उम्मीद की नहीं जा सकती ।

भिखारियों की जिदंगी

हर किसी से जी नहीं जा सकती ।

……

ना चोरी होने का डर ,

ना कुछ खोने का डर ,

ऐसे ही चलती है ,

भिखारियों की गुजर बसर ।

…….

दिल मे अगर प्यार हो ,

तो दुआ काम करती है।

साली यह भिखारियों जैसी जिदंगी

बहुत परेशान करती है।

……

जीवन जीना है ,

तो हंसकर जीओ ,

भले ही जिदंगी भिखारियों जैसी हो ,

मगर मस्त होकर पीओ ।

…….

ना दिल मे सकून है।

ना आंखों मे जनून है।

हम भिखा​री क्या हुए ,

यह तो अपनी मुहब्बत का

खून है।

……

भिखारियों का भी

एहसास लेकर देखो ,

इस घुटन भरी जिदंगी

मे खुलकर सांस लेकर देखो ।

……

दोस्ती किया करो

भिखारियों से यारो ,

क्योंकि जिदंगी का

कोई भरोशा नहीं ,

कब भिखारी बनादे ।

…….

हम रोड़पति ही ठीक हैं

करोड़पति बनकर क्या करेंगे ।

…….

ना यह दिल धड़कता

और ना हम भिखारी होते ,

ना हम प्यार करते

और ना बेकरारी होते ।

…….

जिदंगी भी क्या क्या खेल खेलती है ,

यह तो भिखारियों से भी ज्यादा दर्द झेलती है।

….

दिल मे ना सकून था ,

ना आंखों मे जनून था ,

भिखारी था यार वह ,

मगर बहुत मासूम था ।

……

बयां नहीं किया जाता है ,

भिखारियों के आंखों का दर्द ,

फिर भी अपमान करते हैं

उनका कुछ मर्द।

……

थक गए हैं हम भिखारियों को

भीख देते देते ,

क्या करें खुद खोखले हो गए हैं ,

यारों दर्द सहते सहते ।

…..

जहां जगह मिले सो जाते हैं ,

रात को बैठकर अकेले ,

वो भिखारी खुद मे खो जाते हैं।

……

भीख देने के लिए भी दिल चाहिए ,

कंजूस किसी को क्या दे सकता है।

……..

दौलत से अमीर तो बहुत होते हैं ,

मगर दिल से अमीर तो भिखारी होते हैं।

……

हाथ मे खाली कटौरा लेकर चलते हैं ,

जितना मिले उतने मे ही संतोष कर लेते हैं।

…….

भिखारी हूं जनाब चोर नहीं ,

भले ही मेरे पास कुछ भी नहीं ,

मगर मेरे जैसा कोई और नहीं ।

…….

निकलते हैं इस आस मे कि

दो वक्त की रोटी मिल जाए ,

कोई जलील ना करें ,

भले ही भीख छोटी मिल जाए ।

……..

ना अपनी जमीन है ,

ना अपना घर है ,

बस एक धड़ है

और एक सर है।

……

वो भिखारियों की गरीबी

क्या दूर कर पाएंगे ,

जो खुद की गरीबी दूर ना कर पाए ।

…….

बहुत हैं इस देश को लुटने वाले ,

हम तो भिखारी हैं ,

हर कदम पर पीछे छुटने वाले ।

…….

शरबत का गुण है मीठा होना ,

भिखारियों का गुण है सीधा होना ।

……

अगर दुआएं ना देंगे ,

तो भीख ना मिलेगी ,

अगर पौधे को पानी

ना देंगे तो कली ना खिलेगी ।

……

हर चमकदार चीज सोना नहीं होती ,

उसी तरह हर भिखारी बेईमान नहीं होता ।

……

अगर पेट भरा हो तो

जिदंगी भी मस्त होती है।

अगर पेट खाली हो ,

तो जिदंगी त्रस्त होती है।

…..

मेरे चाहने न चाहने

से कुछ नहीं होता ,

बिना खुदा के मंजूरी

के मैं आज भिखारी न होता ।

……..

भीख मांगना तो सबको आता है ,

मगर उतनी सहन शक्ति हर किसी

मे नहीं होती ।

……

जिस दिन धड़कन रूक जाएगी ,

यह भिखारियों जैसी जिदंगी भी छुट जाएगी ।

…..

मजबूरी है जनाब ,

वरना भिखारी कौन बनना चाहता है।

……

भले ही हम भिखारी हैं ,

मगर दिल मे दर्द ना हो

तो हर जिदंगी प्यारी लगती है।

……..

कोई पहचान नहीं पाया

समय की धारा को ,

आज हम भिखारी हैं ,

मगर एक दिन तुम

भी तरसोगे किनारे को ।

…….

इस जिल्लत भरी जिदंगी से

छुटकारा चाहते हैं हम ,

हम डूब ना जाएं ,

इसलिए इक किनारा चाहते हैं

हम ।

……

भीख मांगना आदत नहीं है

हमारी बस एक मजबूरी है।

…….

भिखारियों को

कोई पसंद नहीं करता ।

इसलिए कोई सूट

उनके उपर रंग नहीं करता ।

……

आंखों मे आंसू हैं

चेहरे पर उदासी ,

भिखारियों की जिदंगी

यूं ही होती है बासी ।

…..

रात की रानी ,

आंखों का पानी ,

और हमेशा चलती है  भिखारियों

की कहानी ।

…..

ना रात मे सकून है ।

ना दिन मे चैन है।

कुछ इस तरह से

भि​खारियों की वेन है।

……

अरदास करके आते हैं

कुछ लेने की ,

मगर अब आदत

सी हो गई है ,

तानों को सहने की ।

…….

सब्र हमसे होता नहीं ,

वरना यूं हर किसी के

दरवाजों पर बैठकर रोता नहीं ।

……..

दिन मे कभी चांद निकलता नहीं ,

अमीरों को कभी भगवान मिलता नहीं ।

…….

हमारे पास कुछ नहीं है देने को ,

मौत भी हमारा क्या करेगी ।

……

अगर यह पापी

पेट ना होता ,

तो भिखारी भी ना होते ,

अगर जुआ ही ना

होता तो जुआरी भी ना होते ।

……

कुछ लोग अमीर हो गए ,

तो कुछ लोग गरीब हो गए ,

इन भिखारियों को देखो ,

यह कितने बदनशीब हो गए ।

…….

समंदर मे सोने के सिक्कों

की तलास करना ,

रेगिस्तान मे पानी की

तलास करके के बराबर है।

……

सांसे चली जाएं तो क्या ,

भीख मांगना छोड़देंगे ।

……

वह गुरू ही क्या ,

जो सीख ना दे ,

वह इंसान ही क्या ,

जो भीख ना दे ।

……

राह चलते चलते ,

लोग हम पर थूक देते हैं।

हम भिखारी हैं जनाब ,

इसलिए हर जगह भूख देखते हैं।

…….

नहीं होता जिस दिन

दो रोटी का जुगड़ा ,

फिर यह जिदंगी बन जाती है कबाड़ ।

……

कुछ भिखारी शराबी होते हैं।

कुछ भिखारी किताबी होते हैं।

और एक हम हैं ,

जो हर वक्त बस खुशी मे

बेताबी होते हैं।

…….

खारा होता है समंदर का पानी ।

देखने मे भीख मांगना लगता है आसान ,

मगर कुछ नहीं मिलता ,

यू ही बीत जाती है। जवानी ।

…….

अरे मेरे पास कुछ नहीं है ,

इसलिए मैं दुखी हूं ,

बड़े बड़े धन सेठों को देखो ,

वो भला कहां पर सुखी हैं।

……

खुदा सबके कर्मों का हिसाब करते हैं ,

फिर चाहे वो अमीर हो या गरीब ,

सबसे सवाल जवाब करते हैं।

……

सांसों की डोर

एक दिन टूट जाएगी ,

जिदंगी भले ही भिखारियों

जैसी हो ,

मगर एक​ दिन वह भी छूट जाएगी ।

…….

वक्त बदलने की देर है ,

राजा भी रंक बन जाता है।

……..

देखता क्या है ,

तू भी कभी भिखारी होगा ,

अगर खुदा ने चाहा ,

तो अपना जॉब सरकारी होगा ।

………

दान करने के लिए दिल

बड़ा चाहिए ,

फिर भले ही जिदंगी भिखारी हो ।

……

इतनी मेहनत करो जिदंगी मे ,

कि बार बार यहां पर आना ना पड़े ,

फिर भिखारी बनकर यूं

पछताना ना पड़े ।

…….

पेट अगर भरा हो ,

तो दया धर्म सब याद आता है।

अगर दया धर्म की बात ही

करनी है ,

तो भूखे पेट बात कर ।

…….

बड़े बड़े पदों पर

बैठने वाले अक्सर

शैतान होते हैं।

और कटोरा लेकर घूमने वाले

अक्सर महान होते हैं।

…….

अगर बनना ही है ,

तो सूरज नहीं चांद बनो ,

अगर कुछ करना ही ,

तो मन से आजाद बनो ।

……

खुशियों मे भी

अक्सर गोली चल जाती है।

भिखारियों की भी

कभी कभी बोली पल

जाती है।

….

जब तक सूरज चांद रहेगा ,

भिखारियों मे भी अपना नाम रहेगा ।

——

जो भिखारियों के दिलो पर

राज करने लगजाए ,

वो अक्सर भगवान कहलाते हैं ,

जिनसे भिखारी नफरत करते हैं ,

वो अक्सर शैतान कहलाते हैं।

……

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This post was last modified on April 19, 2025